खरीफ विपणन वर्ष 2011-12 में लेवी योजना में चावल खरीद से सम्बन्धित क्रय नीति घोषित
विपणन वर्ष 2011-12 में लेवी योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित मूल्यों पर चावल की खरीद की जानी है। इसलिए चावल की क्रय नीति एवं प्रक्रिया के निर्धारण के सम्बन्ध में मंत्रिपरिषद ने इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है।
मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार खरीफ क्रय वर्ष 2011-12 में लेवी चावल का उद्ग्रहण और क्रय समय-समय पर यथासंशोधित आदेश के उपबन्धों के अनुसार किया जायेगा।
उ0प्र0 चावल और धान (उद्ग्रहण और व्यापार विनियमन) आदेश 1985 के प्राविधानों के अधीन प्रदेश की चावल मिलों द्वारा क्रय किये गये धान से उत्पादित चावल पर निर्धारित मात्रा में लेवी चावल का क्रय किया जायेगा तथा क्रय किये गये चावल का भण्डारण केन्द्रीय पूल हेतु भारतीय खाद्य निगम द्वारा किया जायेगा। लेवी चावल का आर्थिक लागत मूल्य भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया जायेगा।
लेवी चावल की खरीद का कार्य 01 अक्टूबर, 2011 से प्रारम्भ होगा। चावल मिलों द्वारा 31 मार्च, 2012 तक क्रय किये गये धान से तैयार चावल पर 30 सितम्बर, 2012 तक केन्द्रीय पूल में लेवी चावल की डिलीवरी ली जायेगी। लेवी चावल की खरीद का कार्य राज्य सरकार के खाद्य तथा रसद विभाग द्वारा किया जायेगा।
खरीफ वर्ष 2011-12 में व्यवस्था की दृष्टि से लेवी चावल क्रय का कार्यकारी लक्ष्य 20.00 लाख मी0टन निर्धारित किया गया है, परन्तु लेवी चावल का उदाहरण, निर्धारित अवधि के अन्तर्गत चावल मिलर्स द्वारा खरीदे गये धान से उत्पादित चावल पर, भारत सरकार की सहमति से उ0प्र0 शासन द्वारा निर्धारित लेवी प्रतिशत की सांविधिक सीमा तक किया जायेगा। समर्थन मूल्य पर खरीदे गये धान से उत्पादित कस्टम चावल एवं चावल मिलों द्वारा उत्पादित चावल का लेवी अंश केन्द्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम के द्वारा प्राप्त कर भण्डारित किया जायेगा।
प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत सेला चावल की खपत नहीं है। अतः सेला चावल स्वीकार नहीं किया जायेगा। सेला चावल के बदले अरवा चावल दिया जा सकता है।
भारतीय खाद्य निगम द्वारा कस्टम एवं लेवी चावल का भण्डारण एवं आन्तरिक सम्प्रेषण इस प्रकार किया जायेगा कि प्रदेश की लक्षित सार्वजनिक प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी परियोजनाओं के लिए प्रत्येक जनपद में प्रत्येक माह चावल की उपलब्धता रहे और वितरण व्यवस्था में व्यवधान न हो।
चावल की गुण की विनिर्दिष्टियाँ सुनिश्चित करने हेतु क्रय कर्ता विपणन निरीक्षक /वरिष्ठ विपणन निरीक्षक, जिला खाद्य विपणन अधिकारी एवं एफ0सी0आई0 के सक्षम अधिकारी उत्तरदायी होंगे।
भारत सरकार द्वारा निर्यात प्रोत्साहन हेतु बासमती चावल को पूसा बासमती (एक) चावल को लेवी से मुक्त रखा गया है। इसलिए वर्ष 2011-12 में बासमती चावल तथा पूसा बासमती (एक) चावल लेवी से मुक्त रहेगा। चावल मिलों द्वारा क्रय किये गये काॅमन एवं ग्रेड-ए धान से तैयार चावल पर सभी चावल मिलों से 60 प्रतिशत की दर से लेवी ली जायेगी। लेवी चावल की खरीद भारत सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर की जायेगी।
लेवी चावल की खरीद ऐसी चावल मिलों से की जायेगी, जो वाणिज्य कर विभाग में पंजीकृत हों तथा जिनके पास मण्डी समिति का वैध लाइसेंस उपलब्ध हो। खरीदे गये पंजीकृत हो तथा जिनके पास मण्डी समिति का वैध लाइसेंस उपलब्ध हो। खरीदे गये चावल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु लेवी चावल की खरीद केवल उन्हीं चावल मिलों से की जायेगी, जिनकी न्यूनतम कुटाई क्षमता 0.5 मिट्रिक टन प्रति घंटा हो।
उत्तर प्रदेश जल विद्युत निगम लि0 एवं उ0प्र0 नेडा द्वारा चिन्हित लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निजी क्षेत्र में आवंटन हेतु कम्पीटीटिव टैरिफ बेस्ड बिडिंग के आधार पर निजी विकासकर्ताओं के चयन हेतु अनुमोदन
