लखनऊ - उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री अनूप मिश्र ने विभागीय अधिकारियों को आदेश दिये हैं कि आगामी बरसात के पहले यथा 15 जून, 2011 तक वे नागर निकाय क्षेत्रों के नालों, नालियों एवं सीवर लाइन की सफाई का कार्य पूरा करा लें, जिससे जल भराव की स्थिति उत्पन्न न हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि नाले और नालियों की सफाई के दौरान निकलने वाली सिल्ट को समुचित स्थान पर डलवाने तथा जल भराव से संबंधित स्थानों को चिन्हित कर पानी की निकासी हेतु आवश्यकतानुसार पम्प आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाये।
प्रदेश के मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों, नगर आयुक्तों, स्थानीय निकाय निदेशक, जल निगम के प्रबंध निदेशक तथा जल संस्थान के महाप्रबंधकों को भेजे गये परिपत्र में मुख्य सचिव ने निर्देश दिये हैं कि आगामी मई-जून माह में पेयजल की आपूर्ति के लिए विशेष अभियान चलाकर समस्त ट्यूबवेल चालू हालत में रखे जाये तथा बन्द पड़े ट्यूबवेल को ठीक कराकर, उन्हें भी क्रियाशील किया जाये। उन्होंने पेयजल संयत्रों, ट्यूबवेल तथा वाटर वक्र्स को निर्बाध रूप से विद्युत सप्लाई किये जाने, क्षतिग्रस्त पाइपलाइन तथा लिंकेज की मरम्मत तथा समुचित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हैण्डपम्प व ट्यूबवेल के स्पेयर पाट्र्स जल संस्थान व नागर निकायों में रखे जाने के निर्देश भी दिये है। इसके अतिरिक्त शहरों व बाजारों में नागर निकायों के माध्यम से प्याऊ की व्यवस्था किये जाने की अपेक्षा की गयी है तथा इस कार्य में स्वयं सेवी संस्थाओं का सहयोग प्राप्त करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि रि-बोर तथा मरम्मत योग्य हैण्डपम्पों को चिन्हित कर उन्हें क्रियाशील करने, बुन्देलखण्ड व विन्ध्य क्षेत्र में पेयजल की व्यवस्था हैण्डपम्प तथा टैंकर के माध्यम से किये जाने तथा जिला स्तर पर विभिन्न विभागों के पास उपलब्ध पानी के टैंकों का पूल बनाकर पानी की कमी वाले क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाये।
मुख्य सचिव ने शहरी क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक अधिकारी को नामित करने के निर्देश दिये हैं, जो प्रातः 7 बजे से 10 बजे के बीच सफाई कार्यों का निरीक्षण करेगा। पर्याप्त मात्रा में सफाई कर्मी उपलब्ध न होने की दशा में सफाई का कार्य निजी संस्थाओं से आउट सोर्सिंग के आधार पर कराये जाने के भी निर्देश दिये हैं, जिसका भुगतान संस्था को पूर्ण गुणवत्ता के साथ सफाई करने के बाद किया जायेगा। नगरीय क्षेत्रों में कूड़ा प्रबंधन की परियोजनाओं को पूरी क्षमता से संचालित किये जाने के साथ-साथ अधूरी पड़ी कूड़ा प्रबंधन परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराये जाने के निर्देश दिये गये है। यह भी निर्देश दिये है कि कूड़े का निस्तारण निश्चित स्थान पर कराया जाय तथा जिन शहरों में साॅलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है वहां भूमि का चयन तत्काल कराया जाय। मण्डलायुक्तों तथा जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिये गये कि वे सफाई व्यवस्था का साप्ताहिक निरीक्षण उपजिलाधिकारियों से करायें। जलजनित रोगों को नियंत्रित करने हेतु पीने के पानी का नियमित क्लोरिनेशन तथा ओवर हेड टैंक की नियमित सफाई कराये जाने तथा संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवाइओं तथा एन्टीलार्वा के छिड़काव के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से फाॅगिंग की व्यवस्था किये जाने की अपेक्षा भी की गयी है।
मुख्य सचिव ने मण्डल मुख्यालय वाले जनपदों में मण्डलायुक्तों तथा अन्य जिलों में जिलाधिकारियों को नागर निकायों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित कर एक समयबद्ध कार्ययोजना तैयार कराकर लागू करने के निर्देश दिये है जिससे शहर की सफाई व्यवस्था, पेयजल, जल निकासी आदि में सुधार दिखाई पड़े। यह भी निर्देश दिये गये है कि मण्डलायुक्त तथा जिलाधिकारी नागर निकाय क्षेत्रों मंे कराये जा रहे कार्यों का स्वयं, तथा अधीनस्थ अधिकारियों, जिनमें नागर निकायों के अधिकारी भी शामिल है, से कार्यों का निरीक्षण कराएंगे तथा कर्तव्यों तथा दायित्वों के प्रति उदासीन पाये गये कार्मिकों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।