Posted on 30 January 2014 by admin
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने पशुपालन विभाग को निर्देश दिए हैं कि पशुओं की चिकित्सा, टीकाकरण एवं पशुओं के Ñत्रिम गर्भाधान कार्यो को शासन द्वारा निर्धारित समय-सारिणी एवं लक्ष्य के अनुरूप सुनिशिचत किए जाने के लिए सम्बनिधत जनपद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को उत्तरदायी बनाया जाय। उन्होने कहा कि कामधेनु योजना एवं मिनी कामधेनु योजना मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल है और उनकी अपेक्षा के अनुसार इन योजनाओं का शत-प्रतिशत परिणाम लाने के लिए जिला स्तर पर जवाबदेही तय करना आवश्यक है।
Ñषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन आज सचिवालय सिथत अपने कार्यालय कक्ष में पशुपालन विभाग द्वारा संचालित कामधेनु एवं मिनी कामधेनु योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होने पशुपालकों को अच्छी नस्ल के पशु उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था का निर्धारण करते हुए कहा कि कामधेनु योजना और मिनी कामधेनु योजना के अन्तर्गत पशु क्रय करने हेतु जिलों में क्रय समितियों का गठन किया जाय, जो अच्छे नस्ल के पशुओं की उपलब्धता विषयक सूचनाओं को एकत्र कर किसानों के हित में अच्छी नस्ल के पशुओं का क्रय करके उन्हें उपलब्ध करायेगी।
श्री रंजन ने कहा कि संबंधित जनपद में जहां-जहां चिकित्सा इकाइयां स्थापित की जा रही है, उस क्षेत्र का पशु चिकित्साधिकारी माह में एक बार यूनिट का निरीक्षण कर पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण करें। योजना पर प्रमुख सचिव, पशुधन द्वारा विस्तार से प्रकाश डाला गया।
बैठक में प्रमुख सचिव, पशुधन, श्री योगेश कुमार, प्रमुख सचिव, कृषि, श्री देवाशीष पाडा, विशेष सचिव, कृषि, श्री निखिल चन्द्र शुक्ला, निदेशक, कृषि, श्री डी0एम0 सिंह, अपर निदेशक, पशुपालन, डा0 पी0एस0 गौतम तथा स्टेट बैंक आफ इणिडया, केनरा बैंक, सेन्ट्रल बैंक आफ इणिडया, यूनियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक एवं बैंक आफ बडौदा के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 January 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के खाध एवं रसद मंत्री श्री रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भइया ने विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध प्रचलित विभागीय कार्यवाही एवं जांच को समयबद्ध ढंग से निस्तारित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा अपने सेवाकाल में की गयी अनियमितता एवं शासकीय क्षति पहुंचाने के मददेनजर उनके विरूद्ध सेवाकाल में संसिथत की गयी जांच को समय से पूरा न किये जाने के कारण उनके द्वारा पहुंचायी गयी शासकीय क्षति की वूसली किये जाने में कठिनार्इ हो रही है एवं परोक्ष रूप से अनियमितता करने वालों को लाभ प्राप्त होता है।
