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माननीया मुख्यमन्त्री जी ने प्रधानमन्त्री जी से भेंट कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए 2351 करोड़ रू0 की केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया

Posted on 19 October 2010 by admin

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने केन्द्र के स्तर पर लिम्बत परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृत करने की मांग की

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने आज नई दिल्ली में प्रधानमन्त्री डॉ0 मनमोहन सिंह से भेंट कर उन्हें इस वशZ प्रदेश में आयी भीशण बाढ़ से हुए भारी नुकसान से अवगत कराते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए 2351 करोड़ रूपये की केन्द्रीय सहायता तत्काल उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमन्त्री जी का ध्यान केन्द्र सरकार के स्तर पर लिम्बत सड़क, बिजली, सिंचाई, छात्रवृत्ति, एयरपोर्ट, कोयला आवंटन आदि से जुड़ी प्रदेश की परियोजनाओं एवं प्रस्तावों की ओर आकृश्ट कराते हुए इन परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृत करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के लिम्बत रहने से राज्य का विकास प्रभावित हो रहा है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने बाढ़ से हुई व्यापक तबाही के सम्बन्ध में प्रधानमन्त्री जी को अवगत कराते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए 2351 करोड़ रूपये की केन्द्रीय सहायता तत्काल उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हुए कहा कि पिश्चमी उत्तर प्रदेश के 12 जनपदों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने इन जनपदों को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोशित किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 33 जनपदों के 5959 गांव बाढ़ग्रस्त हुए तथा 08 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में खेती की भूमि क्षतिग्रस्त हुई है। बाढ़ से 425 से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु हुई और बड़ी संख्या में पशुओं की भी हानि हुई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण सड़क, पुल, तटबन्ध, बिजली के खंभे-तार आदि जैसी अवस्थापना सुविधाओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में आवास भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि प्रदेश के बाढग्रस्त़ क्षेत्रों के लिए केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराये जाने हेतु उन्होंने 22 सितम्बर, 2010 तथा 29 सितम्बर, 2010 को प्रधानमन्त्री जी को पत्र लिखे जा चुके हैं। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित उत्तराखण्ड राज्य को तो तत्काल केन्द्रीय सहायता उपलब्ध करा दी, परन्तु उत्तर प्रदेश सरकार को अभी तक कोई धनरािश नहीं उपलब्ध करायी है। उन्होंने कहा कि विगत 29 सितम्बर के अपने पत्र में उन्होंने प्रधानमन्त्री जी से प्रदेश में बाढ़ की विभीशिका से हुई व्यापक और भारी क्षति के आंकलन के लिए शीघ्र केन्द्रीय दल भेजने का भी अनुरोध किया था, परन्तु केन्द्र सरकार ने इस दिशा में अभी तक कोई पहल नहीं की है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने प्रधानमन्त्री जी से भ्ोंट के दौरान प्रधानमन्त्री ग्राम-सड़क योजना (पी0एम0जी0एस0वाई) तथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आर0जी0जी0वी0वाई0) से जुड़े राज्य सरकार के प्रस्तावों के सम्बन्ध में भी विचार-विमशZ किया। उन्होंने कहा कि पी0एम0जी0एस0वाई के अन्तर्गत प्रदेश में 500 से 1000 जनसंख्या वाले गांवों को जोड़ने के लिए 5962 करोड़ रूपये तथा आर0जी0जी0वी0वाई0 के तहत राज्य के 1.37 लाख मजरों के विद्युतीकरण के लिए 9700 करोड़ रूपये की योजनायें स्वीकृति हेतु केन्द्र सरकार को भेजी गई हैं, परन्तु केन्द्र के स्तर से इन लिम्बत योजनाओं में अभी तक प्रदेश सरकार को कोई सहयोग प्रदान नहीं किया गया है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के विकास से जुडे़ इन महत्वपूर्ण मामलों में केन्द्र सरकार का रवैया उत्तर प्रदेश के साथ भेदभावपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पी0एम0जी0एस0वाई में 1000 से अधिक आबादी वाले गांवों को सम्पर्क मार्ग से जोड़े जाने का कार्य प्रदेश में पूरा कर लिया गया है