Archive | October, 2010

निर्वाचन क्षेत्रों में वाहन चलाने पर पूर्ण प्रतिबन्ध रहेगा

Posted on 20 October 2010 by admin

बूथ पर अराजकता फैलाने पर मौके पर होगी  गिरफ्तारी

मतपत्र-मतपेटिका लूटने का प्रयास करने पर देखते ही गोली मारने के आदेश

शस्त्र थानों में जमा न कराने पर शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के निर्देश

जनपद में त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के तीसरे चरण में 22 अक्टूबर को चार विकास खण्डों अकोला, बिचपुरी, बरौली अहीर तथा फतेहपुर सीकरी में निर्वाचन होगा। प्रशासन द्वारा निर्वाचन हेतु सभी व्यवस्थाएं सुनििश्चत कर ली गई हैं। जिलाधिकारी अमृत अभिजात तथा डी.आई.जी. एन्टनी देवकुमार ने आज पुलिस लाइन स्थित बहुउद्देशीय हाल में सुपर जोनल, जोनल, तथा सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारियों की ब्रीफिंग में राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशोZ की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जनपद में स्वतन्त्र, निश्पक्ष और शान्तिपूर्ण ढंग से मतदान कराने हेतु प्रशासन कृत संकल्प है।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिये हैं कि मतदान दिवस पर निर्वाचन वाले क्षेत्रों में अनधिकृत दो पहिया और चार पहिया वाहनों के चलाने पर पूर्णतया प्रतिबन्ध रहेगा। ऐसे वाहनों को देखते हुए सूजा से पंचर कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार ग्राम प्रधान तथा सदस्य ग्राम पंचायत के पद के उम्मीदवार के लिए कोई वाहन अनुमन्य नही है। जिला पंचायत सदस्य तथा क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवार के लिए एक-एक वाहन अनुमन्य है इसके लिए भी सम्बधित आर.ओ. से लिखित अनुुमति पत्र लेकर वाहन के शीशे पर प्रदिशZत करना होगा। इन वाहनों में ड्राइवर तथा प्रत्याशी सहित केवल तीन व्यक्ति ही अनुमन्य है।  दो से ज्यादा व्यक्ति पाये जाने पर वाहन जब्त कर लिया जायेगा।

श्री अभिजात ने कहा कि सम्बन्धित एस.डी.एम तथा पुलिस क्षेत्राधिकारी लोगों के शस्त्रों को  थानों में जमा कराये। जिन लोगों ने शस्त्र अभी थानों मे जमा न किये हो उनके शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराने की कार्यवाही करें।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि मतदान केन्द्र पर गडवडी करने वालों को तत्काल गिरफ्तार कर ससंगत धाराओं में जेल भेजें। मतपत्र तथा मत पेटिका लूटने का प्रयास करने वालों को देखते ही गोली मारने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि लोकतन्त्र में निर्वाचन के पवित्र कार्य में बाधा डालने वालों से सख्ती से निपटा जायेगा। उन्होंने कहा कि मतदान केन्द्रो पर फोटोग्राफी वीडियोग्राफी अनिवार्य रूप से करायें ताकि हर स्थिति पर नज़र रहे।

उन्होंने कहा कि तृतीय चरण के लिए आज सांय 5 बजे से प्रचार समाप्त हो गया है। यदि कोई वाहन प्रचार करता पाया जाये तो उसे तुरन्त सीज करें। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्यों/जनपदों से आये वाहरी व्यक्तियों पर कडी नज़र रखें।

डी.आई.जी. एन्टनी देवकुमार ने कहा कि सभी जोनल/सेक्टर मजिस्ट्रेट तथा पुलिस अधिकारी संयुक्त रूप से क्षेत्रों में भ्रमणशील रहें और निश्पक्षता व दक्षता के साथ अपने उत्तर दायित्वों का निर्वहन करें। संवेदनशील क्षेत्रों में भ्रमण कर संवेदनशीलता के कारणों पर नज़र रखें। किसी भी व्यक्ति को अराजकता और माहौल विगाडने की छूट नही है। ऐसे तत्वों को चिन्तित कर कार्यवाही कराये ।
उन्होंने बताया कि सभी थानो,जोनल मजिस्ट्रेट/ पुलिस अधिकरियों, सेक्टर मजिस्ट्रेट / पुलिस अधिकारी को वायर लैस सेट उपलब्ध कराये गये है। निर्वाचन सम्बन्धित सभी अधिकारियों के दूरभाश के साथ-साथ ग्राम स्तर के व्यक्तियों के टेलीफोन नम्बर भी अंकित किये गये है। पुलिस अधीक्षक (का)अशफाक अहमद ने पुलिस प्रबन्धकों की विस्तार से जानकारी दी।

मुख्य विकास अधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजकुमार श्रीवास्तव ने बताया कि तृतीय चरण में 330 मतदान केन्द्रों पर 811 मतदान स्थल बनाये गये है । इस चरण में चार सुपर जोनल मजिस्ट्रेट तथा सुपर जोनल पुलिस अधिकारी, चार क्रिटिकल एरिया मजिस्ट्रेट/पुलिस अधिकारी, 20 जोन में जोनल मजिस्ट्रेट,जोनल पुलिस अधिकारी तथा 88 सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किये गये है। तृतीय चरण में ग्राम पंचायत सदस्यों के 2263 पदा,ें ग्राम प्रधान के 169 पदों, क्षेत्र पंयायत सदस्य के 307 और जिला पंचायत सदस्य के 12 पदों के लिए निर्वाचन होगा

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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सहारा इण्डिया परिवार ने अपने पूरे तन-मन-धन से सहयोग देकर कॉमनवेल्थ गेम्स को यादगार बनाया

Posted on 19 October 2010 by admin

sahara2एग्ज़क्यूटिव डायरेक्ट्र्स, डिप्टी डायरेक्ट्र्स, असिस्टेंट डायरेक्ट्र्स, जनरल मैनेजर्स और सीनियर व जूनियर स्तर के 300 से अधिक कार्यकर्ताओं को खेलों हेतु नियुक्त किया गया

भारत के लोगों की तरफ से सहारा ने कॉमनवेल्थ गेम्स को मजबूती देने हेतु `जी जान से´ गाने को विख्यात संगीत तिकड़ी शंकर-ईशान-लॉय, सोनू निगम और सपना मुखर्जी के स्वरों में रिकार्ड कराया

वॉलिंटियर्स को प्रोत्साहित करने के लिए इन्सेंटिव व आवार्ड प्रोग्राम की घोषणा की गई

सहारा के कार्यकर्ताओं ने ओसी वॉलिंटियर्स के न आने पर खेलगांव और एयरपोर्ट पर बहुत बेहतरीन ढंग से एथलिटों और अतिथियों का ध्यान रखा

सभी खिलाड़ियों, अन्तरराष्ट्रीय मीडिया और अन्तरराष्ट्रीय सुविख्यात लोगों को व्यक्तिगत स्टेशनरी, भारत पर कॉफी टेबल बुक, एक्सक्लूसिव बुक व ताजमहल पर फिल्म, कलाई घड़ियां, रिकार्ड बुक आदि दी गई

71 प्रोफेशनल मॉडलों को प्लाकार्ड और मैडल बीयरर्स के तौर पर लिया, अधिकृत भव्य भोज की मेजबानी एवं अन्य अनेक गतिविधियों में संलग्नकता