खाध एवं रसद मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अधिकारियों द्वारा सेवाकाल में की गयी अनियमितता के लिए उनके विरूद्ध शुरू की गयी विभागीय कार्यवाही को हर हाल में सेवाकाल में ही पूर्ण कर लिया जाय तथा संबंधित जांच अधिकारियों को निर्धारित समय-सीमा के अन्तर्गत जांच पूरा करने हेतु निर्देशित कर दिये जायं। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि समय-सीमा के अन्तर्गत जांच पूरी न करने वाले अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही सुनिशिचत की जाय। इसके अलावा यह भी सुनिशिचत किया जाय कि जांच प्रक्रिया पूरी होने के उपरानत उस पर निर्णय लिये जाने पर किसी भी स्तर पर विलम्ब न किया जाय। निर्णय लेने में विलम्ब के लिए संबंधित अधिकारी के विरूद्ध भी आवश्यक कार्रवार्इ की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 January 2014 by admin
उत्तर प्रदेश में आज दिन में पावर कारपोरेशन द्वारा 9047 मेगावाट विधुत की आपूर्ति की जा रही थी।
आज दिन में 2:00 बजे राज्य विधुत उत्पादन निगम के विधुत गृहों से 2846 मेगावाट विधुत का उत्पादन हो रहा था, जिसमें ओबरा से 374 मेगावाट, अनपरा से 1448 मेगावाट, पनकी से 77 मेगावाट, हरदुआगंज से 343 मेगावाट तथा पारीछा से 604 मेगावाट विधुत का उत्पादन हो रहा था। इसके अलावा 54 मेगावाट जलीय विधुत का उत्पादन हो रहा था।
पावर कारपोरेशन द्वारा केन्द्रीय क्षेत्र से 3827 मेगावाट विधुत आयात की जा रही थी। इसके अलावा को-जनरेशन से 700 मेगावाट, रोजा से 887 मेगावाट, बजाज इनर्जी से 197 मेगावाट तथा लैन्को से 536 मेगावाट विधुत आयात की जा रही थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 January 2014 by admin
उत्तर प्रदेश में औधानिक योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय तथा किसानों को प्रोत्साहित कर उन्हें अधिक से अधिक लाभ दिलाया जाय। किसानों को जागरूक कर उपज का लाभकारी मूल्य भी दिलाया जाय। किसानों के दु:ख-दर्द का ख्याल कर उनकी समस्याओं के प्रति गम्भीर होकर अधिकारी कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें अन्यथा कार्यक्रमों के भौतिक एवं वित्तीय प्रगति के प्रति लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवार्इ होगी। मसाला की खेती करने वाले किसानों के लिए मार्केटिंग की भी व्यवस्था की जाय जिससे किसानों का शोषण न हो।
उधान एवं खाध प्रसंस्करण मंत्री श्री पारस नाथ यादव ने गत दिवस विधान भवन सिथत अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक में यह निर्देश देते हुये अधिकारियों को अपनी कार्य संस्कृति में शीघ्र सुधार लाये जाने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने औधानिक मिशन, माइक्रोइरीगेशन, फलपटटी विकास, हर्बल गार्डेन, गुणवत्तायुक्त पान उत्पादन, राजकीय पौधशालाओं तथा खाध प्रसंस्करण आदि योजनाओं की गहन समीक्षा की। उन्होंने संचालित योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिये ताकि योजनाओं को समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण एवं पारदर्शी ढंग से पूरा करके किसानों को लाभानिवत किया जा सके।
श्री यादव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि पूरी तैयारी एवं योजनाओं के प्रगति कार्यों की अधतन जानकारी के साथ बैठक में प्रतिभाग करें। उन्होंने औधानिक विकास, माइक्रोइरीगेशन एवं राज्य औधोनिक मिशन में लक्ष्य के सापेक्ष कम प्रगति पर कासगंज, बागपत, श्रावस्ती, हापुड़,