और अब 1000 से कम जनसंख्या वाले गांवों के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे गये हैं। लेकिन इन प्रस्तावोें को केन्द्र द्वारा इसलिए स्वीकृत नहीं किया जा रहा क्योंकि कई राज्यों में 1000 से अधिक आबादी के गांव अभी तक सम्पर्क मार्ग से नहीं जुड़ पाये हैं। इससे स्पश्ट है कि अच्छा कार्य करने पर राज्य का नुकसान हो रहा है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि आर0जी0जी0वी0वाई0 के तहत मुख्य गांवों तथा एक मजरे का विद्युतीकरण का कार्य सम्मिलित किया गया था। इस योजना में सभी मजरों का विद्युतीकरण भी होना है। प्रदेश द्वारा मजरों के विद्युतीकरण हेतु धनरािश की मांग की गई, लेकिन उस समय केन्द्र द्वारा कहा गया कि पहले सभी प्रदेशों के गैरविद्युतीकृत ग्रामों का कार्य पूर्ण किया जायेगा। इसके बाद ही मजरों के विद्युतीकरण की योजना स्वीकृत की जायेगी, लेकिन केन्द्र द्वारा अन्य प्रदेशों में जहां मुख्य गांव पहले से ही विद्युतीकृत हो चुके थे, उनके मजरों की योजनायें स्वीकृत कर दी गईं, लेकिन उत्तर प्रदेश के मजरों की योजनाओं को स्वीकृत नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में उनके स्तर से प्रधानमन्त्री जी को पूर्व में ही पत्र लिखे जा चुके हैं, इसके बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा इन योजनाओं के तहत मांगी गई धनरािश को उपलब्ध न कराया जाना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा वशZ 2012 तक पूरे देश के प्रत्येक घर को बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूर्ण कर पाना तब तक सम्भव नहीं है, जब तक उत्तर प्रदेश के इतनी बड़ी संख्या में विद्युतीकरण से वंचित ग्रामों/मजरों का सघन विद्युतीकरण नहीं कर दिया जाता।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने सेंट्रल रोड फण्ड की चर्चा करते हुए कहा कि स्थाई समिति द्वारा अनुमोदित की गई 602 करोड़ रूपये की प्रदेश की परियोजनाओं में से केन्द्र द्वारा 434 करोड़ रूपये की योजनाएं ही स्वीकृत की गईं और इसके सापेक्ष मात्र 1.80 करोड़ रूपये की धनरािश ही अवमुक्त की गई। उन्होंने प्रधानमन्त्री जी से इस योजना के तहत राज्य सरकार को तत्काल स्वीकृतियां जारी कराये जाने की मांग की।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने भेंट के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए केन्द्र सरकार के स्तर पर लिम्बत छात्रवृत्ति की धनरािश को केन्द्र सरकार द्वारा तत्काल अवमुक्त किए जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि पिछड़े वर्ग के पूर्व दशम एवं दशमोत्तर छात्रों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा क्रमश: 50 प्रतिशत एवं 100 प्रतिशत सहायता दी जाती है। अभी तक केन्द्र सरकार द्वारा वर्तमान वित्तीय वशZ के लिए पूर्वदशम छात्रवृत्ति मद में 249.48 करोड़ रूपये तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति मद में 304.76 करोड़ रूपये राज्य सरकार को उपलब्ध नहंी कराया गया है, जिसे तत्काल उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
माननीया मुख्यमन्त्री जी ने प्रधानमन्त्री जी से विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध डिग्री कालेज िशक्षकों को यू0जी0सी0 वेतनमान लागू करने पर नियमानुसार केन्द्रीय अंश का 855.98 करोड़ रूपये तत्काल अवमुक्त करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि छठवें वेतन आयोग की संस्तुति के अनुसार विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध डिग्री कालेज के िशक्षकों को 01 जनवरी, 2006 से यू0जी0सी0 स्केल स्वीकृत किए गए हैं, जिसका 80 प्रतिशत अंश भारत सरकार द्वारा देय है।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सीमा सुरक्षा बल की पुलिस चौकियों को सीमावर्ती जनपदों के मुख्य मार्गों से जोड़ने की परियोजना को शीघ्र स्वीकृत करने का प्रधानमन्त्री जी से अनुरोध करते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में 1621 करोड़ रूपये की राज्य सरकार की परियोजना केन्द्र के पास लिम्बत है, जिसे तत्काल स्वीकृत किया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अधिकांश सीमावर्ती क्षेत्र जंगल से आच्छादित हैं। इसलिए इन इलाकों में तेज आवा-गमन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए इन क्षेत्रों को राज्य की मुख्य सड़कों से जोड़ा जाना बेहद जरूरी है।

