Archive | March, 2011

सर्वजन महामाया आवास

Posted on 30 March 2011 by admin

जनपद की सर्वजन महामाया आवास योजना के लिये 40लाख 50हजार रूपये दिये गये है। इस धन से 90आवास बनाये जायेंगे। जिला विकास अधिकारी, प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि आवास अम्बेडकर गांव में रहने वाले सामान्य जाति के बी0पी0एल0 और आवास हीनों को उपलब्ध कराये जायेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Central Institute of Hindi, Agra (Golden Jubilee Celebration)

Posted on 29 March 2011 by admin

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अनुसूचित जाति/जनजाति के कार्मिकों को पदोन्नति में आरक्षण तथा पारिणामिक ज्येष्ठता से सम्बन्धित मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा दिये गये आदेश दिनांक 04 जनवरी, 2011 के सम्बन्ध में प्रदेश सरकार द्वारा दायर की गई विशेष याचिका मा0 उच्चतम न्यायालय में लिम्बत

Posted on 29 March 2011 by admin

मा0 उच्चतम न्यायालय के यथास्थिति बनाये रखने के निर्देश
राज्य सरकार द्वारा प्रकरण में प्रभावी पैरवी की जा रही हैै
प्रकरण से जुड़े पक्ष मा0 सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की प्रतीक्षा करें
राज्य सरकार की दृष्टि में सभी अधिकारी व कर्मचारी एक समान
राज्य सरकार सभी वर्गो के कर्मचारियों के हितों के प्रति पूरी तरह से सजग एवं संवेदनशील

उत्तर प्रदेश के अनुसूचित जाति/जनजाति के कार्मिकों को पदोन्नति में आरक्षण तथा पारिणामिक ज्येष्ठता से सम्बन्धित मामला मा0 सर्वाेच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। इसलिए इस प्रकरण के सम्बन्ध में राज्य सरकार की तरफ से कोई भी टिप्पणी किए जाने की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन विगत दिनों में दो-तीन स्थानों पर इस प्रकरण को लेकर किए जा रहे धरना-प्रदर्शन के चलते स्थिति स्पष्ट किया जाना जरूरी है।

प्रमुख सचिव गृह, कार्मिक एवं गोपन श्री कुंवर फतेह बहादुर आज यहां लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित मीडिया सेन्टर में पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कार्मिकों को पदोन्नति में आरक्षण की सुविधा तथा पारिणामिक ज्येष्ठता का लाभ दिलाने हेतु आवश्यक व्यवस्था की है। इसके लिए उ0प्र0 लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गो के लिए आरक्षण) अधिनियम 1994 की व्यवस्थाओं के तहत पदोन्नतियों में अनुसूचित जातियों/जनजातियों के लिए आरक्षण अनुमन्य कराया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 85वें संशोधन के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक ज्येष्ठता नियमावली में दिनांक 14 सितम्बर, 2007 को तृतीय संशोधन करते हुए अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के कार्मिकों को पारिणामिक ज्येष्ठता प्रदान किये जाने का प्राविधान किया गया है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किये गये इन प्राविधानों को मा0 उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। इस सम्बन्ध में मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ पीठ द्वारा गत 04 जनवरी 2011 को दिए गए निर्णय के सम्बन्ध में प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल की गई एक विशेष याचिका मा0 उच्चतम न्यायालय के समक्ष वर्तमान में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि इस तरह यह प्रकरण वर्तमान में मा0 उच्चतम न्यायालय के समक्ष अभी भी लिम्बत है। मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा दिनांक 28.02.2011 को इस प्रकरण में निम्न अनन्तिम आदेश पारित किया गया है :-
“State Quo, as it exists today, shall be maintained by the parties until further orders.”
प्रमुख सचिव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मा0 उच्चतम न्यायालय में लिम्बत अनुसूचित जाति/जनजाति के आरक्षण से सम्बन्धित पारिणामिक ज्येष्ठता सम्बन्धी इस याचिका  की प्रभावी पैरवी की जा रही है।