बरेली, बुलन्दशहर, आगरा, बांदा, हमीरपुर, अमेठी, महोबा, भदोही तथा आर0के0वी0वार्इ0 में गोण्डा, श्रावस्ती, संभल, अमरोहा और औरैया जनपद के संबंधित मण्डलीय अधिकारियों को कोताही न बरतने तथा अपने क्षेत्र के कार्य प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिये।
उधान मंत्री ने निर्देश दिये कि योजनाओं एवं कार्यक्रमों के लिए केन्द्रांश एवं राज्यांश के तहत आवंटित धनराशि को समान अनुपात में शीघ्र खर्च किया जाय। उन्होंने मुख्यालय के अधिकारियों को जनपद एवं मण्डल में जाकर कार्य प्रगति की मानीटरिंग करने तथा कम प्रगति पर ध्यान देने के निर्देश दिये। बैठक में प्रमुख सचिव, उधान एवं खाध प्रसंस्करण सुश्री जूथिका पाटणकर, निदेशक श्री एस0पी जोशी, समस्त संयुक्त निदेशक, मण्डलीय उप निदेशक, योजना अधिकारियों के साथ-साथ निदेशालय एवं शासन के उच्च अधिकारी उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 January 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री बी0एल0 जोशी ने फूलों के मौसम में राजभवन के गार्डेन को आम लोगों, विशेषकर छात्र-छात्राओं के लिये 01 फरवरी से 20 फरवरी, 2014 तक प्रतिदिन अपरान्ह 3.00 बजे से सांय 5.00 बजे खोले जाने के निर्देश दिये हैं। दर्शक या आगन्तुक जानकारी हेतु दूरभाष संख्या 0522-2620494-95, म्गजण् 201 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
राजभवन भ्रमण के समय आम जनता को राजभवन के इतिहास के साथ ही धन्वन्तरि वाटिका राजभवन द्वारा प्रकाशित ”आयुर्वेद और स्वास्थ्य, ”आयुर्वेद अमृतानाम एवं ”शतायु की ओर पत्रकों के बारे में भी जानकारी मिलेगी।
राजभवन जो पूर्व में कोठी हयात बख़्श के नाम से जाना जाता था, का निर्माण नवाब सआदत अली खान के कार्यकाल में हुआ था। यह भवन लगभग 200 वर्ष पुराना है। मेजर जनरल क्लाड मार्टिन ने इस भवन का पुनर्निर्माण कराया था तथा इसको अपना आवास बनाया। आजादी के पहले भी यह भवन अवध प्रान्त के उप-राज्यपालराज्यपाल का सरकारी आवास था। स्वतन्त्रता के पश्चात यह भवन राजभवन के नाम से जाना जाता है और यह उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का सरकारी आवास है।
राजभवन के मुख्य प्रांगण में सफेद संगमरमर की एक बारादरी निर्मित है तथा भवन के सामने लान में उत्तर प्रदेश सरकार की सील के आकार का एक सुन्दर फव्वारा भी सिथत है। यहाँ एक कैक्टस हाउस है तथा विभिन्न प्रकार के दुर्लभ औषधीय पौधों की एक वाटिका है, जिसे धन्वन्तरि वाटिका कहते हैं। गाँधी सभागार के पीछे विभिन्न रंगों एवं प्रजातियों के गुलाब की सुन्दर वाटिका है जो गुलाब वाटिका कहलाती है। राजभवन में रूद्राक्ष, कल्पवृक्ष, सीता अशोक, सिन्दूर, कृष्ण वट तथा चन्दन के दुर्लभ वृक्ष भी लगे हैं। राजभवन के कुछ चिनिहत स्थलों पर संगमरमर की खूबसूरत मूर्तियों भी स्थापित हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 January 2014 by admin
1-श्री राजेन्द्र कुमार गौतम, पुलिस उपाधीक्षक मथुरा से सहायक सेनानायक 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा ।
