Archive | September 15th, 2011

मनरेगा फंडा मृतक के नाम निकल रही मजदूरी

Posted on 15 September 2011 by admin

संडीला स्थित बंेहदर विकास खंड के ग्राम पंचायत हिया गांव का निवासी गजोधर की 26 जनवरी 2009 को मृत्यु हो गई थी। तब उसके नाम से 18 जून 2010 को 14 दिन की मजूदरी निकाली गई। उसे 18 जून 25 जून 9 जुलाई 16 जुलाई 23 जुलाई 7 के हिसाब से 700 के हिसाब से 4200 रूपए का भुगतान मृतक गजोधर के नाम से निकाल लिया गया है। मृतक का खाता बैंक आॅफ इंडिया में खुला है। रूपया भी इसी खाते से गया है। इसे कौन ल गया बैंक को भी नहीं मालूम है गजोधर के पुत्र मैंकूलाल ने जब बैंक जाकर मालूम किया। तब पता चला की रूप्या गजोधर के नाम आया था रूपया ले जाने वाली बात के विषय में बैंक नहीं बता पाया। तब मैंकू लाल ने मुख्यविकास अधिकारी को पत्र द्वारा सूचना देकर कार्यवाहीं की मांग की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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सेक्स रैकेट सरगना घेराबंदी से निकल भागी

Posted on 15 September 2011 by admin

शहर में हो रहे अनैतिक कार्यो के विरूद्ध यहां की जनता जागरूक हो चुकी है सेक्स रैंकेट कांड में हुई एक नामचीन हस्ती फरार संचालिका को बुधवार की शाम मोहल्ले वालों ने उसके आने की सूचना पर मकान को घेर लिया। वांछित संचालिका देर शाम को अपना सामान लेकर घर छोड़ कर जाने की फिराक में आई थी। जब मोहल्ले वालों की सूचना पर घर को घेर लिया गया। तो महिला किसी प्रकार से निकल गई। परंतु सामान से भरे ट्रक को एक लड़केे के साथ पुलिस ले गई हैं कोतवाली पुलिस द्वारा 31 अगस्त को सनसनी फैला देने वाला सेक्स रैंकेट का खुलासा किया था। जिसमें 3 संचालिका लिप्त थी। रद्देपुरवा रोड़ की लता सिंह, छबरापुर निवासी सोनी, तथा रेलवे गंज की मनोरमा आलू थोक निवासी शहनबाज, आरपीएफ के दारोगा बीडीराम इन सभी को जेल भेजा जा चुका है परंतु एक संचालिका सरोजनी देवी फरार चल रही है। पुलिस उन्हीं की तलाश में लगी है अभी तक हत्थें नहीं आई है। अब्दुल पुरवा के जिस मकान में वह किराए पर रहती है वहां वह अपना सामान लेने आई थी। जहां पर मोहल्ले वालों ने उसे घेर लिया था। परंतु पुलिस के पहंुचने से पहले ही वह फरार हो गई। पुलिस ने उसके साथी एक लड़के को हिरासत में लेकर घरेलू सामान सहित ट्रक को कोतवाली ले गई है। सरोजनी की तलाश जारी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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एक्स्ट्रा शाॅट्स चैलेन्ज

Posted on 15 September 2011 by admin

dsc_0011अग्रणी हिन्दी मूवीज एवं स्पेशल इवेंट्स चैनल मैक्स अपनी नवीनतम पेशकश ‘एक्स्ट्रा शाॅट्स चैलेन्ज‘ के साथ अपने दीवानो का मनोरंजन करने के लिये तैयार है, यह चुलबुली अभिनेत्री दिव्या दत्ता की मेजबानी में पेश किया जाने वाला एक अनूठा ओरिजिनल फाॅर्मेट क्विज शो है।

फिल्म प्रेमियों के लिये एक्स्ट्रा शाॅट्स का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है, खासकर उनके लिये जो मैक्स पर नियमित रूप से फिल्म देखते हंै। एक्स्ट्रा शाॅट्स चैलेन्ज पहला और अपने तरह का अनूठा फिल्म क्विज शो है, जो निश्चित रूप से आप के फिल्मी ज्ञान की परीक्षा लेगा।

तीन जुनूनी फिल्म प्रेमी फिल्मों एवं पर्दे के पीछे की घटनाओं से संबंधित अपने ज्ञान का इस्तेमाल कर एक त्रिचक्रीय मुकाबले में एक दूसरे को पटकनी देने की कोशिश करेंगे। पहला चक्र एक निष्कासन चक्र होगा, जिसमें सबसे कम अंक हासिल करने वाला प्रतिभागी निष्कासित हो जायेगा तथा अन्य दो प्रतिभागी दूसरे चक्र में प्रवेश कर जायेंगे। दूसरे चक्र के प्रश्नों को फिल्म स्टार्स के साथ रिकार्ड किये गये क्लिप्स के द्वारा प्रस्तुत किया जायेगा। इसके बाद फाइनल मुकाबले की बारी आयेगी और इसमें एक रैपिड फायर बजर राउंड में 90 सेकेंड के अंदर अनेक प्रश्नों का उत्तर देना होगा और इसमें निगेटिव स्कोरिंग भी होगी। अंत में सबसे अधिक ‘बाॅक्स आॅफिस कलेक्शंस’ वाला प्रतिभागी विजेता घोषित किया जायेगा। इस शो का प्रस्तुतकर्ता लक्स है तथा इसका प्रायोजक कोहिनूर बासमती राइस है एवं इसका प्रसारण प्रत्येक रविवार को रात्रि 8.30 बजे केवल मैक्स पर किया जायेगा।

इस लाॅन्च पर टिप्पणी करते हुये श्री नीरज व्यास, ईवीपी एवं बिजनेस प्रमुख, मैक्स, ने कहा कि, ‘‘एक्स्ट्रा शाॅट्स अत्यंत लोकप्रिय एवं व्यापक रूप से प्रशंसित रहा है तथा यह मैक्स का पर्याय बन गया है। एक्स्ट्रा शाॅट्स चैलेन्ज इस ब्रांड का एक विस्तार है जो मैक्स की प्रोग्राम संबंधी खोजपरकता को आगे बढ़ायेगा तथा अपने करोड़ों दर्शकों के फिल्म देखने के अनुभव को समृ़द्ध करेगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि दर्शक दिव्या दत्ता के साथ इस शो का भरपूर लुत्फ उठायेंगे।’’

