Archive | March, 2011

बुनकरों की लम्बे समय से चली आ रही कर्जमाफी की मांग स्वीकार की गई है

Posted on 01 March 2011 by admin

बुनकरों की कर्जमाफी और रेशमी धागों पर शुल्क 30प्रतिशत से 5प्रतिशत किया जाना, वास्तव में श्री राहुल गांधी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश कंाग्रेस कमेटी द्वारा किए गए जबर्दस्त प्रयास द्वारा ही सम्भव हुआ है जिसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, प्रधानमन्त्री, वित्त मन्त्री एवं विशेष तौर पर श्री राहुल गांधी बधाई के पात्र हैं।

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी ने बजट 2011-12 पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जहां एक ओर बुनकरों की लम्बे समय से चली आ रही कर्जमाफी की मांग स्वीकार की गई है वहीं दूसरी ओर कृषि क्षेत्र के लिए 3.75लाख करोड़ से बढ़ाकर 4.75लाख करोड़ का प्रावधान करने, किसानों को 4प्रतिशत पर ऋण मुहैया करवाने, सामाजिक सरोकारों की योजनाओं, भारत निर्माण कार्यक्रमों, मनरेगा इत्यादि में प्रावधान बढ़ाने, आयकर छूट की सीमा रू. 1.60लाख से बढ़ाकर 1.80लाख करने, गृह ऋण में रू. 15लाख तक के ऋण में 1प्रतिशत की छूट दिया जाना, उच्च शिक्षा के लिए 52हजार करोड़ रूपये, सर्वशिक्षा अभियान के लिए 21हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया जाना, किसानों, बुनकरों, गरीबों, बेरोजगारों एवं मध्यम वर्ग के प्रति केन्द्र सरकार के सरोकारों को प्रतिबििम्बत करता है।

डॉ0 जोशी ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन की राशि में बढ़ोत्तरी, 80वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए आयकर सीमा में छूट रू. 5लाख करने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय दुगना किया जाना भी एक स्वागत योग्य कदम है। डॉ0 जोशी ने कहा कि इस बजट से विकास होगा, औद्योगिक एवं कृषि उत्पादन बढ़ेगा जिससे कीमतों पर भी नियन्त्रण होगा। इस बजट में पर्यावरण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है और पर्यावरण उन्मुख परियोजनाओं और उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिए जाने के कारण इस बजट को ग्रीन बजट भी कहा जा सकता है। डॉ0 जोशी ने कहा कि इस बजट से दलितों, अल्पसंख्यकों, गरीबों और आम आदमी का जीवन स्तर सुधरेगा और किसानों, मजदूरों सहित हर वर्ग को राहत मिलेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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आम आदमी का जीना और मुश्किल होगा

Posted on 01 March 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने केन्द्र सरकार के आम बजट को आम आदमी विरोधी हताशाजनक और निराशाजनक बताते हुए कहा कि इससे मंहगाई बढ़ेगी। आम आदमी की क्रय शक्ति घटेगी। आम आदमी का जीना और मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का आम जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं है। न ही कांग्रेस सरकार को आम आदमी की चिन्ता है। बजट में आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है। गरीबी की रेखा को पुन: परिभाषित भी नहीं किया गया।

श्री शाही ने कहा कि संप्रग सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के कारण ही बजट में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की दो शाखाएं खोलने के लिए भारी भरकम धनराशि का प्राविधान किया है लेकिन विश्वविख्यात काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की शाखाएं खोलने के बारे में बजट में कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि आयकर की छूट ऊंट के मुंह में जीरा है। इस छूट से मध्यम वर्ग निराश हुआ है। 60 वर्ष की आयु से नीचे वालों के लिए आयकर में  छूट की धनराशि कम से कम दो लाख रू0 तक होनी चाहिए थी । बजट में प्रस्तावित छूट से वर्ष में लगभग ढाई हजार रू0 का ही फायदा होने वाला है। बजट में महिलाओं को आयकर में दी गई छूट निराशाजनक है। लेकिन सरकार ने इस बात का ध्यान नहीं रखा। मंहगाई वृद्धि का मुख्य कारण पेट्रो पदार्थो की मूल्य वृद्धि है। बजट में इसे घटाने का भी कोई उपाय नहीं किया गया।

