Posted on 18 May 2013 by admin
दिनांक 17 मई, 2013
उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम-2008 की धारा-4 की उपधारा-4 के अधीन शक्ति का प्रयोग करके श्री राज्यपाल द्वारा अनुसूची-4 में संशोधन कर सिगरेट/सिगार के वैट कर में 50 प्रतिशत के स्थान पर अब 25 प्रतिशत ही वैट लगेगा। सरकार द्वारा इसमें 25 प्रतिशत की कमी की गयी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 18 May 2013 by admin
दिनांक 17 मई, 2013
प्रदेश के जन्तु उद्यान राज्य मंत्री एवं प्रभारी मंत्री लखनऊ डाॅ0 शिव प्रताप यादव कल दिनांक 18.05.2013 को इटावा स्थित लायन सफारी का दौरा करेंगे। डाॅ0 यादव प्रातः 10 बजे लायन सफारी इटावा में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण करेंगे। निरीक्षण के उपरान्त डाॅ0 यादव 12ः30 बजे वन विभाग के विश्राम गृह सुमेर सिंह किला में मीडिया कर्मियों से प्रेस वार्ता करके निर्माण कार्यों की जानकारी देंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 18 May 2013 by admin
- कम धनराशि में भी प्रदेश में कार्य सराहनीय
- केंद्रीय मंत्री पुनर्विचार कर प्रदेश के हित में सकारात्मक निर्णय लें
- उत्तर प्रदेश के लिए भी अन्य प्रदेश की भाॅति e-FMS लागू करने हेतु वास्तविक सहयोग की अपेक्षा
- -अरविन्द कुमार सिंह ‘गोप’
17 मई, 2013
उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरविन्द कुमार सिंह ‘गोप’ ने आज यहां बताया कि केन्द्रीय मंत्री जी द्वारा बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2011-12 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2012-13 में 30 प्रतिशत परिवारों को कम रोजगार उपलब्ध कराए गए हंै साथ ही सीमान्त परिवारों को मुहैया कराए गए रोजगार के श्रम दिवसों में भी गिरावट आई है। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि प्रदेश में 1084 ऐसी ग्राम पंचायतें हैं जहां कोई कार्य सृजित नहीं हुए है। जबकि कुल 52000 ग्राम पंचायतें हैं। केन्द्रीय मंत्री द्वारा यह तो माना है कि मात्र 1084 में कार्य सृजित नहीं हुए, जो मात्र 01 प्रतिशत ही है। शेष 99 प्रतिशत अर्थात 51000 ग्राम पंचायतों में कार्य होने के बारे में भी बताया गया होता तो स्थिति स्पष्ट होती और उत्तर प्रदेश में मनरेगा की प्रगति दिखाई देती। उनके द्वारा यह भी बताया गया है कि प्रदेश में 313699 ऐसे काम हैं जिन पर 04 महीनों से कोई खर्च नहीं हुआ है। इसकी समीक्षा और जांच की आवश्यकता जताई है। श्री गोप ने बताया कि केंद्र द्वारा पर्याप्त धनराशि न देने के बावजूद भी प्रदेश में मनरेगा के कार्याें में 99 प्रतिशत कार्य पूर्ण कराया गया है।
ग्राम्य विकास राज्य मंत्री ने बताया कि महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजनान्तर्गत भारत सरकार द्वारा अन्य प्रान्तों की भाॅति इस प्रदेश को धनराशि उपलब्ध नहीं करायी जा रही है, जो धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है, वह धनराशि ऊँट के मुँह में जीरा के समान है, क्योंकि विगत पांच वर्षों में कम धनराशि प्राप्त होने के पश्चात भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अच्छा कार्य किया गया है। फिर भी केन्द्र सरकार द्वारा बाधा उत्पन्न की जा रही है। उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा प्रदेश है एवं 52000 से अधिक ग्राम पंचायतें हैं। उत्तर प्रदेश की जनता व ग्राम प्रधान जानते हैं कि उन्हें क्या धनराशि मिली है या नहीं। यह भारत सरकार की योजना है, यदि भारत सरकार धनराशि नहीं देगी तो इस योजना की प्रगति के लिए आम जनता सोंचे कि कौन जिम्मेदार है। उत्तर प्रदेश के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। मुझे मा0 