- कृतज्ञ राष्ट्र द्वारा परमपूज्य बाबा सहेब डा. अम्बेडकर को उनकी 122वें जन्म-दिवस पर, बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती जी के नेतृत्व में श्रद्धा-सुमन अर्पित एवं उनके सपनों का ’’जातिविहीन समतामूलक भारत’’ बनाने हेतु सत्ता की मास्टर चाभी हासिल करने का संकल्प दोहराया गया।
- बी.एस.पी. सरकार ने देश की सम्पत्ति का विकास किया, जबकि कांग्रेस, बी.जे.पी. एवं अन्य विरोधी पार्टियाँ धन्नासेठों की पूँजी के विकास में ही व्यस्त: बहन कुमारी मायावती जी।
- सपा सरकार में महिलाओं की असुरक्षा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में एक प्रकार से ‘‘दंगा-प्रदेश‘‘ बनने एवं अपराध-नियन्त्रण व कानून -व्यवस्था की स्थिति लगातार और भी ज्यादा बदतर होने के कारण आम लोगांे का जीवन काफी ज्यादा कष्टदायक व चिन्ताजनक: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष
अपने भारत में जांत-पांत की ऊँच-नीच के कारण यहाँ व्याप्त असमता व असमानता से ग्रस्त समाज में सभी शोषितों-पीडि़तों, वंचितों में भी खासकर दलित व अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के साथ जीने के उनके मानवीय हक को संविधान व कानूनी तौर पर दिलाने का महान व युग-परिवर्तनीय कार्य करने के कारण उन सबके दिल-दिमाग में आदरपूर्वक रचने व बसने वाले उनके मसीहा भारतरत्न, बोधिसत्व परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को, आज उनके 122वें जन्मदिवस पर, कृतज्ञ राष्ट्र ने अत्यन्त आदर व सम्मानपूर्वक स्मरण किया और उनके सपनों का ’’जाति विहीन मानवतावादी समतामूलक भारत’’ बनाने हेतु ’’बी.एस.पी. मूवमेन्ट’’ को तन, मन ,धन से समर्पित रहकर सत्ता की मास्टर चाभी हासिल करने के अपने संकल्प को उत्तर प्रदेश व देश भर में दोहराया।
इस अवसर पर, आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बी.एस.पी. सरकार द्वारा निर्मित ऐतिहासिक महत्व के भव्य ’’डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल’’ में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बहन कु. मायावती जी के साथ-साथ प्रदेश के सभी 75 जिलों व 403 विधानसभा क्षेत्रों के वरिष्ठ पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। माननीया सुश्री मायवती जी ने यहाँ लखनऊ में परमपूज्य बाबा साहेब को ’’डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल’’ जाकर वहाँ लिकंन मुद्रा में प्रतिष्ठापित उनकी भव्य प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पार्टी के राज्य स्तरीय श्रद्धा-सुमन कार्यक्रम का नेतृत्व किया। यह कार्यक्रम लगभग पूरे दिन जारी रहा।
इस अवसर पर अपने ओजस्वी व प्रेरणादायी भाषण में बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती जी ने कहाकि सपा सरकार राजनीतिक द्वेष की भावना से काम करके खासकर बी.एस.पी. कार्यकर्ताओं का प्रदेश भर में राजनीतिक उत्पीड़न कर रही है, जिसके तहत् ही बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के जन्म-दिन से सम्बन्धित होडिंग व बैनर आदि को भी यहाँ गलत ढंग से हटवा दिये गये, जिसकी तीव्र निन्दा करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि सपा सरकार ‘‘दंगा-प्रदेश‘‘ होने के भी अभिशाप से ग्रस्त है, जबकि बी.एस.पी. की सरकार के दौरान उत्तर प्रदेश को पूरी तरह से ‘‘दंगा-मुक्त‘‘ प्रदेश बना दिया गया था और अयोध्या भूमि विवाद से सम्बन्धित माननीय न्यायालय का आदेश आने पर भी उत्तर प्रदेश में पूरे तौर पर अमन व शान्ति रही, जबकि दूसरे प्रदेशों में दंगों की आशंका के कारण स्कूल, कालेज, सरकारी कार्यालय आदि तक बन्द करा दिये गये थे, परन्तु उत्तर प्रदेश में शान्ति रही तो पूरा देश साम्प्रदायिक दंगे की आग में झुलसने से बच गया। इतना ही नहीं बल्कि लगभग एक सौ छोटे-बड़े साम्प्रदायिक दंगों के कारण बिगड़ी साम्प्रदायिक स्थिति के साथ-साथ लगातार बिगड़ती जा रही कानून-व्यवस्था व अपराध-नियन्त्रण की स्थिति के कारण सर्वसमाज व सभी धर्मों के लोग काफी ज्यादा दुःखी व परेशान हैं।