भारत के लिए सदैव तत्पर, मल्टी बिजनेस संस्थान और भारत में खेलों का प्रमुख प्रायोजक सहारा इण्डिया परिवार 19वें कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 की तैयारी और आयोजन में प्रमुख कार्मोरेट सहयोगी रहा है। राष्ट्र के प्रति अपनी सेवाओं के तहत और इस विषम समय में देश की छवि को बनाए रखने हेतु सहारा ने खेल आयोजन समिति को अपने श्रेष्ठ मानव संसाधन द्वारा तथा विविध कार्यक्षेत्रों में फैली सेवाओं व `गेस्ट डिलाइट´ (अतिथि सुख) में सेवाओं के साथ ही अन्य अनेक प्रकार के आयोजन, गतिविधियों आदि में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं जिससे विश्व भर से आने वाले सभी अतिथियों के लिए यह खेल यादगार बन जाए।

19वें कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 के आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कालमाडी ने राष्ट्रमण्डल खेलों के आयोजन में सहारा के सहयोग की सराहना की है। उन्होंने कहा, “मैं सहारा इण्डिया परिवार को हादिZक रूप से धन्यवाद देता हूं, जिसके न केवल 300 से अधिक वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने दिन-रात एक करके पूरे समर्पण भाव से अपने दायित्व को निभाया, बल्कि पूरी तन्मयता से भावनात्मक और आर्थिक सहयोग भी दिया।´´

श्री कालमाडी ने यह भी कहा कि इसके साथ ही सहारा के रचनात्मक आडियाज और अच्छे विचारों ने गेम्स के प्रति उत्साह का वातावरण तैयार किया और 12000 से अधिक विदेशी खिलाड़ियों व मेहमानों के समक्ष भारत की छवि को गौरवपूर्ण रूप से प्रस्तुत करने में कारगर साबित हुए।

श्री कालमाडी ने आगे कहा कि खेलगांव से एयरपोर्ट तक तथा सभी महत्वपूर्ण स्थलों पर सहारा के सहयोग ने एथलीट्स, डेलीगेट्स, आफिशियलस् तथा अतिथियों को बहुत मदद पहुंचायी जिससे कि खेल के आयोजनों को सही ढंग से आयोजित किया जा सके। सहारा इण्डिया परिवार की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इस परिवार ने भारतीय खेलों को बढ़ावा देने काफी योगदान दिया है। क्रिकेट और हॉकी के अतिरिक्त मुक्केबाजी, निशानेबाजी और तीरन्दाजी को आगे बढ़ानें में भी सहारा इण्डिया परिवार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। गौरतलब है कि इन खेलों में भारतीयों ने शानदार सफलता अर्जित की है।

ऐसे कठिन समय में जबकि खेलों के सफल आयोजन को आलोचनाओं ने घेर लिया था, सहाराश्री सुब्रत रॉय सहारा, अपनी टीम के साथ प्रतिबद्ध रहे ताकि राष्ट्र का गौरव बरकरार बना रहे। उनका सर्वोपरि विचार था कि बेहतर अनुभव बुरी अपेक्षाओं का उपयुक्त इलाज है और इसके लिए उन्होंने अपने सभी कर्तव्ययोगियों को यह सन्देश दिया कि वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें जिससे प्रत्येक आगन्तुक और अतिथि सुखद अनुभव करे और जीवन की एक अभूतपूर्व स्मृति लेकर लौटें।

सहारा के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स एक राष्ट्रीय त्योहार की तरह था जिसे स्वयं सहाराश्री ने आयोजन से पूर्व ही उल्लेखित किया था और बाद में अन्य प्रतििष्ठत लोगों ने उसका अनुमोदन किया। अत: एक ऐसे समय में जब भारत एक महाशक्ति के रूप में उभर कर सामने आ रहा है, एक भारतीय होने के नाते उन्होंने कॉमलवेल्थ गेम्स को पूर्ण सफल बनाने की ठानी और उसे पूरा भी किया।

खेल की टीम िस्प्रट को राष्ट्र भर में गुंजाने के लिए मीडिया, आउटडोर द्वारा प्रेरणादायक सन्देशों के साथ सहारा टीम ने अपने 300 से अधिक एग्ज़क्यूटिव डायरेक्टर्स, डिप्टी डायरेक्टर्स, असिस्टेंट डायरेक्टर्स, जनरल मैनेजर्स और सीनियर व जूनियर स्तर के कार्यकर्ताओं को खेलों के सफल आयोजन हेतु नियुक्त किया। सहाराश्री द्वारा स्वयं के नेतृत्व वाली सहारा टीम खामियों को तलाशने और स्वयं की पहल द्वारा आयोजन समिति के साथ मन्त्रणा द्वारा खेलों को निबाZध और आनन्दमय बनाने में जुट गई। सहाराश्री ने सभी स्थानों का स्वयं दौरा किया और कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़े सभी स्थलों का मुआयना भी किया। सहारा के सेवा-सत्कार व्यवसाय और विमानन (एवियेशन) से प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं को एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, खेलगांव, होटलों और अन्य स्थलों पर नियुक्त किया गया था जिससे कि खेलों के लिए आने वाले अतिथियों को बतौर सर्वश्रेष्ठ अनुभव सेवा-सत्कार में त्रुटिहीन सहयोग प्रदान किया जा सके।

श्री रॉय ने यह पहचान लिया था कि वॉलिंटियर्स की भूमिका निस्वार्थ होती है और खासकर खेलों की सफलता के लिए बहुत अहम भी। उन्होंने खेलों के लिए स्वयं का नाम एक वॉलिंटियर्स के तौर पर लिखाया। वॉलिंटियर्स का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्होंने उन्हें सम्बोधित भी किया तथा उनके लिए इन्सेंटिव व आवार्ड प्रोमाम की घोषणा की। कार्यक्रम के अन्तर्गत सहारा सर्वश्रेष्ठ काम करने वाले 100 वॉलिंटियर्स को हाई-एण्ड मोबाइल भेंट कर रहा है। अगले 200 लोगों के लिए और उनके नीचे 300 सर्वश्रेष्ठ काम करने वाले कार्यकर्ताओं को क्रमश: रू0 5000/- और रू0 3000/- के गिफ्ट हैम्पर्स और गिफ्ट वाउचर्स भेंट कर रहा है। इसके अतिरिक्त सहारा ने कलाई घड़ियां भेंट की तथा प्रोटोकॉल व कॉमनवेल्थ गेम्स वॉलिंटियर्स को दो-दो कॉम्पलिमेंटरी टिकट भी दिया जिससे कि उनके माता-पिता स्टेडियम में आकर खेलों का लुत्फ उठाया।

भारत के लोगों की तरफ से 19वें कॉमनवेल्थ गेम्स को मजबूती देने हेतु सहारा इण्डिया परिवार ने `जी जान से´ गाने को विख्यात संगीत तिकड़ी शंकर-ईशान-लॉय, सोनू निगम और सपना मुखर्जी के स्वरों में एक वीडियो रिकार्ड कराया और उसे तमाम विख्यात टीवी चैनलों पर दिखाया भी गया, जिसने अपनी उत्साहित करने वाली धुन और बेहतरीन माहौल द्वारा सबका दिल जीत लिया। इसके साथ `वी द पीपुल ऑफ इण्डिया´ दर्शाते हुए सहारा ने अखबारों में विज्ञापन भी दिया।

अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उभर रहा भारत की मनोहारी छवि दिखाने के लिए सहारा ने 71 प्रोफेशनल मॉडल्स को ओपनिंग सेरेमनी और मेडल बियरर्स के लिए प्लाकार्ड बियरर्स के रूप में बुलाया। यह इस दृष्टिकोण से किया गया कि दुनिया में जो करोड़ों टीवी देखने वाले लोग के समक्ष इनकी छवि बार-बार आ सके।

