उत्तर प्रदेश के 13 राज्य विश्वविद्यालयों, 18 निजी विश्वविद्यालयों एवं लगभग 3400 महाविद्यालयों में 12वीं बोर्ड की परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कतिपय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त किये बिना प्रवेश का विज्ञापन/फार्म दे देते हैं और विद्यार्थी प्रवेश ले लेते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं का भविष्य खराब होता है तथा अनावश्यक रूप से न्यायिक वाद उत्पन्न होते हैं। ऐसे समय में प्रवेशार्थियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
यह जानकारी श्रीमती अनीता मिश्र विशेष सचिव, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दी गयी है। उन्होंने प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्र-छात्राओं को सचेत करने के लिए जानकारी दी है कि वे प्रवेश लेने से पूर्व देख लें कि सम्बन्धित विश्वविद्यालय को यू0जी0सी0 (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग भारत सरकार) से मान्यता प्राप्त है अथवा नहीं जिसे यू0जी0सी0 की वेबसाइट ूूूण्नहबण्ंबण्पद पर देख लें। विशेषतः फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जरूर देख लें। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया है कि वे प्रवेश से पूर्व संबंधित महाविद्यालय/संस्थान किस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है, विश्वविद्यालय/महाविद्यालय का संबंधित पाठ्यक्रम/विषय, जिसमें छात्र प्रवेश लेना चाहता है, उसका सम्बन्धित नियामक संस्था से मान्यता/संबंधित विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त है अथवा नहीं। विश्वविद्यालय/महाविद्यालय/संस्थान के प्रत्येक पाठ्यक्रम हेतु निर्धारित शुल्क का विवरण (नियमित/स्ववित्तपोषित सहित) विश्वविद्यालय अथवा महाविद्यालय की वेबसाइट पर देख लें।
विशेष सचिव ने प्रवेश के इच्छुक छात्र-छात्राओं को यह भी सलाह दी है कि वे बी0एड0, एम0एड, बी0पी0एड एवं ऐसे समतुल्य पाठ्यक्रम जो राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एन0सी0टी0ई0) की परिधि में आते हैं, उन पाठ्यक्रमों की मान्यता एवं सीटों का निर्धारण एन0सी0टी0ई0 से है या नहीं, संबंधित विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त है अथवा नहीं इसकी भी जानकारी प्राप्त कर लें। एन0सी0टी0ई0 की परिधिगत समस्त पाठ्यक्रमों में संबंधित विश्वविद्यालय/महाविद्यालय/संस्थान की मान्यता/सम्बद्धता, निर्धारित सीटों से ज्यादा छात्रों के प्रवेश करने की शिकायत एन0सी0टी0ई0/संबंधित क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी/संबंधित विश्वविद्यालय के कुल सचिव से की जा सकती है, क्योंकि निर्धारित सीट से अधिक सीट पर प्रवेश प्राप्त करने वाले छात्र परीक्षा से वंचित होंगे तथा उनकी डिग्री विधि मान्य नहीं होगी।
श्रीमती मिश्र ने यह भी कहा कि प्रवेश में किसी अनियमितता की शिकायत छात्र-छात्राएं सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, विश्वविद्यालय के कुलसचिव अथवा क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय से कर सकते हैं।
विशेष सचिव ने जानकारी दी है कि अनियमित महाविद्यालयों/संस्थाओं के प्रति प्रदेश के छात्रों को जागरुक करने हेतु एक सूक्ष्म फिल्म तैयार कराकर इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रसारित की जा रही है तथा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा समाचार पत्रों के माध्यम से भी छात्र-छात्राओं को जागरुक किया जा रहा है, ताकि छात्र-छात्राएं सही संस्थान में दाखिला लंे तथा उनका भविष्य खराब न होने पाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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