Archive | July 3rd, 2013

उपभोक्ताओं को संतुष्ट करने के साथ बी0एस0एन0एल0 की छवि सुधारी जाए

Posted on 03 July 2013 by admin

वीरेन्द्र कुमार तिवारी दूरसंचार सलाहकार समिति सदस्य ने 17 जुलाई 2013 को दूरसंचार समिति की बैठक के पूर्व लखनऊ जिले के प्रधान महाप्रबन्धक को दूर संचार एवं उपभोक्ता हित में सुझाव देते हुए कहा है कि दिनांक 15 जुलाई 2013 तक लखनऊ मंे विशेष अभियान चलाकर ओ0एफ0सी0 केबिल फाल्ट ठीक करके बेसिक फोन, ब्राडबैण्ड की सुविधाओं से उपभोक्ताओं को संतुष्ट करने के साथ बी0एस0एन0एल0 की छवि सुधारी जाए। जिससे कटे बेसिक फोन एवं ब्राडबैण्ड पुनः उपभोक्ता चालू कराकर बी0एस0एन0एल0 से फिर से जुड़ सकें एवं बी0एस0एन0एल0 की बेबसाइट पर सभी टी0ए0सी0 के सदस्यों के नाम व पते, मो0नं0 ईमेल सहित लोडकर माननीय सदस्यांे द्वारा समय-समय पर दूरसंचार एवं उपभोक्ता हित में दिये गये सुझावों और उसके क्रियान्वयन को लोड किया जाए जिससे माननीय टी0ए0सी0 सदस्यांे, विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों की कार्यशैली की प्रगतिशील जानकारी उपभोक्ताओं को मिल सके।
तिवारी ने कहा कि वभागीय अधिकारियों महाप्रबन्धक, उपमहाप्रबन्धक, मण्डीय अभियन्ता, उपमण्डीय अधिकारी, अवर अभियन्ताओं की स्थानान्तरण क्षेत्र, जिला, सर्किल एवं सर्किल के बाहर होता है उसी तरह टी0टी0ए0 एवं लाइन स्टाफ को भी तीन वर्ष से अधिक एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरण करके बी0एस0एन0एल0 में फैले संक्रामक रोग को समाप्त करके दूर संचार (बी0एस0एन0एल0) एवं उपभोक्ता के बीच मधुर रिश्ते को बनाकर बी0एस0एन0एल0 की छवि एवं दशा भी सुधर जाए। उन्होंने महाप्रबन्धक से दूर संचार विभाग (बी0एस0एन0एल0) से उपभोक्ताओं को जोडे़ रखने के लिए पूर्व वर्षों में ‘‘एक दूजे के लिए, लो कर लो बात, प्यारी जोड़ी योजना‘‘ को 15 जुलाई 2013 से पुनः शुरू किये जाने की मांग करते हुए कहा कि इससे दूरसंचार विभाग को लाभ होगा।
टी0ए0सी0 सदस्य वीरेन्द्र तिवारी ने 17 जुलाई की बैठक से पूर्व महाप्रबन्धक से सवाल करते हुए  कहा कि मोबाईल के नेटवर्क की समस्या को दूर करने के लिए 30 जून 2013 तक नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में कितने बी0टी0एस0 किन-किन स्थानांे पर स्थापित किये गये हैं। इसके साथ ही 01 जुलाई 2013 से 31 दिसम्बर 2013 तक कितने बी0टी0एस0 नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में कहां-कहां स्थापित होना प्रस्तावित है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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श्री हरिशंकर पाण्डेय, पीसीएस को भ्रष्टाचार उजागर करने पर प्रताडित किये जाने विषयक

Posted on 03 July 2013 by admin

श्री अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री,
उत्तर प्रदेश, लखनऊ

