Posted on 14 April 2013 by admin
- कृतज्ञ राष्ट्र द्वारा परमपूज्य बाबा सहेब डा. अम्बेडकर को उनकी 122वें जन्म-दिवस पर, बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती जी के नेतृत्व में श्रद्धा-सुमन अर्पित एवं उनके सपनों का ’’जातिविहीन समतामूलक भारत’’ बनाने हेतु सत्ता की मास्टर चाभी हासिल करने का संकल्प दोहराया गया।
- बी.एस.पी. सरकार ने देश की सम्पत्ति का विकास किया, जबकि कांग्रेस, बी.जे.पी. एवं अन्य विरोधी पार्टियाँ धन्नासेठों की पूँजी के विकास में ही व्यस्त: बहन कुमारी मायावती जी।
- सपा सरकार में महिलाओं की असुरक्षा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में एक प्रकार से ‘‘दंगा-प्रदेश‘‘ बनने एवं अपराध-नियन्त्रण व कानून -व्यवस्था की स्थिति लगातार और भी ज्यादा बदतर होने के कारण आम लोगांे का जीवन काफी ज्यादा कष्टदायक व चिन्ताजनक: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष
अपने भारत में जांत-पांत की ऊँच-नीच के कारण यहाँ व्याप्त असमता व असमानता से ग्रस्त समाज में सभी शोषितों-पीडि़तों, वंचितों में भी खासकर दलित व अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के साथ जीने के उनके मानवीय हक को संविधान व कानूनी तौर पर दिलाने का महान व युग-परिवर्तनीय कार्य करने के कारण उन सबके दिल-दिमाग में आदरपूर्वक रचने व बसने वाले उनके मसीहा भारतरत्न, बोधिसत्व परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को, आज उनके 122वें जन्मदिवस पर, कृतज्ञ राष्ट्र ने अत्यन्त आदर व सम्मानपूर्वक स्मरण किया और उनके सपनों का ’’जाति विहीन मानवतावादी समतामूलक भारत’’ बनाने हेतु ’’बी.एस.पी. मूवमेन्ट’’ को तन, मन ,धन से समर्पित रहकर सत्ता की मास्टर चाभी हासिल करने के अपने संकल्प को उत्तर प्रदेश व देश भर में दोहराया।
इस अवसर पर, आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बी.एस.पी. सरकार द्वारा निर्मित ऐतिहासिक महत्व के भव्य ’’डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल’’ में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बहन कु. मायावती जी के साथ-साथ प्रदेश के सभी 75 जिलों व 403 विधानसभा क्षेत्रों के वरिष्ठ पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। माननीया सुश्री मायवती जी ने यहाँ लखनऊ में परमपूज्य बाबा साहेब को ’’डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल’’ जाकर वहाँ लिकंन मुद्रा में प्रतिष्ठापित उनकी भव्य प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पार्टी के राज्य स्तरीय श्रद्धा-सुमन कार्यक्रम का नेतृत्व किया। यह कार्यक्रम लगभग पूरे दिन जारी रहा।
इस अवसर पर अपने ओजस्वी व प्रेरणादायी भाषण में बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती जी ने कहाकि सपा सरकार राजनीतिक द्वेष की भावना से काम करके खासकर बी.एस.पी. कार्यकर्ताओं का प्रदेश भर में राजनीतिक उत्पीड़न कर रही है, जिसके तहत् ही बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के जन्म-दिन से सम्बन्धित होडिंग व बैनर आदि को भी यहाँ गलत ढंग से हटवा दिये गये, जिसकी तीव्र निन्दा करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि सपा सरकार ‘‘दंगा-प्रदेश‘‘ होने के भी अभिशाप से ग्रस्त है, जबकि बी.एस.पी. की सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश को पूरी तरह से ‘‘दंगा-मुक्त‘‘ प्रदेश बना दिया गया था और अयोध्या भूमि विवाद से सम्बन्धित माननीय न्यायालय का आदेश आने पर भी उत्तर प्रदेश में पूरे तौर पर अमन व शान्ति रही, जबकि दूसरे प्रदेशों में दंगों की आशंका के कारण स्कूल, कालेज, सरकारी कार्यालय आदि तक बन्द करा दिये गये थे, परन्तु उत्तर प्रदेश में शान्ति रही तो पूरा देश साम्प्रदायिक दंगे की आग में झुलसने से बच गया। इतना ही नहीं बल्कि लगभग एक सौ छोटे-बड़े साम्प्रदायिक दंगों के कारण बिगड़ी साम्प्रदायिक स्थिति के साथ-साथ लगातार बिगड़ती जा रही कानून-व्यवस्था व अपराध-नियन्त्रण की स्थिति के कारण सर्वसमाज व सभी धर्मों के लोग काफी ज्यादा दुःखी व परेशान हैं।
साथ ही, हर मामले में व हर स्तर पर उत्तर प्रदेश की सपा सरकार की विफलता का उल्लेख करते हुये बहन कुमारी मायावती जी ने कहाकि बी.एस.पी. सरकार के दौरान जिन लाखों लोगांे को सरकार की खाली पड़ी जमीन को गरीबों में वितरित किया गया था, उन्हें भी सपा सरकार के संरक्षण में सपा के गुण्डें व माफिया जबरन फसल काटकर उन पर कब्जा तक कर रहे हैं, जिसके सम्बन्ध में उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे लोगों के साथ-साथ उन जैसे अपराधियों का साथ देने वाले भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भी काफी सख्त कानूनी कार्रवाही की जायेगी ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो।
बी.एस.पी. सरकार द्वारा निर्मित भव्य इन स्थलों, स्मारकों, पार्कों आदि को ठीक ढंग से रख-रखाव नही करने पर सपा सरकार की तीव्र निन्दा करते हुये उन्होंने कहाकि यह जातिवादी मानसिकता है, जिस कारण ही पूर्व की सभी कांग्रेस, बीजेपी व सपा सरकारों ने दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों की घोर उपेक्षा की गयी, परन्तु उनके नेतृत्व में बनी बी.एस.पी. की चार बार की सरकार के दौरान उन महापुरूषों को पूरा-पूरा आदर-सम्मान देकर समाज के प्रति उनके संघर्षों व कुर्बानियों को चिरस्थायी बनाया गया है। इतना ही नहीं बल्कि बी.एस.पी. सरकार द्वारा जनहित में शुरू की गयी विभिन्न योजनाओं को ना केवल राजनीतिक दुर्भावना के तहत् एक-एक करके बन्द कर दिया गया है बल्कि इन योजनाओं के जाँच के आड़ में बड़े पैमाने व हर स्तर पर भारी भ्रष्टाचार करके धन उगाही का काम किया जा रहा है।
