Archive | December 2nd, 2010

हुण्डई मोटर इण्डिया ने तेज गति से 20 लाख का आंकड़ा छुआ घरेलू उत्पादन और विक्रय का कीर्तिमान

Posted on 02 December 2010 by admin

12 वषोZं की अवधि में तीव्रतम 20 लाख कारों के उत्पादन की उपलब्धि

नयी दिल्ली, 2 दिसम्बर 2010: हुण्डई मोटर इण्डिया लि. (एचएमआईएल), जो कि दूसरी सबसे  बड़ी कार निर्माता और यात्री कारों की सबसे बड़ी निर्यातक कंपनी है, ने आज घरेलू बाजार में  अपने वाहनों की बिक्री का आंकड़ा 20 लाख (2 मिलियन) पहुंचाकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि  हासिल की है।

इस अवसर पर, एच. वी. पार्क, मैनेजिंग डॉयरेक्टर तथा सीईओ, एचएमआईएल ने कहा कि,  `आज हमारे हुण्डई परिवार के लिए ऐतिहासिक गर्व का दिन है। अपने सभी सहभागियों के  साथ इस उपलब्धि की खुशियां बांटते हुए हमें अत्यधिक प्रसन्नता है और हमारा मानना है कि  भारतीय बाजारों के लिए हमारी सम्पूर्ण प्रतिबद्धता और हमारे ग्राहकों द्वारा हमारे उत्पादों में  दर्शाए गए विश्वास के कारण ही यह सम्भव हो सका है। कहना न होगा कि हम यहां के  बाजार में निरन्तर `ब्राण्ड हुण्डई´ को आगे विकसित करना जारी रखेंगे और सर्वश्रेष्ठ उत्पाद तथा  तकनीक को पेश करते रहेंगे।´

पहली सैंट्रो कार सितम्बर 1998 में निकली थी। तब से ही एचएमआईएल ने निरन्तर नई  उपलब्धियों के कीर्तिमान हासिल किए हैं। संयन्त्र को केवल 17 महीनोें के रिकार्ड समय में  स्थापित करने से लेकर केवल छह महीनों में दूसरे सबसे बड़े कार निर्माता बनने और 25  महीनों में ही 150,000 कारें प्रस्तुत करने तक, हुण्डई ने हर किसी की अपेक्षाओं को पूरा किया  है। हुण्डई मोटर ने 20 लाख कारोें के उत्पादन की इस उल्लेखनीय विशिष्टता को केवल 12  वषोZं के रिकार्ड समय में प्राप्त किया है। दिसम्बर 2009 में, एचएमआईएल ने 25 लाख  इकाइयों के तीव्रतम उत्पादन और विक्रय का रिकार्ड बनाया। इन उपलब्धियों के साथ,  एचएमआईएल इस विशिष्ट स्थिति को प्राप्त करने वाले भारत में दूसरे कार निर्माता बन गई  है।

एचएमआईएल के विषय में  हुण्डई मोटर इण्डिया लिमिटेड (एचएमआईएल), हुण्डई मोटर कंपनी (एचएमसी), दक्षिण कोरिया  की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है और भारत में यात्री कारों की सबसे ब़ड़ी निर्यातक  तथा दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता है। एचएमआईएल वर्तमान में सभी वर्गों में यात्री कारों के  7 मॉडल्स पेश करती है। ए2 सेगमेंट में सैंट्रो, आई10 और आई20, तथा ए3 सेगमेंट में एक्सेंट  और वेरना ट्रांसफॉर्म, ए5 सेगमेंट में सोनाटा ट्रांसफॉर्म तथा एसयूवी सेगमेंट में सेंटा एफई  शामिल हैं।