प्रमुख सचिव कार्मिक ने कहा कि राज्य सरकार के सञ्ज्ञान में यह तथ्य आया है कि पिछले कुछ दिनों से अनुसूचित जाति/जनजाति के आरक्षण तथा पारिणामिक ज्येष्ठता के प्रकरण में भ्रान्तियां फैलाकर लोगों को बरगलाने का प्रयास किया जा रहा हैं तथा इस मुद्दे को लेकर प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति को खराब करने की चेष्टा की जा रही है तथा  धरना-प्रदर्शन, रैली, जुलूस व आन्दोलन के नाम पर आम जीवन को अस्त-व्यस्त करने तथा रेल यातायात को रोकने का भी प्रयास किया जा रहा है।

श्री कुंवर फतेह बहादुर ने कहा कि लोकतान्त्रिक व्यवस्था में शान्तिपूर्ण एवं अनुशासित ढंग से धरना-प्रदर्शन करने का सबको हक है, लेकिन धरना-प्रदर्शन तथा रैली, जुलूस व आन्दोलन के नाम पर प्रदेश की कानून-व्यवस्था खराब करने तथा निजी व सार्वजनिक सम्पत्ति को क्षति पहुंचाने सम्बन्धी घटनाओं को सञ्ज्ञान में लेकर ही मा0 उच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका संख्या-40831/09 मो0 सुजाउद्दीन बनाम उ0प्र0 सरकार व अन्य में आदेश दिनांक 02-12-2010 में निम्न निर्देश दिए हैं कि “As and when any incident of damage to public property takes place, if such agitation/procession etc. has been called at the invitation or instance of a political party or a sitting or former people’s representative, report shall be registered by concerned police station against such political party/person by name.”

मा0 सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा भी ऐसे प्रकरणों में अधिकतम दण्ड दिये जाने के निर्देश दिये गये हैं- “…………maximum punishment shall be imposed. For a lenient view, reasons shall be assigned.”

श्री कुंवर फतेह बहादुर ने सभी पक्षों से अपील करते हुए कहा है कि यह प्रकरण वर्तमान में मा0 सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अभी भी लिम्बत है, अत: सभी पक्ष मा0 सर्वाेच्च न्यायालय के अन्तिम निर्णय आने तक इस मामले में धैर्य बनाये रखें तथा ऐसा कुछ भी न करें, जिससे की प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो और आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की दृष्टि में सभी अधिकारी व कर्मचारी एक समान है और राज्य सरकार सभी वर्गो के कर्मचारियों के हितों के प्रति पूरी तरह से सजग एवं संवेदनशील है।

प्रमुख सचिव ने स्पष्ट किया कि संविधान के 85वें संशोधन 2001, जिसमें परिणामी ज्येष्ठता को माना गया है, के आधार पर प्रदेश सरकार ने दिनांक 18.10.2002 को अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कार्मिकों को पारिणामिक ज्येष्ठता का लाभ देने के प्रयोजन से ज्येष्ठता नियमावली-1991 प्रथम संशोधन द्वारा दिनांक 18-10-2002 को नियम ´8-क´ जोड़ा गया था। कालान्तर में दिनांक 13 मई, 2005 को सरकार द्वारा ज्येष्ठता (प्रथम संशोधन नियमावली-2002) में जोड़े गये नियम 8-क को निकाल दिया गया था।

संविधान में हुए 85वें संशोधन एवं 77वें, 21वें और 22वें संशोधनों की वैधता/संवैधानिकता के सम्बन्ध में योजित याचिका एवं नागराज व अन्य बनाम भारत संघ व अन्य में मा0 सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ द्वारा दिनांक 19 अक्टूबर 2006 को पारित निर्णय में इन संविधान संशोधनों को वैध घोषित किया गया। मा0 सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर सम्यक विचारोपरान्त राज्य सरकार द्वारा ज्येष्ठता नियमावली 1991 में पुन: संशोधन करते हुए वर्ष 2007 में नियम 8-क नियमावली 1991 में तृतीय संशोधन द्वारा बढ़ा दिया गया जिसे 17 जून 1995 से प्रभावी किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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नेपाल सीमा से लगे प्रदेश के सुदूरवत्र्ती गांवों में विकास कार्य समय से सुनिश्चित किये जाये - मुख्यसचिव

Posted on 29 March 2011 by admin

योजना के तहत प्रदेश के सात जनपदों के 21 विकास खण्ड़ों में विभिन्न विकास कार्य संचालित

मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता ने आज बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट कार्यक्रम की राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में नेपाल की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के निकटवत्र्ती सुदूर एवं दुर्गम क्षेत्रों के गांवों में मूलभूल आवश्यक सुविधाओं के विकास एवं विस्तार हेतु संचालित किये जा रहे विभिन्न विकास कार्याे की समीक्षा करते हुये, त्वरित क्रियान्वयन के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव श्री गुप्ता को एनेक्सी सभाकक्ष में आयोजित बैठक में प्रमुख सचिव नियोजन श्री मञ्जीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम चरण में नेपाल सीमा से लगे 619 किलोमीटर लम्बाई के दायरे में स्थित सात जनपदों बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थ नगर, श्रावस्ती, महाराजगञ्ज, लखीमपुर खीरी व पीलीभीत के 21 विकास खण्ड़ों में 0 से 10 किलोमीटर की दूरी में स्थित गांवों में जनसंख्या व क्षेत्रफल आदि के आधार पर वर्ष 2010-11 में 35.23 करोड़ की लागत से सड़क, के0सी0 ड्रेन, पेयजल, पशुपालन, दुग्ध विकास, चिकित्सा, ऊर्जा, पुष्टाहार, वन आदि से जुडें़ विभिन्न विकास कार्य कराये गये। वर्ष 2011-12 में लगभग 45.46 करोड़ रूपये का आवण्टन प्राप्त होने का अनुमान है, इसके अनुसार सम्बन्धित विभागों को अपनी योजनाओं के अनुरूप आंकलन प्रस्तुत करने को कहा गया है।

मुख्य सचिव ने इस क्षेत्र में निर्माणधीन सड़कों के अनुरक्षण की व्यवस्था, संशोधित गाइड लाइन्स के तहत विकास कार्याे का क्रियान्वयन तथा विकास कार्याे का थर्ड पार्टी निरीक्षण कराने के भी निर्देश दिए।

बैठक में प्रमुख सचिव नियोजन श्री मञ्जीत सिंह, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री सञ्जय अग्रवाल, प्रमुख सचिव वित्त-प्प् श्री बी0एस0 भुल्लर, सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री मनोज कुमार सिंह, विशेष सचिव वन श्री सञ्जय सिंह व अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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गेहूं खरीद कार्य को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाये - मुख्य सचिव

Posted on 29 March 2011 by admin

प्रत्येक क्रय केन्द्र पर कम से कम सात दिन की खरीद हेतु अिग्रम धनराशि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये

मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता ने आज रबी क्रय वर्ष 2011-12 में गेहूं खरीद योजना की विस्तृत समीक्षा करते हुए सीधे किसानों से गेहूं खरीद हेतु पूरे प्रदेश में खोले गये 4443 क्रय केन्द्रों में समय से समस्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में क्षेत्रवार गेहूं की आवक को देखते हुए क्रय केन्द्र संचालित किये जाये तथा प्रत्येक केन्द्र में किसानों को एकाउण्ट पेयी चेक के माध्यम से भुगतान हेतु कम से कम सात दिन की खरीद हेतु पर्याप्त धनराशि उपलब्ध रहे।

एनेक्सी सभाकक्ष में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव श्री गुप्ता को अवगत कराते हुए खाद्य आयुक्त श्री राजन शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2010-11 में कृषि विभाग के रैपिड सर्वे के आधार पर प्रदेश में 96.90 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 288 लाख मी0टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है, जिसके आधार पर लगभग 55 लाख मी0टन गेहूं मार्केट सरप्लस होगा। मुख्य सचिव ने प्रत्येक क्रय एजेन्सी को अपने निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत खरीद करने तथा भण्डारण व आवागमन से जुड़ी एजेिन्सयों को गेहूं के सुरक्षित भण्डारण के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने खाद्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को नियमित रूप से गेहूं खरीद व भण्डारण से जुड़ी समस्त एजेिन्सयों के अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्याओं के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने निर्देश देते हुए कहा कि गेहूं खरीद कार्य शासन की प्राथमिकता का कार्य है, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता पाये जाने पर सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाये।

बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद श्री नेत राम, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री कपिल देव, खाद्य आयुक्त श्री राजन शुक्ला, निदेशक मण्डी श्री राजेश सिंह, संयुक्त खाद्य आयुक्त श्री अनिल दमेले व अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद थे।

