Archive | April, 2011

हमारे दिल में हरदोई बसता है - सांसद जयप्रकाश

Posted on 28 April 2011 by admin

हरदोई- बसपा के राज्यसभा सदस्य, सांसद जयप्रकाश ने कहा कि हरदोई शहर तथा जनपदवासी हमें कभी नहीं भूला। चाहे लखनऊ दिल्ली या अन्यत्र रहूँ परन्तु आप सभी का प्रेम, आशीर्वाद, भला मैं कैसे भूल सकता हमने अपनी राजनीतिक पारी इसी जिले से शुरू की। तीन बार सांसद रहा यहाँ के लोग हमारी राजनैतिक धरोहर है हमें लगाव पहले भी था और भविष्य  में भी रहेगा। हरदोई से टिकट न मिलने के कारण यह जिला हमसे छुटा था मगर हमारा रिश्ता अटूट है इसे कोई भी नहीं तोड़ सकता। हमसे जो भी बनेगा इस जिले के लिए करूँगा।

 

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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बेसिक शिक्षामंत्री के निर्देश पर स्कूलों में ओचक निरीक्षण

Posted on 28 April 2011 by admin

उत्तर प्रदेश शासन के बेसिक शिक्षामंत्री के आदेश पर जिलाधिकारी के निर्देश पर स्कूलों की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था में शत प्रतिशत अध्यापकों की उपस्थित, मिडडे मील, सफाई, छात्रवृत्ति सहित सभी मामलों की पूरे जिले में टीम बनाकर औचक निरीक्षण की कार्यवाही में शाहाबाद ब्लाक भरखनी ब्लाक के अलावा कई ब्लाकों में जाँच अभियान चलाया जा रहा है। भरखनी के प्राथमिक विद्यालय भैनामऊ, सहजनपुर, शाहाबाद के कहारटोला आदि के निरीक्षण में उपबेसिक शिक्षा अधिकारी सुमन पाण्डेय को लगाया गया उन्होंने बताया अध्यापक भरखनी उपस्थित नहीं मिले परन्तु शाहाबाद में अध्यापक उपस्थित थे हालांकि भैलामऊ के अध्यापक को प्रशिक्षण हेतु जाना बताया। पिहानी के एक अध्यापक कुईया के प्रधानाध्यापक सहायक शिक्षिका सावित्री स्नेहलता का वेतन काटने व स्पष्टीकरण माँगा गया। प्राथमिक विद्यालय उदयपुर, शिक्षामित्र मीना देवी, सेढ़ामऊ के शिक्षक आदेश कुमार, शिक्षक ब्रम्हकिशोर, सहायक अध्यापक सुरेश बाबू अनुपस्थित पाए गये। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सियाराम निर्मल ने बताया कि कल देर शाम तक एक प्रधानाध्यापक सहित एक दर्जन शिक्षक-शिक्षिकाओं पर वेतन 1 दिन का वेतन काटने तथा विधिक कारवायी की जा रही है परन्तु जानकार सूत्रों के अनुसार यह पूरी कार्यवायी शिक्षक नेताओं तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की खींचतान मनमुटाव का ही परिणाम है।

 

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राजस्व परिषद का आदेश लट्ठा को नहीं होगा प्रयोग

Posted on 28 April 2011 by admin

 हरदोई- राजस्व परिषद सदस्य अरुण कुमार ने कहा कि भूमि की पैमाइश में इंचक मीटर प्रणाली का ही केवल प्रयोग किया जाये लट्ठा प्रणाली का प्रयोग कदापि न हो। राजस्व परिषद के सदस्य जिले के टोडरमल सर्वेक्षण परिषद के भूलेख प्रशिक्षण संस्थान परिसर का निरीक्षण करने आये थे उन्होंने कहा कि भूमि संरक्षण विवादों का निरीक्षण एवं समाधान तेजी से हो। लेखपात कानूनगो किसानों को पूरी जानकारी दें इन्तखाब में दर्ज भूमि के हिसाब से पैमाइश करके सन्तुष्ट करें नायब तहसीलदारों के प्रशिक्षण में भी दिशा निर्देश दिये। प्रशिक्षण संस्थान के सहायक निदेशक तिलकधारी सिंह आदि मौजूद थे।

