Archive | February 12th, 2015

जिंदगी को बदलने वाली विचारधारा पर एक किताब: ‘‘कर्मसूत्र-कार्मिक संकेतों को तोड़ने का प्रयास‘‘

Posted on 12 February 2015 by admin

ऽ    इस पुस्तक में आध्यात्मिक विकास का सिद्धांत दिया गया है। इसमें कर्म का 12000 साल पुराना सिद्धांत पेश किया गया है। यह कर्म के लेखे जोखे का निर्माण करने की प्रक्रिया स्पश्ट करती है, जो व्यक्ति की मौत के बाद भी जारी रहता है।
ऽ    कर्म के प्रति अध्यात्मविदों, धर्मविदों और नास्तिकों के विचारों का संयोग करती है।
ऽ    इस किताब को पढ़ने से व्यक्ति को अपराधबोध, भार और कर्म की चिंता से मुक्ति मिल सकती है।
ऽ    यह कर्म जैसे गूढ़ विशय पर उपलब्ध एक सरलतम किताब है।

आध्यात्मिक विकास का सिद्धांत पेश करने वाली इस किताब में कर्म का 12000 साल पुराना सिद्धांत दिया गया है। यह कर्म के लेखे जोखे का निर्माण करने की प्रक्रिया के बारे में बताती है, जो व्यक्ति की मौत के बाद भी जारी रहता है। यह कर्म जैसे गूढ़ विशय पर उपलब्ध एक सरलतम किताब है। इस किताब में पेश की गई विशयवस्तु और विधि कर्म के प्रति नास्तिकों, धर्मविदों और अध्यात्मविदों के विचारों का निचोड़ है। आधुनिक मनुश्यों को प्राचीन शिक्षाएं प्रदान करने के लिए हिंगोरी सीरीज़ आॅफ पब्लिकेशन ने अपनी पहली किताब ‘‘कर्मसूत्र- क्रैकिंग द कर्मिक कोड’’ पेश की है।

प्रिंट और आॅनलाईन माध्यमों में निशुल्क वितरण के लिए उपलब्ध यह किताब इसकी वेबसाईट और फेसबुक पेज़ से इंगलिश और हिंदी में निशुल्क डाउनलोड की जा सकती है। आप ीपदहवतप54/हउंपसण्बवउ पर लिखकर अपनी निशुल्क प्रति मंगा सकते हैं या लेखक से अपने प्रश्नों से समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

इन समस्त प्रयासों का लक्ष्य हमारे जीवन को न केवल इस जन्म में बल्कि अगले जन्म में भी बेहतर बनाना है। आज की आत्मकेंद्रित और चमक-दमक की दुनिया में हिंगोरी सीरीज़ की निशुल्क ‘कर्मसूत्र- क्रैकिंग द कर्मिक कोड’ के माध्यम से यह सब बदलने का मार्ग पेश किया जा रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 11 फरवरी, 2015 को अपने सरकारी आवास पर ‘विकास एजेण्डा 2015-16’ जारी करने के अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए।

Posted on 12 February 2015 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 11 फरवरी, 2015 को अपने सरकारी आवास पर ‘विकास एजेण्डा 2015-16’ जारी करने के अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए।

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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नेशनल साइबर ओलम्पियाड का गोल्ड मैडल सी.एम.एस. छात्रों को

Posted on 12 February 2015 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) के दो मेधावी छात्रों अमोल शिव मिश्रा एवं सोलंगी मोहन्ती ने साइंस ओलम्पियाड फाउण्डेशन, गुड़गांव, हरियाणा, के तत्वावधान में आयोजित नेशनल साइबर ओलम्पियाड में स्वर्ण पदक अर्जित कर विद्यालय का नाम गौरवान्वित किया है। उक्त जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में सी.एम.एस. के इन मेधावी छात्रों ने अपने कम्प्यूटर ज्ञान व अद्वितीय प्रतिभा के दम पर गोल्ड मैडल अर्जित कर अपनी पहचान बनाई है एवं अपनी अभूतपूर्व प्रतिभा की बदौलत आने वाले समय में विश्व पटल पर देश का नाम रोशन करने का संकेत दिया है। प्रतियोगिता में देश भर के कई प्रतिष्ठित विद्यालयों के छात्रों ने प्रतिभाग किया तथापि इस उपलब्धि हेतु सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) के इन मेधावी छात्रों को प्रशस्ति पत्र व अन्य आकर्षक उपहारों से पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया।
श्री शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. में वैज्ञानिक युग के महत्व को स्वीकारते हुए छात्रों का दृष्टिकोण वैज्ञानिक एवं विश्वव्यापी बनाने के उद्देश्य से जोरदार प्रयास किये जा रहे हैं, यही कारण है सी.एम.एस. छात्र राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में शानदार उपलब्धि अर्जित कर विद्यालय का गौरव बढ़ा रहे हैं। सी.एम.एस. के मेधावी छात्रों ने विज्ञान, कम्प्यूटर टैक्नोलाॅजी, इण्टरनेट एवं साइवर स्पेस, एस्ट्रोनाॅमी आदि विषयों की अनेक राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में सर्वाधिक पुरस्कार जीतकर प्रदेश व देश का नाम राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर रोशन किया है। सी.एम.एस. छात्र अपनी सफलता का श्रेय शान्तिपूर्ण व ईश्वरीय एकता से भरपूर विद्यालय के शैक्षिक वातावरण एवं अपने अनुभवी एवं विद्वान शिक्षकों के आत्मीयतापूर्ण मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन को देते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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लोक निर्माण मंत्री ने 23 करोड़ की लागत से बनी सड़कों का किया लोकार्पण 47 करोड़ की लागत की नयी सड़को का भी किया शिलान्यास

