Archive | January, 2015

शिद्दत से याद किये गये नेता जी सुभाष चन्द्र बोस नगर में निकली प्रभात फेरी

Posted on 24 January 2015 by admin

घर सुलतानपुर संस्थान के तत्वाधान में सुभाष मार्केट स्थित नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर संस्थान के अध्यक्ष अमित मिश्र ने फूल व माला अर्पित किया गया।
संस्थान के कार्यकर्ताओं ने नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा को साफ सुथरा कर इस पार्क का सौन्र्दयीकरण किया। संस्था के उपाध्यक्ष शिशिर मिश्र व कोषाध्यक्ष सुधाकर मिश्र व समस्त कार्यकर्ताओं को वचन दिलाया की नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की पन्द्रह फीट की एक भव्य प्रतिमा की स्थापना करने हेतु नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष प्रवीन अग्रवाल को एक ज्ञापन दिया जायेगा व जिलाधिकारी सुलतानपुर से संस्थान के कार्यकर्ता मुलाकात कर इसकी मांग करेगें। इस मौके पर विहिप के उपाध्यक्ष पवन मिश्र, अमन श्रीवास्तव, पुनीत शुक्ला, प्रीतम शुक्ला, ज्ञानेन्द्र, मिन्टू, पंकज, मोहित, मयंक सहित आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे। वहीं शहीद स्मारक सेवा समिति सुलतानपुर के तत्वाधान में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की जयन्ती स्थानीय सुभाष मार्केट सुलतानपुर में सुबह 9 बजे नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके मनायी गयी। वहीं संस्था के अध्यक्ष करतार केशव यादव द्वारा पूरे बुहदार तिवारी का पुरवा ढखवा एवं लोलेपुर के दस पात्रों के बीच कम्बल वितरण किया गया। सहयोगी बलबीर सिंह, बद्री गुप्ता का विशेष सहयोग रहा।  वक्ताओं में माबूद अहमद, राजमणि दूबे, राम रतन गुप्ता, आदि मौजूद रहे।
इसीक्रम में आजाद समाज सेवा समिति ने भी नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की जयन्ती के अवसर पर आजाद समाज सेवा समिति द्वारा नगर में प्रभातफेरी निकालकर नेता जी सहित समस्त शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर सुभाष मार्केट स्थित सुभाष बोस की प्रतिमा के समय गोष्ठी की गई। समस्त शहीदों को श्रद्धांजलि नेता जी सुभाष चन्द्र बोस युवाओं के लिये प्रेरणस्रोत है। इस मौके पर डाॅ. आशीष द्विवेदी, डाॅ. आशुतोष श्रीवास्तव, सौरभ गुप्ता, निजाम खान प्रवक्ता, दिलीप निषाद, मनोज सिंह, सौरभ गुप्ता, अशोक सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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प्रतिदिन हो रही रेल दुर्घटनाओं पर सचेत नहीं रेल प्रशासन

