बुधवार को मोहाली के मैदान में जब पारम्परिक भारत और पाकिस्ता की प्रतिद्वन्दी टीमें उतरेंगी तो दुनिया की निगाहें इसके परिणाम को लेकर अतं तक टिकी रहेंगी। भारत के प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह से लेकर पाक प्रधानंमत्री जिलानी से लेकर तमाम वी0वी0आई0पी0 दर्शक दीघाZ में होंगे। जाहिर है दोनों देशों के खिलाड़ियों पर अपने-अपने देश के प्रधानमन्त्रियों की उपस्थिति का मनोवेैज्ञानिक दबाव रहेगा, लेकिन जीत उसी टीम की होगी जिसमें फिटनेस, दमखम और गजब का उत्साह होगा। अब तक क्रिकेट विश्वकप में हुए भारत व पाकिस्तान के बीच हुए मुकाबलों पर नज़र डालते ही यह बात सहज समझ में आ जाती है कि भारतीय टीम के लिए पाकिस्तान को हराना लोहे के चने चबाने जैसा बिल्कुल नहीं है। यह जानकर क्रिकेट पे्रमियों को बेहद खुशी मिलती है कि विश्वकप में भारतीय टीम ने हमेशा भारतीय टीम को हराया है। विश्वकप में भारत और पाकिस्तान के बीच चार बार मुकाबला हो चुका है। चारों बार भारतीय टीम ने पाकिस्तान को हार का स्वाद चखाया है। बताते चले 4 मार्च 1992 विश्वकप में भारत ने पाकिस्तान को 43 रनों से हराया था। मैन आफ द मैच मास्टर ब्लास्टर सचिन तेन्दुलकर को दिया गया था। यह मैच आस्ट्रलिया के शहर सिडनी में खेला गया था। दूसरा मैच 9 मार्च 1996 को अपने वतन शेरे हिन्द के शहर बैंगलौर में हुआ था, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को 39 रनों से हराकर मैच जीता था, मैन आफ द मैच नवजोत सिंह सिद्धू को मिला था, तीसरा मैच 8 जून 1999 को इंग्लैण्ड के ओल्ड ट्रेफर्ड में खेला गया था, भारतीय टीम ने पाकिस्तान को धूल चटाते हुए मैंच 47 रनों से जीता था जिसमें मैन आफ द मैच बैंकटेश प्रसाद को दिया गया था। चौथा मैच 1 मार्च 2003 को दक्षिण अफि्रका के सेंचुरियन शहर में खेला गया। भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 6 विकेट से हराकर मैंच जीता। मैन आफ द मैच पुन: किके्रट के सुपर स्टार मास्टर ब्लास्टर सचिन तेन्दुलकर को दिया गया। अब विश्वकप का 5वॉं महामुकाबला चण्डीगढ़ के मोहाली में 30 मार्च 2011 को होगा। 4-0 से जीतती चली आ रही अजेय भारतीय टीम इस बार भी जीत का सिलसिला जारी रखते हुए पाकिस्तान को परास्त करेगी। टीम इण्डिया पूरीतरह से फिट है। किसी भी खेल में खिलाड़ी के फिटनैंस और परफारमेन्स दोनों का होना बेहद जरूरी होता है। भारतीय टीम इस विषय में पाकिस्तान पर भारी पड़ रही है। भारतीय टीम के सभी खिलाड़ी फुलफार्म में हैं और जबरदस्त फीट हैं। इस बार खेल का मैदान सुरक्षा कारणों से किले के रूप में तब्दील कर दिया गया है। दर्शकों से अधिक सुरक्षाकर्मी मौजूद रहेंगे। एण्टी एयरक्राफ्ट गनों के साए में यह क्रिकेट मैंच खेला जाएगा। खुफिया चेतावनियों के बीच पूरा चण्डीगढ़ शहर स्टेडियम सहित अभूतपूर्व सुरक्षा इन्तजामों के तहत रहेगा। भारत सरकार के गृह मन्त्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं ´´विश्वकप में भले ही सेमीफाइनल मुकाबला हो लेकिन चौकसी के लिहाज से यही उनका फाइनल मुकाबला है´´। मैच के दो दिन पूर्व ही 27 मार्च को पीसीए स्टेडियम में बम की अफवाह ने खलबली मचा दी। सुरक्षकर्मियों ने विस्फोटक विरोधी उपकरणों के साथ स्टडियम और उस इमारत की भी छानबीन की जहां फोन करने वाले ने बम रखने का दावा किया था। सुरक्षा तन्त्र ने इसे राष्ट्रमण्डल खेलों जो अब सरकारी मन्त्रियों व भ्रष्ट