Archive | September, 2011

अपराधिक कृति को बढ़ावा देने वाला फैसला

Posted on 06 September 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने नजूल भूमि के अवैध कब्जेदारों के पक्ष में विनयमती करण करने के उ0प्र0 सरकार के फैसले को गलत बताया और कहा इससे अवैध कब्जा करने वालों को सरकारी संरक्षण मिलेगा। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि इससे प्रेरित होकर लोग भविष्य में अवैध कब्जा करेंगे सरकार आगे चलकर इसे भी विनयमिती करण कर देगी। यह अपराधिक कृति को बढ़ावा देने वाला फैसला है।
श्री पाठक ने उ0प्र0 सरकार द्वारा आज लिए गए इस निर्णय पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इस सरकार ने अवैध कब्जेदारों को प्रोत्साहित करने के लिए यह फैसला किया है। उन्हें यह सुविधा मात्र 6 माह तक के लिए ही मिलेगी। क्यांेकि इस सरकार का अन्तिम कार्यकाल की अवध भी मात्र 6 माह ही है। अब भविष्य में इस सरकार को आना भी नहीं है। प्रदेश की जनता अब इस सरकार को ज्यादा दिन बर्दास्त करने के इच्छुक नहीं है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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Regulating illegal content

Posted on 06 September 2011 by admin

After vehemently supporting Anna Hazare’s Jan Lokpal Bill in Parliament, Jayant Choudhary, MP (Lok Sabha) and General Secretary, Rashtriya Lok Dal today stood up for the freedom of speech and expression on the internet. Raising the issue under Rule 377 in the Lok Sabha, Jayant questioned the Government’s intent in the recent notification of Information Technology Rules.  “The Google’s transparency report for Jul – Dec 2010 reports a 123% increase in demands for content removal by Indian Government and law enforcement. Google removed internet content on 22% of the Indian Government requests as opposed to 87% in USA, 100% in Turkey and so on. This indicates that a number of requests made by the Indian authorities were frivolous and aimed at propagating the ‘Government view’ rather than regulating illegal content” he stated.

The 2011 IT Rules discriminate against the medium of dispersion of information. The Intermediary Guidelines Rules prohibit sharing blasphemous, libelous, and disparaging information. These conditions are purely subjective in nature and they differ from the Press Council’s norms of journalistic conduct. A newspaper article considered ‘blasphemous’ is legal, but the same cannot be reproduced online. The Reasonable Security Practices Rules allow government agencies access to personal information from service providers through written complaints, whereas other crimes require warrants signed by magistrates.

Another draconian aspect of the rules on curbing freedom of speech is its very violation of the spirit of the IT Act, which had removed intermediary liability for content. Jayant Chaudhary stated that such expansive changes should have come through amendments in the main Act rather than being slipped through a subordinate legislation.

Though Internet users are less than 10% of India’s population, but the numbers are increasing significantly. The number of such users in the Media industry is perhaps the largest after the Infotech industry. It is important that the right of ordinary citizens to express themselves is not trampled upon by an over zealous regulatory environment. The new Indian regulations restrict Web content that, among other things, can be considered “disparaging,” “harassing,” “blasphemous” or “hateful.”

The new rules, quietly issued by the country’s Department of Information Technology in May, 2011, allow officials and private citizens to demand that Internet sites and service providers remove content they consider objectionable on the basis of a long list of criteria. The list of objectionable content is sweeping and includes anything that “threatens the unity, integrity, defense, security or sovereignty of India, friendly relations with foreign states or public order.” The rules highlight the ambivalence with which Indian officials have long treated freedom of expression.

