Archive | September 12th, 2013

राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमुलायम सिंह यादव का अध्यक्षीय भाषण के मुख्य बिन्दु

Posted on 12 September 2013 by admin

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमुलायम सिंह यादव का अध्यक्षीय भाषण के मुख्य बिन्दुः

(1) सबसे खतरनाक दौर से गुजर रहा है देशः- edited-11-09-b

आगरा के इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक शहर में जो ताजमहल के लिए पूरी दुनियां में मशहूर है, में कार्यकारिणी के सभी प्रतिनिधियों और देश भर से आये कार्यकर्ताओं का हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। मित्रों आज की यह घड़ी सबसे गंभीर और दिशाहीन दौर से जुजर रही है। देश के पिछले 10 वर्षों में जिस तरह से हालात बिगड़े हैं उसकी कोई मिशाल दुनियाॅं में नहीं मिलती। आज देश की सियासत, देश की सुरक्षा, देश की अर्थ व्यवस्था और धर्मनिरपेक्षता संकट है ऐसा पहले कभी नहीं था। कार्यकारिणी की इस बैठक में हमें इन सभी सवालों पर गंभीरता से चिन्तन करना है क्योंकि देश की जनता केवल शिकायत नहीं सुनना चाहती, उसे विकल्प की तलाश है। मैं इसे बार-बार दोहराता रहा हॅूूूं कि देश को बचाने और मजबूत राजनीतिक विकल्प देने का काम बड़े सियासी दलों ने जो वोटों की राजनीति करते हैं, के द्वारा सम्भव नहीं है। इस चुनौती को क्षेत्रीय दलों को ही स्वीकार करना पड़ेगा।

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(2) सवा सौ करोड़ नागरिक रोज अपमानित हो रहे हैंः-

पिछले 20 वर्षों से भी अधिक समय से समाजवादी पार्टी सवाल उठाती रही है कि देश की सीमाएॅं और देश की सुरक्षा सबसे अधिक खतरे में है। किसी भी स्वाभिमानी राष्ट्र की पहली जिम्मेदारी यह होती है कि अपने देश के नागरिकों के मन में सुरक्षा और सम्मान कायम रखना। दुर्भाग्य से एन0डी0ए0 और यू0पी0ए0 दोनों सरकारों के कार्यकाल में नागरिक अपमानित हुआ है और असुरक्षित हुआ है। सीमाओं पर हमले हुए हैं, घुसपैठ हुई है, सैनिकों की हत्याएॅं हुई हैं और सरकारों ने उसे देश से छिपाया है। देश के सैनिक और देश के नागरिक का इससे बड़ा अपमान और कुछ नहीं हो सकता। इस हालात को बदलने की कोई गंभीर कोशिश सरकार की ओर से नहीं हो रही है। दर्जनों बार यह सवाल आया है। प्रधानमंत्री पहले आश्वासन देते हैं और बाद में यह कहते हैं कि हम अपने पड़ोसी नहीं बदल सकते। यह सच है कि हम अपने पड़ोसी नहीं बदल सकते लेकिन हम अपने देश की सीमाओं की सुरक्षा पड़ोसियों के हाथ बन्धक भी नहीं रख सकते। पड़ोसियों के साथ समानता, सुरक्षा और आत्म सम्मान की शर्त होना जरूरी है। सीमा पर बिना लड़े अपनी सहादत देने वाले सैनिकों के आॅकड़ों को भी तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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(3) मंहगाई, भ्रष्टाचार और किसानों की मौतः-

आज देश की आर्थिक दुर्दशा की तस्वीर के भुक्तभोगी आपसे अधिक कोई नहीं हैं और उसका सबसे अधिक शिकार गांव का छोटा किसान, बेरोजगार मजदूर और शहरों में झोपडि़यों में रहने वाले लोग हैं। पिछले 10 सालों में हमने पूरी अर्थव्यवस्था को विदेशी पॅूूंजी के ऊपर केन्द्रित कर दिया है और भारतीय रूपया में खरीदने की शक्ति अमेरिकी डालर के रहमोकरम पर है। यू0पी0ए0 सरकार जब सत्ता में आयी थी तो उसने यह भरोसा दिलाया था कि 100 दिन के अन्दर मंहगाई कम होगी। लेकिन आज हालात यह है कि यदि गरीब, किसान, मजदूर, बेरोजगार को छोड़ दें तो मध्यम वर्ग भी खुद भारी संकट में है। पिछले पांच वर्षों में आवश्यक वस्तुओं के दाम 100 प्रतिशत से भी अधिक बढ़ चुके हैं।   सबसे ज्यादा लोगों का भरोसा इस सरकार ने तोड़ा है। पिछले 05 सालों में सरकारी विभागों में घोटाले और लूट को जोड़ दिया जाय तो 05 लाख करोड़ से अधिक होता है। इसलिए यह साबित हो चुका है कि यू0पी0ए0 या एन0डी0ए0 सरकारें देश के गरीबों, किसानों, नौजवानों, बेरोजगारों व महिलाओं को सुरक्षा और रोजगार देने में पूरी तरह फेल हो चुकी हैं। इस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। अगले वर्ष मई में देश में एक नई सरकार होगी और इस सरकार के गठन, समर्थन और मजबूती देने की बड़ी जिम्मेदारी समाजवादी पार्टी की है और इस चुनौती पर हमें खरा उतरना है।

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(4) धर्मनिरपेक्षता और देश की एकता की चुनौती सबसे बड़ीः-

आज इस अवसर पर यहाॅं मौजूद और देश भर के कोने-कोने में बैठे बुद्धिजीवी, नौजवानों, लड़कियों, किसानों, शिक्षकों, मजदूरों का आह्वान करता हॅूूूं कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए और देश के अन्दर शान्ति व्यवस्था और समुद्धि सम्पन्नता के लिए सामने आयें। आज जैसा गम्भीर और खतरनाक दौर पहले कभी नहीं था। यह परिवर्तन का वर्ष है। अभी हमने देखा कि मौके का फायदा उठाकर मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों में साम्प्रदायिकता की  आग किस तरह भड़काई जा रही है। अगर हम सतर्क नहीं रहे तो यह घटनाएॅं बार-बार दोहराई जायेंगी क्योंकि कुछ लोग जिन पर उत्तर प्रदेश की जनता ने भरोसा नहीं किया है इस आंच में अपनी रोटी सैकना चाहती हैं। हम इसे किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे। चाहे इसके लिए हमें कितना भी बड़ा बलिदान क्यों न करना पड़े। समाजवादी पार्टी डा0 लोहिया, जयप्रकाश नारायण और चै0 चरण सिंह की राजनीतिक विरासत की पार्टी है। उनके सिद्धान्तों और नीतियों का पालन हम हर कीमत पर करेंगे इसलिए मेरा आप सबसे, पूरे देश की जनता से निवेदन है कि सीमा के बाहरी शत्रुओं और देश के अन्दर के शत्रुओं से हर हालत में देश को बचाना है। यही मेरी सबसे बड़ी चुनौती है तथा इसमें समाजवादी पार्टी और हर नौजवान को खरा उतरना है।

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

sa@upnewslive.com

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शिकागों में विश्वधर्म सम्मेलन उद्बोधन की 120वीं वर्षगाठ