 

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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सेवानिवृत्त अरबी-फारसी मदरसों के शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को पेंशन/पारिवारिक पेंशन तथा ग्रेच्युटी के भुगतान हेतु वित्तीय स्वीकृति

Posted on 28 April 2011 by admin

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सेवानिवृत्त अरबी-फारसी मदरसों के शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को पेंशन/पारिवारिक पेंशन तथा ग्रेच्युटी के भुगतान हेतु वित्तीय वर्ष 2011-12 में प्राविधानित राशि एक करोड़ नब्बे लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है तथा इस धनराशि को निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति भी कुछ प्रतिबन्धों एवं शर्तों के अधीन दे दी है।
 यह जानकारी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा जारी शासनादेश में दी गई है।

 

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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डा0 अम्बेडकर ग्रामों में सी0सी0रोड़/के0सी0ड्रेन निर्माण कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश

Posted on 28 April 2011 by admin

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा डा0 अम्बेडकर ग्रामों में सी0सी0रोड़/के0सी0ड्रेन निर्माण कार्य आगामी 15 मई से प्रारम्भ करने के निर्देश दिये गये  हैं। इसके साथ ही सभी ग्रामों में इस कार्य को आगामी 30 नवम्बर तक पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
 यह जानकारी प्रमुख सचिव डा0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास श्री बलविन्दर कुमार द्वारा दी गई है। इस सम्बन्ध में उन्होंने आज प्रमुख सचिव लोक निर्माण, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, पंचायतीराज तथा समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को भेजे गये पत्र के माध्यम से शासन के निर्णय से अवगत कराया है। पत्र में कहा गया है कि डा0 अम्बेडकर ग्रामों में सी0सी0रोड़/के0सी0ड्रेन के निर्माण के लिए तीन करोड़ की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है, जिन ग्रामों में एक से अधिक मजरे हैं, उन ग्रामों के उन मजरों को पहले लिया जाय, जहाॅ अनुसूचित जाति/जनजाति की आबादी अधिक है। मजरों का चयन अनुसूचित जाति/जनजाति की आबादी के अवरोही क्रम में किया जाय, जहाॅ अनुसूचित जाति/जनजाति की आबादी अधिक है।

 

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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प्रदेश सरकार को बर्खास्त करने की मांग