Along with the new content regulations, the government also issued rules governing data security, Internet cafes and the electronic provision of government services. RLD’s National General Secretary and MP, Jayant’s stand brings out the lacunae in the subordinate legislation and points to the need for the government through its policy and legislative framework to enable an important medium like the internet to realize its potential and be accessible to the masses.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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उ0प्र0 में पूरी तरह से तानाशाही चल रही है

Posted on 06 September 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की बसपा सरकार को भ्रष्टाचार का पर्यायवाची बताते हुए मुख्यमंत्री मायावती को चुनौती दी है कि प्रेस को धमकाने के बजाय वे सरकार पर लगाये गये भाजपा के आरोपों के आधार पर भाजपा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करें या भाजपा द्वारा जारी 100 घोटालों व चार हजार करोड़ के नोयडा के घोटाले व निजी चीनी मिलों को 25 प्रतिशत शीरा आरक्षण से मुक्त करने वाले घोटाले पर बिन्दुवार उत्तर दे। प्रदेश प्रवक्ता व विधान परिषद सदस्य हृदयनारायण दीक्षित ने आज प्रदेश मुख्यालय पर प्रेस वार्ता में कहा कि भाजपा ने डंके की चोट पर सरकार को भ्रष्ट बताया है। स्मारकों के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार पर कैग रिपोर्ट में खुलासा है। विकीलीक्स खुलासे में भी यही बातें हैं। भाजपा के आरोपों से मुख्यमंत्री बौखला गई हैं और उन्होंने संवैधानिक मर्यादाओं को भी पार करते हुए सीधे-सीधे प्रेस और पत्रकारों को धमकी देकर यह साबित कर दिया है कि उ0प्र0 में पूरी तरह से तानाशाही चल रही है।
श्री दीक्षित ने कहा कि मुख्यमंत्री का पद संवैधानिक है। संवैधानिक संस्थाएं गुस्सा नहीं होतीं। विकीलीक्स के खुलासे के बाद उनके लिखित बयान में भारी गुस्से का इजहार किया गया है। उनका गुस्सा सीधे-सीधे भाजपा और उसके नेता मुख्तार अब्बास नकवी पर है, जिन्होंने कल विकीलीक्स के खुलासे के बाद बसपा की सरकार और मुखिया पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया था। श्री दीक्षित ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं को दलित मात्र ही मानती हैं, जबकि संवैधानिक संस्थाएं न तो दलित होती हैं, न सवर्ण। मुख्यमंत्री को संविधान सभा में दिए गए बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर का अंतिम बयान का अध्ययन करना चाहिए, जिसमें उन्होंने साफ-साफ कहा था कि राजनीति में भक्ति या पूजा नहीं होती। जबकि बसपा व सरकार में घनघोर व्यक्ति पूजा है।
श्री दीक्षित ने आरोप लगाया कि बसपा में कोई संविधान या नियम नहीं है। स्वयं मायावती ने अपने को देवी रूप में पूजने की हिमायत की थी। श्री दीक्षित ने कहा कि वरिष्ठ भाजपा नेता सांसद मुख्तार अब्बास नकवी पर मुख्यमंत्री की टिप्पणी अशोभनीय, असभ्य और अश्लील है। ऐसा करके मुख्यमंत्री ने संवैधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंचायी है। उन्होंने कहा कि राज्य में घनघोर भ्रष्टाचार है, इंजीनियर मनोज गुप्ता हत्याकाण्ड से लेकर एन0आर0एच0एम0 घोटाले को लेकर हुई हत्याएं व लखीमपुर खीरी में वकीलों की हत्याएं इसी भ्रष्टाचार का परिणाम है। राज्य में सरकार विहीनता है। मुख्यमंत्री को त्याग पत्र देकर हट जाना चाहिए। जनता भाजपा सरकार देखने को बेताब है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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आजम खाॅ मांगे माॅफी, नही तो होगा आन्दोलन