एक्स्ट्रªा शाॅट्स चैलेन्ज में अपनी भूमिका का वर्णन करते हुये दिव्या दत्ता ने कहा कि, ‘‘मैं अग्रणी हिन्दी मूवी चैनल्स में से एक मैक्स के साथ संबद्ध होकर अत्यधिक रोमांचित महसूस कर रही हूं। एक जोरदार फिल्म प्रेमी होने के नाते यह मेरे लिये अपने फिल्मी जुनून को अभिव्यक्त करने का उपयुक्त मंच है। इस शो के माध्यम से मैं फिल्मों की अज्ञात बातों, फीचर्स, तथ्य एवं फिल्मों व फिल्मी सितारों के पर्दे के पीछे के राज का खुलासा कर लोगों को रोमांचित कर दंूगी, जिसके विषय में वह जानने के लिये लालयित रहते हैं।’’

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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दलित छात्रा का एक माह पूर्व अपहरण, नहीं ढूॅढ़ सकी पुलिस

Posted on 15 September 2011 by admin

पुलिस नामजद आरोपियों पर नहीं कर रही कार्यवाही

थाना कोतवाली देहात अन्तर्गत ग्राम फतेहपुर,पखरौली निवासी राधे श्याम ने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाते हुए अपनी पुत्री के अपहरणकर्ता को गिरफ्तार करने  एवं उचित कार्यवाही करने की मांग की है। जिस पर पुलिस अधीक्षक गोविन्द अग्रवाल ने तत्काल कार्यवाही करने एवं नामजद लोेंगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश दिया। गौरतलब हो कि बीते माह  17 अगस्त को किरन नाम की दलित छात्रा जो नगर स्थित गनपत सहाय महाविद्यालय की महिला शाखा में बी.ए. प्रथम वर्ष में पहले ही दिन जाने के लिए घर से निकली कि गाॅव के ही दो सजातीय लड़कों ने अपहरण कर लिया। अपहृत छात्रा के पिता ने कोतवाली देहात में सूचना दी परन्तु वहीॅ पर कोई सुनवाई नहीं हुई। थक हार कर दलित राधे श्याम ने पुलिस अधीक्षक को  तत्काल संज्ञान लेने की बात कही । जिस पर पुलिस अधीक्षक ने कार्यवाही करने एवं नामजद लड़को को गिरफ्तार करने व छात्रा को शीघ्र बरामदी का निर्देश थानाध्यक्ष राम बोध सिंह को दिया। पुलिस अधीक्षक के आदेश- निर्देश के कारण मामले में मुकदमा तो पंजीकृत कर लिया गया। परन्तु लगभग एक माह हो रहे हैं न तो छात्रा का कहीं पता लगा और न ही नामजद लोगों को गिरफ्तार किया गया।  इस बारे में जब थानाध्यक्ष राम बोध सिंह से दूरभाष पर बात की गयी तो उनका कहना है कि जिन दो लड़कों कि खिलाफ मुकदमा पंजीकृत है वे दोनो घर से लापता है। इसलिए आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया ता सका है। उधर अपहृत छात्रा किरन के पिता का कहना है कि पुलिस उसे जान बूझा कर गिरफ्तार नहीं की रही है। नामजद आरोपियों के परिवार के लोग जानते हंै कि वे लोग कहाॅ हैं। थानाध्यक्ष जानबूझ कर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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उ0प्र0 मंत्रिपरिषद द्वारा सार्वजनिक, निजी एवं सहकारी क्षेत्र की नई आवासीय योजनाओं में ई0डल्यू0एस0/एल0आई0जी0 वर्ग के लिए आवासीय सुविधा हेतु नीति को मंजूरी