महोदय,
कृपया निवेदन है कि मैं डॉ नूतन ठाकुर, पत्नी श्री अमिताभ ठाकुर,
निवासी- 5/426, विराम खंड,गोमतीनगर, लखनऊ, फोन नंबर- 94155-34525 एक सामाजिक
कार्यकर्ता हूँ. मैं आपके समक्ष पीसीएस अधिकारी श्री हरिशंकर पाण्डेय को गंभीर
भ्रष्टाचार उजागर करने पर विभिन्न संलिप्त अधिकारियों द्वारा कई प्रकार से
प्रताडित किये जाने सम्बंधित प्रकरण प्रस्तुत कर रही हूँ.
श्री पाण्डेय ने भारत के नियंत्रक महालेखाकार (कैग) परीक्षक के वर्ष 2007-2012 के
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन की गंभीर और भारी अनियमितताओं के
सम्बन्ध में इस दौरान किये गए समस्त कार्यों में 25% कार्यों का सत्यापन एवं
मूल्यांकन किया गया और इसके आधार पर प्रथमदृष्टया कई सौ करोड रुपये के शासकीय
धन की जानबूझ कर हानि और क्षति की बात कही. कैग रिपोर्ट के अनुसार इस विभाग
द्वारा उपरोक्त अवधि में सभी स्थापित मापकों, मानकों, नियमों का मनमर्जी से
खुला उल्लंघन किया गया और इस प्रकार से व्यापक वित्तीय अनियामितातातें करते
हुए शासकीय धन की चोरी और गबन किया गया. उदाहरणार्थ जहाँ भारत सरकार के
नियमानुसार पहले प्रशासनिक स्वीकृति, फिर वित्तीय स्वीकृति और अंत में तकनीकी
स्वीकृति दी जाती है, वहीँ इस विभाग द्वारा 298.07 करोड रुपये से जुड़े
1,098 मामलों
में नियमों के पूर्ण अवहेलना में पहले ही तकनीकी स्वीकृति दे दी गयी. इतना ही
नहीं, कई मामलों में तो पहले ही ठेकेदार नियुक्त कर दिये गए, रेट नियत कर दिये
गए और बाद में बैक-डेट के पत्रों के माध्यम से पहले से ही शुरू हो चुके
कार्यों को तकनीकी स्वीकृति दी गयी. इसी प्रकार से कई मामलों में बैकडेट में
प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी. इसी प्रकार से प्रधानमंत्री सड़क योजना में जहाँ
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को ही प्रोजेक्ट कार्यदायी संस्था (पीआईयू) बनाया
जाना अनिवार्य था, इस विभाग द्वारा  रुपये 131.91 करोड मूल्य के 47 ग्रामीण
सडकों (कुल लम्बाई 248.9 किलोमीटर) को अवैध रूप से विभाग के बाहर की संस्थाओं
को दे दिया गया. शासकीय नियमों के विरुद्ध विभाग द्वारा “नितांत कामचलाऊ
व्यवस्था” हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्त कर उन्हें वित्तीय अधिकार प्रदान कर
दिये गए. ज्यादातर मामलों में टेंडर (निविदा) की स्थापित प्रक्रियाओं तथा
नियमों का खुला उल्लंघन हुआ. सरकार के दिसंबर 2000 के आदेश के अनुसार दो लाख
से ऊपर के कार्यों 30 दिनों की नोटिस पर टेंडर द्वारा तथा दो लाख से कम के
कार्य 15 दिनों के शोर्ट-टर्म टेंडर के आधार पर प्रदान किये जाने चाहिए. कैग
द्वारा किये गए सर्वेक्षण में पाया गया कि वर्ष 2007-12 में किये गए कुल
9423 कॉन्ट्रेक्ट
बॉण्ड में 2 लाख रुपये से ऊपर के कुल 6873 (73%) बॉण्ड जो रुपये 1372.69 के थे,
नियमों का उल्लंघन करते हुए शोर्ट-टर्म टेंडर के आधार पर आमंत्रित किये गए. इसी
प्रकार से कुल 9423 कार्यों में 671.35 करोड रुपये के 3090 कॉन्ट्रेक्ट
बॉण्ड (अर्थात
33%) सिंगल-टेंडर के आधार पर स्वीकृत किये गए जो नियमविरुद्ध है.
भौतिक सत्यापन में कैग द्वारा कई सारी कमियां, खामियां और अनियमितताएं दिखीं
और इनके परिणामस्वरुप कई स्थानों पर बहुत घटिया स्तर के काम देखने को मिले.
कैग द्वारा स्वतंत्र रूप से पांच मंडलों में की गयी टेस्ट जांच में यह पाया
गया कि क्वालिटी कंट्रोल पर कोई ध्यान नहीं रखा गया.
इस प्रकार की तमाम अनियमितताओं को कैग रिपोर्ट से सामने लाते हुए निष्कर्ष
निकाला कि असंतोषजनक प्लानिंग तथा निम्न-स्तरीय आतंरिक नियंत्रण के अतिरिक्त
वित्तीय अनियमितता और सभी प्रकार के नियमों की स्पष्ट अवहेलना किये जाने के
फलस्वरूप ग्रामीण अभियंत्रण विभाग में इस अवधि में भारी गडबडियां हुई हैं और
सरकार को भारी वित्तीय हानि हुई है.
चूँकि सम्बंधित विभाग के अधिकारी इन अनियमितताओं में पूरी तरह लिप्त थे अतः
किसी ने भी उस पर कोई कार्यवाही नहीं की और मामला तब तक दबा रहा जब तक श्री
हरि शंकर पाण्डेय, विशेष सचिव, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने इस सम्बन्ध में
अपनी जांच आख्या  दिनांक 09/11/2012 द्वारा सारी बातें अपने विभागीय प्रमुख
सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त के समक्ष नहीं रखीं.
इस रिपोर्ट की खबरें शीघ्र ही मीडिया में आयीं और मैंने स्वयं भी इस मामले को
आगे बढ़ाया. मैंने अपने पत्र संख्या- NRF/RED/FIR/01 दिनांक- 05/12/2012 के
माध्यम से थानाध्यक्ष, गोमती नगर, जनपद लखनऊ को इस सम्बन्ध में प्रथम सूचना
रिपोर्ट दर्ज कराये जाने हेतु धारा 154(1) सीआरपीसी के प्रावधानों के अंतर्गत
दिनांक 05/12/2012 आवेदनपत्र दिया जिसे थाना गोमतीनगर ने प्राप्त कर लिया गया
और मुझे इसकी रिसीविंग दी लेकिन उस पत्र में प्रस्तुत तथ्य प्रथमदृष्टया सीधे
तौर पर शासकीय धन की चोरी और गबन और जनसेवकों द्वारा अपने पद का खुला दुरुपयोग
करते हुए भ्रष्ट आचरण करने की बात लिखी होने और इस प्रकार संज्ञेय अपराध बनने
के बाद भी थाने के भारसाधक अधिकारी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं किया
गया. मैंने पुनः दिनांक 05/12/2012 को धारा 154(3) सीआरपीसी के अंतर्गत एक
प्रार्थनापत्र वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, लखनऊ की सेवा में प्रथम सूचना रिपोर्ट
अंकित करा कर अग्रिम कार्यवाही किये जाने हेतु जरिये डाक प्रेषित किया और मा०
मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट के समक्ष समक्ष धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत मुक़दमा
पंजीकृत करने हेतु आवेदन पत्र 1209/2012 प्रस्तुत किया.
मा० मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ ने अपने आदेश दिनांक 11/03/2013  द्वारा
कहा कि चूँकि प्रार्थिनी के प्रार्थनापत्र का आधार कैग रिपोर्ट को बनाया है और
कैग की रिपोर्ट पर कार्यवाही करने का अधिकार केन्द्रीय और राज्य सरकारों को है
तथा उसके आधार पर अधीनस्थ न्यायालयों को आपराधिक मुक़दमा दर्ज करने का
क्षेत्राधिकार नहीं है, अतः प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी की
परिधि में नहीं आता है.
मैंने मा० मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश को विधिसम्मत नहीं समझते हुए मा०
जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष अंतर्गत धारा 397/399 सीआरपीसी दाण्डिक
पुनरीक्षण याचिका प्रस्तुत किया जिस पर मा० न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश/टीईसी-
5, लखनऊ ने सीएजी रिपोर्ट के आधार पर शासन को कार्यवाही करने का अधिकार
प्राप्त होने के आधार पर हस्तक्षेप से मना किया. लेकिन साथ ही इस आदेश में
स्पष्ट अंकित किया गया कि सीएजी रिपोर्ट के अनुसार शासकीय धन के दुरुपयोग का
अभियोग उत्तर प्रदेश सरकार के शासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा किया
गया है और उनके कृत्य भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम से आच्छादित होगा.
अतः इस प्रकरण में निरंतर मा० न्यायालयों द्वारा गंभीर संज्ञेय अपराध कारित
होने की बात कही जा रही है. मैंने अभी मा० विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार के समक्ष
पप्रार्थनापत्र दे रहा है जो विचाराधीन न्यायालय है.
इसके अतिरिक्त श्री हरि शंकर पाण्डेय ने श्री उमा शंकर, निदेशक एवं मुख्य
अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, उत्तर प्रदेश की जन्मतिथि से सम्बंधित मूल
आवेदनपत्र तथा व्यक्तिगत पत्रावली गायब करा कर उनकी जन्मतिथि 25/10/1951 से
घटाकर 25/10/1957 किये जाने की प्रक्रिया में शासकीय दस्तावेजों में हुए
हेराफेरी, धोखाधड़ी आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जांच दिनांक 30/10/2012 विभागीय
प्रमुख सचिव, श्री संजीव दूबे को प्रेषित किया था. जांच के आधार पर उन्होंने
श्री उमा शंकर द्वारा अपने निहित स्वार्थों की पूर्ती हेतु छह वर्ष का अनुचित
सेवाकाल बढाए जाने हेतु की आपराधिक मंशा से ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के
सम्बंधित अनुभाग के समीक्षा अधिकारी, अनुभाग अधिकारी, श्री शहजादे लाल, संयुक्त
सचिव एवं श्री हरेन्द्र वीर सिंह, तत्कालीन विशेष सचिव के साथ दुरभिसंधि कर यह
आपराधिक कृत्य करने पर इनके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं में