प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि केन्द्र के इस बजट में आवश्यक वस्तुओं की मंहगाई रोकने का भी कोई उपाय नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि बजट पूरी तौर पर दिशाहीन है। स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए कोई खास प्राविधान नहीं हैं। विकास के सारे वादे गलत है। करोड़ों बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए कोई कारगर उपाय नहीं किया गया। उन्होनें कहा कि वित्त मन्त्री बेरोजगारों को भूल गये हैं। महिलाओं की रसोई पर पड़ रही मंहगाई की मार को भी रोकने के उपाय नहीं किये गये। रसोई गैस के दाम भी और बढ़ेगें। आत्महत्या करते किसानों की उपेक्षा हुई है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में आवंटित धनराशि मुद्रािस्र्फीति की वर्तमान दर को देखते हुए पिछले वर्ष से कम है। ग्यारह करोड़ के अधिक बच्चों के मिड-डे मील के लिए ग्यारह हजार करोड़ का आवंटन किया गया है। यह धनराशि प्रति शिशु एक हजार रूपये ही होती है जो बहुत कम है। वित्त मन्त्री प्रणव मुखर्जी के आम बजट को मात्र औपचारिकाता निभाने वाला गरीब विरोधी, आम आदमी विरोधी बजट बताया। उन्होनें कहा कि संप्रग के शासन से आम जनता त्रस्त है। इस बजट से मंहगाई और बढ़ेगी। आम जनता का जीवन और दूभर होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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03 मार्च को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध स्वरूप एक दिवसीय धरना व प्रर्दशन

Posted on 01 March 2011 by admin

राष्ट्रीय लोकदल द्वारा उत्तर प्रदेश नगरीय स्वायतत्त शासन विधेयक, भूमि अधिग्रहण, गन्ना व आलू किसानों की समस्याओं को लेकर आगामी 03 मार्च को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध स्वरूप एक दिवसीय धरना व प्रर्दशन करेगा। यह निर्णय रालोद के प्रदेश अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह ने रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह के निर्देशानुसार किया है।

रालोद महासचिव व प्रवक्ता अनिल दुबे एडवोकेट ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा नगर निगम के महापौर, नगरपालिका परिषद एवं नगर पंचायतों के अध्यक्षों के चुनाव परोक्ष रूप से कराने, धनकौर, ग्रेटर नोएडा में किसानों पर बर्बरतापूर्वक की गई पुलिस फायरिंग में घायल किसानों को मुआबजा दिलाने, जबरन भूमि अधिग्रहण बन्द करने, बरसात के कारण आलू किसानों की फसल को हुए नुकसान का सर्वेक्षण कराकर मुआबजा देने, शीतगृहों में भण्डारण की दर सरकार द्वारा निर्धारित करने, तथा चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों के शोषण को रोकने, और पेराई सत्र समय से न शुरू हो पाने के कारण किसानों को गेहूं की फसल न बो पाने के कारण हुए नुकसान का मुआबजा दिलाने आदि विषयों को लेकर रालोद के कार्यकर्ता अपने-अपने जनपदों में 03 मार्च का धरना व प्रर्दशन के माध्यम से प्रदेश के महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर उपरोक्त समस्याओं के निदान की मांग करेगें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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एफ0डी0ए0 आपके द्वार

Posted on 01 March 2011 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री मायावती के निर्देश पर मिलावटखोरों के विरूद्ध एफ.डी.ए. टीम द्वारा चलाये जा रहे अभियान “एफ0डी0ए0 आपके द्वार´´के तहत अब तक कुल 4201 घरों में दूध एवं खाद्य पदार्थो के नमूनों का परीक्षण किया गया जिसमें 17 नमूनों में मिलावट पायी गई।

