Posted on 23 November 2012 by admin
डा0 राममनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना में इस वित्तीय वर्ष के लिए जनपद प्रभारी मंत्रियों द्वारा 1555 गांवों का चयन कर सूची शासन को उपलब्ध करा दी गयी है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव, समग्र ग्राम विकास श्री सदाकान्त ने दी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 72 जनपदों से सूची प्राप्त हो गई है। संभल, शामली नये जनपद होने तथा हाथरस के प्रभारी मंत्री की असामयिक मृत्यु के कारण सूची प्राप्त होने में विलम्ब हुआ है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि इस वर्ष 1600 लोहिया ग्रामों का समग्र विकास किया जाना है, इन ग्रामों मंे चलाये जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की कार्ययोजना शीघ्र बनाये जाने के निर्देश दे दिये गये हैं ताकि वहां पर तत्काल विकास कार्य प्रारम्भ कराये जा सकेें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 November 2012 by admin
उत्तर प्रदेश में आज दिन में पावर कारपोरेशन द्वारा 7561 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति की जा रही है।
आज दिन में 2ः00 बजे राज्य विद्युत उत्पादन निगम के विद्युत गृहों से 2296 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था, जिसमें ओबरा से 343 मेगावाट, अनपरा से 1419 मेगावाट, पनकी से 108 मेगावाट, हरदुआगंज से 38 मेगावाट तथा पारीछा से 388 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था। इसके अलावा 706 मेगावाट जलीय विद्युत का उत्पादन हो रहा था।
पावर कारपोरेशन द्वारा केन्द्रीय क्षेत्र से 2943 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी। इसके अलावा को-जनरेशन से 70 मेगावाट, रोजा से 900 मेगावाट, बजाज इनर्जी से 202 मेगावाट तथा लैन्को से 843 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 November 2012 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि राज्य सरकार जनहित की घोषणाओं में भी मल्टीनेशनल कम्पनियों की तरह ”नियम एवं शर्ते लागू” के सिद्धांत पर काम कर रही है। पार्टी की राज्य ईकाई के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने अखिलेश सरकार द्वारा किसानों के कर्जे माफ करने की घोषणा पर प्रश्न उठाते हुए राज्य सरकार से पूछा कि उसने केवल सहकारी क्षेत्रो के बैंक के कर्जो की माफी का ही निर्णय क्यों लिया ? भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि शर्त सहित किसानों की कर्ज माफी की घोषणा कर सपा सरकार ने अपना वादा नही पूरा किया बल्कि किसानों को धोखा दिया है।
राज्य मुख्यालय पर संवादाताओं से वार्ता में प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के कर्जे माफी को लेकर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की मूल भावना से खिलवाड़ करने से भी गुरेज नहीं कर रही है। उन्होंने कहा सपा प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव राज्य में अखिलेश सरकार के गठन के पहले और बाद में सार्वजनिक रूप से यह कहते रहे है कि किसानों के 50 हजार तक के कर्जे माफ किये जायेंगे। सपा सुप्रीमों की मंशा के विरूद्ध कर्जे माफी के मामले में अखिलेश सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। विधानसभा चुनाव के वक्त समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि सत्ता में आने पर किसानों के कर्ज माफी की व्यवस्था की जायेंगी। सपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र के पृष्ठ 8 के बिन्दु 8 में कहा था कि ”कृषि को बंधक रखकर कर्ज लेने वाले किसानों को कर्ज न दे पाने की स्थिति में जमीन को नीलाम करने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया जायेगा। ऐसी स्थिति में किसानों के कर्ज माफ करने की व्यवस्था की जायेगी।” लेकिन अब अपने चुनावी घोषणापत्र के वादे को भूलकर अखिलेश सरकार ने किसानों की कर्ज माफी की घोषणा में नियम एवं शर्ते लागू कर दी।
