Archive | February, 2015

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के समग्र विकास के लिए वर्ष 2015-16 का विकास एजेण्डा निर्धारित कर जारी किया

Posted on 12 February 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के बहुमुखी विकास के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2015-16 हेतु विकास का एजेण्डा निर्धारित कर दिया है। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को निर्धारित एजेण्डा को पूरी गम्भीरता एवं तत्परता से लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विकास एजेण्डे 2015-16 के मुख्य सूत्र-समावेशी एवं सहभागी विकास, योजनाओं/कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु नवीनतम तकनीक का प्रयोग, प्रभावी व पारदर्शी प्रशासन होंगे। उन्होंने बताया कि पहली बार एजेण्डा तैयार करने में आमजन से प्राप्त सुझावों को अमल में लाया गया है। पिछले वर्ष की चालू प्राथमिकताओं के साथ अनेक नए बिन्दु भी सम्मिलित किए गए हैं। एजेण्डे के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट में आवश्यक प्राविधान भी सुनिश्चित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समावेशी एवं सहभागी विकास से सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का लाभ समाज के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचेगा। साथ ही, समाज के सभी वर्गों व व्यक्तियों को विकास का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि विकास में जब तक आमजन को लाभ और उसकी भागीदारी नहीं होती, तब तक समृद्धि और उन्नति सही मायने में नहीं आएगी। यह सोचकर विकास एजेण्डे में समावेशी एवं सहभागी विकास को मुख्य सूत्र बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने आज अपने सरकारी आवास पर विकास एजेण्डा 2015-16 जारी करने के अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि इस एजेण्डे के फोकस वाले 09 क्षेत्र-उद्योग व अवस्थापना एवं लोक निर्माण, ऊर्जा, मानव संसाधन विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा एवं श्रम, कृषि, ग्राम्य विकास, नगर विकास एवं नगरीय गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ पारदर्शी एवं प्रभावी प्रशासन होंगे। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार के विकास एजेण्डे को निर्धारित करने से पहले यह तय किया गया कि विकास की दिशा क्या हो और विकास कार्यों को कैसे लागू किया जाए ? फिर उन कार्यों के लिए बजट में व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद घोषणा पत्र की घोषणाओं को दो वर्षों में पूरा करने की सबसे बड़ी चुनौती थी, जिसे पूरा करने में सफलता मिली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास एजेण्डे में बिजली, सड़क, बुनियादी सुविधाओं सहित कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालयों को चार लेन से जोड़े जाने का कार्य तेजी से चल रहा है और यह कार्य शीघ्र ही पूर्णता की ओर होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 26 साल से बन रहा बलरामपुर का पुल पूरा किया जा चुका है। इसी प्रकार अन्य नदियों पर भी बनने वाले पुलों को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि महोबा में पहला 10 मेगावाट का सोलर पावर प्लाण्ट संचालित किया जा चुका है। लोहिया आवासों में सोलर पावर से बिजली देने का कार्य किया जा रहा है।
श्री यादव ने कहा कि विकास एजेण्डे में भर्तियों पर विशेष जोर दिया गया है, जिसके अन्तर्गत जहां पुलिस के रिक्त पडे़ उपनिरीक्षकों एवं आरक्षी के पदों के सापेक्ष 4000 उपनिरीक्षक तथा 40000 आरक्षी की भर्ती की जाएगी। साथ ही, ग्राम चैकीदारों तथा जनोपयोगी विभागों में रिक्त पदों को प्राथमिकता पर भरा जाना, बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा, चिकित्सा, प्राविधिक एवं व्यावसायिक शिक्षा में अध्यापकों के रिक्त पदों को भरा जाना, तथा उर्दू अध्यापकों एवं उर्दू अनुवादकों की भर्ती किया जाना भी विकास एजेण्डे में शामिल हैं।
वर्ष 2015-16 के विकास एजेण्डे में गत वर्ष की चालू प्राथमिकताओं के साथ अनेक नए बिन्दुओं को सम्मिलित कर कुल 165 बिन्दु सम्मिलित किए गए हैं। विकास एजेण्डे में सबके विकास के लिए एजेण्डे को सेक्टरवार जैसे-कृषि, ऊर्जा, अवस्थापना सुविधाओं का सृजन, मानव संसाधन विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, नगर विकास एवं ग्राम्य विकास आदि में बांटा गया है। साथ ही, समाज के कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा एवं श्रम तथा प्रशासन तंत्र को कुशल, पारदर्शी एवं प्रभावी बनाए जाने हेतु अभिनव प्रयास सम्मिलित हैं। मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित विभागों से विकास एजेण्डे के तहत निर्धारित समय सीमा में कार्य किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि केन्द्रीय योजनाओं को भी पूरी गुणवत्ता के साथ समय से पूरा किया जाए।
विकास एजेण्डे में नई पहल के अन्तर्गत उद्योग, अवस्थापना एवं लोक निर्माण के क्षेत्र में ट्रांस गंगा परियोजना, संगम सिटी का विकास, नोएडा/ग्रेटर नोएडा में पार्कों की स्थापना होगी। नोएडा/ग्रेटर नोएडा, आगरा, लखनऊ, मथुरा, इटावा (सैफई) में साइकिल ट्रैक बनाए जाएंगे। एम0एस0एम0ई0 पोर्टल विकसित किया जाएगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति तथा एक्सपोर्ट नीति घोषित होगी। प्रदेश में कोर रोड नेटवर्क का सुदृढ़ीकरण एवं चक्रानुसार शत-प्रतिशत मरम्मत की जाएगी। इसके अतिरिक्त, पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु हेरिटेज आर्क का पर्यटन विकास तथा नव निर्मित राजकीय पुरातत्व संग्रहालय कन्नौज का आधुनिकीकरण करते हुए उसे बाल एवं सांइस म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा।
श्री यादव ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ऊर्जा के क्षेत्र में काफी गम्भीरता से कार्य कर रही है। वर्ष 2016-17 में जनपद मुख्यालयों को न्यूनतम 22 घण्टे एवं ग्रामीण क्षेत्रों को न्यूनतम 16 घण्टे की विद्युत आपूर्ति किए जाने की कार्यवाही की जा रही है। ऊर्जा क्षेत्र में हस्तशिल्प एवं हथकरघा उद्योग से जुडे़ कस्बों के लिए अलग फीडर की व्यवस्था कर बेहतर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में सेपरेट फीडर की प्रणाली को विकसित किया जाएगा। सोलर पार्कों के विकास पर विशेष जोर होगा। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के लिए सब्सिडाइज्ड सोलर पैक की व्यवस्था की जायेगी, जिससे बत्ती-पंखा के साथ-साथ कुछ अन्य आवश्यक घरेलू उपकरण भी चल सकें। साथ ही, ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक 8 स्थलों पर सोलर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जाएगी। नेडा का सृदृढ़ीकरण किया जाएगा। चयनित ग्रामों में सौर ऊर्जा आधारित मिनी ग्रिड योजना कार्यान्वित होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मानव संसाधन विकास क्षेत्र में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार हेतु मूल्यांकन एवं अनुश्रवण, शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए लैबोरेटरी एवं आॅनलाईन जर्नल की व्यवस्था, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की प्रयोगशालाओं में सुदृढ़ीकरण, प्रयोगशालाओं का एन0ए0बी0एल0 एक्रेडिटेशन एवं जनसामान्य को खाद्य पदार्थों की विश्लेषण सुविधा उपलब्ध कराए जाने को भी विकास एजेण्डे में सम्मिलित किया गया है। माॅडल स्कूलों में बाउण्ड्रीवाॅल एवं बालिका छात्रावास निर्मित होंगे। मा0 न्यायालयों में शिक्षा सम्बन्धी वादों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत स्टेट एजूकेशन ट्रिब्यूनल का गठन होगा। प्रदेश में 10 नए इण्टर काॅलेज स्थापित होंगे, जिनके लिए एकमुश्त धनराशि की व्यवस्था बजट में की जाएगी। हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर को विश्वविद्यालय में परिवर्तित किया जाएगा। प्रदेश के शासकीय/निजी इंजीनियरिंग काॅलेजों में प्रवेश हेतु काउन्सिलिंग प्रक्रिया तथा उ0प्र0 प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ में काॅलेजों की सम्बद्धता को सरल बनाते हुए इसकी आॅनलाइन व्यवस्था शैक्षिक सत्र 2015-16 से प्रारम्भ की जाएगी।
राज्य सरकार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधारों को प्राथमिकता दे रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में निर्माण कार्यों की समीक्षा के लिए वेब आधारित प्रणाली को विकसित करने, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख इंडिकेटरों यथा संस्थागत प्रसव, पूर्ण प्रतिरक्षण एवं आधुनिक गर्भ निरोधक तकनीकों/विधियों के प्रयोग में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर सुधार करने के बिन्दु भी शामिल हैं। साथ ही, प्रत्येक जनपद में आधुनिक माॅर्चुअरी/पोस्टमार्टम हाउस का निर्माण किया जाना तथा लखनऊ में उच्चस्तरीय कैंसर संस्थान के अतिरिक्त इलाहाबाद के कमला नेहरु अस्पताल में राज्य कैंसर संस्थान का निर्माण कर उसे क्रियाशील किया जाएगा तथा संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर एवं मेडिकल काॅलेज, झांसी में टर्शरी केयर कैंसर केन्द्र भी क्रियाशील होंगे। भारत सरकार के राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश स्तर के आयुष मिशन को संचालित किया जाएगा।
सामाजिक सुरक्षा एवं श्रम क्षेत्र में महिलाओं हेतु रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष की स्थापना, रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार एवं रानी लक्ष्मीबाई आशा ज्योति केन्द्रों की स्थापना किए जाने के साथ ही, प्रदेश के बेरोजगारों के लिए इम्प्लाॅयमेन्ट पोर्टल विकसित किया जायेगा। राजकीय कार्यालयों, संस्थानों एवं नगरीय निकायों के भवनों को डिसेबेल्ड फ्रेण्डली बनाया जाएगा। श्रम कानूनों में सुधार व सरलीकरण होगा।
कृषि क्षेत्र में पारदर्शी किसान योजना तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्राॅप डाईवर्सीफिकेशन योजना को नई पहल के तहत सम्मिलित किया गया है। खाद्यान्न उत्पादन में प्रजाति प्रतिस्थापन दर में वृद्धि होगी। एकीकृत बागवानी विकास मिशन की स्थापना होगी। जैव प्रौद्योगिकी नीति-2014 का निर्धारण एवं नीति के आधार पर जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रदेश का विकास सुनिश्चित किया जाएगा। इसी प्रकार, ग्राम्य विकास क्षेत्र में प्रदेश के ब्लाॅकों की भौतिक अवस्थापनाओं को आमजन के हिसाब से बेहतर किया जाएगा। सौर ऊर्जा के आधार पर ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल की व्यवस्था होगी।
नगर विकास एवं नगरीय गरीब उन्मूलन क्षेत्र में अफोर्डेबेल हाउसिंग नीति के अन्तर्गत समाजवादी आवास योजना का प्रभावी कार्यान्वयन होगा। महानगरों में सड़कों पर रहने वाले निराश्रितों के लिए आवासीय सुविधा की व्यवस्था की जाएगी। लखनऊ में गोमती नदी, गढ़मुक्तेश्वर में गंगा नदी तथा वाराणसी में वरुणा नदी का तटीय विकास होगा। पारदर्शी एवं प्रभावी प्रशासन के तहत कर एवं निबन्धन की जनोपयोगी व्यवस्थाओं का पी0पी0पी0 आधार पर आधुनिकीकरण किया जाएगा।
विकास एजेण्डे के अनुसार शहरी गरीबों को आवासीय सुविधा एवं ग्राम्य स्तरीय अधिकारियों को टेबलेट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं स्टेट क्लीन एवं ग्रीन मिशन, आधार कार्ड हेतु नामांकन एवं चयनित केेन्द्र पोषित योजनाओं के लाभार्थियों का डिजिटाइजेशन तथा आधार कार्ड के साथ लिंकेज का प्रभावी अनुश्रवण किया जाना, जनसमुदाय/हित धारकों को सम्मिलित करते हुए विभिन्न कार्यक्रमों की गुणवत्ता जांचने हेतु स्वतंत्र एजेन्सियों का पैनल बनाया जाना, प्रदेश की तहसीलों/थानों की भौतिक अवस्थापनाओं को आमजन के हिसाब से बेहतर किया जाना, सी0सी0टी0एन0एस0 योजना को पूर्ण रूप से प्रदेश के सभी थानों में क्रियाशील किया जाना जैसे अनेक नए बिन्दुओं को एजेण्डे में सम्मिलित किया गया है।
एजेण्डे में नई पहल के बिन्दुओं के अतिरिक्त विगत वर्ष के चालू बिन्दुओं जैसे-उ0प्र0 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2012 का प्रभावी कार्यान्वयन, सोलर फोटोवोल्टेइक इरीगेशन पम्पों की स्थापना, कामधेनु डेयरी इकाईयों की ब्याज-मुक्त ऋण योजना, जनपद औरैया में प्लास्टिक सिटी परियोजना का कार्यान्वयन तथा उद्योगों की स्थापना, कौशल विकास मिशन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, समाजवादी पेंशन योजना, लोहिया ग्रामीण आवास योजना, डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना, चक गंजरिया फार्म की भूमि पर सी0जी0 सिटी तथा अन्य योजनाओं, लखनऊ में मेट्रो रेल परियोजना, राजस्व न्यायालयों का कम्प्यूटरीकरण एवं प्रत्येक जनपद में विभिन्न स्थानों पर हरित पट्टी के विकास हेतु वृक्षारोपण आदि को एजेण्डे में सम्मिलित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के समय में राज्य विकास के पथ पर आगे बढ़ा है तथा जनता को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में राज्य सरकार के प्रयास लगातार जारी हैं। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में निर्धारित एजेण्डों में गम्भीरता से कार्यवाही करने के उत्साहवर्धक परिणाम मिले हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य सरकार ने लखनऊ में मेट्रो रेल की स्थापना का निर्णय लिया और इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। तीव्रगामी सड़क परिवहन की आवश्यकता के मद्देनजर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर भी कार्य तेजी से शुरु हो चुका है। जिला मुख्यालयों को चार लेन से जोड़ा जा रहा है। राज्य सरकार ने पारदर्शी तरीके से ऐसी योजनाएं बनाई हैं, जिनका बड़े पैमाने पर लाभ समाज के कमजोर वर्गों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, बच्चों, नौजवानों और किसानों को प्राप्त होगा।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने उत्तर प्रदेश के विकास एजेण्डा वर्ष 2015-16 का प्रस्तुतिकरण करते हुए इसकी खास बातों की जानकारी दी।
इस मौके पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती अनीता सिंह, प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय अग्रवाल, प्रमुख सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन श्री रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, सूचना निदेशक श्री आशुतोष निरंजन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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प्रदेश में विभिन्न औद्योगिक एवं शासकीय संस्थाओं हेतु भरे जा रहे पदों हेतु निर्धारित अनिवार्य शैक्षिक योग्यता एवं अनुभव के साथ-साथ कौशल विकास मिशन के द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रमाण पत्र धारक युवाओं को चयन में प्राथमिकता दिये जाने हेतु आवश्यक आदेश प्राथमिकता से निर्गत कराये जायं: मुख्य सचिव