बैठक के दौरान माननीया मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदो स्टेट रोड प्रोजेक्ट-3 के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री जी को अवगत कराया कि विव बैंक के वित्तपाेाण से यािन्वित होने वाली 8844 करोड़ रूपये की सड़क एवं सेतु परियोजना केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय में लम्बित है। सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा इस परियोजना को वित्त मंत्रालय के माध्यम से विव बैंक को माह जून, 2010 में ही प्रस्तुत कर दिया जाना चाहिए था, परन्तु अनावयक रूप से इस परियोजना को लम्बित रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को 80 माह में पूरा किया जाना है। ऐसी स्थिति में यदि स्वीकृति प्राप्त होने में विलम्ब होगा, तो परियोजना को समय से पूरा करने में कठिनाई होगी और इससे राज्य की जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

माननीया मुख्यमंत्री जी पूर्वी उत्तर प्रदो के लिए तैयार की गयी सरयू परियोजना की तरफ प्रधानमंत्री जी का ध्यान आकृट करते हुए अनुरोध किया कि सरयू परियोजना को 0आई0बी0पी0 के तहत तत्काल राटीय परियोजना घोात किया जाये। उन्होंने इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा भेजी गयी 7250 करोड़ रूपये की लागत की सरयू नहर परियोजना को तत्काल स्वीकृत किए जाने की मांग करते हुए कहा कि उत्तर प्रदो में 0आई0बी0पी0 के अन्तर्गत कोई भी परियोजना राटीय परियोजना नहीं घोात की गयी है। उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदो पहले से ही काफी पिछड़ा क्षेत्र है। इस परियोजना से पूर्वी उत्तर प्रदो में 14-04 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन होगा।