Posted on 15 September 2011 by admin

  • 5,000 रूपये तक की मासिक आय वाले ई0डल्यू0एस0 तथा 5,001 से 10,000 रूपये तक मासिक आय वाले एल0आई0जी0 लाभार्थी होंगे
  • योजना का कम्पलीशन सर्टीफिकेट तभी जब विकासकर्ता द्वारा ई0डल्यू0एस0 एवं एल0आई0जी0 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में सार्वजनिक, निजी एवं सहकारी क्षेत्र की नई आवासीय योजनाओं में आर्थिक दृष्टि से दुर्बल (ई0डल्यू0एस0) एवं अल्पआय वर्गाें (एल0आई0जी0) के व्यक्तियों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने सम्बन्धी नीति को मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
अनुमोदित नीति में 5,000 रूपये तक की मासिक आय परिवारो को ई0डल्यू0एस0 लाभार्थी तथा 5,001 से 10,000 रूपये तक मासिक आय वाले परिवारों को एल0आई0जी0 लाभार्थी माना गया है। इन दोनों वर्गांे की आय सीमा को यथा सम्भव प्रत्येक वर्ष परन्तु अधिकतम दो वर्षाें में ‘कास्ट इंडेक्स’ के आधार पर पुनरीक्षित किया जायेगा। ई0डल्यू0एस0 आय वर्ग के लिए प्लाटेड डेवलपमेन्ट (भूखण्ड का क्षेत्रफल) न्यूनतम 30 वर्ग मीटर तथा ग्रुप हाउसिंग (प्लिन्थ एरिया) न्यूनतम 25 वर्ग मीटर निर्धारित किया गया है, जबकि एल0आई0जी0 आय वर्ग के लाभार्थियों के लिए प्लाटेड डेवलपमेन्ट न्यूनतम 40 वर्ग मीटर तथा गु्रप हाउसिंग न्यूनतम 35 वर्ग मीटर निर्धारित की गई है।
अनुमोदित नीति के अनुसार आवासीय योजनाओं के अन्तर्गत ई0डल्यू0एस0 एवं एल0आई0जी0 भवनों का प्रतिशत/संख्या निर्धारित की गयी है। इसके अनुसार 3,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल की आवासीय योजनाओं अन्तर्गत प्रस्तावित आवासीय इकाईयों का ई0डल्यू0एस0 एवं एल0आई0जी0 के लिए न्यूनतम 10-10 प्रतिशत अर्थात कुल 20 प्रतिशत इकाईयों के निर्माण की अनिवार्यता इस शर्त के अधीन होगी कि उक्त इकाईयों की संख्या योजना के ग्राॅस एरिया पर 05 इकाईयां प्रति एकड़ से कम नहीं होंगी। प्रस्तावित योजना प्लाटेड डेवलपमेन्ट/ग्रुप हाउसिंग अथवा किसी भी पद्धति के अनुसार नियोजित होने पर आवासीय इकाईयों का निर्माण करना अनिवार्य होगा। यदि 3000 वर्ग मीटर से लेकर 01 हैक्टेयर तक योजना में उसी स्थल पर ई0डल्यू0एस0 एवं एल0आई0जी0 इकाईयों का निर्माण सम्भव न हो तो उस स्थल के लगभग 01 किलोमीटर के अर्द्धव्यास में स्थित आवासीय भू-उपयोग की भूमि पर इसी अपेक्षा अनुरूप आवासीय इकाईयों का निर्माण करना होगा।
योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रस्तावित नीति में विस्तार उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार ई0डल्यू0एस0 एवं एल0आई0जी0 के भवनों की लागत जिसमें भूमि की लागत (जिलाधिकारी का अद्यतन सर्किल रेट) तथा भवन के निर्माण लागत की गणना विकास प्राधिकरण/आवास परिषद द्वारा की जायेगी। योजना के ले-आउट प्लान की स्वीकृति के समय संबंधित योजना में ई0डल्यू0एस0 एवं एल0आई0जी0 भवनों का जितना दायित्व बनता है उनका भी मानचित्र साथ में स्वीकृत कराना अनिवार्य होगा।
योजना के ले-आउट प्लान की स्वीकृति के समय विकासकर्ता द्वारा विकास प्राधिकरण/आवास एवं विकास परिषद के पक्ष में नियमानुसार देय ‘परफार्मेन्स गारण्टी’ के अतिरिक्त ई0डल्यू0एस0 एवं एल0आई0जी0 भवनों के लिए भूमि एवं भवनों के निर्माण की आंकलित लागत के समतुल्य शत-प्रतिशत बैंक गारण्टी देय होगी, जो भवन निर्माण के साथ-साथ अनुपातिक रूप से अवमुक्त की जायेगी। विकास प्राधिकरण/आवास एवं विकास परिषद द्वारा योजना का कम्पलीशन सर्टीफिकेट तभी जारी किया जायेगा, जब विकासकर्ता द्वारा ई0डल्यू0एस0 एवं एल0आई0जी0 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
प्रस्तावित नीति में विकासकर्ताओं इन्सेन्टिव भी देने का प्रावधान किया गया है। विकासकर्ता द्वारा ई0डल्यू0एस0 एवं एल0आई0जी0 लाभार्थियों के लिए निर्मित किये जाने वाले भवनों की लागत को अपनी योजनान्तर्गत अन्य उच्च उपयोगों/एच0आई0जी0 के भूखण्डों से क्रास-सब्सिडाइज किया जायेगा। इसके लिए विकासकर्ता को ई0डल्यू0एस0 एवं एल0आई0जी0 भवनों के तल क्षेत्रफल के समतुल्य आवासीय उपयोग का निःशुल्क एफ0ए0आर0 जो बेसिक एफ0ए0आर0 क्रय योग एफ0ए0आर0 के अतिरिक्त होगा, ट्रान्सफरेबल के आधार पर अनुमन्य होगा जिसके सापेक्ष समानुपातिक रूप से इकाईयां भी अनुमन्य होंगी। विकासकर्ता द्वारा अतिरिक्त एफ0ए0आर0 के अनुसार ले-आउट प्लान/भवनों का डिजाइन तैयार किया जा सकेगा जो सशर्त अनुमोदित किया जायेगा, परन्तु अतिरिक्त एफ0ए0आर0 का उपयोग ई0डल्यू0एस0 एवं एल0आई0जी0 भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने की शर्त के अधीन अनुमन्य होगा।
नीति में भवनों का मूल्य निर्धारण करने के लिए आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय भारत सरकार/हडको द्वारा वर्ष 2010 में जारी मानकों के अनुसार ई0डल्यू0एस0 एवं एल0आई0जी0 भवनों का सीलिंग मूल्य क्रमशः 02 लाख एवं 4.25 लाख रूपये प्रति इकाई तय किया गया है जिसका पुनरीक्षण यथासम्भव प्रत्येक वर्ष, परन्तु अधिकतम 02 वर्षाें में कास्ट इन्डेक्स के आधार पर किया जायेगा। इन भवनों का आवंटन ई0डल्यू0एस0 एवं एल0आई0जी0 आय वर्ग के लाभार्थियों को उपाध्यक्ष/आवास आयुक्त की अध्यक्षता में शासन द्वारा गठित समिति जिसमें जिलाधिकारी तथा विकासकर्ता के प्रतिनिधि भी सदस्य होंगे के माध्यम से किया जायेगा। ई0डल्यू0एस0 एवं एल0आई0जी0 भवनों को लाभार्थी द्वारा विक्रय/हस्तान्तरण पर रोक लगाने हेतु सुसंगत अधिनियमों में व्यवस्था की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।

Posted on 15 September 2011 by admin

खरीफ विपणन वर्ष 2011-12 में लेवी योजना में  चावल खरीद से सम्बन्धित क्रय नीति घोषित

विपणन वर्ष 2011-12 में लेवी योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित मूल्यों पर चावल की खरीद की जानी है। इसलिए चावल की क्रय नीति एवं प्रक्रिया के निर्धारण के सम्बन्ध में मंत्रिपरिषद ने इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है।
मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार खरीफ क्रय वर्ष 2011-12 में लेवी चावल का उद्ग्रहण और क्रय समय-समय पर यथासंशोधित आदेश के उपबन्धों के अनुसार किया जायेगा।
उ0प्र0 चावल और धान (उद्ग्रहण और व्यापार विनियमन) आदेश 1985 के प्राविधानों के अधीन प्रदेश की चावल मिलों द्वारा क्रय किये गये धान से उत्पादित चावल पर निर्धारित मात्रा में लेवी चावल का क्रय किया जायेगा तथा क्रय किये गये चावल का भण्डारण केन्द्रीय पूल हेतु भारतीय खाद्य निगम द्वारा किया जायेगा। लेवी चावल का आर्थिक लागत मूल्य भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया जायेगा।
लेवी चावल की खरीद का कार्य 01 अक्टूबर, 2011 से प्रारम्भ होगा। चावल मिलों द्वारा 31 मार्च, 2012 तक क्रय किये गये धान से तैयार चावल पर 30 सितम्बर, 2012 तक केन्द्रीय पूल में लेवी चावल की डिलीवरी ली जायेगी। लेवी चावल की खरीद का कार्य राज्य सरकार के खाद्य तथा रसद विभाग द्वारा किया जायेगा।
खरीफ वर्ष 2011-12 में व्यवस्था की दृष्टि से लेवी चावल क्रय का कार्यकारी लक्ष्य 20.00 लाख मी0टन निर्धारित किया गया है, परन्तु लेवी चावल का उदाहरण, निर्धारित अवधि के अन्तर्गत चावल मिलर्स द्वारा खरीदे गये धान से उत्पादित चावल पर, भारत सरकार की सहमति से उ0प्र0 शासन द्वारा निर्धारित लेवी प्रतिशत की सांविधिक सीमा तक किया जायेगा। समर्थन मूल्य पर खरीदे गये धान से उत्पादित कस्टम चावल एवं चावल मिलों द्वारा उत्पादित चावल का लेवी अंश केन्द्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम के द्वारा प्राप्त कर भण्डारित किया जायेगा।
प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत सेला चावल की खपत नहीं है। अतः सेला चावल स्वीकार नहीं किया जायेगा। सेला चावल के बदले अरवा चावल दिया जा सकता है।
भारतीय खाद्य निगम द्वारा कस्टम एवं लेवी चावल का भण्डारण एवं आन्तरिक सम्प्रेषण इस प्रकार किया जायेगा कि प्रदेश की लक्षित सार्वजनिक प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी परियोजनाओं के लिए प्रत्येक जनपद में प्रत्येक माह चावल की उपलब्धता रहे और वितरण व्यवस्था में व्यवधान न हो।
चावल की गुण की विनिर्दिष्टियाँ सुनिश्चित करने हेतु क्रय कर्ता विपणन निरीक्षक /वरिष्ठ विपणन निरीक्षक, जिला खाद्य विपणन अधिकारी एवं एफ0सी0आई0 के सक्षम अधिकारी उत्तरदायी होंगे।
भारत सरकार द्वारा निर्यात प्रोत्साहन हेतु बासमती चावल को पूसा बासमती (एक) चावल को लेवी से मुक्त रखा गया है। इसलिए वर्ष 2011-12 में बासमती चावल तथा पूसा बासमती (एक) चावल लेवी से मुक्त रहेगा। चावल मिलों द्वारा क्रय किये गये काॅमन एवं ग्रेड-ए धान से तैयार चावल पर सभी चावल मिलों से 60 प्रतिशत की दर से लेवी ली जायेगी। लेवी चावल की खरीद भारत सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर की जायेगी।
लेवी चावल की खरीद ऐसी चावल मिलों से की जायेगी, जो वाणिज्य कर विभाग में पंजीकृत हों तथा जिनके पास मण्डी समिति का वैध लाइसेंस उपलब्ध हो। खरीदे गये पंजीकृत हो तथा जिनके पास मण्डी समिति का वैध लाइसेंस उपलब्ध हो। खरीदे गये चावल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु लेवी चावल की खरीद केवल उन्हीं चावल मिलों से की जायेगी, जिनकी न्यूनतम कुटाई क्षमता 0.5 मिट्रिक टन प्रति घंटा हो।