Posted on 24 January 2015 by admin

भारी भरकम बजट और तकनीकी सुविधाओं से लैस होने का दंभ भरने वाले रेलवे महकमे में आये दिन हो रही दुर्घटना चिन्ता का विषय बनती जा रही है। मंगलमय यात्रा का स्लोगन मात्र स्लोगन ही नजर आता है और हकीकत कुछ और ही बयां करती है।
21 जनवरी की रात 1 बजे का समय श्रमजीवी सुपर फास्ट एक्सप्रेस प्रतिदिन की तरह अपने नियत समय पर दिल्ली से पटना के लिए जा रही थी कि रात 1 बजे अचानक मानव रहित क्रासिंग गेट पर गेट संख्या 61 सी पर पिकअप जीप पर मवेशियों को लादकर तेजी से गेट पार करने के चक्कर में ड्राइवर ने अपना संतुलन खो दिया। नतीजा पिकअप गाड़ी रेवले लाइन में ठीक मान रहित गेट संख्या 61 सी के अन्दर बन्द हो गयी तब तक तेजी से श्रमजीवी एक्सप्रेस पिकअप जीप में टकरा गयी नतीजा जीप पर लदे जानवर पाॅच भैंस एवं तीन गाय की मौके पर ही मौत हो गयी।
मालूम हो कि इसके पहले मानव रहित गेट संख्या 56 सी जो नेशनल हाइवे 56 और प्रतापगढ़ जाने के लिए रास्ते को जोड़ता है। उस गेट पर भी मालगाड़ी ने एक मारूती कार को टक्कर मार दिया था जिसमें पाॅच लोग जो एक ही परिवार के थे इनकी मौके पर मौत हो गयी। मामला यहीं नहीं रूकता गेट संख्या 57सी जो नरहपुर, दशवतपुर, शंकरपुर सहित लगभग बाहर गाॅव को एनएच-56 नेशनल हाइवे को जोड़ता है। वह भी मानव रहित गेट है। पिछले वर्ष इसी गेट पर बारात से लौट रहे मार्शल जीप सवार सात लोगों को हाबड़ा अमृतसर एक्सप्रेस ने टक्कर मार दी जिससे मौके पर ही इन लोगों की मौत हो गयी। 26 दिसम्बर को एक निजी स्कूल बस को एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी जिससे बारह स्कूली बच्चों की मौत हो गयी। यह वाक्या आजमगढ़ का है। सवाल जो प्रबुद्ध लोगों के जेहन में है। वह यह कि इतनी आधुनिक तकनीक का दंभ भरने वाले रेल विभाग के पास क्या इन बेजुबान जानवरों एवं कल का भविष्य देश का भविष्य बनने वाले इन बच्चों को बचाने का कोई कारगर उपाय इस महकमे को ढूढना होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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शिक्षक बन भारतीय संस्कृति को मजबूत रखना चाहते थे नेताजी

Posted on 24 January 2015 by admin

सरस्वती विद्या मन्दिर में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को सैल्यूट कर नमन किया
सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, विवेकानन्द नगर के अध्यक्ष कृपा शंकर द्विवेदी ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयन्ती पर आज युवाओं को संकल्प लेने का दिन है। छात्र-छात्रा संकल्प ले कि वह ज्ञान, विज्ञान, संस्कृति सहित तमाम क्षेत्रों में कुशलता हासिल कर भारत माता को अखण्ड बनायेंगे। नेताजी के सतत् संघर्षशीलता से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। इसके पूर्व छात्र-छात्राओं ने सैल्यूट कर नेताजी को नमन किया।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 118वीं जयन्ती पर आज वन्दना सभा में आयोजित कार्यक्रम में श्री द्विवेदी ने नेताजी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षकों के लिए यह हर्ष की बात है है नेता जी सुभाष चन्द्र बोस उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद शिक्षक बनना चाहते थे क्योंकि उन्हें इस बात का एहसास था कि भारत को नुकशान पहुंचाने के लिए भारतीय संस्कृति को प्रभावित किया जा रहा है। उन्होंने सत्त प्रयास से इतनी कम उम्र में ऐसा मुकाम हासिल किया कि आज पूरा देश उन्हें आदर और गर्व से याद कर रहा है। आज नेताजी होते तो देश की दशा और दिशा कुछ और होती।
प्रधानाचार्य डाॅ. लालता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते है जो समय के साथ चलते है किन्तु कुछ ऐसे होते हैं जिनके साथ समय चलता है और कुछ ऐसे जो समय से आगे चलते है। नेताजी सुभाष चन्द्र ऐसे ही थे जो समय से काफी आगे चलते रहे। यही कारण है कि उन्होंने अपने कम समय में भी गांधी जी के बाद सबसे अधिक लोकप्रियता हासिल की है। उन्होंने नेताजी शब्द को सार्थक किया। इसके पहले छात्रा निधि पाण्डेय ने कहा कि नेता जी स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी सेनानी थे। उनके लिए ‘कर्मवीर के आगे हर पत्थर साधक बनता है दीवारें दिशा बनाती है जब मानव आगे बढ़ता है’ कहना सही होगा। छात्र संसद के प्रधानमंत्री छात्र अभय सिंह ने भी सम्बोधित किया। छात्रों ने देशगीत भी प्रस्तुत किया। संचालन वरिष्ठ आचार्य राज नारायण शर्मा एवं बालिका भारती की प्रधानमंत्री निष्ठा चतुर्वेदी ने किया। इसी तरह बढ़ैयाबीर स्थित लल्ली देवी किण्डर गार्डेन स्कूल में नेता जी के चित्र पर माल्यार्पण कर षिक्षकों व छात्रों ने  नेता जी को श्रंद्धाजलि अर्पित की तथा उनके जीवन पर प्रकाष डाला गया गभडि़या स्थित बेबी किण्डरगार्डेन जू0 हाई स्कूल में प्रधानाचार्या उमा श्रीवास्तव ने अपने सहयोगी षिक्षकों  के साथ नेता जी का जन्म दिन बड़ी धूम-धाम से मनाया। नेता जी के चित्र पर माल्यार्पण कर नता जी के बताये गये रास्ते पर चलने की षिक्षा दी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सीतापुर नेत्र चिकित्सालय को संचालित किये जाने के सम्बन्ध में बैठक

