Posted on 13 September 2013 by admin
भारतीय जनता पार्टी, लखनऊ महानगर खेलकूद प्रकोष्ठ के संयोजक वैभव स्वर्णकार, मानवाधिकार के संयोजक कृपा शंकर शुक्ला व विधि प्रकोष्ठ के संयोजक अशोक श्रीवास्तव ने महानगर अध्यक्ष मनोहर सिंह की संस्तुति पर अपने प्रकोष्ठों की कार्यसमिति घोषित की। महानगर के महामंत्री अनुराग मिश्रा अन्नू ने बताया कि खेलकूद प्रकोष्ठ में सहसंयोजक राजेश चैरसिया, प्रशांत गुप्ता, सौरभ भल्ला, सुनील कुमार वर्मा, रत्नाकर शर्मा, अजय कुमार यादव तथा मानवाधिकार प्रकोष्ठ में सहसंयोजक चन्द्रशेखर गुप्ता, निर्मल उपाध्याय, संजीव कुमार अवस्थी, शशांक सिंह, सईद परवेज हसन, योगेश मिश्रा व विधि प्रकोष्ठ में सहसंयोजक लालता प्रसाद चैरसिया, संतोष सिंह, शिव कुमार सिंह पंकज, मनोज सिंह, आशीष शुक्ला, राजकुमार सैनी, श्याम सुन्दर शुक्ला को बनाया गया है। यह जानकारी सहमीडिया प्रभारी श्यामजीत सिंह ने दी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 September 2013 by admin
भारतीय जनता पार्टी, अल्पसंख्यक लखनऊ महानगर के अध्यक्ष मो. नसीम ने महानगर अध्यक्ष मनोहर सिंह की संस्तुति पर अल्पसंख्यक मोर्चे की नगर कार्यसमिति की घोषणा की। कार्यसमिति में 8 उपाध्यक्ष 2 महामंत्री, 6 मंत्री 1 कोषाध्यक्ष तथा 8 सदस्य मनोनीत किये गये है। महानगर महामंत्री मुकेश शर्मा ने बताया कि अल्पसंख्यक मोर्चे में मो. आजाद, हुस्ना बानो, रमजान उर्फ भोलू भाई, मो. जावेद, वाकार हुसैन रिजवी, मो. इदरिस, मो. अजहर, प्रदीप भाई को उपाध्यक्ष, लकी अब्बास लबली, मो. मुस्ताक को महामंत्री, मो. इमरान, खुर्शीद आलम, श्रीमती अनीसा, मो. असलम छोटू, मो. अली, डैरिड सिंह को मंत्री, फरीद को कोषाध्यक्ष तथा मो. कलीम सिद्दीकी को मीडिया प्रभारी घोषित किया है
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 September 2013 by admin
भारतीय जनता पार्टी, महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रीमती बीना गुप्ता ने महानगर अध्यक्ष की संस्तुति पर भाजपा महिला मोर्चे की नगर उपाध्यक्ष श्रीमती संध्या बाजपेयी की घोषणा की। यह जानकारी महानगर के महामंत्री राकेश श्रीवास्तव द्वारा दी गयी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 September 2013 by admin
जैसा कि सर्वविदित है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार द्वारा हर स्तर पर व हर मामले में घनघोर जातिवादिता करने के कारण ख़ासकर अन्य पिछड़े वर्गों (ओ.बी.सी.) की ज्यादातर जातियों में छाये व्यापक आक्रोश व नाराज़गी की ओर से ध्यान हटाने के लिए सपा नये-नये शिगूफ़े छोड़कर लोगांे को साजि़श के तहत एक बार फिर वैसे ही धोखा देने व उनका भारी नुक़सान करने का प्रयास कर रही है जैसाकि भारी नुक़सान वर्ष 2003 से 2007 के दौरान पिछली सपा सरकार के कार्यकाल में इन वर्गों का किया गया था, जिस गहरी साजि़श के प्रति ख़ासकर इस समाज के लोगों को बहुत ही सजग व सतर्क रहने की ज़रूरत है। उल्लेखनीय है कि सपा की जातिवादी मानसिकता का जो वीभत्स रूप आज उत्तर प्रदेश सरकार में देखने को मिल रहा है, वह कोई नई बात नहीं है, बल्कि वर्ष 2003 से 2007 के बीच श्री मुलायम सिंह यादव के शासनकाल में भी इसका क्रूर रूप देखने को मिला था जब एक सोची-समझी साजि़श के तहत् अन्य पिछड़े वर्गों (ओ.बी.सी.) की 12 जातियों, यथा 1. कहार, कश्यप 2. केवट, मल्लाह, निषाद 3. कुम्हार, प्रजापति 4. धीवर 5. बिन्द 6. भर, राजभर 7. धीमर 8. बाथम 9. तुरहा 10. गौंड 11. मांझी 12. मछुआ जातियों को एक अधिसूचना के माध्यम से अनुसूचित जाति वर्ग घोषित कर दिया था, जबकि यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के अन्तर्गत नहीं आकर, संविधान की धारा 341 व 342 एवं माननीय न्यायालय के विभिन्न आदेशों के अन्तर्गत केन्द्र सरकार के माध्यम से संसद के अधिकार क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। इसी कारण ही पिछली सपा सरकार के इस फैसले को ग़ैर-क़ानूनी व असंवैधानिक मानते हुये माननीय उच्च न्यायालय ने इसके लागू करने पर रोक लगा दी थी, जिसका दुष्परिणाम यह हुआ था कि अन्य पिछड़े वर्गों (ओ.