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तिरंगे के अपमान की चिंगारी विधानसभा के सामने गूंजी कुलपति के खिलाफ इंडियन जस्टिस पार्टी ने फूंका विगुल विधानसभा के सामने नारेबाजी के साथ इंजपा ने दिया धरना तिरंगे को अपमानित करने वाले कुलपति को जेल भेजने की मांग कार्यवाही न होने पर जंतर मंतर में आंदोलन करने का किया ऐलान

Posted on 16 May 2013 by admin

edited-milkha-singhगणतंत्र दिवस जैसे पावन पर्व पर जमीन में तिरंगा बनवाने के बाद उसे जूते तले कुचलने वाले कुलपति के खिलाफ एक बार फिर से आंदोलन की चिंगारी सुलग उठी है। बांदा मुख्यालय से उठी आंदोलन की चिंगारी अब विधानसभा के सामने पहुच गई। इस बार इंडियन जस्टिस पार्टी ने इस मामले को लेकर कुलपति के खिलाफ जंग छेंडी है। पार्टी ने तिरंगे को अपमानित करने वाले कुलपति को बर्खास्त करने की मांग करते हुए विधानसभा के सामने प्रदर्शन कर धरना दिया। मांग किया कि ऐसे कुलपति को तत्काल बर्खास्त करते हुए उसे जेल भेजा जाए। इसके साथ ही कुलपति ने जो भी वित्तीय अनियमितताएं की है, उसकी जांच शासन स्तर से एक पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर कराई जाए।
मान्यवर कांशीराम जी कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा के कुलपति डा. मिल्खा सिंह औलख ने 26 जनवरी 2012 को जमीन पर तिरंगा बनवाया था। इसके बाद कुलपति तिरंगे को जूतों तले कुचलते हुए ध्वजारोहण के लिए गए थे। इस तरह कुलपति ने तिरंगे को अपमानित किया। इस मामले को लेकर बांदा में समाजसेवियों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने मिलकर आंदोलन छेंडा। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही की गई। अब यह मामला प्रदेश की राजधानी तक पहुच गया। इंडियन जस्टिस पार्टी ने इस मामले को लेकर अब कुलपति के खिलाफ आरपार का आंदोलन छेंड दिया है। गुरूवार को पार्टी ने कुलपति को बर्खास्त कर जेल की मांग करते हुए विधानसभा के सामने धरना दिया। करीब एक सैकडा से अधिक लामबंद पार्टी कार्यकर्ताओं ने कुलपति के खिलाफ नारेबाजी भी की। आरोप लगाया कि तिरंगे को अपमानित करने वाले कुलपति के खिलाफ प्रदेश सरकार ने भी कार्यवाही नही की है। सरकार कुलपति को खुलेआम बचा रही है। पार्टी के प्रांतीय उपाध्यक्ष बाबूलाल बाल ने कहा कि कुलपति ने तिरंगे को अपमानित कर पूरे देश का अपमान किया हैं। इस मामले में कुलपति के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाना चाहिए। इतना ही नही कुलपति ने वित्तीय अनियमितताएं करके प्रदेश सरकार को क्षति भी पहुचाई है। कहा कि एक ही तारीख में कुलपति ने दो तरह के अनुमोदन किए है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्वीकृत प्रस्ताव के तहत कुलपति ने सबसे पहले 24 अगस्त 2011 को 77.96 लाख की सामग्री खरीद के लिए अनुमोदन किया था। इसके बाद भुगतान के लिए 4 अक्टूबर को कुलपति की ओर से वित्त नियंत्रक को पत्र लिखा गया। लेकिन पुनः डेढ माह पीछे आकर कुलपति ने उसी 24 अगस्त 2011 की तारीख में 210.87 लाख का अनुमोदन कर दिया। इस तरह से कुलपति ने धोखाधडी की है। मनमानी तौर पर महंगी सामग्री मंगवाई गई हैं। मांग किया कि वित्तीय अनियमितता की जांच शासन स्तर से एक पांच सदस्यीय टीम गठित कर जांच कराई जानी चाहिए। प्रांतीय महासचिव इसरार उल्ला सिद्दीकी ने कहा कि तिरंगे के अपमान को देश का कोई भी नागरिक सहन नही कर सकता है। उनकी पार्टी इस मामले को लेकर आखिरी दम तक लडाई लडेगी। अगर उनकी मांग पर गंभीरतापूर्वक विचार नही किया गया तो पार्टी मजबूर होकर महामहिम राष्ट्रपति भवन के सामने धरना देंगे। कहा कि अगर वहां पर धरना देने से उनको रोका गया तो जंतर मंतर नई दिल्ली में तिथि घोषित कर आंदोलन किया जाएगा। सोसलिस्ट पार्टी आफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष अशफाक अहमद ने कहा कि तिरंगे को जमीन पर बनवाना ही उसका सबसे बडा अपमान हैं। फिर कुलपति ने उस समय तिरंगे को जूतों से कुचलकर अपमानित किया है जिस समय पूरा देश तिरंगे को सलामी दे रहा था। ऐसे कुलपति को इस गरिमा वाले पद पर रहने का अधिकार नही हैं। परिसंघ के प्रांतीय अध्यक्ष भवनाथ पासवान ने कहा कि विद्यालय एक शिक्षा का पवित्र मंदिर होता हैं। इसमें मां सरस्वती विराजमान होती हैं। अगर शिक्षा के पवित्र मंदिर में एक कुलपति अपने तिरंगे को अपमानित करे, इससे बडी शर्मनाक बात और क्या हो सकती हैं। भागीदारी आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक पीसी कुरील ने कहा कि समाज को एक नई दिशा देने की जिम्मेदारी शिक्षक को दी गई है। लेकिन शिक्षा के पवित्र मंदिर में जिम्मेदार पद पर बैठे कुलपति जैसा व्यक्ति जो अपने तिरंगे को ही जूतों तले रौंद रहा है, उससे कतई इस बात की उम्मीद नही की जा सकती है कि वह समाज को एक नई दिशा देगा। कुलपति ने तिरंगे को रौंदकर अपने पद को कलंकित किया है। ऐसे व्यक्ति को तत्काल बर्खास्त कर जेल भेजा जाना चाहिए। समाजसेवी लालजीत यादव ने कहा कि प्रबंध परिषद के सदस्य शिवेन्द्र प्रताप सिंह ने कुलपति के काले कारनामों की काफी शिकायतें की हैं। लेकिन अभी तक इस मामले में कुलपति के खिलाफ कोई कार्यवाही न होना इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश सरकार कुलपति को बचा रही है। पार्टी की ओर से जिलाधिकारी लखनऊ के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति और राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा गया। धरने में वरिष्ठ पत्रकार संतोष निगम, समाजसेवी सद्दू अली, अर्जुन, सुधीर, गनी, जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, सुशील कुमार साहू, रामकिशोर गौतम, विनोद कुमार गौतम, भारत, दिलीप, संघ रत्न आनंद, दिलीप रावत, बबलू, रंजन लाल, सुनीता गौतम, वहीदन, आरती, रामरती, माला शाह, मो. मुस्तफा, जावेद खान आदि मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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