Posted on 12 February 2015 by admin

10 फरवरी, 2015 को उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण, सिंचाई, सहकारिता, जल संसाधन, परती भूमि , सहायता पुनर्वास, राजस्व तथा लोक सेवा प्रबन्धन विभाग मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने जनपद लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में जनसभा को सम्बोधित किया और 23 करोड़ रुपये की लागत की सड़को का लोकार्पण तथा 47 करोड़ रुपये की सड़को का  शिलान्यास किया और साथ ही 1 करोड 75 लाख रुपये की जिला पंचायत सदस्यों की सड़को का भी शिलान्यास किया। श्री यादव ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए पचपेड़ी घाट एवं धौरहरा में शारदा नदी पर बनने वाले पुल की घोषणा की जो लगभग 5.17 कि0मी0 लम्बा तथा जिसकी लागत लगभग 400 करोड़ रुपये है। उक्त कार्यक्रम के आयोजक जिला पंचायत सदस्य, राजीव गुप्ता भी मौजूद थे।
उक्त कार्यक्रम में राज्य सभा सांसद रवि वर्मा, लोहिया वाहिनी के अध्यक्ष आनन्द भदौरिया, विधायक विनय तिवारी, रामशरण, कृष्ण गोपाल पटेल, दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री आर0ए0उस्मानी एवं जिलाध्यक्ष अनुराग पटेल तथा अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुख्यमंत्री ने प्रदेश के समग्र विकास के लिए वर्ष 2015-16 का विकास एजेण्डा निर्धारित कर जारी किया