व्यक्तिगत मैटल कार्डस भारत पर विशिष्ट 164 पृष्ठ की कॉफी टेबल, आयोजन के लिए खासतौर से डिजायन किया गया ताजमहल पर बुक कम-डीवीडी का सीमित संस्करण, भारत पर एक फोल्डर, प्रणामयुक्त सुरूचिपूर्ण ब्रोच और कलाई घड़ी जैसे कुछ अन्य उपहार व भेंट सहारा इण्डिया परिवार द्वारा उदारतापूर्वक प्रदान किये गये। प्रत्येक उत्पाद का डिजायन और निर्माण इन-हाउस किया गया और प्रत्येक आइटम कहीं से भी कमतर न हो, अपने-आप में विशिष्ट और संग्रहणीय था।

खेलगांव में खेलों से जुड़े विविध पक्षों जैसे एकोमोडेशन हाउसकीपिंग, इंटरनेशनल एरेना, ट्रांसपोर्ट सुविधा और खासतौर पर प्रोटोकॉल को एक सूत्र में व्यवस्थित करने हेतु सहारा इण्डिया ने श्री सुब्रत रॉय सहारा की सोच और उपस्थिति द्वारा दिये जा रहे नेतृत्व के माध्यम से सभी क्षेत्रों में अपने हृदयग्राही आतिथ्य की छाप छोड़ी। श्री रॉय व्यक्तिगत रूप से एयरपोर्ट और कॉमनवेल्थ खेलगांव गए और लीविंग रूम फर्नीचर से वॉशरूम व खेलगांव की विशिष्ट सुविधाओं आदि का बारीक अवलोकन कर तदनुरूप उन्हें अधिक बेहतरीन व व्यवस्थित कराया। मात्र 48 घंटे में 1168 लीविंग एकोमेडेशन्स को बेहतरीन रूप दे दिया गया- यह सब कुछ ऐसा था जिसने बरबस सभी क्षेत्रों से वाहवाही पायी। रॉयल हाइनेस प्रिंस चाल्र्स, प्रिंस ऑफ वेल्स, हर रॉयल हाइनेस कामिला पार्कर बाउल्स, विभिन्न देशों के हाई-कमीशनर्स जिसमें भारत के भी शामिल थे, खेल मन्त्रियों और विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने इसे सराहा। सहारा टीम जो कि इस आयोजन के पीछे मददगार की भूमिका निभा रहा था ने सुनिश्चित किया कि अतिविशिष्ट अतिथियों का उनकी पद-प्रतिष्ठा के अनुरूप स्वागत-सत्कार किया जाए। अतिथि- जिनमें 71 देशों की टीमें शामिल थीं, विश्व स्तरीय सुविधाओं प्रदान की गईं वहीं एकोमोडेशन एवं हाउसकीपिंग में भी सुव्यवस्था बनी रही और खेलगांव प्रबन्धन को नियमित प्रेषित रिपोर्ट बता रही थी कि मेयर ऑफिस और चेफ डी मिशन्स की अतिव्यस्त दिनचर्या को बेहतरीन ढंग से निपटाया जा रहा है। इसके साथ ही ट्रेनिंग और अन्तरराष्ट्रीय एरेना श्रेष्ठतम रूप में संचालित हो रहे हैं जिससे कि खेलों की भावना को उसी माहौल और रंग-ढंग से मनाया जा रहा है जैसा कि वह अपेक्षा रखते हैं और जिसके वह अधिकारी होते हैं। सहारा टीम के सदस्य डेलीगेशन रजिस्ट्रेशन मीटिंग (डीआरएम) क्षेत्र में हर वक्त मौजूद रहे जिससे कि प्रत्येक टीम के खेलगांव में आने पर उनसे मिलें और उनकी हर प्रकार से मदद करें। खेल जब से शुरू हुए हैं सहारा की एक समर्पित टीम खिलाड़ियों को उनके सम्बन्धित स्टेडियम से आने जाने को उनके हिसाब से सुसंचालित करने हेतु ट्रांसपोर्टेशन मॉल पर नियुक्त की गई है वहीं अन्य टीमें इंटरनेशनल एरेना, ट्रेनिंग एरिया और रेजीडेंस सेन्टर्स में अपना सहयोग प्रदान कर रही हैं।

खेलों के आयोजन में सहभागिता पर टिप्पणी करते हुए श्री सुब्रत रॉय सहारा, मैनेजिंग वर्कर एवं चैयरमेन, सहारा इण्डिया परिवार ने कहा था कि “मैं विश्वास करता हूं कि हर-एक द्वारा लक्ष्य हेतु भावनात्मक रूप से एक साथ मिलकर किये जाने वाला कार्य सभी के ही लिए सर्वोत्तम परिणामों के साथ पूर्ण सन्तुष्टि का प्रमुख कारण बनेगा जिसमें लगभग सभी 7000 एथलीट, 3500 कॉमनवेल्थ गेम्स डेलीगेट्स, अतिविशिष्ट अतिथि, विदेशी सुप्रतििष्ठत लोग और विश्व भर से आए 2000 पत्रकार सम्मिलित होंगे, जो कि इस विशाल उत्सव हेतु एकत्रित हुए हैं। हमारी यह पहल तो इस दिशा में एक छोटा सा कदम भर है।

इसके अतिरिक्त सहारा ने 4 व 5 अक्टूबर 2010 को इण्डिया हैबिटैट सेन्टर में कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 के अधिकृत भव्य भोज की मेजबानी की और उसका आयोजन किया। सहारा कार्यकर्ताओं ने अतिविशिष्ट अतिथियों का उनकी पद-प्रतिष्ठा अनुरूप स्वागत-सत्कार का विशेष ध्यान रखा। इस भव्य भोज की थीम `महाराजा रॉयल´ थी और यह वह स्थान बना, जहां अन्तरराष्ट्रीय व्यक्तित्व, कॉमनवेल्थ एवं इंटरनेशनल ओलिम्पक एसोसियेशन प्रतिनिधि मण्डल, राजदूत, उच्चायुक्त, खिलाड़ी, कलाकार, अभिनेता और विख्यात लोगों ने गीत-संगीत व नृत्य की संध्या के साथ ही भारत के सभी प्रान्तों से रत्नजटित `राजकुमारियों´ के विशिष्ट भावनात्मक समागम का आनन्द उठाया। यह रात्रि थी जहां सौहार्द और भोजन एक साथ ख्याति और उत्कृष्टता को न केवल खेलों में अपितु स्वयं जिन्दगी का उत्सव मनाने के लिए जुटे थे। इस भोज में करीब 4000 मेहमानों ने शिरकत की। यह भोज लगातार दो शामों को आयोजित किये गये। आयोजन की भव्यता और चमक को चार चांद लगाने हेतु माइकलफनल, प्रेसिडेंट-कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन, माइक हूपर, सीईओ- कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन, कॉमनवेल्थ राष्ट्रों के वरिष्ठ कॉमनवेल्थ गेम्स के अधिकारी, विदेशी ख्यातिलब्ध लोग जिसमें हेड्स ऑफ स्टेट, प्रमुख उद्योगपति, राजनेता, नौकरशाह, खिलाड़ी एवं बॉलीवुड के मशहूर लोग भी मौजूद थे। प्रत्येक अतिथि को खासतौर से फ्रेब्रिकेटेड रेशम से निर्मित रत्न-मंजूषा में रखा एक खास रिटर्न गिफ्ट दिया गया जिसमें अत्यन्त बेहतरीन स्वर्णपत्ती से अंलकृत हस्तचित्रित मार्बल प्लेट्स मीनाकारी युक्त रखी गई थीं।

सहारा इण्डिया परिवार द्वारा अनुमोदित व प्रतिपादित सम्पूर्ण पहल को एक दृष्टि में देखा जाए तो इसमें लगभग रू0 10 करोड़ का खर्च आया , यह उन सभी मूल्यों से बढ़कर भारतीयता और वैश्विक स्तर पर टीम वर्क के सन्देश को पहुंचाने का एक अनोखा मौका साबित हुआ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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माननीया मुख्यमन्त्री जी ने प्रधानमन्त्री जी से भेंट कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए 2351 करोड़ रू0 की केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया

Posted on 19 October 2010 by admin

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने केन्द्र के स्तर पर लिम्बत परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृत करने की मांग की

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने आज नई दिल्ली में प्रधानमन्त्री डॉ0 मनमोहन सिंह से भेंट कर उन्हें इस वशZ प्रदेश में आयी भीशण बाढ़ से हुए भारी नुकसान से अवगत कराते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए 2351 करोड़ रूपये की केन्द्रीय सहायता तत्काल उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमन्त्री जी का ध्यान केन्द्र सरकार के स्तर पर लिम्बत सड़क, बिजली, सिंचाई, छात्रवृत्ति, एयरपोर्ट, कोयला आवंटन आदि से जुड़ी प्रदेश की परियोजनाओं एवं प्रस्तावों की ओर आकृश्ट कराते हुए इन परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृत करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के लिम्बत रहने से राज्य का विकास प्रभावित हो रहा है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने बाढ़ से हुई व्यापक तबाही के सम्बन्ध में प्रधानमन्त्री जी को अवगत कराते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए 2351 करोड़ रूपये की केन्द्रीय सहायता तत्काल उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हुए कहा कि पिश्चमी उत्तर प्रदेश के 12 जनपदों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने इन जनपदों को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोशित किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 33 जनपदों के 5959 गांव बाढ़ग्रस्त हुए तथा 08 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में खेती की भूमि क्षतिग्रस्त हुई है। बाढ़ से 425 से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु हुई और बड़ी संख्या में पशुओं की भी हानि हुई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण सड़क, पुल, तटबन्ध, बिजली के खंभे-तार आदि जैसी अवस्थापना सुविधाओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में आवास भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि प्रदेश के बाढग्रस्त़ क्षेत्रों के लिए केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराये जाने हेतु उन्होंने 22 सितम्बर, 2010 तथा 29 सितम्बर, 2010 को प्रधानमन्त्री जी को पत्र लिखे जा चुके हैं। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित उत्तराखण्ड राज्य को तो तत्काल केन्द्रीय सहायता उपलब्ध करा दी, परन्तु उत्तर प्रदेश सरकार को अभी तक कोई धनरािश नहीं उपलब्ध करायी है। उन्होंने कहा कि विगत 29 सितम्बर के अपने पत्र में उन्होंने प्रधानमन्त्री जी से प्रदेश में बाढ़ की विभीशिका से हुई व्यापक और भारी क्षति के आंकलन के लिए शीघ्र केन्द्रीय दल भेजने का भी अनुरोध किया था, परन्तु केन्द्र सरकार ने इस दिशा में अभी तक कोई पहल नहीं की है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने प्रधानमन्त्री जी से भ्ोंट के दौरान प्रधानमन्त्री ग्राम-सड़क योजना (पी0एम0जी0एस0वाई) तथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आर0जी0जी0वी0वाई0) से जुड़े राज्य सरकार के प्रस्तावों के सम्बन्ध में भी विचार-विमशZ किया। उन्होंने कहा कि पी0एम0जी0एस0वाई के अन्तर्गत प्रदेश में 500 से 1000 जनसंख्या वाले गांवों को जोड़ने के लिए 5962 करोड़ रूपये तथा आर0जी0जी0वी0वाई0 के तहत राज्य के 1.37 लाख मजरों के विद्युतीकरण के लिए 9700 करोड़ रूपये की योजनायें स्वीकृति हेतु केन्द्र सरकार को भेजी गई हैं, परन्तु केन्द्र के स्तर से इन लिम्बत योजनाओं में अभी तक प्रदेश सरकार को कोई सहयोग प्रदान नहीं किया गया है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के विकास से जुडे़ इन महत्वपूर्ण मामलों में केन्द्र सरकार का रवैया उत्तर प्रदेश के साथ भेदभावपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पी0एम0जी0एस0वाई में 1000 से अधिक आबादी वाले गांवों को सम्पर्क मार्ग से जोड़े जाने का कार्य प्रदेश में पूरा कर लिया गया है और अब 1000 से कम जनसंख्या वाले गांवों के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे गये हैं। लेकिन इन प्रस्तावोें को केन्द्र द्वारा इसलिए स्वीकृत नहीं किया जा रहा क्योंकि कई राज्यों में 1000 से अधिक आबादी के गांव अभी तक सम्पर्क मार्ग से नहीं जुड़ पाये हैं। इससे स्पश्ट है कि अच्छा कार्य करने पर राज्य का नुकसान हो रहा है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि आर0जी0जी0वी0वाई0 के तहत मुख्य गांवों तथा एक मजरे का विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित किया गया था। इस योजना में सभी मजरों का विद्युतीकरण भी होना है। प्रदेश द्वारा मजरों के विद्युतीकरण हेतु धनरािश की मांग की गई, लेकिन उस समय केन्द्र द्वारा कहा गया कि पहले सभी प्रदेशों के गैरविद्युतीकृत ग्रामों का कार्य पूर्ण किया जायेगा। इसके बाद ही मजरों के विद्युतीकरण की योजना स्वीकृत की जायेगी, लेकिन केन्द्र द्वारा अन्य प्रदेशों में जहां मुख्य गांव पहले से ही विद्युतीकृत हो चुके थे, उनके मजरों की योजनायें स्वीकृत कर दी गईं, लेकिन उत्तर प्रदेश के मजरों की योजनाओं को स्वीकृत नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में उनके स्तर से प्रधानमन्त्री जी को पूर्व में ही पत्र लिखे जा चुके हैं, इसके बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा इन योजनाओं के तहत मांगी गई धनरािश को उपलब्ध न कराया जाना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा वशZ 2012 तक पूरे देश के प्रत्येक घर को बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूर्ण कर पाना तब तक सम्भव नहीं है, जब तक उत्तर प्रदेश के इतनी बड़ी संख्या में विद्युतीकरण से वंचित ग्रामों/मजरों का सघन विद्युतीकरण नहीं कर दिया जाता।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने सेंट्रल रोड फण्ड की चर्चा करते हुए कहा कि स्थाई समिति द्वारा अनुमोदित की गई 602 करोड़ रूपये की प्रदेश की परियोजनाओं में से केन्द्र द्वारा 434 करोड़ रूपये की योजनाएं ही स्वीकृत की गईं और इसके सापेक्ष मात्र 1.80 करोड़ रूपये की धनरािश ही अवमुक्त की गई। उन्होंने प्रधानमन्त्री जी से इस योजना के तहत राज्य सरकार को तत्काल स्वीकृतियां जारी कराये जाने की मांग की।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने भेंट के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए केन्द्र सरकार के स्तर पर लिम्बत छात्रवृत्ति की धनरािश को केन्द्र सरकार द्वारा तत्काल अवमुक्त किए जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि पिछड़े वर्ग के पूर्व दशम एवं दशमोत्तर छात्रों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा क्रमश: 50 प्रतिशत एवं 100 प्रतिशत सहायता दी जाती है। अभी तक केन्द्र सरकार द्वारा वर्तमान वित्तीय वशZ के लिए पूर्वदशम छात्रवृत्ति मद में 249.48 करोड़ रूपये तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति मद में 304.76 करोड़ रूपये राज्य सरकार को उपलब्ध नहंी कराया गया है, जिसे तत्काल उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने प्रधानमन्त्री जी से विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध डिग्री कालेज िशक्षकों को यू0जी0सी0 वेतनमान लागू करने पर नियमानुसार केन्द्रीय अंश का 855.98 करोड़ रूपये तत्काल अवमुक्त करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि छठवें वेतन आयोग की संस्तुति के अनुसार विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध डिग्री कालेज के िशक्षकों को 01 जनवरी, 2006 से यू0जी0सी0 स्केल स्वीकृत किए गए हैं, जिसका 80 प्रतिशत अंश भारत सरकार द्वारा देय है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सीमा सुरक्षा बल की पुलिस चौकियों को सीमावर्ती जनपदों के मुख्य मार्गों से जोड़ने की परियोजना को शीघ्र स्वीकृत करने का प्रधानमन्त्री जी से अनुरोध करते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में 1621 करोड़ रूपये की राज्य सरकार की परियोजना केन्द्र के पास लिम्बत है, जिसे तत्काल स्वीकृत किया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अधिकांश सीमावर्ती क्षेत्र जंगल से आच्छादित हैं। इसलिए इन इलाकों में तेज आवा-गमन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए इन क्षेत्रों को राज्य की मुख्य सड़कों से जोड़ा जाना बेहद जरूरी है।