बी.सी.) की इन जातियों को इनके आरक्षण का लाभ ख़ासकर सरकारी नौकरी व शिक्षा में काफी लम्बे समय तक नहीं मिल पाया और फिर इस दौरान इनके आरक्षण का बचा लाभ एक जाति विशेष के लोग ही तब तक प्राप्त करते रहे। फिर जब अन्ततः मई सन् 2007 में बी.एस.पी. सरकार बनने पर अन्य पिछड़े वर्गों की उपरोक्त 12 जातियांे को दोबारा आरक्षण का लाभ पुनः बहाल करने की व्यवस्था की गयी और साथ ही दिनांक 04 मार्च, 2008 को पत्र लिखकर अन्य पिछड़े वर्ग की जातियों को ओ.बी.सी. की सूची से हटाकर अनुसूचित जाति/जनजाति की सूची में शामिल करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी को सुश्री मायावती जी द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की हैसियत से पत्र लिखा गया, क्योंकि अनुच्छेद 341 के अन्तर्गत केन्द्र सरकार द्वारा ही विभिन्न जातियों को सूची में शामिल किया जा सकता है। इस प्रकार अन्य पिछड़े वर्गों (ओ.बी.सी.) की जिन 16 जातियों को अनुसूचित जाति (एस.सी.) की सूची में शामिल करने की मांग की गयी थी उन जातियों के नाम इस प्रकार है:- 1. कहार, कश्यप 2. केवट, मल्लाह, निषाद 3. कुम्हार, प्रजापति 4. धीवर 5. बिन्द 6. भर, राजभर 7. धीमर 8. बाथम 9. तुरहा 10. गौंड़ 11. मांझी 12. मछुआ 13. लोनिया 14. नोनिया 15. लोनिया-चैहान 16. धनकर, क्योंकि उपर्युक्त वर्जित इन ओ.बी.सी. जातियों के लोगों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक स्थिति आज़ादी के बाद के लम्बे वर्षों में कांग्रेस, बी.जे.पी. एवं अन्य विरोधी पार्टियों की सरकारों में अत्यन्त दयनीय बनी रही है। इतना ही नहीं, इन ओ.बी.सी. जातियों की स्थिति में कुछ बेहतरी लाने के उद्देश्य से बी.एस.पी. का यह प्रयास आज भी संसद के बाहर व संसद के भीतर लगातार जारी है। अभी-अभी इसी सप्ताह दिनांक 04 सितम्बर सन् 2013 को संसद में भूमि अधिग्रहण से सम्बन्धित विधेयक पर बोलते हुये भी बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती जी ने केन्द्र सरकार से मांग की कि ओ.बी.सी. की 16 जातियों को एस.सी. अनुसूची में शामिल करने के लिए जो प्रस्ताव तत्कालीन बी.एस.पी. सरकार द्वारा भेजा हुआ है, उस लम्बित मामले पर तुरन्त कार्रवाई करते हुये उसे स्वीकार कर लेना चाहिये।
साथ ही, उनकी शुरू से ही यह मांग रही है कि इनका आरक्षण का अनुपात भी उसी क्रम में बढ़ जाना चाहिये, ताकि इन वर्गों के लोगांे को जिस संवैधानिक व्यवस्था के तहत उनकी सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक स्थिति को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है, वह बिना किसी रूकावट या बाधा के जारी रहे। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में बी.एस.पी. की अब तक की सभी चार सरकारों में सर्वसमाज के साथ-साथ ओ.बी.सी. वर्गांे का भी ख़ास ख़्याल रखा गया। माननीया बहन कुमारी मायावती जी के नेतृत्व में वर्ष 1995 में बनी बी.एस.पी. की पहली सरकार में इन वर्गों के हित व कल्याण को मज़बूती प्रदान करने के लिए पहली बार अलग से ‘‘पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग‘‘ बनाया गया और पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफ़ारिश पर अन्य पिछड़े वर्ग की 21 मूल जातियों में 37 उपजाति/उपनाम को जोड़कर उन वर्गों के लोगांे का सरकारी नौकरी व शिक्षा आदि में आरक्षण का लाभ देकर इन्हें आगे बढ़ने का मौक़ा दिया गया। फिर वर्ष 1997 के दूसरे शासनकाल में अन्य बातों के अलावा उच्च प्रशिक्षण संस्थानों में इनके लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गयी तथा अन्य पिछड़े वर्ग की 13 और उप-जातियों को अतिरिक्त रूप में अनुसूचित-एक में सम्मिलित किया गया। तीसरे व चैथे शासनकाल में और भी ज़्यादा दूरगामी प्रभाव वाले काम अन्य पिछड़े वर्गों के हित व कल्याण के लिए किये गये, जबकि इसके विपरित सपा सरकार अब तक अपनी जातिवादी मानसिकता के तहत् काम करते हुये इन वर्गों के लोगांे के खि़लाफ नकारात्मक, भेदभावपूर्ण एवं उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाकर इनका,े इनके क़ानूनी हक़ से दूर रखती रही है, जिसके विरूद्ध सर्वसमाज के साथ-साथ इन वर्गों के लोगांे में व्यापक आक्रोश जग-ज़ाहिर है। और उनके इस प्रकार के अनेकों युग-परिवर्तनीय व ऐतिहासिक कामों के लिये सर्वसमाज में से ख़ासकर अन्य पिछड़े वर्गों (ओ.