यह जानकारी खाद्य एवं औशधि प्रशासन विभाग के प्रवक्ता ने देते हुए बताया कि “एफ0डी0ए0 आपके द्वार´´ अभियान के तहत आज कुल 15 जनपदों- बुलन्दशहर में 06 घरों के, हमीरपुर में 08, बान्दा में 06, बागपत में 12, चित्रकूट में 08, फैजाबाद़ में 08, गोरखपुर में 18, अम्बेडकर नगर में 11, सन्त रविदास नगर में 11, देवरिया में 98, सहारनपुर में 44, कुशीनगर में 10, ललितपुर में 15, सोनभद्र में 03 एवं बाराबंकी में 05 घरों के दूध, दाल, चावल, आटा, सब्जी, खाद्य तेल एवं मसालों के नमूनों की जांच की गई। इस प्रकार आज कुल 263 घरों के दूध एवं ,खाद्य पदार्थोेंं की जांच की गई जिसमें कोई मिलावट नहीं पायी गई।

प्रवक्ता ने बताया कि खाद्य पदार्थों एवं औशधियों में मिलावट करने वालों के विरूद्ध अपनी िशकायत/सुझाव टोल फ्री नम्बर 18001805533 पर दे सकते हैं। िशकायतों की जांच विभाग द्वारा तत्काल की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अमेरिका में आयोजित जियोग्राफिक वल्र्ड चैिम्पयनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व सी0एम0एस0 का छात्र करेगा

Posted on 01 March 2011 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, स्टेशन रोड कैम्पस का छात्र निमेष सक्सेना जियोग्राफिक वल्र्ड चैिम्पयनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने सेन्ट फ्रािन्ससको, अमेरिका जायेगा। निमेष को यह सुअवसर नेशनल जियोग्राफिक ओलिम्पयाड, भारत में सफलता प्राप्त करने के बाद हासिल हुआ है। निमेष के साथ नेशनल जियोग्राफिक ओलिम्पयाड, भारत की कोआर्डिनेटर सी0एम0एस0 महानगर तृतीय कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती प्रेमा सुब्रमणियम तथा सी0एम0एस0 स्टेशन रोड कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती अरूणा गुप्ता भी जायेंगी। यह जानकारी सी0एम0एस0 के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि अमेरिका में आयोजित होने वाले इस वल्र्ड चैिम्पयनशिप में विश्व के अनेक देशों की राष्ट्रीय स्तर पर चुनी हुई छात्र टीमें प्रतिभाग कर रही हैं। यह अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता विश्व भर के छात्रों में भूगोल तथा पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से प्रति दो वर्ष में आयोजित की जाती है।  श्री शर्मा ने बताया कि श्रीमती सुब्रमणियम के नेतृत्व में भारतीय छात्र दल ने पहले भी तीन बार वर्ष 2003 में फ्लोरिडा, अमेरिका में, वर्ष 2005 में हंगरी, बुडापेस्ट में तथा अमेरिका के कैलिफोनिZया राज्य के सीवल्र्ड सेण्ट डियागो में वर्ष 2007 में आयोजित हुए नेशनल जियोग्राफिक वल्र्ड चैिम्पयनशिप में प्रतिभाग करने का श्रेय प्राप्त किया है। श्रीमती सुब्रमणियम सी0एम0एस0 द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय भूगोल ओलिम्पयाड (जियोफेस्ट) तथा नेशनल जियोग्राफिक ओलिम्पयाड की संयोजिका भी हैं। इस अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पयाड के माध्यम से श्रीमती सुब्रमणियम ने भूगोल विषय में अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन कर विश्व भर के छात्रों को पृथ्वी का आकार, आकृति, धरातल, जलवायु, ऋतुओं, भूकम्प, ज्वालामुखी, गर्म होते विश्व पर्यावरण, ओेजोन परत तथा बढ़ते हुए मरूस्थल आदि के बारे में जानने का अच्छा अवसर दिया है। साथ ही मानव जाति के अस्तित्व की सुरक्षा हेतु ईश्वर प्रदत्त धरती के प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण ढंग से उपयोग तथा पर्यावरण को साफ-सुथरा तथा हरा-भरा बनाये रखने तथा सन्देश भी विश्व को दिया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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किसान और गरीब विरोधी बजट है