Posted on 24 January 2015 by admin

जिलाधिकारी अदिति सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट में सुन्दर देवी नेत्र चिकित्सालय सीतापुर सुलतानपुर को संचालित किये जाने के सम्बन्ध में एक बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जानकारी दी गयी कि चिकित्सक न होने के कारण चिकित्सालय 2010 से बन्द है। वर्तमान में चिकित्सालय भवन भी जर्जर स्थिति में है। डी0एम0 ने भवन की मरम्मत हेतु इस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिये। इस मौके पर सदस्यों द्वारा बहुमूल्य सुझाव दिये गये। बैठक का संचालन अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ज्वाला प्रसाद तिवारी ने किया। बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित, सी0एम0ओ0 डा0 के0बी0सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन कृष्णलाल तिवारी, व सदस्यगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सुलतानपुर क्लब को सक्रिय किया जायेगा- डी0एम0

Posted on 24 January 2015 by admin

जिलाधिकारी/अध्यक्ष सुलतानपुर क्लब श्रीमती अदिति सिंह की अध्यक्षता में सुलतानपुर क्लब की एक बैठक आज कलेक्ट्रेट में आयोजित की गयी। बैठक में क्लब को सक्रिय किये जाने, मेम्बर शिप बढाये जाने, सचिव का कार्यकाल जून 2016 तक बढाये जाने एंव क्लब द्वारा संचालित दुकानों के किराया बढाने का निर्णय लिया गया। बैठक में क्लब की ए0जी0एम0 फरवरी माह में कराने का भी निर्णय लिया गया। इस मौके पर सदस्यों द्वारा बहुमूल्य सुझाव दिये गये। बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित, सी0एम0ओ0 डा0 के0बी0सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन कृष्णलाल तिवारी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ज्वाला प्रसाद तिवारी व सदस्यगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पेंशन अदालत में आये 17 प्रकरण,7 निस्तारित

Posted on 24 January 2015 by admin

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ज्वाला प्रसाद तिवारी ने बताया कि कलेक्ट्रेट में आयोजित पेंशन अदालत में आज कुल 17 प्रकरण प्राप्त हुए जिनमें 7 का निस्तारण किया गया शेष 10 प्रकरणों में सम्बन्धित से आख्यायें मांगी गयी है। उन्होंने बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक तथा जिला बेसिक शिक्षाधिकारी द्वारा पेंशन अदालत में उपस्थित न रहने के कारण शिक्षकों से सम्बन्धित प्रकरणों का निस्तारण नही हो सका। अनुपस्थिति के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का स्पष्टीकरण मांगा गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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कुपोषण की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाये जा रहे है- सी0डी0ओ0

Posted on 24 January 2015 by admin

सी0डी0ओ0 श्रीकान्त मिश्र ने कहा कि राज्य पोषण मिशन द्वारा स्वास्थ्य, बाल विकास, तथा अन्य विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए कुपोषण की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाये जा रहे है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व बाल विकास विभाग द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों को ध्यान में रख कर पोषण के प्रभावी हस्तक्षेपों द्वारा 4 लक्षित समूहों 1- गर्भवती महिलायें, 2- नवजात शिशु (जन्म से 28 दिन), 3- दो वर्ष तक के बच्चें, 4- किशोरी बालिकायें पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन लक्षित समूहों के लाभार्थ राज्य सरकार द्वारा संचालित पोषण से सम्बन्धित कार्यक्रमों का संघन अनुश्रवण सुनिश्चित किया जायेगा। सी0डी0ओ0 आज कलेक्ट्रेट में जनपद स्तरीय समिति की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी तथा उनके द्वारा जिले की दो-दो ग्राम सभायें गोद ली गयी है। इसीप्रकार जिले के 73 अधिकारियों को भी दो-दो गांव गोद लेने हेतु गांव आंवटित किये गये है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सम्बन्धित गांव का भ्रमण करके दिये गये चेक बिन्दु पर अपनी रिपोर्ट दें तथा उन्हें जो कमियां मिले उसे भी उल्लिखित करें। बैठक का संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी ने किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 के0बी0सिंह ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ज्वाला प्रसाद तिवारी भी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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भ्रष्टाचार चरित्र निर्माण से समाप्त होगा- लोक आयुक्त जिलाधिकारी अदिति सिंह को लोक भूषण सम्मान