Posted on 12 February 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में विभिन्न औद्योगिक एवं शासकीय संस्थाओं हेतु भरे जा रहे पदों हेतु निर्धारित अनिवार्य शैक्षिक योग्यता एवं अनुभव के साथ-साथ कौशल विकास मिशन के द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रमाण पत्र धारक युवाओं को चयन में प्राथमिकता दिये जाने हेतु आवश्यक आदेश प्राथमिकता से निर्गत कराये जायं। उन्होंने कहा कि विभिन्न औद्योगिक एवं शासकीय संस्थाओं द्वारा भर्ती के सम्बन्ध में प्रकाशित किये जाने वाले विज्ञापनों में भी कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रमाण पत्र धारक अभ्यर्थियों को चयन में प्राथमिकता दिये जाने का उल्लेख किया जाय। उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्थाओं एवं पंजीकृत ठेकेदारों द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यरत श्रमिकों को उनकी योग्यता के अनुसार तकनीकी प्रशिक्षण दिलाये जाने का परीक्षण कर उन्हें श्रेणीबद्ध किया जाय। उन्होंने कहा कि कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत संचालित योजनाओं के सम्बन्धित विभागों से कम से कम एक-एक अधिकारी कौशल विकास मिशन से सम्बद्ध अथवा प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया जाय। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में विभिन्न योजनाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत 04 लाख 26 हजार युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य प्रस्तावित किया गया है।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अन्तर्गत गठित राज्य संचालन समिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आगामी मार्च, 2017 तक 14 से 35 आयु वर्ग के लगभग 24 लाख युवाओं को उद्योगों की मांग के अनुरूप कोर्सेज में प्रशिक्षित करते हुए उन्हें रोजगार प्राप्त करने में हर सम्भव सहायता दिलाई जाय। उन्होंने बताया कि इनमें महिलाओं, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, शारीरिक रूप से अक्षम और कम पढ़े-लिखे लोगों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि समस्त जिलाधिकारी जनपद में स्थापित डी0पी0एम0यू0 के माध्यम से निर्गत मार्गदर्शी सिद्धान्तों के अनुरूप कार्य करते हुए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के लक्ष्य को पूर्ण करने में अपना सक्रिय योगदान प्रदान करना सुनिश्चित करें।
श्री रंजन ने कहा कि जिलाधिकारी प्रशिक्षण प्रदाताओं और डी0पी0एम0यू0 के साथ प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में बैठक अवश्य आयोजित कर योजना की प्रगति, यथा-जनपद को आवंटित योजनावार प्रशिक्षण, प्रदातावार प्रशिक्षण, लक्ष्यों के सापेक्ष प्रगति की समीक्षा, प्रशिक्षण प्रदाता द्वारा जनपदवार निर्धारित सेन्टर व बैच बनाने की प्रगति की समीक्षा और रोजगार प्रगति आदि की समीक्षा करते हुए प्रत्येक माह की 10 तारीख तक मिशन कार्यालय को आख्या प्रेषित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यदि जनपद स्तर पर प्रशिक्षण प्रदाता या डी0पी0एम0यू0 द्वारा लक्ष्यों की प्राप्ति में शिथिलता पाई जाय  तो सम्बन्धित जिलाधिकारियों को मिशन के माध्यम से कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करनी होगी।  उन्होंने कहा कि इस बात का अवश्य ध्यान रखा जाय कि उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षणार्थियों को सेक्टर्स/कोर्सेज में प्रशिक्षण दिलाया जाय। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित जिलाधिकारी अपने जनपद में स्थित उद्योगों की मांग के अनुरूप कोर्सेज का चयन करते हुए उपलब्ध प्रशिक्षण प्रदाताओं के माध्यम से उक्त कोर्सेज में जनपद में प्रशिक्षण प्राप्त कराना सुनिश्चित करायें।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री वी0एन गर्ग, सचिव व्यावसायिक शिक्षा श्री भुवनेश कुमार, मिशन निदेशक श्रीमती रितु महेश्वरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के नवनियुक्त प्रान्तीय पदाधिकारियों की प्रथम बैठक प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय में प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 निर्मल खत्री की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