मुक़दमा दर्ज किया जाने की संस्तुति की थी.
मैंने अपने पत्र संख्या- NRF/US/ FIR /01 दिनांक 08/12/2012 के माध्यम से
थानाध्यक्ष, गोमती नगर, जनपद लखनऊ को आवेदन किया और फिर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक
से भी अनुरोध किया. कोई कार्यवाही नहीं होने पर मैंने मा० मुख्य न्यायिक
मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन किया और उन्होंने प्रस्तुत प्रार्थनापत्र को
स्वीकार कर लिया.
अपने आदेश में मा० मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा कि प्रार्थिनी का
प्रार्थनापत्र परिवाद के रूप में दर्ज किये जाने योग्य है. अतः उन्होंने
प्रार्थनापत्र स्वीकार करते हुए आदेश किया कि मामला परिवाद के रूप में दर्ज
हो. वर्तमान में यह प्रकरण मा० मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष विचाराधीन
है.
स्पष्ट है कि यह सब श्री हरि शंकर पाण्डेय के अथक प्रयासों और उनके द्वारा
विभाग में व्याप्त गंभीर और उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार को सामने जाने के कारण ही
संभव हो सका है कि जिस प्रकार से कतिपय अधिकारियों द्वारा शासकीय धन की लूट की
गयी है, उसके बारे में मा० न्यायालयों तक बात पहुँच सकी है.
अत्यंत ही दुर्भाग्य और कष्ट का विषय है कि इन्ही श्री पाण्डेय को कार्यालय
ज्ञाप दिनांक 28/06/2013 द्वारा शासकीय अभिलेखों में हेराफेरी, नियमों
शासनादेशों की अनदेखी करते हुए जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने तथा स्वेच्छाचारिता
एवं अनुशासनहीनता करने जैसे मनगढंत आरोपों का दोषी बताते हुए उनके विरुद्ध
उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के अंतर्गत
विभागीय जांच की जा रही है.
मैं समझती हूँ इससे अधिक इस प्रदेश का दुर्भाग्य नहीं हो सकता कि जो अधिकारी
सीधे-सीधे भ्रष्टाचार कर रहे हों उन्हें पुरस्कृत किया जाए और जो इन मुद्दों
को उजागर करे, उन्हें सामने लाये उसे उलटे दण्डित किया जाए. इस एक घटना से
आपकी भी भ्रष्टाचार से लड़ने की बातों को गहरा झटका लगा है. एक व्हिसलब्लोवर के
प्रति इस प्रकार की लक्षित कार्यवाही किसी भी प्रदेश के लिए अच्छी नहीं कही
जायेगी और दूसरे अन्य ईमानदार लोगों को भी एक सबक के रूप में कार्य करेगी.
श्री पाण्डेय ने मात्र वही किया जो उनका दायित्व था और जो कार्य उनके विभागीय
प्रमुख सचिव और शासन के मुख्य सचिव को करना चाहिए था. यह संभव है कि उनकी जांच
में कुछ तथ्य त्रुटिपूर्ण हों पर उनकी घोटाले संबधित जांच तो सीधे-सीधे कैग
रिपोर्ट पर आधारित है और स्वयं मा० न्यायालयों द्वारा उनकी बात को सही मानते
हुए संज्ञान लिया गया है.
मैं जानती हूँ कि एक अधिकारी के सेवा सम्बंधित मामलों में बाहरी व्यक्ति को
बोलने का अधिकार नहीं है पर यह रूटीन प्रकरण नहीं है. यह एक व्हिसलब्लोवर
को  परेशान
और दण्डित करने, उसे प्रताडित करने का मामला है और इस रूप में हम सभी लोगों से
सम्बंधित है.
इन सभी तथ्यों के दृष्टिगत मैं आपसे तत्काल निम्न तीन निवेदन करती हूँ-
(एक) कृपया तत्काल श्री हरि शंकर पाण्डेय पर अकारण अधिरोपित किये गए इस
विभागीय कार्यवाही को समाप्त किया जाए या कम से कम तब तक स्थगित किया जाए जब
तक प्रकरण मा० न्यायालय में विचाराधीन हैं
(दो) श्री पाण्डेय को इस प्रकार प्रताडित करने का प्रयास करने वाले सभी वरिष्ठ
अधिकारियों को एक व्हिसलब्लोवर और सरकारी धन को लूटने से बचाने वाले अधिकारी
को अकारण प्रताडित करने के सम्बन्ध में जांच करा कर दण्डित किया जाये
(तीन) कैग रिपोर्ट और श्री पाण्डेय की रिपोर्ट पर तत्काल कार्यवाही कराई जाए.
निवेदन करुँगी कि यह एक अत्यंत गंभीर मामला है और सीधे-सीधे आपकी प्रतिष्ठा,
भ्रष्टाचार के प्रति आपके व्यक्तिगत रुख और स्वच्छ प्रशासन के प्रति आपके
समर्पण से जुड़ा हुआ है. पूरे प्रदेश की निगाहें इस मामले में आपकी ओर हैं. अतः
मुझे विश्वास है कि आप इस मामले में व्यक्तिगत ध्यान दे कर श्री पाण्डेय को
उनके अच्छे और सराहनीय कार्यों के लिए पुरस्कृत और प्रोत्साहित करते हुए उनके
प्रताडित और दण्डित करने का गलत प्रयास करने वाले अधिकारियों को कठोर दंड दे
कर एक बहुत ही अच्छा सन्देश पूरे देश में देंगे.

