Archive | May 11th, 2018

कुम्भ मेला-2019 के दौरान आपदा की स्थिति में बचाव उपकरणों की व्यवस्था हेतु 34.35 करोड़ रुपये स्वीकृत

Posted on 11 May 2018 by admin

लखनऊ: 11 मई, 2018
प्रदेश सरकार ने कुम्भ मेला-2019 के दौरान किसी आपदा की स्थिति में बचाव उपकरणों की व्यवस्थाओं के लिए जल पुलिस, फायर सर्विस, वायरलेस, रेडियो संचार, यातायात व्यवस्था के उपयोगार्थ उपकरण क्रय किए जाने हेतु राज्य आपदा मोचक निधि से 34 करोड़ 35 लाख 22 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत की है।
सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त श्री संजय कुमार ने बताया कि कुम्भ मेला-2019 के दौरान किसी आपदा की स्थिति से बचाव हेतु बचाव उपकरणों की व्यवस्था के लिए जल पुलिस कोे 8 करोड़ 63 लाख 23 हजार रुपये, फायर सर्विस को 2 करोड़ 21 लाख 99 हजार रुपये, वायरलेस व रेडियो संचार के लिए 18 करोड़ रुपये तथा यातायात व्यवस्था के लिए 5 करोड़ 50 लाख रुपये आवंटित किया गया है।
सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त ने बताया कि इसके अतिरिक्त गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1 करोड़ 24 लाख, 56 हजार 598 रुपये का उपयोग गृह विभाग द्वारा किया जा चुका है।

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राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने सूचना उपलब्ध न कराने के दोषी 12 जनसूचना अधिकारियों पर लगाया अर्थदण्ड

Posted on 11 May 2018 by admin

लखनऊ: 11 मई, 2018

राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने आर.टी.आई. अधिनियम के तहत 12 अधिकारियों को सूचना उपलब्ध न कराने का दोषी मानते हुए 3 लाख रुपये का अर्थदण्ड लगाया है। आयोग ने इन अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस जारी कर वादी को 30 दिन में सूचना उपलब्ध कराने को कहा था।
श्री उस्मान द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार इन अधिकारियों में अधिशासी अभियन्ता, प्रवर्तन जोन-1, ट्रान्स गोमती, लखनऊ, ज0सू0अ0, जिलाधिकारी, सम्भल, उपजिलाधिकारी बेहट, सहारनपुर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बिजनौर, दुग्ध विकास विभाग, बिजनौर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुजफ्फरनगर, अधिशासी अधिकारी, नगरपालिका परिषद, रामपुर, दुग्ध विकास विभाग, सम्भल, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, मुरादाबाद, अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड प्रथम, सहारनपुर, खण्ड विकास अधिकारी, विकास खण्ड पंवासा, सम्भल एवं खण्ड विकास अधिकारी, विकास खण्ड पुवांरका, सहारनपुर पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया गया है।
जिन अधिकारियों ने वादी को सूचना देने में विलम्ब किया और जानबूझकर वादी को परेशान किया, जिसकी वजह से उसका मानसिक उत्पीड़न हुआ है। ऐसे अधिकारियों को आदेश दिया कि वादी बतौर क्षतिपूर्ति उपलब्ध करायें। इनमें ज0सू0अ0, जिलाधिकारी, सम्भल, डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर, मुरादाबाद, तहसीलदार तहसील चन्दौसी, सम्भल, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी, सम्भल, विकास प्राधिकरण, सहारनपुर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सहारनपुर, जिला पूर्ति अधिकारी, सहारनपुर, प्रभारी वानाधिकारी वन बन्दोबस्त, बिजनौर, अधिशासी अभियन्ता, विद्युत नगरीय वितरण खण्ड प्रथम घण्टाघर, सहारनपुर, खण्ड विकास अधिकारी कुकडा, मुजफ्फरनगर, खण्ड विकास अधिकारी मिलक, रामपुर, खण्ड विकास अधिकारी किरतपुर, बिजनौर पर 5-5 हजार रुपये तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सम्भल, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, रामपुर, जिला विद्यालय निरीक्षक, सहारनपुर पर 2-2 हजार रुपये और अधिशासी अधिकारी नगरपालिका परिषद मिलक, रामपुर को एक हजार रुपये वादी को क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।