Posted on 24 January 2015 by admin

मा0 लोक आयुक्त उ0प्र0 न्याय मूर्ति श्री एन0के0मेहरोत्रा ने कहा कि भ्रष्टाचार चरित्र निर्माण से समाप्त होगा। निर्भीक होकर भ्रष्टाचार को समाप्त करने की आवाज उठायें तभी समाज व देश का भला होगा। न्याय मूर्ति आज सुलतानपुर में पं0 राम नरेश त्रिपाठी सभागार में भारत भारती संस्था द्वारा अलंकरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
लोक आयुक्त ने इस अवसर पर रचनात्मक कार्यो और पीडि़त मानवता के प्रति समर्पित तथा श्रेष्ठ मानव मूल्यों की रक्षा और अपने कर्तव्य निष्ठा से अनुप्राणित करने वाली 13 विभूतियों को सुलतानपुर रत्न, लोकमणि, लोकरत्न, लोक भूषण तथा लोकदीप सम्मान से सम्मानित किया। लोकायुक्त ने सुलतानपुर की जिलाधिकारी श्रीमती अदिति सिंह को लोक भूषण सम्मान से सम्मानित किया। उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार श्री राजखन्ना, एशियाड-2014 में कास्य पदक नौकायन विजेता मो0 आजाद तथा स्व0 बेंचू सिंह संस्थापक एम0जी0एस इण्टर कालेज को मरणोपरान्त सुलतानपुर रत्न से सम्मानित किया । इसीप्रकार आफिज अब्दुल कवि व निःशक्त छात्र शैलेश वर्मा को लोक दीप, लक्ष्मीकान्त को लोक भूषण, से सम्मान, रामदेवी, नगर सर्राफा व्यापार मण्डल, इण्टर नेशनल लायन्स मिडटाउन, तथा गोमती मित्र मण्डल व प्रगति वृक्षरोपिका को संयुक्त रूप को लोक रत्न सम्मान से सम्मानित किया।
लोक आयुक्त ने प्रारम्भ में द्वीप प्रज्जवलित कर अलंकरण समारोह का शुभारम्भ किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में आयोजक संस्था भारत भारती को बधाई देते हुए कहा कि इस संस्था द्वारा समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय योगदान करने वाले तथा विलक्षण प्रतिभावों को सम्मानित करके एक सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने सम्मान पाने वाले विशिष्ट विभूतियों को बधाई दी तथा कहा कि वे वास्तव में इस सम्मान के हकदार थे। उन्होंने जिलाधिकारी सुलतानपुर की सराहना करते हुए कहा कि सुलतानपुर के जिलाधिकारी की कर्मठता के कारण कम शिकायतें मिल रही है।
अलंकरण समारोह में जिलाधिकारी ने कहा कि भारत भारती संस्था द्वारा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जन्म दिवस पर यह कार्यक्रम आयोजित करके अच्छा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि जिले को संवेदनशील व जिम्मेदार प्रशासन मिले। उन्होंने कहा कि जिले के अधिकारियों, मीडिया तथा जनता  का अच्छा सहयोग मिल रहा है। इस मौके पर सम्मानित विभिन्न विभूतियों द्वारा अपने विचार व्यक्त किये गये। प्रारम्भ में संस्था के संरक्षक श्री अब्दुल करीम द्वारा लोक आयुक्त का स्वागत किया गया। संस्थापक सुन्दर लाल टण्डन द्वारा संस्था के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला गया। अन्त में संस्था के अध्यक्ष अनूप कुमार ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन राम मिलन गुप्ता द्वारा किया गया। संस्था के सचिव प्रदीप पारोलिया आदि ने भी लोक आयुक्त का स्वागत किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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घटती धरती घटता जल नदियां हैं अमर-अचल