जयराम रमेश जी से यही अपेक्षा है, कि उत्तर प्रदेश की आम जनमानस की भावनाओं को देखते हुए प्रदेश के हित में व्यवस्था के अनुसार अन्य प्रान्तों यथा- आन्ध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु की भाँति उत्तर प्रदेश को भी प्रस्तावित सम्पूर्ण धनराशि उपलब्ध कराने के बारे में त्वरित विचार करें, जिससे उत्तर प्रदेश की अन्य प्रान्तों के अनुरूप मनरेगा योजना का सफलतापूर्वक संचालन कर सके। यह भी मा0 मंत्री जी के संज्ञान में लाना चाहॅूगा कि यह योजना भारत सरकार की है, उ0प्र0 द्वारा माॅगी जा रही सम्पूर्ण धनराशि पर केन्द्रीय मंत्री पुनर्विचार करते हुए सकारात्मक निर्णय लेते हैं तो हम उनके आभारी रहेंगे।
प्रेस के माध्यम से उपरोक्त बातों के अलावा पुनः दोहराना चाहूंगा कि मा0 मंत्री जी जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रू0 1275 करोड़ प्रथम तीन माह की माँग एवं 06 माह के लिए 1536.32 करोड़ माँग के रूप में की गयी है जो देय बनता है उसको तत्काल उपलब्ध करा दिया जाए ताकि जो स्थिति वित्तीय वर्ष 2012-13 में कोष प्रवाह में हुई कठिनाई की पुनरावृत्ति न हो और मनरेगा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके तथा उत्तर प्रदेश में मनरेगा योजना का सफलतापूर्वक संचालन किया जा सके।
ग्राम्य विकास राज्य मंत्री ने इस सम्बन्ध में कहा कि केंद्रीय मंत्री को प्रेस के माध्यम से यह भी अवगत कराना चाहूंगा कि पिछले तीन वर्षों में वार्षिक श्रम बजट के अनुपात में 2012-13 में सबसे कम 44 प्रतिशत धनराशि उपलब्ध कराई गई है यानि कि जहां वित्तीय वर्ष 2011-12 में 6668 करोड़ रू0 की धनराशि उपलब्ध कराई गई जो वार्षिक श्रम बजट का 76 प्रतिशत है वहीं वित्तीय वर्ष 2012-13 में 7003 करोड़ वार्षिक श्रम बजट की तुलना में केवल 3090 करोड़ धनराशि उपलब्ध कराई गई है, जो 44 प्रतिशत ही है। इसका परिणाम यह हुआ है कि बहुत सी ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जहां पर धनराशि इतनी कम उपलब्ध हो पाई है कि वहां कोई भी कार्य नहीं हो पाया। वित्तीय वर्ष 2012-13 ऐसा वर्ष रहा जहां पर शुरू कराए गए कार्य धनराशि के अभाव में पूर्ण नहीं हो पाए। पुराने वर्षों में धनराशि रहने की स्थिति में कार्य पूर्ण कराए जाने का प्रतिषत 81.3 रहा केवल वित्तीय वर्ष 2012-13 में ऐसी स्थिति रही जहाॅ धनराशि के अभाव में कराए गए कार्य पूर्ण नहीं कराए जा सके। धनराशि के अभाव का ही परिणाम रहा कि सीमान्त परिवारों को मुहैया कराए गए रोजगार के श्रम दिवसों में भी गिरावट आई। वित्तीय वर्ष 2012-13 में जो स्थिति उत्पन्न हुई उसका एक मात्र कारण धनराशि में की गई अप्रत्याशित कटौती है चूंकि यह भारत सरकार की योजना है इसलिए मा0 मंत्री जी को अवगत कराना चाहता हूं कि इस तरह की स्थिति धनराशि के अभाव के कारण उत्पन्न हुई। साथ ही मा0 मंत्री जी को प्रेस के माध्यम से यह भी अवगत कराना चाहता हॅूं कि वित्तीय वर्ष 2013-14 जहां प्रारंभिक अवशेष केवल 350 करोड़ से भी कम है उसके बावजूद भी हमारे द्वारा रू0 1275 करोड़ की प्रथम तीन माह की मांग केे बावजूद केवल रू0 420 करोड़ ही उपलब्ध कराए गए जबकि आन्ध्रप्रदेश को रू0 2412.00 करोड़ तथा तमिलनाडु को रू0 1142.00 करोड़ उपलब्ध कराए गए। इसके कारण मनरेगा श्रमिकों को काम दिलाए जाने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है। साथ ही पुराने प्रशासनिक व्यय के रूप में जो अनुमन्यता थी उसका रू0 175 करोड़ की मांग की गई है जिससे कि मनरेगा कर्मियों की समस्याओं को तत्काल दूर की जा सके, परन्तु अभी भी कोई निर्णय नहीं लिया है एवं e-FMS को लागू करने हेतु रू0 3.96 करोड़ धनराशि की मांग की गई है उस धनराशि को भी अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है परन्तु 4 अन्य प्रदेशों को अवमुक्त कर e-FMS की समस्त व्यय वहन कर चुका है। उत्तर प्रदेश के लिए भी अन्य प्रदेश की भाॅति e-FMS लागू करने हेतु वास्तविक सहयोग की अपेक्षा की जाती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 18 May 2013 by admin