और खासकर महिला उत्पीड़न व उनकी असुरक्षा के सम्बन्ध में वैसे तो देशभर में कांग्रेस, बीजेपी व अन्य विरोधी पार्टियों के सरकारों में स्थिति अत्यन्त खराब व चिन्ताजनक है परन्तु उत्तर प्रदेश में यह स्थिति और भी खराब है और कुल मिलाकर महिलाओं व बेटियों की असुरक्षा व जुल्म-ज्यादती के सम्बन्ध में उ.प्र. नम्बर-1 का स्थान रखता है। अभी हाल ही में पश्चिमी उ.प्र. में बुलन्दशहर जिले का उल्लेख करते हुये बहन कुमारी मायावती जी ने माननीया सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद अर्पित किया कि उन्होंने बलात्कार पीडि़त बालिका के सम्बन्ध में पुलिस की ज्यादती के सम्बन्ध में स्वयं से संज्ञान लेकर उ.प्र. की सरकार को फटकार लगायी और पीडि़ता को न्याय दिलाने का प्रयास किया है। सुश्री मायावती जी ने आशा व्यक्त की कि माननीय सुप्रीम कोर्ट राजस्थान के अलवर की पीडि़त दलित परिवार को भी इसी प्रकार से न्याय दिलाने का प्रयास करेगा। सुश्री मायावती जी ने कहाकि कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश में सपा शासनकाल के एक वर्ष के भीतर ही सर्वसमाज के लोगांे के लिये जीवन काफी ज्यादा कष्टदायक व दुःखदायी साबित हुआ है।
कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार पर गरीब-विरोधी होने का आरोप लगाते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने कहाकि केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण ही देश में लगातार महँगाई व बेरोजगारी बढ़ती जा रही है।
इसी प्रकार देशभर में दलित एवं आदिवासी समाज के लोगांे को उनकी जमीन से बेदखल करके उनके साथ बड़े पैमाने पर अन्याय किया जा रहा है, जिसके खिलाफ वे लोग लगातार संघर्षरत हैं और एक बार फिर अपनी मांगों के समर्थन में उन लोगों का दिल्ली कूच करने का कार्यक्रम है। बी.एस.पी. की मांग है कि इन लोगांे को ना केवल उनकी जमीन का मालिकाना हक दिया जाय बल्कि खाली पड़ी सरकारी जमीन को भी उन भूमिहीन लोगांे में वितरित किया जाय। वर्तमान में जितनी जमीन पर खेती की जाती है उससे ज्यादा दोगुनी जमीन खाली पड़ी हुई है।
बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती जी ने कहाकि परम्पूज्य बाबा साहेब डा. अम्बेडकर को आज इस भव्य स्थल में श्रद्धा-सुमन अर्पित करके सभी लोग काफी गौरव का अनुभव कर रहे हैं, क्योंकि आजाद भारत के इतिहास में इतना भव्य व शानदार स्थल उत्तर प्रदेश ही नहीं, भारत में भी कहीं बाबा साहेब के नाम पर नहीं बना है। इस भव्य स्थल के साथ-साथ बी.एस.पी. सरकार द्वारा दलित व अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के नाम पर लखनऊ व नोयडा में भी जो ऐतिहासिक स्थल, स्मारक व पार्क बनाये गये हैं वे सब राष्ट्र निर्माण के कार्य हैं और आज यह जग-जाहिर हैं कि इन स्थलों की उपयोगिता पर सर्वसमाज को नाज है और वे सभी स्थल आदि उत्तर प्रदेश व देश की शोभा व शानदार विरासत हैं।
आज इस भव्य व विशाल एवं ऐतिहासिक ’’डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल’’ में आप लोगों द्वारा मिशनरी भावना से बड़ी संख्या में एकत्र होकर बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के सपनों का समतामूलक भारतीय समाज बनाने हेतु बी.एस.पी. मूवमेन्ट के प्रति संकल्प व सहयोग को दोहराना काफी ज्यादा राजनीतिक व सामाजिक महत्व रखता है, क्योंकि यह सन्देश यहाँ से ही पूरे देश के कोने-कोने में जाता है। और इससे विरोधी पार्टियों की स्वार्थपूर्ण, गरीब-विरोधी एवं पूँजीपति व धन्नासेठ समर्थक-राजनीति को बदलकर इसे ’’जनहित व सर्वसमाज समर्थक’’ बनाने के बी.एस.पी. के प्रयास को काफी शक्ति मिलती है। और यह निश्चित है कि आपके इस सहयोग, समर्थन व संकल्प का भरपूर लाभ यहाँ इस देश की जनता को देश में आने वाले लोकसभा आमचुनाव में भी भरपूर तौर पर बी.एस.पी. के सफलता के रूप में मिलेगा, ऐसा हर किसी का ही कहना है।
अपने देश में ’’सामाजिक परिवर्तन’’ की महानायिका बहन कुमारी मायावती जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि उनके नेतृत्व मे अब तक उत्तर प्रदेश में चार बार बनी बी.एस.पी. की सरकार ने सर्वसमाज के गरीबों, शोषितों एवं दलितों व अन्य पिछड़े वर्ग व धार्मिक अल्पसंख्यकों में खासकर मुस्लिम समाज के लोगों की भलाई व तरक्की के लिये जो काम किये हैं वे ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ बेमिसाल व अद्वित्तीय हैं। इतना ही नहीं समाज के दुर्बल, गरीब व कमजोर लोगों के साथ-साथ महिलाओं की स्थिति को भी बेहतर बनाने के लिये व उन्हें आर्थिक तौर पर मजबूत करने के लिए उन्हें सम्पत्ति का अधिकार दिये जाने का भी मौलिक व मूलभूत काम किया गया है, जबकि कांग्रेस व बी.जे.पी. एवं अन्य विरोधी पार्टियां महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने व उन्हें सम्पत्ति का अधिकार दिये जाने के आधारभूत काम करने से हमेशा ही कतराती रही हंै। इस प्रकार महिलाओं का सशक्तिकरण का उनका दावा मात्र छलावा व दिखावा ही प्रतीत होता है।