उत्तर प्रदेश जल विद्युत निगम लि0 एवं उ0प्र0 नेडा द्वारा चिन्हित लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निजी क्षेत्र में आवंटन हेतु कम्पीटीटिव टैरिफ बेस्ड बिडिंग के आधार पर निजी विकासकर्ताओं के चयन हेतु अनुमोदन

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश जल विद्युत निगम लि0 एवं उ0प्र0 नेडा द्वारा चिन्हित लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निजी क्षेत्र में आवंटन हेतु कम्पीटीटिव टैरिफ बेस्ड बिडिंग के आधार पर निजी विकासकर्ताओं के चयन हेतु अनुमोदन प्रदान किया।
लिये गये निर्णय के अनुसार प्रदेश में विद्युत की व्यापक समस्या को दृृष्टिगत एवं उत्पादन क्षमता में वृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से व जनहित में लेविलाइजड टैरिफ के आधार पर परियोजनाओं को विकासकर्ताओं को आवंटित करने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया, जिसमें रामगंगा एस0एच0पी0 (3.20 मेगावाट), माधो-1 एस0एच0पी0 (3.75 मेगावाट), माधो-2 एस0एच0पी0 (2.50 मेगावाट), डूडा एस0एच0पी0 (3.50 मेगावाट), बन्डरौन एस0एच0पी0 (14 मेगावाट) की परियोजनाओं को विकासकर्ता मेसर्स ओमनी इन्फ्रा पावर लि0 मुम्बई, शारदा सागर एस0एच0पी0 (3.00 मेगावाट) विकासकर्ता मेसर्स नूतन निर्माण प्राइवेट लि0 हैदराबाद को आवंटित की गयी।
यू0पी0 नेडा द्वार चिन्हित परियोजनायें वलीपुरा एस0एच0पी0 (400 किलोवाॅट) को विकासकर्ता मेसर्स नूतन निर्माण प्राइवेट लि0 हैदराबाद को आवंटित की गयी।
उ0प्र0 जल विद्युत निगम लि0 की चिन्हित परियोजनाओं के सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही ऊर्जा विभाग/उ0प्र0 जल विद्युत निगम लि0 तथा यू0पी0 नेडा की चिन्हित परियोजना के सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही अतिरिक्त स्त्रोत विभाग/यू0पी0 नेडा द्वारा किये जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित किया गया।

हरदुआगंज थर्मल पावर परियोजना के बन्द
’ए’ पावर हाउस के स्थान पर राजकीय क्षेत्र में 660 मेगावाट  की सुपर क्रिटिकल इकाई की स्थापना का प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने हरदुआगंज थर्मल पावर परियोजना के बन्द पड़े ’ए’ पावर हाउस के स्थान पर 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई राजकीय क्षेत्र में उ0प्र0 राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि0 के अधीन लगाये जाने के प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
मंत्रिपरिषद ने परियोजना की स्थापना हेतु ब्वायलर, टरबाइन, जनरेटर सी0एण्ड0 आई0, सिविल एवं अन्य कार्याें के सम्बन्ध में सामग्री की आपूर्ति एवं कार्य के सम्बन्ध में सलाहकार की सलाह के अनुसार विभिन्न पैकेजों को बनाने व इन पैकेजों हेतु कान्ट्रैक्टर्स का चयन खुली निविदा के आधार पर कराये जाने का भी निर्णय लिया है। परियोजना की स्थापना हेतु कुल अनुमानित लागत 4826.5 करोड़ रूपये का वित्त पोषण 20 प्रतिशत शासकीय पूंजी एवं 80 प्रतिशत वित्तीय संस्थानों से ऋण द्वारा किया जायेगा। ऋण के लिए निर्गत की जाने वाली शासकीय प्रत्याभूति पर गारण्टी शुल्क का भुगतान निर्धारित दरों पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि0 द्वारा किया जायेगा।

केस-1 बिडिंग प्रक्रिया के अन्तर्गत 2756 मेगावाट विद्युत क्रय का अनुमोदन

मंत्रिपरिषद ने इनर्जी टास्क फोर्स द्वारा दिये गये अनुमोदन के अनुसार मे0 पी0टी0सी0 इण्डिया लिमिटेड से मे0 एथिना छत्तीसगढ़ पावर प्राइवेट लिमिटेड की 300 मेगावाट विद्युत रुपये 3.324 प्रति यूनिट के लेवलाइज्ड टैरिफ पर तथा मे0 रिलायन्स पावर लिमिटेड की 2456 मेगावाट विद्युत रुपये 3.702 प्रति यूनिट के लेवलाइज्ड टैरिफ पर क्रय करने तथा दोनों फर्मों को जारी एल0ओ0आई0 पर कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिया है।