श्री पाठक ने कहा कि सपा ने सत्ता में आते ही किसानों को भूला दिया। राज्य में कर्ज से परेशान किसान आत्महत्या को मजबूर हुए। लेकिन सरकार सोती रही। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने में भी सपा सरकार की रूचि नही रही। सरकार की उपेक्षा के कारण किसानों को अपनी उपज को औने पौने दामों पर बिचैलियों के हाथों बेचना पड़ा। जबकि सपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में भी यह भी वादा किया था कि किसान की उपज का लागत मूल्य निर्धरित करने के लिये एक आयोग का गठन किया जायेगा। जो तीन महीने में अपनी रिर्पोट राज्य सरकार को देगा। लागत मूल्य का 50 प्रतिशत उसमें जोड़कर जो राशि आयेगी वह विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूूल्य होगा। सरकार सीधे किसानों से इस निर्धारित मूल्य पर किसान की उपज की खरीद सुनिश्चित करेगी। इसमें खासतौर से गन्ना, गेहूँ और धान की फसल से जुड़े हुए किसानों को किसी तरह की दिक्कत का सामना नही करना पड़ेगा। उन्होंने कहा पेराई सत्र शुरू होने के बाद भी गन्ने का सर्मथन मूल्य अभी तक घोषित क्यों नही किया गया।
भाजपा प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री से मांग की कि अपनी किसान कर्ज माफी योजना पर पुर्नविचार करते हुए न केवल सहकारी बैंक बल्कि सरकारी बैंको से कर्ज लेने वाले किसानों की कर्ज माफी की भी व्यवस्था करें। साथ ही गन्ने का सर्मथन मूल्य 400रू प्रति क्ंिवटल किये जाने की मांग की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 November 2012 by admin
सपा सरकार द्वारा ऋणमाफी की घोषणा, मात्र एक छलावा है तथा किसानों के साथ एक और धोखा, यह बात राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कही।
श्री सिंह ने कहा कि उ0प्र0 के विधानसभा चुनाव के पूर्व समाजवादी पार्टी ने किसानों का ऋण माफ करने का वायदा किया था, जिस कारण किसानों ने आश लगाये रखी कि हमारा ऋण माफ हो जायेगा फलस्वरूप इनके ऊपर ब्याज बढ़ता गया तथा ऋण का नवीनीकरण न हो पाने से आगे उनको ऋण भी नहीं मिल पा रहा है जिससे उनकी फसल प्रभावित हो रही है। आज सपा सरकार द्वारा किसानों के सशर्त ऋण माफी की घोषणा से किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है।
श्री सिंह ने यह भी कहा कि केवल भूमि विकास बैंकों का ऋण माफ करने से कुछ ही किसानों का ऋण माफ हो पायेगा जबकि पूरा किसान वर्ग खाद् और डीजल के बढ़े दामों और अन्य मंहगाई के कारण परेशान है। ऐसे में शेष किसान बढ़े हुये ब्याज सहित अपना ऋण चुकाने को मजबूर होंगे। किसानों द्वारा समाजवादी पार्टी के घोषणा पत्र पर विश्वास करना उनके लिए अतिरिक्त बोझ बन गया है। बढ़ा हुआ ब्याज अदा करके ऋण मुक्त होने में किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच जायेगा। प्रदेश सरकार द्वारा केवल एक ही बैंक का ऋण माफ करने से यह साबित होता है कि सरकार को किसानों के फायदें की नहीं बल्कि भूमि विकास बैंक के लाभ की चिन्ता है।
श्री सिंह ने उ0प्र0 सरकार से माँग की है कि वह अपना वायदा पूरा करते हुये सभी किसानों के ऋण माफ करें नहीं तो आने वाले दिनों में किसान अपने साथ हुये धोखे का बदला लोकसभा चुनाव में सपा के विरूद्ध मतदान करके लेगा।