Posted on 12 September 2013 by admin

श्री स्वामी विवेकानन्द जी द्वारा 11 सितम्बर 1893 में शिकागों में विश्वधर्म सम्मेलन को दिए गये उद्बोधन की 120वीं वर्षगाठ पर पूर्व नेता विधान परिषद विन्ध्यावासिनी कुमार के नेतृत्व में श्री श्री चित्रगुप्त कायस्थ जन कल्याण समिति के तत्वधान में बड़ी संख्या में लोगों ने आज अमीनाबाद पार्क में स्थापित स्वमी विवेकानन्द की प्रतिमा पर पुष्प माला चढ़ा कर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस अवसर पर विन्ध्यावासिनी कुमार ने शिकागों में स्वामी विवेकानन्द जी द्वारा विश्वधर्म सम्मेलन में दिए गए ओजस्वी भाषण के कुछ अंश पढ़कर उपस्थित समुदाय को सुनाया तथा वर्तमान की परिस्थितियों में स्वामी जी के संदेश से प्रेरणा लेकर विषम सामाजिक व राजनैतिक स्थितियों से निजात पाने का संदेश दिया। edited-photo1

स्वामी विवेकानन्द जी द्वारा दिए गए भाषण के प्रमुख अंश

हम लोग सब धर्मो के प्रति केवल सहिषणुता में ही विश्वास नहीं करते वरन् समस्त धर्मों को सत्य मानकर ग्रहण करते हैं आपसे यह निवेदन करते हुए मुझे गर्व हो रहा है कि मैं ऐसे धर्म का अनुयायी हँू, जिसकी पवित्र भाषा संस्कृत में अंगे्रजी शब्द (बहिष्कार ) का कोई पर्यायवाची शब्द ही नही है। मुझे एक ऐसे देश का व्यक्ति होने का अभिमान है, जिसने इस पृथ्वी की समस्त पीडि़त और शरणागत जातियों तथा विभिन्न धर्मों के बहिष्कृत मतावलम्बियों का आश्रय दिया है। मुझे यह बतलाते हुए गर्व हो रहा है कि जिस वर्ष यहूदियों का पवित्र मन्दिर रोमन जाति के अत्याचार से धूल में मिला दिया गया, उसी वर्ष कुछ अभिजात यहूदी आश्रय लेने दक्षिण भारत में आये। हमारी जाति ने उन्हें अपनी छाती से लगाकर शरण दी। ऐसे धर्म में जन्म लेने का मुझे अभिमान है, जिसने पारसी जाति की रक्षा की और उसका पालन अब तक कर रहा है।

edited-photo_2साम्प्रदायिकता, संकीर्णता औश्र इनसे उत्पन्न भयंकर धार्मिक उन्माद हमारी इस पृथ्वी पर काफी समय तक राज कर चुके है। इनके घोर अत्याचार से पृथ्वी थक गयी है। उस उन्माद ने अनेक बार मानव-रक्त से पृथ्वी को सींचा है, सभ्यताएं नष्ट कर डाली हैं तथा समस्त जातियों को हताशः कर डाला है। यदि यह सब न होता तो मानव समाज आज की अवस्था से कहीं अधिक उन्नत हो गया होता; पर अब उनका भी समय आ गया है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि जो घण्टे आज सुबह इस सभा के सम्मान के लिए बजाये गये, वे समस्त कट्टरताओं तलवार या लेखनी के बल पर किये जाने वाले समस्त अत्याचारों तथा मानवों की पारस्परिक कटुताओं के लिए मृत्यु-नाद सिद्ध होंगे। इससे सभी प्रभावित होकर अमेरिकावासी स्वामी जी के चहेते बने।

इस अवसर पर उपस्थित जन समुदाय ने ऐतिहासिक झण्डे वाले पार्क में व्याप्त भयानक गंदगी व अव्यवस्था पर भारी क्षोभ व्यक्त किया व कहा कि जिस महापुरूष ने पूरी दुनियां को अपनी ओजस्वी वाणी से संर्कीणताओं व बुराईयों के खिलाफ उठ खड़े होने का संदेश दिया तथा जिसके जनम की 150 वी वर्षगाठं दुनिया भर में मनाई जा रही है। ऐसे महापुरूष की मूर्ति जिस चबूतरा पर स्थापित किया गया हैं उसे भी तोड़ डाला गया है। उपस्थित लोगों ने सरकार से तत्काल झण्डेवाले पार्क की सफाई कर उसके सौन्दयीकरण व रखरखाव की व्यवस्था करने की मांग की है। उपस्थित प्रमुख लोगों में पूर्व नेता विधान परिषद विन्ध्यवासिनी कुमार, विनोद कुमार श्रीवास्तव, राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, हरीशचन्द्र श्रीवास्तव, राहुल सेन सक्सेना, डा0 ह्दयेश बिहारी, अनिल बाजपेयी, मुंशी इन्दु प्रकाश, श्री मती जयंति श्रीवास्तव, व मथुरेश श्रीवास्तव, गोपाल श्रीवास्तव, संजय तिवारी, श्रीमती प्रवीन श्रीवास्तव, मनु श्रीवास्तव, मैथलीशरण शुक्ल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

sa@upnewslive.com

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समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक

Posted on 12 September 2013 by admin

  • आर्थिक एवं राजनैतिक प्रस्ताव

राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक एक साल पहले 12-13 सितम्बर, 2012 को कोलकाता में सम्पन्न हुयी थी। आज हम विश्व प्रसिद्ध ताजनगरी आगरा में देश की वर्तमान आर्थिक एवं राजनैतिक स्थिति का विश्लेषण करने और आगामी लोक सभा के चुनाव की दृष्टि से पार्टी की रणनीति पर विचार करने के लिये बैठ रहे हैं।  समाजवादी पार्टी की स्थापना से लेकर आज तक आगरा में हम सबसे ज्यादा बार एकत्रित हुए हैं। जनवरी 1996 एवं जुलाई, 2000 में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, मार्च 2003 एवं अगस्त 2009 में विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन और जून 2011 में राष्ट्रीय सम्मेलन आगरा में हो चुके हैं। लेकिन तत्कालीन परिस्थितियों में और आज की परिस्थितियों में काफी अन्तर है।   edited-press-conf

आज देश गम्भीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते पिछले 3 साल में हालत बद से बदतर हो गये हैं।  2010 में जहाँ सकल घरेलू उत्पाद (जी0डी0पी0) की वृद्धि दर 7ण्2 प्रतिशत थी वह घटकर 4 प्रतिशत के आस-पास पहुँच गयी है और आशंका इससे भी नीचे जाने की है। चालू खाता घाटा 2010 में 2ण्8 प्रतिशत था जो बढ़कर 4ण्8 प्रतिषत हो गया है। राजकोषीय घाटा 10 लाख करोड़ रूपये तक पहुँच गया है।  डालर के मुकाबले रूपया में अभूतपूर्व गिरावट आयी है।  2010 में एक डालर 44ण्5 रूपये के बराबर था, आज वह गिरकर 66 रूपये से 68 रूपये के बीच झूल रहा है। यदि सरकार ने ठोस कदम न उठाये तो आशंका यह है कि आने वाले दिनों में केन्द्र सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन देने की स्थिति में भी नहीं रहेगी। इससे बचने के लिये आयात में कमी करनी होगी और निर्यात में बढ़ोत्तरी।  लेकिन सब कुछ इसके उलट हो रहा है। हमारे यहाँ लगभग 100 वर्ष के लिये कोयले के भण्डार हैं लेकिन हम पिछले वर्षों में हजारों करोड़ डालर का कोयला आयात कर चुके हैं। आर्थिक कुप्रबन्धन के चलते यह सब हो रहा है। समाजवादी पार्टी यू0पी0ए0 सरकार की इस जनविरोधी कार्यशैली की निन्दा करती है।