Posted on 28 April 2011 by admin

लखनऊ - भारतीय जनता पार्टी ने प्रदे की विगड़ती कानून व्यवस्था, बढ़ते भ्रश्टाचार व आपराध के लिए प्रदे सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उसे बर्खास्त करने की मांग की है। प्रदे प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि प्रदे में चिकित्सक,इंजीनियर और आई0ए0एम0 अधिकारी बसपा शासनकाल में या तो आत्महत्या करने पर मजबूर हुए या उनकी हत्या कर दी गई। श्री तिवारी ने कहा कि राजधानी लखनऊ में दो-दो सी0एम0ओ0 को गोलियों से छलनी कर दिया गया लेकिन सत्ता षीर्श के दबाव में पुलिस अभी इन दोनों ही मामलों का खुलासा नहीं कर पाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि आमजन समस्याओं से बेखबर  बसपा सरकार का एकमात्र एजेण्डा धन उगाही मात्र है। ऐसे में उन्हें सत्ता में बने रहने का हक नहीं है। श्री तिवारी ने प्रदेष में बिगड़ी कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि दलित मुख्यमंत्री के राज में सबसे ज्यादा दलित महिलाए ही उत्पीड़न का षिकार हुई हैं।
प्रदे प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि बसपा सरकार में ’गुण्डा टैक्स’ ने अब उद्योग का रूप ले लिया है। उन्होंने वाराणसी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां एक इंजीनियर को दिन दहाड़े गुण्डा टैक्स न देने के कारण गोलियों से छलनी कर दिया गया। दो दिन पहले लखनऊ के प्रापर्टी डीलर षरीकुलहसन सिद्दीकी की सरेआम हत्या कर दी। हाथरस में सिंडीकेंट बैंक के प्रबन्धक आलोक षाह को 6.5 लाख के कारण सरेआम मार दिया गया और सारे रूपए लूट लिए। ओरैया में एन0टी0सी0सी0 के अभियन्ता भोलानाथ पाण्डेय की मंगलवार को हत्या करके व रेलवे लाइन पर छोड़ दिया गया। इलाहाबाद के मूल निवासी श्री पाण्डेय नेनल थर्मल पावर कारपोरेन के पावर ग्रिड कारपारेन में जू0 इंजीनियर के पद पर तैनात थे। जनपद बस्ती में 36 घंटे के अन्दर दो हत्याएं व लूट की घटना घटित हुई। बस्ती के कोतवाली थाना क्षेत्र के गांधी नगर पुलिस चैकी से करीब 50 कदम दूर 25 अपै्रल को षांम 7 बजे 25 वर्शीय युवक फैसल उर्फ बाबू को बदमाषों ने दौड़ाकर गोली मार दी जब फैसल गिर गया तो बदमाषों ने उसका गला रेत दिया जिससे मौके पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई। सब्जी मंडी के बदमाषों ने ऐसा दुस्साहस किया, पुलिस मूकदर्षक बनी रही। बस्ती के ही छावनी थाना क्षेत्र के अमोढा कस्बे में स्वर्ण व्यवसायी 35 वर्शीय लाल बहादुर पर सुबह के समय मोटरसाइकिल से पहुंचे बदमाषों ने काफी कीमत के आभूशण लूट कर स्वर्ण व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी।
 श्री तिवारी ने कहा कि बाराबंकी के पंचायत उद्योग के सचिव पद पर तैनात विनोद कुमार श्रीवास्तव की हत्या का करण 10 करोड़ रूप्ये आपूर्ति का ठेका बताया जा रहा है। गुन्डा टैक्स (रंगदारी) न देने के कारण वाराणसी के निर्माण निगम कार्यालय में मंगलवार की दो दोपहर में बदमाषों ने सहायत स्थनिक अभियन्ता (एआरई) विनोद कुमार सिंह पर 8 ठेकेदारांें के सामने गोलियों से घायल कर दिया। हमले में कई ठेकेदार भी घायल हो गए। रंगदारी को लेकर बार-बार धमकी देने की अभियन्ता को  डी0आई0जी0 एवं केंट पुलिस से षिकायत की भी जिन्होंने हरदोई में बालिकाओं के लापता होने की चर्चा करते हुए कहा कि हरदोई में लगातार बालिकाओं के गायब होने से हड़कंप मच गया है। पुलिस अभी तक कुछ नहीं कर सकी है। मैनपुरी के कटहल थाना क्षेत्र के ग्राम लदपुरा महुटी में एवं बालिका की दुश्कर्म के बाद हत्या कर दी गयी। इसीप्रकर पेड़ काटने के विवाद को लेकर विन्ध्यांचल थाना क्षेत्र के अगरावली गांव में तीन लोगों चुलबुल मौर्या, भोला मौर्या व नागेन्द्र मौर्या की हत्या से गांव में सन्नाटा पसर गया। वहीं मुजफ्फरनगर के चिरगाजनी गांव में गेहूं कटाई से मना करने पर दलित करम चन्द्र की हत्या कर दी गयी और षव साइकिल पर रखकर पूरे गांव में घुमाया गया। वहां दहषत का माहौल है।
 प्रवक्ता ने आगे बताया कि मुरादाबाद के मझोल क्षेत्र के प्रकाष नगर चैराहे के पास श्रेयनगर में हाईकोर्ट के अधिवक्ता विषेश कुमार गुप्त के घर में बदमाषों ने लूटपाट की और उनकी पत्नी सुशमा गुप्ता की हत्या कर दी। श्री तिवारी ने कहा कि प्रदेष में दलित मुख्यमंत्री के कार्यकाल में दलितों पर हो रहे अत्याचारों ने रिकार्ड  कायम किया।
 प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री के बयान प्रदेष में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को साजिष करार दिए जाने पर तीखा प्रहार करते हुएकहा कि मुख्यमंत्री की खीझ ही जो इस तरह के आरोप प्रत्यारोप लगाकर खुद की कानून-व्यवस्था में  अक्षम सरकार की कारगुजारी छिपा रही है।