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश जल विद्युत निगम लि0 एवं उ0प्र0 नेडा द्वारा चिन्हित लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निजी क्षेत्र में आवंटन हेतु कम्पीटीटिव टैरिफ बेस्ड बिडिंग के आधार पर निजी विकासकर्ताओं के चयन हेतु अनुमोदन प्रदान किया।
लिये गये निर्णय के अनुसार प्रदेश में विद्युत की व्यापक समस्या को दृृष्टिगत एवं उत्पादन क्षमता में वृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से व जनहित में लेविलाइजड टैरिफ के आधार पर परियोजनाओं को विकासकर्ताओं को आवंटित करने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया, जिसमें रामगंगा एस0एच0पी0 (3.20 मेगावाट), माधो-1 एस0एच0पी0 (3.75 मेगावाट), माधो-2 एस0एच0पी0 (2.50 मेगावाट), डूडा एस0एच0पी0 (3.50 मेगावाट), बन्डरौन एस0एच0पी0 (14 मेगावाट) की परियोजनाओं को विकासकर्ता मेसर्स ओमनी इन्फ्रा पावर लि0 मुम्बई, शारदा सागर एस0एच0पी0 (3.00 मेगावाट) विकासकर्ता मेसर्स नूतन निर्माण प्राइवेट लि0 हैदराबाद को आवंटित की गयी।
यू0पी0 नेडा द्वार चिन्हित परियोजनायें वलीपुरा एस0एच0पी0 (400 किलोवाॅट) को विकासकर्ता मेसर्स नूतन निर्माण प्राइवेट लि0 हैदराबाद को आवंटित की गयी।
उ0प्र0 जल विद्युत निगम लि0 की चिन्हित परियोजनाओं के सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही ऊर्जा विभाग/उ0प्र0 जल विद्युत निगम लि0 तथा यू0पी0 नेडा की चिन्हित परियोजना के सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही अतिरिक्त स्त्रोत विभाग/यू0पी0 नेडा द्वारा किये जाने के प्रस्ताव को भी अनुमोदित किया गया।
हरदुआगंज थर्मल पावर परियोजना के बन्द
’ए’ पावर हाउस के स्थान पर राजकीय क्षेत्र में 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई की स्थापना का प्रस्ताव स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने हरदुआगंज थर्मल पावर परियोजना के बन्द पड़े ’ए’ पावर हाउस के स्थान पर 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई राजकीय क्षेत्र में उ0प्र0 राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि0 के अधीन लगाये जाने के प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
मंत्रिपरिषद ने परियोजना की स्थापना हेतु ब्वायलर, टरबाइन, जनरेटर सी0एण्ड0 आई0, सिविल एवं अन्य कार्याें के सम्बन्ध में सामग्री की आपूर्ति एवं कार्य के सम्बन्ध में सलाहकार की सलाह के अनुसार विभिन्न पैकेजों को बनाने व इन पैकेजों हेतु कान्ट्रैक्टर्स का चयन खुली निविदा के आधार पर कराये जाने का भी निर्णय लिया है। परियोजना की स्थापना हेतु कुल अनुमानित लागत 4826.5 करोड़ रूपये का वित्त पोषण 20 प्रतिशत शासकीय पूंजी एवं 80 प्रतिशत वित्तीय संस्थानों से ऋण द्वारा किया जायेगा। ऋण के लिए निर्गत की जाने वाली शासकीय प्रत्याभूति पर गारण्टी शुल्क का भुगतान निर्धारित दरों पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि0 द्वारा किया जायेगा।
केस-1 बिडिंग प्रक्रिया के अन्तर्गत 2756 मेगावाट विद्युत क्रय का अनुमोदन
मंत्रिपरिषद ने इनर्जी टास्क फोर्स द्वारा दिये गये अनुमोदन के अनुसार मे0 पी0टी0सी0 इण्डिया लिमिटेड से मे0 एथिना छत्तीसगढ़ पावर प्राइवेट लिमिटेड की 300 मेगावाट विद्युत रुपये 3.324 प्रति यूनिट के लेवलाइज्ड टैरिफ पर तथा मे0 रिलायन्स पावर लिमिटेड की 2456 मेगावाट विद्युत रुपये 3.702 प्रति यूनिट के लेवलाइज्ड टैरिफ पर क्रय करने तथा दोनों फर्मों को जारी एल0ओ0आई0 पर कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिया है।