बैठक के दौरान माननीया मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदो स्टेट रोड प्रोजेक्ट-3 के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री जी को अवगत कराया कि विव बैंक के वित्तपाेाण से यािन्वित होने वाली 8844 करोड़ रूपये की सड़क एवं सेतु परियोजना केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय में लम्बित है। सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा इस परियोजना को वित्त मंत्रालय के माध्यम से विव बैंक को माह जून, 2010 में ही प्रस्तुत कर दिया जाना चाहिए था, परन्तु अनावयक रूप से इस परियोजना को लम्बित रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को 80 माह में पूरा किया जाना है। ऐसी स्थिति में यदि स्वीकृति प्राप्त होने में विलम्ब होगा, तो परियोजना को समय से पूरा करने में कठिनाई होगी और इससे राज्य की जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

माननीया मुख्यमंत्री जी पूर्वी उत्तर प्रदो के लिए तैयार की गयी सरयू परियोजना की तरफ प्रधानमंत्री जी का ध्यान आकृट करते हुए अनुरोध किया कि सरयू परियोजना को 0आई0बी0पी0 के तहत तत्काल राटीय परियोजना घोात किया जाये। उन्होंने इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा भेजी गयी 7250 करोड़ रूपये की लागत की सरयू नहर परियोजना को तत्काल स्वीकृत किए जाने की मांग करते हुए कहा कि उत्तर प्रदो में 0आई0बी0पी0 के अन्तर्गत कोई भी परियोजना राटीय परियोजना नहीं घोात की गयी है। उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदो पहले से ही काफी पिछड़ा क्षेत्र है। इस परियोजना से पूर्वी उत्तर प्रदो में 14-04 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन होगा।

राज्य सरकार द्वारा वित्तीय संसाधनों का सम्यक प्रबंधन करने के बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा पर्याप्त मदद नहीं उपलब्ध कराये जाने को माननीया मुख्यमंत्री जी ने अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि विगत पांच वित्तीय र्वााें से राज्य सरकार ने राजस्व बचत प्राप्त करने का सिलसिला बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2010 को समाप्त हुए वित्तीय र्वा में राज्य सरकार ने 7047 करोड़ रूपये की राजस्व बचत प्राप्त की। उन्होंने कहा कि प्रदो का राजकाेाीय घाटा पिछले वित्तीय र्वा की समाप्ति पर जी0एस0डी0पी0 का 3-8 प्रताित रहा। उन्होंने प्रधानमंत्री जी से अनुरोध किया कि राज्य सरकार के बेहतर वित्तीय रिकार्ड को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा भरपूर मदद उपलब्ध करायी जानी चाहिए।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रदो के सभी क्षेत्रों में समान रूप से विकास की आवयकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री जी से यह भी अनुरोध किया कि प्रदो के पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए केन्द्र सरकार के स्तर से वाेाि वित्तीय सहयोग दिए जाने की आवयकता है। इस सम्बन्ध में राज्य के सर्वांगीर्ण विकास हेतु प्रदो सरकार द्वारा 80 हजार करोड़ रूपये के वाेाि आर्थिक सहायता पैकेज का प्रस्ताव पहले ही भारत सरकार को भेजा गया था। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव में बुन्देलखण्ड एवं पूर्वांचल में अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं अन्य महत्वपूर्ण आवयकताओं को ाामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि डॉ0 सामरा समिति की संस्तुतियों के आधार पर केन्द्र सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए 3506 करोड़ रूपये का वाेाि पैकेज स्वीकृत किया गया है, परन्तु पैकेज का अधिकाां भाग चालू केन्द्रीय योजनाओं में ही सम्मिलित कर लिया गया है। इस प्रकार इस वाेाि पैकेज की घाेाणा के बाद भी मात्र 550 करोड़ रूपये प्रतिर्वा एवं कुल 1200 करोड़ रूपये ही बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के लिए प्राप्त होंगे, जो अपर्याप्त है। उन्होंने प्रधानमंत्री जी से बुन्देलखण्ड तथा पूर्वान्चल क्षेत्रों के लिए उत्तराखण्ड एवं अन्य राज्यों की भांति वाेाि क्षेत्र इन्सेन्टिव पैकेज स्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी से भेंट के दौरान ताज इन्टरनोनल एयरपोर्ट, जेवर का वाेाि रूप से उल्लेख करते हुए इस परियोजना को तत्काल स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 26-05-2007 को बैठक में आवस्त किया था कि केन्द्र सरकार तीन माह में ताज इन्टरनोनल एयरपोर्ट को स्वीकृति प्रदान कर देगी, यदि उत्तर प्रदो सरकार केन्द्र सरकार एवं इन्दिरा गांधी इन्टरनोनल एयरपोर्ट के विकासकर्ता के मध्य अनुबन्धीय दायित्वों को स्वीकार करने में सहमत हों। केन्द्र सरकार की इस ार्त के मुताबिक राज्य सरकार ने 29-05-2007 को इस प्रस्ताव को सहमति प्रदान कर दी थी। उन्होंने अफसोस व्यक्त किया कि केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक इस महत्वपूर्ण परियोजना को स्वीकृति प्रदान नहीं की गयी है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले केन्द्र सरकार द्वारा दिल्ली इन्टरनोनल एयरपोर्ट लिमिटेड ¼DIAL½ को सम्बद्ध करते हुए सप्लीमेण्टी Techno Economic Feasibility Report (TEFR) मांगी गयी। यद्यपि केन्द्र सरकार का यह अनुरोध ठीक नहीं था, क्योंकि क्प्।स् इस मामले में स्वयं एक पक्षकार है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा सप्लीमेण्टी TEFR दिए जाने के बाद अब केन्द्र सरकार द्वारा पुन: टैफिक स्टडी कराये जाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट नीति-2008 के अन्तर्गत ताज इन्टरनोनल एयरपोर्ट परियोजना अनुमन्य है। उन्होंने कहा कि हवाई यातायात में हो रही वृद्धि एवं इन्दिरा गांधी अन्तर्राटीय एयरपोर्ट पर बढ़ते दबाव के मद्देनजर नई दिल्ली के लिए दूसरा एयरपोर्ट नितान्त आवयक है। उन्होंने कहा कि नवी मुम्बई, मोपा तथा कन्नूर में 150 किलोमीटर की परिधि में दूसरा एयरपोर्ट स्वीकृत किया गया है। इसलिए ताज इन्टरनोनल एयरपोर्ट परियोजना को स्वीकृत करने में केन्द्र को विलम्ब नहीं करना चाहिए।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी को अवगत कराया कि उत्तर प्रदो में बिजली की बढ़ती हुई मांग की तुलना में उपलब्धता कम है, क्योंकि विगत 15 र्वााें में विद्युत उत्पादन की वस्तुत: कोई अतिरिक्त क्षमता स्थापित नहीं की गयी। प्रदो को बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने यह भी बताया कि विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में राज्य को आत्म निर्भर बनाने के लिए प्रदो सरकार द्वारा आगामी 07 र्वााें में 25 हजार मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदो अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण दो में उत्पादित कोयले पर ही निर्भर है। इसलिए राज्य सरकार द्वारा कोयला मंत्रालय से थर्मल पावर प्लान्ट हेतु कोल लिंकेज स्वीकृत किए जाने और 06 कोल ब्लॉक आवंटित किए जाने का अनुरोध पहले ही किया गया है, ताकि प्रस्तावित विद्युत उत्पादन परियोजनाओं के लिए पर्याप्त कोयला उपलब्ध हो सके। उन्होंने प्रधानमंत्री जी से कोयला मंत्रालय में लम्बित इन प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान कराने का अनुरोध किया।