विकास की मूलभूत आवश्यकता बिजली है लेकिन उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार विद्युत आपूर्ति करने में पूर्ण रूप से विफल है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश में अराजकता का महौल पैदा हो गया है, यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्र मोहन ने पत्रकारों से पार्टी मुख्यालय पर चर्चा के दौरान कही। प्रदेश प्रवक्ता डा0 मोहन ने कहा कि बिजली आपूर्ति सुचारू न होने से सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में जनजीवन अस्त व्यस्त है। उत्तर प्रदेश को वैश्विक पहचान दिलाने वाले लघु-कुटीर उद्योगों में उत्पादन ठप्प है। नगरीय क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियां तबाह हो रही है। बिजली न होने से विद्यार्थी वर्ग को परीक्षाओं में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों में मरीज बिलबिला रहे है, दुकानदार बेहाल है, कार्यलयों में कार्य प्रभावित हो रहे है। प्रदेश प्रवक्ता डा0 मोहन ने आगे कहा कि एक ओर केन्द्र सरकार डीजल मूल्य की लगातार बढ़ा रही है। वहीं बिजली आपूर्ति न होने से किसान बदहाल हो रहा है। परिणाम स्वरूप कृषि लागत मूल्य में वृद्धि हो रही है। बिजली न होने से आम नागरिक की थाली से रोटी गायब हो रही है। बिजली के कारण आटा चक्की बंद पड़ी हुई है। प्रदेश प्रवक्ता डा0 मोहन ने कहा कि प्रदेश सरकार के मुखिया ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति पर बड़े वायदे किये लेकिन सरकार 14 महिनों में पावर कारर्पोशन के तीन चेयरमैन बदलकर अपनी जिम्मेदारी की इति श्री समझ रही है। डा0 मोहन ने कहा कि हालात इतने बदतर हो गये है कि सत्तापक्ष के विधायक ही मुख्यमंत्री का घेराव करने के लिए विवश हुये। आज सम्पूर्ण प्रदेश में बिजली अनापूर्ति के कारण जनता कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेने के लिए बाध्य हो रही है और स्थान-स्थान पर जनता बिजली कर्मियों के बीच संघर्ष हो रहे है। जिसके कारण प्रदेश की खस्ताहाल कानून-व्यवस्था और रसातल में जा रही है। डा0 मोहन ने सरकार से सम्पूर्ण प्रदेश में एक समान, सुचारू, निर्वाध विद्युत आपूर्ति की मांग करते हुए चेतावनी दिया कि बिजली अनापूर्ति के खिलाफ भाजपा सड़क से सदन तक संघर्ष करेंगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 18 May 2013 by admin
- स्थानान्तरण नीति की संयुक्त विकास आयुक्त (टेक्निकल) उड़ी रही धज्जियां, सरकार की छवि हो रही धूमिल।
- सूचना के अधिकार में सूचना मांगने पर जान से मारने की धमकी एक वर्ष पश्चात सूचना दी।
18 मई उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद मुख्यालय लखनऊ में सत्ताईस वर्षो से अधिशाषी अभियंता, सहायक अभियंता, अवर अभियंता एवं कर्मचारी तैनात है इनको हटाने की किसी को फ्रिक नहीं है जबकि इनके खिलाफ अनेक शिकायते मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव आवास एवं नियोजन एवं आयुक्त आवास एवं विकास परिषद से की जा चुकी है।
यह बात इसरार उल्ला सिद्दीकी आर0टी0आई0 ऐक्टिविस्ट व इंडियन जस्टिस पार्टी के प्रदेश महासचिव ने बतलायी।
श्री सिद्दीकी ने बतलाया कि मैने सूचना के अधिकार के तहत दिनांक 09.04.2012 को चार बिन्दुओं की सूचना 34 अधिशाषी अभियंता, सहायक अभियंता तैनाती के सम्बन्ध में आयुक्त आवास एवं विकास परिषद उ0प्र0 से मांगी थी।