यह जानकारी राष्ट्रीय लोकदल के पूर्व प्रदेश महासचिव वसीम हैदर ने दी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 November 2012 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार गांवों का चहुमुखी विकास करके प्रदेश को समृद्ध एवं खुशहाल बनाने हेतु कटिबद्ध है। पंचायती राज की आवश्यकता का अनुभव हर स्तर पर किया जा रहा है। अधिकारी विभागीय योजनाओं को पूरी निष्ठा के साथ धरातल पर लागू करें। गांव की खुली सभा की बैठकों में भी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर चर्चा की जाये ताकि आम जनता इन योजनाओं की पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लाभ उठा सकें।
यह बात आज यहां उत्तर प्रदेश ग्राम पंचायत अधिकारी संघ द्वारा लाल बहादुर शास्त्री किसान गन्ना संस्थान में आयोजित ‘‘पंचायती राज दिशा व दशा’’ विषयक गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए पंचायती राज मंत्री ने श्री बलराम यादव ने कहीं। उन्होंने कहा कि विधानसभा व विधान परिषद में चुनी गयी महिला प्रतिनिधि स्वयं विधान मण्डल की कार्यवाही में भाग लेती हैं, उसी प्रकार त्रिस्तरीय पंचायतों में चुनी गई महिला प्रतिनिधियों को सभी बैठकों में खासतौर से ग्राम सभा की खुली बैठकों में स्वयं प्रतिभाग करना चाहिए। ताकि वे अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वाहन कर सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि ग्राम पंचायतों , क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों की बैठकों में महिला प्रतिनिधि शत-प्रतिशत प्रतिभाग करें, यह सुनिश्चित किया जाये। इसमें किसी प्रकार की कोई रियात न दी जाये।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा दे रही है। पंचायत महिला प्रतिनिधि स्वयं बैठकों में भाग लेकर यह साबित करें कि वे पुरूषों से पीछे नहीं हैं। बल्कि देश एवं प्रदेश के विकास में कदम से कदम मिलाकर चल सकती हैं, और समाज को एक नई दिशा प्रदान कर
सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सम्पूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम को सही ढंग से लागू करने में महिलायें आगे आयें, सभी घरों में शौचालयों का निर्माण करायें, खुले स्थानों पर शौच करने न जायें और न बच्चों का जाने दें।
प्रदेश सरकार सभी घरों में शौचालय निर्माण कराने हेतु प्रतिबद्ध है। इसके लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत अब तक लगभग 1.66 करोड़ व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराया गया है। उन्होंने ग्राम पंचायत अधिकारियों की उचित मांगों पर विचार करने का आश्वासन देते हुए कहा कि ग्राम पंचायत अधिकारियों की गांव के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये 29 विभागों के कार्यक्रमों को अन्तिम व्यक्ति तक पहंुचाते हैं सरकार इनकी उचित मांगों पर अवश्य विचार करेगी।
प्रमुख सचिव पंचायती राज श्री माजिद अली ने कहा कि प्रदेश के विकास में पंचायती राज विभाग की अहम भूमिका है और जनता की अपेक्षायें इस विभाग से जुड़ी हुई हैं। इसलिए पंचायत राज विभाग के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से विभागीय योजना को आम जनता तक पहंुचाना होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 November 2012 by admin
उत्तर प्रदेष सरकार एवं सी0 आई0 आई0 के संयुक्त तत्वावधान में देष की विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों में उपलब्ध रिक्तियों के लिए आगामी 27 नवम्बर को राजकीय औद्योगिक प्रषिक्षण संस्थान, अलीगंज, लखनऊ परिसर में एक रोजगार मेले का आयोजन किया गया है।
यह जानकारी निदेषक, प्रषिक्षण एवं सेवायोजन श्री अनिल कुमार ने दी है। उन्होंने बताया कि इस मेले में आई0 टी0 आई0 द्वारा प्रदत्त राष्ट्रीय व्यवसाय प्रमाण पत्र एवं राष्ट्रीय षिषिक्षु परीक्षा (अप्रेन्टिस) विगत तीन वर्षों (वर्ष 2009 अथवा इसके उपरांत) उत्तीर्ण अभ्यर्थी भाग ले सकेंगे।