Posted on 12 February 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के बहुमुखी विकास के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2015-16 हेतु विकास का एजेण्डा निर्धारित कर दिया है। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को निर्धारित एजेण्डा को पूरी गम्भीरता एवं तत्परता से लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विकास एजेण्डे 2015-16 के मुख्य सूत्र-समावेशी एवं सहभागी विकास, योजनाओं/कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु नवीनतम तकनीक का प्रयोग, प्रभावी व पारदर्शी प्रशासन होंगे। उन्होंने बताया कि पहली बार एजेण्डा तैयार करने में आमजन से प्राप्त सुझावों को अमल में लाया गया है। पिछले वर्ष की चालू प्राथमिकताओं के साथ अनेक नए बिन्दु भी सम्मिलित किए गए हैं। एजेण्डे के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट में आवश्यक प्राविधान भी सुनिश्चित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समावेशी एवं सहभागी विकास से सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ समाज के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचेगा। साथ ही, समाज के सभी वर्गों व व्यक्तियों को विकास का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि विकास में जब तक आमजन को लाभ और उसकी भागीदारी नहीं होती, तब तक समृद्धि और उन्नति सही मायने में नहीं आएगी। यह सोचकर विकास एजेण्डे में समावेशी एवं सहभागी विकास को मुख्य सूत्र बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने आज अपने सरकारी आवास पर विकास एजेण्डा 2015-16 जारी करने के अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि इस एजेण्डे के फोकस वाले 09 क्षेत्र-उद्योग व अवस्थापना एवं लोक निर्माण, ऊर्जा, मानव संसाधन विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा एवं श्रम, कृषि, ग्राम्य विकास, नगर विकास एवं नगरीय गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ पारदर्शी एवं प्रभावी प्रशासन होंगे। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार के विकास एजेण्डे को निर्धारित करने से पहले यह तय किया गया कि विकास की दिशा क्या हो और विकास कार्यों को कैसे लागू किया जाए ? फिर उन कार्यों के लिए बजट में व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद घोषणा पत्र की घोषणाओं को दो वर्षों में पूरा करने की सबसे बड़ी चुनौती थी, जिसे पूरा करने में सफलता मिली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास एजेण्डे में बिजली, सड़क, बुनियादी सुविधाओं सहित कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालयों को चार लेन से जोड़े जाने का कार्य तेजी से चल रहा है और यह कार्य शीघ्र ही पूर्णता की ओर होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 26 साल से बन रहा बलरामपुर का पुल पूरा किया जा चुका है। इसी प्रकार अन्य नदियों पर भी बनने वाले पुलों को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि महोबा में पहला 10 मेगावाट का सोलर पावर प्लाण्ट संचालित किया जा चुका है। लोहिया आवासों में सोलर पावर से बिजली देने का कार्य किया जा रहा है।
श्री यादव ने कहा कि विकास एजेण्डे में भर्तियों पर विशेष जोर दिया गया है, जिसके अन्तर्गत जहां पुलिस के रिक्त पडे़ उपनिरीक्षकों एवं आरक्षी के पदों के सापेक्ष 4000 उपनिरीक्षक तथा 40000 आरक्षी की भर्ती की जाएगी। साथ ही, ग्राम चैकीदारों तथा जनोपयोगी विभागों में रिक्त पदों को प्राथमिकता पर भरा जाना, बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा, चिकित्सा, प्राविधिक एवं व्यावसायिक शिक्षा में अध्यापकों के रिक्त पदों को भरा जाना, तथा उर्दू अध्यापकों एवं उर्दू अनुवादकों की भर्ती किया जाना भी विकास एजेण्डे में शामिल हैं।
वर्ष 2015-16 के विकास एजेण्डे में गत वर्ष की चालू प्राथमिकताओं के साथ अनेक नए बिन्दुओं को सम्मिलित कर कुल 165 बिन्दु सम्मिलित किए गए हैं। विकास एजेण्डे में सबके विकास के लिए एजेण्डे को सेक्टरवार जैसे-कृषि, ऊर्जा, अवस्थापना सुविधाओं का सृजन, मानव संसाधन विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, नगर विकास एवं ग्राम्य विकास आदि में बांटा गया है। साथ ही, समाज के कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा एवं श्रम तथा प्रशासन तंत्र को कुशल, पारदर्शी एवं प्रभावी बनाए जाने हेतु अभिनव प्रयास सम्मिलित हैं। मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित विभागों से विकास एजेण्डे के तहत निर्धारित समय सीमा में कार्य किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि केन्द्रीय योजनाओं को भी पूरी गुणवत्ता के साथ समय से पूरा किया जाए।
विकास एजेण्डे में नई पहल के अन्तर्गत उद्योग, अवस्थापना एवं लोक निर्माण के क्षेत्र में ट्रांस गंगा परियोजना, संगम सिटी का विकास, नोएडा/ग्रेटर नोएडा में पार्कों की स्थापना होगी। नोएडा/ग्रेटर नोएडा, आगरा, लखनऊ, मथुरा, इटावा (सैफई) में साइकिल ट्रैक बनाए जाएंगे। एम0एस0एम0ई0 पोर्टल विकसित किया जाएगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति तथा एक्सपोर्ट नीति घोषित होगी। प्रदेश में कोर रोड नेटवर्क का सुदृढ़ीकरण एवं चक्रानुसार शत-प्रतिशत मरम्मत की जाएगी। इसके अतिरिक्त, पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु हेरिटेज आर्क का पर्यटन विकास तथा नव निर्मित राजकीय पुरातत्व संग्रहालय कन्नौज का आधुनिकीकरण करते हुए उसे बाल एवं सांइस म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा।
श्री यादव ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ऊर्जा के क्षेत्र में काफी गम्भीरता से कार्य कर रही है। वर्ष 2016-17 में जनपद मुख्यालयों को न्यूनतम 22 घण्टे एवं ग्रामीण क्षेत्रों को न्यूनतम 16 घण्टे की विद्युत आपूर्ति किए जाने की कार्यवाही की जा रही है। ऊर्जा क्षेत्र में हस्तशिल्प एवं हथकरघा उद्योग से जुडे़ कस्बों के लिए अलग फीडर की व्यवस्था कर बेहतर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में सेपरेट फीडर की प्रणाली को विकसित किया जाएगा। सोलर पार्कों के विकास पर विशेष जोर होगा। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के लिए सब्सिडाइज्ड सोलर पैक की व्यवस्था की जायेगी, जिससे बत्ती-पंखा के साथ-साथ कुछ अन्य आवश्यक घरेलू उपकरण भी चल सकें। साथ ही, ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक 8 स्थलों पर सोलर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जाएगी। नेडा का सृदृढ़ीकरण किया जाएगा। चयनित ग्रामों में सौर ऊर्जा आधारित मिनी ग्रिड योजना कार्यान्वित होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मानव संसाधन विकास क्षेत्र में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार हेतु मूल्यांकन एवं अनुश्रवण, शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए लैबोरेटरी एवं आॅनलाईन जर्नल की व्यवस्था, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की प्रयोगशालाओं में सुदृढ़ीकरण, प्रयोगशालाओं का एन0ए0बी0एल0 एक्रेडिटेशन एवं जनसामान्य को खाद्य पदार्थों की विश्लेषण सुविधा उपलब्ध कराए जाने को भी विकास एजेण्डे में सम्मिलित किया गया है। माॅडल स्कूलों में बाउण्ड्रीवाॅल एवं बालिका छात्रावास निर्मित होंगे। मा0 न्यायालयों में शिक्षा सम्बन्धी वादों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत स्टेट एजूकेशन ट्रिब्यूनल का गठन होगा। प्रदेश में 10 नए इण्टर काॅलेज स्थापित होंगे, जिनके लिए एकमुश्त धनराशि की व्यवस्था बजट में की जाएगी। हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर को विश्वविद्यालय में परिवर्तित किया जाएगा। प्रदेश के शासकीय/निजी इंजीनियरिंग काॅलेजों में प्रवेश हेतु काउन्सिलिंग प्रक्रिया तथा उ0प्र0 प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ में काॅलेजों की सम्बद्धता को सरल बनाते हुए इसकी आॅनलाइन व्यवस्था शैक्षिक सत्र 2015-16 से प्रारम्भ की जाएगी।