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बीजेपी का चक्का जाम

Posted on 29 March 2011 by admin

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श्री अनूप मिश्रा प्रदेश के मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त

Posted on 29 March 2011 by admin

राज्य सरकार ने आज वर्तमान प्रमुख सचिव वित्त एवं औद्योगिक एवं अवस्थापना आयुक्त श्री अनूप मिश्रा को प्रदेश का 45वां मुख्य सचिव नियुक्त किया है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि श्री मिश्र 1978 बैच के वरिष्ठ आई0ए0एस0 अधिकारी है। श्री मिश्र एम0एस0सी0 फिजिक्स के साथ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट यू0पी0 से प्रबन्धन में डिप्लोमा, हावड्Z इंस्टीट्यूट ऑफ इन्टरनेशनल डेवलपमेन्ट से प्रोजेक्ट अपरेशल एण्ड रिस्क मैनेजमेन्ट कोर्स में प्रशिक्षण प्राप्त है।

श्री मिश्र वर्ष 2009 से प्रदेश के प्रमुख सचिव वित्त के साथ औद्योगिक एवं अवस्थापना आयुक्त रहे हैं जिसके तहत वह प्रदेश में पी0पी0पी0 मॉडल में विकसित किये जा रहे एक्सप्रेस-वे, विद्युत उत्पादन, ट्रांसमिशन, वितरण, शहरी अवस्थापना विकास, कुशीनगर तथा जेवर (ग्रेटर नोएडा) में एयरपोर्ट स्थापना, सोशल सेक्टर में पी0पी0पी0 मॉडल के तहत जिला अस्पताल, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल तथा मेडिकल कालेज, शिक्षा के क्षेत्र में पॉलीटेिक्नक एवं आई0टी0आई0 खोलने, औद्योगिक पॉलिसी के निर्धारण तथा राज्य के वित्तीय संस्थानों पिकप तथा यू0पी0एफ0सी0 के इंचार्ज रहे है।

श्री मिश्र ने वर्ष 2008-09 में राज्य के प्रमुख सचिव वित्त के रुप में राज्य के वित्तीय प्रबन्धन हेतु अनेक कार्य किये हैं। वह वर्ष 2005 से 2008 तक मिनिस्टर (इकोनॉमी) के रुप में भारतीय दूतावास वाशिंगटन डी0सी0 में तैनात रहे है जहां उन्होंने इण्डो-यू0एस0 सी0ई0ओ0 फोरम, कृषि एवं वित्तीय तथा आर्थिक फोरम के विकास के साथ `भारत में व्यापार करने´ के विषय में पोर्टल के विकास का कार्य किया है।

श्री मिश्र वर्ष 2003-05 तक संयुक्त सचिव के रुप में केन्द्रीय सचिवालय व आर्थिक विकास मन्त्रालय भारत सरकार में तैनात रहे है। वे वर्ष 2000-03 तक सचिव औद्योगिक विकास यू0पी0 रहे।

वे 1998 से 2000 तक संयुक्त सचिव (संस्थागत वित्त), बैंकिग डिवीजन इकोनॉमी अफेयर डिपार्टमेन्ट भारत सरकार रहे है। श्री मिश्र 1995-98 तक निदेशक (विदेशी निवेश) डिपार्टमेन्ट ऑफ इकोनॉमी अफेयर भारत सरकार में रहे है। वे 1990 से 95 तक विशेष सचिव/सचिव वित्त यू0पी0 रहे है तथा वर्ष 1986 से 90 तक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मन्त्रालय भारत सरकार मे उप सचिव रहे है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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चीनी राजदूत पुलिस महानिदेशक से मिले

Posted on 29 March 2011 by admin

उत्तर प्रदेश के जनपद बहराइच के अन्तर्गत थाना रूपई डीहा में 17 जनवरी, 2011 को सीमा सुरक्षा बल द्वारा पकड़े गये चीन के तीन नागरिकों के विरूद्ध पञ्जीकृत किये गये मुकदमा अपराध संख्या - 22/11, धारा-14 फारेनर एक्ट व 3(3) पासपोर्ट एक्ट (भारत में प्रवेश अधिनियम 1920) के सम्बन्ध में, भारत सरकार के विदेश मन्त्रालय द्वारा दी गई अनापत्ति के पश्चात्, चीन के राजदूत ने कल 28 मार्च, 2011 को कैबिनेट सचिव तथा आज 29 मार्च, 2011 को पुलिस महानिदेशक से मुलाकात की।