उ0प्र0 सरकारी सेवक (चिकित्सा परिचर्या) नियमावली, 2011 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (चिकित्सा परिचर्या) नियमावली 2011 के नियम संख्या-20 में सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों के लिए स्वीकर्ता प्राधिकारी निर्धारित कर दिये गये हैं। एक लाख रुपये तक के दावे की धनराशि के लिए सक्षम तकनीकी परीक्षण अधिकारी की संस्तुति के उपरान्त, पेंशन आहरित करने वाले जनपद का कार्यालयाध्यक्ष स्वीकर्ता प्राधिकारी होगा। इसी प्रकार एक लाख रुपये से अधिक तथा पाँच लाख रुपये तक के दावे की धनराशि के लिए सक्षम तकनीकी परीक्षण अधिकारी की संस्तुति के उपरान्त, पंेशन आहरित करने वाले जनपद के कार्यालयाध्यक्ष के माध्यम से जिलाधिकारी स्वीकर्ता प्राधिकारी होंगे। इसी प्रकार पाँच लाख रुपये से अधिक के दावे की धनराशि के लिए सक्षम तकनीकी परीक्षण अधिकारी की संस्तुति के उपरान्त पेंशन आहरित करने वाले जनपद के कार्यालयाध्यक्ष द्वारा यथामाध्यम प्रशासकीय विभाग के समक्ष प्रस्तुत करने पर प्रशासकीय विभाग के माध्यम से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संस्तुति एंव वित्त विभाग की पूर्व स्वीकृति के पश्चात प्रशासकीय विभाग द्वारा की जायेगी।

मंत्रिपरिषद द्वारा मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना (तृतीय चरण) के भवनों के निर्माण हेतु कुल लागत की 50 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था के लिए हाउसिंग एण्ड अरबन डेवलेपमंेट कारपोरेशन लि0 (हुडको) से ऋण लिये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी

मंत्रिपरिषद ने मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना (तृतीय चरण) के भवनों के निर्माण हेतु कुल लागत की 50 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था के लिए हाउसिंग एण्ड अरबन डेवलेपमंेट कारपोरेशन लि0 (हुडको) से ऋण लिये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
प्रदेश के नगर निगमों, नगर पालिकाओं तथा नगर पंचायतों में रहने वाले निर्धन व्यक्तियों की आवासीय समस्या के निराकरण हेतु उन्हें आवासीय सुविधा उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।
योजना के तृतीय चरण में 41992 भवनों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है तथा लक्ष्य के अनुसार स्थल चयन कर निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। तृतीय चरण में निर्मित होने वाले भवनों में सुविधाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु भवनों की विशिष्टियों व अवस्थापना सुविधाओं के दृष्टिगत प्रति भवन लागत रु0 2.70 लाख निर्धारित की गयी है, जिसमें स्थल के आन्तरिक विकास कार्यों की लागत भी सम्मिलित है।
प्रस्तावित ऋण हुडको से प्राप्त करने के लिए उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद, नोडल विकास प्राधिकरण- लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद एवं गाजियाबाद द्वारा अपने तथा अपने गु्रप के विकास प्राधिकरणों के लिए आवश्यक ऋण के लिए हुडको से ऋण अनुबन्ध निष्पादित किया जायेगा।
आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद, नोडल विकास प्राधिकरणों-लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद एवं गाजियाबाद द्वारा हुडको से लिये जाने वाले ऋण के लिए राज्य सरकार की ओर से शासकीय गारंटी दी जायेगी। वित्त विभाग के परामर्श से हुडको के पक्ष में शासकीय गारंटी का एग्रीमेंट निष्पादित किया जायेगा। शासन द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में वित्त विभाग की सहमति से हुडको के पक्ष में लेटर आॅफ कम्फर्ट दिनांक 08.08.2011 को निर्गत किया गया है।
यह ऋण हुडको द्वारा निम्न आयवर्ग (ई0डब्ल्यू0एस0 श्रेणी) के लाभार्थियों के लिए अद्यतन निर्धारित फिक्स्ड ब्याज दर पर 5 वर्ष की अवधि के लिए प्रदान किया जायेगा।
उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद तथा नोडल विकास प्राधिकरणों द्वारा निर्मित होने वाले भवनों के लिए आवश्यकता की सीमा तक ही हुडको से ऋण प्राप्त किया जायेगा।
प्राप्त किये गये ऋण पर ब्याज की गणना ऋण की धनराशि प्राप्त होने की तिथि से आगणित की जायेगी।
ऋण/ब्याज की अदायगी के सम्बन्ध में विलम्ब होने आदि के कारण यदि कोई विवाद होता है तो उसका समाधान दोनों पक्षों द्वारा आपसी सहमति से किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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खरीफ विपणन वर्ष 2011-12 के लिए मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय नीति अनुमोदित