राज्य सरकार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधारों को प्राथमिकता दे रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में निर्माण कार्यों की समीक्षा के लिए वेब आधारित प्रणाली को विकसित करने, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख इंडिकेटरों यथा संस्थागत प्रसव, पूर्ण प्रतिरक्षण एवं आधुनिक गर्भ निरोधक तकनीकों/विधियों के प्रयोग में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर सुधार करने के बिन्दु भी शामिल हैं। साथ ही, प्रत्येक जनपद में आधुनिक माॅर्चुअरी/पोस्टमार्टम हाउस का निर्माण किया जाना तथा लखनऊ में उच्चस्तरीय कैंसर संस्थान के अतिरिक्त इलाहाबाद के कमला नेहरु अस्पताल में राज्य कैंसर संस्थान का निर्माण कर उसे क्रियाशील किया जाएगा तथा संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर एवं मेडिकल काॅलेज, झांसी में टर्शरी केयर कैंसर केन्द्र भी क्रियाशील होंगे। भारत सरकार के राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश स्तर के आयुष मिशन को संचालित किया जाएगा।
सामाजिक सुरक्षा एवं श्रम क्षेत्र में महिलाओं हेतु रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष की स्थापना, रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार एवं रानी लक्ष्मीबाई आशा ज्योति केन्द्रों की स्थापना किए जाने के साथ ही, प्रदेश के बेरोजगारों के लिए इम्प्लाॅयमेन्ट पोर्टल विकसित किया जायेगा। राजकीय कार्यालयों, संस्थानों एवं नगरीय निकायों के भवनों को डिसेबेल्ड फ्रेण्डली बनाया जाएगा। श्रम कानूनों में सुधार व सरलीकरण होगा।
कृषि क्षेत्र में पारदर्शी किसान योजना तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्राॅप डाईवर्सीफिकेशन योजना को नई पहल के तहत सम्मिलित किया गया है। खाद्यान्न उत्पादन में प्रजाति प्रतिस्थापन दर में वृद्धि होगी। एकीकृत बागवानी विकास मिशन की स्थापना होगी। जैव प्रौद्योगिकी नीति-2014 का निर्धारण एवं नीति के आधार पर जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रदेश का विकास सुनिश्चित किया जाएगा। इसी प्रकार, ग्राम्य विकास क्षेत्र में प्रदेश के ब्लाॅकों की भौतिक अवस्थापनाओं को आमजन के हिसाब से बेहतर किया जाएगा। सौर ऊर्जा के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल की व्यवस्था होगी।
नगर विकास एवं नगरीय गरीब उन्मूलन क्षेत्र में अफोर्डेबेल हाउसिंग नीति के अन्तर्गत समाजवादी आवास योजना का प्रभावी कार्यान्वयन होगा। महानगरों में सड़कों पर रहने वाले निराश्रितों के लिए आवासीय सुविधा की व्यवस्था की जाएगी। लखनऊ में गोमती नदी, गढ़मुक्तेश्वर में गंगा नदी तथा वाराणसी में वरुणा नदी का तटीय विकास होगा। पारदर्शी एवं प्रभावी प्रशासन के तहत कर एवं निबन्धन की जनोपयोगी व्यवस्थाओं का पी0पी0पी0 आधार पर आधुनिकीकरण किया जाएगा।
विकास एजेण्डे के अनुसार शहरी गरीबों को आवासीय सुविधा एवं ग्राम्य स्तरीय अधिकारियों को टेबलेट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं स्टेट क्लीन एवं ग्रीन मिशन, आधार कार्ड हेतु नामांकन एवं चयनित केेन्द्र पोषित योजनाओं के लाभार्थियों का डिजिटाइजेशन तथा आधार कार्ड के साथ लिंकेज का प्रभावी अनुश्रवण किया जाना, जनसमुदाय/हित धारकों को सम्मिलित करते हुए विभिन्न कार्यक्रमों की गुणवत्ता जांचने हेतु स्वतंत्र एजेन्सियों का पैनल बनाया जाना, प्रदेश की तहसीलों/थानों की भौतिक अवस्थापनाओं को आमजन के हिसाब से बेहतर किया जाना, सी0सी0टी0एन0एस0 योजना को पूर्ण रूप से प्रदेश के सभी थानों में क्रियाशील किया जाना जैसे अनेक नए बिन्दुओं को एजेण्डे में सम्मिलित किया गया है।
एजेण्डे में नई पहल के बिन्दुओं के अतिरिक्त विगत वर्ष के चालू बिन्दुओं जैसे-उ0प्र0 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2012 का प्रभावी कार्यान्वयन, सोलर फोटोवोल्टेइक इरीगेशन पम्पों की स्थापना, कामधेनु डेयरी इकाईयों की ब्याज-मुक्त ऋण योजना, जनपद औरैया में प्लास्टिक सिटी परियोजना का कार्यान्वयन तथा उद्योगों की स्थापना, कौशल विकास मिशन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, समाजवादी पेंशन योजना, लोहिया ग्रामीण आवास योजना, डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना, चक गंजरिया फार्म की भूमि पर सी0जी0 सिटी तथा अन्य योजनाओं, लखनऊ में मेट्रो रेल परियोजना, राजस्व न्यायालयों का कम्प्यूटरीकरण एवं प्रत्येक जनपद में विभिन्न स्थानों पर हरित पट्टी के विकास हेतु वृक्षारोपण आदि को एजेण्डे में सम्मिलित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के समय में राज्य विकास के पथ पर आगे बढ़ा है तथा जनता को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में राज्य सरकार के प्रयास लगातार जारी हैं। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में निर्धारित एजेण्डों में गम्भीरता से कार्यवाही करने के उत्साहवर्धक परिणाम मिले हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य सरकार ने लखनऊ में मेट्रो रेल की स्थापना का निर्णय लिया और इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। तीव्रगामी सड़क परिवहन की आवश्यकता के मद्देनजर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर भी कार्य तेजी से शुरु हो चुका है। जिला मुख्यालयों को चार लेन से जोड़ा जा रहा है। राज्य सरकार ने पारदर्शी तरीके से ऐसी योजनाएं बनाई हैं, जिनका बड़े पैमाने पर लाभ समाज के कमजोर वर्गों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, बच्चों, नौजवानों और किसानों को प्राप्त होगा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने उत्तर प्रदेश के विकास एजेण्डा वर्ष 2015-16 का प्रस्तुतिकरण करते हुए इसकी खास बातों की जानकारी दी।
इस मौके पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती अनीता सिंह, प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय अग्रवाल, प्रमुख सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन श्री रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, सूचना निदेशक श्री आशुतोष निरंजन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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प्रदेश में विभिन्न औद्योगिक एवं शासकीय संस्थाओं हेतु भरे जा रहे पदों हेतु निर्धारित अनिवार्य शैक्षिक योग्यता एवं अनुभव के साथ-साथ कौशल विकास मिशन के द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रमाण पत्र धारक युवाओं को चयन में प्राथमिकता दिये जाने हेतु आवश्यक आदेश प्राथमिकता से निर्गत कराये जायं: मुख्य सचिव