इसी प्रकार, बी.एस.पी. की सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में राज्य की सरकारी सम्पत्ति का विकास करने का जोरदार काम किया गया है, जबकि विरोधी पार्टियां देश में पूँजी का विकास कर देश में गरीबों, मजदूरों व कर्मचारियों आदि का हित व कल्याण करने के बजाय केवल पूँजीपतियों व धन्नासेठों की पूँजी का विकास करने में लगी हुयी हैं और इसे ही वे देश के विकास का आँकड़ा बताकर छलावा करती हैं। वास्तव में देश के सकल घरेलू उत्पाद अर्थात् जी.डी.पी. के विकास व बढ़ोत्तरी का साफ-साफ लाभ देश में रहने वाले सभी गरीबों, बेरोजगारांे युवाओं, मजदूरों व किसानों को सीधे तौर पर मिलना चाहिये, वरना जी.डी.पी. का विकास हमारी पार्टी की निगाह में ज्यादा मायने नही रखता है। हमें देश की आमजनता के दुःखदर्द को दूर करने की ज्यादा चिन्ता करनी चाहिये।
इतना ही नहीं बल्कि आज कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार ’’राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा’’ कानून बनाने का प्रयास करके आने वाले लोकसभा चुनाव में उसका राजनीतिक व चुनावी लाभ लेना चाहती है। परन्तु मेरे नेतृत्व वाली बी.एस.पी. की सरकार ने उ.प्र. विधानसभा चुनाव से काफी पहले दिनांक 15 जनवरी सन्, 2010 को ’’महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना’’ लागू करके लगभग 31 लाख गरीब परिवार महिला मुखिया को 400 रूपये प्रतिमाह की दर से 6 माह की 2400 रूपये की किस्त एक मुस्त देकर गरीब परिवारों को भूख और भूखमरी से मुक्ति दिलाने का ऐतिहासिक काम अपनी सरकार के अपने संसाधन के बल पर किया गया, जिस पर पहली किस्त में लगभग 10,500 करोड़ का व्यय भार सरकार पर पड़ा था, और वह भी तब जब उ.प्र. के सरकारी कर्मचारियों को छठा वेतन लाभ देने से लगभग 21 हजार करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ सरकारी खजाने पर पड़ा था।
Posted on 14 April 2013 by admin
अन्त में, बहन कुमारी मायावती जी ने दलित एवं अन्य पिछड़े वर्ग में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों में भी खासकर महात्मा ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू व बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं इनके मानवतावादी मूवमेन्ट को आगे बढ़ाने वाले मान्यवर श्री कांशीराम जी के सपनों को साकार करने हेतु सत्ता की मास्टर चाभी प्राप्त करने के मिशन में तन, मन, धन से संघर्षरत रहने की अपील लोगों से की।
इससे पहले कार्यक्रम स्थल पहुँचने पर बहन कुमारी मायावती जी का गगन भेदी नारों से जोरदार स्वागत किया गया। उनके स्वागत करने के लिए पार्टी के लगभग सभी वरिष्ठ व जिम्मेवार पदाधिकारी डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल पर मौजूद थे।
ज्ञातव्य है कि बहन कुमारी मायावती जी के नेतृत्व में अब तक उत्तर प्रदेश में चार बार बनी उनकी सरकार में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए तथा उनके आदर व सम्मान में जनहित की अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं और कार्यक्रम भी संचालित किये गये हैं। इसके तहत अनुसूचित जाति/जन जाति के लोगों के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए डा. अम्बेडकर ग्राम सभा विकास विभाग का गठन करते हुए अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य गांवों की तरक्की और खुशहाली के लिए डा. भीमराव अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना काफी प्रभावी ढंग से चलायी गयी। इसके अलावा 10 हजार डा0 अम्बेडकर ग्रामों की अनुसूचित जाति की बस्तियों में सोडियम लाइट लगाये गये। अम्बेडकर ग्राम सभाओं की प्रत्येक दलित बस्तियों में ’’बहुउद्देशीय सामुदायिक केन्द्र’’ बनाये गये। अनुसूचित जाति/जनजाति वर्गों के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डा. अम्बेडकर विशेष रोजगार योजना को प्रभावी रूप से संचालित किया जा रहा है।
इसी प्रकार, बाबा साहेब के सम्मान में आगरा विश्वविद्यालय का नामकरण बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर किया गया। इसी विश्वविद्यालय में बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के नाम पर अम्बेडकर पीठ की भी स्थापना की गयी। डा. अम्बेडकर के नाम पर अनुसूचित जाति/ जनजाति कोचिंग सेंटर की स्थापना जनपद अलीगढ़ और आगरा में की गयी। फैजाबाद मण्डल के अन्तर्गत अम्बेडकर नगर के नाम से नये जिले का गठन किया गया। वाराणसी में बाबा साहेब के नाम पर स्टेडियम का नामकरण तथा रामपुर में संग्रहालय व पुस्तकालय की स्थापना की गयी। इसके अलावा जनपद बांदा में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर मेडिकल कालेज, नोएडा तथा गे्रटर नोएडा में डा. भीमराव अम्बेडकर मल्टी सुपर स्पेशियल्टी अस्पताल स्थापित कराये गये हैं।
साथ ही कानपुर में डाॅ. अम्बेडकर इन्स्टीट्यूट आॅफ टेक्नाॅलाॅजी फार हैण्डीकैप्ड तथा जनपद आजमगढ़ में डाॅ. अम्बेडकर भवन का निर्माण कराया गया। जनपद मैनपुरी तथा कन्नौज में डा. भीमराव अम्बेडकर राजकीय महाविद्यालय की स्थापना की गयी। इसी प्रकार लखनऊ में डा. भीमराव अम्बेडकर अन्तर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम तथा गे्रटर नोएडा में 500 सीटों वाले डा. अम्बेडकर अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रावास का निर्माण कराया गया। आगरा एवं गौतम बुद्ध नगर में डाॅ. अम्बेडकर पार्क स्थापित किया गया। लखनऊ में डा. अम्बेडकर पर्यावरण म्यूजियम तथा डाॅ. अम्बेडकर पर्यावरण परिसर का निर्माण कराया गया। बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में अम्बेडकर पीठ की स्थापना तथा प्रशासनिक भवन संकुल का निर्माण कराया गया है।
बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के उद्देश्य से ही बी.एस.पी. सरकार द्वारा लखनऊ में विश्व स्तरीय ‘‘डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल‘‘ स्थापित किया गया है, जिसके अन्र्तगत डा. भीमराव अम्बेडकर विहार, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन गैलरी, डा. भीमराव अम्बेडकर स्मारक दृश्य स्थल, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन प्रतिबिम्ब स्थल तथा सामाजिक परिवर्तन संग्रहालय स्थापित है। इसके अलावा डा. भीमराव अम्बेडकर गोमती पार्क का निर्माण और इस पार्क में डाॅ0 अम्बेडकर की प्रतिमा भी स्थापित की गयी। साथ ही, लखनऊ में डा. भीमराव अम्बेडकर गोमती विहार खण्ड-1, खण्ड-2, खण्ड-3 एवं डाॅ. भीमराव अम्बेडकर गोमती विहार खण्ड-4, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल हेतु नवीनीकृत गोमती ब्रिज, डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल हेतु ओवर ब्रिज का निर्माण भी कराया गया। डाॅ. भीमराव अम्बेडकर गोमती विहार खण्ड-1 में बाबा साहेब की चहुंमुखी प्रतिमा की स्थापना की गयी है।
बी.एस.पी. सरकार द्वारा बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर लघु उद्यमी प्रादेशिक पुरस्कार योजना, डाॅ. अम्बेडकर निःशुल्क बोरिंग योजना तथा डाॅ. अम्बेडकर कृषि ऊर्जा सुधार योजना भी संचालित की गयी। इसके अलावा लखनऊ में देश के सबसे बड़े सभागारों में एक डाॅ. भीमराव अम्बेडकर सभागार का निर्माण तथा सभागार परिसर में बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित की गयी है। दिल्ली के नजदीक नोएडा में भी भव्य ‘‘राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल‘‘ स्थपित करके दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के साथ-साथ बाबा साहेब डा. अम्बेडकर को भी पूरा-पूरा आदर-सम्मान दिया गया।
जारीकर्ता
बी.एस.पी. स्टेट यूनिट
12 माल एवेन्यू लखनऊ
उत्तर प्रदेश
Posted on 14 April 2013 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में अभूतपूर्व बिजली संकट के लिए सपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मनोज मिश्र ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि प्रदेश में बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। पूरे प्रदेश में बिजली के इस संकट के लिए सपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि गांवों में मात्र 2 घंटे से लेकर 4 घंटे तक तथा कुछ जगहों को छोड़कर ज्यादातर शहरोें में 10 से 12 घंटे तक ही बिजली की आपूर्ति हो पा रही है। गांव के गांव अंधेरे में डूबे पड़े है। शहरों में व्यवसाय तथा उद्योग धंन्धें बंद होने के कगार पर है। पूरे प्रदेश की सभी व्यवस्था चैपट होती जा रही है। प्रदेश सरकार कानों में तेल डालकर चैन की बंशी बजा रही है तथा सरकार प्रदेश को ’लालटेन युग’ में ले जा रही है।
पार्टी प्रवक्ता डाॅ0 मिश्र ने कहा कि उत्पादन से लेकर वितरण तक अव्यवस्था हावी है। प्रदेश में बिजली का उत्पादन दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है और आपूर्ति में भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश बिजली संकट के अभूतपूर्व दौर से गुजर रहा है। इस बिजली संकट के कारण छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पा रहे है, उद्योगों की बंदी का संकट खड़ा हो गया है, किसानों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है और जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। विद्युत सब स्टेशन जनता के गुस्से का निशाना बन रहे है। डाॅ0 मिश्र ने सरकार को चेताते हुए कहा कि इस बिजली संकट के कारण, प्रदेश में कानून व्यवस्था का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
डाॅ0 मिश्र ने सपा सरकार से प्रश्न किया कि एक वर्ष के दौरान समय रहते उसने बिजली संकट से निपटने के लिए कोई ठोस और गंभीर उपाय क्यों नहीं किये? बिजली की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार ने क्या प्रयास किये? मांग और उपलब्धता के भारी अन्तर को देखते हुए अब सरकार मंहगी बिजली खरीदकर उपभोक्ताआंे को चोट पहंुचायेगी तथा भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। डाॅ0 मिश्र ने याद दिलाया कि पिछले वर्ष सपा सरकार ने प्रदेश की जनता से गांवों में 20 घंटे तथा शहरों में 22 घंटे तक बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने का वादा किया था। ’क्या हुआ तेरा वादा’ की तर्ज पर भाजपा ने सपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश के विकास की चिंता इस सरकार को नहीं है। यह सरकार कुछ ’कास्मेटिक’ परिवर्तन पर भरोसा कर प्रदेश की जनता को दिग्भ्रमित कर रही है।