Posted on 15 September 2011 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2011-12 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय नीति को अनुमोदित किया गया। कृषकों को उनकी उपज का उचित एवं लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार की मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत निर्धारित मूल्यों पर धान के क्रय की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा इस नीति के माध्यम से की जायेगी।
धान क्रय नीति के अनुसार क्रय एजेन्सियों द्वारा काॅमन श्रेणी का धान 1080 रूपये प्रति कुन्टल तथा ग्रेड-ए श्रेणी का धान 1110 रूपये प्रति कुन्टल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे कृषकों से क्रय किया जायेगा। प्रदेश की चावल मिलों से उत्पादित कस्टम चावल की समस्त मात्रा का सम्प्रदान केन्द्रीय पूल हेतु भारतीय खाद्य निगम को किया जायेगा। खरीफ विपणन वर्ष 2011-12 में धान क्रय की अवधि 01 अक्टूबर, 2011 से 28 फरवरी, 2012 तक होगी। 28 फरवरी, 2012 तक क्रय केन्द्रों पर किसानों द्वारा लाए जाने वाले धान की समस्त मात्रा का क्रय किया जायेगा। धान क्रय निर्धारित गुण-विनिर्दिष्टियों के अनुसार क्रय किया जायेगा और इसके लिए केन्द्र प्रभारी उत्तरदायी होंगे।
प्रदेश में धान की बुवाई के क्षेत्रफल एवं उत्पादकता के दृष्टिगत खरीफ वर्ष 2011-12 में 25 लाख मी0टन धान क्रय का कार्यकारी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। निर्धारित अवधि में क्रय केन्द्रों पर यदि किसानों की आवक बनी रहती है तो, किसानों के हितों को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तावित कार्यकारी लक्ष्य से भी अधिक धान क्रय किया जा सकेगा तथा उससे उत्पादित कस्टम चावल की समस्त मात्रा भारतीय खाद्य निगम में ही भण्डारित की जायेगी। क्रय केन्द्रों पर धान क्रय में किसानों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो, इसके लिए गत वर्षाें की भांति ’प्रथम आवक प्रथम खरीद’ का सिद्धान्त लागू होगा।
इस वर्ष प्रदेश मंे कुल तीन हजार धान क्रय केन्द्र खोले जायेंगे, जिसमें राज्य सरकार की एजेन्सियों के 2950 क्रय केन्द्र सम्मिलित हैं। इन केन्द्रों में खाद्य विभाग के 625, उ0प्र0 सहकारी संघ (पी0सी0एफ0) 1325, उ0प्र0 राज्य कृषि एवं औद्योगिक निगम (यू0पी0 एग्रो) के 225, उ0प्र0 उपभोक्ता सहकारी संघ (यू0पी0एस0एस0) के 375, उ0प्र0 राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम के 150, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) के 60, उ0प्र0 राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के 150, भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एन0सी0सी0एफ0) के 40 क्रय केन्द्र शामिल हैं। इनके अलावा भारतीय खाद्य निगम द्वारा 50 क्रय केन्द्र स्थापित किए जायेंगे।
राज्य सरकार की एजेन्सियों द्वारा 23 लाख मी0टन धान क्रय किया जायेगा। इसके तहत खाद्य विभाग द्वारा 7.5 लाख मी0टन, उ0प्र0 सहकारी संघ द्वारा 06 लाख मी0टन, उ0प्र0 राज्य कृषि एवं औद्योगिक निगम द्वारा 2.50 लाख मी0टन, उ0प्र0 उपभोक्ता सहकारी संघ द्वारा 2.25 लाख मी0टन, उ0प्र0 राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम द्वारा 1.25 लाख मी0टन, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी वितरण संघ (नैफेड) द्वारा 1.25 लाख मी0टन, उ0प्र0 राज्य कर्मचारी कल्याण निगम द्वारा 1.25 लाख मी0टन तथा भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एन0सी0सी0एफ0) द्वारा 01 लाख मी0टन धान की खरीद की जायेगी। इसके अलावा भारतीय खाद्य निगम द्वारा 02 लाख मी0टन धान की खरीद सीधे किसानों से की जायेगी।
क्रय केन्द्रों पर किसानों द्वारा धान खरीद में जोतबही व खसरा-खतौनी लाए जाने की अनिवार्यता होगी। चकबन्दी अन्तर्गत ग्रामों में चकबन्दी सम्बन्धी संगत भू-लेख व वास्तविक किसान की पहचान हेतु फोटोयुक्त पहचान पत्र के आधार पर भी धान क्रय किए जाने की व्यवस्था की गयी है। धान बिक्री के उपरान्त केन्द्र प्रभारी द्वारा जोतबही के अंतिम पृष्ठ पर धान बिक्री का दिनांक, बिक्री की मात्रा और केन्द्र का नाम अनिवार्य रूप से अंकित किया जायेगा।
जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक गांव को निकटतम दूरी के धान क्रय केन्द्र से सम्बद्ध किया जायेगा और इस मामले में यथासम्भव यह ध्यान रखा जायेगा कि किसानों को अपने धान के विक्रय के लिए 07 किलोमीटर से अधिक दूरी तय न करनी पड़े। मण्डी परिसर में स्थापित सभी धान क्रय केन्द्र असम्बद्ध रहेंगे। समस्त जनपदों में धान खरीद के कार्य को प्रभावी रूप से सम्पादित करने हेतु जिलाधिकारी द्वारा एक जिला खरीद अधिकारी, जो अपर जिलाधिकारी के समकक्ष स्तर के हों, नामित किया जायेगा। यह अधिकारी धान खरीद के कार्य को प्रभावी रूप से संचालित करने हेतु उत्तरदायी होगा।
क्रय केन्द्रों के स्थान का चयन इस प्रकार किया जायेगा कि उससे सम्बद्ध गांव के किसान कम से कम दूरी तय करके, सुगमता से अपना धान विक्रय हेतु ला सकें। वहीं इस तथ्य को भी ध्यान में रखा जायेगा कि क्रय केन्द्रों पर खरीदे गये धान का, यदि कुछ समय के लिए अस्थाई संग्रह करना पड़े, तो क्रय की गई धान की मात्रा सुरक्षित रह सके। क्रय केन्द्रों तक वाहन के आने-जाने का मार्ग भी ठीक होना चाहिए।
धान क्रय केन्द्र पर एक दिन में एक कांटे पर 300 कुन्तल (750 बोरे) धान खरीद की मात्रा निर्धारित की गयी है तथा अधिक धान की आवक के दृष्टिगत आवश्यकतानुसार क्रय केन्द्र पर एक से अधिक कांटों की व्यवस्था जिलाधिकारी की अनुमति से की जायेगी। क्रय केन्द्रों पर धान की तौल अधिक सुविधाजनक और त्वरित गति से हो, इसके लिए साधारण कांटे के साथ-साथ इलेक्ट्रानिक कांटे की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी।
प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी द्वारा जनपद की परिस्थितियों एवं क्षेत्र में धान की आवक की स्थिति का आकलन करते हुए क्रय केन्द्रों का निर्धारिण किया जायेगा। इस सम्बन्ध में यथावश्यक जन प्रतिनिधियों का भी परामर्श प्राप्त किया जायेगा। अतिरिक्त क्रय केन्द्र खोले जाने की आवश्यकता पाये जाने पर मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति अपेक्षित निर्णय लेगी। क्रय केन्द्रो के स्थल चयन में सार्वजनिक स्थानों जैसे सामुदायिक विकास केन्द्र, मण्डी स्थल, पंचायत घर, सहकारी समितियों के कार्यालय/गोदाम एवं सरकारी भवनों को यथासम्भव प्राथमिकता दी जायेगी। भारतीय खाद्य निगम के क्रय केन्द्र उनके भण्डारण डिपों पर नहीं, वरन् मण्डियों अथवा अन्य उपयुक्त स्थान पर खोले जायेंगे।
धान क्रय केन्द्र सामान्यतः प्रातः 08 बजे से सायं 05 बजे तक खोले रखे जायेंगे, परन्तु जिलाधिकारी स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार क्रय केन्द्र के खुलने व बन्द होने के समय में परिवर्तन करने हेतु अधिकृत होंगे। किसानों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से रविवार एवं राजपत्रित अवकाशों को छोड़कर, धान क्रय केन्द्र सामान्य कार्यदिवसों की भांति द्वितीय शनिवार एवं अन्य कार्यदिवसों में भी खुले रहेंगे। धान के मूल्य के भुगतान के सम्बन्ध में क्रय एजेन्सियां यह सुनिश्चित करेंगे कि किसानों को तत्परतापूर्वक सुगमता से भुगतान मिल सके।
राज्य मण्डी परिषद अपनी प्रमुख मण्डियों में उचित प्रतिस्पर्धा पूर्ण ढंग से नीलामी के माध्यम से धान विक्रय की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करायेगी। क्रय एजेन्सियों द्वारा खरीदे गये धान की कुटाई करायी जायेगी तथा निर्मित चावल का सम्प्रदान सेन्ट्रल पूल हेतु भारतीय खाद्य निगम के डिपो पर किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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माननीया मुख्यमंत्री जी ने परिषदीय विद्यालयों में 72,825 शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती का ऐतिहासिक फैसला लिया