Posted on 12 February 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में विभिन्न औद्योगिक एवं शासकीय संस्थाओं हेतु भरे जा रहे पदों हेतु निर्धारित अनिवार्य शैक्षिक योग्यता एवं अनुभव के साथ-साथ कौशल विकास मिशन के द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रमाण पत्र धारक युवाओं को चयन में प्राथमिकता दिये जाने हेतु आवश्यक आदेश प्राथमिकता से निर्गत कराये जायं। उन्होंने कहा कि विभिन्न औद्योगिक एवं शासकीय संस्थाओं द्वारा भर्ती के सम्बन्ध में प्रकाशित किये जाने वाले विज्ञापनों में भी कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रमाण पत्र धारक अभ्यर्थियों को चयन में प्राथमिकता दिये जाने का उल्लेख किया जाय। उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्थाओं एवं पंजीकृत ठेकेदारों द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यरत श्रमिकों को उनकी योग्यता के अनुसार तकनीकी प्रशिक्षण दिलाये जाने का परीक्षण कर उन्हें श्रेणीबद्ध किया जाय। उन्होंने कहा कि कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत संचालित योजनाओं के सम्बन्धित विभागों से कम से कम एक-एक अधिकारी कौशल विकास मिशन से सम्बद्ध अथवा प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया जाय। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में विभिन्न योजनाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत 04 लाख 26 हजार युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अन्तर्गत गठित राज्य संचालन समिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आगामी मार्च, 2017 तक 14 से 35 आयु वर्ग के लगभग 24 लाख युवाओं को उद्योगों की मांग के अनुरूप कोर्सेज में प्रशिक्षित करते हुए उन्हें रोजगार प्राप्त करने में हर सम्भव सहायता दिलाई जाय। उन्होंने बताया कि इनमें महिलाओं, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, शारीरिक रूप से अक्षम और कम पढ़े-लिखे लोगों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि समस्त जिलाधिकारी जनपद में स्थापित डी0पी0एम0यू0 के माध्यम से निर्गत मार्गदर्शी सिद्धान्तों के अनुरूप कार्य करते हुए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के लक्ष्य को पूर्ण करने में अपना सक्रिय योगदान प्रदान करना सुनिश्चित करें।
श्री रंजन ने कहा कि जिलाधिकारी प्रशिक्षण प्रदाताओं और डी0पी0एम0यू0 के साथ प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में बैठक अवश्य आयोजित कर योजना की प्रगति, यथा-जनपद को आवंटित योजनावार प्रशिक्षण, प्रदातावार प्रशिक्षण, लक्ष्यों के सापेक्ष प्रगति की समीक्षा, प्रशिक्षण प्रदाता द्वारा जनपदवार निर्धारित सेन्टर व बैच बनाने की प्रगति की समीक्षा और रोजगार प्रगति आदि की समीक्षा करते हुए प्रत्येक माह की 10 तारीख तक मिशन कार्यालय को आख्या प्रेषित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यदि जनपद स्तर पर प्रशिक्षण प्रदाता या डी0पी0एम0यू0 द्वारा लक्ष्यों की प्राप्ति में शिथिलता पाई जाय  तो सम्बन्धित जिलाधिकारियों को मिशन के माध्यम से कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करनी होगी।  उन्होंने कहा कि इस बात का अवश्य ध्यान रखा जाय कि उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षणार्थियों को सेक्टर्स/कोर्सेज में प्रशिक्षण दिलाया जाय। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित जिलाधिकारी अपने जनपद में स्थित उद्योगों की मांग के अनुरूप कोर्सेज का चयन करते हुए उपलब्ध प्रशिक्षण प्रदाताओं के माध्यम से उक्त कोर्सेज में जनपद में प्रशिक्षण प्राप्त कराना सुनिश्चित करायें।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री वी0एन गर्ग, सचिव व्यावसायिक शिक्षा श्री भुवनेश कुमार, मिशन निदेशक श्रीमती रितु महेश्वरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के नवनियुक्त प्रान्तीय पदाधिकारियों की प्रथम बैठक प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय में प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 निर्मल खत्री की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