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उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार में विभिन्न विषयों पर व्याख्यान का आयोजन

Posted on 11 May 2018 by admin

लखनऊ: 11 मई, 2018
प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा उ0प्र0 राजकीय अभिलेखागार के 69वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आज यहां विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
डा0 विनोद चन्द्रा, एसोसिएट प्रोफेसर एण्ड हेड आॅफ डिपार्टमेंट आॅफ सोशियोलाॅजी, जे0एन0पी0जी0 काॅलेज, लखनऊ द्वारा शोध प्रविधियाँ (त्मेमंतबी डमजीवकवसवहल) विषय पर व्याख्यान दिया गया। व्याख्यान में डा0 चन्द्रा ने कहा कि शाोधार्थियों द्वारा किया जाने वाला शोध कार्य मूल अभिलेखों पर आधारित होना चाहिए। आज कल विद्यार्थियों में शोध के प्रति रूचि कम हो रही है। संस्थाओ को विद्यार्थियों में शोध के प्रति रूचि जागृत करने हेतु कार्यशालाओं का आयोजन करना चाहिए।
इसके उपरान्त डा0 बी0वी0 खरबड़े, महानिदेशक, राष्ट्रीय सांस्कृतिक संपदा संरक्षण अनुसंधानशाला, लखनऊ द्वारा अभिलेख संरक्षण का महत्व एवं उसकी अद्यावधिक विधियाँ विषय पर व्याख्यान दिया गया। डाॅ0 खरबड़े ने अभिलेखों के संरक्षण में प्रयुक्त हो रही नई तकनीकों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभिलेखों को वातानूकूलित चेम्बर में रखने के बजाय नाइट्रोजन चेम्बर में रखा जाना चाहिए, जिससे कि उनको दीर्घकाल तक सुरक्षित रखा जा सके। डा0 खरबड़े ने यह भी बताया कि अभिलेखों के संरक्षण हेतु ज्यादातर रसायनों का प्रयोग किया जाता है, रसायनों के उपयोग से अभिलेखों को क्षरण से बचाना मुश्किल है। इसके बजाय अभिलेख संरक्षण हेतु प्राकृतिक सामग्री जैसे हल्दी, नीम आदि उपयोग करना चाहिए। तथा इसके पश्चात् श्री अमित कुमार अग्निहोत्री, क्षेत्रीय अभिलेख अधिकारी, इलाहाबाद द्वारा अभिलेखागार का महत्व एवं रोजगार की सम्भावनाएँ विषय पर व्याख्यान दिया गया। श्री अग्निहोत्री ने बताया है कि आज पूरे विश्व में अभिलेखागार केवल सरकारी क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है बल्कि अनेक राष्ट्रीय कृत बैंको एवं औद्यौगिक प्रतिष्ठानों ने अभिलेखागारों की स्थापना की है। इन संस्थाओं द्वारा युवाओं को निरंतर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा रहें हैं।

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उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार हेतु तकनीकी उन्नयन योजना संचालित

Posted on 11 May 2018 by admin

पूंजी उपादान की अधिकत्म सीमा 2 लाख रुपये होगी

लखनऊ: 11 मई, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से तकनीकी उन्नयन योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत जनपद में स्थापित सूक्ष्म एवं लघु इकाइयां जो उत्पादन में वृद्धि एवं गुणवत्ता में सुधार हेतु नयी तकनीकी मशीनें स्थापित करना चाहती हंै, उन्हें मशीन क्रय मूल्य का 50 प्रतिशत पूंजी उपादान प्रदान किया जायेगा। इसकी अधिकत्म सीमा 02 लाख रुपये तक रखी गई है।
यह जानकारी उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र, लखनऊ श्री सर्वेश्वर शुक्ला ने आज यहां दी है। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए इच्छुक उद्यमी आगामी 11 जून, 2018 तक किसी भी कार्यदिवस में कार्यालय जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र, कैसरबाग, लखनऊ में सम्पर्क स्थापित कर आवेदन-पत्र प्राप्त एवं जमा कर सकते हैं।

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