डॉ नूतन ठाकुर
लखनऊ
094155-34525
———-

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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शोक सभा की गयी

Posted on 03 July 2013 by admin

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष मुख्यालय पर राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे के पिता श्री सियाराम दुबे के आकस्मिक निधन पर एक शोक सभा की गयी जिसमें 2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शान्ति व शोक संतप्त परिवार को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिए ईष्वर से प्रार्थना की गयी।
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष प्रवक्ता प्रो0 के0के0 त्रिपाठी ने बताया कि अनिल दुबे के पिता के आकस्मिक निधन का समाचार पाकर प्रदेष अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने दूरभाष पर शोक संवेदना व्यक्त की।
शोक सभा में मुख्य रूप से बाबा हरदेव सिंह राष्ट्रीय महासचिव, सच्चिदानंद गुप्त पूर्व मंत्री मुमताज हुसैन अंसारी, प्रो0 के0के0 त्रिपाठी, प्रदेष महासचिव हाजी वसीम हैदर, प्रो0 यज्ञदत्त शुक्ला, डाॅ0 मीना वर्मा, राकेष कुमार सिंह मुन्ना अध्यक्ष मध्य जोन, आरिफ महमूद अध्यक्ष युवा रालोद, मनोज सिंह चैहान, संतोष कुमार यादव अध्यक्ष विधि प्रकोष्ठ, अनिल कुमार सिंह जिलाध्यक्ष लखनऊ, विभूतिनारायन पाण्डेय, अम्बुज पटेल, विजय विक्रम सिंह, अविनाष सिंह अंषू, अषोक चैधरी, चै0 सुखबीर सिंह पूर्व विधायक, शकुन्तला कुरील, रमावती तिवारी, अनीता यादव, लक्ष्मी गौतम, पुष्पा कंुवर, मीनाक्षी माथुर, रामबाबू सुदर्षन, आषीष श्रीवास्तव, हरपाल यादव, शफीक सिददीकी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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आकस्मिक निधन पर दुःख प्रकट किया

Posted on 03 July 2013 by admin

भारतीय जनता पार्टी के ‘‘क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री मुकुट बिहारी वर्मा जी’’ ने गोविन्दनगर कानपुर के विधायक श्री सत्यदेव पचैरी के पुत्र अमित पचैरी की आकस्मिक निधन पर दुःख प्रकट किया है।
बैठक में उपस्थित क्षेत्रीय संगठन मंत्री अशोक तिवारी, क्षेत्रीय महामंत्री भिखारी सिंह, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मान सिंह, अतुल दीक्षित, नीरज सिंह, विजय प्रताप सिंह, क्षेत्रीय प्रवक्ता दिलीप श्रीवस्तव, प्रदीप भार्गव, हीरो बाजपेयी, क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी अंजनी श्रीवास्तव आदि पदाधिकारियों ने गहरी सम्वेदना व्यक्त करते हुए, उनकी आत्मा की शांति के लिए 02 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रंद्धाजली अर्पित की एवं उनके परिवार को इस दुःख की घड़ी में ईश्वर से शक्ति देने की प्रार्थना की।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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सरकार की कथनी व करनी में भारी अंतर है