बैठक के दौरान माननीया मुख्यमंत्री जी ने आाा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री जी उत्तर प्रदो के विकास और यहां की जनता की आवयकताओं को ध्यान में रखते हुए उनके द्वारा उठाये गये सभी बिन्दुओं पर गम्भीरता से विचार करते हुए सकारात्मक निर्णय लेने के लिए सम्बन्धित मंत्रालयों को निर्देात करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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सहारा हॉिस्पटल में समस्त ब्रेस्ट डिसआर्डर हेतु पांच दिवसीय कैंप शुरू

Posted on 19 October 2010 by admin

sahara1कैंप में रोगियों को परामर्श, अल्ट्रा-साउण्ड व मैमोग्राम की नि:शुल्क सुविधा मिलेगी

सहारा हॉिस्पटल ने अपने इन्डोक्राइन एवं बे्रस्ट सर्जरी विभाग के तहत आज से पांच दिवसीय नि:शुल्क कैंप की शुýआत की है। हर किस्म के ब्रेस्ट डिसआर्डर कैंप का यह आयोजन ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह के अन्तर्गत शुक्रवार, 22 अक्टूबर, 2010 तक ओ.पी.डी. लेवल 3, सहारा हॉिस्पटल, गोमती नगर लखनऊ में पीड़ित आगन्तुकों के लिए जारी रहेगा।
कैंप में दी जा रही नि:शुल्क सेवाओं के तहत नि:शुल्क परामर्श और महिला ब्रेस्ट स्पेशिलिस्ट द्वारा चेक-अप के साथ ही नि:शुल्क अल्ट्रासाउण्ड और मैमोग्राम की सुविधाएं भी दी जाएंगी। उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मौत को मैमोग्राफी रोक सकती है, क्योंकि नियमित मैमोग्राफी स्क्रीनिंग, बे्रस्ट कैंसर को शुýआत में ही जांच लेने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है। इस प्रकार की नि:शुल्क सेवाओं में अत्याधुनिक उपकरण रहेंगे जिसमें 3000 नोवा मैमोग्राम मशीन शामिल है, जो स्टिरियोटैक्टिक बॉयोप्सी सिस्टम से युक्त है। साथ ही हाई-एण्ड अल्ट्रासाउण्ड मशीन भी है, जो सभी प्रकार के ब्रेस्ट सम्बन्धित दिक्कतों की जांच करेगी।
डॉ. एच.पी. कुमार, डायरेक्टर (मेडिकल हेल्थ) के योग्य दिशा-निर्देशन और संरक्षण में इस कैंप का संचालन किया जा रहा है। इस कैंप के डॉक्टरों की टीम में डॉ. फरहा अरशद (ब्रेस्ट सर्जन) और डॉ. नीता भट्टाचार्या (रेडियोलॉजिस्ट) शामिल हैं, जो पीड़ितों को सेवाएं प्रदान कर रही हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बेमौसम बरसात ने किया दुगाZ पूजा महोत्सव का मजा किरकिरा

Posted on 19 October 2010 by admin

बेमौसम हुई हल्की बरसात में दुगाZ पूजा महोत्सव का आनन्द किरकिरा कर दिया। पूरे पाण्डाल बरसात के पानी से टपकने लगे। सड़क पर पानी एकठ्ठा हो जाने के कारण दशZनार्थियों को काफी दिक्कते उटानी पड़ी। दशZनार्थी भी प्रतिदिन की अपेक्षा आज कम आये।

ज्ञात हो कि एिशया में कोलकाता के बाद सुलतानपुर का नाम दुगाZ पूजा महोत्सव के लिए प्रसिद्ध है। जहां पर दशमी के बाद पूर्णमासी तक चलने वाले इस महोत्सव में मां भगवती के विभिन्न रूपो की झांकियां, मण्डप सज्जा, विद्युत सज्जा, भक्ति गीतो का कर्णप्रिय संगीत प्रसारण आदि की अनुपम छटा देखने के लिए लाखो श्रद्धालुओं की भीड़ आती है। महोत्सव के दौरान विभिन्न सामाजिक संगठनो द्वारा खोया पाया कैम्प, चिकित्सा िशविर, भण्डारा प्रसाद, लंगर आदि का वृहद आयोजन किया जाता है। नगर में ऐसी कई झाकियां इतनी सुरूचिपूर्ण एवं आकशZक बनायी गई है जिनके दशZन के लिए श्रद्धालुओं को मीलो लम्बी लाइन लगानी पड़ती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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त्यौहार आते ही गैस की कालाबाजारी जोरो पर

Posted on 19 October 2010 by admin

•    छोटे, बड़े होटल कर रहे हैं घरेलू गैस का प्रयोग

जिला पूर्ति विभाग की हमेशा सोच यही रहती है कि खामिया पाये जाने के बाद उस व्यक्ति के ऊपर तत्काल कार्यवाही की जायेगी किसी प्रकार की सिफारिश नही सुनी जायेगी। भ्रश्टाचार का खुला दावा करने वाले जिला पूर्ति विभाग को भले ही न दिखाई पडे जागरूक जनता सब जान चुकी है, जब अधिकारी अपने कार्यो के प्रति सचेत नही हेागा तो आये दिन जिले में गैस की कालाबाजारी, अपने शबाब पर ही होगा। बताते चले कि केन्द्र सरकार घरेलू गैस कनेक्शन के लिये प्रदेश सरकार को सिब्सडी देती है गैस सिलेण्डरो का व्यवसायिक उपयोग होने से सरकार कि चुनौतियो पर प्रदेश सरकार के अधिकारी धोखा दे रहे है। स्थानीय प्रशासन की इस अनदेखी से कालाबाजारी को बढ़ावा मिल रहा है क्षेत्र से लेकर जिले में छोटे बड़े होटल  एवं जलपान गृहो की संख्या लगभग सैकड़ो मेें होगी लगता है कि इन व्यवसायियों का व्यवसाय इन्ही गैस सिलेन्डरो से होता है। शहर में इस समय ऐतिहासिक दुगाZ पूजा महोत्सव चल रहा है जगह जगह भण्डारे चल रहे हैं, दुकानदार चाय,समोसा आदि बना  रहे हैं। जिसके कारण आम उपभोक्ता को समय रहते गैस एजेन्सी मालिक गैस की सुविधा नहीं दे पा रहे हैं। भारत  गैस के उपभोक्ता नं0-51 राधेश्याम की गैस की बुकिंग तिथि 05.10.10, रामशंकर उपभोक्ता नं0-50 गैस की बुकिंग तिथि 09.10.10 ऐसे ही दर्जनो उपभोक्ता को 15 दिन बाद भी गैस नहीं उपलब्ध हो पा रही है। हिन्दुस्तान गैस एजेन्सी के उपभोक्ता दिलीप सिंह, उमाशंकर अग्रहरि की लगभग 20 दिन बुकिंग तिथि के बाद भी गैस उपलब्ध नहीं हो पायी है। जबकि गैस मालिक अपना फरमान यह जारी कर रखे हैं कि 21 दिन के बाद ही गैस उपभोक्ता को मिल पायेगी। इस सम्बन्ध में जिला पूर्ति अधिकारी से बात करने  पर पता चलता है कि ऐसा कोई सरकारी आदेश नहीं है। यह आदेश एजेन्सी वाले खुद ही बना रखे हैं, अर्थात सब जानते हुए  अधिकारी चुप क्यों है र्षोर्षो क्या गैस मालिको द्वारा प्रति माह सुविधा शुल्क साहब को मिलता है जो आंख बन्द किये जिले का कार्यभार सम्भाल रहे है। घरेलू गैस 21रू0 प्रति किलो तथा व्यवसायिक गैस 40रू0 प्रति किलो पर विक्री करने का सरकार का दावा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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तीन दिवसीय अन्र्तशाखा एन.टी.एस. िक्वज प्रतियोगिता सी.एम.एस. में प्रारम्भ