Posted on 12 February 2015 by admin

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के नवनियुक्त प्रान्तीय पदाधिकारियों की प्रथम बैठक प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय में प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 निर्मल खत्री की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय कंाग्रेस कमेटी के महासचिव-प्रभारी उ0प्र0 श्री मधुसूदन मिस्त्री, सांसद मौजूद रहे।
बैठक के उपरान्त मौजूद पत्रकार साथियों से बात करते हुए अ0भा0 कंाग्रेस कमेटी के महासचिव-प्रभारी उ0प्र0 श्री मधुसूदन मिस्त्री, सांसद ने कहा कि सभी पदाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में अविलम्ब जाकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए सदस्यता अभियान को गति देने तथा 12मार्च को होने वाले रेल रोको तथा चक्का जाम कार्यक्रम की रणनीति तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया है। श्री मिस्त्री ने मोदी को जुमलाबाज प्रधानमंत्री बताया और कहा कि अब बजट आने दीजिए, किस तरह मंहगाई बढ़ती है। उन्होने कहा कि यह पूंजीपतियों की सरकार है और पूंजीपतियों के हितों में काम कर रही है जिन पूंजीपतियों ने इन पर पैसा लगाया था अब इन पर वापसी का दबाव बना रहे हैं और भूमि अधिग्रहण अध्यादेश और यूरिया के बढ़े हुए दाम जैसे जनविरोधी निर्णयों को सरकार से करवा रहे हैं। पेट्रोलियम पदार्थों का जितना लाभ उपभोक्ता को मिलना चाहिए आज नहीं मिल रहा है केन्द्र सरकार एक्साइज ड्यूटी के नाम पर अपनी तिजोरी भर रही है।
बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डा0 निर्मल खत्री ने कहा कि सभी पदाधिकारियों के काम का बंटवारा घोषित कर दिया गया है। डाॅ0 खत्री ने बैठक में उन तमाम बिन्दुओं को रेखांकित किया जिन पर प्रदेश कंाग्रेस द्वारा केन्द्र एवं राज्य सरकार के खिलाफ आन्दोलन चलाना है। उन्होने कहा कि उ0प्र0 की जनता के लिए मोदी, मुलायम और मायावती तीनों हानिकारक तथा जनविरोधी साबित हुए हैं। अब वक्त आ गया है जब हमें केन्द्र सरकार की वादाखिलाफी और चुनाव की घेाषणाओं पर अमल न करने, किसान विरोधी अध्यादेश लाने आदि सवालों पर मजबूती से संघर्ष करना है। उन्होने कहा कि प्रदेश की सरकार में आज कानून व्यवस्था पूरी तरह चैपट है। महिलाओं की इज्जत सुरक्षित नहीं रह गयी है। हत्या, लूट एवं बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। प्रदेश सरकार की साख पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। चारों तरफ लूट का राज चल रहा है। जिन मुद्दों को विशेष रूप से इस आन्दोलन में उठाया जायेगा उसके बिन्दु संलग्न हैं।
बैठक में अखिल भारतीय कंाग्रेस कमेटी के सचिव-सहप्रभारी उ0प्र0 श्री जुबेर खान, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता श्री प्रदीप माथुर, कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता श्री नसीब पठान सहित प्रदेश कांग्रेस के लगभग सभी पदाधिकारीगण मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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प्रधानमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया

Posted on 12 February 2015 by admin

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया है।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहाए श्श्पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करता हूं। उनके अंत्योदय और एकात्म मानववाद के आदर्श हमारा सदैव मार्गदर्शन करते रहेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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भारत को कृमि मुक्त। बनाने के लिए नई डी.वॉर्मिंग योजना की शुरूआत

