जनपद सुलतानपुर एक अनोखा शहर यहां पर प्रदेश एवं केन्द्र सरकार की अनेको योजनाएं चल रही है । मगर उन योजनाओ के कियान्वयन एवं देखरेख शासन के विश्श्वसनीय अधिकारी उन योजनाओ का बन्टाढार करने मे अपनी कोई कसर नही छोड़ रहे है ।
आज वर्तमान समय मे ये स्थित बन गई है कि प्रदेश सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना कांशीराम आवास जो कि आज अपराधियो और अवैध कारोबारियों की शरणस्थली बनकर रह गई है और यहां हर वह अवांछनीय कार्य हो रहा है जो समाज कतई स्वीकार नही करता इन कार्यो में अवैध नशीले पदार्थो का धंधा, जिस्मफरोशी का धंधा, जुए का धंधा जैसे कार्य निरंकुशकता के साथ हो रहे है और इन पर कोई लगाम लगाने वाला नही दिखाई पड़ता ।
वहीं इस कालोनी मे रहने वाले परिवारो की दशा यह है कि ये अपनी सुरक्षा को लेकर काफी चिंता मे है और इसके लिए उन्होने कई बार जिले के अधिकारियो एवं प्रशासन को अवगत कराया मगर उनकी यहां सुनने वाला कोई नही है शासन ने गरीबो के लिए रहने को एक छत दी मगर उस छत को असुरक्षित करने मे इन अधिकारियो का बडा सा हाथ है और उनका सोचना है कि नगर के इन कूडो को शहर से दूर कर दिया गया है और इनका उत्पीडन होना स्वाभाविक है ।
वही इस कालोनी मे कुल १५०० आवास है जिनकी कुल आबादी लगभग ६००० से अधिक है इस कालोनी से लगभग डेढ किलो मीटर दूर स्थित गभडिया चैकी से अपनी सुरक्षा के लिए केवल भीख ही मांगता रह जाता है । मगर ये चैकी के ईचार्ज एवं तैनात सिपाहियों का ध्येय केवल धन उगाही है और जब कभी कोई दबाव बनाया जाता है तो एक दो धरपकड कर वाहवाही लूट लेते है कालोनी तो असुरक्षित मगर इसका उदाहरण कुछ माह पूर्व गभडिया चैकी अन्तर्गत हुई पेट्रोल पम्प मैनेजर की हत्या और लूट का आज तक खुलासा नही हो पाया । इससे साफ तौर पर जाहिर है कि जब चैकी से डेढ़ किलो मीटर दूर कालोनी के लोग कितने सुरक्षित है।
गौरतलब हो कि यह कोलोनी जो कि गरीबो के रहने के लिए बनाई गई मगर वर्तमान समय मे इस कालोनी की स्थिति यह कि यह अवैध कार्यो का गढ़ बन चुका है । इन कालोनियो मे जिस्म फरोशी नशीले पदार्थो तथा जुएं का फड बन गया है ।
जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण विगत कई महिनो में इन कालोनियो मे हुई वारदाते है मगर इन असहाय कालोनी वासियो की मदद करने वाला कोई नही है इस कालोनी में कई बार लड़के लड़कियो को रंगरलिंया मनाते हुए पकड़ा गया मगर पुलिस ने कार्यवाही के नाम पर केवल धन उगाही कर मामले को रफा दफा कर दिया गया इस बार शिकायत करने पर केवल हर बार खानापूर्रि्त कर दी जाती है ।
वही इस कालोनी की एक खास बात यह है कि यहां पर आंवटित आवासो मे रह रहे लोगो धन कमाने के चक्कर मे आवासो को किराये पर दे रखे है और कुछ लोगो ने दो दो आवास पैसे देकर आवंटित करा रखा है मगर शिकायतों के बावजूद आज तक कोई औचक निरीक्षण या कार्यवाही नही की गई ।
वहीं इनके मालिक डूडा विभाग के अधिकारी केवल पैसा फेको तमाशा देखो के तर्ज पर काम कर रहे है, इस कालोनी एक विड़बना यह भी है कि इन आवासो मे रहने वाले लोग न तो ग्रामीण क्षेत्रो मे न तो शहरी क्षेत्र गिने जाते है वही चुनाव आयोग ने मतदाता पहचान पत्र के लिए तारीख बढा दी मगर आज तक इन असहाय लोग अपने को भारत के नागरिक एवं अपने मत प्रयोग करने से वंचित रह सकते है।
मगर आज तक सम्बन्धित विभाग के अधिकारी इन लोगो की तरफ देखना भी उचित नही समझते ये असहाय लोग केवल अब मुख्यमंत्री की ओर आशा से देख रहे कि अब उन्हे केवल वही इन समस्याओ से निदान दिला सकती है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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