Posted on 15 September 2011 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार ने परिषदीय विद्यालयों में 72,825 शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती किये जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस आशय के प्रस्ताव का आज उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुमोदन किया गया। इस निर्णय से प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पदों पर शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो जायेगी और प्राथमिक शिक्षा को और गुणवत्तापरक तथा बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
इन पदों पर भर्ती के लिए चयन सम्बन्धी सभी प्रक्रियाओं आवश्यक अर्हताएं आदि का विस्तार से विवरण निम्नवत् है:-

अभ्यर्थी की अर्हतायें:-
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन सहायक अध्यापक के पद पर मौलिक नियुक्ति हेतु उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा नियमावली-1981 में वर्णित अर्हताओं को पूर्ण कराना अनिवार्य होगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा जारी की गयी अधिसूचना 23 अगस्त, 2010 द्वारा शिक्षकों हेतु अर्हतायें भी निर्धारित की गयी हैं।

शैक्षिक एवं प्रशिक्षण अर्हता:-
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्गत अधिसूचना के तहत वह व्यक्ति जिसके पास न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ बी0ए0, बी0एस0सी0 की योग्यता हो और बी0एड0 परीक्षा उत्तीर्ण हो। कक्षा 1 से 5 में नियुक्ति के लिये 01 जनवरी, 2012 तक पात्र होगा, बशर्ते कि वह नियुक्ति के बाद प्राथमिक शिक्षा शास्त्र में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त 06 माह का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर ले, अर्थात ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने बी0ए0/बी0एस0सी0 50 प्रशिशत अंकों से उत्तीर्ण की हो तथा बी0एड0 उत्तीर्ण हों।

विशेष अनिवार्य प्रशिक्षण:-
(क)    ऐसा व्यक्ति जिसने न्यूनतम 50 प्रतिशत अंको सहित बी0ए0/बी0एस0सी0/बी0काॅम पास किया हो और इस सम्बन्ध में समय-समय पर जारी किये जाने वाले राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (मान्यता मानदण्ड और क्रियाविधि) विनियमों के अनुसार 01 वर्षीय शिक्षा स्नातक (बी0एड0) उत्तीर्ण किया हो, वह भी कक्षा 1 से 5 तक के लिए नियुक्ति किये जाने का पात्र होगा बशर्ते कि उसने 01 जनवरी, 2012 तक प्रारम्भिक शिक्षा में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्रदत्त 06 महीने का विशेष कार्यक्रम पूरा कर लिया हो।
(ख)    डी0एड0 (विशेष शिक्षा) अथवा बी0एड0 (विशेष शिक्षा) अर्हता रखने वाले व्यक्ति को नियुक्ति के बाद प्रारम्भिक शिक्षा में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्रदत्त 06 महीने का विशेष कार्यक्रम पूरा करना होगा।
(ग)    अनुसूचित जाति/जनजाति आदि जैसे आरक्षित श्रेणियों के अभ्यर्थियों को अर्हक अंकों में 05 प्रतिशत तक छूट दी जायेगी।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में वर्ष 1998, 2004 तथा 2007 में विशिष्ट बी0टी0सी0 प्रशिक्षण के माध्यम से बी0एड0 प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को 06 माह का प्रशिक्षण दिलाकर प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्तियां प्रदान की गयी। वर्तमान में बी0एड0 प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरान्त सर्वप्रथम सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति प्रदान करने के उपरान्त उन्हें 06 माह का प्रशिक्षण दिलाया जायेगा। बी0एड0 प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को, जिन्होंने बी0ए0, बी0एस0सी0, बी0काॅम0 की परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हैं अथवा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा समय-समय पर निर्धारित मानकों के अनुसार अर्हता प्राप्त करने के उपरान्त बी0एड0 उत्तीर्ण किया हो प्रस्तावित चयन के लिए पात्र माना जायेगा। साथ ही एस0सी0/एस0टी0 तथा ओ0बी0सी0 के अभ्यर्थियों को अर्हक अंकों में 05 प्रतिशत तक की छूट प्रदान की जायेगी।

आयु:-
01 जुलाई, 2011 को अभ्यर्थी की आयु 18 वर्ष की होनी चाहिए और 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। परन्तु एस0सी0/एस0टी0/ओ0बी0सी0 के अभ्यर्थियों के मामले में उच्चतर आयु सीमा 05 वर्ष शिथिलनीय होगी तथा पूर्व सैनिकों के सन्दर्भ में 03 वर्ष अधिकतम शिथिलनीय होगी। विकलांगों हेतु अधिकतम आयु सीमा में 15 वर्ष की छूट होगी।

आरक्षण:-
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों, भूतपूर्व सैनिकों (स्वयं), विकलांग अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण भर्ती के समय उ0प्र0 में प्रवृत्त अधिनियम और राज्य सरकार के आदेशानुसार दिया जायेगा।

