समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि लोकतंत्र में सत्तापक्ष की तरह विपक्ष की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जनादेश दोनों के लिए बाध्यकारी होता है। विपक्ष की भूमिका रचनात्मक होती है। लेकिन उत्तर प्रदेश में विपक्ष केवल विरोध के लिए विरोधी की नकारात्मक भूमिका ही निभा रहा है। राज्य में बसपा को उसके कुशासन से त्रस्त मतदाताओं ने सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया और समाजवादी पार्टी को बहुमत देकर सत्ता में प्रतिष्ठित किया। कांग्रेस-भाजपा को तीसरे चैथे पायदान पर पहुॅचा दिया। आश्चर्य है कि ये विपक्षी दल सकारात्मक विरोध की जगह समाजवादी पार्टी सरकार के विरूद्ध अनर्गल, निराधार और असंगत बयानबाजी करने में लगे हुए है।
बसपा शासन केे पांच साल प्रदेश के लिए बदहाली और बदनामी के रहे हैं। इस अवधि में विकास ठप्प रहा। सिर्फ पत्थर, पार्को और स्मारकों पर सरकारी खजाना लुटाया जाता रहा। बसपा विधायक और मंत्री सभी लूट, वसूली, अपहरण और बलात्कार के धंधे में लगे थे। सत्ता का दुरूपयोग कर चुनाव जीते गए। अवैध रूप से भूमि और मकान पर कब्जे के साथ आय से अधिक संपत्ति बटोरने में बसपाई नेता लगे रहे। लखनऊ से नोयडा तक बसपा ने लाखों करोड़ रूपये की जमीन की लूट की। खुद तत्कालीन बसपा मुख्यमंत्री ने माना था कि उनकी पार्टी में 500 से ज्यादा अपराधी भरे हुए थे। आज जब वही बसपा नेता समाजवादी पार्टी सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं तो हैरत होती है। अपने अतीत के काले अध्याय को याद करेगें तो उन्हें जरूर शर्म आएगी।
कांग्रेस यथास्थितिवाद को बढ़ावा देनेवाली पार्टी है जिसके राज में भ्रष्टाचार और मंहगाई का ग्राफ बढ़ता गया हैं। उदारीकरण के दौर ने देश की संपूर्ण नैतिक व्यवस्थाएं ध्वस्त कर दी है। केन्द्र में कांग्रेस की सरकार के रहते ही उत्तर प्रदेश में भाजपा के राज में बाबरी मस्जिद का ध्वंस हुआ। जातीयता और सांप्रदायिकता की ताकतों ने कांग्रेस की षह पर ही अपना विस्तार किया हैं। समाजवादी पार्टी ने इनके खिलाफ लगातार संघर्श किया है। इसके फलस्वरूप ही केन्द्र में सांप्रदायिक शक्तियां सत्ता में नहीं आ सकी।
समाजवादी पार्टी ने विकास का जो नया एजेंडा तैयार किया है और जिस पर तेजी से अमल हो रहा है, उससे प्रदेश में परिवर्तन की लहर पैदा हुई है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने समग्र विकास की नींव रखी है जिससे किसान, व्यापारी, शिक्षक, नौजवान, महिलाएं और मुसलमान सभी लाभान्वित हुए हंै। समाजवादी पार्टी की सरकार ने बेकारी भत्ता, कन्या विद्याधन, किसानों की कर्ज माफी, मुफ्त सिंचाई, इलाज की सुविधा और पिछड़े क्षेत्र के बच्चों को नए जमाने के साथ चलने का मौका देने के लिए लैपटाप और टैबलेट वितरण जैसे कदम उठाकर अन्य सूबों की सरकारों के सामने भी उदाहरण रखा है। प्रदेश में पूंजीनिवेश और नए उद्योगों की स्थापना के भी आसार बढ़े हैं। इन कार्यो की जन-जन सराहना कर रहा है। लेकिन न जाने क्यों विपक्षी दलों को सरकार के ये जनहितकारी निर्णय पसंद नहीं आ रहे हैं। समाजवादी सरकार के विरूद्ध दुष्प्रचार करनेवालों को लोकतंत्र का सम्मान करना सीखना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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