Posted on 12 February 2015 by admin

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के नवनियुक्त प्रान्तीय पदाधिकारियों की प्रथम बैठक प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय में प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 निर्मल खत्री की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय कंाग्रेस कमेटी के महासचिव-प्रभारी उ0प्र0 श्री मधुसूदन मिस्त्री, सांसद मौजूद रहे।
बैठक के उपरान्त मौजूद पत्रकार साथियों से बात करते हुए अ0भा0 कंाग्रेस कमेटी के महासचिव-प्रभारी उ0प्र0 श्री मधुसूदन मिस्त्री, सांसद ने कहा कि सभी पदाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में अविलम्ब जाकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए सदस्यता अभियान को गति देने तथा 12मार्च को होने वाले रेल रोको तथा चक्का जाम कार्यक्रम की रणनीति तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया है। श्री मिस्त्री ने मोदी को जुमलाबाज प्रधानमंत्री बताया और कहा कि अब बजट आने दीजिए, किस तरह मंहगाई बढ़ती है। उन्होने कहा कि यह पूंजीपतियों की सरकार है और पूंजीपतियों के हितों में काम कर रही है जिन पूंजीपतियों ने इन पर पैसा लगाया था अब इन पर वापसी का दबाव बना रहे हैं और भूमि अधिग्रहण अध्यादेश और यूरिया के बढ़े हुए दाम जैसे जनविरोधी निर्णयों को सरकार से करवा रहे हैं। पेट्रोलियम पदार्थों का जितना लाभ उपभोक्ता को मिलना चाहिए आज नहीं मिल रहा है केन्द्र सरकार एक्साइज ड्यूटी के नाम पर अपनी तिजोरी भर रही है।
बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डा0 निर्मल खत्री ने कहा कि सभी पदाधिकारियों के काम का बंटवारा घोषित कर दिया गया है। डाॅ0 खत्री ने बैठक में उन तमाम बिन्दुओं को रेखांकित किया जिन पर प्रदेश कंाग्रेस द्वारा केन्द्र एवं राज्य सरकार के खिलाफ आन्दोलन चलाना है। उन्होने कहा कि उ0प्र0 की जनता के लिए मोदी, मुलायम और मायावती तीनों हानिकारक तथा जनविरोधी साबित हुए हैं। अब वक्त आ गया है जब हमें केन्द्र सरकार की वादाखिलाफी और चुनाव की घेाषणाओं पर अमल न करने, किसान विरोधी अध्यादेश लाने आदि सवालों पर मजबूती से संघर्ष करना है। उन्होने कहा कि प्रदेश की सरकार में आज कानून व्यवस्था पूरी तरह चैपट है। महिलाओं की इज्जत सुरक्षित नहीं रह गयी है। हत्या, लूट एवं बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। प्रदेश सरकार की साख पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। चारों तरफ लूट का राज चल रहा है। जिन मुद्दों को विशेष रूप से इस आन्दोलन में उठाया जायेगा उसके बिन्दु संलग्न हैं।
बैठक में अखिल भारतीय कंाग्रेस कमेटी के सचिव-सहप्रभारी उ0प्र0 श्री जुबेर खान, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता श्री प्रदीप माथुर, कांग्रेस विधान परिषद दल के नेता श्री नसीब पठान सहित प्रदेश कांग्रेस के लगभग सभी पदाधिकारीगण मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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प्रधानमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया

Posted on 12 February 2015 by admin

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया है।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहाए श्श्पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करता हूं। उनके अंत्योदय और एकात्म मानववाद के आदर्श हमारा सदैव मार्गदर्शन करते रहेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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भारत को कृमि मुक्त। बनाने के लिए नई डी.वॉर्मिंग योजना की शुरूआत

Posted on 12 February 2015 by admin

राष्ट्री य डी.वॉर्मिंग दिवस 10 फरवरीए 2015 को मनाया जायेगा। इस संदर्भ में स्वा्स्य्ा   एवं परिवार कल्यायण मंत्रालय ने 9 फरवरी 2015 को जयपुर में राष्ट्री य डी.वॉर्मिंग पहल की शुरूआत की।
डी.वॉर्मिंग
मानव और पशुओं को राउंड वॉर्मए हुक वॉर्मए फ्लूक और टेप वॉर्म जैसे परजीवी कृमियों से बचाने के लिए एंटी हेलमिंटिक दवा दी जाती है। स्कूॉली बच्चोंू के सामूहिक डी.वॉर्मिंग अभियान के तहत हेलमिनथिएसिस की रोकथाम और उपचार के लिए इस दवा का इस्तेूमाल किया जाता है। इसमें मिट्टी के संपर्क से पैदा होने वाला हेलमिनथिएसिस भी शामिल है। बच्चोंा का उपचार मेबेनडेजॉल और एलबेनडेजॉल से किया जा सकता है। एलबेनडेजॉल की एक गोली से बच्चोंज को परजीवी कृमियों से बचाया जा सकता हैए जो बच्चेॉ की आंतों में रहते हैं और मानसिक स्वा्स्य्न   तथा शारीरिक विकास के लिए आवश्याक पोषण तत्वों  को अपना आहार बनाते हैं। यह गोली संक्रमित और गैर संक्रमित बच्चों  के लिए सुरक्षित है तथा इसका स्वा द बहुत अच्छा  है।
हेलमिंथ्सऔ
यह परजीवियों का एक समूह है जिन्हें  कृमि के रूप में जाना जाता है। इनमें सिस्टोथसोम्सव और मिट्टी के संपर्क से पैदा होने वाले हेलमिंथ्सज शामिल हैं। यह संक्रमण विकासशील देशों के आम संक्रमणों में से एक है। मामूली संक्रमण पर प्रायरू ध्याहन नहीं जाताए लेकिन गंभीर कृमि संक्रमण होने पर पेट में दर्दए कमजोरीए आयरन की कमी से पैदा होने वाली रक्तन अल्पंताए कुपोषणए शारीरिक विकास का रुकना आदि जैसे गंभीर रोग हो सकते हैं। संक्रमणों के कारण मानसिक कमजोरी हो सकती है तथा ऊतकों का नुकसान भी संभावित हैए जिसके लिए शल्या चिकित्साी आवश्यसक होती है।
विश्व  स्वामस्य्ी   संगठन की सिफारिशें
कृमि संक्रमण को कम करने के लिए महामारी क्षेत्रों में रहने वाले स्कूंल जाने की आयु वाले बच्चोंं के इलाज के लिए विश्वर स्वाेस्य् स  संगठन ने समय आधारित औषध उपचार की सिफारिश की है। संगठन का कहना है कि पूरी दुनिया में स्कू्ल जाने की आयु वाले संक्रमित बच्चों  की संख्या  लगभग 600 मिलियन हैए जिनकी डी.वॉर्मिंग करने से स्कूंलों में उनकी उपस्थिति बढ़ेगीए उनका स्वागस्य्ै   ठीक होगा और वे सक्रिय होंगे। अधिकतर प्रकार के कृमि मुंह से लेने वाली दवा से मर जाते हैं। यह दवा बहुत सस्तीन है और उसकी एक ही डोज दी जाती है।
इस तरह देखा जाये तो डी.वॉर्मिंग उपचार कठिन और महंगा नहीं है। इसे स्कू लों के जरिए आसानी से किया जा सकता है और उपचार के बाद बच्चों  को बहुत फायदा होता है। पूरी दुनिया में अभी भी हजारोंए लाखों बच्चेच ऐसे हैं जिन्हें  कृमि संक्रमण का जोखिम है। इनके उपचार के लिए स्कू ल आधारित डी.वॉर्मिंग उपचार की नीति बनाई जानी चाहिए ताकि स्वा स्य्इन ए शिक्षा और विकास में तेजी आ सके।
सरकार की पहलें
राष्ट्री य ग्रामीण स्वा।स्य्बच  मिशन के तहत स्कूल स्वाास्य्खि  कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कार्यक्रम में यह प्रावधान किया गया है कि वर्ष में दो बार निर्धारित अवधि में राष्ट्रीसय दिशा निर्देशों के आधार पर डी.वॉर्मिंग की जायेगी। बिहार में विश्वत की सबसे बड़ी स्कूील आधारित डी.वॉर्मिंग पहल की शुरूआत की गई थी। दिल्लीी सरकार ने भी इसी तरह के अभियान चलाये थे। विश्व‍ स्वाकस्य्ई   संगठन के आंकड़ों के अनुसार 1 से 14 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 24 करोड़ बच्चों  को आंतों में पलने वाले परजीवी कृमियों से प्रभावित होने का जोखिम है।
नई योजना के तहत एक से 19 वर्ष की आयु वर्ग के स्कूसल पूर्व और स्कूआली आयु के बच्चोंम ;पंजीकृत और गैर पंजीकृतद्ध के डी.वॉर्मिंग करने का स्वा स्य्र्  मंत्रालय ने लक्ष्य् निर्धारित किया है। पहले चरण के दौरान असमए बिहारए छत्तीरसगढ़ए दादर एवं नागर हवेलीए हरियाणाए कर्नाटकए महाराष्ट्रतए मध्य  प्रदेशए राजस्थावनए तमिलनाडु और त्रिपुरा जैसे 11 राज्यों ध्केंद्रशासित प्रदेशों के 14 करोड़ बच्चों  को रखा गया है। दूसरे चरण के दायरे में लगभग 10 करोड़ बच्चों  को रखा गया है। 10 फरवरी 2015 को राष्ट्रीेय डी.वॉर्मिंग दिवस पर पहले चरण की शुरूआत की जायेगी। इसके तहत सभी लक्षित बच्चों  को एलबेनडेजॉल की गोलियां दी जायेगी। तदनुसार एक से दो वर्ष के बच्चों  को इसकी आधी गोली और 2 से 19 वर्ष के बच्चोंि को इसकी पूरी गोली खिलाई जायेगी। जो बच्चेष बच जायेंगे उन्हें  14 फरवरी 2015 तक इसके दायरे में लाकर डी.वॉर्म किया जायेगा।
स्वामस्य्ं   मंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत को पोलियो मुक्तो करने के बाद अब बच्चोंई में व्यााप्ते आंत में पलने वाले परजीवी कृमियों का इलाज करके देश को कृमि मुक्त  भी बनाया जायेगा।  उन्होंंने स्कूउली अध्या पकों सहित सभी सांसदोंए विधायकोंए स्थायनीय निकायों के प्रतिनिधियोंए आशा और आंगनवाड़ी कर्मियों का आह्वान किया कि वे एकजुट होकर सरकार के इस अभियान का समर्थन करें ताकि भारत को कृमि मुक्तो देश बनाया जा सके।
इस पहल के लिए जरूरी है कि इसके साथ स्वतच्छतता और स्वाटस्य्र   में सुधार किया जाये तथा सुरक्षित पेयजल को उपलब्धू कराया जाये ताकि कृमि का जोखिम कम हो सके। इसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालयए मानव संसाधन विकास मंत्रालयए पंचायती राज मंत्रालय और जल एवं स्व च्छमता मंत्रालय की सक्रिय भागीदारी और साझेदारी आवश्यकक है। आशा की जाती है कि डी.वॉर्मिंग पहल से प्रधानमंत्री के स्व च्छआ भारत के स्विप्नध को पूरा किया जा सकता है।
इस छोटी परंतु आजमाई हुई पहल का स्वा स्य्री ए शिक्षा और विकास जैसे विभिन्न् क्षेत्रों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
’डॉण् एचण् आरण् केश्वगमूर्तिए पत्र सूचना कार्यालयए कोलकाता में निदेशक हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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भारत को सशक्त बनानेए लोकतांत्रिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री का तरीका है.. कथनी को करनी में बदलनाए स्वतंत्रता दिवस से लेकर गणतंत्र दिवस तकए लक्ष्य प्राप्ति की ओर भारत