Posted on 19 October 2010 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अन्तर-शाखा नेशनल टैलेन्ट सर्च (एन.टी.एस.) िक्वज प्रतियोगिता आज सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में प्रारम्भ हुई। प्रतियोगिता का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री योगेन्द्र शर्मा, पूर्व वरिष्ठ साइक्लोजिस्ट, ब्यूरो ऑफ साइक्लोजी, इलाहाबाद, ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर छात्रों को सम्बोधित करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता छात्रों के मानसिक विकास में विशेष सहायक होती है एवं उन्हें चुनौतियों से रचनात्मक तरीके से जूझने की प्रेरणा व क्षमता प्रदान करती हैं। सी.एम.एस. की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार की रचनात्मक एवं सृजनात्मक प्रतियोगिताओं के माध्यम से अपने छात्रों की बहुमुखी प्रतिभा को निखारना वाकई प्रशंसनीय है। ऐसे आयोजनों से छात्रों में आत्मविश्वास का संचार होता है एवं यही छात्र आगे चलकर अपने सर्वोत्कृष्ट ज्ञान व बुद्धिमत्ता से सम्पूर्ण विश्व में अपना परचम लहरायेंगे।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस तीन दिवसीय अन्र्तशाखा एन.टी.एस. िक्वज प्रतियोगिता के प्रतिभागी छात्र आगामी 21 नवम्बर को आयोजित हो रही भारत सरकार की `राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा´ (नेशनल टेलेन्ट सर्च) की राज्य स्तरीय परीक्षा में सम्मिलित होंगे। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय अन्र्तशाखा एन.टी.एस. िक्वज प्रतियोगिता के अन्तर्गत में सी.एम.एस. के विभिन्न आइ.सी.एस.ई. कैम्पस के छात्र मेन्टल एबिलिटी, गणित, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, नागरिक शास्त्र, इतिहास तथा भूगोल आदि विषयों की िक्वज प्रतियोगिताओं में अपने ज्ञान का परचम लहरा रहे हैं। प्रतियोगिता के पहले दिन आज सी.एम.एस. के विभिन्न कैम्पस के छात्रों ने मेन्टल एबिलिटी एवं नागरिक शास्त्र की िक्वज प्रतियोगिताओं में अपनी मानसिक क्षमता व ज्ञान का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया।
श्री शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एन.सी.ई.आर.टी.) द्वारा `राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा´ (नेशनल टेलेन्ट सर्च) पहले जिला स्तर पर, फिर राज्य स्तर पर तथा अखिल भारतीय स्तरों पर आयोजित होती हैं। भारत सरकार इन परीक्षाओं द्वारा पूरे देश से प्रतिभाशाली छात्रों का चयन नेशनल टेलेन्ट सर्च स्कॉलरशिप प्रदान करने के लिए करती है। अखिल भारतीय स्तर पर चयनित इन मेधावी छात्रों को रिसर्च स्तर तक की उच्च शिक्षा का सम्पूर्ण खर्चा भारत सरकार प्रदान करती है। उल्लेखनीय है कि विगत अनेक वषोZ से राष्ट्रीय प्रतिभा खोज की मुख्य परीक्षा में सी.एम.एस. छात्र सर्वाधिक संख्या में चुने जाने का गौरव प्राप्त करते आ रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुख्यमन्त्री कल बिहार के दौरे पर

Posted on 19 October 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री एवं बी0एस0पी0 की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी कल 20 अक्टूबर, 2010 को बिहार राज्य के चुनावी भ्रमण कार्यक्रम पर जा रही हैं।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार माननीया मुख्यमन्त्री जी सिवान जनपद के महाराजगंज तथा पश्चिमी चम्पारन जनपद के बेतिया में आयोजित जनसभाओं को सम्बोधित करेंगी। इन जनसभाओं में बी0एस0पी0 प्रमुख बी0एस0पी0 सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों के आधार पर अपने पार्टी प्रत्याशियों को भारी मतों से विजयी बनाने के लिए बिहार की जनता से अपील करेंगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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ग्राम लालगढी व सिकन्दरपुर में शान्ति व्यवस्था के हित में धारा-144 चकरोड के किनारे मुडिया गाडने तथा फैिन्संग करने पर प्रतिबन्ध

Posted on 19 October 2010 by admin

ग्राम लालगढी व सिकन्दरपुर में चकरोड मार्ग पर मुडिया गाड देने के कारण उत्पन्न विवाद से लोक प्रशान्ति के भंग होने की आशंका को देखते हुए जनहित में तत्काल निशेध एवं त्वरित कार्यवाही हेतु शान्ति व्यवस्था के हित में धारा 144 के अन्तर्गत निशेधाज्ञा जारी गई है।
अपर नगर मजिस्ट्रेट (प्रथम) वी.के. मौर्य ने जारी आदेश में कहा है कि सचिव एवं पदाधिकारीगण राधा स्वामी सत्संग सभा दयालबाग तथा संस्था से जुडे किसी भी व्यक्ति द्वारा दयालवाग के गाटा संख्या 142 एवं 177 स्थित ग्राम सिकन्दरपुर मुस्तकिल, तहसील सदर जो कि भू-अभिलेखों में चकमार्ग अंकित है तथा जिस पर पक्की सडक बनी हुई है, के किनारे किसी भी प्रकार से वर्तमान स्थिति में परिवर्तन नही किया जायेगा और न ही कोई परिर्वतन हेतु प्रेरित करेगा। संस्था के पदाधिकारीगण तथा संस्था से जुडे किसी भी व्यक्ति द्वारा इस चकरोड के किनारे मुडिया(च्पससन्त) गाडने तथा फैिन्संग की कार्यवाही नही की जायेगी।
उन्होंने कहा है कि किसी भी व्यक्ति एवं व्यक्तियों के समूह द्वारा गाटा संख्या 142 एवं 177 अथवा उसके समीप भूमि की वर्तमान स्थिति में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नही किया जायेगा और न ही कोई परिवर्तन हेतु प्रेरित करेगा। निशेधाज्ञा का उलघंन धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Sahara India Pariwar’s whole hearted contribution made difference to Commonwealth Games

Posted on 19 October 2010 by admin

saharaSahara India Pariwar, the multi business conglomerate, which always stood for the country and is the leading promoter of sports in India, has been a major corporate contributor in the preparation and organising of XIX Commonwealth Games 2010. As a part of its services to the beloved nation and in order to shore up the image of the country at this critical time, Sahara has extended help to the games’ organising committee with it’s quality human resource, services spread across various functional areas, incentives for volunteers, investments in ‘guest delight’ initiatives including giveaways and events, etc. so the games are memorable to all the guests coming from across the world.