राज्य सरकार द्वारा वित्तीय संसाधनों का सम्यक प्रबंधन करने के बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा पर्याप्त मदद नहीं उपलब्ध कराये जाने को माननीया मुख्यमंत्री जी ने अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि विगत पांच वित्तीय र्वााें से राज्य सरकार ने राजस्व बचत प्राप्त करने का सिलसिला बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2010 को समाप्त हुए वित्तीय र्वा में राज्य सरकार ने 7047 करोड़ रूपये की राजस्व बचत प्राप्त की। उन्होंने कहा कि प्रदो का राजकाेाीय घाटा पिछले वित्तीय र्वा की समाप्ति पर जी0एस0डी0पी0 का 3-8 प्रताित रहा। उन्होंने प्रधानमंत्री जी से अनुरोध किया कि राज्य सरकार के बेहतर वित्तीय रिकार्ड को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा भरपूर मदद उपलब्ध करायी जानी चाहिए।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रदो के सभी क्षेत्रों में समान रूप से विकास की आवयकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री जी से यह भी अनुरोध किया कि प्रदो के पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए केन्द्र सरकार के स्तर से वाेाि वित्तीय सहयोग दिए जाने की आवयकता है। इस सम्बन्ध में राज्य के सर्वांगीर्ण विकास हेतु प्रदो सरकार द्वारा 80 हजार करोड़ रूपये के वाेाि आर्थिक सहायता पैकेज का प्रस्ताव पहले ही भारत सरकार को भेजा गया था। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव में बुन्देलखण्ड एवं पूर्वांचल में अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं अन्य महत्वपूर्ण आवयकताओं को ाामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि डॉ0 सामरा समिति की संस्तुतियों के आधार पर केन्द्र सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए 3506 करोड़ रूपये का वाेाि पैकेज स्वीकृत किया गया है, परन्तु पैकेज का अधिकाां भाग चालू केन्द्रीय योजनाओं में ही सम्मिलित कर लिया गया है। इस प्रकार इस वाेाि पैकेज की घाेाणा के बाद भी मात्र 550 करोड़ रूपये प्रतिर्वा एवं कुल 1200 करोड़ रूपये ही बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के लिए प्राप्त होंगे, जो अपर्याप्त है। उन्होंने प्रधानमंत्री जी से बुन्देलखण्ड तथा पूर्वान्चल क्षेत्रों के लिए उत्तराखण्ड एवं अन्य राज्यों की भांति वाेाि क्षेत्र इन्सेन्टिव पैकेज स्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी से भेंट के दौरान ताज इन्टरनोनल एयरपोर्ट, जेवर का वाेाि रूप से उल्लेख करते हुए इस परियोजना को तत्काल स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 26-05-2007 को बैठक में आवस्त किया था कि केन्द्र सरकार तीन माह में ताज इन्टरनोनल एयरपोर्ट को स्वीकृति प्रदान कर देगी, यदि उत्तर प्रदो सरकार केन्द्र सरकार एवं इन्दिरा गांधी इन्टरनोनल एयरपोर्ट के विकासकर्ता के मध्य अनुबन्धीय दायित्वों को स्वीकार करने में सहमत हों। केन्द्र सरकार की इस ार्त के मुताबिक राज्य सरकार ने 29-05-2007 को इस प्रस्ताव को सहमति प्रदान कर दी थी। उन्होंने अफसोस व्यक्त किया कि केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक इस महत्वपूर्ण परियोजना को स्वीकृति प्रदान नहीं की गयी है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले केन्द्र सरकार द्वारा दिल्ली इन्टरनोनल एयरपोर्ट लिमिटेड ¼DIAL½ को सम्बद्ध करते हुए सप्लीमेण्टी Techno Economic Feasibility Report (TEFR) मांगी गयी। यद्यपि केन्द्र सरकार का यह अनुरोध ठीक नहीं था, क्योंकि क्प्।स् इस मामले में स्वयं एक पक्षकार है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा सप्लीमेण्टी TEFR दिए जाने के बाद अब केन्द्र सरकार द्वारा पुन: टैफिक स्टडी कराये जाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट नीति-2008 के अन्तर्गत ताज इन्टरनोनल एयरपोर्ट परियोजना अनुमन्य है। उन्होंने कहा कि हवाई यातायात में हो रही वृद्धि एवं इन्दिरा गांधी अन्तर्राटीय एयरपोर्ट पर बढ़ते दबाव के मद्देनजर नई दिल्ली के लिए दूसरा एयरपोर्ट नितान्त आवयक है। उन्होंने कहा कि नवी मुम्बई, मोपा तथा कन्नूर में 150 किलोमीटर की परिधि में दूसरा एयरपोर्ट स्वीकृत किया गया है। इसलिए ताज इन्टरनोनल एयरपोर्ट परियोजना को स्वीकृत करने में केन्द्र को विलम्ब नहीं करना चाहिए।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी को अवगत कराया कि उत्तर प्रदो में बिजली की बढ़ती हुई मांग की तुलना में उपलब्धता कम है, क्योंकि विगत 15 र्वााें में विद्युत उत्पादन की वस्तुत: कोई अतिरिक्त क्षमता स्थापित नहीं की गयी। प्रदो को बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने यह भी बताया कि विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में राज्य को आत्म निर्भर बनाने के लिए प्रदो सरकार द्वारा आगामी 07 र्वााें में 25 हजार मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदो अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण दो में उत्पादित कोयले पर ही निर्भर है। इसलिए राज्य सरकार द्वारा कोयला मंत्रालय से थर्मल पावर प्लान्ट हेतु कोल लिंकेज स्वीकृत किए जाने और 06 कोल ब्लॉक आवंटित किए जाने का अनुरोध पहले ही किया गया है, ताकि प्रस्तावित विद्युत उत्पादन परियोजनाओं के लिए पर्याप्त कोयला उपलब्ध हो सके। उन्होंने प्रधानमंत्री जी से कोयला मंत्रालय में लम्बित इन प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान कराने का अनुरोध किया।

बैठक के दौरान माननीया मुख्यमंत्री जी ने आाा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री जी उत्तर प्रदो के विकास और यहां की जनता की आवयकताओं को ध्यान में रखते हुए उनके द्वारा उठाये गये सभी बिन्दुओं पर गम्भीरता से विचार करते हुए सकारात्मक निर्णय लेने के लिए सम्बन्धित मंत्रालयों को निर्देात करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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