निदेशक ने बताया कि प्रथम चरण में मण्डल स्तर पर आयोजित होने वाले इस रोजगार मेले में इच्छुक अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र राजकीय औद्योगिक प्रषिक्षण संस्थान, लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर, हरदोई तथा लखीमपुर में 26 नवम्बर को अपरान्ह 2 बजे तक स्वीकार किये जायेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 November 2012 by admin
प्रदेष के सिंचाई मंत्री श्री षिवपाल सिंह यादव ने श्री जे0 के0 लाल तत्कालीन अधिषासी अभियन्ता मध्य गंगा नहर खण्ड-4 अमरोहा, सहायक अभियन्ता श्री शेर सिंह तथा अवर अभियन्ता, श्री संजीव कुमार तिवारी, व राकेष बाबू तथा सींच पर्यवेक्षक श्री जयन्ती प्रसाद के विरूद्ध अनुषासनिक जांच के आदेष दिये हैं।
इस अभियन्ताओं पर आरोप है कि इन्होंने अपनी तैनाती अवधि में नहर निर्माण हेतु मुरादाबाद मण्डल के जनपद जे0 पी0 नगर की तहसील घनौरा में मध्य गंगा नहर स्टेज-2 के मुख्य नहर से किमी 60.680 के बीच स्थित ग्राम गन्दूपास के गाटा संख्या-7411, ग्राम-रतनपुरा के गाटा संख्या-20 एवं 28 की भूमि वास्तिविक स्थिति से अधिक दर पर बैनामा कराने, इस भूमि का मुआवजा बिना विभागीय नियमों का पालन किये परिवर्तित श्रेणी की दर से करने, शासकीय क्षति पहुचाएं जाने आदि गंम्भीर अनियमितताओं की प्रारिम्भक जांच में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाने पर अनुषासनिक जांच संस्थित किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव सिंचाई को ओर से दिनांक 22 नवम्बर 2012 को आदेष निर्गत किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 November 2012 by admin
उत्तर प्रदेश की सोलहवीं विधान सभा की वर्ष 2012-13 के लिए विशेषाधिकार समिति का गठन करते हुए श्री शिवेन्द्र सिंह उर्फ शिव बाबू सभापति, प्राक्कलन समिति को पदेन सभापति के पद पर सम्बद्ध किया गया है।
प्रमुख सचिव, विधान सभा श्री प्रदीप कुमार दुबे ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अध्यक्ष विधान सभा ने प्रक्रिया सम्बन्धी निदेश संख्या-100 के अनुसरण में विशेषाधिकार समिति का गठन किया गया है। गौरतलब है कि विशेषाधिकार समिति के पदेन सभापति उपाध्यक्ष, विधान सभा होते है और वर्तमान में उपाध्यक्ष का पद रिक्त होने के चलते सभापति प्राक्कलन समिति को पदेन सभापति नामित किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 November 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के राजस्व मंत्री श्री अम्बिका चैधरी ने कहा है कि राजस्व विभाग प्रदेष सरकार की बेहतरीन छवि बनाने में अपना योगदान दे। उन्होंने कहा कि राजस्व कर्मी आम जन और विषेष रूप से किसानो और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से सीधे जुड़े हुए हैं और वे लोगों के कार्यों को नियमानुसार समयबद्ध ढंग से करके सरकार की छवि निर्माण में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान कर सकते हैं। श्री चैधरी ने आज उत्तर प्रदेष लेखपाल संघ्ज्ञ के स्वर्णजयंती समारोह में ये विचार व्यक्त किए। समारोह का अयोजन स्थानीय गांधी भवन में स्थित प्रेक्षागृह
में किया गया था।
