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जिंदगी को बदलने वाली विचारधारा पर एक किताब: ‘‘कर्मसूत्र-कार्मिक संकेतों को तोड़ने का प्रयास‘‘

Posted on 12 February 2015 by admin

ऽ    इस पुस्तक में आध्यात्मिक विकास का सिद्धांत दिया गया है। इसमें कर्म का 12000 साल पुराना सिद्धांत पेश किया गया है। यह कर्म के लेखे जोखे का निर्माण करने की प्रक्रिया स्पश्ट करती है, जो व्यक्ति की मौत के बाद भी जारी रहता है।
ऽ    कर्म के प्रति अध्यात्मविदों, धर्मविदों और नास्तिकों के विचारों का संयोग करती है।
ऽ    इस किताब को पढ़ने से व्यक्ति को अपराधबोध, भार और कर्म की चिंता से मुक्ति मिल सकती है।
ऽ    यह कर्म जैसे गूढ़ विशय पर उपलब्ध एक सरलतम किताब है।

आध्यात्मिक विकास का सिद्धांत पेश करने वाली इस किताब में कर्म का 12000 साल पुराना सिद्धांत दिया गया है। यह कर्म के लेखे जोखे का निर्माण करने की प्रक्रिया के बारे में बताती है, जो व्यक्ति की मौत के बाद भी जारी रहता है। यह कर्म जैसे गूढ़ विशय पर उपलब्ध एक सरलतम किताब है। इस किताब में पेश की गई विशयवस्तु और विधि कर्म के प्रति नास्तिकों, धर्मविदों और अध्यात्मविदों के विचारों का निचोड़ है। आधुनिक मनुश्यों को प्राचीन शिक्षाएं प्रदान करने के लिए हिंगोरी सीरीज़ आॅफ पब्लिकेशन ने अपनी पहली किताब ‘‘कर्मसूत्र- क्रैकिंग द कर्मिक कोड’’ पेश की है।

प्रिंट और आॅनलाईन माध्यमों में निशुल्क वितरण के लिए उपलब्ध यह किताब इसकी वेबसाईट और फेसबुक पेज़ से इंगलिश और हिंदी में निशुल्क डाउनलोड की जा सकती है। आप ीपदहवतप54/हउंपसण्बवउ पर लिखकर अपनी निशुल्क प्रति मंगा सकते हैं या लेखक से अपने प्रश्नों से समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

इन समस्त प्रयासों का लक्ष्य हमारे जीवन को न केवल इस जन्म में बल्कि अगले जन्म में भी बेहतर बनाना है। आज की आत्मकेंद्रित और चमक-दमक की दुनिया में हिंगोरी सीरीज़ की निशुल्क ‘कर्मसूत्र- क्रैकिंग द कर्मिक कोड’ के माध्यम से यह सब बदलने का मार्ग पेश किया जा रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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