चीन के राजदूत को पुलिस महानिदेशक द्वारा इस प्रकरण के तथ्यों से अवगत कराया गया तथा यह बताया गया कि विवेचना के उपरान्त तीनों चीनी नागरिकों के विरूद्ध इन अभियोगों में आरोप पत्र सक्षम न्यायालय में दाखिल कर दिया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मैदान में तो बाल और बैट ही बोलेगा - नरेन्द्र सिंह राणा

Posted on 29 March 2011 by admin

बुधवार को मोहाली के मैदान में जब पारम्परिक भारत और पाकिस्ता की प्रतिद्वन्दी टीमें उतरेंगी तो दुनिया की निगाहें इसके परिणाम को लेकर अतं तक टिकी रहेंगी। भारत के प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह से लेकर पाक प्रधानंमत्री जिलानी से लेकर तमाम वी0वी0आई0पी0 दर्शक दीघाZ में होंगे। जाहिर है दोनों देशों के खिलाड़ियों पर अपने-अपने देश के प्रधानमन्त्रियों की उपस्थिति का मनोवेैज्ञानिक दबाव रहेगा, लेकिन जीत उसी टीम की होगी जिसमें फिटनेस, दमखम और गजब का उत्साह होगा। अब तक क्रिकेट विश्वकप में हुए भारत व पाकिस्तान के बीच हुए मुकाबलों पर नज़र डालते ही यह बात सहज समझ में आ जाती है कि भारतीय टीम के लिए पाकिस्तान को हराना लोहे के चने चबाने जैसा बिल्कुल नहीं है। यह जानकर क्रिकेट पे्रमियों को बेहद खुशी मिलती है कि विश्वकप में भारतीय टीम ने हमेशा भारतीय टीम को हराया है। विश्वकप में भारत और पाकिस्तान के बीच चार बार मुकाबला हो चुका है। चारों बार भारतीय टीम ने पाकिस्तान को हार का स्वाद चखाया है। बताते चले 4 मार्च 1992 विश्वकप में भारत ने पाकिस्तान को 43 रनों से हराया था। मैन आफ द मैच मास्टर ब्लास्टर सचिन तेन्दुलकर को दिया गया था। यह मैच आस्ट्रलिया के शहर सिडनी में खेला गया था। दूसरा मैच 9 मार्च 1996 को अपने वतन शेरे हिन्द के शहर बैंगलौर में हुआ था, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को 39 रनों से हराकर मैच जीता था, मैन आफ द मैच नवजोत सिंह सिद्धू को मिला था, तीसरा मैच 8 जून 1999 को इंग्लैण्ड के ओल्ड ट्रेफर्ड में खेला गया था, भारतीय टीम ने पाकिस्तान को धूल चटाते हुए मैंच 47 रनों से जीता था जिसमें मैन आफ द मैच बैंकटेश प्रसाद को दिया गया था। चौथा मैच 1 मार्च 2003 को दक्षिण अफि्रका के सेंचुरियन शहर में खेला गया। भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 6 विकेट से हराकर मैंच जीता। मैन आफ द मैच पुन: किके्रट के सुपर स्टार मास्टर ब्लास्टर सचिन तेन्दुलकर को दिया गया। अब विश्वकप का 5वॉं महामुकाबला चण्डीगढ़ के मोहाली में 30 मार्च 2011 को होगा। 4-0 से जीतती चली आ रही अजेय भारतीय टीम इस बार भी जीत का सिलसिला जारी रखते हुए पाकिस्तान को परास्त करेगी। टीम इण्डिया पूरीतरह से फिट है। किसी भी खेल में खिलाड़ी के फिटनैंस और परफारमेन्स दोनों का होना बेहद जरूरी होता है। भारतीय टीम इस विषय में पाकिस्तान पर भारी पड़ रही है। भारतीय टीम के सभी खिलाड़ी फुलफार्म में हैं और जबरदस्त फीट हैं। इस बार खेल का मैदान सुरक्षा कारणों से किले के रूप में तब्दील कर दिया