Posted on 12 February 2015 by admin

राष्ट्री य डी.वॉर्मिंग दिवस 10 फरवरीए 2015 को मनाया जायेगा। इस संदर्भ में स्वा्स्य्ा   एवं परिवार कल्यायण मंत्रालय ने 9 फरवरी 2015 को जयपुर में राष्ट्री य डी.वॉर्मिंग पहल की शुरूआत की।
डी.वॉर्मिंग
मानव और पशुओं को राउंड वॉर्मए हुक वॉर्मए फ्लूक और टेप वॉर्म जैसे परजीवी कृमियों से बचाने के लिए एंटी हेलमिंटिक दवा दी जाती है। स्कूॉली बच्चोंू के सामूहिक डी.वॉर्मिंग अभियान के तहत हेलमिनथिएसिस की रोकथाम और उपचार के लिए इस दवा का इस्तेूमाल किया जाता है। इसमें मिट्टी के संपर्क से पैदा होने वाला हेलमिनथिएसिस भी शामिल है। बच्चोंा का उपचार मेबेनडेजॉल और एलबेनडेजॉल से किया जा सकता है। एलबेनडेजॉल की एक गोली से बच्चोंज को परजीवी कृमियों से बचाया जा सकता हैए जो बच्चेॉ की आंतों में रहते हैं और मानसिक स्वा्स्य्न   तथा शारीरिक विकास के लिए आवश्याक पोषण तत्वों  को अपना आहार बनाते हैं। यह गोली संक्रमित और गैर संक्रमित बच्चों  के लिए सुरक्षित है तथा इसका स्वा द बहुत अच्छा  है।
हेलमिंथ्सऔ
यह परजीवियों का एक समूह है जिन्हें  कृमि के रूप में जाना जाता है। इनमें सिस्टोथसोम्सव और मिट्टी के संपर्क से पैदा होने वाले हेलमिंथ्सज शामिल हैं। यह संक्रमण विकासशील देशों के आम संक्रमणों में से एक है। मामूली संक्रमण पर प्रायरू ध्याहन नहीं जाताए लेकिन गंभीर कृमि संक्रमण होने पर पेट में दर्दए कमजोरीए आयरन की कमी से पैदा होने वाली रक्तन अल्पंताए कुपोषणए शारीरिक विकास का रुकना आदि जैसे गंभीर रोग हो सकते हैं। संक्रमणों के कारण मानसिक कमजोरी हो सकती है तथा ऊतकों का नुकसान भी संभावित हैए जिसके लिए शल्या चिकित्साी आवश्यसक होती है।
विश्व  स्वामस्य्ी   संगठन की सिफारिशें
कृमि संक्रमण को कम करने के लिए महामारी क्षेत्रों में रहने वाले स्कूंल जाने की आयु वाले बच्चोंं के इलाज के लिए विश्वर स्वाेस्य् स  संगठन ने समय आधारित औषध उपचार की सिफारिश की है। संगठन का कहना है कि पूरी दुनिया में स्कू्ल जाने की आयु वाले संक्रमित बच्चों  की संख्या  लगभग 600 मिलियन हैए जिनकी डी.वॉर्मिंग करने से स्कूंलों में उनकी उपस्थिति बढ़ेगीए उनका स्वागस्य्ै   ठीक होगा और वे सक्रिय होंगे। अधिकतर प्रकार के कृमि मुंह से लेने वाली दवा से मर जाते हैं। यह दवा बहुत सस्तीन है और उसकी एक ही डोज दी जाती है।
इस तरह देखा जाये तो डी.वॉर्मिंग उपचार कठिन और महंगा नहीं है। इसे स्कू लों के जरिए आसानी से किया जा सकता है और उपचार के बाद बच्चों  को बहुत फायदा होता है। पूरी दुनिया में अभी भी हजारोंए लाखों बच्चेच ऐसे हैं जिन्हें  कृमि संक्रमण का जोखिम है। इनके उपचार के लिए स्कू ल आधारित डी.वॉर्मिंग उपचार की नीति बनाई जानी चाहिए ताकि स्वा स्य्इन ए शिक्षा और विकास में तेजी आ सके।
सरकार की पहलें
राष्ट्री य ग्रामीण स्वा।स्य्बच  मिशन के तहत स्कूल स्वाास्य्खि  कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कार्यक्रम में यह प्रावधान किया गया है कि वर्ष में दो बार निर्धारित अवधि में राष्ट्रीसय दिशा निर्देशों के आधार पर डी.वॉर्मिंग की जायेगी। बिहार में विश्वत की सबसे बड़ी स्कूील आधारित डी.वॉर्मिंग पहल की शुरूआत की गई थी। दिल्लीी सरकार ने भी इसी तरह के अभियान चलाये थे। विश्व‍ स्वाकस्य्ई   संगठन के आंकड़ों के अनुसार 1 से 14 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 24 करोड़ बच्चों  को आंतों में पलने वाले परजीवी कृमियों से प्रभावित होने का जोखिम है।
नई योजना के तहत एक से 19 वर्ष की आयु वर्ग के स्कूसल पूर्व और स्कूआली आयु के बच्चोंम ;पंजीकृत और गैर पंजीकृतद्ध के डी.वॉर्मिंग करने का स्वा स्य्र्  मंत्रालय ने लक्ष्य् निर्धारित किया है। पहले चरण के दौरान असमए बिहारए छत्तीरसगढ़ए दादर एवं नागर हवेलीए हरियाणाए कर्नाटकए महाराष्ट्रतए मध्य  प्रदेशए राजस्थावनए तमिलनाडु और त्रिपुरा जैसे 11 राज्यों ध्केंद्रशासित प्रदेशों के 14 करोड़ बच्चों  को रखा गया है। दूसरे चरण के दायरे में लगभग 10 करोड़ बच्चों  को रखा गया है। 10 फरवरी 2015 को राष्ट्रीेय डी.वॉर्मिंग दिवस पर पहले चरण की शुरूआत की जायेगी। इसके तहत सभी लक्षित बच्चों  को एलबेनडेजॉल की गोलियां दी जायेगी। तदनुसार एक से दो वर्ष के बच्चों  को इसकी आधी गोली और 2 से 19 वर्ष के बच्चोंि को इसकी पूरी गोली खिलाई जायेगी। जो बच्चेष बच जायेंगे उन्हें  14 फरवरी 2015 तक इसके दायरे में लाकर डी.वॉर्म किया जायेगा।
स्वामस्य्ं   मंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत को पोलियो मुक्तो करने के बाद अब बच्चोंई में व्यााप्ते आंत में पलने वाले परजीवी कृमियों का इलाज करके देश को कृमि मुक्त  भी बनाया जायेगा।  उन्होंंने स्कूउली अध्या पकों सहित सभी सांसदोंए विधायकोंए स्थायनीय निकायों के प्रतिनिधियोंए आशा और आंगनवाड़ी कर्मियों का आह्वान किया कि वे एकजुट होकर सरकार के इस अभियान का समर्थन करें ताकि भारत को कृमि मुक्तो देश बनाया जा सके।
इस पहल के लिए जरूरी है कि इसके साथ स्वतच्छतता और स्वाटस्य्र   में सुधार किया जाये तथा सुरक्षित पेयजल को उपलब्धू कराया जाये ताकि कृमि का जोखिम कम हो सके। इसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालयए मानव संसाधन विकास मंत्रालयए पंचायती राज मंत्रालय और जल एवं स्व च्छमता मंत्रालय की सक्रिय भागीदारी और साझेदारी आवश्यकक है। आशा की जाती है कि डी.वॉर्मिंग पहल से प्रधानमंत्री के स्व च्छआ भारत के स्विप्नध को पूरा किया जा सकता है।
इस छोटी परंतु आजमाई हुई पहल का स्वा स्य्री ए शिक्षा और विकास जैसे विभिन्न् क्षेत्रों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
’डॉण् एचण् आरण् केश्वगमूर्तिए पत्र सूचना कार्यालयए कोलकाता में निदेशक हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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भारत को सशक्त बनानेए लोकतांत्रिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री का तरीका है.. कथनी को करनी में बदलनाए स्वतंत्रता दिवस से लेकर गणतंत्र दिवस तकए लक्ष्य प्राप्ति की ओर भारत

