Posted on 23 February 2015 by admin
उ.प्र. साहू राठौर चेतना समिति की प्रांतीय बैठकशुभम थियेटर बिल्डिंग, कैसरबाग में मुख्य अतिथि पूर्व सांसद और भाजपा राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य रामनारायण साहू के मुख्य अतिथ्य में सम्पन्न हुआ। बैठक की अध्यक्षता संस्था के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्रजीत साहू ने की। इस दौरान अपने सम्बोधन में संस्था के गाॅंव-गाॅंव तक विस्तार और सदस्यता अभियान में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में समिति लगभग दस हजार ग्राम पंचायतों पर अपना प्रतिनिधि उतारेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मार्च में प्रांतीय संगठन का पुनर्गठन किया जा रहा है, इसके लिए संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारी अभी से तैयारी शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के तत्काल बाद 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी समाज बाहुल्य क्षेत्रों से संस्था के बैनर तले प्रत्याशी उतारे जाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने उपस्थित समाज के लोगों से कहा कि शिक्षा के बिना किसी भी समाज का विकास नही हुआ अतः समाज के लोग शिक्षा के महत्व को पहचानते हुए समाज को और बेहतर शिक्षा के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा कि जिस हिसाब से हमारी जनसंख्या है उस हिसाब से हमें न तो राजनीतिक भागीदारी, न ही प्रशासनिक भागीदारी मिल पाई है, इसके लिए खास तौर से शिक्षा के प्रति हमारी बेरूखी रही है, इसलिए प्रगति,सम्मान और हक के लिए हमें शिक्षा को मूल मंत्र समझना चाहिए।
श्री साहू ने इस दौरान जिलाध्यक्षों को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर हर जनपद से कम से कम सौ सौ सम्भावित लोगों के नाम अप्रैल के अन्तिम सप्ताह तक मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिये हैं। बैठक को प्रदेश अध्यक्ष इंद्रजीत साहू, राष्ट्रीय प्रभारी जितेन्द्र माथुर, राष्ट्रीय सचिव मोहन लाल गुप्ता, सलाहकार मनोज साहू अधिवक्ता, मण्डल अध्यक्ष राजेश साहू, महिला प्रकोष्ठ की महामंत्री अर्चना साहू, उपाध्यक्ष उमा साहू, फतेहपुर महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष विजय लक्ष्मी साहू ने अपने विचार रखे। बैठक का संचालन प्रदेश महामंत्री गांधी डी.सी. गुप्ता ने करते हुए कहा कि हर समाज तरक्की के लिए बहुत संघर्ष कर रहा है इसलिए हमंे संघर्ष के लिए अब आगे आना होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 February 2015 by admin
वरिष्ठ पत्रकार देवकी नंदन पाराशर का निधन शुक्रवार को हो गया। उनका दिल्ली के फोर्टिस हाॅस्पीटल में इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान सुबह चार बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। देवकी नंदन पाराशर आजादी के समय से दैनिक सैनिक समाचार पत्र से जुड़े रहे और अंत में वह उसके चीफ एडीटर के पद पर भी रहे। वह सैनिक ट्रस्ट के मैनेजमंेट ट्रस्टी भी थे। इसके अलावा देवकी नंदन पाराशर जिला सहकारी बैंक में सचिव पद कार्यरत भी रहे। उनका जन्म बाह तहसील के बसई अरेला गांव में हुआ। इनकी शिक्षा दीक्षा होलीपुरा इंटर काॅलेज, आरबीएस काॅलेज और वकालत की डिग्री आगरा काॅलेज से सम्पन्न हुई। वह अपने पीछे पुत्र रघुनंदन पाराशर और तीन पुत्रियांे सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये हंै। उनका निधन पत्रकार जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है। उनके निधन पर विवेक कुमार जैन, अमित शर्मा, डाॅ. भानु प्रताप ंिसंह, सुशील शर्मा, अरविंद शर्मा गुडडू, दुष्यंत शर्मा, जिलाध्यक्ष कांग्रेस डाॅ. रामकृष्ण पाल सिंह, पूर्व ब्लाॅक प्रमुख सैंया चै. उदयभान सिंह, पूर्व विधायक मुनेन्द्र जादौन आदि ने शोक व्यक्त किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 February 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव से आज यहां उनके सरकारी आवास पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने भेंट की। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। श्री यादव ने श्री नड्डा से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए केन्द्र सरकार से अधिक से अधिक सहयोग एवं मदद उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराया कि स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। प्रदेश सरकार समाज के गरीब एवं कमजोर वर्गों तथा दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए लगातार कार्य कर रही है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क दवाइयों की उपलब्धता के साथ-साथ मुफ्त जांच और एक्स-रे की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है। ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा और ‘102’ नेशनल एम्बुलेंस सर्विस जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हुई हैं और इन एम्बुलेंस सेवाओं के जरिए लाखों लोगों को समय से चिकित्सा सुविधा मिली है।
श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक विशाल राज्य है, जहां मेडिकल काॅलेजों की संख्या एवं स्थान आबादी की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। राज्य में ज्यादातर जिले ऐसे हैं, जहां मेडिकल काॅलेज उपलब्ध नहीं हैं। प्रदेश सरकार अपने सीमित संसाधनों से नये राजकीय मेडिकल काॅलेज स्थापित कर रही है। इसके बावजूद जनता को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ज्यादा से ज्यादा जिलों में मेडिकल काॅलेजों की स्थापना जरूरी है। इसके दृष्टिगत बस्ती, फिरोजाबाद, बहराइच, फैजाबाद और शाहजहांपुर के जिला अस्पतालों को भारत सरकार की योजना के तहत मेडिकल काॅलेज के तौर पर उच्चीकृत करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश सरकार योजना के प्राविधानों के अनुरूप राज्यांश उपलब्ध कराने के लिए सहमत है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय की योजना के तहत इन जनपदांे में मेडिकल काॅलेजों की स्थापना हेतु केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से शीघ्र धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हितों को देखते हुए केन्द्र सरकार के अनुरोध पर प्रदेश सरकार ने रायबरेली में एम्स की स्थापना हेतु भूमि उपलब्ध कराई। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से आग्रह किया कि रायबरेली की तर्ज पर पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड तथा रूहेलखण्ड क्षेत्रों में भी एम्स की स्थापना के लिए भारत सरकार को प्रभावी कदम उठाने चाहिए। उन्होंने आश्वस्त किया कि इन संस्थानों की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा प्राथमिकता पर आवश्यक भूमि की व्यवस्था कराई जाएगी।
श्री यादव ने बताया कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन हो रहा है। प्रदेश के जे.ई./ए.ई.एस. प्रभावी जनपदों में स्वास्थ्य सेवाओं का उच्चीकरण मुस्तैदी से कराया जा रहा है। गोरखपुर मेडिकल काॅलेज में मस्तिष्क ज्वर के उपचार के लिए 500 बिस्तर वाले बाल रोग चिकित्सा संस्थान का निर्माण प्रारम्भ हो गया है। श्री यादव ने केन्द्रीय मंत्री को स्वाइन फ्लू के उपचार के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए अनुरोध किया कि इस रोग के इलाज के लिए भारत सरकार को टीका आदि प्रदेश सरकारों को समय से उपलब्ध कराए जाएं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए इस सम्बन्ध में भारत सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतर बनेंगी।