गया है। दर्शकों से अधिक सुरक्षाकर्मी मौजूद रहेंगे। एण्टी एयरक्राफ्ट गनों के साए में यह क्रिकेट मैंच खेला जाएगा। खुफिया चेतावनियों के बीच पूरा चण्डीगढ़ शहर स्टेडियम सहित अभूतपूर्व सुरक्षा इन्तजामों के तहत रहेगा। भारत सरकार के गृह मन्त्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं  ´´विश्वकप में भले ही सेमीफाइनल मुकाबला हो लेकिन चौकसी के लिहाज से यही उनका फाइनल मुकाबला है´´। मैच के दो दिन पूर्व ही 27 मार्च को पीसीए स्टेडियम में बम की अफवाह ने खलबली मचा दी। सुरक्षकर्मियों ने विस्फोटक विरोधी उपकरणों के साथ स्टडियम और उस इमारत की भी छानबीन की जहां फोन करने वाले  ने बम रखने का दावा किया था। सुरक्षा तन्त्र ने इसे राष्ट्रमण्डल खेलों जो अब सरकारी मन्त्रियों व भ्रष्ट अधिकारियों के काले कारनामों की वजह से भ्रष्टमण्डल खेल के नाम से जगजाहिर है। उसके उद्घाटन समारोह के बाद की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में लिया है। सैकड़ों क्लोज सिर्कट कैमरे लगाए जा रहे हैं। िक्वक रिस्पांस टीम, बम डिस्पोजल स्क्वाड, डॉंग स्क्वाड और एण्टी सेबोेटाज स्क्वाड बनाकर किसी भी चुनौती से निपटने की तैयारी की गई है। खिलाड़ियों के होटल से लेकर मैदान तक के रास्ते को बुलेटपु्रफ मार्ग बना दिया गया। परिन्दा भी पर नहीं मार सकेगा। यहां यह बात कुछ असहज करती है और समझ से परे है कि जो माननीय हंसी के पात्र बन चुके हों वह टीम का होंसला कैसे बढ़ायेंगे र्षोर्षो माननीय और जिन कारणों से वे माखौल का विषय बन गए हैं उनके जनकों की भी उपस्थिति खिलाड़ियों में जोश पैदा करेगी नामुकिन है। हार को जीत में बदलने का हौसला प्रदान करने की उपस्थिति सचमुच होती है। आज भारत देश के जिन क्षेत्रों में यह कुबत मौजूद है वह है न्यायपालिका और भारत की सेना। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा उनकी टीम अपने जनहित के फैसलों से भारतीय खिलाड़ियों का ही नहीं आम राष्ट्रजनों में भी उत्साह बढ़ा रही है। भारत की सेना भी देश की शान बढ़ाने में पीछे नहीं है। अच्छा होता यदि सचमुच टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए माननीय मनमोहन िंसह जी भारत के मुख्य न्यायाधीश कपाड़िया साहब उनकी टीम तथा सेना प्रमुख को मैंच देखने के लिए आमन्त्रित करते। निश्चित रूप से भारतीय टीम अपने सेनाध्यक्षों और न्यायाधीशों को अपने बीच पाकर और अधिक जोशोखरोस से मैदान पर खेलती मिलती। प्रतिकुलताओं को कुचलने की ताकत इस समय न्यायपालिका, सेना और मीडिया में मौजूद है। प्रधानमन्त्री की माहौली में उपस्थिति वोट बैकों को दृष्टि में रखते हुए तुष्टिकरण की राजनीति ज्यादा है, खेल के प्रति उनकी रूचि कम है।  पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री को निमन्त्रण देना तथा पाक अधिकृत कश्मीरियों और पाकिस्तानियों को खेल के बहाने भारत में आने तथा मैच देखने की छूट देना इसी कांग्रेस तुष्टिकरण की नीति का अंग है। खेल के साथ खिलवाड़ अशोभनीय है, निन्दनीय है तथा अक्षम है।