Posted on 12 February 2015 by admin

अगस्त 2014 में प्रधानमंत्री ने तीन योजनाएंए स्वच्छ भारत मिशनए राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन और प्रधानमंत्री जनधन योजना की घोषणा करते हुए भागीदारी विकास के जरिए राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में प्रत्येक नागरिक को शामिल करने के अपने मिशन की शुरूआत की जिससे देश के सामाजिकए आर्थिक और राजनैतिक स्वरूप में नई जान डाली जा सके। स्वच्छ भारत मिशन से न केवल स्वच्छ भारत का निर्माण होगा बल्कि एक ऐसा भारत बनेगा जहां शिक्षितए स्वस्थए खुशहाल आबादी रहेगी। प्रधानमंत्री जनधन योजना से हर व्यक्ति को देश में बैंकिंग नेटवर्क से जुड़ने का अवसर मिला और वह एक पारदर्शी तंत्र के जरिए सरकार की कल्याणकारी योजना का सक्रिय लाभांवित बना। राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन भारत में ऐसा बदलाव लाएगा जिससे यहां लोगों को डिजिटल जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्तए 2014 को प्रधानमंत्री द्वारा घोषित प्रधानमंत्री जनधन योजना देश के सभी परिवारों के लिए विस्तृत वित्तीय समावेशन संबंधी मिशन है। इसने प्रत्येक परिवार को कम से कम एक बैंकिंग खाते की सुविधा प्रदान करने के साथ.साथ वित्तीय साक्षरताए ऋण तक पहुंचए बीमा और पेंशन की सुविधा दी है। साथ ही लाभांवितों को रूपे डेबिट कार्ड मिलेगा जिसमें उन्हें एक लाख रूपये का दुर्घटना बीमा दिया जाएगा। इस योजना में सभी सरकारी लाभों ;केन्द्रध्राज्यध्स्थानीय संगठनद्ध को लाभांवितों के खातों तक पहुंचाना और केन्द्र सरकार की प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना को आगे बढ़ाना है। 14 जनवरीए 2015 तक 21ण्05 करोड़ परिवारों में से 20ण्99 परिवारों को इसमें शामिल किया जा चुका था जो 99ण् 74 प्रतिशत है। अब तक कुल 11ण्50 खाते खोले जा चुके हैं इनमें से 6ण्84 करोड़ ग्रामीण इलाकों और 4ण्66 करोड़ शहरी इलाकों में खोले गए हैं। 17 जनवरीए 2015 तक 10 करोड़ रूपये डेबिट कार्ड जारी किए जा चुके थे। आधार कार्ड धारकों को लाभ का प्रत्यक्ष हस्तांतरण शुरू किया जा चुका है।
राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन के अंतर्गत आम आदमी अपने मोबाइल फोन के जरिए सरकार के कार्यों पर नज़र रख सकेगा। डिजिटल इंडिया एक अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जो डिजिटल बुनियादी ढांचे को तैयार करके उसका लाभ प्रत्येक व्यक्तिए शासन और सेवा तक पहुंचाकर लोगों को सशक्त बनाएगा। ई.गवर्नेंस सुशासन की विशेषता है। अगले तीन वर्षों में करीब सात लाख किलोमीटर ऑपटिकल फाइबर केबल बिछाकर 2ण्5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ने के लिए कदम उठाए गए हैं।
जहां तक प्रधानमंत्री द्वारा 2 अक्टूबर को शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन का प्रश्न है इसे चौतरफा स्वच्छता हासिल करने के प्रयास के रूप में और सफाई पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए शुरू किया गया है जो प्रत्येक मनुष्य की मौलिक आवश्यकता है। स्वच्छ भारत मिशन के दो उप.मिशन हैंकृ स्वच्छ भारत मिशन ;ग्रामीणद्ध और स्वच्छ भारत मिशन ;शहरीद्ध जिसका उद्देश्य 2019 तक स्वच्छ भारत बनाना है जो महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें सच्ची श्रृद्धांजलि होगा। ग्रामीण इलाकों में इसका अर्थ ठोस और तरल कचरा प्रबंधन गतिविधियों के जरिए ग्रामीण इलाकों में सफाई का स्तर सुधारना और ग्राम पंचायतो को खुले में शौच से मुक्ति दिलानाए सफाई और स्वच्छता है। स्वच्छ भारत मिशन ;ग्रामीणद्ध का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में स्वच्छताए स्वास्थ्य देखभालए खुले में शौच बंद कराने को बढ़ावा देकर जीवन की गुणवत्ता में सुधार करनाय 2 अक्टूबर 2019 तक स्वच्छ भारत के विज़न को हासिल करने के लिए ग्रामीण भारत में स्वच्छता में तेजी लानाय जागरूकता पैदा करके और स्वास्थ्य शिक्षा के जरिए निरंतर स्वच्छता की आदत और सुविधा को अपनाकर समुदाय और पंचायती राज संसाधनों को प्रेरित करनाय पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित और स्वच्छता और विकास के लिए सस्ती और उचित प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करना तथा वैज्ञानिक ठोस और तरल कचरा प्रबंधन प्रणाली पर ध्यान केन्द्रित कर स्वच्छता प्रणाली विकसित करना ताकि ग्रामीण इलाकों में सम्पूर्ण स्वच्छता कायम हो सके।
स्वच्छ भारत मिशन की एक शाखा स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम है जो क्लीन इंडिया क्लीन स्कूल की अवधारणा का प्रसार करता है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत के प्रत्येक स्कूल में पानीए स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं सुनिश्चित करना है और ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देना है जो जिनसे स्कूल में पानीए स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद मिले। स्कूल में पानीए स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के प्रावधान से स्वस्थ माहौल बनता है और बच्चों का बीमारियों से बचाव होता है। स्वस्थ और अच्छे पोषित बच्चे स्कूल में पूरी तरह शामिल हो सकते हैं और आने वाली वयस्क पीढ़ियों को स्वस्थ माहौल के लिए प्रेरित कर सकते हैं। यह प्रत्येक बच्चे को परिवर्तन का एजेंट बना सकता है। विशेष रूप से लड़कियां बीच में ही पढ़ाई छोड़ देती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इनमें से अधिकांश इसलिए स्कूल नहीं आना चाहती क्योंकि उन्हें शौचालय की सुविधा निजीए सुरक्षित नहीं मिलती। जब स्कूलों में लड़के.लड़कियों के लिए अलग.अलग सुविधा होगी तो इस समस्या को दूर किया जा सकता है।
स्वच्छता स्वस्थ और सभ्य समाज का आधार है। इसे मानव विकास के एक घटक के रूप में स्वीकार किया गया है। स्वच्छता संबंधी सुविधाओं के आभाव में जल जनित बीमारियां उत्पन्न होती है। जो लोग खुले में शौच करते हैं और सिर में मैला ढोने वाली प्रथा से जुड़े हैं उन्हें स्वास्थ्य संबंधी खतरों का सामना करना पड़ता है। सिर पर मैला ढोने वालों को सफाई कर्मचारी कहा गया है जो समाज के निचले स्तर से आते हैं। स्वच्छ भारत मिशन एक ऐसी स्थिति तैयार करेगा जहां इस पुरानी प्रथा को समाप्त किया जा सकेगा और इस कार्य में लगे लोगों को सम्मान जनक तरीके से फिर से बसाया जाएगा। इस सरल और क्रांतिकारी कदम के अन्य फायदों में बीमारियों पर होने वाले खर्च में कमी और उनकी रोकथाम में मदद मिलना है और विकास संबंधी गतिविधियों पर बचत का इस्तेमाल किया जा सकेगा और स्वच्छता उद्योगए पर्यटन क्षेत्र आदि में रोजगार सृजित किया जा सके। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और विदेशी पर्यटकों की नज़रों में सम्मान मिलेगा।
हालांकि प्रधानमंत्री की पहल की देश के अंदर और बाहर व्यापक स्तर पर सराहना हुई है। उम्मीद है कि विश्व बैंक व्यापक वित्तीय सहायता देगा। निश्चित तौर पर पूर्व की सरकारों ने स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए अनेक योजनाएंध्कार्यक्रम शुरू किएए लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे शीर्ष प्राथमिकता दी और प्रधानमंत्री ने स्वयं खुद झाडु उठाकर भारत को स्वच्छ और समृद्ध बनाने की चाह प्रकट की। ऐसा करके उन्होंने श्रमिकों का सम्मानए आत्मनिर्भरता और लोगों की भागीदारी करना सिखाया। प्रधानमंत्री के नकशे कदम पर चलते हुए इन दिनों हम देख सकते हैं कि अनेक लोग बड़े गर्व के साथ अपने रहने की जगह की सफाई कर रहे हैं अथवा सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता अभियान में हिस्सा ले रहे हैं। महात्मा गांधी ने स्वच्छता का महत्व बताया था उन्होंने कहा था ष्ष्स्वच्छता आजादी से अधिक महत्वपूर्ण हैं। मैं किसी को भी गंदे पांव से चलते हुए देखने के बारे में नहीं सोच सकताष्ष्।
अंत में हमें यह समझना होगा कि नागरिकों का छोटे से छोटा योगदान ऐसा कार्य करेगा जिससे शांतिपूर्णए समृद्ध और स्वस्थ आधुनिक भारत का निर्माण होगा। अन्य अभियानों के विपरीत स्वच्छ भारत अभियान से लोगों की अपेक्षाएं जुड़ी हैं क्योंकि यह जातिए संप्रदाय और धर्म से हटकर समाज के सभी वर्गों को शामिल करता है और व्यक्तिगत स्वास्थ्य और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देता है। अब समय आ गया है जब हम आत्म चिंतन करें और इससे किसी न किसी रूप में जुड़ें। हर बार सरकार पर दोष मढ़ने से हमारी गंदगी दूर नहीं होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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हलफनामों के उन्मूलन और स्वप्रमाणीकरण की तरफ