Posted on 06 September 2011 by admin

सपा नेता आजम खाॅ की मुसलमानों के प्रति की गयी टिप्पणी सपा के लिए भी भारी जान पड़ रही है। जिसका खामियाजा आगामी चुनाव में मुलायम की पार्टी को भुगतना पड़ जायेगा। ज्ञात हों कि प्रदेश की राजधानी लखनउ में पूर्व मुख्यमंत्री  मुलायम सिंह यादव द्वारा रोजा आफ्तार पार्टी में आजम खाॅ ने मुसलमानों को भुख्खड़, नकली दाढी़, और बेईमान कहने पर मुस्लिम वर्ग और मौलानाओं में काफी आक्रोश है। इसी के बाबत आज मुनतखब वलमा की एक बैठक नगर स्थित एक विद्यालय में प्रेस वार्ता कर आजम खाॅ  की निन्दा करते हुए मौलाना अबरारूल हक फहमी ने कहा कि आजम खाॅ किसी पार्टी के शियासतदार हो सकते हैं पर किसी धर्म के प्रति टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। आजम खाॅ का टिप्पणी से मुस्लिम समाज को काफी ठेस पहॅची है। इसके लिए उन्हें मुस्लिम समाज से माॅफी माॅगनी चाहिए। मौलाना शमीम राईनी ने कहा कि इस कांफ्रेस के माध्यम से हम लोग मांब करते हैं कि आजम खाॅ को अपनी बात को वापस लेते हुए मुस्लिम समाज से माॅफी मांगे। यदि माॅफी नहीं मांगते हैं तो हम सभी मौलाना दनकी सभा का बहिष्कार कर काला झण्डा दिखाएगें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अधिवक्ताओं मंे भारी रोष, प्रदर्शन और हाइवे जाम

Posted on 06 September 2011 by admin

पूरे जनपद की हरदोई, सवायजपुर, संडीला, बिलग्राम, शाहाबाद तहसील सहित मुख्यालय पर वकीलों के संघ द्वारा भारी रोष प्रदर्शन करते हुए लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर बार काउंसिल आॅफ यूपी के आहवाहन पर विरोध दिवस मनाते हुए न्यायिक कार्यो का विरोध किया। हरदोई में वकीलों द्वारा पुतला फंूककर प्रदर्शन किया गया। सवायजपुर तहसील पर हाइवे जाम करके प्रदर्शन किया गया। संडीला, बिलग्राम और शाहाबाद मंे भी न्यायिक अदालतों का बहिष्कार करके प्रदर्शन आयोजित करके विरोध दिवस मनाया गया। ज्ञातव्य हो कि लखीमपुर खीरी के वकीलों और लेखपालों के संघर्ष मंे दो वकीलों की मृत्यु होने पर तथा कुछ के घायल होने पर बार काउंसिल आॅफ उत्तर प्रदेश ने प्रदेश बंदी का नारा देकर विरोध दिवस मनाने का ऐलान किया। बैठक करके रामौतार शुक्ला, आरके पंकज, अशोक कुमार द्विवेदी, शीतला वक्श सिंह, रामप्रताप यादव, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद बाजेपई सहित सभी पदाधिकारियों ने लखीमपुर के डीएम, एडीएम, एसडीएम, एवं तहसीलदार मोहम्मदी का अविलंब तबादला गैर जनपद में करने की मांग की। वहीं मृतक वकीलों के परिजनों को 50-50 लाख रूपए और घायलों का 10-10 हजार का मुआवजा शासन से मुहैया कराने और दोषी लेखपालों को शस्त्र लाइसेंस निरस्त करवाने की मांग रखी। वकीलों द्वारा डीएम कार्यालय के बाहर पुतला फंूककर प्रदर्शन भी किया गया। इस मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल कलेक्ट्रेट परिसर और सभी दीवानी अदालतों के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। सदर तहसील केे अलावा जनपद की सभी तहसीलों में फायर बिगे्रड सहित पीएसी भी तैनात रखी गई। इस अवसर पर भाजपा के पदाधिकारियों ने भी राज्य पाल को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को देकर वकीलों के समर्थन में लेखपालों का दंडित करने की मांग की।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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विकलांग पेंशन हेतु आवेदन करें

Posted on 06 September 2011 by admin

जिला विकलांग कल्याण अधिकारी गणेश प्रसाद ने जनपद आगरा के विकलांग जनों को सूचित किया है कि मान्यवर कांशीराम जी शहरी दलित बाहुल्य बस्ती समग्र विकास योजना के अन्तर्गत जो लोग टेढी बगिया, राजनगर एवं रामनगर के निवासी हों, और विकलांग पेंशन न मिल रही हो, ऐसे विकलांग व्यक्ति कार्यालय जिला विकलांग कल्याण अधिकारी, विकास भवन आगरा से आवेदन पत्र, आय प्रमाण पत्र एवं बैंक खाता संख्या के साथ समस्त औपचारिकताओं को पूर्ण करते हुये कार्यालय में ही जमा करें , ताकि नियमानुसार आवश्क कार्यवाही की जा सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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CMS teachers’ grand ‘Felicitation Ceremony’ concludes

