लखनऊ, 23 सितंबर 2017
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा आज लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में नए एलपीजी डिस्ट्रिब्यूटरों को 309 लेटर आॅफ इंटेंट (एलओआई) प्रदान किए गए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और भारत सरकार के केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस व कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपनी उपस्थिति से अवसर की गरिमा बढ़ाते हुए डायस से 10 नए एलपीजी डिस्ट्रिब्यूटरों को लेटर आॅफ इंटेंट प्रदान किए। इस अवसर पर प्रो. रीता बहुगुणा जोशी, माननीय महिला कल्याण, परिवार कल्याण, मातृत्व एवं बाल कल्याण एवं पर्यटन मंत्री (उत्तर प्रदेश सरकार), श्री आशुतोष टंडन, माननीय बुनियादी शिक्षा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, श्रीमती स्वाति सिंह, माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)ए एनआरआईए बाढ़ नियंत्रणए कृषि निर्यातए कृषि विपणनए कृषि विदेश व्यापार तथा राज्य मंत्रीए महिला कल्याण, परिवार कल्याणए मातृत्व एवं बाल कल्याण (उत्तर प्रदेश सरकार); श्री नीरज बोहरा, एमएलए, उत्तर प्रदेश विधानसभा तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, यूपी सरकार और ओएमसी के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
समारोह में तेल विपणन कम्पनियों द्वारा 309 नए एलपीजी डिस्ट्रिब्यूटरों को आशय पत्र ;एलओआईद्ध प्रदान किए गए। इन वितरकों को पारदर्शी मेरिट आधारित प्रणाली द्वारा चुना गया है। एससी/एसटी उम्मीदवारों को काॅर्पस फंड स्कीम के तहत आसान इंस्टाॅलमेंट शेड्यूल के साथ बैंक लोन, मार्जिन मनी, वर्किंग कैपिटल लोन उपलब्ध कराकर वित्तीय सहायता देने का प्रावधान भी है। इससे उत्तर प्रदेश में सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण और युवाओं के लिए रोजगार सृजन के नए युग का आरंभ होगा। इस अवसर पर तेल विपणन कम्पनियों के उत्तर भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिला नोडल अधिकारियों (डीएनओ) को गणमान्य लोगों ने सम्मानित भी किया। उन्हें पूरे भारत में रसोईघर को धुंआं मुक्त करने के प्रधानमंत्री के सपनों को सच करने में संलग्न सभी भागीदारों के सहयोग से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को तेजी से लागू करने में असाधारण योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत के माननीय प्रधान मंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के अंतर्गत पीएमयूवाई वंचितों के सामाजिक आर्थिक उत्थान की दिशा में एक प्रमुख योगदानकर्ता बन गया है। पीएमयूवाई के बाद लोगों के जीवन में परिवर्तन स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार की पीएमयूवाईए पहल जैसी कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन तथा जमीनी स्तर तक पहुँचाने के प्रयासों के लिए सभी ओएमसी अधिकारियों की तारीफ की द्य उन्होंने यह भी कहा कि एलपीजी के साथ साथ उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में नए जैवईंधन प्लांटों की स्थापना करते हुए जैवईंधन के उत्पादन तथा सूखे अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रम को बढ़ावा देने हेतु प्रयास किए जाने चाहिए द्य उन्होंने अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में पीएनजी परियोजनाओं को कार्यान्वित करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से पेट्रोलियम उत्पादों के आयात का बोझ कम हो सकेगाए साथ ही पर्यावरण को साफ़ सुथरा रखने में भी मदद मिलेगी । उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार की तरफ से पेट्रोलियम मंत्रालय और ओएमसी द्वारा की जाने वाली पहलों को पूर्ण समर्थन दिया जायेगा ।