Posted on 12 February 2015 by admin

अगस्त 2014 में प्रधानमंत्री ने तीन योजनाएंए स्वच्छ भारत मिशनए राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन और प्रधानमंत्री जनधन योजना की घोषणा करते हुए भागीदारी विकास के जरिए राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में प्रत्येक नागरिक को शामिल करने के अपने मिशन की शुरूआत की जिससे देश के सामाजिकए आर्थिक और राजनैतिक स्वरूप में नई जान डाली जा सके। स्वच्छ भारत मिशन से न केवल स्वच्छ भारत का निर्माण होगा बल्कि एक ऐसा भारत बनेगा जहां शिक्षितए स्वस्थए खुशहाल आबादी रहेगी। प्रधानमंत्री जनधन योजना से हर व्यक्ति को देश में बैंकिंग नेटवर्क से जुड़ने का अवसर मिला और वह एक पारदर्शी तंत्र के जरिए सरकार की कल्याणकारी योजना का सक्रिय लाभांवित बना। राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन भारत में ऐसा बदलाव लाएगा जिससे यहां लोगों को डिजिटल जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्तए 2014 को प्रधानमंत्री द्वारा घोषित प्रधानमंत्री जनधन योजना देश के सभी परिवारों के लिए विस्तृत वित्तीय समावेशन संबंधी मिशन है। इसने प्रत्येक परिवार को कम से कम एक बैंकिंग खाते की सुविधा प्रदान करने के साथ.साथ वित्तीय साक्षरताए ऋण तक पहुंचए बीमा और पेंशन की सुविधा दी है। साथ ही लाभांवितों को रूपे डेबिट कार्ड मिलेगा जिसमें उन्हें एक लाख रूपये का दुर्घटना बीमा दिया जाएगा। इस योजना में सभी सरकारी लाभों ;केन्द्रध्राज्यध्स्थानीय संगठनद्ध को लाभांवितों के खातों तक पहुंचाना और केन्द्र सरकार की प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना को आगे बढ़ाना है। 14 जनवरीए 2015 तक 21ण्05 करोड़ परिवारों में से 20ण्99 परिवारों को इसमें शामिल किया जा चुका था जो 99ण् 74 प्रतिशत है। अब तक कुल 11ण्50 खाते खोले जा चुके हैं इनमें से 6ण्84 करोड़ ग्रामीण इलाकों और 4ण्66 करोड़ शहरी इलाकों में खोले गए हैं। 17 जनवरीए 2015 तक 10 करोड़ रूपये डेबिट कार्ड जारी किए जा चुके थे। आधार कार्ड धारकों को लाभ का प्रत्यक्ष हस्तांतरण शुरू किया जा चुका है।
राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन के अंतर्गत आम आदमी अपने मोबाइल फोन के जरिए सरकार के कार्यों पर नज़र रख सकेगा। डिजिटल इंडिया एक अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जो डिजिटल बुनियादी ढांचे को तैयार करके उसका लाभ प्रत्येक व्यक्तिए शासन और सेवा तक पहुंचाकर लोगों को सशक्त बनाएगा। ई.गवर्नेंस सुशासन की विशेषता है। अगले तीन वर्षों में करीब सात लाख किलोमीटर ऑपटिकल फाइबर केबल बिछाकर 2ण्5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए कदम उठाए गए हैं।
जहां तक प्रधानमंत्री द्वारा 2 अक्टूबर को शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन का प्रश्न है इसे चौतरफा स्वच्छता हासिल करने के प्रयास के रूप में और सफाई पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए शुरू किया गया है जो प्रत्येक मनुष्य की मौलिक आवश्यकता है। स्वच्छ भारत मिशन के दो उप.मिशन हैंकृ स्वच्छ भारत मिशन ;ग्रामीणद्ध और स्वच्छ भारत मिशन ;शहरीद्ध जिसका उद्देश्य 2019 तक स्वच्छ भारत बनाना है जो महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें सच्ची श्रृद्धांजलि होगा। ग्रामीण इलाकों में इसका अर्थ ठोस और तरल कचरा प्रबंधन गतिविधियों के जरिए ग्रामीण इलाकों में सफाई का स्तर सुधारना और ग्राम पंचायतो को खुले में शौच से मुक्ति दिलानाए सफाई और स्वच्छता है। स्वच्छ भारत मिशन ;ग्रामीणद्ध का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में स्वच्छताए स्वास्थ्य देखभालए खुले में शौच बंद कराने को बढ़ावा देकर जीवन की गुणवत्ता में सुधार करनाय 2 अक्टूबर 2019 तक स्वच्छ भारत के विज़न को हासिल करने के लिए ग्रामीण भारत में स्वच्छता में तेजी लानाय जागरूकता पैदा करके और स्वास्थ्य शिक्षा के जरिए निरंतर स्वच्छता की आदत और सुविधा को अपनाकर समुदाय और पंचायती राज संसाधनों को प्रेरित करनाय पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित और स्वच्छता और विकास के लिए सस्ती और उचित प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करना तथा वैज्ञानिक ठोस और तरल कचरा प्रबंधन प्रणाली पर ध्यान केन्द्रित कर स्वच्छता प्रणाली विकसित करना ताकि ग्रामीण इलाकों में सम्पूर्ण स्वच्छता कायम हो सके।
स्वच्छ भारत मिशन की एक शाखा स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम है जो क्लीन इंडिया क्लीन स्कूल की अवधारणा का प्रसार करता है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत के प्रत्येक स्कूल में पानीए स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं सुनिश्चित करना है और ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देना है जो जिनसे स्कूल में पानीए स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद मिले। स्कूल में पानीए स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के प्रावधान से स्वस्थ माहौल बनता है और बच्चों का बीमारियों से बचाव होता है। स्वस्थ और अच्छे पोषित बच्चे स्कूल में पूरी तरह शामिल हो सकते हैं और आने वाली वयस्क पीढ़ियों को स्वस्थ माहौल के लिए प्रेरित कर सकते हैं। यह प्रत्येक बच्चे को परिवर्तन का एजेंट बना सकता है। विशेष रूप से लड़कियां बीच में ही पढ़ाई छोड़ देती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनमें से अधिकांश इसलिए स्कूल नहीं आना चाहती क्योंकि उन्हें शौचालय की सुविधा निजीए सुरक्षित नहीं मिलती। जब स्कूलों में लड़के.लड़कियों के लिए अलग.अलग सुविधा होगी तो इस समस्या को दूर किया जा सकता है।
स्वच्छता स्वस्थ और सभ्य समाज का आधार है। इसे मानव विकास के एक घटक के रूप में स्वीकार किया गया है। स्वच्छता संबंधी सुविधाओं के आभाव में जल जनित बीमारियां उत्पन्न होती है। जो लोग खुले में शौच करते हैं और सिर में मैला ढोने वाली प्रथा से जुड़े हैं उन्हें स्वास्थ्य संबंधी खतरों का सामना करना पड़ता है। सिर पर मैला ढोने वालों को सफाई कर्मचारी कहा गया है जो समाज के निचले स्तर से आते हैं। स्वच्छ भारत मिशन एक ऐसी स्थिति तैयार करेगा जहां इस पुरानी प्रथा को समाप्त किया जा सकेगा और इस कार्य में लगे लोगों को सम्मान जनक तरीके से फिर से बसाया जाएगा। इस सरल और क्रांतिकारी कदम के अन्य फायदों में बीमारियों पर होने वाले खर्च में कमी और उनकी रोकथाम में मदद मिलना है और विकास संबंधी गतिविधियों पर बचत का इस्तेमाल किया जा सकेगा और स्वच्छता उद्योगए पर्यटन क्षेत्र आदि में रोजगार सृजित किया जा सके। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और विदेशी पर्यटकों की नज़रों में सम्मान मिलेगा।
हालांकि प्रधानमंत्री की पहल की देश के अंदर और बाहर व्यापक स्तर पर सराहना हुई है। उम्मीद है कि विश्व बैंक व्यापक वित्तीय सहायता देगा। निश्चित तौर पर पूर्व की सरकारों ने स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए अनेक योजनाएंध्कार्यक्रम शुरू किएए लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे शीर्ष प्राथमिकता दी और प्रधानमंत्री ने स्वयं खुद झाडु उठाकर भारत को स्वच्छ और समृद्ध बनाने की चाह प्रकट की। ऐसा करके उन्होंने श्रमिकों का सम्मानए आत्मनिर्भरता और लोगों की भागीदारी करना सिखाया। प्रधानमंत्री के नकशे कदम पर चलते हुए इन दिनों हम देख सकते हैं कि अनेक लोग बड़े गर्व के साथ अपने रहने की जगह की सफाई कर रहे हैं अथवा सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता अभियान में हिस्सा ले रहे हैं। महात्मा गांधी ने स्वच्छता का महत्व बताया था उन्होंने कहा था ष्ष्स्वच्छता आजादी से अधिक महत्वपूर्ण हैं। मैं किसी को भी गंदे पांव से चलते हुए देखने के बारे में नहीं सोच सकताष्ष्।
अंत में हमें यह समझना होगा कि नागरिकों का छोटे से छोटा योगदान ऐसा कार्य करेगा जिससे शांतिपूर्णए समृद्ध और स्वस्थ आधुनिक भारत का निर्माण होगा। अन्य अभियानों के विपरीत स्वच्छ भारत अभियान से लोगों की अपेक्षाएं जुड़ी हैं क्योंकि यह जातिए संप्रदाय और धर्म से हटकर समाज के सभी वर्गों को शामिल करता है और व्यक्तिगत स्वास्थ्य और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देता है। अब समय आ गया है जब हम आत्म चिंतन करें और इससे किसी न किसी रूप में जुड़ें। हर बार सरकार पर दोष मढ़ने से हमारी गंदगी दूर नहीं होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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