मँहगाई निरन्तर बढ़ रही है। 2010 में पेट्रोल 40 रूपये प्रति लीटर था जो आज बढ़कर लगभग 75 रूपया प्रति लीटर हो गया है और डीजल के दाम भी लगभग दोगुने हो गये हैं। सीमेंट, स्टील और ईंट के दाम आकाश चूमने लगे हैं। इसकी वजह से जो लोग अपना निजी घर बनाने का सपना देख रहे थे वे भी पूरी तरह निराश हो गये हैं। गरीब लोगों को तो थाली पहले ही नसीब नहीं थी लेकिन अब मध्यम वर्ग के लोगों को भी अपनी थाली में दाल, सब्जी और प्याज जैसी चीजों में कटौती करनी पड़ रही है।  ग्रामवासियों और गरीब लोगों के लिये अरहर की दाल प्रोटीन का मुख्य स्रोत होता है लेकिन अत्यधिक मँहगाई के चलते दाल देश की बहुत बड़ी आबादी की पहुँच के बाहर हो गयी है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार सन् 1951 में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन चना की दाल की उपलब्धता 22ण्5 ग्राम थी जो 2011 में घटकर 14ण्6 ग्राम रह गयी है। अन्य दालों की उपलब्धता सन् 1951 में 61 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से घटकर 39 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन रह गयी है।  इसीलिये आज शारीरिक दृष्टि से कमजोर और बीमार लोगों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ी है।

देश की अर्थव्यवस्था को कृषि सबसे ज्यादा स्थिरता प्रदान करती है। सन् 1950 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जी0डी0पी0) में खेती का हिस्सा 50 प्रतिशत था जो घटकर अब 14 प्रतिशत रह गया है। उस वक्त खेती पर निर्भर रहने वाले लोगों की संख्या 74 प्रतिशत थी अब सरकारी आँकड़ों के अनुसार लगभग 63 प्रतिशत है। जो कृषि क्षेत्र इस देश के लगभग 63 प्रतिशत लोगों को रोजी-रोटी देता है उसकी सबसे ज्यादा उपेक्षा की जा रही है। हमारे पड़ोस में चीन है। चीन की तुलना में भारत में धान एवं गेहूँ का एरिया काफी ज्यादा है। लेकिन चीन में धान की पैदावार प्रति हैक्टेयर भारत से दोगुनी तथा गेहूँ की पैदावार प्रति हैक्टेयर भारत से 70 फीसदी ज्यादा है और यही कारण है कि दुनियाॅ में धान के उत्पादन में जहाँ चीन का हिस्सा 29ण्35 प्रतिशत है वहीं भारत का हिस्सा केवल 17ण्95 प्रतिशत है और गेहूँ के उत्पादन में चीन का हिस्सा 17ण्62 प्रतिशत है वहीं भारत का हिस्सा 12ण्36 प्रतिशत ही है। चीन ने कृषि की वृद्धि दर को 6 प्रतिशत से ऊपर रखकर  अपनी आर्थिक स्थिति को स्थिर रखा और अन्य क्षेत्रों में जबर्दस्त बढ़ोत्तरी करके काफी तरक्की की है। जबकि भारत में खेती की विकास दर दो प्रतिशत से भी कम रही है। समाजवादी पार्टी इस पर गम्भीर चिंता व्यक्त करती है।

बेरोजगारी की वजह से गरीबी लगातार बढ़ रही है। यू0पी0ए0-2 बनने के बाद से लेकर बीते वित्तीय वर्ष के अन्त तक लगभग 3 करोड़ 20 लाख गरीब लोग बढ़े हैं और यह सरकारी आँकड़ा तो तब है जब योजना आयोग यह कहता है कि ग्रामीण क्षेत्र में 27 रूपया प्रतिदिन और शहरी क्षेत्र में 32 रूपया प्रतिदिन से कम खर्च करने की क्षमता वाला व्यक्ति गरीब है।  योजना आयोग की गरीबी की रेखा के नीचे रहने वाले लोगों की यह परिभाषा हास्यास्पद तो है ही, देश के करोड़ों गरीबांे के साथ एक क्रूर मजाक भी है। सेन गुप्ता कमेटी की रिपोर्ट में जब यह कहा गया था कि भारत के 80 प्रतिशत लोग 8 रूपये से लेकर 20 रूपया प्रतिदिन पर निर्भर करते हैं या 8 रूपया से लेकर 20 रूपया खर्च करने की क्षमता रखते हैं तब सरकारी हल्कों में इसकी आलोचना हुयी थी लेकिन उसके तुरन्त बाद बजट से पूर्व संसद के पटल पर रखी गयी भारत सरकार की आर्थिक समीक्षा में इस बात को स्वीकार किया गया था कि देश की लगभग 63 प्रतिशत आबादी 20 रूपया तक रोज खर्च करने की क्षमता रखती है और इसलिये समाजवादी पार्टी का मानना है कि देश में गरीबी की रेखा के नीचे रहने वाले लोगों की संख्या लगभग 70 प्रतिशत है। आर्थिक क्षेत्र में दुनियाॅ में हम कहाँ खड़े हैं इसका अन्दाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जहाँ अमेरिका की पर कैपीटा इन्कम 49802 डालर, कोरिया की 32431 डालर, इटली की 30116 डालर, चीन की 9141 डालर, श्रीलंका की 6102 डालर और भारत की पर कैपीटा इनकम मात्र 3851 डालर है।

छोटे, मझोले और कुटीर उद्योग धन्धों की उपेक्षा से देश में गम्भीर संकट की स्थिति पैदा हो गयी है। किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य नहीं मिलता है। खाद, बीज, डीजल, पैस्टीसाइड सब इतने मँहगे हो गये हैं कि किसान की कुछ फसलों में तो लागत के बराबर भी पैदावार का मूल्य नहीं मिल पाता है। देश के बुनकर बेहाल हैं । उनके द्वारा तैयार किया गया माल बड़े पूँजीपतियों की मिलों में बने माल का मुकाबला नहीं कर पाता है।  सरकार द्वारा बुनकरों के तैयार माल को खरीदने की व्यवस्था न करने से देष के विभिन्न हिस्सों में चल रहे हैण्डलूम और पावरलूम धीरे-धीरे बन्द होते जा रहे हैं। खुदरा व्यापार में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की वजह से देश के लगभग 5 करोड़ खुदरा व्यापारी बेरोजगार हो जायेंगे और उससे देश की लगभग 25 करोड़ आबादी भुखमरी के कगार पर पहुँच जायेगी। यह सब केन्द्र सरकार की ऐसी नीतियाँ हैं जिससे देश की अर्थव्यवस्था तो खराब होती ही है देश में बेरोजगारी और गरीबी भी बढ़ती है।