प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 मिश्र ने कहा कि सरकार शीघ्र ही बिजली संकट से प्रदेश को निजात दिलाये अन्यथा भाजपा कार्यकर्ता पूरे प्रदेश में इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ जबरदस्त आन्दोलन करेगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 14 April 2013 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि क्रय केन्द्रों का राज्य स्तर से निरीक्षण के दौरान यदि कोई कमी अथवा अव्यवस्था पाई गयी तो सम्बन्धित जिलाधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके जनपद के समस्त क्रय केन्द्रों का प्रत्येक सप्ताह में एक बार नामित वरिष्ठ अधिकारी से निरीक्षण निर्धारित चेक प्वाइंट के आधार पर अवश्य कराकर प्रत्येक शुक्रवार को खाद्य आयुक्त को रिपोर्ट भेजी जाए। उन्होंने लगभग 14 जनपदों से साप्ताहिक रिपोर्ट न प्राप्त होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारियों को सचेत किया कि वे गेहूं क्रय कार्य में सजग होकर कार्य करें, अन्यथा लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि वह स्वयं प्रत्येक रविवार को पूर्वान्ह 11 बजे जिलाधिकारियों से प्राप्त रिपोर्ट की समीक्षा वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे तथा उनके द्वारा उठायी गयी समस्याओं का समाधान तत्काल कराना सुनिश्चित कराएंगें। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि प्रत्येक क्रय केन्द्रों पर कम से कम पांच दिन गेहूं खरीद के लिए अर्थात लगभग कम से कम 15 लाख रूपये की धनराशि गेहूं खरीद हेतु केन्द्रों पर अवश्य उपलब्ध रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समस्त क्रय केन्द्रों पर किसानों की सुख-सुविधा हेतु बड़ा शामियाना, किसानों के बैठने हेतु 3-4 तख्त, दरी, 3-4 घड़ों में पीने हेतु स्वच्छ पानी, गिलास, डोलची, पेट्रोमैक्स आदि की व्यवस्था क्रय संस्थाओं को प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करानी होगीं, ताकि क्रय केन्द्रों पर आने वाले किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए। जिलाधिकारी मण्डियों में उपजिलाधिकारियों की ड्यूटी लगाते हुए उनके सामने प्रभावी नीलामी प्रतिदिन सुनिश्चित कराने के साथ-साथ मण्डी कर की प्रभावी वसूली हेतु सचल दल आदि का गठन करायें, ताकि न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे मण्डियों में विक्रय किसी भी दशा में न होने पाए।
मुख्य सचिव आज योजना भवन में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को गेहूं खरीद की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि क्रय केन्द्रों की क्रियाशीलता के सम्बन्ध में सभी क्रय संस्थाओं द्वारा प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया जाए तथा जिलाधिकारियों के स्तर से क्रय केन्द्रों पर व्यवस्थाएं पूर्ण होने के सम्बन्ध में निरीक्षण आख्या जिन जनपदों से प्राप्त नहीं हुई हैं, उनसे आगामी दो दिन में अवश्य प्राप्त हो जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी यह सुनिश्चित कर लें कि राजस्व ग्रामों का सम्बद्धीकरण क्रय केन्द्रों से कराते हुए परिवहन दरों का निर्धारण करा दिया जाए। उन्हांेने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा उठायी गयी कमियां सम्बन्धित क्रय संस्थाएं अगले रविवार के पूर्व तत्काल दूर करायें, अन्यथा सम्बन्धित क्रय एजेन्सियों की जिम्मेदारियां नियत कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि बोरों की कमी कतई नहीं है, जिसकी पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने के साथ-साथ क्रय संस्थाओं को प्रत्येक क्रय केन्द्रों पर हैण्डलिंग ठेकेदार की नियुक्ति नियमानुसार तत्काल सुनिश्चित करा ली जाए। उन्होंने कहा कि क्रय केन्द्रों पर स्टाफ की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
श्री उस्मानी ने कहा कि जिलाधिकारियों द्वारा निर्देशानुसार भेजे गए भण्डारण प्लान की समीक्षा खाद्य आयुक्त आगामी दो दिन में कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि भण्डारण की कोई समस्या उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि प्रत्येक क्रय केन्द्रों पर स्टैचिंग मशीन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए। यदि बिजली की समस्या हो, तो वैकल्पिक व्यवस्था भी प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करा ली जाए। उन्होंने कहा कि क्रय केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान यदि कोई समस्या उठ रही हो तो उसका समाधान जिलाधिकारी अपने स्तर पर करना सुनिश्चित करें, यदि सम्भव न हो तो तत्काल खाद्य आयुक्त के संज्ञान में डालकर समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि 60 लाख मी0टन गेहूं खरीद के लक्ष्य के लिए भण्डारण योजना के अनुसार न तो भण्डारण की समस्या है और न ही बोरों की। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को अपने जनपदों में यह अवश्य सुनिश्चित कराया जाना है कि किसानों को उनके गेहूं विक्रय का भुगतान तत्काल कराया जाना सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि क्रय केन्द्रों का निरीक्षण जिलाधिकारी स्वयं कर आने वाली सम्भावित छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर कराना सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों द्वारा उठायी गयी समस्याओं का समाधान क्रय संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल कर अगली वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।
वीडिया कांफ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद श्री दीपक त्रिवेदी सहित एफ0सी0आई0 एवं राज्य भण्डारण निगम आदि क्रय एजेन्सियों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 14 April 2013 by admin