Posted on 03 July 2013 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार देने का नारा देने वाली सपा सरकार की कथनी व करनी में भारी अंतर है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि अखिलेश सरकार बताये कि अपने अब तक के कार्यकाल में कितने नौजवानों को रोजगार देने का काम किया है ?
पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों में लाखों पद रिक्त है,  सपा सरकार चुनावी प्रतिस्र्पधा में राज्य के आधार भूत ढ़ाचे को सुदृढ करने के लिए कोई कदम नही उठा रही है। सरकार के दावे और विभिन्न विभागों में पर्याप्त रिक्तियां होने के कारण फर्जी नियुक्तियों और उन्हे संचालित करने वालों की प्रदेश में पौ-बारह हो गयी है। महत्वपूर्ण लोंगों के इर्द-गिर्द रहने वाले इन रैकेटियरों के झांसे में आकर बेराजगार छला जा रहा है। शिक्षा विभाग में शिक्षकों के दो से ढ़ाई लाख पद रिक्त है। ग्राम्य विकास अधिकारियों के 2600 रिक्त पदों सहित 6 हजार लेखपालों के रिक्त पदों पर भर्ती होनी है। पुलिस में भी सत्तर हजार से अधिक पद रिक्त पड़े हुए है। राज्य के स्वास्थय महकमंे सहित कई अन्य महत्वपूर्ण विभागों में भी बड़ी संख्या में पद खाली पड़े हुए है। इन रिक्तियों के कारण सामान्य कामकाज प्रभावित हो रहा है। लेकिन इन सबसे बेपरवाह सपा सरकार रिक्त पदों पर बेरोजगारों को भर्ती करने के बजाय अपना सारा ध्यान लोकसभा चुनाव में अपनी विजय की जुगत में लगाये हुए है।
श्री पाठक ने कहा कि राज्य का आधारभूत ढ़ाचा कमजोर होगा तो सामान्य कामकाज  प्रभावित होता है, विकास रूक जाता है। अखिलेश सरकार लगातार लैपटाॅप वितरण कर रही है, बेरोजगारी भत्ते के वितरण के नाम पर बड़े-बड़े समारोह कर जनधन का अपव्यय कर वाहवाही लूट रही है। लेकिन नौजवानों को रोजगार देने की कोई ठोस पहल अभी तक शुरू नही हो सकी। नतीजा अलग-अलग जगहों पर बेरोजगारों का शोषण हो रहा है, उत्पीड़न हो रहा है। भाजपा प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि राज्य के विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों को सार्वजनिक करते हुए नियुक्तियों की प्रक्रिया को तत्काल प्रारम्भ करे साथ ही नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो  ताकि नौकरियों के नाम पर प्रदेश में चल रहे फर्जीवाड़े को रोका जा सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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डी0एम0 को औचक निरीक्षण मंे ब्लाक शमशाबाद के सभी कर्मचारी अनुपस्थित मिले सभी के स्थानान्तरण के निर्देश

