लखनऊ: 11 मई, 2018
प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा उ0प्र0 राजकीय अभिलेखागार के 69वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आज यहां विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
डा0 विनोद चन्द्रा, एसोसिएट प्रोफेसर एण्ड हेड आॅफ डिपार्टमेंट आॅफ सोशियोलाॅजी, जे0एन0पी0जी0 काॅलेज, लखनऊ द्वारा शोध प्रविधियाँ (त्मेमंतबी डमजीवकवसवहल) विषय पर व्याख्यान दिया गया। व्याख्यान में डा0 चन्द्रा ने कहा कि शाोधार्थियों द्वारा किया जाने वाला शोध कार्य मूल अभिलेखों पर आधारित होना चाहिए। आज कल विद्यार्थियों में शोध के प्रति रूचि कम हो रही है। संस्थाओ को विद्यार्थियों में शोध के प्रति रूचि जागृत करने हेतु कार्यशालाओं का आयोजन करना चाहिए।
इसके उपरान्त डा0 बी0वी0 खरबड़े, महानिदेशक, राष्ट्रीय सांस्कृतिक संपदा संरक्षण अनुसंधानशाला, लखनऊ द्वारा अभिलेख संरक्षण का महत्व एवं उसकी अद्यावधिक विधियाँ विषय पर व्याख्यान दिया गया। डाॅ0 खरबड़े ने अभिलेखों के संरक्षण में प्रयुक्त हो रही नई तकनीकों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभिलेखों को वातानूकूलित चेम्बर में रखने के बजाय नाइट्रोजन चेम्बर में रखा जाना चाहिए, जिससे कि उनको दीर्घकाल तक सुरक्षित रखा जा सके। डा0 खरबड़े ने यह भी बताया कि अभिलेखों के संरक्षण हेतु ज्यादातर रसायनों का प्रयोग किया जाता है, रसायनों के उपयोग से अभिलेखों को क्षरण से बचाना मुश्किल है। इसके बजाय अभिलेख संरक्षण हेतु प्राकृतिक सामग्री जैसे हल्दी, नीम आदि उपयोग करना चाहिए। तथा इसके पश्चात् श्री अमित कुमार अग्निहोत्री, क्षेत्रीय अभिलेख अधिकारी, इलाहाबाद द्वारा अभिलेखागार का महत्व एवं रोजगार की सम्भावनाएँ विषय पर व्याख्यान दिया गया। श्री अग्निहोत्री ने बताया है कि आज पूरे विश्व में अभिलेखागार केवल सरकारी क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है बल्कि अनेक राष्ट्रीय कृत बैंको एवं औद्यौगिक प्रतिष्ठानों ने अभिलेखागारों की स्थापना की है। इन संस्थाओं द्वारा युवाओं को निरंतर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा रहें हैं।