• छोटे, बड़े होटल कर रहे हैं घरेलू गैस का प्रयोग
जिला पूर्ति विभाग की हमेशा सोच यही रहती है कि खामिया पाये जाने के बाद उस व्यक्ति के ऊपर तत्काल कार्यवाही की जायेगी किसी प्रकार की सिफारिश नही सुनी जायेगी। भ्रश्टाचार का खुला दावा करने वाले जिला पूर्ति विभाग को भले ही न दिखाई पडे जागरूक जनता सब जान चुकी है, जब अधिकारी अपने कार्यो के प्रति सचेत नही हेागा तो आये दिन जिले में गैस की कालाबाजारी, अपने शबाब पर ही होगा। बताते चले कि केन्द्र सरकार घरेलू गैस कनेक्शन के लिये प्रदेश सरकार को सिब्सडी देती है गैस सिलेण्डरो का व्यवसायिक उपयोग होने से सरकार कि चुनौतियो पर प्रदेश सरकार के अधिकारी धोखा दे रहे है। स्थानीय प्रशासन की इस अनदेखी से कालाबाजारी को बढ़ावा मिल रहा है क्षेत्र से लेकर जिले में छोटे बड़े होटल एवं जलपान गृहो की संख्या लगभग सैकड़ो मेें होगी लगता है कि इन व्यवसायियों का व्यवसाय इन्ही गैस सिलेन्डरो से होता है। शहर में इस समय ऐतिहासिक दुगाZ पूजा महोत्सव चल रहा है जगह जगह भण्डारे चल रहे हैं, दुकानदार चाय,समोसा आदि बना रहे हैं। जिसके कारण आम उपभोक्ता को समय रहते गैस एजेन्सी मालिक गैस की सुविधा नहीं दे पा रहे हैं। भारत गैस के उपभोक्ता नं0-51 राधेश्याम की गैस की बुकिंग तिथि 05.10.10, रामशंकर उपभोक्ता नं0-50 गैस की बुकिंग तिथि 09.10.10 ऐसे ही दर्जनो उपभोक्ता को 15 दिन बाद भी गैस नहीं उपलब्ध हो पा रही है। हिन्दुस्तान गैस एजेन्सी के उपभोक्ता दिलीप सिंह, उमाशंकर अग्रहरि की लगभग 20 दिन बुकिंग तिथि के बाद भी गैस उपलब्ध नहीं हो पायी है। जबकि गैस मालिक अपना फरमान यह जारी कर रखे हैं कि 21 दिन के बाद ही गैस उपभोक्ता को मिल पायेगी। इस सम्बन्ध में जिला पूर्ति अधिकारी से बात करने पर पता चलता है कि ऐसा कोई सरकारी आदेश नहीं है। यह आदेश एजेन्सी वाले खुद ही बना रखे हैं, अर्थात सब जानते हुए अधिकारी चुप क्यों है र्षोर्षो क्या गैस मालिको द्वारा प्रति माह सुविधा शुल्क साहब को मिलता है जो आंख बन्द किये जिले का कार्यभार सम्भाल रहे है। घरेलू गैस 21रू0 प्रति किलो तथा व्यवसायिक गैस 40रू0 प्रति किलो पर विक्री करने का सरकार का दावा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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