Posted on 03 July 2013 by admin

जिलाधिकारी जुहेर बिन सगीर ने अपरान्ह में विकास खण्ड शमशाबाद शमशाबाद का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय एक मात्र कर्मचारी चैकीदार नरेन्द्र कुमार उपस्थित मिला। इसके अतिरिक्त राजेन्द्र कुमार गोयल, मुन्नेश बाबू शर्मा, राकेश कुमार बंसल, बिशन सिंह, राकेश बाबू शर्मा, मदनमोहन गोस्वामी, रफीक शाह अनुपस्थित मिले। अनुपस्थित स्टाफ के सम्बंध में चैकीदार कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका। जिलाधिकारी ने पूरे स्टाफ की अनुपस्थिति को गम्भीरता से लेते हुए सभी के स्थानान्तरण के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने विकास खण्ड परिसर मंे पशु चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया।
श्री सगीर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र शमशाबाद का औचक निरीक्षण किया। वहाॅं पर सभी व्यवस्थाएं ठीक मिलीं। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा0 मनीष तिवारी ने केन्द्र की गतिविधियों के सम्बंध में अवगत कराया। जिलाधिकारी ने केन्द्र में उपस्थित मरीजों के परिजनों से भी समस्याओं के सम्बंध में पूंछताछ की जिस पर सभी ने किसी परेशानी से इन्कार किया। जिलाधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरौली अहीर पहॅंुचे, जहाॅं पर प्रभारी चिकित्साधिकारी डा0 संजीव बर्मन को आकस्मिक अवकाश पर बताया गया, लेकिन उनके अवकाश का प्रार्थना पत्र स्वीकृत नहीं था। जिलाधिकारी ने इस पर स्पष्टीकरण के निर्देश दिये। केन्द्र पर स्थानीय लोगों व्दारा शिकायत की गई कि आकस्मिक चिकित्सा सेवा के लिए 108 नम्बर की सेवा उपलब्ध नहीं हो पाती है, जिसको जिलाधिकारी ने गम्भीरता से लेते हुए उपस्थित चिकित्साधिकारी डा0 त्रिवेन्द्र सिंह को निर्देश दिये कि इस सम्बंध में जांच कर वास्तविक वस्तुस्थिति से तीन दिन में अवगत कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने उपस्थिति रजिस्टर के साथ ही स्टाक रजिस्टर भी चैक किया और कुत्ता काटे के इंजेक्शनों का विवरण चैक किया।
जिलाधिकारी को ब्लाक संसाधन केन्द्र, बरौली अहीर के निरीक्षण में सह समन्वयक राजीव गुप्ता का 26 से 30 जून तक आकस्मिक अवकाश उपस्थिति पंजिका में न दर्ज होने तथा 01 व 02 जुलाई को भी अनुपस्थित होने, हरिओम दुबे, कुसुमलता खन्ना, होतीलाल निडर तथा संतोष उपाध्याय के अनुपस्थित मिलने पर बीएसए को स्पष्टीकरण के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने क्षेत्रीय सहकारी समिति बरौली अहीर का निरीक्षण किया, जहाॅं पर केवल एक कर्मचारी उपस्थित मिला। उसने बताया कि अन्य स्टाफ वसूली में गया है, लेकिन मूवमेन्ट रजिस्टर में सोरन सिंह तथा रूप सिंह का ही नाम दर्ज था। इन दोनों के अतिरिक्त अन्य अनुपस्थित स्टाफ का मूवमेन्ट रजिस्टर में नाम दर्ज नहीं होने पर स्पष्टीकरण के निर्देश दिये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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करकरेत्तर, राजस्व कार्य तथा विकास कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक 4 जुलाई को

Posted on 03 July 2013 by admin

अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) हरनाम सिंह ने अवगत कराया है कि जिलाधिकारी जुहेर बिन सगीर की अध्यक्षता में करकरेत्तर एवं राजस्व कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक 04 जुलाई को अपरान्ह 12 बजे से 2 बजे तक कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई है।
मुख्य विकास अधिकारी कै0 प्रभांशु श्रीवास्तव के अनुसार विकास प्राथमिकता कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक 04 जुलाई को अपरान्ह 3 बजे विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी जुहेर बिन सगीर की अध्यक्षता में आयोजित की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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जन शिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता पर सुनिश्चित करें-डी0एम0

Posted on 03 July 2013 by admin

तहसील सदर में 154 में से 03 शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण

प्रदेश सरकार की मंशा है कि जन शिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता और गुणवत्ता परक होना चाहिए। यदि किसी स्तर पर लापरवाही मिलती है तो सम्बंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
जिलाधिकारी जुहेर बिन सगीर तहसील सदर में आयोजित तहसील दिवस में जन शिकायतें सुन रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि जन शिकायतों का निस्तारण पारदर्शिता के साथ किया जाय तो निश्चत रूप से शिकायतकर्ता को बार-बार चक्कर नहीं लगाने होंगे।
श्री सगीर ने कहा कि राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के आवेदन पत्रों का निस्तारण अधिकतम 15 दिन के अंदर होना चाहिए। सदर क्षेत्र के गांव बुढैरा निवासी विकलांग भोलाराम ने अवगत कराया कि उसके घर के सामने तालाब का पानी बहकर घर में घुस रहा है जिससे उसके परिवार को कठिनाई का सामना करना पड़  रहा है। जिलाधिकारी ने इस विकलांग की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए खण्ड विकास अधिकारी प्रतिमा निमेश को निर्देश दिये कि समस्या का निस्तारण तत्काल सुनिश्चित करायें।
आज के तहसील दिवस में विभिन्न विभागों से सम्बंधित कुल 154 जन शिकायतें प्राप्त हुईं जिसमें से जिलाधिकारी ने राजस्व की 03 शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण सुनिश्चित कराया। शेष 151 जन शिकायतों के लिए सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्धारित समय में निस्तारण सुनिश्चित करें।
तहसील दिवस में मुख्य विकास अधिकारी कै0 प्रभांशु श्रीवास्तव, उप जिलाधिकारी सदर राजेश कुमार, तहसीलदार संजीव ओझा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 निर्मला यादव, जिला पंचायतराज अधिकारी के0एस0 अवस्थी, विकलांग कल्याण अधिकारी गणेश प्रसाद सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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बाढ़ की स्थिति अत्यंत भयावह रूप धारण कर चुकी है