अग्निशमन सेवा स्मृति दिवस (14 अप्रैल) के अवसर पर आज यहां उत्तर प्रदेश फायर सर्विसेस के उच्चाधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को यू.पी. फायर सर्विसेस का स्टिकर लगाया।
मुख्यमंत्री ने फायर सर्विसेस द्वारा दी जा रही सेवाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि आग से लड़ना अत्यन्त कठिन कार्य है, जिसे फायर सर्विस से जुड़े लोग बड़े साहस से कर रहे हैं। स्टिकर लगवाने के उपरान्त श्री यादव ने फायर सर्विसेस के पक्ष में गुप्त दान भी किया।
इस अवसर पर फायर सर्विसेस के अधिकारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव तथा प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव को भी स्टिकर लगाया। उन्होंने भी गुप्त दान किया।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1944 में 14 अप्रैल को मुम्बई बंदरगाह में फोर्ट स्टीकेन नामक माल वाहक पोत, जिसमें रूई के बंडल, विस्फोटक एवं युद्ध उपकरण भरे हुए थे, में अकस्मात आग लग गई। इस आग को बुझाते समय जहाज़ में विस्फोट के कारण मुम्बई अग्निशमन सेवा के 66 अग्निशमन कर्मी वीरगति को प्राप्त हुए थे। वीरगति प्राप्त इन अग्निशमन कर्मियों की पावन स्मृति में प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को समस्त भारत में अग्निशमन सेवा दिवस का आयोजन किया जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 14 April 2013 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने वरिष्ठ उद्योगपति श्री आर0पी0गोयनका के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि देश के पुराने उद्योगपतियों में शामिल रहे श्री गोयनका के निधन से भारतीय उद्योग जगत को भारी क्षति पहुंची है।
श्री यादव ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना भी व्यक्त की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 14 April 2013 by admin
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अभूतपूर्व सफलता एन0एच0आई0एस0 के अन्तर्गत 48 लाख बी0पी0एल0 परिवारों के लिए स्मार्ट कार्ड बनाए गए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृृत्व में प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में निरन्तर प्रगति हो रही है। उल्लेखनीय है कि विगत वर्षांे स्वास्थ्य विभाग भ्रष्टाचार एवं नाकामी के लिए विभिन्न समाचार माध्यमों के सुर्खियों में रहा है। वर्तमान सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के फलस्वरूप अब यह विभाग विभिन्न सेवाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कारों से नवाजा जा रहा है। जिसकी पुष्टि केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को पुरस्कृत करके की जा रही है। प्रदेश सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन के सतत् प्रयासों से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं का कायाकल्प हुआ है।
108 एम्बुलेन्स सेवा की सफलता के बाद बी0पी0एल0 परिवारों के निःशुल्क इलाज हेतु संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की सफलता से अन्य क्षेत्रों को भी मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में सराहनीय कार्य करने हेतु गत 08 अप्रैल, 2013 को केन्द्रीय श्रम मंत्री श्री मल्लिकार्जुन खड्गे द्वारा राज्य सरकार को पुरस्कृत किया गया है।
राज्य सरकार की तरफ से सचिव मुख्यमंत्री एवं योजना के मुख्य कार्यपालक अधिकारी
श्री आलोक कुमार द्वारा त्रिवेन्द्रम (केरल) में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में पुरस्कार ग्र्रहण किया गया। इस कार्यशाला में बाराबंकी जनपद की जिलाधिकारी श्रीमती मिनिस्थी एस को भी योजनान्तर्गत उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। जबकि सैफई (इटावा) स्थित यू0पी0आर0आई0एम0एस0 को भी गरीबों को अच्छे इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पुरस्कृत किया गया।
राज्य स्तरीय सर्वर की स्थापना, जनपदों में तकनीकी सहायकों की नियुक्ति, जनपद स्तर पर मोबाइल डी0के0एम0ए0 सर्वर (लैपटाॅप) की स्थापना जैसे निर्णयों से योजना के क्रियान्वयन में काफी सुधार आया है। राज्य एवं जनपद स्तर पर कुशल प्रशिक्षकों द्वारा जनपद स्तरीय अधिकारियों एवं फील्ड स्तर के कर्मचारियों यथा गांव की आशा बहू एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्री की गुणवत्तापरक प्रशिक्षण से योजना के संचालन में तेजी आई है। जनपद स्तर पर योजना के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु स्वास्थ्य शिविर एवं कार्यशालाओं को आयोजन किया गया है। लाभार्थियों को निःशुल्क परामर्श हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना राज्य स्तरीय प्रकोष्ठ (साची) में काॅल सेन्टर की स्थापना की गई है, जिसमें टोल फ्री फोन की सुविधा है। जिसका
नं0-1800 1800 4444 है एवं प्रकोष्ठ में हेल्प लाइन फोन की भी सुविधा है जिसका नं0-9198004444 है।
जिला स्तर पर जिलाधिकारी के नेतृत्व में जिला बीमा समितियों का गठन किया गया ताकि अस्पतालों की सूचीबद्धता में पारदर्शिता लाई जा सके। इस समिति में जिलाधिकारी,
मुख्य चिकित्सा अधिकारी/डी0के0एम0ए0 तथा चयनित बीमा एजेन्सी के प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। समिति द्वारा आपसी विचार-विमर्श के उपरान्त अस्पतालों को सूचीबद्ध करने की सिफारिश स्टेट एजेन्सी फाॅर कम्प्रीहेन्सिव हेल्थ इंश्योरेन्स (साची) को भेजी जाती है।
