लखनऊ: 11 मई, 2018
राज्य सूचना आयुक्त श्री हाफिज उस्मान ने आर.टी.आई. अधिनियम के तहत 12 अधिकारियों को सूचना उपलब्ध न कराने का दोषी मानते हुए 3 लाख रुपये का अर्थदण्ड लगाया है। आयोग ने इन अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस जारी कर वादी को 30 दिन में सूचना उपलब्ध कराने को कहा था।
श्री उस्मान द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार इन अधिकारियों में अधिशासी अभियन्ता, प्रवर्तन जोन-1, ट्रान्स गोमती, लखनऊ, ज0सू0अ0, जिलाधिकारी, सम्भल, उपजिलाधिकारी बेहट, सहारनपुर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बिजनौर, दुग्ध विकास विभाग, बिजनौर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुजफ्फरनगर, अधिशासी अधिकारी, नगरपालिका परिषद, रामपुर, दुग्ध विकास विभाग, सम्भल, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, मुरादाबाद, अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड प्रथम, सहारनपुर, खण्ड विकास अधिकारी, विकास खण्ड पंवासा, सम्भल एवं खण्ड विकास अधिकारी, विकास खण्ड पुवांरका, सहारनपुर पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया गया है।
जिन अधिकारियों ने वादी को सूचना देने में विलम्ब किया और जानबूझकर वादी को परेशान किया, जिसकी वजह से उसका मानसिक उत्पीड़न हुआ है। ऐसे अधिकारियों को आदेश दिया कि वादी बतौर क्षतिपूर्ति उपलब्ध करायें। इनमें ज0सू0अ0, जिलाधिकारी, सम्भल, डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर, मुरादाबाद, तहसीलदार तहसील चन्दौसी, सम्भल, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी, सम्भल, विकास प्राधिकरण, सहारनपुर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सहारनपुर, जिला पूर्ति अधिकारी, सहारनपुर, प्रभारी वानाधिकारी वन बन्दोबस्त, बिजनौर, अधिशासी अभियन्ता, विद्युत नगरीय वितरण खण्ड प्रथम घण्टाघर, सहारनपुर, खण्ड विकास अधिकारी कुकडा, मुजफ्फरनगर, खण्ड विकास अधिकारी मिलक, रामपुर, खण्ड विकास अधिकारी किरतपुर, बिजनौर पर 5-5 हजार रुपये तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, सम्भल, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत, रामपुर, जिला विद्यालय निरीक्षक, सहारनपुर पर 2-2 हजार रुपये और अधिशासी अधिकारी नगरपालिका परिषद मिलक, रामपुर को एक हजार रुपये वादी को क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।