Posted on 03 July 2013 by admin

बरसात का मौसम शुरू होते ही उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति अत्यंत भयावह रूप धारण कर चुकी है किन्तु प्रदेश सरकार अभी तक लगता है किसी बड़ी अनहोनी घटना का इंतजार कर रही है। यही कारण है कि अभी तक बाढ़ की रोकथाम एवं उससे निपटने के सम्बन्ध में कोई कार्ययोजना नहीं बनायी गयी है। आने वाले समय में प्रदेश के हालात फिर वैसे ही होंगे, जिस तरह से पिछले वर्षों में बाढ़ की विभीषिका में सैंकड़ों निर्दोष लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि प्रदेश में शारदा, घाघरा, राप्ती तथा कुंआनों आदि प्रमुख नदियां बरसात के प्रारम्भ में ही जिस तरह से अभी ही ऊफान पर हैं उसके कारण गोरखपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर, गोण्डा, लखीमपुरखीरी, पीलीभीत से लेकर बलिया तक तमाम जनपदों के लगभग 600 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, जबकि यह संख्या आगे चलकर काफी बढ़ेगी और जिससे लाखों लोगों के प्रभावित होने की आशंका है। बाढ़ की विभीषिका से अभी तक लगभग 63 मौतें हो चुकी हैं जबकि राज्य सरकार कुम्भकर्णी नींद सो रही है। प्रदेश सरकार की ओर से बाढ़ की रोकथाम हेतु न ही कोई एडवाइजरी जारी की गयी है और न ही नदियों के किनारे रह रहे परिवारेां और जहां भीषण कटान हो रही हैं उन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की व्यवस्था हेतु जिले के अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि सिर्फ बयान के बल पर सरकार चलाने वाली समाजवादी पार्टी यह मानकर चल रही है कि जब तक कोई भीषण हादसा नहीं हो जाता तब तक सरकार की सक्रियता की आवश्यकता नहीं है। और यही कारण है कि लोगों केा भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया है। बाढ़ की रोकथाम और इससे निपटने के लिए बार-बार केन्द्र सरकार से धन लिया जाता है किन्तु उसका सही सदुपयोग न होने के कारण लोग बाढ़ और उससे हो रहे नुकसान का दंश झेलने को मजबूर हैं जबकि सिर्फ केन्द्र के ही पैसे का यदि सही सदुपयोग किया जाता तो आज बाढ़ से निपटने की समुचित व्यवस्था हो चुकी होती।
श्री त्रिपाठी ने मांग की है कि राज्य सरकार बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए अविलम्ब बाढ़ से निपटने एवं इसके रोकथाम हेतु ठोस कार्ययोजना बनाये तथा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में आये भीषण बाढ़ के प्रकोप से प्रदेश की जनता को बचाने हेतु जिले के अधिकारियों को निर्देशित करे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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वर्ष 1980 बैच के प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग सहित कुल तीन वरिष्ठ आई0ए0एस0 अधिकारी मुख्य सचिव पद के समकक्ष वेतनमान 80 हजार के वेतनमान पर पदोन्नति

Posted on 03 July 2013 by admin

वर्ष 1980 बैच के तीन वरिष्ठ आई0ए0एस0 अधिकारी मुख्य सचिव पद के समकक्ष वेतनमान 80 हजार के वेतनमान पर पदोन्नति कर दिये गये हैं।
प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक श्री राजीव कुमार ने यह जानकारी आज यहाॅ देते हुए बताया कि वर्ष 1980 बैच के प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव श्रम श्री शैलेश कृष्ण तथा प्रमुख सचिव पर्यावरण श्री वी0एन0 गर्ग को मुख्य सचिव पद के समकक्ष वेतनमान 80 हजार के वेतनमान पर पदोन्नति कर दी गई है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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