भ्रष्टाचार ने सारी सीमाएं लाँघ दी हैं। एक के बाद एक इतने घोटाले सामने आ रहे हैं कि जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता था।  2-जी स्पैक्ट्रम घोटाला, काॅमनवेल्थ घोटाला, आदर्श सोसायटी घोटाला, कोयला घोटाला, एयर इंडिया घोटाला, हैलीकाॅप्टर घोटाला आदि इतने बड़े घोटाले हैं जिनकी वजह से देश का नाम सारी दुनियाॅ में बदनाम हुआ हैं।  इन घोटालों का सबसे दुःखद पहलू यह है कि जो असली गुनाहगार हैं उनको बचाने का प्रयास किया गया है।

भारत सरकार की अमेरिका परस्ती के कारण हमारी विदेश नीति में भी स्पष्ट तौर पर परिवर्तन दिखायी दे रहा है। आजादी के पहले काॅग्रेस पार्टी की विदेश नीति सैल के प्रमुख होने के नाते भारत की जिस विदेश नीति की रूपरेखा डाक्टर राम मनोहर लोहिया ने तैयार की थी और उसी के आधार पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने यह स्पष्ट रूप से कहा था कि हम किसी गुट में शामिल नहीं होंगे। लेकिन अगर किसी देश के साथ अन्याय होता है तो हम उस अन्याय का विरोध करेंगे। हम देख रहे हैं कि अमेरिका लगातार अपनी ताकत के बल पर मनमाने तरीके से दुनियाॅ के दूसरे देशों के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। अफगानिस्तान, इराक, लीबिया इसके उदाहरण हैं और सीरिया में कभी भी अमेरिका आक्रमण कर सकता है। ईरान पर प्रतिबन्ध लगा दिये गये हैं।  इराक और ईरान से हमारे बहुत अच्छे रिश्ते रहे हैं। लेकिन भारत सरकार ने अपने इन मित्र देशों के बचाव में कभी एक शब्द भी नहीं कहा उल्टे अमेरिका का समर्थन किया। भारत का यह रवैया हमारी पारम्परिक विदेश नीति से बिल्कुल हटकर है।

edited-press-conf2विदेश नीति का आधार राष्ट्रहित होता है। लेकिन यह सरकार अमेरिका के दबाब में राष्ट्रहित की अनदेखी कर रही है। कच्चे तेल का आयात हमारी अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से गड़बड़ा रहा है। अगर हम ईरान से यह तेल लें तो भारत को 50 हजार करोड़ रूपये का सीधा लाभ हो जायेगा लेकिन अमेरिका के दबाब की वजह से भारत ऐसा नहीं कर रहा है।

एक तरफ अमेरिका आतंकवाद से लड़ने की बात करता है और दूसरी तरफ भारत में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल पाकिस्तान का समर्थन करता है और उसे आर्थिक मदद भी देता है। अमेरिका द्वारा भारत और पाकिस्तान को एक ही पायदान पर रखना हमारी विदेश नीति की असफलता है। हमारे लगभग सभी पड़ोसी देशों से सम्बन्ध खराब हैं। हमारे मित्र देशों की संख्या लगातार कम हो रही है और विरोधी देशों की संख्या में वृद्धि हो रही है। श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश से भी अब हमारे मधुर सम्बन्ध नहीं है। इससे स्पष्ट है कि हमारी विदेश नीति का क्रियान्वयन ठीक तरह से नहीं हो रहा है।

चीन और पाकिस्तान की दुरभि संधि भारत की सुरक्षा के लिये एक खतरे की घंटी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव कई वर्षों से भारत सरकार को आगाह करते रहे हैं कि चीन से सावधान रहें क्योंकि असली खतरा हमें चीन से ही है। हिन्दी-चीनी भाई-भाई का नारा लगाकर चीन ने पहले भारत के साथ धोखा किया और 1962 में भारत की लाखों वर्गमील जमींन पर कब्जा कर लिया जिस पर वह आज भी काबिज है। और अब आये दिन भारत की सीमा में घुसकर किसी न किसी क्षेत्र में या तो कब्जा कर लेता है या अपनी सेना को अन्दर भारत की सीमा में भेजकर वापस कर लेता है। हमारी सेना को लाइन आॅफ कन्ट्रोल पर गश्त करने से चीन की सेना ने रोक दिया है। चीन आये दिन अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में भारतीय सीमा का अतिक्रमण करता है और इन राज्यों में अपना क्षेत्र होने का दावा करता है। चीन ने भारत की सीमा तक हाईवे बना लिये हैं, रेलवे लाइन बना ली है।  ब्रहमपुत्र नदी की धारा मोड़ दी है लेकिन हमारी सीमा पर जो सड़कें रक्षामंत्री रहते श्री मुलायम ंिसह यादव ने बनवायी थीं वे भी अधूरी हैं और आज भी हमारी सेना को खच्चरों का सहारा लेना पड़ता है। हिन्दुस्तान की इस बेहद कमजोर सरकार ने न तो सीमा पर सड़कों का निर्माण कराया और न एक बार भी चीन के साथ उसकी नापाक गतिविधियों को रोकने के लिये सख्ती से बात की। चीन और पाकिस्तान का यह गठबंधन हमारे देश की सुरक्षा के लिये एक गम्भीर खतरा हो गया है। लेकिन केन्द्र सरकार की कमजोरी के चलते हमारी सेना का और हमारे देशवासियों का मनोबल गिर रहा है। समाजवादी पार्टी का मानना है कि जो सरकार सीमाओं की रक्षा नहीं कर सकती, उसे जनता कभी माफ नहीं कर सकती है।

हमारे देश के कई राज्यों में माओवादियों और नक्सलवादियों ने समानान्तर सरकारें चला रखीं हैं। ये छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखण्ड, बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और आन्ध्र प्रदेश में आये दिन बड़ी-बड़ी हिंसक घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं। देश के सामने यह गम्भीर संकट है। आन्तरिक सुरक्षा को लेकर भी संकट है और बाहरी देशों से भी खतरा है।

असम और सारे पूर्वोत्तर के राज्यों में उग्रवादियों का सिक्का चलता है। एन0डी0ए0 और यू0पी0ए0 की सरकारों के पिछले 15 वर्षों के शासनकाल में देश में आंतरिक सुरक्षा का गम्भीर संकट पैदा हो गया है। देश की सीमाएं सिकुड़ रहीं हैं। लेकिन इन दोनों गठबन्धनों का पूरा ध्यान सत्ता में बने रहने या सत्ता में येन-केन प्रकारेण आने के प्रयासों में लगा हुआ है। काॅग्रेस सरकार की मिड-डे मील योजना, पौष्टिक आहार योजना, मनरेगा और खाद्य सुरक्षा कानून कहने सुनने में बहुत अच्छे लग सकते हैं लेकिन व्यवहार में योजनाएं धन की बर्बादी के अलावा कुछ नहीं हैं।  मिड-डे मील ने सारी प्राइमरी शिक्षा को खत्म कर दिया, मनरेगा ने काम करने वाले लोगों को नाकारा बना दिया, खाद्य सुरक्षा कानून के लागू होने के बाद किसान भी सोचेगा कि क्यों धूप, पानी और सर्दी में हाड़तोड़ मेहनत करें।  दो रूपया किलो गेहूँ, 3 रूपया किलो चावल और एक रूपया किलो मोटा अनाज लेकर गुजारा करें। अगर ऐसा हुआ जिसकी पूरी सम्भावना है तो देष रसातल में चला जायेगा। इसलिये समाजवादी पार्टी देश के लोगों से आग्रह करती है कि यू0पी0ए0 सरकार की इन लोक लुभावन किन्तु वास्तविक तौर पर जनविरोधी नीतियों से सावधान  रहें ।