श्री सिद्दीकी ने बतलाया कि चूंकि उपरोक्त अधिशाषी अभियंता विगत 27 वर्षो से आवास एवं विकास परिषद मुख्यालय लखनऊ में तैनात है इनके द्वारा विभाग एवं निर्माण कार्यो में भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप भी लगते रहे हैं अगर इनका स्थानान्तरण मुख्यालय से किसी दूरस्थ मण्डल में करके इनके कार्यो की जांच करायी जाये तो अरबो रूपयों का घपला सामने आ सकता है लेकिन भ्रष्ट उच्चधिकारियों से सांठगांठ अधिशाषी अभियंताओं की होने के कारण न तो इनका स्थानान्तरण हो रहा है न ही इनके अनैतिक कार्यो की जांच हो पा रही है जिससे प्रदेश सरकार की छवि तो खराब हो रही है वहीं जनमानस की समस्याओं का निराकरण हो रहा है। पूरे विभाग में भ्रष्टाचारी अभियंताओं का बोलवाला है इनकी सम्पत्तियों की जांच करायी जाये तो करोड़ो रूपयों की अनैतिक सम्पत्ति मिलेगी।
श्री सिद्दीकी ने बतलाया कि भ्रष्ट अभियंताओं के खिलाफ जब सूचना के अधिकार में सूचना मांगी गयी तो दिनांक 26 अप्रैल 2012 को समय 3.15 बजे अपरान्ह बेसिक फोन सं0 - 0522-2237245 जो आवास एवं विकास परिषद मुख्यालय लखनऊ का है उससे मेरे मो0 सं0 9235680358 में अंजान व्यक्ति ने धमकी देते हुए कहा कि सूचना मांगना छोड़ दो नहीं तो अंजाम तुम जानते हो जान गंवानी भी पड़ सकती है।
श्री सिद्दीकी ने बतलाया कि मैने दिनांक 27 अप्रैल 2012 को कोतवाली हुसैनगंज लखनऊ में एन0सी0आर0 भी दर्ज करायी पुलिस द्वारा कभी हजरतगंज चैकी कभी गौतम पल्ली थाना में बुलाया गया लेकिन सम्बन्धियों के खिलाफ आज तक कार्यवाही नहीं हुई। न काल टिटेल निकलवायी गयी भ्रष्ट अभियंताओं ने पुलिस सांठगांठ करके मामला निपटा दिया।
श्री सिद्दीकी ने बतलाया कि भ्रष्ट अभियंता इतने ताकतवर है कि मैने मा0 मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव उ0प्र0 को समस्त प्रकरण से अवगत कराते हुए तमाम पत्र भी लिखे मुख्य सचिव उ0प्र0 को दिनांक 20.11.2012 को शिकायत की तन मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन ने आयुक्त उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद को जांच करके यथास्थिति से अवगत कराने का आदेश दिया तक्रम में उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद के संयुक्त आयुक्त (प्रशा0) श्री अनिल कुमार यादव ने मुझकों प्रश्नगत प्रकरण में अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए 04.05.2013 को बुलाया जिसमें मैने अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए अनुरोध किया कि मुझको सूचना के अधिकार में मांगी गयी 4 बिन्दुओं की सूचना उपलब्ध करायी जाये उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद के सहायक आवास आयुक्त (प्रशा0) द्वारा पत्रांक सं0 885/प्रशा0/एक-01/2012(2) की सूचना उपलब्ध करायी गयी है।
श्री सिद्दीकी ने बतलाया कि उपरोक्त सूचना जो उपलब्ध करायी गयी है उसमें 18 वर्ष से 27 वर्ष तक मुख्यालय में तैनात अधिकारियों का ब्यौरा है।
श्री सिद्दीकी ने अन्त में मा0 मुख्यमंत्री मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव आवास एवं नियोजन, आयुक्त आवास एवं विकास परिषद से मांग करते हुए कहा कि स्थानान्तरण नीति 2013-14 के तहत उपरोक्तों का तत्काल स्थानान्तरण दूरस्थ मण्डल में किया जाये इनके किये गये कार्यो की जांच कराकर दण्डित किया जाये। अगर 15 जून 2013 तक उपरोक्तों का स्थानान्तरण नहीं किया गया और इनके अनैतिक कार्यो की जांच नहीं कराई गयी तो इंजपा विधानसभा के सामने धरना देकर महामहिम राज्यपाल जी को ज्ञापन देकर मांग करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 May 2013 by admin
- आगरा के लिए पाइप लाइन के माध्यम से प्रस्तावित पेयजल परियोजना का कार्य शीघ्र पूरा कराने के निर्देश