2-श्री वीरेन्द्र कुमार राय, पुलिस उपाधीक्षक, प्रतापगढ़ से सहायक सेनानायक 26वीं वाहिनी पीएसी, गोरखपुर ।
3-श्री सुनील कुमार, पुलिस उपाधीक्षक, कानपुर देहात से पुलिस उपाधीक्षक चित्रकूट
4-श्री सुरेश चन्द्र रावत, पुलिस उपाधीक्षक चित्रकूट से पुलिस उपाधीक्षक प्रतापगढ़
5-श्री कृष्णकांत सरोज, पुलिस उपाधीक्षक फैजाबाद से पुलिस उपाधीक्षक आजमगढ़
6-श्री अखण्ड प्रताप सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, बरेली से पुलिस उपाधीक्षक गोण्डा
7-श्री महेन्द्र प्रताप चौहान, पुलिस उपाधीक्षक बहराइच से पुलिस उपाधीक्षक फैजाबाद
8-श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह, पुलिस उपाधीक्षक गोण्डा से पुलिस उपाधीक्षक सीबीसीआर्इडी मुख्यालय लखनऊ ।
9-श्री सुशील कुमार, पुलिस उपाधीक्षक आजमगढ़ से सहायक सेनानायक 36वीं वाहिनी पीएसी वाराणसी ।
10-श्री मायाराम, पुलिस उपाधीक्षक, जौनपुर से सहायक सेनानायक 35वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ ।
11-श्री बृज मोहन सिंह, पुलिस उपाधीक्षक जौनपुर से सहायक सेनानायक 30वीं वाहिनी पीएसी गोण्डा ।
12-श्री सचिचदानन्द, पुलिस उपाधीक्षक मीरजापुर से पुलिस उपाधीक्षक सीबीसीआर्इडी गोरखपुर ।
13-श्री अमित किशोर श्रीवास्तव, पुलिस उपाधीक्षक मीरजापुर से पुलिस उपाधीक्षक गोण्डा ।
14-श्री महमूद अहमद सिददीकी, पुलिस उपाधीक्षक रायबरेली से पुलिस उपाधीक्षक फैजाबाद ।
15-श्री सुखवीर सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, गोण्डा से सहायक सेनानायक 45वीं वाहिनी पीएसी अलीगढ़ ।
16-श्री त्रिलोकी नाथ पाण्डेय, पुलिस उपाधीक्षक गोण्डा से जेड0ओ0 बस्ती ।
17-श्री प्रवीन कुमार यादव, पुलिस उपाधीक्षक इलाहाबाद से पुलिस उपाधीक्षक मीरजापुर।
18-श्री कमल किशोर, पुलिस उपाधीक्षक गाजीपुर से पुलिस उपाधीक्षक इलाहाबाद ।
19-श्री शशि शेखर सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, उन्नाव से सहायक सेनानायक 35वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ ।
20-श्री निष्छल भार्इ पटेल, पुलिस उपाधीक्षक, वाराणसी से पुलिस उपाधीक्षक र्इ0ओ0डब्लू0, वाराणसी ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 January 2014 by admin
दिनांक 29-01-2014 को समय 1230 बजे थाना जीआरपी कानपुर पुलिस द्वारा सूचना के आधार पर रेलवे स्टेशन कानपुर से दो चन्दन तस्करों को गिरफतार किया गया । जिनके पास से चार बैगों में 70 कि0ग्रा0 चन्दन की लकड़ी बरामद की गयी । पूछताछ पर अभियुक्तों ने बताया कि भोपाल, म0प्र0 से उक्त लकड़ी को पुष्पक एक्सप्रेस टे्रन से लाकर कानपुर रेलवे स्टेशन पर उतार कर कन्नौज जाने के लिये दूसरी ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहे थे।
इस संबंध में थाना जीआरपी कानपुर पर अभियोग पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की जा रही है ।
गिरफतार अभियुक्त
1-मो0 नजीम निवासी कस्बा व थाना कोतवाली जनपद कन्नौज ।
2-मो0 इब्राहिम निवासी कस्बा व थाना कोतवाली जनपद कन्नौज ।
बरामदगी
1-चार बैगो में 70 कि0ग्रा0 चन्दन की लकड़ी