यू0पी0ए0 और एन0डी0ए0 दोनों ने ही देश के युवाओं, मुसलमानों, पिछड़े वर्गों के लोगों तथा देश के गरीबों के लिये सिर्फ छलावा किया है, उन्हें धोखा दिया है, उनके विकास के लिये कुछ भी नहीं किया है। आजादी मिलने के 66 साल बाद भी इन वर्गों की हालत दयनीय है। युवा बेरोजगार है और इसलिये देश के कई भागों में मजबूरन उसने नक्सलवादियों से हाथ मिला लिया है। मुसलमानों की स्थिति का अध्ययन करने वाली सच्चर कमेटी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि देश में मुसलमानों की स्थिति दलितों से भी ज्यादा खराब है। नौकरियों और उद्योग धन्धों में उनकी उपस्थिति न के बराबर है लेकिन सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं किया जा रहा है।  समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव को बधाई देती है कि उन्होंने संसद में इस मुद्दे को इतनी मजबूती से उठाया कि प्रधानमंत्री को सच्चर कमेटी की रिपोर्ट संसद में रखने को विवश होना पड़ा। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट की सच्चाई को ध्यान में रखते हुए ही समाजवादी पार्टी इस बात पर जोर देती रही है कि केन्द्र सरकार संविधान में संशोधन करके मुसलमानों को नौकरियों में उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण दे। अन्य पिछड़े वर्ग को मिले 27 प्रतिशत आरक्षण के बाद भी देश में नौकरियों में उनकी भागीदारी बहुत कम है।  आई0ए0एस0 एवं आई0पी0एस0 में चयनित होने के बाद भी अब तक लगभग 300 लड़के-लड़कियों को ट्रेनिंग पर जाने से रोका जा चुका है। धनाभाव के कारण सामान्य वर्ग के गरीबों को भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। केन्द्र सरकार की उदासीनता के चलते देश की बड़ी आबादी गरीबी में जी रही है और वह पूरी तरह से हताश और निराश हो चुकी है। समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति केन्द्र सरकार के इस रवैये पर रोष प्रकट करती है और उसकी कड़े शब्दों में निन्दा करती है।

नये राज्यों के गठन का समाजवादी पार्टी ने सदैव विरोध किया है। छोटा राज्य विकास की गारण्टी नहीं है। मध्य प्रदेश को तोड़कर बनाया गया छत्तीसगढ़ और बिहार को तोड़कर बनाया गया झारखण्ड पूरी तरह नक्सलवादियों की चपेट में आ गया है। पूर्वोत्तर के सभी राज्य अशान्त हैं।  अभी काॅग्रेस ने आन्ध्र प्रदेश में अपने राजनैतिक लाभ के लिये उसे बाँटने का ऐलान करके वहाँ आग लगा दी है। समाजवादी पार्टी का यह मानना है कि बड़े राज्य देश की एकता एवं अखण्डता को बरकरार रखने की गारण्टी करते हैं। जो लोग प्रशासन के नाम पर बड़े राज्यों के बँटवारे की माँग करते हैं वे किसी दिन भारत जैसे विशाल राज्य को प्रशासनिक लिहाज से बाँटने की माँग भी कर सकते हैं। इसलिये समाजवादी पार्टी नये राज्यों के गठन की अवधारणा का पुरजोर विरोध करती है।

लोक सभा के चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में बी0जे0पी0 अपने सहयोगी संगठनों की मदद से पूरे देश में साम्प्रदायिक उन्माद पैदा करने की कोशिश कर रही है। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में विश्व हिन्दू परिषद के आवरण में बी0जे0पी0, आर0एस0एस0 और बजरंग दल आदि साम्प्रदायिक संगठनों ने 84 कोसी परिक्रमा के नाम पर साम्प्रदायिक सद्भाव खत्म करने का प्रयास किया था। कार्यसमिति की यह बैठक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को बधाई देती है कि उन्होंने साम्प्रदायिक ताकतों के नापाक मन्सूबों को पूरी तरह असफल कर दिया।

उत्तर प्रदेश में ही मथुरा, अयोध्या एवं काशी हैं और पूरा देश यह जानता है कि इन धार्मिक स्थलों के नाम पर साम्प्रदायिक शक्तियाँ पूरे प्रदेश में साम्प्रदायिक उन्माद पैदा करने का प्रयास करती हैं। ऐसे में किसी भी मामूली बात पर साम्प्रदायिक तनाव पैदा करके प्रदेश सरकार को बदनाम करने का लगातार प्रयास हो रहा है। कार्यसमिति समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताआंें एवं नेताओं का आह्वान करती है कि वे इस खतरे से सावधान रहें और जनता के बीच जाकर साम्प्रदायिक भाई-चारा सुनिश्चित करने के लिये कार्य करें।

समाजवादी पार्टी का यह निश्चित मत है कि बी0एस0पी0 ने पूरे उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार का नंगा नाच करके प्रदेश की कार्य संस्कृति को तहस-नहस कर दिया है। भ्रष्टाचार के जरिये अपार धन सम्पदा अर्जित करने के लिये सारे मापदन्डों को ताक पर रख दिया गया। ऊपर से नीचे तक रिश्वतखोरी और कमीशनखोरी परत दर परत पूरी व्यवस्था में प्रवेश कर गयी थी। इसे दुरूस्त करने में ही हमारी सरकार को अपना काफी समय और शक्ति जाया करनी पड़ रही है। सत्ता पाने के लिये बसपा को भाजपा से हाथ मिलाने में कोई परहेज नहीं है और इसीलिए प्रदेश में जब कभी भाजपा एवं उसके सहयोगी संगठनों द्वारा साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश होती है, बसपा उसका कभी प्रत्यक्ष रूप से और कभी परोक्ष रूप से समर्थन करती है। जाति और धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वाली इन पार्टियों से समाजवादी पार्टी को न केवल सावधान रहना होगा बल्कि उन्हें हर मोर्चे पर पराजित करना होगा।

समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव एवं उनकी सरकार को बधाई देती है कि उन्होंने चुनाव से पूर्व किये गये सभी प्रमुख वादे पूरे कर दिये हैं। किसानों के 50 हजार तक के कर्जे माफ किये, गम्भीर बीमारियों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की, सिंचाई मुफ्त कर दी, शिक्षा मुफ्त कर दी, छात्र-छात्राओं को लैपटाॅप प्रदान किये, किसानों की दुर्घटना बीमा राशि बढ़कार 5 लाख कर दी, कन्या विद्या धन योजना पुनः लागू कर दी, हाई स्कूल पास मुसलमान कन्याओं को 30 हजार रूपये की आर्थिक मदद कर दी, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने के साथ-साथ लाखों बेरोजगारों को रोजगार देने का रास्ता साफ कर दिया।  लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन देने की योजना पुनः प्रारम्भ कर दी। जेल में बन्द बेकसूर मुसलमान युवकों की रिहाई की योजना पर अमल किया।  व्यापारियों एवं दुकानदारों को इंसपैक्टर राज से मुक्ति दिलाई। लोहिया ग्राम एवं जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना के जरिये हजारों गाँवों तक विकास की किरण पहुँचाने का काम किया। 5 साल बाद एक बार फिर नहरों एवं रजवाहों में टेल तक पानी पहुँचाने का काम किया। सैकड़ों छोटे-बड़े पुलों का निर्माण करके जनता को राहत प्रदान की। चुनाव घोषणा पत्र पर अमल करके उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि समाजवादियों की कथनी एवं करनी में कोई अन्तर नहीं होता है। उत्तर प्रदेश सरकार को जनता का विश्वास बनाये रखने के लिये और अधिक जबावदेही के साथ काम जारी रखना होगा।

समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति मानती है कि देश की दुर्दशा के लिये काॅग्रेस और बी0जे0पी0 दोनों जिम्मेदार हैं। मँहगाई और भ्रष्टाचार के लिये काॅग्रेस तो जिम्मेदार है ही, बी0जे0पी0 के नेतृत्व वाली एन0डी0ए0 सरकार ने भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम किया था। भाजपा चुनाव से पहले साम्प्रदायिक सद्भाव खत्म करने का हरसंभव प्रयास करेगी। आज देश का जो राजनैतिक परिदृश्य है उसमें काॅग्रेस और भाजपा दोनों ही सत्ता में आने वाली नहीं हैं। केवल दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में ये दो प्रमुख पार्टियाँ हैं और शेष सारे देश में हर राज्य में वहाँ की राज्य स्तरीय पार्टियों ने इतनी मजबूत पकड़ कर ली है कि इन दोनों दलों के वहाँ पैर जमने वाले नहीं है। स्पष्ट है बी0जे0पी0 और काॅग्रेस के अलावा जो अन्य दल हैं उन्हीं के हाथ में सत्ता की कुन्जी होगी।  उत्तर प्रदेश से 80 एम0पी0 चुनकर आते हैं। सबसे महत्वपूर्ण भूमिका उत्तर प्रदेश की होने वाली है। उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से पूरे देश के समाजवादियों को बहुत बड़ी उम्मीद है।  कार्यसमिति को यह पूर्ण विश्वास है कि उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उन्हें निराश नहीं करेंगे।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव की लोक सभा चुनाव के बाद देश में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसलिये पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति अपने कार्यकर्ताओं का आह्वान करती है कि वे एकजुट होकर पार्टी के लिये काम करें और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विभिन्न राज्योें में जिन उम्मीदवारों को घोषित करें उन्हें तन, मन और धन से चुनाव लड़ाकर विजयी बनाएं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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मुन्ना सिंह चौहान ने उठाये सवाल

Posted on 12 September 2013 by admin

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के उस बयान को हास्यास्पद व बचकाना बताया है जिसमें उन्होंने मुजफ्फरनगर की घटना को दो जातियों का झगड़ा बताया था।

श्री चैहान ने कहा कि जब उ0प्र0 के महामहिम राज्यपाल सहित पूरी मीडिया व प्रबुद्व वर्ग मुजफ्फरनगर की घटना को सरकार की अकर्मण्यता तथा अदूरदर्षिता का परिणाम बता रहे हैं ऐसे में सपा प्रमुख का उपरोक्त बयान सच्चाई से मुंह मोड़ने वाला तथा अपनी सरकार की असफलता को छुपाने की नाकाम कोषिष है। प्रदेष सरकार को मुजफ्फरनगर में शान्ति स्थापित करने के साथ साथ वहां से पलायन कर चुके ग्रामवासियों को पुर्नस्थापित करने के बारे में सोचना चाहिए न कि इस तरह के बेतुके बयान देकर और भड़काने की कोषिष करनी चाहिए।

श्री चैहान ने आरोप लगाया कि भाजपा के एक स्थानीय बडे़ नेता तथा सपा प्रमुख के एक ही तरह का बयान देने से एक बार फिर साबित हो गया कि भाजपा व सपा अन्दर से मिली हुयी है और प्रदेष को साम्प्रदायिकता की आग में झोकना चाहती हैं। उन्होेंने यह सवाल उठाया कि 27 अगस्त की घटना के बाद मुजफ्फरनगर के किसी भी थाने में शान्ति कमेंटी की बैठक क्यों नहीं बुलायी गयी जबकि वहां के दोनों समुदायों में रोष व असंतोष व्याप्त था साथ ही उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि जब राष्ट्रीय लोकदल ने मांग की थी कि 27 अगस्त की घटना में हुयी फर्जी नामजदगी को हटाया जाये तो सरकार ने उस पर इतनी देर से क्यों कार्यवाही की साथ ही सरकार यह भी स्पष्ट करे कि फर्जी नामजद करने वाले अधिकारियों के ऊपर क्या कार्यवाही की गयी। 5 सितम्बर को हुयी पंचायत की सी0डी0 सार्वजनिक करते हुये सरकार यह भी बताये कि किन लोगांें द्वारा भड़काऊ भाषण दिया गया था तथा प्रषासन ने उनकों क्यों नहीं गिरफ्तार किया। edited-munna_singh1

श्री चैहान ने सवाल उठाते हुये कहा कि जाति की बात करने वाले सपा प्रमुख को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि गत वर्ष फैजाबाद में दुर्गा पूजा के विसर्जन के समय हुयी हिंसात्मक घटना व दंगे किस जाति के लोगों द्वारा किये गये थे तथा उस दंगे की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुये दोषियों पर की गयी कार्यवाही भी सार्वजनिक करना चाहिए। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पूरे प्रदेष के राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्षों को निर्देषित किया है, कि प्रदेष में गंगा जमुनी तहजीब व भाईचारा स्थापित करने के लिए प्रत्येक गांव में भाईचारा कमेटी बनाकर पुनः आपसी सद्भाव व दोस्ताना माहौल कायम करें जिससे प्रदेषवासीः जाति धर्म और सम्प्रदाय से ऊपर उठकर किसानों, नौजवानों, व्यापारियों, अल्पसंख्यकों व समाज के सभी वर्गों के हित के लिए सोंच सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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भाजपा कानपुर महानगर के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों द्वारा शक्ति भवन का घेराव