Posted on 12 February 2015 by admin

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभागए ;डीएआरपीजीद्ध प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने और शासन को नागरिक केन्द्रित बनाने के लिए प्रयासरत है। इस संदर्भ में केंद्रीय मंत्रालयोंध्विभागों और राज्योंध्संघ शासित क्षेत्रों से राजपत्रित अधिकारियों द्वारा सत्यापित किए जाने वाले दस्तावेजों या विभिन्न तरह के हलफनामों की जरूरतों परए जहां तक संभव होए चरणबद्ध तरीके से पुर्नविचार करने का अनुरोध किया गया है। इस प्रकार इसे स्व.प्रमाणीकरण द्वारा प्रतिस्थापित करने का विचार है।
इस प्रकार विभाग के लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप चौबीस राज्य सरकारेंध्संघ शासित प्रदेश और 41 मंत्रालय और विभागों ने ये दावा किया है कि उन्होने इस मामले में कार्यवाही शुरू कर दी है।

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभागए और संयुक्त राष्ट्रसंघ विकास कार्यक्रम का संयुक्त परियोजना कार्यकम श्लोक प्रशासन एवं शासन के सशक्तिकरणश् की पहल
;पद्ध      प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभागए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के साथ मिलकर श्लोक प्रशासन एवं शासन का सशक्तिकरणश् के नाम से एक संयुक्त कार्यक्रम को लागू करने जा रहा है जिसका अवधि 2013 से 2017 तक होगा। इस कार्यक्रम को देश कार्यक्रम कार्रवाई योजना के अंतर्गत शुरू किया जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य निम्नलिखित विकासपरक चुनौतियों को खत्म करना है।
;ंद्ध               बदलता माहौलए लोगों की बढ़ती आकांक्षाएंए ज्यादा से ज्यादा जवाबदेही और बेहतर दक्षता की मांग और सरकार की बदलती भूमिका इस बात की जरूरत पर बल दे रही है कि देश में तेजी से हो रहे विकास के अनुरूप ही प्रशासनिक सुधार भी किए जाएं। इसके साथ ही इस बात की जरूरत भी महसूस की जा रही है कि नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाए तथा व्यापार प्रक्रिया और प्रबंधन पर पुर्नविचार किया जाए।
;इद्ध               यद्दपि भारतीय राज्य तथा जिला प्रशासनों ने इस दिशा में अभिनव कदम उठाए हैं और लोक सेवा निष्पादन तथा लोक प्रशासन में आईसीटी और ई.गवर्नेंस के उपयोग के माध्यम से सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू किया हैए तथापि  इन अनुभवों को एक व्यवस्थित तरीके से दर्ज़ नहीं किया गया है। नतीजतनए इन अनुभवों से अन्य राज्य फायदा उठाने की स्थिति में नहीं होते हैं।
;बद्ध                वर्तमान में शायद की कोई ऐसा विश्लेषणात्मक अध्ययन है जो लचर सेवा निष्पादन की वजहों को बताता होए जिनकी वजह से आज विकास के कार्यों में रूकावट पैदा होती है और हाशिए के लोगों के सामाजिक सूचकांक स्थिर बने हुए हैं। इसी तरह इस बात का भी कोई दस्तावेजीकरण या विश्लेषण नहीं किया गया है जिनसे ये पता चल सके कि क्यों वे प्रथाएँ गायब हो गईं या धीरे धीरे खत्म हो गईं जिन्हें कुछ वर्ष पूर्व तक बेहतर समझा जाता था या जिन्हें अच्छी प्रथाओं का ईनाम मिला था।

ं.      उपर वर्णित चुनौतियों और कमियों के समाधान के लिए यह परियोजना  निम्नलिखित रणनीति को अमल में लाना चाहती हैः
ऽ        लोगों के दृष्टिकोण में परिवर्तन का प्रयास और लोगों को जागरूकता एवं अन्य माध्यमों से निर्णय प्रक्रिया में पहुंच बनाने को प्रेरित करना।
ऽ        राष्ट्रीय मूल्यांकनए योजनाओंए नीतियां बनाने और बजट के मार्फत नीतियोंए योजनाओंए बजट और विधायी प्रक्रियाओं में बदलाव
ऽ        समावेशी विकास कार्यक्रमों के जरिए व्यक्तियों और समुदायों के जीवन में परिवर्तन।

इ.     इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपनाई जाने वाली विशेष रणनीतियां इस प्रकार हैः
ऽ        सरकारी कार्यक्रमों के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अंतरक्षेत्रीय अध्ययन ताकि नतीजों को बेहतर बनाया जा सके और ऐसे उपायों को सुझाया जा सके जिनसे विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र समर्थित कार्यक्रमों के लक्ष्यों को पाया जा सके।
ऽ        लोक प्रशासन और शासन के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकारों और भारत सरकार के पास सर्वोत्तम प्रमाणित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रथाएं उपलब्ध हैं।
ऽ        राज्य के अंदर एवं अन्य राज्यों में अच्छी प्रथाओं का अनुपालन
ऽ        ई.शासन और एम.शासन जैसी रचनात्मक पहलों का प्रदर्शन ताकि लोक प्रशासन और प्रबंधन की दक्षता को बेहतर बनाया जा सके।

ब.      इस परियोजना के परिणामस्वरूप संस्थाओंए व्यक्तियों और व्यवस्था की क्षमता में हासिल होने वाले संभावित सुधार निम्नलिखित हैः
ऽ        लोक प्रशासन और शासन के लिए जिम्मेदार लोगों और संस्थाओं की क्षमताओं में सुधार
ऽ        सरकारी योजनाओँ के सेवा निष्पादन में सफलता और असफलता के कारणों के बारे में प्रशासकों की गहरी समझ को विकसित करना।
ऽ        वैश्विक स्तर के साथ ही दक्षिण.दक्षिण संदर्भ में लोक प्रशासन के क्षेत्र में अधिकाधिक सहयोग
;टद्ध     इस परियोजना के एक हिस्से के तौर पर दिल्ली में 7.9 अक्टूबर 2014 को लोक सेवाए लोक प्रशासन पर में श्रेष्ठता पर अंतर्राष्ट्रीय सिंपोजियम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस सिंपोजियम के प्रमुख उद्देश्य थे दृ ;पद्ध लोक प्रशासन में श्रेष्ठता की भावना को बढ़ानाण् ;पपद्ध दृ लोक प्रशासन और शासन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से नवाचार की प्रथाओ और असाधारण सफलताओं की पहचान करनाए उनसे सीखना और उन्हें अन्य लोगों को भी वितरित करना। इस कार्यक्रम में 23 देशों के लोगों ने हिस्सा लिया। उन्होने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोक प्रशासन एवं शासन की श्रेष्ठ प्रथाओं पर अपने व्याख्यान दिया। इनमें ई.शासनए एवं एम. शासन के तरीके भी शामिल थे। इस सिंपोजियम में करीब 200 भारतीयों ने भी हिस्सा लिया।
;अपद्ध 21 से 23 अगस्त 2014 के बीच एक केस स्टडी वर्कशॉप का आयोजन किया गया जिसका समापन सत्र 31 अक्टूबर एवं 1 नवंबर 2014 को हुआ। इस वर्कशॉप का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर की केस स्टडीज का निर्माण करना एवं भारत की श्रेष्ठ प्रथाओं पर केस स्टडीज तैयार करना था ताकि उनको भविष्य के लिए आधार तैयार करने में मदद मिले। लोक नीति एवं शासन के प्रतिष्ठित विद्वान प्रोफेसर आरण् केंट वेवरए जो कि जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय में कार्यरत हैंए को इस कार्य के लिए संबद्ध किया गया।
;अपपद्ध वार्षिक कार्य योजना 2015 को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
लोक शिकायतें

लोक शिकायत के पोर्टल पर और ज्यादा विकल्प दिए जाने के साथ उसे बेहतर और सुविधाजनक बनाया गया है। अब लोक शिकायत निदेशालय से संबंधित शिकायतों को पीजी पोर्टल के मार्फत सीधे उन्ही के पास भेजा जा सकता है। यदि शिकायतकर्ता को यह पता नहीं है कि अपनी शिकायत को किस प्राधिकारी को प्रेषित किया जाए तो वह पह ष्नहीं मालूमष् का विकल्प चुन सकता है। वह शिकायत सीधे लोक शिकायत निदेशालय को चली जाएगी।

