समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमुलायम सिंह यादव का अध्यक्षीय भाषण के मुख्य बिन्दुः
(1) सबसे खतरनाक दौर से गुजर रहा है देशः-
आगरा के इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक शहर में जो ताजमहल के लिए पूरी दुनियां में मशहूर है, में कार्यकारिणी के सभी प्रतिनिधियों और देश भर से आये कार्यकर्ताओं का हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। मित्रों आज की यह घड़ी सबसे गंभीर और दिशाहीन दौर से जुजर रही है। देश के पिछले 10 वर्षों में जिस तरह से हालात बिगड़े हैं उसकी कोई मिशाल दुनियाॅं में नहीं मिलती। आज देश की सियासत, देश की सुरक्षा, देश की अर्थ व्यवस्था और धर्मनिरपेक्षता संकट है ऐसा पहले कभी नहीं था। कार्यकारिणी की इस बैठक में हमें इन सभी सवालों पर गंभीरता से चिन्तन करना है क्योंकि देश की जनता केवल शिकायत नहीं सुनना चाहती, उसे विकल्प की तलाश है। मैं इसे बार-बार दोहराता रहा हॅूूूं कि देश को बचाने और मजबूत राजनीतिक विकल्प देने का काम बड़े सियासी दलों ने जो वोटों की राजनीति करते हैं, के द्वारा सम्भव नहीं है। इस चुनौती को क्षेत्रीय दलों को ही स्वीकार करना पड़ेगा।
(2) सवा सौ करोड़ नागरिक रोज अपमानित हो रहे हैंः-
पिछले 20 वर्षों से भी अधिक समय से समाजवादी पार्टी सवाल उठाती रही है कि देश की सीमाएॅं और देश की सुरक्षा सबसे अधिक खतरे में है। किसी भी स्वाभिमानी राष्ट्र की पहली जिम्मेदारी यह होती है कि अपने देश के नागरिकों के मन में सुरक्षा और सम्मान कायम रखना। दुर्भाग्य से एन0डी0ए0 और यू0पी0ए0 दोनों सरकारों के कार्यकाल में नागरिक अपमानित हुआ है और असुरक्षित हुआ है। सीमाओं पर हमले हुए हैं, घुसपैठ हुई है, सैनिकों की हत्याएॅं हुई हैं और सरकारों ने उसे देश से छिपाया है। देश के सैनिक और देश के नागरिक का इससे बड़ा अपमान और कुछ नहीं हो सकता। इस हालात को बदलने की कोई गंभीर कोशिश सरकार की ओर से नहीं हो रही है। दर्जनों बार यह सवाल आया है। प्रधानमंत्री पहले आश्वासन देते हैं और बाद में यह कहते हैं कि हम अपने पड़ोसी नहीं बदल सकते। यह सच है कि हम अपने पड़ोसी नहीं बदल सकते लेकिन हम अपने देश की सीमाओं की सुरक्षा पड़ोसियों के हाथ बन्धक भी नहीं रख सकते। पड़ोसियों के साथ समानता, सुरक्षा और आत्म सम्मान की शर्त होना जरूरी है। सीमा पर बिना लड़े अपनी सहादत देने वाले सैनिकों के आॅकड़ों को भी तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
(3) मंहगाई, भ्रष्टाचार और किसानों की मौतः-
आज देश की आर्थिक दुर्दशा की तस्वीर के भुक्तभोगी आपसे अधिक कोई नहीं हैं और उसका सबसे अधिक शिकार गांव का छोटा किसान, बेरोजगार मजदूर और शहरों में झोपडि़यों में रहने वाले लोग हैं। पिछले 10 सालों में हमने पूरी अर्थव्यवस्था को विदेशी पॅूूंजी के ऊपर केन्द्रित कर दिया है और भारतीय रूपया में खरीदने की शक्ति अमेरिकी डालर के रहमोकरम पर है। यू0पी0ए0 सरकार जब सत्ता में आयी थी तो उसने यह भरोसा दिलाया था कि 100 दिन के अन्दर मंहगाई कम होगी। लेकिन आज हालात यह है कि यदि गरीब, किसान, मजदूर, बेरोजगार को छोड़ दें तो मध्यम वर्ग भी खुद भारी संकट में है। पिछले पांच वर्षों में आवश्यक वस्तुओं के दाम 100 प्रतिशत से भी अधिक बढ़ चुके हैं। सबसे ज्यादा लोगों का भरोसा इस सरकार ने तोड़ा है। पिछले 05 सालों में सरकारी विभागों में घोटाले और लूट को जोड़ दिया जाय तो 05 लाख करोड़ से अधिक होता है। इसलिए यह साबित हो चुका है कि यू0पी0ए0 या एन0डी0ए0 सरकारें देश के गरीबों, किसानों, नौजवानों, बेरोजगारों व महिलाओं को सुरक्षा और रोजगार देने में पूरी तरह फेल हो चुकी हैं। इस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। अगले वर्ष मई में देश में एक नई सरकार होगी और इस सरकार के गठन, समर्थन और मजबूती देने की बड़ी जिम्मेदारी समाजवादी पार्टी की है और इस चुनौती पर हमें खरा उतरना है।
(4) धर्मनिरपेक्षता और देश की एकता की चुनौती सबसे बड़ीः-
आज इस अवसर पर यहाॅं मौजूद और देश भर के कोने-कोने में बैठे बुद्धिजीवी, नौजवानों, लड़कियों, किसानों, शिक्षकों, मजदूरों का आह्वान करता हॅूूूं कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए और देश के अन्दर शान्ति व्यवस्था और समुद्धि सम्पन्नता के लिए सामने आयें। आज जैसा गम्भीर और खतरनाक दौर पहले कभी नहीं था। यह परिवर्तन का वर्ष है। अभी हमने देखा कि मौके का फायदा उठाकर मुजफ्फरनगर और आसपास के जिलों में साम्प्रदायिकता की आग किस तरह भड़काई जा रही है। अगर हम सतर्क नहीं रहे तो यह घटनाएॅं बार-बार दोहराई जायेंगी क्योंकि कुछ लोग जिन पर उत्तर प्रदेश की जनता ने भरोसा नहीं किया है इस आंच में अपनी रोटी सैकना चाहती हैं। हम इसे किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे। चाहे इसके लिए हमें कितना भी बड़ा बलिदान क्यों न करना पड़े। समाजवादी पार्टी डा0 लोहिया, जयप्रकाश नारायण और चै0 चरण सिंह की राजनीतिक विरासत की पार्टी है। उनके सिद्धान्तों और नीतियों का पालन हम हर कीमत पर करेंगे इसलिए मेरा आप सबसे, पूरे देश की जनता से निवेदन है कि सीमा के बाहरी शत्रुओं और देश के अन्दर के शत्रुओं से हर हालत में देश को बचाना है। यही मेरी सबसे बड़ी चुनौती है तथा इसमें समाजवादी पार्टी और हर नौजवान को खरा उतरना है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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