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भारत को सशक्त बनानेए लोकतांत्रिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री का तरीका है.. कथनी को करनी में बदलनाए स्वतंत्रता दिवस से लेकर गणतंत्र दिवस तकए लक्ष्य प्राप्ति की ओर भारत

Posted on 12 February 2015 by admin

अगस्त 2014 में प्रधानमंत्री ने तीन योजनाएंए स्वच्छ भारत मिशनए राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन और प्रधानमंत्री जनधन योजना की घोषणा करते हुए भागीदारी विकास के जरिए राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में प्रत्येक नागरिक को शामिल करने के अपने मिशन की शुरूआत की जिससे देश के सामाजिकए आर्थिक और राजनैतिक स्वरूप में नई जान डाली जा सके। स्वच्छ भारत मिशन से न केवल स्वच्छ भारत का निर्माण होगा बल्कि एक ऐसा भारत बनेगा जहां शिक्षितए स्वस्थए खुशहाल आबादी रहेगी। प्रधानमंत्री जनधन योजना से हर व्यक्ति को देश में बैंकिंग नेटवर्क से जुड़ने का अवसर मिला और वह एक पारदर्शी तंत्र के जरिए सरकार की कल्याणकारी योजना का सक्रिय लाभांवित बना। राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन भारत में ऐसा बदलाव लाएगा जिससे यहां लोगों को डिजिटल जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्तए 2014 को प्रधानमंत्री द्वारा घोषित प्रधानमंत्री जनधन योजना देश के सभी परिवारों के लिए विस्तृत वित्तीय समावेशन संबंधी मिशन है। इसने प्रत्येक परिवार को कम से कम एक बैंकिंग खाते की सुविधा प्रदान करने के साथ.साथ वित्तीय साक्षरताए ऋण तक पहुंचए बीमा और पेंशन की सुविधा दी है। साथ ही लाभांवितों को रूपे डेबिट कार्ड मिलेगा जिसमें उन्हें एक लाख रूपये का दुर्घटना बीमा दिया जाएगा। इस योजना में सभी सरकारी लाभों ;केन्द्रध्राज्यध्स्थानीय संगठनद्ध को लाभांवितों के खातों तक पहुंचाना और केन्द्र सरकार की प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना को आगे बढ़ाना है। 14 जनवरीए 2015 तक 21ण्05 करोड़ परिवारों में से 20ण्99 परिवारों को इसमें शामिल किया जा चुका था जो 99ण् 74 प्रतिशत है। अब तक कुल 11ण्50 खाते खोले जा चुके हैं इनमें से 6ण्84 करोड़ ग्रामीण इलाकों और 4ण्66 करोड़ शहरी इलाकों में खोले गए हैं। 17 जनवरीए 2015 तक 10 करोड़ रूपये डेबिट कार्ड जारी किए जा चुके थे। आधार कार्ड धारकों को लाभ का प्रत्यक्ष हस्तांतरण शुरू किया जा चुका है।
राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन के अंतर्गत आम आदमी अपने मोबाइल फोन के जरिए सरकार के कार्यों पर नज़र रख सकेगा। डिजिटल इंडिया एक अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जो डिजिटल बुनियादी ढांचे को तैयार करके उसका लाभ प्रत्येक व्यक्तिए शासन और सेवा तक पहुंचाकर लोगों को सशक्त बनाएगा। ई.गवर्नेंस सुशासन की विशेषता है। अगले तीन वर्षों में करीब सात लाख किलोमीटर ऑपटिकल फाइबर केबल बिछाकर 2ण्5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए कदम उठाए गए हैं।
जहां तक प्रधानमंत्री द्वारा 2 अक्टूबर को शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन का प्रश्न है इसे चौतरफा स्वच्छता हासिल करने के प्रयास के रूप में और सफाई पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए शुरू किया गया है जो प्रत्येक मनुष्य की मौलिक आवश्यकता है। स्वच्छ भारत मिशन के दो उप.मिशन हैंकृ स्वच्छ भारत मिशन ;ग्रामीणद्ध और स्वच्छ भारत मिशन ;शहरीद्ध जिसका उद्देश्य 2019 तक स्वच्छ भारत बनाना है जो महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें सच्ची श्रृद्धांजलि होगा। ग्रामीण इलाकों में इसका अर्थ ठोस और तरल कचरा प्रबंधन गतिविधियों के जरिए ग्रामीण इलाकों में सफाई का स्तर सुधारना और ग्राम पंचायतो को खुले में शौच से मुक्ति दिलानाए सफाई और स्वच्छता है। स्वच्छ भारत मिशन ;ग्रामीणद्ध का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में स्वच्छताए स्वास्थ्य देखभालए खुले में शौच बंद कराने को बढ़ावा देकर जीवन की गुणवत्ता में सुधार करनाय 2 अक्टूबर 2019 तक स्वच्छ भारत के विज़न को हासिल करने के लिए ग्रामीण भारत में स्वच्छता में तेजी लानाय जागरूकता पैदा करके और स्वास्थ्य शिक्षा के जरिए निरंतर स्वच्छता की आदत और सुविधा को अपनाकर समुदाय और पंचायती राज संसाधनों को प्रेरित करनाय पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित और स्वच्छता और विकास के लिए सस्ती और उचित प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करना तथा वैज्ञानिक ठोस और तरल कचरा प्रबंधन प्रणाली पर ध्यान केन्द्रित कर स्वच्छता प्रणाली विकसित करना ताकि ग्रामीण इलाकों में सम्पूर्ण स्वच्छता कायम हो सके।