चेन्नई के निकट एचएमआईएल का पूर्ण एकीकृत उत्पादन संयन्त्र, देश में सबसे आधुनिक  उत्पादन, गुणवत्ता और परीक्षण क्षमताओं से सुसज्जित है। बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए,  एचएमआईएल ने फरवरी 2008 में अपने दूसरे संयन्त्र को आरम्भ किया, जिसने उत्पादन में अतिरिक्त 300,000 इकाई प्रतिवर्ष का योगदान करते हुए, एचएमआईएल की कुल उत्पादन  क्षमता को 600,000 इकाई प्रति वर्ष तक बढ़ाया है।

भारतीय ग्राहकों को उत्कृष्ट विश्वस्तरीय तकनीक उपलब्ध कराने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता  पर कायम रहते हुए, एचएमआईएल ने कई मिलियन डॉलर निवेश करके एक आधुनिक  अनुसंधान व विकास इकाई की स्थापना हैदराबाद के साइबर सिटी में की है। ऑटोमोबाइल  इंजीनियरिंग के लिए उत्कृष्टता का केन्द्र बनना और बदलती ग्राहक आवश्यकताओें के अनुरूप  तीव्र टर्नअराउण्ड टाइम सुनिश्चित करना इसका लक्ष्य है।

कॉम्पैक्ट कारों के लिए एचएमसी के वैश्विक निर्यात केन्द्र के रूप में, केवल एक दशक में ही  10 लाख कारों के निर्यात की उपलब्धि प्राप्त करने वाली एचएमआईएल भारत की पहली  ऑटोमोटिव कंपनी है। एचएमआईएल वर्तमान में ईयू, अफ्रीका, मध्य पूर्व, लैटिन अमेरिका और  एशिया प्रशान्त क्षेत्रों के 115 से अधिक देशों को अपनी कारें निर्यात करते हैं। ये लगातार छह  वषोZं से देश के नम्बर एक यात्री कार निर्यातक बने हुए हैं। अपनी संवृद्धि और विस्तार  योजनाओं में सहयोग के लिए, एचएमआईएल ने वर्तमान में पूरे भारत में 304 डीलरों और 622  सर्विस प्वाइंट्स का सुदृढ़ नेटवर्क खड़ा किया हुआ है, जिसका 2010 में और भी अधिक  विस्तार किया जाएगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

सरकार विकलांगजन के विकास के प्रति कटिबद्ध

Posted on 02 December 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने 03 दिसम्बर, 2010 को विश्व विकलांगता दिवस के अवसर पर जारी अपने सन्देश में कहा है कि उनकी सरकार सर्वजन के कल्याण की भावना से प्रेरित होकर विकलांगजन के विकास के प्रति कटिबद्ध है और उनके शैक्षिक, सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति के लिए हर सम्भव कदम उठाये जा रहे हैं। इसी के साथ विकलांगजन के लिए विभिन्न योजनायें संचालित करके उन्हें प्रभावी ढंग से लागू कराया जा रहा है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि विकलांगजन को सम्मान दें और उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ने में सक्रिय भूमिका निभायें।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने अपने सन्देश में कहा कि विकलांगता प्राय: जन्म से या परिस्थितिवश अथवा दुघZटना के कारण होती है। उनकी सरकार विकलांगजन के प्रति सहानुभूति के स्थान पर समानुभूति की भावना रखती है एवं उनमें –ढ़ इच्छा शक्ति विकसित करने के लिए प्रयासरत है। उनकी सरकार का संकल्प है कि विकलांग बन्धुओं की क्षमता को विकसित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाय। उन्होंने कहा कि विकलांग बन्धुओं के कल्याण का कार्य अत्यन्त पुनीत है। इसलिए हर व्यक्ति को इस कार्य में आगे आना चाहिए।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि उन्होंने अपने पहले कार्यकाल वर्ष 1995 में विकलांग कल्याण विभाग का अलग से गठन कर विभिन्न योजनाओं की शुरूआत की और अपने हर कार्यकाल में विकलांगजन के उत्थान के लिए विभिन्न योजनायें तैयार करायीं। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार उनकी सरकार ने विकलांगजन की उच्च शिक्षा के लिए लखनऊ में डा0 शकुन्तला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय की स्थापना की है। विश्वविद्यालय के प्रत्येक पाठ्यक्रम में 50 प्रतिशत सीटें विकलांग विद्यार्थियों के लिए आरक्षित है, जिसमें पुन: 50 प्रतिशत अर्थात् कुल की 25 प्रतिशत सीटें –ष्टिबाधितों के लिए आरक्षित की गई हैं।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा विकलांगजन की विकलांग पेंशन योजना के अन्तर्गत पूर्व में 561111 विकलांगजन को को पेंशन की सुविधा दी गई थी, जिसको बढ़कार लगभग 7 लाख लाभार्थियों को लाभािन्वत किया जा रहा है। —त्रिम अंग/सहायता उपकरण अनुदान योजना में 2.50 करोड़ रूपये के प्राविधान से 8 हजार विकलांगजन को लाभािन्वत किये जाने के लक्ष्य के विपरीत अब तक 3688 विकलांगजन को लाभािन्वत किया जा चुका है तथा शादी-विवाह, प्रोत्साहन पुरस्कार देने हेतु 2.10 करोड़ रूपये की धनराशि से 1680 दम्पतियों को लाभािन्वत किये जाने के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 813 दम्पतियों को लाभािन्वत किया गया है।