Posted on 24 January 2015 by admin

नदी स्वच्छता कार्यक्रम के लिए धन जुटाने की व्यवस्था में पिछले कई वर्षों के दौरान कई बदलाव हुए हैं। गंगा कार्य योजना (जीएपी), जो 1985 में शुरू हुई थी, शत प्रतिशत केंद्र पोषित योजना थी। जीएपी के दूसरे चरण में 1993 में आधी राशि केद्र सरकार और आधी राशि संबंधित राज्य सरकारों द्वारा जुटाए जाने की व्यवस्था की गई। एक अप्रैल, 1997 में यह व्यवस्था फिर बदल दी गयी और शत प्रतिशत धन केंद्र की मुहैया कराने लगा। एक अप्रैल, 2001 से केंद्र द्वारा 70 प्रतिशत राशि और राज्य द्वारा 30 प्रतिशत राशि जुटाने की व्यवस्था लागू हो गयी। इस 30 प्रतिशत राशि का एक तिहाई पब्लिक या स्थानीय निकाय के शेयर से जुटाया जाना था।
पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत धरातल पानी से  आच्छादित है परंतु अलवणीय जल कुल जल का केवल लगभग 3 प्रतिशत ही है। वास्तव में अलवणीय जल का एक बहुत छोटा भाग ही मानव उपयोग के लिए उपलब्ध है। अलवणीय जल की उपलब्धिता स्थान और समय के अनुसार भिन्न-भिन्न है। इस दुर्लभ संसाधन के आवंटन और नियंत्रण पर तनाव और लड़ाई झगड़े, संप्रदायों, प्रदेशों और राज्यों के बीच विवाद का विषय बन गए हैं। विकास को सुनिश्चित करने के लिए जल का मूल्यांकन, कार्यक्षम उपयोग और संरक्षण आवश्यक हो गए हैं।
भारत का जल संसाधन
भारत में विश्व के धरातलीय क्षेत्र का लगभग 2.45 प्रतिशत, जल संसाधनों का 4 प्रतिशत, जनसंख्या का लगभग 16 प्रतिशत भाग पाया जाता है। देश में एक वर्ष में वर्षण से प्राप्त कुल जल की मात्रा लगभग 4,000 घन कि-मी- है। धरातलीय जल और पुनरू पूर्तियोग भौम जल से 1,869 घन कि-मी- जल उपलब्ध है। इसमें से केवल 60 प्रतिशत जल का लाभदायक उपयोग किया जा सकता है। इस प्रकार देश में कुल उपयोगी जल संसाधन 1,122 घन कि-मी- है।
धरातलीय जल संसाधन
धरातलीय जल के चार मुख्य स्रोत हैं  नदियाँ, झीलें, तलैया और तालाब। देश में कुल नदियों तथा उन सहायक नदियों, जिनकी लंबाई 1-6 कि-मी- से अधिक है, को मिलाकर 10,360 नदियाँ हैं। भारत में सभी नदी बेसिनों में औसत वार्षिक प्रवाह 1,869 घन कि-मी- होने का अनुमान किया गया है। फिर भी स्थलाकृतिक, जलीय और अन्य दबावों के कारण प्राप्त धरातलीय जल का केवल लगभग 690 घन किमी- य32द्ध जल का ही उपयोग किया जा सकता है। नदी में जल प्रवाह इसके जल ग्रहण क्षेत्र के आकार अथवा नदी बेसिन और इस जल ग्रहण क्षेत्र में हुई वर्षा पर निर्भर करता है।
नदी प्रदूषण का स्रोत
नदियां नगर निगमों के शोधित एवं अशोधित अपशिष्ट एवं औद्योगिक कचरे से प्रदूषित होती हैं। सभी बड़े एवं मझौले उद्योगों ने तरल अपशिष्ट शोधन संयंत्र लगा रखे हैं और वे सामान्यतः जैव रसायन ऑक्सीजन मांग (बीओडी) के निर्धारित मानकों का पालन करते हैं। हालांकि कई औद्योगिक क्षेत्र देश के कई हिस्सों में प्रदूषण को काफी बढा देते हैं। नगर निगम अपशिष्ट के मामले में ऐसा अनुमान है कि प्रथम श्रेणी शहर (423) और द्वितीय श्रेणी शहर (449) प्रति दिन 330000 लाख लीटर तरल अपशिष्ट उत्सर्जित करते हैं जबकि देश में प्रति दिन तरल अपशिष्ट शोधन की क्षमता महज 70000 लाख लीटर है। अपशिष्ट पदार्थों के शोधन का काम संबंधित नगर निगमों का होता है। जबतक ये निगम प्रशासन पूर्ण क्षमता तक अपशिष्टों का शोधन नहीं कर लेते तबतक डीओबी की समस्या का समाधान नहीं हो सकता है।