साथ ही, हर मामले में व हर स्तर पर उत्तर प्रदेश की सपा सरकार की विफलता का उल्लेख करते हुये बहन कुमारी मायावती जी ने कहाकि बी.एस.पी. सरकार के दौरान जिन लाखों लोगांे को सरकार की खाली पड़ी जमीन को गरीबों में वितरित किया गया था, उन्हें भी सपा सरकार के संरक्षण में सपा के गुण्डें व माफिया जबरन फसल काटकर उन पर कब्जा तक कर रहे हैं, जिसके सम्बन्ध में उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे लोगों के साथ-साथ उन जैसे अपराधियों का साथ देने वाले भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भी काफी सख्त कानूनी कार्रवाही की जायेगी ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो।
बी.एस.पी. सरकार द्वारा निर्मित भव्य इन स्थलों, स्मारकों, पार्कों आदि को ठीक ढंग से रख-रखाव नही करने पर सपा सरकार की तीव्र निन्दा करते हुये उन्होंने कहाकि यह जातिवादी मानसिकता है, जिस कारण ही पूर्व की सभी कांग्रेस, बीजेपी व सपा सरकारों ने दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों की घोर उपेक्षा की गयी, परन्तु उनके नेतृत्व में बनी बी.एस.पी. की चार बार की सरकार के दौरान उन महापुरूषों को पूरा-पूरा आदर-सम्मान देकर समाज के प्रति उनके संघर्षों व कुर्बानियों को चिरस्थायी बनाया गया है। इतना ही नहीं बल्कि बी.एस.पी. सरकार द्वारा जनहित में शुरू की गयी विभिन्न योजनाओं को ना केवल राजनीतिक दुर्भावना के तहत् एक-एक करके बन्द कर दिया गया है बल्कि इन योजनाओं के जाँच के आड़ में बड़े पैमाने व हर स्तर पर भारी भ्रष्टाचार करके धन उगाही का काम किया जा रहा है।
और खासकर महिला उत्पीड़न व उनकी असुरक्षा के सम्बन्ध में वैसे तो देशभर में कांग्रेस, बीजेपी व अन्य विरोधी पार्टियों के सरकारों में स्थिति अत्यन्त खराब व चिन्ताजनक है परन्तु उत्तर प्रदेश में यह स्थिति और भी खराब है और कुल मिलाकर महिलाओं व बेटियों की असुरक्षा व जुल्म-ज्यादती के सम्बन्ध में उ.प्र. नम्बर-1 का स्थान रखता है। अभी हाल ही में पश्चिमी उ.प्र. में बुलन्दशहर जिले का उल्लेख करते हुये बहन कुमारी मायावती जी ने माननीया सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद अर्पित किया कि उन्होंने बलात्कार पीडि़त बालिका के सम्बन्ध में पुलिस की ज्यादती के सम्बन्ध में स्वयं से संज्ञान लेकर उ.प्र. की सरकार को फटकार लगायी और पीडि़ता को न्याय दिलाने का प्रयास किया है। सुश्री मायावती जी ने आशा व्यक्त की कि माननीय सुप्रीम कोर्ट राजस्थान के अलवर की पीडि़त दलित परिवार को भी इसी प्रकार से न्याय दिलाने का प्रयास करेगा। सुश्री मायावती जी ने कहाकि कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश में सपा शासनकाल के एक वर्ष के भीतर ही सर्वसमाज के लोगांे के लिये जीवन काफी ज्यादा कष्टदायक व दुःखदायी साबित हुआ है।
कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार पर गरीब-विरोधी होने का आरोप लगाते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने कहाकि केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण ही देश में लगातार महँगाई व बेरोजगारी बढ़ती जा रही है।
इसी प्रकार देशभर में दलित एवं आदिवासी समाज के लोगांे को उनकी जमीन से बेदखल करके उनके साथ बड़े पैमाने पर अन्याय किया जा रहा है, जिसके खिलाफ वे लोग लगातार संघर्षरत हैं और एक बार फिर अपनी मांगों के समर्थन में उन लोगों का दिल्ली कूच करने का कार्यक्रम है। बी.एस.पी. की मांग है कि इन लोगांे को ना केवल उनकी जमीन का मालिकाना हक दिया जाय बल्कि खाली पड़ी सरकारी जमीन को भी उन भूमिहीन लोगांे में वितरित किया जाय। वर्तमान में जितनी जमीन पर खेती की जाती है उससे ज्यादा दोगुनी जमीन खाली पड़ी हुई है।
बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती जी ने कहाकि परम्पूज्य बाबा साहेब डा. अम्बेडकर को आज इस भव्य स्थल में श्रद्धा-सुमन अर्पित करके सभी लोग काफी गौरव का अनुभव कर रहे हैं, क्योंकि आजाद भारत के इतिहास में इतना भव्य व शानदार स्थल उत्तर प्रदेश ही नहीं, भारत में भी कहीं बाबा साहेब के नाम पर नहीं बना है। इस भव्य स्थल के साथ-साथ बी.एस.पी. सरकार द्वारा दलित व अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के नाम पर लखनऊ व नोयडा में भी जो ऐतिहासिक स्थल, स्मारक व पार्क बनाये गये हैं वे सब राष्ट्र निर्माण के कार्य हैं और आज यह जग-जाहिर हैं कि इन स्थलों की उपयोगिता पर सर्वसमाज को नाज है और वे सभी स्थल आदि उत्तर प्रदेश व देश की शोभा व शानदार विरासत हैं।