क्रिकेट के इतिहास में पहली बार भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका की टीमें विश्वकप सेमीफाइनल में पहुंची हैं। इस उपमहाद्वीप की तीनों टीमों ने विश्व की अन्य मजबूत टीमों को अपने श्रेष्ठ खेल के द्वारा सोचने पर मजबूर किया है। हालांकि इससे पहले चार अवसरों पर उपमहाद्वीप की दो-दो टीमें अन्तिम चार तक पहुंची हैं। क्रिकेट के दीवाने इस क्षेत्र की दो टीमें आज तक कभी फाइनल में आमने-सामने नहीं हुई हैं। हमारी हादिZक शुभकामनाएं और परमपिता परमात्मा से प्रार्थना है कि भारतीय टीम खेल भावना से ओत प्रोत होकर शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए खेल तथा देश का नाम रोशन करेंगे। अच्छा खिलाड़ी व अच्छी टीम वहीं कहलाती है जो खेल को खेल भावना से खेलते हैं और देश ही नहीं सम्पूर्ण विश्व में नई ऊंचाइयों को छूती हुई सबकी प्रिय बनती है।

लेखक- पावरलििफ्टंग के अन्तर्राष्ट्रीय कोच रहे हैं
वर्तमान मेंउ0प्र0 भाजपा के मीडिया प्रभारी हैं।
लखनऊ, मो0 9415013300

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सी.एम.एस. स्टेशन रोड द्वारा `डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स´ का भव्य आयोजन

Posted on 29 March 2011 by admin

`डिवाइन एजुकेशन´ के प्रकाश में ही प्रकाशवान बनेंगे बच्चे — डा. जगदीश गांधी, प्रख्यात शिक्षाविद्

divine11प्रख्यात शिक्षाविद व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गांधी ने शिक्षकों व अभिभावकों का आहवान किया है कि वह घरों व विद्यालयों का वातावरण ईश्वरमय बनायें। बच्चों का लालन-पालन एवं पढ़ाई-लिखाई डिवाइन एजुकेशन के प्रकाश में हो, तभी बच्चे प्रकाशवान बनकर हमारे सपनों को साकार कर सकते हैं। डा. गांधी सिटी मोन्टेसरी स्कूल, स्टेशन रोड द्वारा सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित `डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स´ में अभिभावकों को सम्बोधित कर रहे थे। आगे बोलते हुए डा. गांधी ने कहा कि वैसे तो बालक के जीवन में परिवार, स्कूल तथा समाज के तीन तरह के वातावरण का प्रभाव पड़ता है। किन्तु इन तीनों में से सर्वाधिक प्रभाव स्कूल के वातावरण का पड़ता है। अर्थात विद्यालय ही बालक को भौतिक ज्ञान के साथ ही नैतिक व  आध्याित्मक ज्ञान प्रदान कर बालक के जीवन की सही राह दिखा सकता है। इसीलिए आज की महती आवश्यकता यही है कि विद्यालय `समाज के प्रकाश स्तम्भ´ बनें एवं सन्तुलित शिक्षा प्रदान कर अपने छात्रों को समाज का प्रकाश बनाएं।

इससे पहले `डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स´ के अवसर पर सी.एम.एस. स्टेशन रोड के छात्रों ने ईश्वर भक्ति से परिपूर्ण गीत-संगीत द्वारा ईश्वरीय एकता का ऐसा आलोक बिखेरा कि पूरा ऑडिटोरियम एकता और भाईचारे के संगीत से गूंज उठा। छात्रों ने सार्वभौमिक जीवन मूल्यों, विश्वव्यापी चिन्तन, विश्व की सेवा के लिए तथा सभी चीजों में उत्कृष्टता विषय पर अपने सारगभिZत विचार प्रकट किये तथापि आत्मानुशासन, कर्तव्य परायणता, सहयोग की भावना, विश्व शान्ति व विश्व एकता की राह पर चलने की प्रतिज्ञा की। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में सर्वोच्चता अर्जित करने वाले छात्रों व वाषिZक परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर सी.एम.एस. स्टेशन रोड की प्रधानाचार्या श्रीमती अरूणा गुप्ता ने कहा कि सी.एम.एस. अपने छात्रों का सर्वांगीण विकास कर `टोटल क्वालिटी पर्सन´ बनाने को दृढ़-संकल्पित है तथा इसी उद्देश्य को लेकर यह आध्याित्मक शिक्षा सम्मेलन आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की उद्देश्यविहीन शिक्षा ने समाज में अनेक समस्याओं को जन्म दिया है। अत: एक खुशहाल समाज के नव निर्माण हेतु स्कूलों द्वारा बालकों को भौतिक, सामाजिक तथा आध्याित्मक तीनों प्रकार की सन्तुलित या उद्देश्यपूर्ण शिक्षा देनी चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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