नदी संरक्षण केंद्र और राज्य सरकारों के सामूहिक प्रयास से लगातार चल रहा है। राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) के तहत नदियों के पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रदूषण घटाने संबंधी कार्य चलाए जा रहे हैं। एनआरसीपी के तहत 20 राज्यों में गंगा, यमुना, दामोदर, और स्वर्णरेखा समेत 37 नदियों के प्रदूषित खंडों पर ध्यान दिया जा रहा है। जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन जैसी अन्य केंद्रीय योजनाओं तथा राज्यों की शहरी अवसरंचना विकास योजना जैसी योजनाओं के तहत भी नदी संरक्षण गतिविधियां चल रही हैं। नदी संरक्षण कार्यक्रम के क्रियान्वयन पर भूमि अधिग्रहण की समस्या, सृजित परिसंपत्तियों के सही प्रबंधन नहीं हो पाने, अनियमित बिजली आपूर्ति, सीवरेज शोधन संयंत्रों के कम इस्तेमाल आदि का प्रतिकूल असर पड़ता है।
प्रदूषित खंड
फिलहाल, 282 नदियों पर 1365 प्रदूषित खंड केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) के नजर में हैं। सीपीसीबी ने वर्ष 2000 में पानी की गुणवत्ता संबंधी आंकड़े के आधार पर प्रदूषित खंड की सूची को अद्यतन किया था। 86 प्रदूषित जलाशयों खंडों की पहचान की गयी। उनमें से 71 नदियों, 15 झीलों और तालाबों से संबंधित हैं। बाद में सन् 2000 से 2006 तक के सात वर्षों के दौरान पानी की गुणवत्ता संबंधी आकंड़ों के आधार पर 178 प्रदूषित जलाशयों खंडों की पहचान की गयी जिनमें से 139 नदियों से , 33 झीलों, तालाबों आदि से तथा तीन छोटी नदियों एवं तीन नहरों से संबंधित हैं।
प्रदूषित खंड की पहचान के मापदंड
प्रदूषित खंड वह क्षेत्र है जहां पानी की गुणवत्ता का वांछित स्तर बीओडी के अनुकूल नहीं होता। फिलहाल , जिन जलाशयों का बीओडी 6 मिलीग्राम से ज्यादा होता है उन्हें प्रदूषित जलाशय कहा जाता है। नदी के किसी भी हिस्से में पानी की उच्च गुणवत्ता संबंधी मांग को उसका निर्धारित सर्वश्रेष्ठ उपयोग समझा जाता है। हर निर्धारित सर्वश्रेष्ठ उपयोग के लिए गुणवत्ता संबंधी शर्त सीपीसीबी द्वारा तय किया गया है।
श्रेणी ए के तहत जल की गुणवत्ता बताती है कि बिना किसी शोधन के वह पेयजल स्रोत है जिसमें कीटाणुशोधन के बाद, घुल्य ऑक्सीजन छह मिलीग्राम, बीओडी 2 मिलीग्राम, या कुल कॉलिफॉर्म 50एमपीएन100 एमएल होना चाहिए।
श्रेणी बी का पानी केवल नहाने योग्य होता है। इस पानी में घुल्य ऑक्सीजन 5 मिलीग्राम या उससे अधिक होना चाहिए और बीओडी -3एमजी होना चाहिए। कॉलीफार्म 500 एमपीएन100(वांछनीय) होना चाहिए लेकिन यदि यह 2500एमपीएन100एमएल हो तो यह अधिकतम मान्य सीमा है।
श्रेणी सी का पानी पारंपरिक शोधन और कीटाणुशोधन के बाद पेयजल स्रोत है। घुल्य ऑक्सीजन 4 मिलीग्राम या उससे अधिक होना चाहिए तथा बीओडी 3 मिलीग्राम या उससे कम होना चाहिए तथा कॉलीफार्म 5000एमपीएन100 एमएल होना चाहिए।
