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माननीया मुख्यमंत्री जी ने परिषदीय विद्यालयों में 72,825 शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती का ऐतिहासिक फैसला लिया

Posted on 15 September 2011 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार ने परिषदीय विद्यालयों में 72,825 शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती किये जाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस आशय के प्रस्ताव का आज उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुमोदन किया गया। इस निर्णय से प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त पदों पर शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो जायेगी और प्राथमिक शिक्षा को और गुणवत्तापरक तथा बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
इन पदों पर भर्ती के लिए चयन सम्बन्धी सभी प्रक्रियाओं आवश्यक अर्हताएं आदि का विस्तार से विवरण निम्नवत् है:-

अभ्यर्थी की अर्हतायें:-
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन सहायक अध्यापक के पद पर मौलिक नियुक्ति हेतु उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा नियमावली-1981 में वर्णित अर्हताओं को पूर्ण कराना अनिवार्य होगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा जारी की गयी अधिसूचना 23 अगस्त, 2010 द्वारा शिक्षकों हेतु अर्हतायें भी निर्धारित की गयी हैं।

शैक्षिक एवं प्रशिक्षण अर्हता:-
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्गत अधिसूचना के तहत वह व्यक्ति जिसके पास न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ बी0ए0, बी0एस0सी0 की योग्यता हो और बी0एड0 परीक्षा उत्तीर्ण हो। कक्षा 1 से 5 में नियुक्ति के लिये 01 जनवरी, 2012 तक पात्र होगा, बशर्ते कि वह नियुक्ति के बाद प्राथमिक शिक्षा शास्त्र में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त 06 माह का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर ले, अर्थात ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने बी0ए0/बी0एस0सी0 50 प्रशिशत अंकों से उत्तीर्ण की हो तथा बी0एड0 उत्तीर्ण हों।

विशेष अनिवार्य प्रशिक्षण:-
(क)    ऐसा व्यक्ति जिसने न्यूनतम 50 प्रतिशत अंको सहित बी0ए0/बी0एस0सी0/बी0काॅम पास किया हो और इस सम्बन्ध में समय-समय पर जारी किये जाने वाले राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (मान्यता मानदण्ड और क्रियाविधि) विनियमों के अनुसार 01 वर्षीय शिक्षा स्नातक (बी0एड0) उत्तीर्ण किया हो, वह भी कक्षा 1 से 5 तक के लिए नियुक्ति किये जाने का पात्र होगा बशर्ते कि उसने 01 जनवरी, 2012 तक प्रारम्भिक शिक्षा में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्रदत्त 06 महीने का विशेष कार्यक्रम पूरा कर लिया हो।
(ख)    डी0एड0 (विशेष शिक्षा) अथवा बी0एड0 (विशेष शिक्षा) अर्हता रखने वाले व्यक्ति को नियुक्ति के बाद प्रारम्भिक शिक्षा में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्रदत्त 06 महीने का विशेष कार्यक्रम पूरा करना होगा।
(ग)    अनुसूचित जाति/जनजाति आदि जैसे आरक्षित श्रेणियों के अभ्यर्थियों को अर्हक अंकों में 05 प्रतिशत तक छूट दी जायेगी।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में वर्ष 1998, 2004 तथा 2007 में विशिष्ट बी0टी0सी0 प्रशिक्षण के माध्यम से बी0एड0 प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को 06 माह का प्रशिक्षण दिलाकर प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्तियां प्रदान की गयी। वर्तमान में बी0एड0 प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को अध्यापक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरान्त सर्वप्रथम सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति प्रदान करने के उपरान्त उन्हें 06 माह का प्रशिक्षण दिलाया जायेगा। बी0एड0 प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को, जिन्होंने बी0ए0, बी0एस0सी0, बी0काॅम0 की परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हैं अथवा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा समय-समय पर निर्धारित मानकों के अनुसार अर्हता प्राप्त करने के उपरान्त बी0एड0 उत्तीर्ण किया हो प्रस्तावित चयन के लिए पात्र माना जायेगा। साथ ही एस0सी0/एस0टी0 तथा ओ0बी0सी0 के अभ्यर्थियों को अर्हक अंकों में 05 प्रतिशत तक की छूट प्रदान की जायेगी।

आयु:-
01 जुलाई, 2011 को अभ्यर्थी की आयु 18 वर्ष की होनी चाहिए और 35 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। परन्तु एस0सी0/एस0टी0/ओ0बी0सी0 के अभ्यर्थियों के मामले में उच्चतर आयु सीमा 05 वर्ष शिथिलनीय होगी तथा पूर्व सैनिकों के सन्दर्भ में 03 वर्ष अधिकतम शिथिलनीय होगी। विकलांगों हेतु अधिकतम आयु सीमा में 15 वर्ष की छूट होगी।

आरक्षण:-
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों, भूतपूर्व सैनिकों (स्वयं), विकलांग अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण भर्ती के समय उ0प्र0 में प्रवृत्त अधिनियम और राज्य सरकार के आदेशानुसार दिया जायेगा।