इस अवसर पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अहमद हसन, मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री अरविन्द कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 February 2015 by admin
जयसिंहपुर तहसील क्षेत्र में अधिकांश क्षतिग्रस्त सम्पर्क मार्ग लोगों के लिए समस्या बना हुआ है। इससे लोगों का आवागमन दुश्वार होता जा रहा है। वाहन पर सवार हो या पैदल राहगीरों को गंतव्य तक पहुंचने में बहुत बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसान हो या व्यापारी कही न कहीं यह दिक्कत दुर्घटना में तब्दील हो जाता है। जिसको क्षेत्र के प्रतिनिधि नजरअंदाज करते आ रहे है।
उल्लेखनीय है कि क्षेत्र के अधिकांश मार्ग पूरी तरह विखर चुके है। कहीं-कहीं तो डामर क्या गिट्टी तक सड़क पर नही बची है। मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढें व बिखरी बड़ी-बडी गिट्टियां हर वक्त राहगीरों के लिए दुर्घटना बनी दिखाई देती है। ऐसे में लोगों को पैदल चलने में काफी दिक्कत होती है। बरौंसा से विरसिंहपुर तक मार्ग पर जगह-जगह बड़े गड्ढे हो गये है। अठैसी चैराहे से दियरा पावर हाउस मार्ग बिल्कुल जर्जर हो चुका है। मोतिगरपुर से चैहानपुर होते हुए गोसैसिंहपुर जाने वाला मार्ग, नहर मोड़ से विकास खण्ड मुख्यालय जयसिंहपुर जाने वाला मार्ग बुरी तरह जर्जर के साथ-साथ नहर औश्र सडत्रक के बीच कोई डिवाइडर भी नहीं बना है। इसी तरह मर्यादी इण्टर काॅलेज से नरायनपुर तक मार्ग, रामगढ़ चैराहा से काछा भिटौरा तक मार्ग, पाल नगर से मुइली तक मार्ग, विरसिंहपुर से तालापुर तक मार्ग खराब है। इसी तरह राघवपुर शुक्ल से मैरी संग्राम तक सम्पर्क मार्ग पर पैदल तक चलना राहगीरों के लिए मुश्किल हो रहा है। जयसिंहपुर इटकौली मार्ग बिल्कुल जर्जर हो चुका है जिस पर पैदल नहीं निकल सकते लेकिन शासन अैर प्रशासन दोनों आॅख मिचैली का खेल-खेल रहे है। जबकि इस मार्ग पर गुजरने के लिए सबसे अधिक सफेदपोशधारियों व नौकरशाहों के गुजरते है। जर्जर मार्ग पर ट्रैफिक इतना होने से यह मार्ग हर वक्त दुर्घटना को दावत दे रहा है जहां पर समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश सरकार व भाजपा केन्द्र सरकार में गाॅवों के सम्पर्क मार्ग एक दुरूस्त करने में लगे है। वहीं पर ये मार्ग सत्तापक्ष के नेताओं को मुॅह चिढ़ाते नजर आ रहे है। इस रोड़ पर गुजरने वालों का दुर्भाग्य ही कहां जायेगा क्योंकि इसमें से कुछ रोड़ों का विधायक अरूण वर्मा द्वारा प्रस्ताव तो भेजा गया है लेकिन कुछ भाजपा नेताओं द्वारा अपनी पार्टी का गुडविल बनाने के चक्कर में अभी तक दोनों पार्टियों में अभी तक आरोप प्रत्यारोप चल रहा है। जिसका दंस अभी तक क्षेत्र की जनता झेल रही है। जबकि इन रोड़ों पर चैपहिया तो दूर पैदल निकलना मुश्किल है। किसानों की मजबूरी है कि उनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं है, लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहें है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 February 2015 by admin