Posted on 01 March 2011 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी वक्तव्य में कहा वित्तमन्त्री श्री प्रणव मुकर्जी ने संसद में पेश वशZ 2011-12 के बजट से करोड़ो देशवासियों को निराश किया है। उनसे एक साहसिक बजट की अपेक्षा थी जिससे मंहगाई, भ्रश्टाचार पर नियन्त्रण होता और आम आदमी को भी विकास का लाभ मिलता। किन्तु यह बजट देश के  25 प्रतिशत लोगों के लिए है जबकि 75 प्रतिशत लोग इसके लाभो से वंचित रहेगें। इस बजट से अमीर-गरीब का अन्तर और बढ़ेगा। आम आदमी की घर-गृहस्थी उनके बजट की मार से और ज्यादा टूट जाएगी। किसान ज्यादा कर्ज में डूबकर आत्महत्या को मजबूर होगा। यह किसान और गरीब विरोधी बजट है।

वित्तमन्त्री ने सन् 2012 तक मंहगाई रोकने की बात करके जता दिया है कि सालभर जमाखोरों को पूरी छूट रहेगी। अगले लोकसभा चुनाव सन् 2014-15 तक बजट घाटा पूरा करने की बात कर उन्होने वर्तमान लोकसभा तक अपनी सभी जिम्मेदारियों से हाथ धो लिया है। कांग्रेस का यह अर्थशास्त्र अजीब है कि उसके बजट प्रस्तावों से अमीर और गरीब दोनों की संख्या में इजाफा होता गया है। फिजूलखर्ची और विलासिता के खर्चो के चलते अमीरी-गरीबी का अतंर बढ़ता है क्योंकि सरकार आय और व्यय पर कोई सीमा नहीं बांधती है। सरकार ने आज तक गम्भीरता से मूल्यनीति भी नहीं बनाई है।

इस बजट में भ्रश्टाचार के खिलाफ लड़ने की न तो दृिश्ट है और नहीं कोई योजना। यह कहना नाकाफी है कि सब मिलकर लड़ेगें।  जिनकी वजह से भ्रश्टाचार को खुली छूट मिली हुई है, उनपर लगाम कसने का कोई संकल्प वित्तमन्त्री के भाशण और इस यूपीए सरकार में नहीं दिखाई देता है। कालेधन पर नियन्त्रण के लिए उनकी कोई सुनििश्चत योजना सामने नहीं आई है।

वित्तमन्त्री का अच्छी फसल के लिए ईश्वर से कृपा की याचना करना यह जताता है कि खेती और किसान यूपीए सरकार की प्राथमिकता में नहीं, केवल मजबूरी में याद कर लिए जाते हैं। उन्होने मंहगाई का रोना-रोया किन्तु समाधान नहीं बताया। पूर्वी भारत के लिए वित्तमन्त्री ने इतना कम अनुदान रखा है कि उससे 05 राज्यों में कृशि क्रान्ति की बात सोचना मखौल होगा। किसानों को कर्ज की सुविधा भी ऊंट के मुह में जीरा है क्योंकि बैंको से ज्यादा उस पर साहूकारों का ब्याज चढ़ा रहता है। खाद पर सिब्सडी खत्म कर सरकार ने किसानों को और ज्यादा बदहाल करने का इरादा बना लिया है क्योंकि वर्तमान में तो लागत मूल्य भी उन्हें नहीं मिल पा रहा हैं। गेहूं, धान और गन्ना का समर्थन मूल्य नाकाफी रखा जाता है।

वित्तमन्त्री ने सबसे ज्यादा प्रहार निजी और मध्यम आय वर्ग के परिवारों पर किया है। किरोसिन और ईंधन गैस में सिब्सडी खत्म करने से घर का बजट बुरी तरह बिगड़ेगा। इसी तरह कम आय वर्ग के लोगोंं के लिए आवास भी एक दिवास्वप्न रहेगा। रेडीमेड कपड़ा मंहगा कर होली के त्यौहार पर लोगांेंं के साथ मजाक किया गया है। महिलाओं को टैक्स में कोई छूट नहीं दी गई है, उन्हें पुरूशो के बराबर टैक्स देना होगा। यह बजट महिला विरोधी भी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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