इसके अलावा दुकान निर्माण योजना में कुल 96.46 लाख रूपये के प्राविधान से अब तक 441 विकलांगजनों को लाभािन्वत किया गया है। लखनऊ, मेरठ, गोरखपुर एवं इलाहाबाद में उच्च शिक्षारत –ष्टिबाधित छात्रों के लिए 100-100 कमरों के छात्रावास तथा लखनऊ एवं गोरखपुर में उच्च शिक्षारत –ष्टिबाधित छात्राओं के लिए 100-100 कमरों के छात्रावास के निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इसी तरह जनपद गोरखपुर में –ष्टिबाधित छात्राओं के लिए तथा मेरठ में छात्रों के लिए 1-1 इण्टर कालेज का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में विकलांग बन्धुओं को अब 2 प्रतिशत के स्थान पर 3 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है।

राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त विकलांग व्यक्तियों को नि:शुल्क बहुउद्देशीय परिचय पत्र उपलब्ध कराया जा रहा है तथा राजकीय संस्थाओं/विद्यालयों में संवासियों के भरण-पोषण के लिए दी जा रही 850 रूपये की धनराशि को बढ़ाकर 1200 रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है। राजकीय परिवहन निगम की अब सभी बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा दी जा रही है। मानसिक विकलांगजन हेतु मेरठ, बरेली व गोरखपुर में एक-एक आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा सरकारी सेवा में कार्यरत –ष्टिबाधित एवं विकलांग अधिकारियों व कर्मचारियों का वाहन भत्ता दोगुना किया गया है।

इसी प्रकार विकलांगजन को सरकार सेवाओं में नियुक्ति हेतु अधिकतम आयु सीमा में 15 वर्ष की छूट प्रदान की गई है। कर एवं निबंधन विभाग द्वारा पूर्व में एक लाख रूपये तक के आवास विकास परिषद एवं प्राधिकरणों के भूखण्ड/भवन के हस्तान्तरण में देय स्टाम्प शुल्क से –ष्टिबाधित/विकलांगजन को छूट प्रदान की जाती थी। इस सीमा को अब बढ़ाकर 10 लाख रूपये कर दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश के आठ जनपदों में 3 वर्ष से 7 वर्ष आयु वर्ग के विकलांग बच्चों के शिक्षण व प्रशिक्षण हेतु डे केयर सेन्टर का संचालन किया जा रहा है। जापानी इंसेफलाइटिस से पीड़ित होकर मानसिक विकलांगता से ग्रसित व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए गोरखपुर में मनोविकास केन्द्र खोला गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

December 2010
M T W T F S S
« Nov   Jan »
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in