जिलाधिकारी अदिति सिंह ने राजस्व वादों के निस्तारण की समीक्षा के दौरान अवशेष वादों के निस्तारण की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए गहरी नाराजगी व्यक्त किया। उन्होंने सम्बन्धित न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों तथा उनके पेशकारों को चेतावनी दिया है कि राजस्व वादों के निस्तारण के लक्ष्य के अनुरूप प्रगति न पाये जाने पर उनके विरूद्ध वार्षिक कार्य मूल्याकंन में वादों के निस्तारण में रूचि न प्रदर्शन करने के आशय का अंकन मेरे द्वारा कर दिया जायेगा। डी0एम0 कैम्प कार्यालय में वादों के निस्तारण की समीक्षा कर रही थी।
जिलाधिकारी ने नायब तहसीलदार कादीपुर व उनके पेशकार एवं उपजिलाधिकारी लम्भुआ के न्यायालय पर कार्यरत पेशकार द्वारा वादों के निस्तारण में रूचि न लेने पर चेतावनी दिया। बैठक में बताया गया कि अतिरिक्त अधिकारी प्रथम नायब तहसीलदार बरौंसा एवं नायब तहसीलदार चांदा के न्यायालय पर कम्प्यूटर की व्यवस्था नही है। जिस पर डी0एम0 ने मुख्य राजस्व अधिकारी/अपर जिलाधिकारी प्रशासन को 7 दिन के अन्दर कम्प्यूटर का प्र्रबंध सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया ताकि वादों के निस्तारण का लक्ष्य राजस्व वादों के अद्यतनीकरण में कोई कठिनाई न होने पाये। समीक्षा के दौरान मुख्य राजस्व अधिकारी के न्यायालय पर 1274 वाद, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के न्यायालय पर 1246 वाद, अपर जिलाधिकारी प्रशासन के न्यायालय पर 1719 वाद, अपर उप जिलाधिकारी न्यायालय पर 786 वाद एवं अतिरिक्त अधिकारी प्रथम के न्यायालय पर 423 वाद अवशेष पाये गये।
जिलाधिकारी ने समस्त पीठासीन अधिकारियों को निर्देशित किया कि राजस्व वादों के निस्तारण हेतु जो लक्ष्य आंवटित किये जा रहे है उसके अनुसार वादों के निस्तारण का कार्य वित्तीय वर्ष की बची हुयी अवधि में अवश्य सुनिश्चित किया जाय और यदि इसके लिए आवश्यक हो तो सभी पीठासीन अधिकारी अपने-अपने न्यायालय के कार्य दिवसों को बढ़ा ले ताकि लक्ष्य की पूर्ति में कार्य दिवस बाधक न बन सके। बैठक में एस.डी.एम. कादीपुर, लम्भुआ, जयसिंहपुर, अपर उपजिलाधिकारी सदर, अतिरिक्त अधिकारी प्रथम, तहसीलदार कादीपुर, जयसिंहपुर, तथा लम्भुआ, ज्येष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, नायब तहसीलदार नगर एवं लम्भुआ उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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जिलाधिकारी अदिति सिंह ने आज कुपोषित गांव के रूप में चयनित दूबेपुर ब्लाक के परऊपुर का भ्रमण किया तथा गांव के सभी कुपोषित बच्चों को स्वस्थ्य बनाने की पहल की। इस सम्बन्ध में उन्होंने इस गांव के अति कुपोषित 4 बच्चों प्रियंका, नितिल, श्यामजी व प्रांजल को आज ही बाल रोग विशेषज्ञ से स्वास्थ्य परीक्षण करवाने हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया तथा अपने समक्ष इन चारों बच्चों के साथ-साथ आंशिक रूप से कुपोषित 43 बच्चों का वजन कराया। इस गांव में वर्तमान में 12 गर्भवती महिलायें, 37 धात्री व 230 किशोरी बालिकायें है। डी0एम0 ने इन सभी का वजन कराने, फोटोग्राफ कराने व हिमोगोलोविन की जांच कराने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन महिलाओं तथा किशोरी बालिकाओं में हिमोगोलोविन की कमी है उन्हें आयरन की गोली निशुल्क रूप से वितरण करायी जायेगी। आज मौके पर उपस्थित गर्भवती महिलाआंे व किशोरी बालिकाओं को आयरन की गोली उपलब्ध करायी गयी।