स्वच्छ भारत मिशन की एक शाखा स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम है जो क्लीन इंडिया क्लीन स्कूल की अवधारणा का प्रसार करता है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत के प्रत्येक स्कूल में पानीए स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं सुनिश्चित करना है और ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देना है जो जिनसे स्कूल में पानीए स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद मिले। स्कूल में पानीए स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के प्रावधान से स्वस्थ माहौल बनता है और बच्चों का बीमारियों से बचाव होता है। स्वस्थ और अच्छे पोषित बच्चे स्कूल में पूरी तरह शामिल हो सकते हैं और आने वाली वयस्क पीढ़ियों को स्वस्थ माहौल के लिए प्रेरित कर सकते हैं। यह प्रत्येक बच्चे को परिवर्तन का एजेंट बना सकता है। विशेष रूप से लड़कियां बीच में ही पढ़ाई छोड़ देती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनमें से अधिकांश इसलिए स्कूल नहीं आना चाहती क्योंकि उन्हें शौचालय की सुविधा निजीए सुरक्षित नहीं मिलती। जब स्कूलों में लड़के.लड़कियों के लिए अलग.अलग सुविधा होगी तो इस समस्या को दूर किया जा सकता है।
स्वच्छता स्वस्थ और सभ्य समाज का आधार है। इसे मानव विकास के एक घटक के रूप में स्वीकार किया गया है। स्वच्छता संबंधी सुविधाओं के आभाव में जल जनित बीमारियां उत्पन्न होती है। जो लोग खुले में शौच करते हैं और सिर में मैला ढोने वाली प्रथा से जुड़े हैं उन्हें स्वास्थ्य संबंधी खतरों का सामना करना पड़ता है। सिर पर मैला ढोने वालों को सफाई कर्मचारी कहा गया है जो समाज के निचले स्तर से आते हैं। स्वच्छ भारत मिशन एक ऐसी स्थिति तैयार करेगा जहां इस पुरानी प्रथा को समाप्त किया जा सकेगा और इस कार्य में लगे लोगों को सम्मान जनक तरीके से फिर से बसाया जाएगा। इस सरल और क्रांतिकारी कदम के अन्य फायदों में बीमारियों पर होने वाले खर्च में कमी और उनकी रोकथाम में मदद मिलना है और विकास संबंधी गतिविधियों पर बचत का इस्तेमाल किया जा सकेगा और स्वच्छता उद्योगए पर्यटन क्षेत्र आदि में रोजगार सृजित किया जा सके। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और विदेशी पर्यटकों की नज़रों में सम्मान मिलेगा।
हालांकि प्रधानमंत्री की पहल की देश के अंदर और बाहर व्यापक स्तर पर सराहना हुई है। उम्मीद है कि विश्व बैंक व्यापक वित्तीय सहायता देगा। निश्चित तौर पर पूर्व की सरकारों ने स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए अनेक योजनाएंध्कार्यक्रम शुरू किएए लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे शीर्ष प्राथमिकता दी और प्रधानमंत्री ने स्वयं खुद झाडु उठाकर भारत को स्वच्छ और समृद्ध बनाने की चाह प्रकट की। ऐसा करके उन्होंने श्रमिकों का सम्मानए आत्मनिर्भरता और लोगों की भागीदारी करना सिखाया। प्रधानमंत्री के नकशे कदम पर चलते हुए इन दिनों हम देख सकते हैं कि अनेक लोग बड़े गर्व के साथ अपने रहने की जगह की सफाई कर रहे हैं अथवा सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता अभियान में हिस्सा ले रहे हैं। महात्मा गांधी ने स्वच्छता का महत्व बताया था उन्होंने कहा था ष्ष्स्वच्छता आजादी से अधिक महत्वपूर्ण हैं। मैं किसी को भी गंदे पांव से चलते हुए देखने के बारे में नहीं सोच सकताष्ष्।
अंत में हमें यह समझना होगा कि नागरिकों का छोटे से छोटा योगदान ऐसा कार्य करेगा जिससे शांतिपूर्णए समृद्ध और स्वस्थ आधुनिक भारत का निर्माण होगा। अन्य अभियानों के विपरीत स्वच्छ भारत अभियान से लोगों की अपेक्षाएं जुड़ी हैं क्योंकि यह जातिए संप्रदाय और धर्म से हटकर समाज के सभी वर्गों को शामिल करता है और व्यक्तिगत स्वास्थ्य और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देता है। अब समय आ गया है जब हम आत्म चिंतन करें और इससे किसी न किसी रूप में जुड़ें। हर बार सरकार पर दोष मढ़ने से हमारी गंदगी दूर नहीं होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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