Posted on 06 September 2011 by admin

CMS teachers awarded with prizes worth Rs. 51 lakhs

inauguration-2A grand ‘Felicitation Ceremony of the dutiful and excellent teachers of City Montessori School was organized at CMS Kanpur Road auditorium. On this occasion, over 2000 teachers and Principals of all CMS Campuses and workers of CMS were felicitated with cash prizes and other useful gifts worth Rs. 51 lakhs and certificates and medals and honoured in traditional gowns. Main attraction of the ceremony had been the honouring of the parents of great teachers on the occasion. The mothers of these great teachers were weighed in fruits and flowers and their fathers were gifted Shawls. Earlier the ceremony began with colourful educational cultural items presented by CMS teachers. Chief Guest Mr Rajiv Aggarwal, IAS, Vice Chairman, Lucknow Development Authority garlanded the portrait of the great teacher, thinker and former President of India, Dr Sarvapalli Radhakrishnan and lit the lamp of learning. On the occasion, the wife of Mr Rajiv Aggarwal, IAS, Mrs Aarti Aggarwal had been the Guest of Honour.
Chief Guest, Mr Rajiv Aggarwal, IAS, VC, LDA said on this occasion that it is the need of the hour that our teachers take inspiration from the thoughts of our great teacher Dr Radhakrishnan and follow them. True education consists of shaping the total personality and life of the students instead of only giving academic knowledge to them. He praised the teachers for their commendable works. Teachers are above God as they only can show us the God, he said. He compared teachers will ‘ghee’ in carthen lamp who burn themselves to enlighten their students. He was all praises for CMS teachers and said that he is happy that CMS teachers inculcate the thoughts of World Peace, World Unity and Vasudhaiv Kutumbkam.
In this grand ceremony, the Best CMS teacher declared for the year 2010-11 in ISC Section, Ms Niti Tandon, CMS Gomti Nagar campus and the best teacher declared in ICSE Section, Ms Tripti Saxena, CMS Gomti Nagar campus were awarded the cheques of Rs. 33,231/- and Rs. 23,685/- respectively and their mothers were weighted in fruits and flowers. Main attraction of the ceremony had been the felicitation of former CMS Principals and former students who worked with utter dedication and devotion to take CMS at such high position.
honouring-teachers-2Besides this, the Principals of various CMS campuses which had organized international level competitions and the students and teachers who had excelled in these competitions were honoured, Principals and teachers who had brought laurels to India and represented the country in events held abroad were also felicitated. All the teachers and staff members of the CMS family were honoured and recognized for their outstanding services.
Earlier, the programme began with the All Religion and World Peace Prayer Ceremony. On this occasion, teachers presented several educational cultural items and also put up an excellent World Parliament in which they discussed the burning issues of global importance suggesting peaceful solutions to solve their problems. A multimedia presentation further enlightened the minds of the audience and sensitized them on their role as moulders of character of the future generation. In the speech contest for teachers, thoughts were expressed on ‘Growing Criminality in children and the Role of Teachers’. Earlier, the Head of CMS Quality Assurance and Innovation Department, Ms Susmita Basu welcomed the teachers and all the distinguished guests.
Addressing the august gathering of educationists and teachers, the CMS Founder and renowned educationist Dr Jagdish Gandhi expressed his profound gratitude towards all the dedicated teachers and gave credit for success of the institution to the hard work of Principals and teachers. He called on to the teaching community to use their teaching abilities for building the character of children, implanting  noble ideas in their receptive minds and being role models for them. He said that it was the duty of teachers to educate the children about ‘Progressively Revealed Religion’ so that the feelings of World Brotherhood may be inculcated in them. Dr Gandhi asked the teachers to seek inspiration from the thoughts of Dr S. Radhakrishnan and practice the virtues taught by him in them daily lives. At the end of the function, The CMS Founder-Director and renowned educationist, Dr (Mrs) Bharti Gandhi expressed her gratitude towards the Chief Guests, Special Guest and all the distinguished citizens. She said that from a mere five students, the strength of the institution had risen to 42000 and this was largely due to the noble teachers here. It is because of their devotion to duty and dedication to the noble cause of education that CMS students are making their mark in all spheres of society, winning accolade and traversing on the path of World Unity and World Peace, she said.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Review of the book ‘Harvest of Human Values’ released recently