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया कि वे आपसी समन्वय बनाते हुए इस गांव के सभी अति कुपोषित, आंशिक रूप से कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं व किशोरी बालिकाओं की प्रतिमाह स्वास्थ्य परीक्षण करवायें। इस दौरान उनके वजन लिये जाय। उन्होंने कहा कि जो कुपोषित बच्चें है उन्हें निर्धारित मात्रा में पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाय। डी0एम0 ने सम्बन्धित क्षेत्र की ए0एन0एम0, आशा, आंगनवाडी, प्रभारी चिकित्साधिकारी, सुपरवाइजर, सी0डी0पी0ओ0 को निर्देशित किया कि वे गांव के प्रत्येक घर का निरीक्षण करें तथा अति कुपोषित, आशिंक रूप से कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं व किशोरी बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण करायें। जिलाधिकारी ने गांव के प्रधान को इस कार्य में सहयोग देने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि जब बच्चें शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहेगें तभी उनका मानसिक रूप से विकास होगा। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्रीकान्त मिश्र, सी0एम0ओ0 डा0 के0बी0सिंह, एस0डी0एम0 रामचन्द्र सरोज, पी0डी0 पी0सी0 जायसवाल, बी0एस0ए0 रमेश यादव, ए0बी0एस0ए0 ओंकार सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी, व खण्ड विकास अधिकारी आदि उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 February 2015 by admin
जिलाधिकारी अदिति सिंह ने आज जनपद के दूबेपुर ब्लाक अन्तर्गत डा0 लोहिया समग्र ग्राम प्यारे पट्टी में चैपाल लगाकर विकास व राजस्व कार्यो की समीक्षा की तथा लाभार्थियों से रूबरू होते हुए योजनाओं के बारे में जानकारी ली। समग्र ग्राम में विद्युत के पोल खडे है लेकिन काफी समय से उनमें तार खीच कर लाभार्थियों को कनेक्शन नही दिये गये। इस शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने विद्युत विभाग के सम्बन्धित एस0डी0ओ0 को चेतावनी तथा जे0ई0 को प्रतिकूल प्रविष्टि के निर्देश दिये तथा अधिशाषी अभियन्ता विद्युत को निर्देशित किया कि एक सप्ताह के अन्दर तार लगा दिये जाय।
समग्र ग्राम में सम्पर्क मार्ग बना है तथा 400 मी0 सी0सी0 रोड बनाई गयी है। ग्रामीणों द्वारा लगभग 50 मी0 और सी0सी0 रोड बनाने का अनुरोध किया गया, जिसके बारे में डी0एम0 ने आर0ई0एस0 के अभियन्ता को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये। इस गांव में 36 स्वच्छ शौचालय का लक्ष्य है जिसमें 16 शौचालय बने है अवशेष 20 लाभार्थियों को अभी पूरा भुगतान न मिलने के कारण स्वच्छ शौचालय अपूर्ण है, इस सम्बन्ध में डी0एम0 ने मार्च माह के अन्दर लाभार्थियों को धनराशि उपलब्ध कराने के साथ शौचालय पूर्ण कराने के निर्देश दिये। इस गांव में दो लाभार्थियों के इन्दिरा आवास बनाये गये है। यहां पर 14 हैण्डपम्प लगे है, जिसमे ंएक हैण्डपम्प के खराब होने की जानकारी ग्रामीणों द्वारा दी गयी। डी0एम0 ने जल निगम के अभियन्ता को एक सप्ताह के अन्दर ठीक कराने के निर्देश दिये। इस गंाव में 12 सोलर लाइट लगी है जिसमें मस्जिद के पास सोलर लाइट खराब होने की जानकारी दी गयी जिसे तत्काल ठीक कराने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित किया गया।
इस समग्र ग्राम में वृद्धा पेंशन के 6, विधवा के 15 तथा विकलांग पेंशन के 3 लाभार्थी है जिन्हें पेंशन मिल रही है। यहां समाजवादी पेंशन के लिए 17 लोगों का चयन किया गया है, जिनमें अधिकांश के बैंक खातें में धनराशि पहॅुच चुकी है। इस गांव में जननी सुरक्षा के 6 लाभार्थी महिलायें है तथा यहां पर आगंनवाडी केन्द्र में 62 बच्चे पंजीकृत है। इस गांव में एन0आर0एल0एम0 के अन्तर्गत एक समूह गठित है। कौशल विकास के अन्तर्गत इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। यहां पर 2 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया गया है। डी0एम0 ने जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित किया कि वे 23 फरवरी को गांव में कैम्प करे और इच्छुक किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड जारी कराने हेतु फार्म भरवायें। जिलाधिकारी ने लोहिया ग्राम से सम्बन्धित सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से लोहिया ग्रामों का निरीक्षण कर विभागीय योजनाओं से संतृप्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। चैपाल में मुख्य विकास अधिकारी श्रीकान्त मिश्रा, सी0एम0ओ0 डा0 के0बी0सिंह, एस0डी0एम0 रामचन्द्र सरोज, पी0डी0 पी0सी0 जायसवाल, डी0सी0मनरेगा आर00के0 चैधरी, बी0एस0ए0 रमेश यादव, ए0बी0एस0ए0 ओंकार सिंह, तहसीलदार ज्ञान प्रकाश, नायब तहसीलदार ऋचा सिंह आदि उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 February 2015 by admin
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक मजबूत सरकार के कमजोर प्रधानमंत्री साबित हुए है। उनके नेता और मंत्री उल्टे-सीधे बयान देंकर समाज में साम्प्रदायिकता का माहौल बना रहें है। नरेन्द्र मोदी इन मुद्दों पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी ज्यादा खामोश नजर आते दिख रहे है। उक्त बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मो. अरशद खान ने प्रेसवार्ता के दौरान कहीं। श्री खान ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह भी कहां कि उत्तर प्रदेश में जिनकों राज्यपाल बनाया गया है वह अपने पद की गरिमा को अमर्यादित बयानों से समाजवादी पार्टी की सरकार पर हमला कर विपक्ष की भूमिका निभाने का कार्य कर रहे है। श्री खान ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल नाम नाईक पर हमला बोलते हुए कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी के एजेन्ट के रूप में काम कर रहें है। साथ ही बड़बोले सपा नेता अरशद खान यहीं नहीं रुके उन्होंने यहां तक कह डाला कि राम नाईक आजम खान का बहाना लेकर सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राम नाईक को दिल्ली वापस बुला ले। अरशद खान ने भाजपा और संघ नेताओं द्वारा हिन्दुओ को अधिक बच्चे पैदा करने की नसीहत देने पर भी हमला करते हुए कहा की उनके नेता तमाम तरह के बयान दे रहे, वहीं मुफ्ती साहब द्वारा भगवान् शंकर को पैगम्बर करार दिए जाने की बात पर अरशद खान ने कहा कि हम श्रीकृष्ण भगवान, रामचंद्र भगवान, शंकर भगवान समेत सभी को पैगम्बर करार दे रहे तो इससे इनकार भी नहीं करते हमें कुरान में सभी धर्मो का सम्मान करने के लिए कहा गया है, दरअसल सपा राष्ट्रीय महासचिव अरशद खान आज अपने गृह जनपद शाहगंज से लखनऊ जाते समय सुलतानपुर शहर में पत्रकारो से बात करते हुए कहा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 February 2015 by admin
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्ड़ा ने आज सिद्धार्थनगर में मस्तिष्क ज्वर से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया। स्वास्थ्यमंत्री ने ऐलान किया कि इस इलाके की समस्याओं को देखते हुए बस्ती मंडल में मेडिकल कॉलेज खोला जायेगा। साथ ही स्वास्थ्यमंत्री ने सिद्धार्थ नगर में जेएनएम कॉलेज खोले जाने का भी ऐलान किया।
केन्द्रीय स्वास्थ्यमंत्री श्री जेपी नड्डा अपने दो दिन के उत्तर प्रदेश के दौरे पर आज सिद्धार्थनगर पहुंचे थे। ये इलाका मस्तिष्क ज्वर से काफी प्रभावित रहता है। स्वास्थ्यमंत्री ने इस मसले पर भाजपा सांसद जगदंबिका पाल के साथ मिलकर जिला अस्पताल के वार्ड का निरीक्षण किया। इस मौके पर उन्होंने डॉक्टरों से इलाज में आ रही मुश्किलों और सुविधाओं में कमी के बारे में भी पूछा। स्वास्थ्य मंत्री ने ऐलान किया कि बस्ती मंडल में एक मेडिकल कॉलेज जल्द ही खोला जायेगा ताकि यहां के लोगों को इलाज के गोरखपुर न जाना पड़े। उन्होंने ये भी कहा क सिद्धार्थ नगर में भी जेएनएम कॉलेज जल्दी ही खोला जायेगा।