उ0प्र0 सरकारी सेवक (चिकित्सा परिचर्या) नियमावली, 2011 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (चिकित्सा परिचर्या) नियमावली 2011 के नियम संख्या-20 में सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों के लिए स्वीकर्ता प्राधिकारी निर्धारित कर दिये गये हैं। एक लाख रुपये तक के दावे की धनराशि के लिए सक्षम तकनीकी परीक्षण अधिकारी की संस्तुति के उपरान्त, पेंशन आहरित करने वाले जनपद का कार्यालयाध्यक्ष स्वीकर्ता प्राधिकारी होगा। इसी प्रकार एक लाख रुपये से अधिक तथा पाँच लाख रुपये तक के दावे की धनराशि के लिए सक्षम तकनीकी परीक्षण अधिकारी की संस्तुति के उपरान्त, पंेशन आहरित करने वाले जनपद के कार्यालयाध्यक्ष के माध्यम से जिलाधिकारी स्वीकर्ता प्राधिकारी होंगे। इसी प्रकार पाँच लाख रुपये से अधिक के दावे की धनराशि के लिए सक्षम तकनीकी परीक्षण अधिकारी की संस्तुति के उपरान्त पेंशन आहरित करने वाले जनपद के कार्यालयाध्यक्ष द्वारा यथामाध्यम प्रशासकीय विभाग के समक्ष प्रस्तुत करने पर प्रशासकीय विभाग के माध्यम से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संस्तुति एंव वित्त विभाग की पूर्व स्वीकृति के पश्चात प्रशासकीय विभाग द्वारा की जायेगी।
मंत्रिपरिषद द्वारा मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना (तृतीय चरण) के भवनों के निर्माण हेतु कुल लागत की 50 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था के लिए हाउसिंग एण्ड अरबन डेवलेपमंेट कारपोरेशन लि0 (हुडको) से ऋण लिये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना (तृतीय चरण) के भवनों के निर्माण हेतु कुल लागत की 50 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था के लिए हाउसिंग एण्ड अरबन डेवलेपमंेट कारपोरेशन लि0 (हुडको) से ऋण लिये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
प्रदेश के नगर निगमों, नगर पालिकाओं तथा नगर पंचायतों में रहने वाले निर्धन व्यक्तियों की आवासीय समस्या के निराकरण हेतु उन्हें आवासीय सुविधा उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।
योजना के तृतीय चरण में 41992 भवनों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है तथा लक्ष्य के अनुसार स्थल चयन कर निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। तृतीय चरण में निर्मित होने वाले भवनों में सुविधाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु भवनों की विशिष्टियों व अवस्थापना सुविधाओं के दृष्टिगत प्रति भवन लागत रु0 2.70 लाख निर्धारित की गयी है, जिसमें स्थल के आन्तरिक विकास कार्यों की लागत भी सम्मिलित है।
प्रस्तावित ऋण हुडको से प्राप्त करने के लिए उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद, नोडल विकास प्राधिकरण- लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद एवं गाजियाबाद द्वारा अपने तथा अपने गु्रप के विकास प्राधिकरणों के लिए आवश्यक ऋण के लिए हुडको से ऋण अनुबन्ध निष्पादित किया जायेगा।
आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद, नोडल विकास प्राधिकरणों-लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद एवं गाजियाबाद द्वारा हुडको से लिये जाने वाले ऋण के लिए राज्य सरकार की ओर से शासकीय गारंटी दी जायेगी। वित्त विभाग के परामर्श से हुडको के पक्ष में शासकीय गारंटी का एग्रीमेंट निष्पादित किया जायेगा। शासन द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में वित्त विभाग की सहमति से हुडको के पक्ष में लेटर आॅफ कम्फर्ट दिनांक 08.08.2011 को निर्गत किया गया है।
यह ऋण हुडको द्वारा निम्न आयवर्ग (ई0डब्ल्यू0एस0 श्रेणी) के लाभार्थियों के लिए अद्यतन निर्धारित फिक्स्ड ब्याज दर पर 5 वर्ष की अवधि के लिए प्रदान किया जायेगा।
उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद तथा नोडल विकास प्राधिकरणों द्वारा निर्मित होने वाले भवनों के लिए आवश्यकता की सीमा तक ही हुडको से ऋण प्राप्त किया जायेगा।
प्राप्त किये गये ऋण पर ब्याज की गणना ऋण की धनराशि प्राप्त होने की तिथि से आगणित की जायेगी।
ऋण/ब्याज की अदायगी के सम्बन्ध में विलम्ब होने आदि के कारण यदि कोई विवाद होता है तो उसका समाधान दोनों पक्षों द्वारा आपसी सहमति से किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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