Posted on 06 September 2011 by admin

image-of-the-book_harvest-of-human-valuesBook ‘Harvest of Human Values’ is a confluence of human values, traditions and social responsibilities
The Mayor of Lucknow, Dr Dinesh Sharma recently released a much awaited book by Pt. Hari Om Sharma ‘Hari’ at the UP Press Club, Lucknow. On this occasion, renowned litterateurs, writers, poets, administrative officers, educationists, judges and book lovers gathered at the press club and read the book with great interest showering praise on it as an eye-opener and a socially useful book. Top scholars expressed their firm conviction that the book will show a new direction to present day youth and encourage them to touch the highest pinnacles of success and glory. Following is a review of the book penned by Praveen Shukla :
English literature is rich and varied in its own way, even then when we connect it to our Indian culture and Indian way of life, there is something lacking in it. English is gradually becoming a global language and a language closely related to our day to day life in India. This trend is especially visible among the younger generation. In this state of affairs, if we say that there is not enough of English literature in our country specially concerning our rural population, then it will not be entirely wrong. Pt. Hari Om Sharma’s book ‘Harvest of Human Values’ is an attempt to bridge this gap. The significant point to note here is that the present younger generation is madly rushing after Western culture and tradition and is getting steeped in materialism. In this scenario, the book ‘Harvest of Human Values’ acquires a new significance and useful purpose. It shows the right way to the new generation in the language they associate themselves with. It takes the youth towards their roots and teaches them the basics of Indian culture, customs and tradition making them realize the folly of blindly aping the western culture and philosophy.
Written in simple and direct English, ‘Harvest of Human Values’ contains 33 unique stories which present a rich confluence of human values, culture, traditions and social relationships set against the canvas of human emotions in rural and urban India. The varied stories of Pt. Hari Om Sharma ‘Hari’ not only reflect the unity in diversity in Indian culture but have a higher purpose of reflecting universal human values and emotions that teach the youth to become balanced human beings and progress from nothingness to eternity. Even though there is no dearth of story books in English language today, yet there is a crying need for such books which explore human emotions and cement relationships in society, expose social evils and show a new direction towards social upliftment. Harvest of Human Values fulfills this purpose. This is easily evident from the fact that while most books today contain stories based upon human fantasy and imagination, the stories in this book are based on real life situations and offer practical solutions in dealing with difficult problems that every human being faces at one time or the other.
The most significant feature of ‘Harvest of Human Values’ is that its style is simple but the subject matter is not trivial. It is deeply touching and emotional and the stories are full of humour, irony and satire. The style changes with the mood of the characters and becomes harsh when dealing with social evils and causes which are harming our social framework, disuniting the family and leading to breakup of human relationships. With these 33 stories, Pt. Sharma has created a new social thought for Young India that brings together the way of life in villages and in cities. The book is definitely worth reading and absorbing in its content. While the captivating style of the book, interesting character sketches, real life stories, attractive cover and beauty of prose arrest the reader’s attention at once, the actual message behind each story and inspirational content stirs the soul of the reader.
Let us examine the irony of the situation in present day society. Writing the preface to the book, Pt. Hari Om Sharma writes that our traditional relations of ‘Bua-Phupha, Chacha-Chachi, Mama-Mami etc.’ are being eroded to give way to terms like ‘Uncle-Auntie’ and relationships like ‘Dada-Dadi, Nana-Nani’ are being explored through television serials instead of getting acquainted to them in real life. In this regard, the book ‘Harvest of Human Values’ tells the story of three generations, child, parents and grandparents, changing human values, traditions, goals, aspirations, relationships and ideals. It shows how one can reach the top by following good human values, respecting tradition, learning from he past and carving one’s way in life through sheer hard work.
Throughout the book, a deliberate attempt has been made by the author to keep away from complicated and unknown vocabulary sticking to everyday expressions and language of daily usage which the middle class youth can easily identify with. In this way they will have no difficulty in adopting those values and keeping on the right track in life. There is no facet in life which has been left out by the writer. He has touched upon every human emotion, every relationship in society and every social problem that is of importance today. Even the titles chosen by the author have a world of meaning to them persuading the reader to read the story and grasp the meaning within it. Take some titles viz Elderly are like God, Atonement, Father of four sons, Who is religious, Children of Kaliyug, Grandmother, The teacher, Millionaire Beggar, Love Marriage and so on.
So far as the decoration and pages of the book are concerned, the book comes up to expectations. The book is attractive and approximately 200 pages have justified thickness. Its petty cost of
Rs. 200 is easily affordable to each strata of society and high quality paper, good binding, thick and coloured cover adds to the value. The author has thrown light on various facets of life and used quotations to connect rural and urban life-style that is simply unforgettable. Apart from it, the glimpses of blind race and restlessness of urban life is also there in this book. In nutshell, ‘Harvest of Human Values’, leaves a lasting effect on various untouched aspects of life and inspires the youths by teaching cultures and values to do something noble and reach the highest point of success in his life.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सरस्वती सम्मान एवं शिक्षक श्री पुरस्कार की धनराशि दोगुनी होगी -डाॅ. राकेशधर त्रिपाठी