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गरीबों का स्वावस्थ्य यू0टी0आई के कन्धों पर

Posted on 28 April 2011 by admin

 हरदोई। हरदोई जनपद के बी0पी0एल0 परिवारों की संख्या 3 लाख 96 हजार के लगभग है जिनके स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवा लैम्बार्ड कम्पनी स्मार्ट बनाकर उठा रही थी अबकी बार यह फर्ज यूनाइटेड स्मार्ट कार्ड बनाने का कार्य करेगी। शासन स्तर पर जिला समन्यक राहुल सिंह की नियुक्ति कर दी गयी है। राहुल सिंह अतिधीघ्र हरदोई पहुँचकर निरीक्षण एवं बी0पी0एल0 सर्वे करेंगे 2 मई को जिलाधिकारी ए0के0 सिंह राठौर तथा अन्य अधिकारियों के साथ उनकी बैठक निश्चित हो गयी उन्होंने दूरभाष पर आश्वस्त किया कि पहले की पुनरावृत्ति इस बार नहीं होगी गरीबों का नुकसान कदापि नहीं होने दिया जायेगा जिला विकास अधिकारी ने बताया कि नौ हजार गरीबों का डाटा बेरु तैयार हो गया बाकी काम भी अतिशीघ्र पूरा किया जायेगा यह भी निर्देशित किया गया कि छः घन्टे के अन्दर अगर कार्डधारकों का डाटा आनलाइन न होने पर चिकित्सकों का भुगतान नहीं होगा तथा इस बार केवल डी0डी0ओ0 के अलावा बल्कि चिकित्सा अधिकारियों के साथ मुख्य विकास अधिकारी तथा जिला अधिकारी को भी नामित किया गया है।

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पशु चिकित्साधिकारियों का वेतन रोका गया

Posted on 28 April 2011 by admin

हरदोई- काफी लम्बे समय से जनपद में पशुओं की देखभाल हेतु चिकित्साकें की अनुपस्थित की शिकायतों पर आखिर प्रशासन सख्त हो गया है। गत दिवस अचानक हुये निरीक्षण चिकित्सकों के साथ फार्मेसिस्ट चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी गायब पाए गये। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने जानकारी पर बताया कि बेंहदर ब्लाक के चिकित्साधिकारी आजमपुर के सत्येन्द्र अनुपस्थित पाये गये कोई उचित जवाब या कारण ज्ञात न होने पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी श्रीराम सहित उनकी वेतनवृद्धि रोक दी गई वहीं पर फार्मासिष्ट लालाराम ने भी अस्पताल के अभिलेख दुरुस्त अवस्था में नहीं पाये गये इसलिए उनका भी वेतन रोका गया। छतिया रामपुर की  चिकित्साधिकारी सविता गौतम, ब्रम्हनाखेड़ा की डा0 कनकलता सरकार भी अनुपस्थित पाई र्गइं वेतन रोकने के साथ कार्यवाई की जा रही है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 श्रीकृष्ण ने बताया यह जांच निरीक्षण और कार्यवाही बराबर चलेगी।