आवेदन की प्रक्रिया:-
(क)    उत्तर प्रदेश में गत् 05 वर्षों से निरन्तर निवास करने वाले प्रदेश के अर्ह एवं इच्छुक अभ्यर्थी अपने 03 ऐच्छिक जनपदों में आवेदन कर सकते हैं। प्रदेश का निवासी होने का प्रमाण पत्र सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी अथवा सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र काॅउन्सिलिंग के समय प्रस्तुत किया जायेगा।
(ख)    आवेदन पत्र का प्रारूप सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के बेवसाइट ूूूण्नचइंेपबमकनबंजपवदइवंतकण्पद तथा सर्व शिक्षा अभियान के बेवसाइट ूूूण्नचमंिण्बवउ पर उपलब्ध होगा। अभ्यर्थी निर्धारित शुल्क के साथ निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र जनपद के प्राचार्य, जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान को पंजीकृत डाक से निर्धारित तिथि प्रत्येक दिशा में प्राप्त हो जाना चाहिए, इसके पश्चात् आवेदन पत्र पर विचार नहीं किया जायेगा।
(ग)     आवेदन करने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति के अभ्यर्थियों द्वारा शुल्क के रूप में 200 रूपये तथा अन्य अभ्यर्थियों को 500 रूपये का राष्ट्रीकृत बैंक से जारी रेखांकित बैंक ड्राफ्ट प्रस्तुत करना होगा। विकलांग जन से कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों में बड़ी संख्या में अध्यापकों के पद रिक्त चल रहे हैं। शिक्षा निदेशक बेसिक द्वारा जनपदों में रिक्तियों के सम्बन्ध में उपलब्ध कराये गये विवरण के अनुसार पूरे प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में कुल 2,84,391 पद पहले से ही सृजित हैं। सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत सहायक अध्यापक के कुल 80,000 पद तथा छात्र अध्यापक अनुपात बनाये जाने हेतु कुल 22,335 पद नव सृजित किये गये हैं। इस प्रकार सहायक अध्यापक के स्वीकृत पद 3,86,726 के सापेक्ष प्राथमिक विद्यालयों में कुल 1,87,155 शिक्षक कार्यरत हैं। इस प्रकार अब 1,99,571 पद रिक्त हैं। तद्नुसार परिणामी रिक्तियों को जोड़ते हुए 1,99,571 रिक्त पदों के सापेक्ष मात्र 72,825 पदों को भरने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया।
प्रदेश में कार्यरत शिक्षकों के वेतन सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित अनुपात के अनुसार वहन किया जाना है। भारत सरकार में 09 मई, 2011 को हुई बैठक में रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाने के निर्देश दिये गये थे, चूंकि इन पदों हेतु वित्तीय सहायता केन्द्र सरकार से प्राप्त होती है। अतः प्रस्तावित किया गया था कि इन पदों को शीघ्र भरने हेतु प्रदेश में उपलब्ध बी0एड0 अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित किये जायें और चयन की कार्यवाही जनपद स्तर पर करायी जाये।
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली-1981 में शिक्षकों की भर्ती हेतु भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि या किसी सरकार द्वारा उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त किसी उपाधि के साथ-साथ बी0टी0सी0 की प्रशिक्षण अर्हता निर्धारित है, अर्थात दो वर्षीय प्रशिक्षण पाठयक्रम उत्तीर्ण होने के पश्चात ही शिक्षक के रूप में मौलिक नियुक्ति प्रदान की जा सकती है। नियमित बी0टी0सी0 अभ्यर्थियों कि उपलब्धता न हो पाने के कारण विगत वर्षों में राज्य सरकार द्वारा विशिष्ट बी0टी0सी0 के माध्यम से शिक्षकों को 06 माह का प्रशिक्षण दिलाकर शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है, लेकिन चयन प्रक्रिया एवं प्रशिक्षण पूर्ण होने में पर्याप्त समय व्यतीत होने के कारण अनेकानेक पद सेवा निवृत्ति, पदोन्नति तथा नये पदों के सृजन के कारण रिक्तियों में वृद्धि हो रही है।
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) नियमावली-1981 के नियम 4 के अन्तर्गत शिक्षकों का संवर्ग प्रत्येक स्थानीय क्षेत्र हेतु अलग-अलग व्यवस्था है, अतः चयन की कार्यवाही हेतु जनपद स्तर पर ग्रामीण क्षेत्र हेतु श्रेष्ठता सूची बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा 23 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रीय अध्यापक परिषद नई दिल्ली द्वारा शिक्षकों की भर्ती हेतु न्यूनतम अर्हतायें निर्धारित कर दी गयी हैं।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की अधिसूचना 23 अगस्त, 2010 के अनुसार शिक्षकों हेतु अर्हता पूरी करने के पहले विद्यालयों में तैनाती प्रदान कर उन्हें 06 माह के विशेष प्रशिक्षण दिलाकर विद्यालयों में शिक्षकों की व्यवस्था हेतु इस अधिसूचना के प्रस्तर-3 ‘क’ में 01 जनवरी, 2012 तक करने का प्राविधान किया है। इस प्रकार वर्तमान में स्वीकृत पदों के सापेक्ष 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक के पदों पर चयन किये जाने का निर्णय लिया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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लखनऊ का सफर दो घंटे में होता है पूरा

Posted on 15 September 2011 by admin

कोई रुकावट नहीं आई तो लखनऊ-शाहजहांपुर के बीच अक्टूबर तक इलेक्ट्रिक ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। इससे शाहजहांपुर-लखनऊ का सफर दो घंटे का हो जायेगा। अभी लखनऊ-शाहजहांपुर के बीच की दूरी नॉन स्टाप ट्रेन ढाई घंटे में पूरी करती है। इलेक्ट्रिक ट्रेन चलने से शाहजहांपुर का सफर मात्र दो घंटे में पूरा हो जायेगा। लखनऊ और शाहजहांपुर के बीच लगभग किमी की दूरी इस समय तीन घंटे में पूरी हो रही है। लखनऊ से चलकर शाहजहांपुर रुकने वाली नॉन स्टॉप ट्रेनें यह दूरी ढाई में पूरी कर लेती है। इस समय लखनऊ-शाहजहांपुर के बीच ट्रैक पर 110 किमी की स्पीड से ट्रेनें दौड़ रही हैं। बीच में रुक कर चलने और स्पीड मेनटेन करने में ट्रेन को 15 मिनट का समय लग जाता है। लेकिन अब इस रूट पर बिजली से ट्रेन चलाने की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। इलेक्ट्रिक लाइन पर 25 हजार वोल्ट करंट चालू कर दिया गया है। रेलवे प्रशासन ने इलेक्ट्रिक लाइन में करंट छोड़ने के बाद जगह-जगह चेतावनी बोर्ड लगा दिए हैं। पहले बिजली से मालगाड़ी का संचालन किया जायेगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो दिसम्बर माह में इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन प्रारम्भ हो जायेगा। बिजली से ट्रेनें चालू हो जाने पर डीजल की बचत होगी। बरेली से लखनऊ तक चार ईएमयू ट्रेन चलने की उम्मीदें हैं। डीआरएम सुनील माथुर ने बताया कि मुरादाबाद रामपुर के बीच कुछ कार्य बाकी रह गया, जो पुरा हो जायेगा। उन्होंने बताया कि दिसम्बर माह से इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन होने की उम्मीद है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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आठ विभागों हेतु वेतन समिति की संस्तुतियां आंशिक संशोधन के साथ स्वीकृत

Posted on 15 September 2011 by admin

अधीनस्थ लेखा, अधीनस्थ लेखा परीक्षा  एवं अभियोजन संवर्गों के सम्बन्ध में भी स्वीकृति
इस निर्णय से 10 हजार राज्यकर्मी लाभान्वित होंगे

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में वेतन समिति की आठ विभागों - युवा कल्याण, रेशम, नियोजन, नियुक्ति, चकबन्दी, भाषा, सूचना एवं जनसम्पर्क तथा न्याय विभाग के अतिरिक्त तीन संवर्गों (अधीनस्थ लेखा, अधीनस्थ लेखा परीक्षा एवं अभियोजन) के सम्बन्ध में प्राप्त संस्तुतियों को आंशिक संशोधन के साथ स्वीकृति प्रदान कर दी गयी।
इस निर्णय के फलस्वरूप लगभग 10 हजार कार्मिक लाभान्वित होंगे और राज्य सरकार पर लगभग नौ करोड़ रूपये का अतिरिक्त वित्तीय वार्षिक व्यय-भार आयेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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