विकास की मूलभूत आवश्यकता बिजली है लेकिन उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार विद्युत आपूर्ति करने में पूर्ण रूप से विफल है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश में अराजकता का महौल पैदा हो गया है, यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्र मोहन ने पत्रकारों से पार्टी मुख्यालय पर चर्चा के दौरान कही। प्रदेश प्रवक्ता डा0 मोहन ने कहा कि बिजली आपूर्ति सुचारू न होने से सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में जनजीवन अस्त व्यस्त है। उत्तर प्रदेश को वैश्विक पहचान दिलाने वाले लघु-कुटीर उद्योगों में उत्पादन ठप्प है। नगरीय क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियां तबाह हो रही है। बिजली न होने से विद्यार्थी वर्ग को परीक्षाओं में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों में मरीज बिलबिला रहे है, दुकानदार बेहाल है, कार्यलयों में कार्य प्रभावित हो रहे है। प्रदेश प्रवक्ता डा0 मोहन ने आगे कहा कि एक ओर केन्द्र सरकार डीजल मूल्य की लगातार बढ़ा रही है। वहीं बिजली आपूर्ति न होने से किसान बदहाल हो रहा है। परिणाम स्वरूप कृषि लागत मूल्य में वृद्धि हो रही है। बिजली न होने से आम नागरिक की थाली से रोटी गायब हो रही है। बिजली के कारण आटा चक्की बंद पड़ी हुई है। प्रदेश प्रवक्ता डा0 मोहन ने कहा कि प्रदेश सरकार के मुखिया ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति पर बड़े वायदे किये लेकिन सरकार 14 महिनों में पावर कारर्पोशन के तीन चेयरमैन बदलकर अपनी जिम्मेदारी की इति श्री समझ रही है। डा0 मोहन ने कहा कि हालात इतने बदतर हो गये है कि सत्तापक्ष के विधायक ही मुख्यमंत्री का घेराव करने के लिए विवश हुये। आज सम्पूर्ण प्रदेश में बिजली अनापूर्ति के कारण जनता कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेने के लिए बाध्य हो रही है और स्थान-स्थान पर जनता बिजली कर्मियों के बीच संघर्ष हो रहे है। जिसके कारण प्रदेश की खस्ताहाल कानून-व्यवस्था और रसातल में जा रही है। डा0 मोहन ने सरकार से सम्पूर्ण प्रदेश में एक समान, सुचारू, निर्वाध विद्युत आपूर्ति की मांग करते हुए चेतावनी दिया कि बिजली अनापूर्ति के खिलाफ भाजपा सड़क से सदन तक संघर्ष करेंगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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