उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में विभिन्न औद्योगिक एवं शासकीय संस्थाओं हेतु भरे जा रहे पदों हेतु निर्धारित अनिवार्य शैक्षिक योग्यता एवं अनुभव के साथ-साथ कौशल विकास मिशन के द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रमाण पत्र धारक युवाओं को चयन में प्राथमिकता दिये जाने हेतु आवश्यक आदेश प्राथमिकता से निर्गत कराये जायं। उन्होंने कहा कि विभिन्न औद्योगिक एवं शासकीय संस्थाओं द्वारा भर्ती के सम्बन्ध में प्रकाशित किये जाने वाले विज्ञापनों में भी कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रमाण पत्र धारक अभ्यर्थियों को चयन में प्राथमिकता दिये जाने का उल्लेख किया जाय। उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्थाओं एवं पंजीकृत ठेकेदारों द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यरत श्रमिकों को उनकी योग्यता के अनुसार तकनीकी प्रशिक्षण दिलाये जाने का परीक्षण कर उन्हें श्रेणीबद्ध किया जाय। उन्होंने कहा कि कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत संचालित योजनाओं के सम्बन्धित विभागों से कम से कम एक-एक अधिकारी कौशल विकास मिशन से सम्बद्ध अथवा प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया जाय। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में विभिन्न योजनाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत 04 लाख 26 हजार युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अन्तर्गत गठित राज्य संचालन समिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आगामी मार्च, 2017 तक 14 से 35 आयु वर्ग के लगभग 24 लाख युवाओं को उद्योगों की मांग के अनुरूप कोर्सेज में प्रशिक्षित करते हुए उन्हें रोजगार प्राप्त करने में हर सम्भव सहायता दिलाई जाय। उन्होंने बताया कि इनमें महिलाओं, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, शारीरिक रूप से अक्षम और कम पढ़े-लिखे लोगों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि समस्त जिलाधिकारी जनपद में स्थापित डी0पी0एम0यू0 के माध्यम से निर्गत मार्गदर्शी सिद्धान्तों के अनुरूप कार्य करते हुए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के लक्ष्य को पूर्ण करने में अपना सक्रिय योगदान प्रदान करना सुनिश्चित करें।
श्री रंजन ने कहा कि जिलाधिकारी प्रशिक्षण प्रदाताओं और डी0पी0एम0यू0 के साथ प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में बैठक अवश्य आयोजित कर योजना की प्रगति, यथा-जनपद को आवंटित योजनावार प्रशिक्षण, प्रदातावार प्रशिक्षण, लक्ष्यों के सापेक्ष प्रगति की समीक्षा, प्रशिक्षण प्रदाता द्वारा जनपदवार निर्धारित सेन्टर व बैच बनाने की प्रगति की समीक्षा और रोजगार प्रगति आदि की समीक्षा करते हुए प्रत्येक माह की 10 तारीख तक मिशन कार्यालय को आख्या प्रेषित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यदि जनपद स्तर पर प्रशिक्षण प्रदाता या डी0पी0एम0यू0 द्वारा लक्ष्यों की प्राप्ति में शिथिलता पाई जाय तो सम्बन्धित जिलाधिकारियों को मिशन के माध्यम से कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि इस बात का अवश्य ध्यान रखा जाय कि उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षणार्थियों को सेक्टर्स/कोर्सेज में प्रशिक्षण दिलाया जाय। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित जिलाधिकारी अपने जनपद में स्थित उद्योगों की मांग के अनुरूप कोर्सेज का चयन करते हुए उपलब्ध प्रशिक्षण प्रदाताओं के माध्यम से उक्त कोर्सेज में जनपद में प्रशिक्षण प्राप्त कराना सुनिश्चित करायें।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री वी0एन गर्ग, सचिव व्यावसायिक शिक्षा श्री भुवनेश कुमार, मिशन निदेशक श्रीमती रितु महेश्वरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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