श्रेणी डी और ई का पानीद्ग वन्यजीवों के लिए तथा सिंचाई के लिए होता है। घुल्य ऑक्सीजन 4 मिली ग्राम1 उससे अधिक होना चाहिए तथा 1.2एमजी पर मुक्त अमोनिया जंगली जीवों के प्रजनन एवं मात्स्यिकी के लिए अच्छा माना जाता है। 2250 एमएचओएससीयू बिजली संचालकता, सोडियम अवशोषण अनुपात 26 और उससे कम तथा बोरोन 2 एमजी1 वाले पानी का इस्तेमाल सिंचाई, औद्योगिक प्रशीतन और नियंत्रित अपशिष्ट निवारण के लिए किया जा सकता है।
एनआरसीपी एवं इसका कवरेज
केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) की केंद्र सरकार राज्य सरकारें मिलकर चलाती हैं और दोनों मिलकर इसका खर्च वहन करते हैं। देश में एनआरसीपी के तहत 20 राज्यों के 166 शहरों में 37 प्रमुख नदियों के चिह्नित प्रदूषित खंडों में प्रदूषण कम करने का कार्य चल रहा है। एनआरसीपी के तहत इन परियोजनाओं के लिए 4391.83 करोड़ रूपए अनुमोदित किए गए हैं जबकि अबतक 3868.49 करोड़ रूपए व्यय किए जा चुके हैं। फिलहाल 1064 अनुमोदित परियोजनाओं में से 783 पूरी हो चुकी हैं तथा 4212.81 एमएलडी अनुमोदित क्षमता में से 3057.29 एमएलडी तक की सीवरेज क्षमता तैयार कर ली गयी है। इन आंकड़ों में गंगा कार्य योजना के तहत किए जा रहे कार्य शामिल हैं और नदी कार्य योजनाओं के तहत तैयार की गयी जीएपी- सीवरेज शोधन क्षमता इसमें शामिल नहीं हैं।
एनआरसीपी के उद्देश्य
एनआरसीपी के तहत नदियों में पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रदूषण निम्नीकरण कार्य किए जाते हैं ताकि पानी स्नान के लायक हो। इनमें अपशिष्टों को नदी में बहने से रोकना और उसे शोधन के लिए भेजना, नदीतट पर खुले में शौच पर रोक लगाने के लिए सस्ते शौचालय की व्यवस्था करना, शवों की अंत्येष्टि के लिए बिजली शवदाह गृह या उन्नत किस्म के जलावन वाले शवदाह गृह की व्यवस्था करना, स्नान के लिए घाटों में सुधार जैसे सौंदर्यीकरण कार्य करना तथा लोगों के बीच प्रदूषण के प्रति जागरूकता फैलाना शामिल है।
ग्यारहवीं योजना में एनआरसीपी के तहत कार्यों के लिए 2100 करोड़ रूपए दिए गए जबकि अनुमानित आवश्यकता 8303 करोड़ रूपए की थी और यह अनुमान योजना आयोग द्वारा नदियों के मुद्दे पर गठित कार्यबल की रिपोर्ट में जारी किया गया था। एनआरसीपी के तहत वित्तीय वर्ष 2007-08 के दौरान 251.83 करोड़ रूपए तथा 2008-09 के दौरान 276 करोड़ रूपए व्यय किए गए।
कार्यान्वयन में समस्याएं
यह देखा गया कि सीवरेज शोधन संयंत्रों जैसी परिसंपत्तियों के निर्माण के बाद राज्य सरकारों स्थानीय शहरी निकायों ने उनके प्रबंधन एवं रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया। प्रबंधन एवं रखरखाव के लिए बिजली की आपूर्ति नहीं करने, इन परिसंपत्तियों के प्रबंधन एवं रखरखाव के लिए उपयुक्त कौशल एवं क्षमता के अभाव जैसे कई मामले सामने आए हैं। नदी तटों पर लगातार बढती जनसंख्या और औद्योगिकीकरण तथा फिर उस जनसंख्या के हिसाब से प्रदूषण निम्नीकरण कार्य शुरू करने के लिए वित्तीय संसाधनों की कमी के चलते हमेशा ही प्रदूषण निम्नीकरण कार्यों में पिछला कुछ कार्य बच जाता है।