अधिकारियों के काले कारनामों की वजह से भ्रष्टमण्डल खेल के नाम से जगजाहिर है। उसके उद्घाटन समारोह के बाद की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में लिया है। सैकड़ों क्लोज सिर्कट कैमरे लगाए जा रहे हैं। िक्वक रिस्पांस टीम, बम डिस्पोजल स्क्वाड, डॉंग स्क्वाड और एण्टी सेबोेटाज स्क्वाड बनाकर किसी भी चुनौती से निपटने की तैयारी की गई है। खिलाड़ियों के होटल से लेकर मैदान तक के रास्ते को बुलेटपु्रफ मार्ग बना दिया गया। परिन्दा भी पर नहीं मार सकेगा। यहां यह बात कुछ असहज करती है और समझ से परे है कि जो माननीय हंसी के पात्र बन चुके हों वह टीम का होंसला कैसे बढ़ायेंगे र्षोर्षो माननीय और जिन कारणों से वे माखौल का विषय बन गए हैं उनके जनकों की भी उपस्थिति खिलाड़ियों में जोश पैदा करेगी नामुकिन है। हार को जीत में बदलने का हौसला प्रदान करने की उपस्थिति सचमुच होती है। आज भारत देश के जिन क्षेत्रों में यह कुबत मौजूद है वह है न्यायपालिका और भारत की सेना। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा उनकी टीम अपने जनहित के फैसलों से भारतीय खिलाड़ियों का ही नहीं आम राष्ट्रजनों में भी उत्साह बढ़ा रही है। भारत की सेना भी देश की शान बढ़ाने में पीछे नहीं है। अच्छा होता यदि सचमुच टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए माननीय मनमोहन िंसह जी भारत के मुख्य न्यायाधीश कपाड़िया साहब उनकी टीम तथा सेना प्रमुख को मैंच देखने के लिए आमन्त्रित करते। निश्चित रूप से भारतीय टीम अपने सेनाध्यक्षों और न्यायाधीशों को अपने बीच पाकर और अधिक जोशोखरोस से मैदान पर खेलती मिलती। प्रतिकुलताओं को कुचलने की ताकत इस समय न्यायपालिका, सेना और मीडिया में मौजूद है। प्रधानमन्त्री की माहौली में उपस्थिति वोट बैकों को दृष्टि में रखते हुए तुष्टिकरण की राजनीति ज्यादा है, खेल के प्रति उनकी रूचि कम है। पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री को निमन्त्रण देना तथा पाक अधिकृत कश्मीरियों और पाकिस्तानियों को खेल के बहाने भारत में आने तथा मैच देखने की छूट देना इसी कांग्रेस तुष्टिकरण की नीति का अंग है। खेल के साथ खिलवाड़ अशोभनीय है, निन्दनीय है तथा अक्षम है।
क्रिकेट के इतिहास में पहली बार भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका की टीमें विश्वकप सेमीफाइनल में पहुंची हैं। इस उपमहाद्वीप की तीनों टीमों ने विश्व की अन्य मजबूत टीमों को अपने श्रेष्ठ खेल के द्वारा सोचने पर मजबूर किया है। हालांकि इससे पहले चार अवसरों पर उपमहाद्वीप की दो-दो टीमें अन्तिम चार तक पहुंची हैं। क्रिकेट के दीवाने इस क्षेत्र की दो टीमें आज तक कभी फाइनल में आमने-सामने नहीं हुई हैं। हमारी हादिZक शुभकामनाएं और परमपिता परमात्मा से प्रार्थना है कि भारतीय टीम खेल भावना से ओत प्रोत होकर शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए खेल तथा देश का नाम रोशन करेंगे। अच्छा खिलाड़ी व अच्छी टीम वहीं कहलाती है जो खेल को खेल भावना से खेलते हैं और देश ही नहीं सम्पूर्ण विश्व में नई ऊंचाइयों को छूती हुई सबकी प्रिय बनती है।
लेखक- पावरलििफ्टंग के अन्तर्राष्ट्रीय कोच रहे हैं
वर्तमान मेंउ0प्र0 भाजपा के मीडिया प्रभारी हैं।
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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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