Shri Suresh Kalmadi, Chairman - Organising Committee, XIX Commonwealth Games 2010 while commenting on Sahara’s contribution said, “I convey my heartfelt thanks to Sahara India Pariwar not only for more than 300 dedicated senior workers who worked day and night, but also for the whole-hearted emotional and material support and the innovative initiatives, ideas and good thoughts which elevated the moral of the countrymen and gave boost to the image of the country in the eyes of 12000 foreign players and guests.”

He further said, “From Games Village to Airport and other important locations the support extended by Sahara India Pariwar has considerably helped athletes, delegates, officials and guests, playing a vital role in the organising of the games.” While praising the group he said that the group has considerably contributed in the promotion of sports in India. In addition to Cricket and Hockey, the group is playing an important role in promoting Indian wrestling, boxing, archery and shooting. The results are evident from the medal tally of Commonwealth Games.
At the time when the successful organising of games, was mired with scepticism, Saharasri Subrata Roy Sahara took the initiative and committed himself along with the group to restore the nation’s pride at this critical time. His foremost thought was that a good experience is the best antidote to bad expectations and the brief given to the entire workforce was to do their utmost so as to ensure that each and every visitor and guest feels pampered and returns with an experience of a lifetime.

For Sahara, as termed by Saharasri and now endorsed by many leading personalities, the Commonwealth games are a national festival. Hence as an Indian, he took it as his duty to make it a success and bring glory to the nation at this time when India is in limelight for its rising position as a super power.
In addition to drumming up team spirit across the nation with inspiring messages, through media, outdoor, the group deployed more than 300 of its officials of the rank of Executive Directors, Deputy Directors, Assistant Directors, General Managers and senior and junior staff, for the games. The Sahara team lead by Mr. Subrata Roy Sahara started identifying gaps, undertook initiatives at its own end and made interventions in discussion with the organising committee to make the games experience seamless and pleasant. He personally visited all the venues and various locations concerned with the Commonwealth Games. The trained officials of Sahara from the Hospitality business and aviation were deployed at airport, railways stations, sports village, hotels and venues, so that a flawless support can be provided in catering the best experience to the guests coming from across the world for the games.

Mr. Roy recognised that the role of volunteers is selfless and also very critical for the success of the games. He even enrolled himself as a volunteer for the Games. To boost the draining morale of volunteers he himself addressed them and announced an incentive and award programme for them. Under the programme, Sahara will gift high-end mobile phones to 100 top performing volunteers. While for the next 200 and then below that for 300 best performances, Sahara will give Gift hampers/voucher worth of Rs. 5,000/- and Rs. 3,000/- respectively. In addition to this, Sahara has gifted wrist watches and will be providing two complementary tickets to the Protocol and CGA relations volunteers so that their parents can visit the stadium.
To support the XIX Commonwealth Games, Sahara India Pariwar, on behalf of the people of India, commissioned and especially recorded a song, ‘Ji Jaan Se’ by celebrity music trio Shankar-Ehsan-Loy, Sonu Nigam and Saapna Mukherjee, captured it all in its pulsating beat and expansive mood. The video was played out on many prominent TV Channels. Sahara also came up with newspaper advertisements signed as ‘we the people of India’.

In order to portray a pleasant image of the nation complementing its growing position internationally, the group hired 71 Professional Models as Placard Bearers for the opening ceremony and Medal Bearers. This was done from the point of view that these images will repeatedly appear in front of the billions of TV viewers across the world, watching the games.

Personalized Metal Cards, a classy 164 page coffee table book on India, a high quality specially designed limited Edition Book cum-DVD on the Taj Mahal, a folder on India, an exhaustive sports Record Book, wrist watches, an elegant brooch with ‘pranam’ motif are some of the other gifts and presents generously given away by Sahara India. Each of these products has been conceived and designed in-house, and each is a collector’s item of no mean measure.

At Games Village, Sahara chose to orchestrate the different key aspects of the Games, such as accommodation, housekeeping, international arena, transportation facilitation and, significantly, protocol, Sahara India, led from the front by Mr. Subrata Roy Sahara, brought the touching warmth of her hospitality in everything. Mr. Roy personally toured the CWG Village, his keen eye for detail making subtle but critical changes to everything from the living room furniture to the washroom and leisure facilities of the Games Village. Within 48 hours flat, 1168 living accommodations were turned perfect – something that drew nods of appreciation from all quarters, such as His Royal Highness Prince Charles, Her Royal Highness Camilla Parker Bowles, the High Commissioners of various countries including sports ministers and India’s own political leaders. The group’s helpful, behind-the-scenes presence made sure that VVIP’s were received with the dignity of their office, that visitors – including teams from all 71 countries - were familiarized with the world class facilities, that accommodation & housekeeping went without a hitch, that regular reports were submitted to the Village Administration, that the busy schedule of the Mayor’s office and those of the Chef de Missions were deftly handled, that the training and international arenas were in top shape, and that the spirit of the Games was celebrated in the tone and tempo it deserves and commands. The Sahara Team members were present round-the-clock in the delegation registration meeting (DRM) area to meet and assist every team on arrival to the village. Ever since the games have begun, one dedicated team from Sahara is deputed at the transportation mall to co-ordinate the movement of players to the respective stadium and back, while its other teams are contributing at the International Arena, training area and residence centers.
Commenting on the involvement in the organising of the Games, Shri Subrata Roy Sahara - Managing Worker & Chairman, Sahara India Pariwar, said “I believe that everyone working together in a collective manner with emotional bondage for a cause, can only deliver great results to the full satisfaction of all including around 7000 Athletes, 3500 CGA Delegates, VVIPs, Foreign Dignitaries and around 2000 Journalists from across the world who are congregating for this great festival. All our initiatives are a small contribution in this direction only.”

“For Sahara as mentioned by Saharasri and now endorsed by many leading personalities, the Commonwealth games are the national festival. Hence as an Indian we have a duty to make it a success and all our efforts are to contribute at the best in bringing glory to the nation at this time when India is the point of attention among so many nations.” informs Shri Ahibijit Sarkar, Director Communications, Sahara India Pariwar who has been involved in the operations for the Games.

Apart from this, the group also organized and hosted the gala ‘Official Dinner of Commonwealth Games 2010’ at India Habitat Centre on 4th and 5th of October 2010. The Sahara officials made sure that the VVIP’s were received with the dignity of their office. The theme of the gala dinner was ‘Maharaja Royal’ and it was a place where international dignitaries, Commonwealth and International Olympic Association delegates, Ambassadors, High Commissions, players, artists, actors and famous personalities were ushered to an evening of song, dance and rare emotion by bejeweled ‘princesses’ from all regions of India. It was a night where camaraderie and curry came together to celebrate the glory of excellence not just in sports, but of life itself. The dinner was attended by around 4000 guests who came on two consecutive evenings. Adding to the shine and glitter of the occasion was the presence of Michael Fennell (President – Commonwealth Games Federation), Mike Hooper (C.E.O. – Commonwealth Games Federation), Senior CGA Officials of all the Commonwealth Countries, Foreign Dignitaries, including Heads of State, Leading Industrialists, Politicians, Bureaucrats, Sportspersons and Bollywood celebrities. Each guest was given a special return gift, comprising high quality hand painted marble plates with ‘meenakari’ and gold leafing packed in a specially fabricated silk jewelry box.

The entire gamut and canvass of the initiatives were proposed, implemented and funded by Sahara India Pariwar – the estimated cost of which had run upto a whopping Rs. 10 crores. But for a corporate that has always put emotion before economics, this was, more than anything else, a unique opportunity to share its message of Bharatiyata (universal Indian-ness) and its credo of teamwork with the world at large.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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