आज इस भव्य व विशाल एवं ऐतिहासिक ’’डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल’’ में आप लोगों द्वारा मिशनरी भावना से बड़ी संख्या में एकत्र होकर बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के सपनों का समतामूलक भारतीय समाज बनाने हेतु बी.एस.पी. मूवमेन्ट के प्रति संकल्प व सहयोग को दोहराना काफी ज्यादा राजनीतिक व सामाजिक महत्व रखता है, क्योंकि यह सन्देश यहाँ से ही पूरे देश के कोने-कोने में जाता है। और इससे विरोधी पार्टियों की स्वार्थपूर्ण, गरीब-विरोधी एवं पूँजीपति व धन्नासेठ समर्थक-राजनीति को बदलकर इसे ’’जनहित व सर्वसमाज समर्थक’’ बनाने के बी.एस.पी. के प्रयास को काफी शक्ति मिलती है। और यह निश्चित है कि आपके इस सहयोग, समर्थन व संकल्प का भरपूर लाभ यहाँ इस देश की जनता को देश में आने वाले लोकसभा आमचुनाव में भी भरपूर तौर पर बी.एस.पी. के सफलता के रूप में मिलेगा, ऐसा हर किसी का ही कहना है।
अपने देश में ’’सामाजिक परिवर्तन’’ की महानायिका बहन कुमारी मायावती जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि उनके नेतृत्व मे अब तक उत्तर प्रदेश में चार बार बनी बी.एस.पी. की सरकार ने सर्वसमाज के गरीबों, शोषितों एवं दलितों व अन्य पिछड़े वर्ग व धार्मिक अल्पसंख्यकों में खासकर मुस्लिम समाज के लोगों की भलाई व तरक्की के लिये जो काम किये हैं वे ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ बेमिसाल व अद्वित्तीय हैं। इतना ही नहीं समाज के दुर्बल, गरीब व कमजोर लोगों के साथ-साथ महिलाओं की स्थिति को भी बेहतर बनाने के लिये व उन्हें आर्थिक तौर पर मजबूत करने के लिए उन्हें सम्पत्ति का अधिकार दिये जाने का भी मौलिक व मूलभूत काम किया गया है, जबकि कांग्रेस व बी.जे.पी. एवं अन्य विरोधी पार्टियां महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने व उन्हें सम्पत्ति का अधिकार दिये जाने के आधारभूत काम करने से हमेशा ही कतराती रही हंै। इस प्रकार महिलाओं का सशक्तिकरण का उनका दावा मात्र छलावा व दिखावा ही प्रतीत होता है।
इसी प्रकार, बी.एस.पी. की सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में राज्य की सरकारी सम्पत्ति का विकास करने का जोरदार काम किया गया है, जबकि विरोधी पार्टियां देश में पूँजी का विकास कर देश में गरीबों, मजदूरों व कर्मचारियों आदि का हित व कल्याण करने के बजाय केवल पूँजीपतियों व धन्नासेठों की पूँजी का विकास करने में लगी हुयी हैं और इसे ही वे देश के विकास का आँकड़ा बताकर छलावा करती हैं। वास्तव में देश के सकल घरेलू उत्पाद अर्थात् जी.डी.पी. के विकास व बढ़ोत्तरी का साफ-साफ लाभ देश में रहने वाले सभी गरीबों, बेरोजगारांे युवाओं, मजदूरों व किसानों को सीधे तौर पर मिलना चाहिये, वरना जी.डी.पी. का विकास हमारी पार्टी की निगाह में ज्यादा मायने नही रखता है। हमें देश की आमजनता के दुःखदर्द को दूर करने की ज्यादा चिन्ता करनी चाहिये।
इतना ही नहीं बल्कि आज कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार ’’राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा’’ कानून बनाने का प्रयास करके आने वाले लोकसभा चुनाव में उसका राजनीतिक व चुनावी लाभ लेना चाहती है। परन्तु मेरे नेतृत्व वाली बी.एस.पी. की सरकार ने उ.प्र. विधानसभा चुनाव से काफी पहले दिनांक 15 जनवरी सन्, 2010 को ’’महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना’’ लागू करके लगभग 31 लाख गरीब परिवार महिला मुखिया को 400 रूपये प्रतिमाह की दर से 6 माह की 2400 रूपये की किस्त एक मुस्त देकर गरीब परिवारों को भूख और भूखमरी से मुक्ति दिलाने का ऐतिहासिक काम अपनी सरकार के अपने संसाधन के बल पर किया गया, जिस पर पहली किस्त में लगभग 10,500 करोड़ का व्यय भार सरकार पर पड़ा था, और वह भी तब जब उ.प्र. के सरकारी कर्मचारियों को छठा वेतन लाभ देने से लगभग 21 हजार करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ सरकारी खजाने पर पड़ा था।