- कानपुर के मन्धना-भौती बाईपास को विभागीय बजट से पूरा किया जाए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आगरा एवं कानपुर नगर के विकास कार्यों को पूरी गुणवत्ता एवं समय से पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आगरा में ताजगंज एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों के विश्व स्तरीय विकास के लिए लगभग 136 करोड़ रुपए की प्रस्तावित पर्यटन परियोजना को तत्परता से शुरु करने के भी निर्देश दिए हैं। इसके लिए मा0 सर्वोच्च न्यायालय से अनुमति प्राप्त कर शीघ्र कार्य शुरु करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने ताजमहल के 500 मी. की परिधि के बाहर के क्षेत्रों का भी विकास कार्य तत्काल शुरु कराने के लिए भी कहा है, जिससे पर्यटक इस क्षेत्र के प्राचीन स्थलों का भी भ्रमण कर सकें।
मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में आगरा एवं कानपुर विकास प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने बुलन्दशहर से आगरा के लिए पाइप लाइन के माध्यम से प्रस्तावित पेयजल परियोजना का कार्य जापान इण्टरनेशनल को-आॅपरेशन एजेंसी (जाइका) के वित्तीय सहयोग से निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। लगभग 2800 करोड़ रुपए की प्रस्तावित इस परियोजना आगरा शहर की पेयजल समस्या का समाधान होगा। इसी के साथ उन्होंने आगरा नगर के लिए जलापूर्ति की प्रस्तावित सिंचाई विभाग की परियोजना को भी क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ताज नगरी फेज़-2 में निर्माणाधीन जोनल पार्क को मार्च, 2014 तक पूरा कराने तथा ताज नेचर पार्क का विकास कार्य सुव्यवस्थित ढंग से कराने के लिए कहा है।
आगरा इनर रिंग रोड की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए इस सड़क का निर्माण शीघ्र कराया जाए। सार्वजनिक निजी सहभागिता (पी.पी.पी.) मोड पर आधारित लगभग 850 करोड़ रुपए की लागत की प्रस्तावित इस सड़क को 6 लेन का बनाया जाएगा, जिसे आवश्यकता पड़ने पर 8 लेन में परिवर्तित किया जा सकता है। कानपुर, आगरा, दिल्ली सड़क को ग्वालियर से जोड़ने वाली 22.8 कि.मी. की प्रस्तावित इस सड़क की आर.एफ.क्यू. तथा तथा आर.एफ.पी. बिडिंग की औपचारिकता शीघ्र पूरा करने के लिए भी उन्होंने निर्देशित किया है।
मुख्यमंत्री ने आगरा के महात्मा गांधी रोड (एमजी रोड) के चैड़ीकरण के लिए परियोजना तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस रोड के चैड़ीकरण में जरूरत पड़ने पर सरकारी जमीन का भी उपयोग किया जाए। इसके अलावा उन्होंने शिल्पग्राम एवं उसके आस-पास की जमीन का उपयोग करते हुए पुनर्निर्माण कराने के भी निर्देश दिए। पर्यटकों को ठहरने के लिए विश्वस्तरीय सुविधायुक्त होटल तथा होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
कानपुर नगर के विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए श्री यादव ने गंगा बैराज पर बन रही सड़क को तीन माह में पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। ट्रांसपोर्ट नगर को महानगर से बाहर स्थानांतरित कर फेज़-2 तथा 3 का कार्य भी शीघ्र शुरु करके मार्च, 2014 तक पूरा करने के लिए कहा है। इसके अलावा उन्होंने ग्रीन पार्क स्टेडियम के जीर्णोद्धार को सुव्यवस्थित रूप से सुनिश्चित कराने का निर्देश देते हुए कहा कि स्टेडियम में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। उन्होंनें एन.एच-2 को एन.एच- 91 से जोड़ने वाले मन्धना- भौती बाईपास के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि इस सड़क को पी.पी.पी. मोड के बजाय विभागीय बजट से पूरा किया जाए। इसके अतिरिक्त फूलबाग में के.ई.एम. हाॅल का जीर्णोद्धार कराने तथा फूलबाग एवं मोती झील को सुन्दर लैण्डस्केपिंग करते हुए विकसित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मण्डलायुक्त कानपुर को वर्षा से पूर्व, नगर की नालियों एवं नालों की सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराने तथा कूड़े के निस्तारण की मुकम्मल व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं।