Posted on 05 September 2011 by admin

  • विश्वविख्यात वैज्ञानिक एम.जी.के. मेनन के हाथों  सरस्वती सम्मान एवं शिक्षक श्री पुरस्कार से 13 विद्वान अलंकृत
  • शिक्षा का उद्देश्य व्यापक होना चाहिए-एम.जी.के. मेनन
  • उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा का अगले कुछ वर्षो में दोगुना विस्तार होगा -सचिव उच्च शिक्षा

उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. राकेशधर त्रिपाठी ने आज शिक्षक दिवस के अवसर पर घोषणा की है कि राज्य के अत्यन्त प्रतिष्ठापूर्ण और प्रेरणास्पद सरस्वती सम्मान एवं शिक्षक श्री पुरस्कार की धनराशि को दोगुना किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरस्वती सम्मान की धनराशि वर्तमान एक लाख रु0 से बढ़ा कर दो लाख रु0 तथा शिक्षक श्री की धनराशि 50,000 रु0 से बढ़ा कर एक लाख रु0 किये जाने के आदेश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इन पुरस्कारों के माध्यम से राज्य सरकार उत्कृष्ट योगदान करने वाले शिक्षकों के प्रति जनता की भावनाओं के अनुरूप आदर और सम्मान व्यक्त करती है।
डाॅ. त्रिपाठी ने यह घोषणा आज शिक्षक दिवस के अवसर पर स्थानीय डाॅ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित सरस्वती सम्मान एवं शिक्षक श्री पुरस्कार वितरण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में की। उन्होंने कहा कि हम सभी उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री सुश्री मायावती के कुशल नेतृत्व के आभारी हैं, जिन्होंने शिक्षकों के सम्मान में उत्कृष्ट पुरस्कार वितरण परम्परा को वर्ष 2008 से शुरू कराया है। उन्होंने कहा कि शिक्षक श्री एवं सरस्वती सम्मान पुरस्कार शिक्षकों के सामने एक चुनौती भी रखते हैं कि वे अधिक से अधिक श्रेष्ठता हासिल करेें और समाज में गुरुपरम्परा को मजबूत बनाये।
मुख्य अतिथि प्रो. एम.जी.के. मेनन, जो भारत सरकार में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के सलाहकार हैं और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के परमाणु वैज्ञानिक हैं, ने तीन विद्वानों प्रो. रमेश चन्द्र सारस्वत, डाॅ. उपेन्द्र नाथ द्विवेदी और डाॅ. मो0 मुजम्मिल को सरस्वती सम्मान तथा प्रो. पी.सी. श्रीवास्तव, प्रो. राम मोहन पाठक, प्रो. यदुनाथ प्रसाद दुबे, डाॅ. शरीफ अहमद कुरैशी, डाॅ. श्याम सुन्दर सिंह चैहान, डाॅ. श्रीमती धर्म कौर, डाॅ. कुलदीप भार्गव, डाॅ. के.के. शर्मा, डाॅ. अनिल कुमार सिंह तथा डाॅ. श्रीमती महाश्वेता चतुर्वेदी को पुरस्कार राशि, सरस्वती प्रतिमा, सर्टिफिकेट और पुष्पगुच्छ भेंट कर तथा शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
