भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की बसपा सरकार को भ्रष्टाचार का पर्यायवाची बताते हुए मुख्यमंत्री मायावती को चुनौती दी है कि प्रेस को धमकाने के बजाय वे सरकार पर लगाये गये भाजपा के आरोपों के आधार पर भाजपा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करें या भाजपा द्वारा जारी 100 घोटालों व चार हजार करोड़ के नोयडा के घोटाले व निजी चीनी मिलों को 25 प्रतिशत शीरा आरक्षण से मुक्त करने वाले घोटाले पर बिन्दुवार उत्तर दे। प्रदेश प्रवक्ता व विधान परिषद सदस्य हृदयनारायण दीक्षित ने आज प्रदेश मुख्यालय पर प्रेस वार्ता में कहा कि भाजपा ने डंके की चोट पर सरकार को भ्रष्ट बताया है। स्मारकों के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार पर कैग रिपोर्ट में खुलासा है। विकीलीक्स खुलासे में भी यही बातें हैं। भाजपा के आरोपों से मुख्यमंत्री बौखला गई हैं और उन्होंने संवैधानिक मर्यादाओं को भी पार करते हुए सीधे-सीधे प्रेस और पत्रकारों को धमकी देकर यह साबित कर दिया है कि उ0प्र0 में पूरी तरह से तानाशाही चल रही है।
श्री दीक्षित ने कहा कि मुख्यमंत्री का पद संवैधानिक है। संवैधानिक संस्थाएं गुस्सा नहीं होतीं। विकीलीक्स के खुलासे के बाद उनके लिखित बयान में भारी गुस्से का इजहार किया गया है। उनका गुस्सा सीधे-सीधे भाजपा और उसके नेता मुख्तार अब्बास नकवी पर है, जिन्होंने कल विकीलीक्स के खुलासे के बाद बसपा की सरकार और मुखिया पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया था। श्री दीक्षित ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं को दलित मात्र ही मानती हैं, जबकि संवैधानिक संस्थाएं न तो दलित होती हैं, न सवर्ण। मुख्यमंत्री को संविधान सभा में दिए गए बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर का अंतिम बयान का अध्ययन करना चाहिए, जिसमें उन्होंने साफ-साफ कहा था कि राजनीति में भक्ति या पूजा नहीं होती। जबकि बसपा व सरकार में घनघोर व्यक्ति पूजा है।
श्री दीक्षित ने आरोप लगाया कि बसपा में कोई संविधान या नियम नहीं है। स्वयं मायावती ने अपने को देवी रूप में पूजने की हिमायत की थी। श्री दीक्षित ने कहा कि वरिष्ठ भाजपा नेता सांसद मुख्तार अब्बास नकवी पर मुख्यमंत्री की टिप्पणी अशोभनीय, असभ्य और अश्लील है। ऐसा करके मुख्यमंत्री ने संवैधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंचायी है। उन्होंने कहा कि राज्य में घनघोर भ्रष्टाचार है, इंजीनियर मनोज गुप्ता हत्याकाण्ड से लेकर एन0आर0एच0एम0 घोटाले को लेकर हुई हत्याएं व लखीमपुर खीरी में वकीलों की हत्याएं इसी भ्रष्टाचार का परिणाम है। राज्य में सरकार विहीनता है। मुख्यमंत्री को त्याग पत्र देकर हट जाना चाहिए। जनता भाजपा सरकार देखने को बेताब है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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