Posted on 12 September 2013 by admin

edited-bjp_kanpur_mahanagar_shakti_bhawan_pradarshan_photo4भारतीय जनता पार्टी कानपुर महानगर के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने बिजली से त्रस्त होकर आज शक्ति भवन का घेराव किया। उनका उत्साहवर्धन करने डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी भी कार्यक्रम में मौजूद थे। डा0 बाजपेयी ने कहा कि पूरे प्रदेश में बिजली की समस्या बनी हुई है। बिजली की समस्या के लिए प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन भी हो चुका है। उसके बाद भी बिजली की अधोषित कटौती, बिजली की बढ़ी हुई दरो ने आम जनता की कमर को तोड़ कर रख दी है। उक्त बाते भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कानपुर महानगर के कार्यकर्ताओं द्वारा शक्ति भवन पर दिये गये प्रदर्शन के दौरान कही। edited-bjp_kanpur_mahanagar_shakti_bhawan_pradarshan_photo2

कानपुर महानगर के विधायक सतीश महाना, सलिल विश्नोई, रघुनन्दन भदौरिया, लखनऊ पूर्व से विधायक एवं वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र, प्रदेश मंत्री नीलिमा कटियार, महानगर अध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी का एक प्रतिनिधि मण्डल निदेशक से मिला और बिजली की समस्याओं से बिजली विभाग के निदेशक को अवगत कराया और लिखित ज्ञापन दिया।

प्रदर्शन व घेराव में प्रमुख रूप से मणि कांत जैन कौशल किशोर दीक्षित, पूनम कपूर, रीता दुबे, राकेश तिवारी, गुड्डी शर्मा, रामू द्विवेदी, चिन्ता सिंह चन्देल आदि भारी संख्या में कानपुर महानगर के कार्यकर्ता शामिल रहे।

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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आज का युवा बेरोजगारी तथा लाचारी के बोझ तले दबता जा रहा है ।

Posted on 12 September 2013 by admin

आज का युवा बेरोजगारी तथा लाचारी के बोझ तले दबता चला जा रहा है । उनकी कहीं कोई सुनवाई नही हो रही है । यहां तक कि केन्द्र व प्रदेश की सरकारो द्वारा लालीपाप देकर उनका शोषण किया जा रहा है । ऐसे मे देश का नौजवान भारतीय जनता पार्टी की तरफ देख रहा है । ये बाते भाजयुमो सदस्यता अभियान का शुभारम्भ के.एन.आई. महाविद्यालय के सामने करते हुए भाजयुमो जिलाध्यक्ष आशुतोष सिंह मोहित ने कहा ।

उन्होने यह भी कहा कि भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जो गरीबो, नौजवानो, मजदूरो व व्यापारियों के हित के लिये सडक से संसद तक लगातार आवाज उठाती रही है । यही एक मात्र ऐसी पार्टी है जो कि भारतीय संस्कृति तथा राष्ट्रवाद की विचारधारा के साथ देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने के लिसे कृत संकल्प है ।

आज के इस सदस्यता अभियान मे एके सौ तिरसी नव युवको ने भाजयुमो की सदस्यता लेते हुए भाजपा की पंचनिष्ठाओं के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की तथा पार्टी को निरन्तर सहयोग करने का बचन दिया । इस अवसर पर प्रवीण मिश्र, आशीष सिंह रानू, अनुराग उपाध्याय, वीरेन्द्र मौर्या, विकास पाण्डेय, शिवम पाण्डेय, सनी उपाध्याय आदि युवा कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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आज का समय सभ्य मानव की कल्पना के बिल्कुल विपरीत ।

Posted on 12 September 2013 by admin

वर्तमान समय से जिस तेजी से इंसानो मे अपराधिक प्रवृत्त्ति बढ़ रही है वो वास्तव मे मानव समाज देश एवं विश्व के लिए चिंता का विषय है आज का समय सभ्य मानव की कल्पना के बिल्कुल विपरीत है।

लोग इस कदर स्वार्थी और भौतिकवादी होते जा रहे है कि उन्हे सही गलत से कोई मतलब ही नही है घोर वैज्ञानिकता के युग ने अब तो सर्वशक्तिमान ईश्श्व्र के अस्तित्व पर भी उंगली उठाना शुरु कर दिया है बडी तेजी से हम इंसानियत से दूर और हैवानियत के करीब होते जा रहे है।

प्रचलित अपराधो से अलग आज तमाम ऐसे अपराध हो रहे है जिन्हे देखकर या सुनकर लगता है कि मनुष्य विकृत मानसिकता का शिकार हो चुका है । साइबर व्रहृाइम और गंदे मनोविकार का ही परिणाम है । धन दौलत जैसी नश्श्व्र चीज के लिए रिश्तो का खून होने लगा है।

भाई भाई का, पुत्र पिता का, दोस्त दोस्त का आदमी आदमी का दुश्मन बनता जा रहा है चंद पैसो के लिए जमीन जायदाद के लिए अखबारो और न्यूज चैनलो को देखकर आप अंदाजा लगा सकते है कि आदमी का अपराधीकरण किस तेजी से हो रहा है।

लोगो को सिर्फ यही आसान लगता है कि सारा दोषारोपण शासन प्रशासन पर कर दिया जाय । क्या सिर्फ सजा के डर से ही हम गल्तियां करने से बचे हमरा स्वयं का कर्तव्य नही है कि हम सच्ची इंसानियत का परिचय दे इस बात से कतई इंकार नही किया जा सकता कि वर्तमान की राजनीति अपराधियो की सबसे सुरक्षित शरणस्थली बन चुकी है।

लोग अपराध करते है नामवार अपराधी होने के बाद राजनीति मे चले जाते है खुद की सुरक्षा तो करते ही है साथ ही साथ नये अपराधियो का पोषण एवं संवर्द्धन करने मे जुट जाते है । पुलिस प्रशासन काफी हद तक राजनेताओ के दबाव मे रहता है ।

छोटे स्तर के अपराधी तो नेताओ के सिर्फ कोतवाली फोन कर देने से मुक्त हो जाते है इन सब बातो के होने पर भी इस तथ्य से इंकार नही किया जा सकता कि पुलिस प्रशासन स्वयं भी भ्रष्ट लगभग निरंकुश एवं तानाशाही का शिकार है ।

आप अंदाजा लगा सकते है कि कोई एक आदमी मामूली मारपीट मे पुलिस द्वारा पकडकर प्रताडित किया जाता है वही दूसरी ओर हत्या करने वाला पुलिस की पकड़ से दूर घूमता रहता है । ये बाते किस तथ्य का खुलासा कर रही है आप स्वयं सोचिये मानवता वास्तव मे विकारग्रस्त हो चुकी है ।

शासन प्रशासन अपराधो को रोकने की बजाय उनके पोषण मे रुचि ले रहा है ऐेसे मे हमें अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर उसका अनुकरण करना होगा तभी कुछ संभव है ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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सुलतानपुर मे पूरा पैसा देने पर भी नही मिलता पूरी तौल का सामान

Posted on 12 September 2013 by admin

जनपद सुलतानपुर मे पूरा पैसा देने पर भी नही मिलता पूरी तौल का सामान जिम्मेदार महकमा पूरे परिदृश्य से नदारद दिखता है न कार्यालय न अधिकारी न मोबाईल नं़ सार्वजनिक कैसे रुके ये घटतौली की अंधेर गर्दी कैसे हो आम उपभोक्ता को न्याय ।