अपने सम्बोधन में डाॅ. मेनन ने कहा कि भारत में गुरुपरम्परा अत्यन्त प्राचीन काल से चली आ रही है और ऋषियों तथा आश्रमों से निकली यह आदरणीय परम्परा आज के जमाने में विवेकानन्द, मदन मोहन मालवीय, सर्वपल्ली डाॅ. राधाकृष्णन, गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर और डाॅ. जाकिर हुसैन के माध्यम से जीवन्त हुई है। उन्होंने कहा कि हमारी    संस्कृति के प्रवाह में लोग जुड़ने चाहिए, लोग संस्कृति के प्रवाह से अलग न होने पायें। उन्होंने प्रख्यात परमाणु वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा का जिक्र करते हुए कहा कि आज भारत उनके कारण परमाणु वैज्ञानिकों के मामले में आत्मनिर्भर हैं। हमें बाहर से परमाणु क्षेत्र में दक्ष कार्यकर्ताओं को बुलाने की आवश्यकता नहीं है।
डाॅ. मेनन ने शिक्षा की व्यापकता पर जोर देते हुए कहा कि उसका मुख्य उद्देश्य सूचना और ज्ञान से आगे बढ़ते हुए व्यक्तित्व निर्माण होना चाहिए और शिक्षा के कारण व्यक्ति के नजरिए में व्यापकता आनी चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद दो साल के बच्चे और प्राइमरी राइम (ट्विंकल-ट्विंकल लिटल स्टार हाऊ आई वन्डर व्हाट यू आर) का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षा को बच्चों के मन में जिज्ञासायें जगाने और उनका उत्तर पाने की क्षमता पैदा करना होना चाहिए। उन्होंने अपने भाषण में डाॅ. डी.एस.कोठारी का भी उल्लेख किया और कहा कि वह एक तपस्वी की तरह रहे हैं और उन्होंने बहुत प्रेरणा दी है। इसी तरह डाॅ. राधाकृष्णन ने भी हमें ज्ञान के चरम तक पहुंचने और जीवन में उतनी ही ज्यादा विनम्रता तथा सहजता लाने का संदेश दिया है।
इसके पूर्व सचिव उच्च शिक्षा श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि पिछले तीन-चार सालों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है और इस वित्तीय वर्ष के समाप्त होते-होते राज्य में एक हजार नये काॅलेज स्थापित होे जायेंगे। उन्होंने कहा कि अभी राज्य में सकल नामांकन दर 11 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत 20 प्रतिशत से कम है। इसे प्राप्त करने के लिए हम अपना प्रयास तेज कर रहे हैं, जिसकी वजह से अगले कुछ वर्षो में उच्च शिक्षा का विस्तार दोगुना होगा। उन्होंने कहा कि हम राज्य में प्रशिक्षित एवं सुयोग्य अध्यापकों की कमी को दूर करते हुए विश्वविद्यालयों और काॅलेजों की संख्या बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
इस अवसर पर आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में उर्दू-अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री अनीस अन्सारी आई.ए.एस., कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय प्रो. मनोज मिश्रा, कुलपति डाॅ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रो. बलराज चैहान और कुलपति रोहेल खण्ड विश्वविद्यालय बरेली, प्रो. सत्यपाल गौतम, सलाहकार उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. चन्द्र विजय चतुर्वेदी सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य शिक्षक एवं नागरिक उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बाराबंकी के कु0 मोहिनी प्रकरण में नामजद अभियुक्त गिरफ्तार

Posted on 05 September 2011 by admin

इस घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी
अभियुक्त बी0एस0पी0 का कार्यकर्ता या पदाधिकारी नहीं