कार्य योजना की आंशिक सफलताएं
एसटीपी के माध्यम से नदियों के प्रदूषण रोकने की सीमित पहल की गयी है। राज्य सरकारें अपनी क्रियान्वयन एजेंसियों के माध्यम से प्रदूषण निम्नीकरण कार्य करती है। लेकिन इस कार्य को उचित प्राथमिकता नहीं दी जाती है। परिसंपत्तियों के प्रबंधन एवं रखरखाव पक्ष की अक्सर उपेक्षा होती है। दूसरा कारण यह है कि कई एसटीपी में बीओडी और एसएस के अलावा कॉलीफार्म के नियंत्रण के लिए सीवरेज प्रबंधन नहीं किया जाता है। सिंचाई, पीने के लिए, तथा बिजली के लिए भी राज्यों द्वारा पानी का दोहन नियंत्रित ढंग से नहीं किया जाता है। पानी के दोहन जैसे मुद्दों पर अंतर-मंत्रालीय समन्वय का भी अभाव है। अबतक नदियों का संरक्षण कार्य घरेलू तरल अपशिष्ट की वजह से होने वाले प्रदूषण के रोकथाम तक ही सीमित है। जलीय जीवन की देखभाल, मृदा अपरदन के रोकथाम आदि के माध्यम से नदियों की पारिस्थितिकी में सुधार आदि कार्यों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया।
धार्मिक कार्यक्रमों के नाम पर नदियों में कचरा फैलाना भी अनुचित है और उद्योगों द्वारा जो नदियों में जहरीला अपशिष्ट मिलाया जाता है वह भी अक्षम्य अपराध है. मेरे एक सम्बन्धी ने बताया है कि अमेरिकी समुद्र में ‘एक बूंद’ जी हां आप एक बूंद भी तेल की नहीं गिरा सकते. ऐसा नहीं है कि हमारे देश में कानूनों की कमी है, कोई न कोई नियम-कानून तो हर किसी मामले पर होगा, लेकिन लागू करवाने वाले कैसे हैं, यह मुद्दे की बात है. वह भी शीर्ष पर. अब यह मत कहियेगा कि जिम्मेदारी तो जनता की भी है, स्वयं ही रेग्युलेट होना चाहिये. अगर सभी लोग स्वयं ही रेग्युलेट हो जाते तो फिर किसी भी सरकारी गैर-सरकारी नियमनध्विधेयन की आवश्यकता ही नहीं होती. फिर यदि लोग स्वतरू अनुशासित हो जायें तब भी उद्योग जो प्रदूषण फैला रहे हैं तथा सीवेज की गन्दगी जो हमारी नदियों में मिलाई जा रही है, उसका क्या?

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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भारतीय जनता पार्टी ने विधान परिषद चुनाव में आये परिणाम को सहर्ष स्वीकार करते हुए कहा कि चुनाव होना स्वस्थ लोकतंत्र का प्रतीक है।

Posted on 24 January 2015 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने विधान परिषद  चुनाव में आये परिणाम को सहर्ष स्वीकार करते हुए कहा कि चुनाव होना स्वस्थ लोकतंत्र का प्रतीक है। भाजपा प्रदेश डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि विधान परिषद के चुनाव ने यह सिद्ध कर दिया कि सपा-बसपा-कांग्रेस-रालोद एक ही थैली के चट्टे-बट्टे है।
डा0 बाजपेयी ने कहा कि हमारे पास कुल 41 मत थे जबकि हमको 51 मत मिले। अन्य दलों की बेचैनी इन अतिरिक्त 10 मतों से समझी जा सकती है।
डा0 बाजपेयी ने कहा कि भाजपा जनहित के मुद्दो, खराब कानून व्यवस्था, विकास में पिछड़ते प्रदेश को आगे ले जाने के लिए संघर्ष करती रहेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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