प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का दलितों के प्रति प्रेम एक ढकोसला है और यह उस समय खुलकर सामने आ गया जब वह जनपद अमरोहा में दलित प्रधान के घर भोजन करने पहुंचे तो पहले उनकी गायों को शैम्पू से नहलाया जाता है। जो लोग भोजन करने पहुंचे उनके लिए मैन्यू पहले से तय होता है और जिस घर में पीने के लिए स्वच्छ पेयजल नहीं होता वहां मिनरल वाटर के ढेर लगाये जाते हैं घर के छप्पर में प्लास्टिक की नई शीटें लगायी जाती हैं। यह सब साबित करता है कि मुख्यमंत्री जी को दलितों से प्रेम नहीं बल्कि सिर्फ चुनावी वर्ष नजदीक होने के कारण सिर्फ एक दिखावा है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर ने आज जारी बयान में कहा कि आदित्यनाथ जी पिछले दो दशकों से अधिक समय से सार्वजनिक जीवन में हैं। कोई एक ऐसा उदाहरण नहीं बता सकते कि जहां वह एक भी दिन दलित के घर जाकर भोजन किये हों या रात्रि विश्राम किया हो। बल्कि मुख्यमंत्री बनने के बाद जनपद बस्ती के दलित बस्ती में जाने से पहले प्रशासन द्वारा दलितों के लिए साबुन और शैम्पू भिजवाकर उनका अपमान किया गया था।
श्री हैदर ने कहा कि मुख्यमंत्री अगर दलितों के वाकई हितैषी हैं अथवा दलितों से प्रेम करते हैं तो उन्हें यह सब छोड़कर ईमानदारी के साथ दलितों के हितों के लिए कार्य करना चाहिए न कि सिर्फ चुनावी वर्ष नजदीक होने की वजह से दिखावा करना चाहिए।
श्री हैदर ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि देश और प्रदेश में जबसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है लगातार दलितों के साथ हो रहे उत्पीड़न, हत्या, बलात्कार की घटनाओं में सर्वाधिक वृद्धि हुई है, दलितों के एफआईआर तक दर्ज नहीं हो रहे है। देश व प्रदेश का दलित वर्ग आज भय के वातावरण में जीने के लिए मजबूर है और खुद को सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस कर रहा है।