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आगामी 15 जून तक नागर निकाय क्षेत्रों के नालों, नालियों तथा सीवर लाइनों की सफाई का कार्य पूरा कराया जाये - मुख्य सचिव

Posted on 28 April 2011 by admin

लखनऊ - उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री अनूप मिश्र ने विभागीय अधिकारियों को आदेश दिये हैं कि आगामी बरसात के पहले यथा 15 जून, 2011 तक वे नागर निकाय क्षेत्रों के नालों, नालियों एवं सीवर लाइन की सफाई का कार्य पूरा करा लें, जिससे जल भराव की स्थिति उत्पन्न न हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि नाले और नालियों की सफाई के दौरान निकलने वाली सिल्ट को समुचित स्थान पर डलवाने तथा जल भराव से संबंधित स्थानों को चिन्हित कर पानी की निकासी हेतु आवश्यकतानुसार पम्प आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाये।
प्रदेश के मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों, नगर आयुक्तों, स्थानीय निकाय निदेशक, जल निगम के प्रबंध निदेशक तथा जल संस्थान के महाप्रबंधकों को भेजे गये परिपत्र में मुख्य सचिव ने निर्देश दिये हैं कि आगामी मई-जून माह में पेयजल की आपूर्ति के लिए विशेष अभियान चलाकर समस्त ट्यूबवेल चालू हालत में रखे जाये तथा बन्द पड़े ट्यूबवेल को ठीक कराकर, उन्हें भी क्रियाशील किया जाये। उन्होंने पेयजल संयत्रों, ट्यूबवेल तथा वाटर वक्र्स को निर्बाध रूप से विद्युत सप्लाई किये जाने, क्षतिग्रस्त पाइपलाइन तथा लिंकेज की मरम्मत तथा समुचित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हैण्डपम्प व ट्यूबवेल के स्पेयर पाट्र्स जल संस्थान व नागर निकायों में रखे जाने के निर्देश भी दिये है। इसके अतिरिक्त शहरों व बाजारों में नागर निकायों के माध्यम से प्याऊ की व्यवस्था किये जाने की अपेक्षा की गयी है तथा इस कार्य में स्वयं सेवी संस्थाओं का सहयोग प्राप्त करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि रि-बोर तथा मरम्मत योग्य हैण्डपम्पों को चिन्हित कर उन्हें क्रियाशील करने, बुन्देलखण्ड व विन्ध्य क्षेत्र में पेयजल की व्यवस्था हैण्डपम्प तथा टैंकर के माध्यम से किये जाने तथा जिला स्तर पर विभिन्न विभागों के पास उपलब्ध पानी के टैंकों का पूल बनाकर पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाये।
मुख्य सचिव ने शहरी क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक अधिकारी को नामित करने के निर्देश दिये हैं, जो प्रातः 7 बजे से 10 बजे के बीच सफाई कार्यों का निरीक्षण करेगा। पर्याप्त मात्रा में सफाई कर्मी उपलब्ध न होने की दशा में सफाई का कार्य निजी संस्थाओं से आउट सोर्सिंग के आधार पर कराये जाने के भी निर्देश दिये हैं, जिसका भुगतान संस्था को पूर्ण गुणवत्ता के साथ सफाई करने के बाद किया जायेगा। नगरीय क्षेत्रों में कूड़ा प्रबंधन की परियोजनाओं को पूरी क्षमता से संचालित किये जाने के साथ-साथ अधूरी पड़ी कूड़ा प्रबंधन परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराये जाने के निर्देश दिये गये है। यह भी निर्देश दिये है कि कूड़े का निस्तारण निश्चित स्थान पर कराया जाय तथा जिन शहरों में साॅलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है वहां भूमि का चयन तत्काल कराया जाय। मण्डलायुक्तों तथा जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिये गये कि वे सफाई व्यवस्था का साप्ताहिक निरीक्षण उपजिलाधिकारियों से करायें। जलजनित रोगों को नियंत्रित करने हेतु पीने के पानी का नियमित क्लोरिनेशन तथा ओवर हेड टैंक की नियमित सफाई कराये जाने तथा संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवाइओं तथा एन्टीलार्वा के छिड़काव के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से फाॅगिंग की व्यवस्था किये जाने की अपेक्षा भी की गयी है।
मुख्य सचिव ने मण्डल मुख्यालय वाले जनपदों में मण्डलायुक्तों तथा अन्य जिलों में जिलाधिकारियों को नागर निकायों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित कर एक समयबद्ध कार्ययोजना तैयार कराकर लागू करने के निर्देश दिये है जिससे शहर की सफाई व्यवस्था, पेयजल, जल निकासी आदि में सुधार दिखाई पड़े। यह भी निर्देश दिये गये है कि मण्डलायुक्त तथा जिलाधिकारी नागर निकाय क्षेत्रों मंे कराये जा रहे कार्यों का स्वयं, तथा अधीनस्थ अधिकारियों, जिनमें नागर निकायों के अधिकारी भी शामिल है, से कार्यों का निरीक्षण कराएंगे तथा कर्तव्यों तथा दायित्वों के प्रति उदासीन पाये गये कार्मिकों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।