प्रक्रिया में आई तेजी और त्वरित निर्णयों के चलते अभी तक 1486 अस्पताल सूचीबद्ध किए जा चुके हैं, जिनमें से 823 निजी क्षेत्र के हैं, जबकि 663 सरकारी क्षेत्र के है तथा आगामी चरण में प्रयास है कि योजना के अन्तर्गत राजकीय चिकित्सालयों की भागीदारी और अधिक बढ़ाई जाए। इस हेतु प्रत्येक जिला अस्पताल में एक जन सम्पर्क अधिकारी (पी0आर0ओ0) की भी व्यवस्था की गई है। समस्याओं के समाधान के दृष्टिकोण से पहली बार वाद निस्तारण पद्धति अपनाई गई, जिसमें असंतुष्ट वादी अपनी अपील पहले जिला स्तर पर फिर राज्य स्तर पर कर सकते हैं।
योजना के अन्तर्गत स्मार्ट कार्ड धारक परिवार एक वर्ष के लिए फ्लोटर आधार पर
30 हजार रुपये के हेल्थ केयर कवर का हकदार है। इसके अन्तर्गत पूर्व निर्धारित
1090 बीमारियां/पैकेजेज, जिनमें रोगी को इंडोर ट्रीटमेन्ट देय होगा, सम्मिलित हैं। इसमें रोगी को भोजन तथा अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर 100 रुपये प्रतिदिन का यातायात खर्च देय है। परन्तु इसकी सीमा अधिकतम 1000 रुपये प्रतिवर्ष निर्धारित है। इस योजना में देय वार्षिक प्रीमियम का 75 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा दिया जाता है, जबकि बचे हुए 25 प्रतिशत का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। लाभार्थी को मात्र 30 रुपये का योगदान देना होता है, जबकि सरकार लगभग 470 रुपये प्रति परिवार की दर से भुगतान करती है।
योजना के विगत चरण से निकाले गए निष्कर्षाें के आधार पर योजना में आधारभूत सुधार किया गया। इस वर्ष जमीनी स्तर पर योजना के संचालन में ठोस निर्णय लिए गए, जिसके उल्लेखनीय परिणाम सामने आए हैं। गत चरण में अस्पतालों के सुस्त भुगतान प्रक्रिया के चलते सूचीबद्ध अस्पतालों का योजना से मोह भंग होने लगा था। इस स्थिति की समीक्षा करते हुए योजना की खामियों को तकनीक की सहायता से दूर किया गया और राज्य स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा करने के साथ-साथ इसके लिए एक सर्वर की भी स्थापना की गई। इन प्रयासों के चलते इस योजना मंें चमत्कारी परिणाम सामने आए और सूचीबद्ध अस्पतालांे के सभी दावों के
74 प्रतिशत का निस्तारण महज 30 दिन के अन्दर कर दिया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 14 April 2013 by admin
48 lakh Smart Card prepared for B.P.L. families under National Health Insurance Scheme
For the health sector in Uttar Pradesh, the last few years have been mired in controversies and graft during the previous BSP government where a multi crore scam in the National Rural Health Mission (NRHM) caught national headlines. Last week when the state was awarded the ‘Most Improved State’ award by the union government, not only was the infamous past washed away but a new beginning was ushered in.
With Smart Cards made for 48 lakh families under the National Health Insurance Scheme, many feel this was a 360 degree turnaround in the health sector of Uttar Pradesh. Officials say, the success run was largely reached due to the leadership of the Chief Minister Mr. Akhilesh Yadav and the clear cut message of deliverance given from the State’s Health Minister Mr. Ahmad Hasan.
The reward is a huge recognition to the efforts of thousands of workers in the state government who let this milestone happen. Under the scheme, the UPRIMSR in Saifai, Etawah has been rewarded for its good and laudable work as an independent hospital. Compared to the first phase of the scheme, more than 25% of the below poverty line (BPL) population has been assimilated and smart cards for 48, 65,692 families have been made.
As part of course correction, taken as part of the inferences drawn from the first phase of the scheme where the claims were not attended to by listed hospitals due to tardy payment schedules, for the first time the anomalies were weeded out by the help of technique and weekly reviews and a server was established at the state level. The intervention and initiative saw miraculous results and of the claims made by listed hospitals, as many as 74% were settled within 30 days.
To ensure and enhance transparency in listing of hospitals, a district insurance committee was formed under the chairmanship of the district magistrate at district levels. This committee comprised of the district magistrate, the chief medical officer/DKMA and the representatives of the selected insurance company and after due deliberations, the recommendations to list hospitals was sent for approval to SACHI.
Owing to the prompt process and quick decision making, 1486 hospitals have been listed so far, of which 823 are private hospitals while 663 are government hospitals. Aware of road blocks for the first time a two tier complaint redressal system was set rolling in which claimants dissatisfied with decisions could appeal to district and then to the state level committee.
