उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक से आज राजभवन में प्रो0 अनिल देशमुख के नेतृत्व में मास कम्युनिकेशन विभाग, शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर, महाराष्ट्र से अध्ययन भ्रमण पर निकले 16 सदस्यीय छात्रों के दल ने भेंट किया। छात्रों का यह दल कानपुर और झांसी भ्रमण पर जा चुका है तथा आज पटना के लिये प्रस्थान करेगा। यह दल उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों के भ्रमण पर आया है।
राज्यपाल ने भेंट के दौरान छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में उन्हें आये हुए 7 माह का समय हो गया है। उत्तर प्रदेश कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। यह भगवान राम और कृष्ण की जन्म भूमि है, भगवान बुद्ध ने अपना प्रवचन यहां के सारनाथ से प्रारम्भ किया था। यहां अनेक नदियां हैं और जमीन काफी उपजाऊ है। प्रदेश राजनीतिक दृष्टि से भी बहुत सक्रिय है और देश को अब तक नौ प्रधानमंत्री दिये हैं। वर्तमान प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी भी वाराणसी की लोकसभा सीट से सांसद है।
श्री नाईक ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने बहुत ख्याति अर्जित की। इलाहाबाद, वाराणसी, लखनऊ, अलीगढ़ जैसे विश्वविद्यालय पूरे देश में विख्यात है। यहां 24 राजकीय विश्वविद्यालय व संस्थान हैं, जिनके वे कुलाधिपति व कुलाध्यक्ष हैं। प्रदेश में शिक्षा के स्तर को गुणवत्तायुक्त बनाने के लिये वे बराबर विश्वविद्यालयों से सम्पर्क बनाये रखते हैं और समय पर डिग्री बांटी जाये इसके लिये विधिवत दीक्षान्त कैलेन्डर बनाया गया है। सभी दीक्षान्त समारोह माह फरवरी के अंत तक पूरे हो जायेंगे।
राज्यपाल ने बताया कि वे पांच वर्ष तक अकेले पेट्रोलियम मंत्रालय संभालने वाले मंत्री हैं। उन्होंने मंत्रालय में रहते हुए जनहित से जुड़े मुद्दे पूरी प्रमाणिकता एवं कर्तव्यनिष्ठा के भाव से किया, जिसके कारण गैस सिलेन्डर की लम्बी प्रतीक्षा सूची तो समाप्त हुई और लाखों की तादाद में नये कनेक्शन भी देश के लोगों को मिले। लोगों की सुविधा के लिये छोटे गैस सिलेन्डर की शुरूआत की गई। उन्होंने कुष्ठ पीडि़तों व उनके परिवार जनों की दैयनीय स्थिति देखते हुए उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लियेे संघर्ष किया। उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके सुझाव पर 40 प्रतिशत विकलांग कुष्ठ पीडि़त को 2500 रूपये प्रति माह निर्वहन भत्ता देने का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री ने भी आश्वस्त किया है कि कुष्ठ पीडि़तों की समस्याओं के समाधान के लिये कल्याणकारी निर्णय लिये जायेंगे।
श्री नाईक ने बताया कि 20 वर्ष पूर्व उन्हें कैंसर रोग हुआ था, अपनी इच्छा शक्ति और परिवार के सहयोग से रोग पर विजय प्राप्त किया। पूर्णतया स्वस्थ होने के बाद अनेक संस्थायें उन्हें कैन्सर पीडि़तों में उत्साह बढ़ाने के लिये आमंत्रित करती हैं, जहां वे जाते भी हैं। उन्होंने विदेश में इलाज न कराकर अपने देश के चिकित्सकों पर भरोसा जताया और मुंबई में अपना सफल इलाज कराया। उन्होंने अपने जीवन से जुड़े अनेक संस्मरण भी बताये और छात्रों के भावी जीवन के लिये शुभकामनाएं भी दीं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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