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सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय पारित आदेशों के अनुपालन में राज्य सरकार द्वारा शासनादेश जारी

Posted on 28 April 2011 by admin

लखनऊ - प्रदेश में अपनी मांगों की ओर ध्यान आकर्षित कराने के लिए विभिन्न संगठनों, वर्गों, राजनीतिक दलों अथवा नागरिकों द्वारा प्रायः धरना, प्रदर्शन, जुलूस, रैलियों आदि का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार के कार्यक्रमों का शान्तिपूर्ण आयोजन किये जाने का लोकतान्त्रिक अधिकार है, परन्तु कई बार इस तरह के आयोजन हिंसक रूप धारण कर लेते हैं, जिसके कारण आराजकता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और जनसामान्य को असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसको दृष्टिगत रखते हुए मा0 सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय पारित आदेशों के अनुपालन में राज्य सरकार द्वारा आज शासनादेश जारी करते हुए इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।
 

प्रमुख सचिव गृह श्री कुंवर फतेह बहादुर ने यह जानकारी आज लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित मीडिया सेन्टर में प्रेस प्रतिनिधियों को दी। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों से इन आयोजनों के दौरान आम जनता को होने वाली कठिनाईयों एवं आन्दोलनों के दौरान सार्वजनिक एवं निजी सम्पत्तियों की क्षति तथा हिंसा की घटनाओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए इस पर प्रभावी अंकुश लगाने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा है कि जो अधिकारी इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने में असफल होंगे उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी।
 

प्रमुख सचिव ने कहा कि खासतौर से सड़क व रेल मार्ग को बाधित करने से न केवल सार्वजनिक यातायात अवरुद्ध हो जाता है, बल्कि जनसामान्य का आवागमन एवं आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि इन आन्दोलनों के दौरान प्रायः सार्वजनिक एवं निजी सम्पत्तियों को भी हानि पहुॅचायी जाती है तथा इस प्रकार की गतिविधियों को नियंत्रित करने हेतु कई बार जिला प्रशासन को आवश्यक बल-प्रयोग करना पड़ता है, जिसके कारण सामान्य-जनजीवन अस्त-व्यस्त होता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में यह जरूरी हो जाता है कि इस तरह की गतिविधियों/प्रवृत्तियों पर प्रभावी अंकुश लगाया जाये और ऐसी व्यवस्था की जाये, जिससे शान्ति-व्यवस्था बनी रहे एवं सामान्य जन-जीवन प्रभावित न हो तथा सार्वजनिक एवं निजी सम्पत्तियों की क्षति को भी रोका जा सके।
 