ई.ऑफिस मिशन मोड परियोजना
;पद्ध           परिचय
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभागए ;डीएआर एंड पीजीद्ध विभाग को समग्र राष्ट्रीय उद्देश्यों और प्राथमिकताओं के अनुरूप ई.गवर्नेंस गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भूमिका सौंपी गई है। यह कार्य शासन संबंधित मुद्दों के लिए मुख्य रूप से अवधारणा और समग्र समन्वयव का है। इसकी तकनीकी विशेषज्ञता के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से सहयोग लिया जा रहा है।
डीएपीआरजी ने ई.शासन परियोजना तथा व्यवसाय प्रबंधन री.इंजिनियरिंग हेतु बदलाव प्रबंधन से संबंधित रिपोर्ट बनाकर सभी केंद्रीय मंत्रालयों को भेज दिया है।
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत ;डीएआर एंड पीजीद्ध विभाग  ने व्यवसाय प्रक्रिया रिइंजीनियिरंग पर एक मौलिक दस्तावेज का सूत्रीकरण किया है जिसका नाम जीपीएएफ है। इसकी कल्पना राष्ट्रीय ई.शासन योजना और द्वितिय एआरसी की ग्यारवही रिपोर्ट में की गई थी। गर्वनमेंट प्रोसेस आर्किटेक्चरिंग फ्रेमवर्कए केंद्र सरकार के सगंठनों में बेहतर कार्य निष्पादन के लिएए व्यवसाय प्रक्रिया रीइंजिनियरिंग के संचालन के लिए एक विस्तृत व्यवस्थित निर्देशिका प्रदान करता है।
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत निदेशालय ने सरकारी वेबसाइटों के लिए भारत सरकार के दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश 2009 में जारी किए गए। नए घटनाक्रमों के साथ ही इसका अद्यतन भी किया जाता रहता है।
एनईजीपी ;जोकि अब डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के साथ मिला दिया गया हैद्ध को कैबिनेट की मंजूरी मई 2006 में मिली। ई.ऑफिसए केंद्र सरकार की श्रेणी के अंतर्गतए एनईजीपी का ही एक मिशन मोड प्रोजेक्ट है जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत निदेशालय द्वारा संयुक्त रूप से सूत्रबद्ध किया गया है।
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभागए ई.ऑफिस मिशन मोड परियोजना का नोडल विभाग है और एनआईसी इसका तकनीकी सहयोगी है।
ई.ऑफिस का उद्देश्य एक ऐसे ऑफिस वातावरण का निर्माण करना है जिसमें फाइलों और कागज का काम कम से कम रह जाए और इस प्रकार कार्यों को व्यवस्थित करने से प्रक्रियागत समय को बचाया जा सके। इसके मुख्य उद्देश्य हैं.
ऽ        सरकार की प्रतिक्रिया की क्षमताए सततता और प्रभावशीलता में वृद्धिए
ऽ        प्रतिवर्तन काल के समय में कमी और नागरिक अधिकारों को समय से पूरा करना
ऽ        प्रशासन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए संसाधनों का बेहतर प्रबंधन
ऽ        पारदर्शिता और जवावदेही को स्थापित करना
ऽ        कम लागत वाली प्रभावी ई.भंडारण की सुविधा प्रदान करना
ऽ        ऑफिस को पर्यावरण अनुकूल बनाना
;पपद्ध एनआईसी द्वारा विकसित ई.ऑफिस उत्पादों की विशेषताएः
ऽ        फाइल प्रबंधन व्यवस्था ;ई.फाइलद्ध दृ फाइल बनाने और रसीद की प्रक्रिया को स्वचालित बनाता है
ऽ        ज्ञान प्रबंधन व्यवस्था ;केएमएसद्ध दृ कानूनए नीतियों और निर्देशों जैसे विभिन्न दस्तावेजों के केंद्रीकृत संचयिता के तौर पर कार्य करता है।
ऽ        अवकाश प्रबंधन व्यवस्था ;ई.लीवद्ध दृ अवकाश लेने की प्रक्रिया को स्वचालित बनाता है।
ऽ        भ्रमण प्रबंधन व्यवस्था ;ई.टूअरद्ध दृ कर्मचारियों के भ्रमण कार्यक्रम को स्वचालित बनाता है
ऽ        कार्मिक सूचना प्रणाली ;पीआईएसद्ध . कर्मचारी अभिलेखों का प्रबंध
ऽ        सहयोग और संदेश सेवा ;सीएएमएसद्ध और संदेश .  आंतरिक सहयोग और संदेश भेजने के लिए
ई.ऑफिस परियोजना 2011.12 में शुरू की गई थी। पहले चरण में 12 मंत्रालयोंध्विभागों को इसमें शामिल किया गया। दूसरा चरण 2012.13 में शुरू किया गया जिसे 5 मंत्रालयोंध्विभागों में लागू किया गया। तीसरा चरण 2013.14 में शुरू किया गया और इसे 7 मंत्रालयोंध्विभागों में लागू किया गया है।
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभागए ने एक मास्टर ई.शासन प्रशिक्षण ;एमईटीपीद्ध योजना शुरू की है जिसे 2013.14 में एनईजीपी लागू करने वाले मंत्रालयोंध्विभागों में लागू किया गया है। मास्टर ई.शासन प्रशिक्षण योजना का उद्देश्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों को ई.शासन के लिए प्रशिक्षित करना है। इसमें प्रमुख प्रवीणता के कार्यक्रम हैं दृ व्यवसाय प्रक्रिया रीइंजिनियरिंगए परियोजना प्रबंधनए बदलाव प्रबंधन इत्यादि। इस संबंध में विभिन्न समूहों का प्रशिक्षण कार्यक्रम समूह.1 ;एसओध्असिस्टेंट एवं समतुल्यद्धए समूह 2 ;यूएसध्डीएसध्निदेशक एवं समतुल्यद्ध तथा समूह .3 ;जेएस एवं समतुल्यद्ध राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान तथा एनआईसी द्वारा किया जा रहा है।
दस्तावेजों एवं रिकार्डों के डिजिटाइजेशन का कार्य प्राथमिकता के स्तर पर हो रहा है और अब तक 700 से अधिक फाइलों को प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग विभाग द्वारा डिजिटाइज किया जा चुका है।
कार्मिकए लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय पहले ही ई.ऑफिस कार्यक्रम शुरू कर चुका है।  विभाग ई.अवकाशएई.जीपीएफ आवेदनए फाइल ट्रैकिंग सिस्टम तथा ज्ञान प्रबंधन प्रणाली पर अंतरण कर चुका है।
’ प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभागए कार्मिकए लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय और पेंशन विभाग से प्राप्तश जानकारी के आधार पर।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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भारत सरकार ने भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज व ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में परिवर्तित के उद्देश्य से ष्डिजिटल इंडियाष् कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है।

Posted on 12 February 2015 by admin

भारत सरकार ने भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज व ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में परिवर्तित के उद्देश्य से ष्डिजिटल इंडियाष् कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है। डिजिटल इंडिया एक छतरी जैसा कार्यक्रम होगा जिसमें कई सारे सरकारी मंत्रालय और विभाग आएंगे। कई विचार और मत एक साथ गूंथे होंगेए व्यापक दृष्टि होगीए ताकि इनमें से सभी को एक बड़े लक्ष्य के हिस्से के रूप में लागू किया जा सके। हर एक तत्व का अपना वजूद होगाए लेकिन साथ ही वह सरकार का भी हिस्सा होगा। डिजिटल इंडिया को सभी सरकारों द्वारा लागू किया जाएगा और इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ;डीईआईटीवाईद्ध इसका संयोजन करेगा।
डिजिटल इंडिया की सोच के केंद्र में तीन मुख्य क्षेत्र हैंए ये हैं. ;पद्ध प्रत्येक नागरिक के रूप में सुविधा के लिए बुनियादी ढांचाए ;पपद्ध गवर्नेंस व मांग आधारित सेवाएं व ;पपपद्ध नागरिकों का डिजिटल सशक्तीकरण। डिजिटल इंडिया का लक्ष्य विकास क्षेत्रों के निम्न 9 स्तंभों के जरिये इस बहु प्रतीक्षित आवश्यकता को उपलब्ध कराने का हैए जो कि नीचे दी गई हैः

ब्रॉडबैंड हाइवेज
ऽ        इसमें तीन उप तत्व शामिल होंगेए जिनके नाम हैए सभी गांवों के लिए ब्रॉडबैंडए सभी शहरों के लिए ब्रॉडबैंड और राष्ट्रीय सूचना ढांचा।
ऽ        सभी गांवों के लिए ब्रॉडबैंड के अंतर्गत दिसंबरए 2016 तक 250 हजार ग्राम पंचायतें इसके दायरे में लाई जाएंगी। दूरसंचार विभागए नोडल विभाग होगा और इस परियोजना की संभावित लागत करीब 32ए000 करोड़ रुपये होगी।
ऽ        सभी शहरों के लिए ब्रॉडबैंड के अंतर्गत वास्तविक नेटवर्क ऑपरेटर्स सेवा उपलब्ध कराने का फायदा उठा सकते हैं और नए शहरी विकास व भवनों में संचार ढांचा को शामिल किया जाएगा।
ऽ        राष्ट्रीय सूचना ढांचा को स्वान ;एसवाईएएनद्धए एनकेएन व एनओएफएन जैसे नेटवर्क्सए साथ ही साथ राष्ट्रीय व राज्य डाटा केंद्रों के साथ एकीकृत किया जाएगा। इसमें  राज्यए जिलाए प्रखंडए व पंचायत स्तर के क्रमशः 100ए 50ए 20 व 5  सरकारी कार्यालयोंध्सेवा केंद्रों पर क्षैतिज कनेक्टिविटी का भी प्रावधान होगा। डीईआईटीवाई नोडल विभाग होगा और इस परियोजना की संभावित लागत तकरीबन 15ए686 करोड़ रुपये होगी जिसमें इसे दो साल तक लागू करने व 5 साल तक रखरखाव व सहयोग भी शामिल है।