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 January 2014 by admin
दिनांक 29-01-2014 को समय 0830 बजे थाना विजयनगर पुलिस द्वारा सूचना के आधार पर चेकिंग के दौरान हिण्डन नदी पुल के पास से दो शराब तस्करों को गिरफतार किया गया । गिरफतार अभियुक्तों के कब्जे से एक टाटा 407 गाड़ी पर लदी 77 पेटी हरियाणा निर्मित अवैध अंग्रेजी शराब बरामद हुर्इ । बरामद शराब की कीमत लगभग 8 लाख रूपये है । पूछताछ पर अभियुक्तों ने बताया कि हरियाणा से सस्ते दामों में क्रय कर गाजियाबाद व आसपास के जनपदों में मंहगे दामों में विक्रय करने हेतु ला रहे थे।
इस संबंध में थाना विजयनगर पर अभियोग पंजीकृत कर अभियुक्तों को जेल भेजा गया ।
गिरफतार अभियुक्त
1-उस्मान निवासी कस्बा व थाना पिलखुआ जनपद गाजियाबाद ।
2-नीलू निवासी फरीदनगर थाना भोजपुर जनपद गाजियाबाद ।
बरामदगी
1-एक टाटा 407 गाड़ी
2-77 पेटी हरियाणा निर्मित अवैध अंग्रेजी शराब
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 January 2014 by admin
थाना सिहानीगेट क्षेत्रान्तर्गत श्री संजय गर्ग स्टाम्प वेन्डर निवासी राजनगर थाना कविनगर जनपद गाजियाबाद से मोटरसाइकिल सवार 04 बदमाशों द्वारा इनका बैग छीन लिया गया था तथा विरोध करने पर इन्हेंं गोली मारकर घायल कर दिया गया था। बैग में 19 लाख 10 हजार रूपये नकद, आर्इडी व रजिस्ट्री फार्म आदि होना बताया गया था। इस संबंध में थाना सिहानीगेट पर मु0अ0सं0 162313 धारा 394 भादवि बनाम अज्ञात का अभियोग पंजीकृत कर घटना के अनावरण के प्रयास किये जा रहे थे।
दिनांक 29.01.14 को थाना सिहानीगेट पुलिस द्वारा सूचना के आधार पर डिफेन्स पार्क के पास से 04 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से लूट के 3 लाख 20 हजार रूपये नकद, घटना में प्रयुक्त 02 मोटर साइकिलें, अवैध आग्नेयास्त्र, लूटा गया बैग व आर्इडी बरामद हुर्इ।
पूछताछ पर अभियुक्तों ने उक्त लूट की घटना अपने 03 अन्य साथियों के साथ मिलकर कारित करना व लूट का शेष धन उन साथियों के पास होना बताया है। जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। इस संबंध में थाना सिहानीगेट पर अभियोग पंजीकृत कर अभियुक्तों को जेल भ्ेाजा गया ।
गिरफतार अभियुक्त
1-अरूण नेहरा निवासी दुहार्इ थाना मुरादनगर जनपद गाजियाबाद ।
2-राकी निवासी दुहार्इ थाना मुरादनगर जनपद गाजियाबाद ।
3-योगेन्द्र निवासी दुहार्इ थाना मुरादनगर जनपद गाजियाबाद ।
4-आसिफ निवासी कस्बा व थाना दादरी जनपद गौतमबुद्धनगर ।
बरामदगी
1-3 लाख 20 हजार रूपये नकद,
2-घटना में प्रयुक्त 02 मोटरसाइकिलें,
3-अवैध आग्नेयास्त्र,
4-लूटा गया बैग व आर्इडी
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 January 2014 by admin