राजस्व मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार लेखपालों की सभी जाय़ज मांगों पर गंम्भीरता पूर्वक विचार करेगी। उन्होंने कहा कि लेखपाल राजस्व विभाग की नींव है और इसी नींव पर राजस्व विभाग की इमारत खड़ी है। इसलिए नींव को मज़बूत करना सरकार का दायित्व है। इसके लिए सरकार सभी उचित कदम उठायेगी। श्री चैधरी ने कहा कि राजस्व विभाग में एक राजस्व निरीक्षक के अधीन दस लेखपालों की तैनाती पर सहमत है और इसके लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को संदर्भित भी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राजस्व निरीक्षक के 740 पदों पर लेखपालों की प्रोन्नति का आदेष भी राजस्व परिषद द्वारा जारी कर दिया गया है।
श्री चैधरी ने कहा कि लेखपालों के वेतन मान की विसंगति दूर करने तथा उच्चतर ग्रेड पे देनेे के लिए सरकार आवष्यक कदम उठाएगी तथा
सेवा षतों को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रमुख सचिव राजस्व श्री के0 एस0 अटोरिया ने कहा कि लेखपालों की जायज मांगों पर सकारात्मक विचार षासन स्तर पर किया जायेगा। बैठक में लेखपाल सेवासंघ के पदाधिकारियों के अलावा देष के अन्य राज्यों से आए हुए लेखपाल संघ के पदाधिकारियों ने भाग लिया। ष्
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 November 2012 by admin
उत्तर प्रदेश में नये उद्योगों के स्थापित होने तथा पूर्व से स्थापित औद्योगिक इकाइयांे के सतत् उत्पादनरत रहने, उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों के मूलभूत अधिकारों एवं उनके हितों के पूर्ण सरंक्षण, उद्यमियों को उत्पीड़न से बचाने, भ्रष्टाचार से मुक्त वातावरण बनाने तथा नये निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से प्रदेश शासन द्वारा अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 को स्वीकृत कर प्रभावी कर दिया गया है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव, श्रम श्री शैलेश कृष्ण ने दी है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक इकाइयों के निरीक्षण उद्देश्यपरक बनाने तथा उनकी आवृत्ति कम से कम करने के उद्देश्य से वर्ष 2006 में औद्योगिक इकाइयों में श्रम कानूनों के प्रवर्तन हेतु स्वप्रमाणन व्यवस्था लागू की गई थी परन्तु यह संज्ञान में आया है कि उक्त व्यवस्था को कतिपय कारणों से प्रभावी रूप से लागू नहीं किया जा सका है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि नयी व्यवस्था के अनुसार समस्त औद्योगिक इकाईयां श्रम विभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप पर प्रत्येक वर्ष 31 जनवरी तक विवरण पत्र श्रम विभाग के स्थानीय कार्यालय में भरकर जमा करेंगी। इस संबंध में निर्धारित प्रपत्र का प्रारूप तैयार कर श्रमायुक्त, उ0प्र0 सेवायोजकों के मान्यता प्राप्त औद्योगिक संगठनों को इस उद्देश्य से उपलब्ध करायेंगे कि वे औद्योगिक संगठन अपने सदस्यों को उक्त प्रारूप पर विवरण जमा कराने हेतु उपलब्ध करायेंगे। साथ ही श्रमायुक्त उ0प्र0 की आधिकारिक वेबसाइट पर भी उक्त प्रारूप उद्यमियों की सुविधा हेतु अपलोड कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि औद्योगिक इकाईयों से निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत प्राप्त विवरण पत्रों का परीक्षण कर कारखानों के संबंध में अधिकतम से प्रारम्भ कर श्रमिकों की संख्या के आधार पर तथा दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठानों एवं अन्य आवर्त अनुसूचित नियोजनों के संबंध में नियोजनवार प्राप्त विवरणों की संख्या के आधार पर प्रत्येक वर्ष 20 प्रतिशत औद्योगिक इकाईयों की एक संयुक्त टीम द्वारा विवरण पत्र में दिये गये तथ्यों का भौतिक सत्यापन विभाग द्वारा कराया जायेगा।