बैठक में प्रभारी मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव आवास श्री सदा कान्त, सचिव पर्यटन एवं मण्डलायुक्त श्री संजीव शरण, सचिव आवास श्री राजीव अग्रवाल, आगरा एवं कानपुर के मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 May 2013 by admin
16.05.2013
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने आज यहां कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी की ओर पूरे देश की निगाहें लगी हुई है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के समक्ष बड़ी चुनौती है। केन्द्र में भाजपा और कांग्रेस की नहीं तीसरे मोर्चे की सरकार बनेगी। यह तभी होगा जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की बड़ी ताकत होगी।
श्री यादव पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में एकत्र सैकड़ों कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी, श्री एस0आर0एस0 यादव, डा0 सी0पी0 राय मौजूद थे। श्री मुलायम ंिसंह यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों, बुनकरों और गरीबों के कल्याण की तमाम योजनाएं बनी हैं। जनता के काम हो रहे हैं। चुनावी घोषणापत्र में पांच साल के लिए जो वायदे किए गए थे, सालभर में ही उनमें से ज्यादातर वायदे पूरे कर दिए गए हैं।
श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि किसानों को मुफ्त सिंचाई का लाभ मिला है। इसके लिए बजट में 500 करोड़़ रू0 की व्यवस्था की गई है। किसानों का 1650 करोड़ रूपए का कर्ज माफ किया गया। सामान्य वर्ग के परिवारो की कन्याओं को इंटर पास करने पर 30 हजार रू0 और मुस्लिम परिवार की हाईस्कूल पास छात्राओं को 30 हजार रू0 दिए जा रहे हैं। बेरोजगारों को भत्ता बांटा गया है। शहरी सम्पन्न परिवारों के छात्र-छात्राओं के मुकाबले गांव की छात्र-छात्राएं पिछड़ी न रह जाए इसलिए उनको भी लैपटाप और टैबलेट वितरित किए जा रहे हैं। पढ़ाई और दवाई उत्तर प्रदेश में ही मुफ्त मिल रही है।
श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बहुत काम हुए हैं जिनका अनुकरण दूसरे राज्य भी कर रहे हैं। लेकिन कानून व्यवस्था का नाम लेकर यूपी को बदनाम किया जाता है। दिल्ली से 10 गुणा ज्यादा जनसंख्या उत्तर प्रदेश में है किन्तु दिल्ली में अपराध भी 10 गुना ज्यादा है। फिर भी समाजवादी पार्टी के खिलाफ दुष्प्रचार करनेवाले दिल्ली मुम्बई का नाम नहीं लेते हैं जबकि उत्तर प्रदेश में अपराधों पर पूरा नियंत्रण है।
श्री मुलायम सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं का आव्हान किया कि वे सरकार की उपलब्धियां गांव-गांव और जन-जन तक पहुॅचाएं। लोकसभा चुनाव में इनके आधार पर हम काफी सीटें हासिल कर सकते हैं। उन्होने कहा कि विधान सभा चुनावों में कार्यकर्ताओं ने जनता के सहयेाग से समाजवादी पार्टी की बहुमत की सरकार बनवा दी। अब लोकसभा चुनाव में उन्हें पूरी ताकत लगानी होगी। चुनाव के दिन नजदीक हैं अतः पूरी तैयारी के साथ प्रचार, सभाओं और जनसम्पर्क के कार्यक्रमों को गति दें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 16 May 2013 by admin