हैरत है कि यह महकमा जनता से और दैनिक जीवन की वस्तुओं की घटतौली पर नियंत्रण लगाने वाला एक महत्वपूर्ण और अति आवश्यक महकमा है । मगर आम पीडित जनता को न तो इसका कार्यालय मालूूम न अधिकारी मालूम और तो और शायद जिलाधिकारी के.धन लक्ष्मी भी स्वयं नही जानती होगी कि कांटा बाट माप का कार्यालय पूरे जनपद मे कहां है न ही उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने वाली न्यायिक ईकाई उपभोक्ता फोरम को ही पता होगा कि यह विभाग कहां है ।

जनता जाये तो जायें कहां किससे शिकायत करें और कैसे हो न्याय यह सोचनीय है अब तो प्रदेश के मुख्य मंत्री ही अपनी इंटेलीजेंस यूनिट से पता करवा सकते है । वर्ना जनता ऐसे ही घटतौली का शिकार होती रहेगी । हालत बद से बदतर है । गैस सिलेन्डर मे गैस कम, पेट्रोल टंकी पर पेट्रोल डीजल कम, मिटटी तेल डीपो पर पूरे ड्रम मे १० से बीस लीटर कम, सेब, अंगूर एक किलो खरीदने पर ७०० ग्राम, सरकारी गल्ले की दुकान पर राशन की घटतौली, मंडी परिषद के धर्मकांटा व नवीन कांटा पर पूरे ट्रक की तौल मे घटतौली और तो और सर्राफा की दुकान मे सोने चांदी जैसे वस्तुओं मे भारी घटतौली लिखा पढी मे सोनार बेचते है । १०० प्र्रतिशत मे आम जनता से वापसी लेते है ७० प्रतिशत की वो भी मैल व गंदगी के नाम पर सरेआम कटौती, सोने के सामान मे चांदी का टांका कटौती, आटा चक्की पर पूरे गेहू मे कर्दा व सीलन के नाम पर घटतौली, मिठाई की दुकान पर डिब्बा सहित मिठाई की बिव्रहृी, सरसो तेल रिफाईड में लीटर मे बिव्रहृी पैसा किग्रा के रेट पर वसूला जाना घटतौली आम है ।

विभाग एक नही पूरी बाजार मे बांटो पर मुहर लगाने के नाम पर वसूली कर फर्जी रसीदो पर उगाही कर रहा है । इस विभाग ने आज तक सार्वजनिक रुप से न तो पेट्रोल टंकियों को चेक किया न गैस एजेन्सियों को न ठेले, सब्जी वालो की जांच होती है । न सुनारो की सभी दुकानो को सेक्टर में बांट कर दलालो के माध्यम से वसूली जारी है । इतने पर भी जिला प्रशासन इस कमाउहृ विभाग का संज्ञान जनहित मे नही ले रहा है आम जनता लगातार लुट रही है । जनता ने डी.एम. व मुख्यमंत्री से जनता को घटतौली से निजात व इस विभाग की कार्यशैली की जांच की मांग की है ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

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विद्युत चोरो पर अंकुश लगा पाना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर

Posted on 12 September 2013 by admin

क्षेत्र में कटिया लगाकर विजली की चोरी किये जाने के कारण विद्युत विभाग को प्रत्येक वर्ष लाखो रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है विद्युत के पोल से लिए गये कटिया कनेक्शन से लगातार चोरी की विद्युत से सबसे अधिक परेशानी उपभोक्ताओ को हो रही है ।

उपभोक्ताओ का कहना है कि विद्युत के तार बारम्बार लगाने उतारने से लाइन खराब हो जाती है जैसा कि इस बात की जानकारी सम्बंधित विभाग को भी है ।इतना ही नही लोग कटिया लगाकर विद्युत जलाते भी है और कुछ ग्रामीणचलो में गावो मे मोटर भी चलाते है ।

जैसा कि बिजली की चोरी ज्यादातर शाम मे की जाती है । शाम होते ही कटिया लगा देते है सुबह निकाल लेते है । जिसके चलते रात मे किसी का डर भी नही रहता है और दिन मे विभाग के पास समय नही रहता और शाम मे कोई भी अधिकारी इस तरह की जहमत लेने को तैयार नही है।

ग्राम वासियो एवं क्षेत्रीय जनता का मानना है कि चोरी अपने आप कोई नही करता इसके पीछे किसी न किसी का हाथ जरुर रहता है इस तरह से हो रही विद्युत चोरी से विभाग को लाखो रुपये घाटा उठाना पड रहा है लिहाजा विद्युत विभाग पूरी तरह विद्युत चोरी पर रोक लगाने मे अपने को असहाय महसूस कर रहे है और अस्मर्थ दिखाई पड़ रहे है ।

जैसा कि चोरी दिन मे ही पकड़ी जा सकती है और और शाम मे उच्चाधिकारीयो के दौरा करने से समस्याओ के निराकरण मे सहूलियतें हो सकती है । और इलाके के गांवो में विद्युत चोरी से मोटर चलाये जाने और मोटर से चारा काटने से लेकर फर्नीचर से भी सम्बधित कार्य किये जाते है इतना ही नही ये चारी करने वाले लोग भी विद्युत विभाग के अधिकारीयो व कर्मचारियो से नजरे बचाकर भरपूर चोरी करने मे लगे हुए है।

लिहाजा ऐसी स्थिती मे विद्युत चोरो पर अंकुश लगा पाना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर है ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

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वरिष्ठ पत्रकार एवं लोकतंत्र रक्षक सेनानी राम कृष्ण जायसवाल का अन्तिम संस्कार।

Posted on 12 September 2013 by admin

जिले के वरिष्ठ पत्रकार एवं लोकतंत्र रक्षक सेनानी राम कृष्ण जायसवाल का आज सुबह गोमती नदी स्थित पंचतत्व घाट पर आर्यसमाज के रीतिरिवाज के अनुसार दीनानाथ शास्त्री के मंत्रों पर अन्तिम संस्कार हुआ। मुखाग्नि ज्येष्ठ पुत्र अरुण जायसवाल ने दिया। परिवार के सदस्यों आदि ने मंत्रोचार पर पांच पांच आहूतियां दी।

इस मौके पर जिले के चिकित्सक, समाजसेवी, पत्रकार शामिल हुए। जिसमें डॉण् जेण् पी. सिंह, सतीश श्रीवास्तव, गनपत सहाय महाविद्यालय परिवार के साथ ओम प्रकाश पाण्डेय बजरंगी, जगजीत सिंह छंग्गू, दिनेश चैरसिया, मनीष जायसवाल, आनन्द कृष्ण जायसवाल, डॉ० डीण् एमण् मिश्र, राम लखन जायसवाल, आर्य समाज के तमाम सदस्यो के साथ डॉण् अरविन्द चतुर्वेदी, धुरेन्द्र सिंह, श्रीनाथ वर्मा, वरिष्ठ पत्रकार शिव प्रकाश, दर्शन साहू, अनिल द्विवेदी, अवधेश गुप्ता, जितेन्द्र श्रीवास्तव, पंकज जायसवाल, विष्णु, अवधेश शुक्ला, अरविन्द श्रीवास्तव, पुनीत जायसवाल बंगाली, अशोक जायसवाल, संतोष यादव, सत्य प्रकाश गुप्ता आदि मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

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