श्री शैलेश कृष्ण ने बताया कि कारखानों के संबंध में विवरण पत्रों का सत्यापन श्रम प्रवर्तन अधिकारी/सहायक श्रमायुक्त, सहायक निदेशक/उप निदेशक कारखाना की संयुक्त टीम, संबंधित औद्योगिक इकाई के वरिष्ठ प्रबन्धन प्रतिनिधि तथा यथा सम्भव श्रमिकों की पंजीकृत यूनियन के प्रतिनिधि की उपस्थिति में करेगी। 20 प्रतिशत इकाईयों के चयन हेतु रोस्टर का निर्धारण दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठानों तथा अन्य अनुसूचित नियोजनों के संबंध में संबंधित क्षेत्र के उप/अपर श्रमायुक्त द्वारा कारखानों के निरीक्षण के संबंध में रोस्टर का निर्धारण संबंधित उप श्रमायुक्त तथा उप निदेशक कारखाना द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा और निरीक्षण की सूचना संबंधित इकाई को कम से कम 7 दिन पूर्व उपलब्ध कराई जायेगी। जिन औद्योगिक इकाईयों द्वारा निर्धारित समयावधि में उक्त विवरण संबंधित कार्यालयों को उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो संबंधित क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा उक्त क्षेत्र में स्थित सेवायोजक संगठन के प्रतिनिधियों को अवगत कराते हुए उन्हें विवरण पत्र प्रस्तुत करने हेतु 15 दिन का अतिरिक्त समय प्रदान करते हुए एक अवसर दिया जायेगा तथा विस्तारित अवधि में भी विवरण पत्र प्राप्त न होने की दशा में संबंधित जिले/मण्डल के जिलाधिकारी, मण्डलायुक्त से अनुमोदन प्राप्त कर नियमानुसार उनका निरीक्षण किया जा सकेगा।
प्रमुख सचिव ने बताया कि औद्योगिक इकाईयों द्वारा वार्षिक विवरण प्राप्त होने की दशा में रेण्डम आधार पर निरीक्षण में यदि अनुपालन शत-प्रतिशत पाया जाता है तो इन इकाईयों को एक ग्रीन कार्ड उपलब्ध करा दिया जायेगा, जिससे उन्हें आगामी 05 वर्षों तक निरीक्षण से छूट प्राप्त होगी। परन्तु यदि वार्षिक विवरणों के सत्यापन में अनुपालन में कोई कमी पाई जाती हंै तो उनके निराकरण हेतु औद्योगिक इकाई को एक माह का समय प्रदान किया जायेगा। यदि ये उल्लंघन मात्र तकनीकी अथवा लघु हैं तथा वर्तमान विधिक व्यवस्थाओं के अन्तर्गत उपशमन योग्य हैं तो संबंधित क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा उनका उपशमन कर दिया जायेगा। यदि एक माह की अवधि में भी औद्योगिक इकाईयों द्वारा कमियों का निराकरण संतोषजनक रूप से नहीं किया जाता है तथा पाये गये उल्लंघन वृहद एवं गम्भीर हों तो इकाई का सचेत करते हुए प्रबन्धन के विरूद्ध अभियोजन की कार्यवाही की जा सकती है, परन्तु यथासम्भव यह प्रयास किया जाए कि संबंधित इकाई द्वारा उक्त उल्लंघन को दूर करते हुए अनुपालन कर दिया जाए। अभियोजन की कार्यवाही केवल अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाई जायेगी।
प्राप्त विवरणों का सत्यापन करते समय अथवा औद्योगिक इकाईयों का निरीक्षण करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि निरीक्षणकर्ता अधिकारी उद्यमियों/प्रबन्धकों से शालीनतापूर्वक व्यवहार करें तथा उद्यमियों का श्रम कानून के प्राविधानों की आवश्यक जानकारी देते हुए उन्हें अनुपालन करने हेतु उत्प्रेरित करें। इस संबंध में उद्यमियों को अनुपालन के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से विभाग द्वारा औद्योगिक संगठनों के सहयोग से गोष्ठियां आदि भी आयोजित की जाएं तथा औद्योगिक संगठनों का सहयोग श्रम कानूनों के प्राविधानों के अनुपालन हेतु प्राप्त किया जाए।
विभाग द्वारा वार्षिक रिटन्र्स को आॅन लाइन प्रस्तुत करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी तथा अनुपालन की रिपोर्ट श्रम विभाग और संबंधित औद्योगिक इकाई की बेवसाइट पर रखी जाएगी, जिससे जन सामान्य को भी अनुपालन की प्रास्थिति की जानकारी हो सके। निरीक्षण/सत्यापन की यह प्रक्रिया कारखाना अधिनियम-1948 के अन्तर्गत खतरनाक कारखानों तथा भारतीय ब्वायलर अधिनियम-1923 के अन्तर्गत लागू नहीं होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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