स्वास्थ्यमंत्री इसके बाद अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत लखनऊ रवाना हो गए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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किसान मंच भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ 23 फरवरी व 24 फरवरी को नई दिल्ली स्थित जन्तर मंतर पर देश के अनेक किसान संगठनों के साथ आंदोलन में शामिल हो रहा है। किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने बताया कि देश के किसानो को अच्छे दिन का भरोसा देने वाली केन्द्र सरकार ने करोड़ों भोले भाले किसानो कि पीठ में छूरा घांेपा है। नया भूमि अधिग्रहण अध्यादेश देश के किसानों की भावनाओं को आहात करने वाला है। श्री दीक्षित ने बताया कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश 1894 में अंग्रेज भारत लेकर आए थे। इस दमनकारी कानून में अंग्रेजों ने ऐसी व्यवस्था बनाई थी कि देश के किसान सरकार के खिलाफ किसी भी कोर्ट में अपनी जमीनें बचाने की अपील तक नहीं कर सकते थे। वहीं अब मोदी सरकार ने अंग्रेजों की हुकुमत के नक्शे कदम पर चलते हुए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को और कठोर व दमनकारी बनाकर लागू करने का काम किया है। किसानों की इस व्यथा से विचलित होकर प्रख्यात समाज सेवी अन्ना हजारे जी के नेतृत्व में देश के किसान संगठन एक जुट होकर जंतर मंतर पर करोड़ों किसानों के हितों के संर्घष के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। श्री दीक्षित ने बताया कि 23 फरवरी को दोपहर 1 बजे उत्तर प्रदेश किसान मंच के सैकड़ों कार्यकर्ता 1 प्राईवेट पेपर मिल कालोनी निशातगंज महानगर बाल्मीकी पार्क में एकत्र होकर निजी वाहनों से वाया सीतापुर, लखीमपुर, शाहजहांपुर फरुखाबाद, हरदोई, बरेली पीलीभीत होते हुए जंतर मंतर नई दिल्ली पहुंचेगंे। और आंदोलन में शामिल होगंे। श्री दीक्षित ने कहा कि देश के किसानों को नाखुश करके कोई भी देश तरक्की नहीं कर सकता। जब गांव खुशहाल होगा तभी राष्ट्र खुशहाल होगा और तभी देश भी विकसीत हो सकेगा। किसान की उन्नति से ही देश की उन्नति होती है। किसानों की अनदेखी करके खुशहाली का रास्ता खोजना बेईमानी साबित होगी। किसान मंच का इतिहास है कि वह किसानों के हितों के लिए सदैव संर्घषशील रहा है। किसान मंच के संस्थापक स्व वी पी सिंह पूर्व प्रधानमंत्री भारत सरकार ने भूमि अधिग्रहण के खिलाफ दादरी में आंदोलन चलाया। तत्कालिक केन्द्र सरकार को झुकने पर मजबुर कर दिया था। अंततः किसानों की जीत हुई थी। यही गलती अब वर्तमान मोदी सरकार ने औद्योगिक घरानो को फायदा पहुंचाने के लिए की है। और अंग्रजों के तरह दुगलकी कानून बनाने का काम किया। औद्योगिक घरानों के तलवे चाटने वाले सरकार की यह सबसे बड़ी भूल होगी। देश का किसान जाग गया तो केन्द्र सरकार को दिया दीपक लेकर एमपी एमएलए खोजने पड़ेगंे। लेकिन तब भी उन्हे वह हासिल नहीं होगंें। किसान विरोधी भूमि अधिग्रहण कानून लाकर भाजपा अपनी नाव को स्वयं डूबोने का कार्य कर रही है। प्रेस क्लब में किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष शेखर दीक्षित, वरिष्ट मार्ग दर्शक स्वामी विद्या चैतन्य, जिला अध्यक्ष योगेश त्रिपाठी, किसान मंच के मंडल संयोजक राम खिलावन पासी, किसान नेता अखिलेश वर्मा, अरशद अली, सुरेन्द्र पाल, योगेन्द्र त्रिपाठी आदि लोग उपस्थित थे।
भूमि अधिग्रहण का विरोध क्यों?