इस अवसर पर श्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि भारत के पिछड़े क्षेत्रों में प्रगति की नई लहर चली है। महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ उनकी रसोई को धुंआं मुक्त किया जा रहा है। प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना ;पीएमयूवाईद्ध की चर्चा करते हुए श्री प्रधान ने कहा श्यह बीपीएल परिवार की महिलाओं के आँसू पोंछने के लिए एक मिशन है जो कि माननीय प्रधान मंत्री द्वारा बालिया में शुरू किया गया था जिसने आज 3 करोड़ से अधिक बीपीएल परिवारों के जीवन को खुशहाली प्रदान की हैष् श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस अभूतपूर्व योजना को लागू किया जा रहा है ताकि लाखों करोड़ों आर्थिक दृष्टि से वंचित परिवारों को स्वच्छ और सुरक्षित एलपीजी ईंधन उपलब्ध करवाया जा सके । तीनों सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां ;ओएमसीद्ध अर्थात् इंडियनऑयलए एचपीसीएल और बीपीसीएल इस योजना के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं । 1 मई 2016 को बलियाए उत्तर प्रदेश में पीएमयूवाई योजना के शुभारंभ के बाद से उत्तर प्रदेश में 62 लाख नए एलपीजी कनेक्शन जारी किए गए हैं और एलपीजी कवरेज 47ण्7: से बढ़कर 77ण्1: हो गया है । पूरे देश में एलपीजी उपभोक्ता आधार में इस तरह के बड़े पैमाने पर हुए विस्तार से आपूर्ति और वितरण के बुनियादी ढांचे में भी वृद्धि की जा रही है । इस बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए तेल विपणन कंपनियां अपने एलपीजी बॉटलिंग क्षमता का विस्तार कर रही हैं और अपने वितरण नेटवर्क को भी बढ़ा रही हैं द्य इस दिशा में गोरखपुरए गोंडा और वाराणसी में 3 नए एलपीजी बॉटलिंग प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई गई है जिसमें कुल अनुमानित निवेश 463 करोड़ रूपये है द्य इसके अलावा त्रिशुंडीए उन्नाव और गोरखपुर में मौजूदा बॉटलिंग प्लांटों की क्षमता में वृद्धि के लिए लगभग 260 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश भी किया जाएगा । इसके अतिरिक्त कांडला से गोरखपुर एलपीजी प्रोडक्ट पाइपलाइन का भी निर्माण किया जा रहा है जो उत्तर प्रदेश के कई शहरों से गुजरेगी द्य श्री प्रधान ने बताया कि श्पिछले 3 वर्षों में हमने 1000 नए वितरकों को नियुक्त किया है और आने वाले वर्ष में 1000 अतिरिक्त वितरकों को नियुक्त करने की योजना है।ष् श्री प्रधान ने आगे बताया कि उत्तर प्रदेश में इन आगामी परियोजनाओं के कारण नए एलपीजी बॉटलिंग प्लांटए सिलेंडर विनिर्माणए स्टोव मैन्युफैक्चरिंगए परिवहन और आपूर्ति श्रृंखला में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे ।
नए एलपीजी वितरकों को सलाह देते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि उन्हें सरकार की योजनायों को लागू करने में पूरा सहयोग देना होगा और उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहकों के घर पर एलपीजी सिलेंडर पहुंचे द्य
इससे पहले गणमान्य अथितियों और मेहमानों का स्वागत करते हुए श्री संजीव सिंहए चेयरमैनए इंडियन ऑयल ने कहा कि हमारे माननीय प्रधान मंत्री और केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैसए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री ने एक ऐसी क्रांति की शुरुवात की है जो सरल होने के साथ साथ प्रभावशाली भी है द्य इस महान प्रयास ने ष्सामाजिक समावेशष् शब्द को सामाजिक.आर्थिक तुल्यकारक के रूप में कार्य कर इसे एक नया अर्थ दिया है।
ध्यान देने की बात है कि 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया से प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरुआत के बाद गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश उत्तराखंड, ओडिशा, बिहार, हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, नागालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में अधिक से अधिक लोगों ने इस योजना से लाभ प्राप्त किया। इसके शुरू होने के एक साल के अंदर पूरे देश में 3 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को एलपीजी कनेक्शन जारी किए जा चुके है। पीएमयूवाई महिला सशक्तीकरण और सामाजिक, समावेश का पर्याय बन गई है; जिसका उद्देश्य रसोई से हाउसहोल्ड एयर पाॅल्यूशन (एचएपी) को बाहर निकालना है जो न सिर्फ महिलाओं का बल्कि बच्चों का भी रसोई के हानिकारक धुंए से बचाव करेगा। इस धुंए में कार्किनोजेंस होते हैं- जो बीमारियों का कारण बनने वाले केमिकल्स हैं, विशेषकर फेफड़ों का कैंसर। अध्ययनों के मुताबिक इस खतरनाक धुएं को सांस के अंदर लेना एक घंटे में 400 सिगरेट पीने के बराबर है।