तिरंगे के अपमान को लेकर जिस तरह से बांदा में हुए आंदोलन के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों और समाजसेवी संगठनों ने अपनी सहभागिता निभाई थी। ठीक उसी तरह से विधानसभा के सामने आयोजित धरने के दौरान देखने को मिली। यह बात जरूर है कि बांदा मुख्यालय में लगातार दस दिन तक धरना और प्रदर्शन होने के बाद भी कुलपति के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की गई। इंजपा के प्रांतीय उपाध्यक्ष बाबूलाल बाल और प्रांतीय महासचिव इसरार उल्ला सिद्दीकी का कहना है कि यह तिरंगे के अपमान का मामला है। तिरंगे की आन, बान और शान के लिए हर भारतवासी खुलकर इस आंदोलन में शामिल होगा। उनकी इस लडाई को सभी का समर्थन मिल रहा हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 May 2013 by admin
अफसरों ने हद कर दी। चंद पैसों के लिए अधिकारियों ने अपने पद और कुर्सी की गरिमा को तार-तार कर दिया। बांदा जनपद के एक मामले में अधिकारियों ने विरोधियों से मिलकर मृतक की तारीख को बदल दिया है। इंडियन जस्टिस पार्टी ने इस मामले को लेकर महामहिम राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपकर ऐसा कारनामा करने वाले एसडीएम और दरोगा को निलंबित कर प्रकरण की जांच कराने की मांग किया है।
सौंपे गए ज्ञापन में इंजपा महासचिव इसरार उल्ला सिद्दीकी ने कहा कि इस मामले की शिकायत मीडिया सेन्टर बांदा के डायरेक्टर संतोष निगम ने आयुक्त चित्रकूट धाम मंडल के यहां दर्ज कराई थी। जिस पर अपर जिलाधिकारी को जांच अधिकारी बनाया गया हैं। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है। कहा कि बांदा जनपद की सदर तहसील के सोनरही गांव निवासी छोटा पुत्र सांवले की मौत 4 मार्च 2011 को हो गई थी। दुर्घटना में मौत होने की वजह से मामला न्यायालय में विचाराधीन है। लेकिन विरोधियों से मिलकर एसडीएम सदर बांदा गिरीश कुमार शर्मा और तिंदवारी थाने के उपनिरीक्षक सुरेश कुशवाहा ने अपनी रिपोर्ट में छोटा की मौत वर्ष 2010 में होना दर्शाया हैं। प्रांतीय महासचिव ने मांग किया कि इस मामले में गलत रिपोर्ट लगाने वाले एसडीएम और दरोगा को निलंबित करते हुए प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 May 2013 by admin
गणतंत्र दिवस जैसे पावन पर्व पर जमीन में तिरंगा बनवाने के बाद उसे जूते तले कुचलने वाले कुलपति के खिलाफ एक बार फिर से आंदोलन की चिंगारी सुलग उठी है। बांदा मुख्यालय से उठी आंदोलन की चिंगारी अब विधानसभा के सामने पहुच गई। इस बार इंडियन जस्टिस पार्टी ने इस मामले को लेकर कुलपति के खिलाफ जंग छेंडी है। पार्टी ने तिरंगे को अपमानित करने वाले कुलपति को बर्खास्त करने की मांग करते हुए विधानसभा के सामने प्रदर्शन कर धरना दिया। मांग किया कि ऐसे कुलपति को तत्काल बर्खास्त करते हुए उसे जेल भेजा जाए। इसके साथ ही कुलपति ने जो भी वित्तीय अनियमितताएं की है, उसकी जांच शासन स्तर से एक पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर कराई जाए।
मान्यवर कांशीराम जी कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा के कुलपति डा. मिल्खा सिंह औलख ने 26 जनवरी 2012 को जमीन पर तिरंगा बनवाया था। इसके बाद कुलपति तिरंगे को जूतों तले कुचलते हुए ध्वजारोहण के लिए गए थे। इस तरह कुलपति ने तिरंगे को अपमानित किया। इस मामले को लेकर बांदा में समाजसेवियों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने मिलकर आंदोलन छेंडा। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई। अब यह मामला प्रदेश की राजधानी तक पहुच गया। इंडियन जस्टिस पार्टी ने इस मामले को लेकर अब कुलपति के खिलाफ आरपार का आंदोलन छेंड दिया है। गुरूवार को पार्टी ने कुलपति को बर्खास्त कर जेल की मांग करते हुए विधानसभा के सामने धरना दिया। करीब एक सैकडा से अधिक लामबंद पार्टी कार्यकर्ताओं ने कुलपति के खिलाफ नारेबाजी भी की। आरोप लगाया कि तिरंगे को अपमानित करने वाले कुलपति के खिलाफ प्रदेश सरकार ने भी कार्यवाही नही की है। सरकार कुलपति को खुलेआम बचा रही है। पार्टी के प्रांतीय उपाध्यक्ष बाबूलाल बाल ने कहा कि कुलपति ने तिरंगे को अपमानित कर पूरे देश का अपमान किया हैं। इस मामले में कुलपति के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाना चाहिए। इतना ही नही कुलपति ने वित्तीय अनियमितताएं करके प्रदेश सरकार को क्षति भी पहुचाई है। कहा कि एक ही तारीख में कुलपति ने दो तरह के अनुमोदन किए है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्वीकृत प्रस्ताव के तहत कुलपति ने सबसे पहले 24 अगस्त 2011 को 77.96 लाख की सामग्री खरीद के लिए अनुमोदन किया था। इसके बाद भुगतान के लिए 4 अक्टूबर को कुलपति की ओर से वित्त नियंत्रक को पत्र लिखा गया। लेकिन पुनः डेढ माह पीछे आकर कुलपति ने उसी 24 अगस्त 2011 की तारीख में 210.87 लाख का अनुमोदन कर दिया। इस तरह से कुलपति ने धोखाधडी की है। मनमानी तौर पर महंगी सामग्री मंगवाई गई हैं। मांग किया कि वित्तीय अनियमितता की जांच शासन स्तर से एक पांच सदस्यीय टीम गठित कर जांच कराई जानी चाहिए। प्रांतीय महासचिव इसरार उल्ला सिद्दीकी ने कहा कि तिरंगे के अपमान को देश का कोई भी नागरिक सहन नही कर सकता है। उनकी पार्टी इस मामले को लेकर आखिरी दम तक लडाई लडेगी। अगर उनकी मांग पर गंभीरतापूर्वक विचार नही किया गया तो पार्टी मजबूर होकर महामहिम राष्ट्रपति भवन के सामने धरना देंगे। कहा कि अगर वहां पर धरना देने से उनको रोका गया तो जंतर मंतर नई दिल्ली में तिथि घोषित कर आंदोलन किया जाएगा। सोसलिस्ट पार्टी आफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष अशफाक अहमद ने कहा कि तिरंगे को जमीन पर बनवाना ही उसका सबसे बडा अपमान हैं। फिर कुलपति ने उस समय तिरंगे को जूतों से कुचलकर अपमानित किया है जिस समय पूरा देश तिरंगे को सलामी दे रहा था। ऐसे कुलपति को इस गरिमा वाले पद पर रहने का अधिकार नही हैं। परिसंघ के प्रांतीय अध्यक्ष भवनाथ पासवान ने कहा कि विद्यालय एक शिक्षा का पवित्र मंदिर होता हैं। इसमें मां सरस्वती विराजमान होती हैं। अगर शिक्षा के पवित्र मंदिर में एक कुलपति अपने तिरंगे को अपमानित करे, इससे बडी शर्मनाक बात और क्या हो सकती हैं। भागीदारी आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक पीसी कुरील ने कहा कि समाज को एक नई दिशा देने की जिम्मेदारी शिक्षक को दी गई है। लेकिन शिक्षा के पवित्र मंदिर में जिम्मेदार पद पर बैठे कुलपति जैसा व्यक्ति जो अपने तिरंगे को ही जूतों तले रौंद रहा है, उससे कतई इस बात की उम्मीद नही की जा सकती है कि वह समाज को एक नई दिशा देगा। कुलपति ने तिरंगे को रौंदकर अपने पद को कलंकित किया है। ऐसे व्यक्ति को तत्काल बर्खास्त कर जेल भेजा जाना चाहिए। समाजसेवी लालजीत यादव ने कहा कि प्रबंध परिषद के सदस्य शिवेन्द्र प्रताप सिंह ने कुलपति के काले कारनामों की काफी शिकायतें की हैं। लेकिन अभी तक इस मामले में कुलपति के खिलाफ कोई कार्यवाही न होना इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश सरकार कुलपति को बचा रही है। पार्टी की ओर से जिलाधिकारी लखनऊ के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति और राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा गया। धरने में वरिष्ठ पत्रकार संतोष निगम, समाजसेवी सद्दू अली, अर्जुन, सुधीर, गनी, जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, सुशील कुमार साहू, रामकिशोर गौतम, विनोद कुमार गौतम, भारत, दिलीप, संघ रत्न आनंद, दिलीप रावत, बबलू, रंजन लाल, सुनीता गौतम, वहीदन, आरती, रामरती, माला शाह, मो. मुस्तफा, जावेद खान आदि मौजूद रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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