वर्धा दिण् 29 जनवरी 2014 रू महात्माद गांधी अंतरराष्ट्री य हिंदी विश्व्विद्यालय में विश्वाविद्यालय के साहित्यय विभाग एवं उत्त2र प्रदेश हिंदी संस्थाभनए लखनऊ के संयुक्त तत्वादवधान में ष्अदम की कविता रू जनरुचि और पठनीयता का संदर्भष् विषय पर आयोजित राष्ट्री य संगोष्ठीा के दूसरे दिन हिंदी गजल की परंपरा में अदम पर हुयी चर्चा के दौरान आधार वक्ताो के रूप में उपस्थित गोविंद प्रसाद ने कहा कि अभी तो मैं हिंदी ही सीख रहा हूं। अच्छीर हिंदी के लिए उर्दू को जानना जरूरी है। गज़ल शब्दा अरबी का है लेकिन अरबी में गज़ल की कोई परम्पछरा नहीं रही। यह फारसी की है। रूपकों का संसार ईरान से आया है। गज़ल इशारे की जबान होती है। आजादी के बाद यह सवाल पैदा हो जाता है कि गज़ल उर्दू की है या हिंदी की। दुश्येन्तो के आने के बाद गज़ल को नया रास्ता मिल गया। हिंदी कवियों का गज़ल से बुनियादी सरोकार कभी नहीं रहा। गज़ल प्रदर्शन की वस्तु है अज्ञेय ने कहा था।
दुश्यरन्तर ने जो जबान गज़ल को दी वह उर्दू वालों ने भी स्वीाकार की। अदम की शैली दो टूक है उसमें लाग लपेट या संशय नहीं है। उन्होंजने अपना खुद गज़ल का स्कूील बनाया। इनकी गज़लों में तात्काललिकता मिलती है। इनके यहाँ वर्तमान की अधिकता है। जबकि इनके समकालिनों में इतना नहीं है। गालिब की शायरी में तमन्ना और ताबिज है। अदम में तमन्नाज मिलती है।
विश्व विद्यालय के हबीब तनवीर सभागार में संपन्नन सत्र में वक्ताइ के रूप में उपस्थित डाण् अखिलेश राय ने कहा कि गज़लों का प्रारम्भर खुसरो से मानते हैए हिंदी को हिंदुओ से उर्दू को मुसलमानों से जोड़ा जाता है। शमशेर खुद कहते हैं कि मैं हिंदी.उर्दू का आबा हॅू। अदम ने दुश्यंदत से बहुत कुछ लिया है। गज़ल की ठोस धरती पर अवतरण अदम ने ही किया। सर्वहारा की समस्या एं अदम की गज़लों का विषय बनती है। अदम की गज़लों में भावए संवेदनाए समसामायिक जीवन की घटनाएँ हैं। अदम की दृष्टि वर्गीय है। इनकी गज़लों में व्यंेग्या की धार है प्रतीक नहीं। इन्होंाने गज़ल की भाषा ही नहीं बल्कि कथ्यष को भी बदल दिया। बड़ा शायर अपने समय की सच्चा इयों को बया करता है। अदम की गज़लें हिंदी गज़ल परम्पारा को सुदृढ़ करती हैं। अध्यीक्षता करते हुए दूधनाथ सिंह कोई भी विधा किसी की विरासत नहीं होती। जब तक लंगड़ा प्रजातंत्र रहेगा तबतक अदम की कविता प्रासंगिक रहेगी। जब हमारा समाजए संस्कृीतियाँ आदि बदल जाएगी तब शायरी भी इतिहास की वस्तुी हो जाएगी। शमशेर का लेख दो खण्डोंा में ;उर्दू की कवयत्रियाँद्ध अधूरापन ही कविता और कला का सौंदर्य है। गालिब कवि की सफलता इस बात में है कि उसकी कविता की सार्थकता बढ़ती जाये। अदम ने कविता को जनता की भाषा तक ले गये। कवि से यह अपेक्षा नहीं करनी चाहिए कि वह जो कविता में लिखता है आवश्यषक नहीं की उसे अपने जीवन में उतारे। डाण् दिलीप शाक्य का कहना था कि अदम नक्समलवादए मार्क्सेवाद और गांधीवाद को अपनी गज़लों में दिखाते है। अदम जिस आम आदमी की बात करते है वह गांधीवाद में भी है और जनवाद में भी। अदम समय को पछाड़ देना चाहते हैं जबकि शमशेर समय से संघर्ष करते दिखते हैं। साहित्यम विभाग के सहायक प्रोफेसर डाण् रामानुज अस्था ना ने कहा कि अरबी में गज़लें कम लिखी गयी। उर्दू विवशता में उत्प न्नो भाषा हैं। फारसी संयोगात्म क भाषा है। अदम ने तत्सीम शब्दािवली के काफी शब्दों का प्रयोग किया। सत्र का संचालन डॉण् धूमकेतु ने किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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