मोबाइल कनेक्टिविटी तक सर्वव्यापी पहुंच
ऽ        इस पहल का लक्ष्य नेटवर्क की पहुंच बढ़ाने व देश में कनेक्टिविटी की कमी को दूर करने का होगा।
ऽ        अभी तक मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित सभी 42ए300 गांवों में सर्वव्यापी मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाई जाएगी।
ऽ        दूरसंचार विभाग नोडल विभाग होगा और इस परियोजना की लागत वित्त वर्ष 2014.18 के दौरान तकरीबन 16ए000 करोड़ रुपये होगी।

पब्लिक इंटरनेट संपर्क कार्यक्रम
ऽ       सार्वजनिक सेवा केंद्र व बहु.सेवा केंद्रों के रूप में डाकघरए ये पब्लिक इंटरनेट संपर्क कार्यक्रम के दो सहायक हिस्से होंगे।
ऽ       सार्वजनिक सेवा केंद्रों को और सशक्त बनाया जाएगा व इनकी संख्या जो वर्तमान में करीब 135ए000 हैए को बढ़ाकर 250ए000 या हर एक ग्राम पंचायत में एक सीएससी तक किया जाएगा। सीएससी को सस्ता व सरकारी व व्यावसायिक सेवाएं प्रदान करने के मद्देनजर बहु.संचालित बनाया जाएगा। डीईआईटीवाई इस योजना को लागू करने के लिए नोडल विभाग होगा।
ऽ       कुल 150ए000 डाकघरों को बहु सेवा केंद्रों के रूप में परिवर्तित करने का प्रस्ताव है। डाक विभाग इस योजना को लागू करने के लिए नोडल विभाग होगा।

ई.गवर्नेंस दृ तकनीक के जरिये सरकार सुधार
ऽ       सरकारी व्यावसायिक प्रक्रिया को आईटी का इस्तेमाल करते हुए पुनर्निमित कर ट्रांजेक्शन को सुधारनाए पूरे सरकार को सुधारने के लिए अति आवश्यक है और इसलिए जरूरी है कि इसे सभी मंत्रालयध्विभागों द्वारा लागू किया जाए।
ऽ       तकनीक के जरिये सरकार सुधार के दिशानिर्देशक सिद्धांत हैः
कण्                आवेदन को आसान बनाना व कागजी औपचारिकताओं को कम करना दृ आवेदन पत्र को आसान व इस्तेमाल करने वाले के लिए सुगम बनाया जाना चाहिए। केवल जरूरी व न्यूनतम सूचनाएं ही मांगी जानी चाहिए।
खण्     ऑनलाइन आवेदनए उनकी स्थिति की जांच व विभागों के बीच इंटरफेस उपलब्ध कराना चाहिए।
गण्      ऑनलाइन संग्राहक का इस्तेमाल जैसे कि स्कूली प्रमाणपत्रए मतदाता पहचान पत्र आदि को ऑनलाइन स्वीकार किया जाना चाहिए ताकि नागरिकों को इन दस्तावेजों की कॉपी भौतिक रूप से जमा न करनी पड़े।
ऽ      इलेक्ट्रॉनिक डाटाबेस. सभी आंकड़े व सूचनाएं इलेक्ट्रॉनिक रूप में होनी चाहिए न कि हस्तचालित।
ऽ      सरकारी कामकाज स्वचालित हो. सरकारी विभागों व एजेंसियों के अंदर का कामकाज स्वचालित होना चाहिए जिससे कि सरकारी प्रक्रिया को सक्षम बनाया जा सके व इस प्रक्रिया को नागरिकों के लिए भी देख सकने योग्य बनाया जाना चाहिए।
ऽ      जन शिकायत निवारण दृ दीर्घकालीन समस्याओं का जवाब देनेए सुलझानेए उनकी पहचान के लिए आंकड़ों का विश्लेषण करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल स्वचालित बनाने के लिए किया जाना चाहिए।
ई.क्रांति ;एनईजीपी 2ण्0द्ध दृ सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक आपूर्ति
ऽ        ई.गवर्नेंस परियोजना जीवनचक्र के विभिन्न चरणों में 31 मिशन मोड परियोजनाएं हैं।  एपेक्स कमेटी ऑन नेशनल ई.गवर्नेंस प्लान ;एनईजीपीद्ध द्वारा 18 मार्च 2014 को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद आगे 10 नई एमएमपी भी ई.क्रांति में जोड़ी गई है।
ऽ        शिक्षा के लिए तकनीक दृ ई.एजुकेशन
सभी स्कूलों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाएगा। सभी माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक स्कूलों ;करीब 250ए000 स्कूल शामिल होंगेद्ध में मुफ्त वाई.फाई उपलब्ध कराया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल साक्षरता का एक कार्यक्रम चलाया जाएगा। एमओओसी. मैसिव ऑनलाइन ओपेन कोर्स तैयार किया जाएगा और ई.एजुकेशन के लिए इसका इस्तेमाल होगा।
ऽ        स्वास्थ्य के लिए तकनीक दृ ई.हेल्थकेयर
ई.हेल्थकेयर में ऑनलाइन चिकित्सकीय परामर्शए ऑनलाइन मेडिकल रिकॉर्डए ऑनलाइन दवा पहुंचानाए समग्र.भारत के मरीजों की सूचनाओं का आदान.प्रदान शामिल होगा। प्रायोगिक परीक्षण 2015 में किया जाएगा और अगले तीन सालों में इसे पूरी तरह से उपलब्ध कराया जाएगा।
ऽ        किसानों के लिए तकनीक
इसके जरिये किसानों को वास्तविक समय के आधार पर मूल्य सूचनाए ऑनलाइन निवेश की मांग व ऑनलाइन कैशए ऋण व मोबाइल बैंकिंग के साथ सहायता राशि की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
कण्  सुरक्षा के लिए तकनीक
नागरिकों को वास्तविक समय के आधार पर मोबाइल आधारित आपात सेवा व आपदा संबंधी सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी ताकि समय रहते बचाव के कदम उठाए जा सकें व जान माल के नुकसान को कम से कम किया जा सके।
खण्   आर्थिक समावेशन ;इनक्ल्यूजनद्ध के लिए तकनीक
मोबाइल बैंकिंगए माइक्रो.एटीएम कार्यक्रम व सीएससीध्डाकघरों का इस्तेमाल करते हुए आर्थिक समावेशन को सुदृढ़ किया जाएगा।
गण्   न्याय के लिए तकनीक
ई.कोर्टए ई.पुलिसए ई.जेल व ई.प्रोस्यूकेशन का इस्तेमाल करते हुए आदान.प्रदान योग्य अपराध न्यायिक व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा।
घण्   योजना के लिए तकनीक
प्रोजेक्ट की योजनाए संकल्पनाए डिजाईन व विकास के लिए निर्णय प्रक्रिया को जीआईएस आधारित बनाने के लिए राष्ट्रीय जीआईएस मिशन मोड प्रोजेक्ट लागू किया जाएगा।
ङण्    साइबर सुरक्षा के लिए तकनीक
देश में सुरक्षित व महफूज साइबर.स्पेस सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा कोआर्डिनेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा।
सूचना सबके लिए
ऽ        खुला डेटा प्लेटफार्म व सूचनाओं तथा दस्तावेजों की ऑन लाइन होस्टिंग से नागरिकों के लिए सूचनाओं तक पहुंच को खुला व आसान बनाने में मदद मिलेगी।
ऽ        नागरिकों को सूचित करने के लिए सरकार सोशल मीडिया व वेब आधारित मंचों के जरिये अति सक्रिय होगी। विचारोंध्सुझावों के लिए माईगोव डॉट इन वेबसाइट पहले ही जारी की जा चुकी है। यह नागरिक व सरकार के बीच दो तरफा संचार का काम करेगी।
ऽ        विशेष अवसरोंध्कार्यक्रमों पर नागरिकों को ईमेल व एसएमएस के जरिये ऑनलाइन संदेश दिया जाएगा।
ऽ        उपरोक्त कामों के लिए मौजूदा संसाधनों का इस्तेमाल किया जाएगा और इसके लिए अतिरिक्त संसाधनों की बहुत सीमित जरूरत होगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन दृ सकल शून्य आयात का लक्ष्य
ऽ     सकल शून्य आयात का लक्ष्य इस प्रयोजन को असाधारण रूप से दर्शाता है।
ऽ     इस महात्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए कई सारे मोर्चों पर गतिविधियों को समायोजित करने की जरूरत होगी
कण्    कराधानए प्रोत्साहन
खण्    किफायत की अर्थव्यवस्थाए लागत में अनुचित बढोत्तरी को खत्म करना
गण्     केंद्रीय क्षेत्र दृ बड़े पैमाने की वस्तुचएं
एफएबीएसए फेब.लेस डिजाईनए सेटटॉप बॉक्सए वीसैट्सए मोबाइलए कंज्यूमर एंड मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्सए स्मार्ट एनर्जी मीटरए स्मार्ट कार्ड्सए माइक्रो एटीएम
घण्     इन्क्यूबेटर्सए क्लस्टर्स
ङण्      कौशल विकास
चण्     सरकारी खरीददारी
ऽ     कई सारे ऐसे कार्यक्रम चल रहे हैं जो कि इसमें बेहतर तरीके से शामिल किये जा सकते हैं।
ऽ     मौजूदा ढांचा इन लक्ष्यों के लिए उपयुक्त नहीं है और इसे सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।

