समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि कई बार मुंह की खाने के बाद भी भाजपा सुधरना नहीं चाहती है। समाजवादी पार्टी ने 7 फरवरी,2015 से अपनी सरकार की उपलब्धियों से जन-जन को परिचित कराने के लिए सघन जनसम्पर्क अभियान चलाया है। इससे भाजपा का प्रदेशीय नेतृत्व परेशान और हताश है। समाजवादी पार्टी के इस अभियान में बढ़ती जनरूचि से भाजपा में कुंठा है क्योंकि उनके सदस्यता अभियान की कथित लक्ष्यपूर्ति दूर-दूर तक होती नहीं दिख रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जोर-शोर से अपने कार्यक्रम घोषित करते हैं लेकिन वे सब टांय-टांय फिस्स हो जाते हैं।
भाजपा ने सोच लिया है कि सांप्रदायिकता और अराजकता के एजेण्डा को अपनाकर वे सत्ता हथियाने में कामयाब हो सकेगें। भाजपा नेता कभी लवजिहाद, धर्मांतरण, घर वापसी, गांधीजी के हत्यारे गोडसे की मूर्ति स्थापना और 4 से 10 बच्चे तक पैदा करने की अनर्गल बातों से जनता को गुमराह करना चाहते हैं। लेकिन जनता इनकी वास्तविकता से परिचित हो गई है। अब वह इनके बहकावे में आनेवाली नहीं है। उसने भाजपा को दिल्ली में आईना दिखाकर इसे साबित भी कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में तीन वर्षो में समाजवादी सरकार ने किसानों, नौजवानों, अल्पसंख्यको, महिलाओं सहित समाज के सभी वर्गो के कल्याण की तमाम योजनाओं को लागू किया है। पांच वर्ष के लिए किए गए अधिकांश वायदे पूरे कर दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है। लैपटाप वितरण, कन्या विद्याधन, बेकारी भत्ता, समाजवादी पेंशन और लोकतंत्र सेनानी पेंशन आदि कई योजनाओं से लाखों लाभान्वित हुए हैं किन्तु कही से भी अनियमितता या भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। मुख्यमंत्री जी जनता से हमेशा मिलते रहते हैं और उनकी समस्याओं के समाधान में भी रूचि लेते हैं। प्रदेश में कानून का राज है।
भाजपा को यदि समाजवादी सरकार की उपलब्धियां नहीं दिखाई देती हैं तो इसके पीछे भाजपा का जनविरोधी चरित्र है। वे समाजवादी सरकार पर निराधार आरोप लगाकर अपने अलोकतंात्रिक आचरण का ही परिचय दे रहे हैं। सच तो यह है कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी ने अपने कार्यकाल में जितना विकास किया है उतना किसी अन्य राज्य में नहीं हुआ है। वे संवेदनशील हैं और गरीबों तथा दुखियारों के प्रति उदार हैं। सत्ता के मद में डूबे भाजपा नेताओं को दिल्ली के चुनाव परिणाम से सीख लेनी चाहिए और लोकतंत्र का सम्मान करने की आदत डालनी होगी।
दिल्ली की जनता सांप्रदायिक ताकतों को शिकस्त देने के लिए बधाई की पात्र है। उसने जता दिया है कि वह हवाई बातों पर नहीं धरती पर काम को महत्व देती है। प्रधानमंत्री ने नौ महीनों में जनहित का कोई काम नहीं किया है सिवाय अपनी शान-शौकत के प्रदर्शन के। जनता ने भांप लिया है कि भाजपा किस रास्ते पर है। वस्तुतः अब उसका कोई भविश्य नहीं रह गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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