प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) श्री बृजलाल ने जनपद बाराबंकी के ग्राम सिहाली थाना फतेेहपुर में कु0 मोहिनी द्वारा आग लगा लिये जाने की घटना की जानकारी देते हुए बताया कि इस घटना में नामजद अभियुक्त मो0 असलम को सिहानी गेट जनपद गाजियाबाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। जनपद बाराबंकी पुलिस अभियुक्त को बाराबंकी लाने के लिए गजियाबाद के लिए रवाना हो गई है। उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल लखनऊ में उपचार हेतु भर्ती कु0 मोहिनी की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ विधि सम्मत प्रभावी कार्यवाही की जायेगी।
विशेष पुलिस महानिदेशक आज यहां पुलिस मुख्यालय में मीडिया को इस घटना के बारे में जानकारी दे रहे थे। उन्होंने बताया कि मीडिया में इस आशय का समाचार आया है कि कु0 मोहिनी के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई किन्तु उसने अपने साथ छेड़छाड़ की बात न तो प्रथम सूचना रिपोर्ट में और न ही मजिस्ट्रेट के सामने दिये गये बयान में ही कही है। उन्होंने कहा कि मो0 असलम के संबंध में सूचना प्राप्त हुई है कि वह बी0एस0पी0 का कार्यकर्ता या पदाधिकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है यदि छेड़छाड़ संबंधी कोई घटना हुई है तो उसकी तहरीर लेकर अभियोग पंजीकृत कर विवेचना की जायेगी।
श्री बृजलाल ने घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 02 सितम्बर, 2011 को अपराह्न 03 बजकर 55 मिनट पर श्री सदन रावत पुत्र स्व0 शत्रुधन लाल निवासी सिहाली, थाना फतेहपुर, बाराबंकी द्वारा थाना फतेहपुर पर सूचना दी गई कि उसकी मौसेरी बहन मोहिनी उर्फ मन्नी (उम्र 16 वर्ष) को उसके गांव के जिला पंचायत सदस्य/प्रधान पति मो0 असलम पुत्र लल्लन ने मारा पीटा व गाली दिया, जिससे क्षुब्ध होकर उसने मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली। सूचना पर थाना फतेहपुर पर मु0अ0सं0 687/11 धारा-323/504/504 भादवि एवं 3(1)10 अनुसूचित जाति/जनजाति का अभियोग पंजीकृत किया गया। पीड़िता कु0 मोहिनी को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, फतेहपुर ले जाया गया जहां से वह रिफर होकर वर्तमान में सिविल अस्पताल, लखनऊ में चिकित्सारत है।
विशेष पुलिस महानिदेशक ने बताया कि इस घटना की सूचना प्राप्त होने पर सम्बन्धित अधिकारियों सहित पुलिस अधीक्षक बाराबंकी द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया गया। प्रकरण की छानबीन करने पर प्रथम दृष्टया पाया गया कि ग्राम सिहाली निवासी बजरंगी उर्फ हनोमान लोध व उसकी पत्नी रानी के मध्य विवाद चल रहा था। पूछताछ में बताया गया कि बजरंगी की औरत रानी अपने पति के साथ न रहकर गांव के दूसरे अन्य घरों में रहती थी। यह भी प्रकाश में आया कि वह उसी गांव के हंसराज नामक व्यक्ति तथा अन्य लोगों के अतिरिक्त मोहिनी उर्फ मन्नी के घर भी रहती थी। पति-पत्नी के विवाद को सुलझाने की मध्यस्थता के उद्देश्य से गांव में दिनांक 29.08.2011 को पंचायत बुलाई गई।
श्री बृजलाल ने बताया कि पंचायत में रानी से यह कहा गया कि वह या तो अपने पति के साथ रहे अथवा अपने मायके में रहे, गांव में किसी अन्य के घर न रहे। इस बात का मोहिनी उर्फ मन्नी ने प्रतिरोध करते हुए कहा कि रानी के बारे में वह निर्णय करने वाले कौन होते है, रानी की जहां इच्छा होगी, वहां रहेगी। इसी नोक-झोक के मध्य मो0 असलम ने मोहिनी को थप्पड़ मार दिया जिससे क्षुब्ध होकर मोहिनी वहां से चली गई। कुछ देर पश्चात कु0 मोहिनी ने अपने घर से लगभग 700 मीटर की दूरी पर नहर के किनारे स्वयं को आग लगा लिया था।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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