नौकरियों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी
ऽ       छोटे शहरों व गांवों के 1 करोड़ छात्रों को 5 सालों में आईटी क्षेत्र की नौकरियों के लिए तैयार किया जाएगा। इस योजना के लिए डीईआईटीवाई नोडल विभाग होगा।
ऽ       हर उत्तर.पूर्व के राज्य में बीपीओ स्थापित किया जाएगा जिससे कि इन राज्यों में आईसीटी आधारित विकास किया जा सके।
ऽ       आईटी सेवाओं के लिए सक्षम व्यावसायिक आपूर्ति के लिए कौशल विकास के हिस्से के रूप में 3 लाख सेवा प्रदाता एजेंटों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
ऽ       टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं ;टीएसपीद्ध द्वारा उनकी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए 5 लाख ग्रामीण श्रमशक्ति को प्रशिक्षित किया जाएगा। दूरसंचार विभाग इस योजना के लिए नोडल विभाग होगा।
अर्ली हार्वेस्ट प्रोग्राम्स
ऽ        संदेशों के लिए आईटी प्लेटफॉर्म
डीईआईटीवाई द्वारा व्यापक स्तर पर संदेश भेजने के लिए एक एप्लीकेशन तैयार किया गया है जिसके दायरे में सभी चुने हुए प्रतिनिधि व सभी सरकारी कर्मचारी आएंगे। 1ण्36 करोड़ मोबाइल व 22 लाख ईमेल इस डेटाबेस का हिस्से होंगे।
ऽ        सरकारी शुभकामनाओं के लिए ई.ग्रिटिंग्स
ई.ग्रिटिंग्स का गुलदस्ता तैयार किया गया है। माईगोव पोर्टल के जरिये ई.ग्रिटिंग्स का क्राउड सोर्सिंग सुनिश्चित किया गया है। ई.ग्रिटिंग्स पोर्टल 14 अगस्त 2014 से काम करना शुरू कर दिया है।
ऽ        बायोमीट्रिक उपस्थिति
दिल्ली में केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों व डीईआईटीवाई में पहले से इसका संचालन शुरू हो चुका है और शहरी विकास विभाग में भी ऐसी पहल की जा रही है। दूसरे विभागों में भी ऐसी कार्यवाही शुरू हो रही है।
ऽ        सभी विश्वविद्यालयों में वाई.फाई
नेशनल नॉलेज नेटवर्क ;एनकेएनद्ध के तहत सभी विश्वविद्यालयों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस योजना को लागू करने के लिए नोडल मंत्रालय होगा।
ऽ        सरकारी ईमेल की सुरक्षा
कण्    ईमेल संचार का प्राथमिक तरीका होगा।
खण्    10 लाख कर्मचारियों का पहले चरण में उन्नतीकरण हो चुका है। दूसरे चरण में मूलभूत ढांचे में और सुधार होंगे जिसके दायरे में मार्च 2015 तक 50 लाख कर्मचारी आएंगे जिसकी लागत 98 करोड़ रुपये होगी। डीईआईटीवाई इस योजना के लिए नोडल विभाग होगा।
ऽ        सरकारी ईमेल डिजाइन का मानकीकरण
सरकारी ईमेल के टेम्पलेट्स का मानकीकरण हो रहा है और अक्टूबर 2014 तक तैयार हो जाएगा। इसे डीईआईटीवाई द्वारा लागू किया जाएगा।
ऽ        सार्वजनिक वाई.फाई हॉटस्पॉट्स
डिजिटल शहरों को बढ़ावा  देने के लिए एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों व पर्यटक केंद्रों पर सार्वजनिक वाई.फाई हॉटस्पॉट मुहैया कराया जाएगा। इस योजना को दूरसंचार विभाग व शहरी विकास मंत्रालय द्वारा लागू किया जाएगा।
ऽ        स्कूली किताबें ईबुक्स होंगी
सभी किताबों को ईबुक्स में तब्दील किया जाएगा। एचआरडी मंत्रालयध्डीईआईटीवाई इस योजना के लिए नोडल एजेंसी होंगी।
ऽ        एसएमएस आधारित मौसम सूचनाए आपदा चेतावनियां
मौसम की सूचनाएं व आपदा चेतावनियां एसएमएस के जरिये दी जाएंगी। डीईआईटीवाई की मोबाइल सेवा प्लेटफार्म पहले ही तैयार हो चुका है और इस काम के लिए उपलब्ध है। एमओईएस ;आईएमडीद्धध्एमएचए ;एनडीएमएद्ध इस योजना को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी होंगे।
ऽ        खोए.पाए बच्चों के लिए नेशनल पोर्टल
कण्   इसके जरिये खोए.पाए बच्चों से संबंधित सूचनाएं वास्तविक समय के आधार पर जुटाई व साझा की जा सकेंगी और इससे अपराध को रोकने में मदद मिलेगी व त्वरित कार्रवाई में सुधार होगा।
खण्   इस परियोजना के लिए डीईआईटीवाईध्डीओडब्ल्यूसीडी नोडल एजेंसी होंगे।

उपर्युक्त परियोजनाओं में से कुछ लागू होने के विभिन्न स्तरों पर हैं और कुछ में स्थानांतरण प्रक्रियाए पुनर्सृजनए बदलाव व संभावनाओं के अनुरूप समायोजन चल रहा है। केंद्रए राज्य व स्थानीय सरकार स्तर पर संबंधित मंत्रालयध् विभाग द्वारा इन्हें पूरा करने के लिए क्रियान्वयन रणनीति बनाई जा रही है।

’इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी विभागए संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के ब्यौरों के साथ

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि

Posted on 12 February 2015 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि कई बार मुंह की खाने के बाद भी भाजपा सुधरना नहीं चाहती है। समाजवादी पार्टी ने 7 फरवरी,2015 से अपनी सरकार की उपलब्धियों से जन-जन को परिचित कराने के लिए सघन जनसम्पर्क अभियान चलाया है। इससे भाजपा का प्रदेशीय नेतृत्व परेशान और हताश है। समाजवादी पार्टी के इस अभियान में बढ़ती जनरूचि से भाजपा में कुंठा है क्योंकि उनके सदस्यता अभियान की कथित लक्ष्यपूर्ति दूर-दूर तक होती नहीं दिख रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जोर-शोर से अपने कार्यक्रम घोषित करते हैं लेकिन वे सब टांय-टांय फिस्स हो जाते हैं।
भाजपा ने सोच लिया है कि सांप्रदायिकता और अराजकता के एजेण्डा को अपनाकर वे सत्ता हथियाने में कामयाब हो सकेगें। भाजपा नेता कभी लवजिहाद, धर्मांतरण, घर वापसी, गांधीजी के हत्यारे गोडसे की मूर्ति स्थापना और 4 से 10 बच्चे तक पैदा करने की अनर्गल बातों से जनता को गुमराह करना चाहते हैं। लेकिन जनता इनकी वास्तविकता से परिचित हो गई है। अब वह इनके बहकावे में आनेवाली नहीं है। उसने भाजपा को दिल्ली में आईना दिखाकर इसे साबित भी कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में तीन वर्षो में समाजवादी सरकार ने किसानों, नौजवानों, अल्पसंख्यको, महिलाओं सहित समाज के सभी वर्गो के कल्याण की तमाम योजनाओं को लागू किया है। पांच वर्ष के लिए किए गए अधिकांश वायदे पूरे कर दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है। लैपटाप वितरण, कन्या विद्याधन, बेकारी भत्ता, समाजवादी पेंशन और लोकतंत्र सेनानी पेंशन आदि कई योजनाओं से लाखों लाभान्वित हुए हैं किन्तु कही से भी अनियमितता या भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। मुख्यमंत्री जी जनता से हमेशा मिलते रहते हैं और उनकी समस्याओं के समाधान में भी रूचि लेते हैं। प्रदेश में कानून का राज है।
भाजपा को यदि समाजवादी सरकार की उपलब्धियां नहीं दिखाई देती हैं तो इसके पीछे भाजपा का जनविरोधी चरित्र है। वे समाजवादी सरकार पर निराधार आरोप लगाकर अपने अलोकतंात्रिक आचरण का ही परिचय दे रहे हैं। सच तो यह है कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी ने अपने कार्यकाल में जितना विकास किया है उतना किसी अन्य राज्य में नहीं हुआ है। वे संवेदनशील हैं और गरीबों तथा दुखियारों के प्रति उदार हैं। सत्ता के मद में डूबे भाजपा नेताओं को दिल्ली के चुनाव परिणाम से सीख लेनी चाहिए और लोकतंत्र का सम्मान करने की आदत डालनी होगी।
दिल्ली की जनता सांप्रदायिक ताकतों को शिकस्त देने के लिए बधाई की पात्र है। उसने जता दिया है कि वह हवाई बातों पर नहीं धरती पर काम को महत्व देती है। प्रधानमंत्री ने नौ महीनों में जनहित का कोई काम नहीं किया है सिवाय अपनी शान-शौकत के प्रदर्शन के। जनता ने भांप लिया है कि भाजपा किस रास्ते पर है। वस्तुतः अब उसका कोई भविश्य नहीं रह गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि प्रदेश में चल रहे सदस्यता अभियान के तहत पार्टी कार्यकर्ताओं ने अभियान को गति देते हुए

Posted on 11 February 2015 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि प्रदेश में चल रहे सदस्यता अभियान के तहत पार्टी कार्यकर्ताओं ने अभियान को गति देते हुए सदस्यता अभियान को सर्वव्यापी व सर्वस्पर्शी बनाते हुए बड़ी संख्या में लोगों को पार्टी का सदस्य बनाने का काम किया है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने बताया कि कल 11 फरवरी को पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर पार्टी कार्यकर्ता प्रदेश की सभी ग्राम इकाईयों पर पहंुचकर समाज के सभी जाति वर्ग के लोगों को पार्टी से जोडने का काम करेंगे। पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर कल प्रदेश भर में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में पार्टी कार्यकर्ता अधिकाधिक लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम करेंगे।
प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि 8 फरवरी से प्रदेश में चल रहे सदस्यता के तीसरे चरण के अभियान को काफी सफलता मिल रही है। उन्होंने बताया अभियान के चैथे दिन कल 11 फरवरी को पं0 दीन दयाल जी की पुण्यतिथि पर सभी बूथ प्रवासी अपने-अपने बूथों पर रहेगे और सदस्यता अभियान को गति देंगे। पार्टी कार्यकर्ता पं0 दीनदयाल जी की पुण्यतिथि पर प्रत्येक ग्राम ईकाई व बूथ पर पहंुचकर पार्टी के लक्ष्य के अनुरूप सदस्यता अभियान चलाकर पं0 दीनदयाल जी को अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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