आवेदन की प्रक्रिया:-
(क)    उत्तर प्रदेश में गत् 05 वर्षों से निरन्तर निवास करने वाले प्रदेश के अर्ह एवं इच्छुक अभ्यर्थी अपने 03 ऐच्छिक जनपदों में आवेदन कर सकते हैं। प्रदेश का निवासी होने का प्रमाण पत्र सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी अथवा सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र काॅउन्सिलिंग के समय प्रस्तुत किया जायेगा।
(ख)    आवेदन पत्र का प्रारूप सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के बेवसाइट ूूूण्नचइंेपबमकनबंजपवदइवंतकण्पद तथा सर्व शिक्षा अभियान के बेवसाइट ूूूण्नचमंिण्बवउ पर उपलब्ध होगा। अभ्यर्थी निर्धारित शुल्क के साथ निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र जनपद के प्राचार्य, जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान को पंजीकृत डाक से निर्धारित तिथि प्रत्येक दिशा में प्राप्त हो जाना चाहिए, इसके पश्चात् आवेदन पत्र पर विचार नहीं किया जायेगा।
(ग)     आवेदन करने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति के अभ्यर्थियों द्वारा शुल्क के रूप में 200 रूपये तथा अन्य अभ्यर्थियों को 500 रूपये का राष्ट्रीकृत बैंक से जारी रेखांकित बैंक ड्राफ्ट प्रस्तुत करना होगा। विकलांग जन से कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों में बड़ी संख्या में अध्यापकों के पद रिक्त चल रहे हैं। शिक्षा निदेशक बेसिक द्वारा जनपदों में रिक्तियों के सम्बन्ध में उपलब्ध कराये गये विवरण के अनुसार पूरे प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में कुल 2,84,391 पद पहले से ही सृजित हैं। सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत सहायक अध्यापक के कुल 80,000 पद तथा छात्र अध्यापक अनुपात बनाये जाने हेतु कुल 22,335 पद नव सृजित किये गये हैं। इस प्रकार सहायक अध्यापक के स्वीकृत पद 3,86,726 के सापेक्ष प्राथमिक विद्यालयों में कुल 1,87,155 शिक्षक कार्यरत हैं। इस प्रकार अब 1,99,571 पद रिक्त हैं। तद्नुसार परिणामी रिक्तियों को जोड़ते हुए 1,99,571 रिक्त पदों के सापेक्ष मात्र 72,825 पदों को भरने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया।
प्रदेश में कार्यरत शिक्षकों के वेतन सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित अनुपात के अनुसार वहन किया जाना है। भारत सरकार में 09 मई, 2011 को हुई बैठक में रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाने के निर्देश दिये गये थे, चूंकि इन पदों हेतु वित्तीय सहायता केन्द्र सरकार से प्राप्त होती है। अतः प्रस्तावित किया गया था कि इन पदों को शीघ्र भरने हेतु प्रदेश में उपलब्ध बी0एड0 अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित किये जायें और चयन की कार्यवाही जनपद स्तर पर करायी जाये।
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली-1981 में शिक्षकों की भर्ती हेतु भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि या किसी सरकार द्वारा उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त किसी उपाधि के साथ-साथ बी0टी0सी0 की प्रशिक्षण अर्हता निर्धारित है, अर्थात दो वर्षीय प्रशिक्षण पाठयक्रम उत्तीर्ण होने के पश्चात ही शिक्षक के रूप में मौलिक नियुक्ति प्रदान की जा सकती है। नियमित बी0टी0सी0 अभ्यर्थियों कि उपलब्धता न हो पाने के कारण विगत वर्षों में राज्य सरकार द्वारा विशिष्ट बी0टी0सी0 के माध्यम से शिक्षकों को 06 माह का प्रशिक्षण दिलाकर शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है, लेकिन चयन प्रक्रिया एवं प्रशिक्षण पूर्ण होने में पर्याप्त समय व्यतीत होने के कारण अनेकानेक पद सेवा निवृत्ति, पदोन्नति तथा नये पदों के सृजन के कारण रिक्तियों में वृद्धि हो रही है।
उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) नियमावली-1981 के नियम 4 के अन्तर्गत शिक्षकों का संवर्ग प्रत्येक स्थानीय क्षेत्र हेतु अलग-अलग व्यवस्था है, अतः चयन की कार्यवाही हेतु जनपद स्तर पर ग्रामीण क्षेत्र हेतु श्रेष्ठता सूची बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा 23 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रीय अध्यापक परिषद नई दिल्ली द्वारा शिक्षकों की भर्ती हेतु न्यूनतम अर्हतायें निर्धारित कर दी गयी हैं।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की अधिसूचना 23 अगस्त, 2010 के अनुसार शिक्षकों हेतु अर्हता पूरी करने के पहले विद्यालयों में तैनाती प्रदान कर उन्हें 06 माह के विशेष प्रशिक्षण दिलाकर विद्यालयों में शिक्षकों की व्यवस्था हेतु इस अधिसूचना के प्रस्तर-3 ‘क’ में 01 जनवरी, 2012 तक करने का प्राविधान किया है। इस प्रकार वर्तमान में स्वीकृत पदों के सापेक्ष 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक के पदों पर चयन किये जाने का निर्णय लिया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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