श्री कुंवर फतेह बहादुर ने कहा कि लोकतंत्र में अपने विचारों, मांगों, अपेक्षाओं की अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता संवैधानिक रूप से एक मूलभूत अधिकार है किन्तु इसका मतलब यह नहीं कि सार्वजनिक सेवाओं एवं सुविधाओं को बाधित करके सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया जाय। उन्होंने कहा कि इन्हीं घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए मा0 सर्वोच्च न्यायालय ने सार्वजनिक एवं निजी सम्पत्तियों को क्षति बनाम आन्ध्र प्रदेश सरकार व अन्य रिट याचिका के अन्तर्गत दिनांक 16 अपै्रल, 2009 को पारित अपने निर्णय में व्यापक दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
 

प्रमुख सचिव गृह ने कहा कि मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय में व्यक्त की गई अवधारणाओं के क्रम में राज्य सरकार द्वारा समस्त जिला मजिस्ट्रेट, मण्डलायुक्त, समस्त जिला प्रभारी पुलिस उपमहानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक /पुलिस अधीक्षक, आई0जी0 व डी0आई0जी0 जोन को कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। जिसके तहत धरना-प्रदर्शन, हड़ताल अथवा जुलूस का आयोजन करने वाले पुलिस एवं प्रशासन से विचार-विमर्श करने के उपरान्त ऐसे आयोजन का स्थल, मार्ग, समय, पार्किंग एवं अन्य शर्तें निर्धारित करायेंगे।
 

श्री कुंवर फतेह बहादुर ने कहा कि जिला प्रशासन यह भी सुनिश्चित करेगा कि आयोजन हेतु स्थल, समय, आने एवं जाने का मार्ग, आयोजन में शामिल होने वाले लोगों की संख्या, पार्किंग आदि के सम्बन्ध में आयोजकों एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल बना रहे। उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग अथवा रेल मार्ग से आने वाली जनता के आवागमन के सम्बन्ध में संबंधित विभाग से समय से सम्पर्क कर सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाय। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही आयोजकों द्वारा इस आशय की अन्डरटेकिंग देनी होगी कि उनके द्वारा आयोजित धरना-प्रदर्शन अथवा हड़ताल शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न होंगे। इस आयोजन के लिए आवेदन एवं अन्डरटेकिंग का प्रारूप निर्धारित किया गया है।
 

प्रमुख सचिव ने कहा कि इन आयोजनों में सभी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र प्रतिबन्धित रहेंगे और ऐसे आयोजनों की जिला प्रशासन द्वारा वीडियोग्राफी कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट आवश्यकतानुसार जनपद में ऐसे धरना-प्रदर्शन स्थलों का निर्धारण कर व्यापक प्रचार-प्रसार करायेंगे, ताकि जनसामान्य को उसकी जानकारी हो सके। उन्होंने कहा कि तहसील स्तरीय धरना-प्रदर्शनों हेतु अनुमति उप जिला मजिस्ट्रेट/अपर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी की जायेगी। जिला मुख्यालय स्तरीय धरना-प्रदर्शनों हेतु अनुमति जिला मजिस्ट्रेट/अपर जिला मजिस्ट्रेट/सिटी मजिस्ट्रेट/उप जिला मजिस्ट्रेट (सदर) द्वारा जारी की जायेगी। उन्होंने कहा कि इन आयोजनों के संबंध में संबंधित थाना, स्थानीय अभिसूचना इकाई तथा यथा-आवश्यकता अन्य विभागों से रिपोर्ट प्राप्त कर निर्धारित प्रारूप पर अनुमति प्रदान की जायगी।
 