The scheme, kick started to benefit the BPL families, as per the 2002 census provides a smart card at a basic fee of Rs 30 which is used to meet all administrative expenses incurred in the scheme. The field key officer (FKO) is named for the completion of the nomination process in which a family, with considered unit of five, is listed on the smart card. The hitherto used 32 kb card has been replaced by a 64 kb card so that the beneficiaries can avail the benefits of both the state and central schemes.
To smart card holding families a sum of Rs 30,000 is entitled on floater basis for one year and a total of 1090 pre decided diseases/packages is available through indoor patient facilities. The scheme also entails giving of food and Rs 100 per day for transport on discharge from hospital but a maximum of Rs 1,000 in a year. 75% of the annual premium on the scheme is borne by the central government and the remaining 25% by the state government.
The cost of a smart card (Rs 60) is separately borne by the union government. Till March 31, 2013 48 lakh smart cards have been made in Uttar Pradesh and nomination process is underway in 21 districts, by the end of which 58 lakh beneficiary families are likely to be assimilated in the scheme. The scheme is an added benefit for residents of the state who are already availing the 108 ambulance service for emergency services.
The scheme, officials point out has achieved the state where it is in at present largely due to establishing of state level servers, appointment of technical assistants at districts, establishment of DKMA mobile servers (laptops) at district level. The scheme has also been expedited due to the involvement of trained workforce through the Aanganwadi’s. A free call centre at the state level (SACHI) at the state level has also been established and a toll free number 1800 1800 4444 has been created and a helpline 9198004444 also made.
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 14 April 2013 by admin
समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह लोहियावादी न होकर, परिवारवादी हैं। सत्ता के कई केन्द्र होने के कारण नौजवान मुख्यमंत्री यह बोलते हैं कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते हैं। प्रदेश में ही कल्याण सिंह व राजनाथ सिंह की सरकारें थी, तब अधिकारी सुनते थे। ऐसा क्यांे ? यह विचार आज प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकान्त बाजपेयी ने भाजपा कानपुर ग्रामीण के कार्यकर्ता सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा कि राहुल और मोदी की तुलना नहीं की जा सकती है, राहुल देश के असफल नेता हैं और मोदी देश के राष्ट्रवादी और सफल नेता हैं। विश्व के सर्वे में गुजरात प्रदेश केा विश्व का नं0-2 का प्रदेश बताया गया है। उन्होने कहा कि सपा, बसपा के भृष्टाचार को सी.बी.आई. का डर दिखाकर कांग्रेस छिपा रही है क्योंकि उसे सरकार चलानी है। प्रदेश के स्वास्थ्यमंत्री सरकारी डाक्टरों को गुण्डा कह रहे हैं, यह जिम्मेदारी उनकी है कि उनके खिलाफ कार्यवाही करें, उन्हे अमर्यादित भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिये।
कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकान्त बाजपेयी जी ने कहा कि व्यक्तिगत नारे लगाने से आपस में भेद बढ़ता है, केवल भाजपा जिन्दाबाद के नारे लगायें। स्वागत के दौरान पहनाई गई एक-एक माला दायित्व का बोध कराती है। अच्छा कार्य किया तो ठीक वरना फांसी का रूप ले लेती है। कानपुर की बिजली की व्यवस्था को लेकर कहा कि यदि प्रदेश सरकार केवल बिजली चोरी ही रोक दे, तो जनता को बिजली मिल सकती है। बिजली चोरी में बड़े-बड़े अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश भर में जनता से जुड़े मुद्दे पर बड़े- बड़े आन्दोलन करेगी। महिला उत्पीड़न, बलात्कार की घटनाये व बिगड़ी कानून व्यवस्था केा लेकर उन्होंने महिलामोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष से कानपुर केा केन्द्र बनाकर अधिकारियों के घेराव करने का आग्रह करते हुए नारा दिया ”जो अधिकारी करे न काम कर दो उसकी नींद हराम”। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बेरेाजगारेां को 8.5 करोड़ भत्ता देती है, और 12.5 करोड़ भत्ता वितरण कार्यक्रमों में खर्च करती है, सरकार बेरोजगारेां को धोखा दे रही है। यह सरकार किसानों के कर्जमाफी में भी गुमराह एवं भृष्टाचार कर रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय अध्यक्ष बालचन्द्र मिश्र ने की तथा आभार भाषण पूर्व सांसद श्याम बिहारी मिश्र ने किया कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश मंत्री अनूप गुप्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रदेश मंत्री नीलिमा कटियार, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष कमलावती सिंह, प्रदेश प्रवक्ता मनोज मिश्र, क्षेत्रीय संगठन मंत्री ओमप्रकाश श्रीवास्तव, हनुमान मिश्र, श्रीकृष्ण दीक्षित, वीरेन्द्र तिवारी, कानपुर के जिलाध्यक्ष देवेश कुमार कोरी, वी.डी. राय, दिनेश अवस्थी, रवि दीक्षित, कौशल अवस्थी, रवि शुक्ला, रामदेव शुक्ला, राजेन्द्र त्रिपाठी, गीता निषाद, अनुराग श्रीवास्तव आदि थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 14 April 2013 by admin
डा0 भीमराव अम्बेडकर जयंती के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर कल प्रातः 11ः30 बजे कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम के उपरान्त कार्यकर्ता हजरतगंज चैराहे स्थित डा0 अम्बेडकर की प्रतिमा तक जायेगे जहां सामूहिक रूप से माल्यार्पण एवं मिष्ठान वितरण का कार्यक्रम किया जायेगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सांसद लालजी टण्डन, प्रदेश महामंत्री रामनाथ कोविद, दिवाकर सेठ आदि उपस्थित रहेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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