सन् 1894 मंे भूमि अधिग्रहण अध्यादेश भारत में अंग्रेज लाए थे। तब इस कानून की आड़ में देश के किसानों की जमीने जबरन कौडियों के दाम अधिग्रिहित की जाती थी। हमारे देश के लिए हंसते हंसते अपने प्राणों की आहुती देने वाले राष्ट्रभक्त शहीद भगत सिंह को जब फांसी की सजा सुना दी गई और जब वे जेल में बंद थे तब उस महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने जितने भी इंटरव्यू पत्रकारों को दिए सबमें उन्होने यही कहा था कि भारत में सबसे ज्यादा दमनकारी कानून कोई है तो वह भूमि अधिग्रहण ही है। वहीं स्वतंत्रता संगा्रम के उत्तर प्रदेश के महानायक का्रंतिकारी चन्द्रशेखर आजाद ने भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ किसानो को जागरुक करने के लिए अंग्रजों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। और किसानों के एक जुट करने के लिए भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ पर्चे बटवां कर देश के किसानों को जागरुक किया था। किसानों पर इस जुल्म की दास्तान एक सौ पच्हत्तर वर्षाें से जयादा की है। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश में 1994 में मामूली संसोधन किया गया। फिर 2013 में यूूपीए की सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून में संसोधन करते हुए थोडी राहत दी। और भूमि लेने पर 80 फीसदी किसानो की सहमति आवश्यक कर दी। और भी जैसे बहुफसली जमीनों के जगह पहले बंजर भूमि का ही अधिग्रहण करने का मामूली संसोधन किया था। इस फैसले को पलटते हुए मोदी सरकार अब देश भर के किसानों की जमीनों चाहे उसमें खेती करके किसान अपना जीविकोपार्जन करता हो उसे अधिग्रहित कर सकते हैं। यह कानून मोदी सरकार ने अंग्रेजों से दो हाथ बढ़कर और कठोर बना दिया है। इससे साफ प्रतीत होता है कि औद्योगिक घरानों के एहसानों को केन्द्र सरकार चुकता करने के लिए किसानों के खिलाफ आमादा हो गई है।
केन्द्र में सत्तारुढ़ मोदी सरकार ने 30 दिसंबर 2014 को भूमि अधिग्रहण अध्यादेश बिना संसद में चर्चा कराए राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया था। राष्ट्रपति महोदय ने 31 दिसम्बर 2014 को अपनी मोहर लगा दी। बताते चलें कि नए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश में किसानों का सबसे बड़ा हथियार जो 80 फीसदी किसानों का सहमति का अधिकार था उसे मोदी सरकार ने समाप्त कर दिया। कहने का अर्थ है कि अब सरकार किसानो के बिना सहमति के उनकी भूमि कहीं भी कभी अधिग्रहित कर सकती है। और उसमे किसानो की कोई सहभाविका नहीं होगी। और यह भी जरुरी नहीं होगा कि उनकी भूमि बहुफसली है या बहुउपजाऊ है। सरकार खेतों से लहलहाती फसलों वाली जमीनों को भी किसानों से छीन सकती है। और वह अपने मर्जी से किसानों को उसका मुआवजा देगी।
श्री दीक्षित ने कहा कि किसान मंच किसान हितों के इस संघर्ष को तब तक जारी रखेगा जब तक यह अध्यादेश वापिस नहीं लिया जाता । किसान मंच उन्नाव के क्रांतिकारी चन्दशेखर आजाद व देश के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले शहीदे आजम भगत सिंह को इस काले कानून को समाप्त करवाकर सच्ची श्रद्वांजली देना चाहता है। किसान मंच किसान हितों के प्रति संकल्पित है। आईए हम सब मिलकर किसान विरोधी कानून को उखाड़ फेंकने की मुहिम में शामिल होकर अन्नदाता के हौसलों को उड़ान दें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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