श्री कुंवर फतेह बहादुर ने कहा कि मा0 सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के आलोक में मा0 उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा रिट याचिका मोहम्मद सुजाऊद्दीन बनाम उत्तर प्रदेश सरकार में आदेश पारित किये गये हैं, जिसके अनुपालन में 08 जनवरी, 2011 को शासनादेश जारी किया गया है, जिसमें सार्वजनिक एवं व्यक्तिगत सम्पत्तियों की क्षति के मूल्यांकन एवं क्षतिपूर्ति की व्यवस्था की गयी है।
 प्रमुख सचिव ने कहा कि राज्य की सुरक्षा, लोक व्यवस्था तथा शिष्टाचार एवं सदाचार के हितों को ध्यान में रखते हुए तथा समाज में साम्प्रदायिक एवं जातिगत सौहार्द बनाये रखने के उद्देश्य से धरना-प्रदर्शन के आयोजकों को जिला प्रशासन के सक्षम स्तर से पूर्व अनुमति प्राप्त करनी होगी। उन्होंने कहा कि समाज में साम्प्रदायिक/जातिगत सद्भाव व सौहार्द बना रहे, इसके लिए यह आवश्यक है कि किसी भी समुदाय के संतों, गुरूओं, महापुरुषों व महात्माओं की मूर्ति अथवा संस्था, संग्रहालय, संस्थान या धार्मिक स्थल की अवमानना अथवा क्षति पहुंचाने का प्रयास किसी दशा में न किया जाय।
 श्री कुंवर फतेह बहादुर ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि किसी व्यक्ति द्वारा इन निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है तो उसके विरूद्ध कानून के मुताबिक उचित कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी सार्वजनिक अथवा निजी सम्पत्ति को कोई क्षति नहीं पहुंचायी जायेगी। यदि कोई सार्वजनिक अथवा निजी सम्पत्ति क्षतिग्रस्त की जाती है तो आयोजक से क्षतिपूर्ति की वसूली तथा उनके विरूद्ध विधिक कार्यवाही भी की जायेगी। उन्होंने कहा कि राजनैतिक आयोजनों की जिम्मेदारी सम्बन्धित राजनैतिक पार्टी के जिलाध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष की होगी।
 प्रमुख सचिव ने कहा कि सामाजिक, धार्मिक तथा अन्य आयोजनों की जिम्मेदारी संस्था के मुख्य पदाधिकारी की होगी। आयोजनों के दौरान सार्वजनिक सम्पत्तियों की हुई क्षति की वसूली इन उत्तरदायी व्यक्तियों से की जायेगी तथा इसका भुगतान न करने की दशा में क्षतिपूर्ति की धनराशि भू-राजस्व की भांति वसूल की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि साथ ही इन व्यवस्थाओं का पालन सुनिश्चित कराने में असफल रहने पर संबंधित अधिकारियों जैसे- थाना प्रभारी, सी0ओ0, ए0एस0पी0, एस0पी0, एस0एस0पी0/डी0आई0जी0, आई0जी0 तथा एस0डी0एम0, ए0डी0एम0, डी0एम0, कमिश्नर के विरुद्ध प्रकरण की गम्भीरता के आधार पर सुसंगत नियमों के अन्तर्गत परिनिन्दा प्रविष्टि, संचयी प्रभाव के साथ वेतन-वृद्धि रोकना, पदोन्न्ति रोकना पदावनति, निलम्बन/बर्खास्तगी की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि इन निर्देशों के सम्बन्ध में राज्य सरकार की ओर से धरना, प्रदर्शन, जुलूस, रैलियों आदि के आयोजन हेतु निर्धारत आवेदन एवं अनुमति पत्र का प्रारूप संलग्न करते हुए शासनादेश जारी कर दिया गया है।
 श्री कुंवर फतेह बहादुर ने प्रदेश के विभिन्न संगठनों, वर्गों, सभी राजनैतिक दलों तथा नागरिकों से यह अपील की है कि वे प्रदेश में शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रायः आयोजित किये जाने वाले धरना-प्रदर्शनों, जुलूसों, आन्दोलनों तथा सार्वजनिक कार्यक्रमों आदि के सम्बन्ध में मा0 सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के क्रम में राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि धरना-प्रदर्शन आदि के नाम पर ऐसा कोई कार्य न करें, जिससे आम जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़े।

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