बी.सी.) वर्गों के लोग बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश एवं अपने देश में सामाजिक परिवर्तन की महानायिका बहन कुमारी मायावती जी का तहेदिल से आभार प्रकट करते हैं कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में अपने अभी तक के चारों शासनकाल के दौरान सदियों से उपेक्षित इन ओ.बी.सी. वर्गों के लोगों की दयनीय सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक स्थिति को बेहतर बनाकर समाज व देश की मुख्य धारा में लाने के लिये ईमानदारी से ठोस व बुनियादी काम किया है और साथ ही विरोधी पार्टियों की इन वर्गों के प्रति जातिवादी व विद्वेषपूर्ण नीति के तहत इन्हें नुक़ासान पहुँचाते हुये इन्हें आगे ना बढ़ने देने की साजि़श को भी नाकाम किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 September 2013 by admin
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चै. अजित सिंह को आज उनके संसदीय क्षेत्र बागपत जाते समय उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। रालोद अध्यक्ष अपने संसदीय क्षेत्र में लोगों से बातचीत करने तथा सौहार्द स्थापित करने जा रहे थे।
उत्तर प्रदेश प्रशासन के अधिकारियों ने धारा 144 का हवाला देते हुए रालोद अध्यक्ष तथा उनके समर्थकों को रोक लिया। चै. अजित सिंह ने अधिकारियों को आश्वासन दिया कि वह अकेले ही क्षेत्र में जाएंगे लेकिन उसके बावजूद भी अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों से बात करके उन्हें बागपत रोड पर ट्राॅनिका सिटी के पास अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ गिरफ्तार कर लिया।
चै. अजित सिंह ने कहा है कि मुजफ्फरनगर व आसपास के जिलों में हिंसा के लिए प्रदेश की सपा सरकार जिम्मेदार है। प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। रालोद अध्यक्ष ने सपा सरकार को बर्खास्त करने तथा राष्ट्रपति शासन की मांग की है। वह अपने संसदीय क्षेत्र में हिंसा पीडि़तों से बातचीत करने जा रहे थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें जाने नहीं दिया तथा गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने शासन-प्रशासन की निन्दा की है।
रालोद अध्यक्ष ने कहा है कि रालोद के सदस्य गांव-गांव जाकर लोगों से बात करके शान्ति बहाल कराने की पहल करेंगे तथा हिंसा के डर से जो लोग पलायन कर चुके हैं, उन्हें वापस लाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने लोगों से भाईचारे के साथ शान्ति बनाने की अपील की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 September 2013 by admin
- उत्तर प्रदेश में 250 शाखाएँ खोलने का मुकाम हासिल
- ऽ समावेशी विकास में मदद के लिए बैंकिंग सुविधाओं से वंचित क्षेत्र में नयी शाखा की स्थापना
एचडीएफसी बैंक ने उत्तर प्रदेश के अलीनगर के नजदीक बैंकिंग सुविधाओं से वंचित आलमपुर गाँव में अपनी पहली शाखा खोलने की घोषणा की। इस शाखा के खुलने के साथ ही राज्य में बैंक की कुल 250 शाखाएँ हो गयी हैं। यह नयी शाखा दो सदस्यों वाली छोटी ग्रामीण शाखा हैए जो पहली बार गाँव की लगभग 5000 लोगों की स्थानीय आबादी तक औपचारिक बैंकिंग सेवाओं की पहुँच बनायेगी।
बैंकिंग सुविधाओं से वंचित और कम बैंकिंग सुविधाओं वाले क्षेत्रों के लोगों तक औपचारिक बैंकिंग सेवाओं को ले जाने के लिए एचडीएफसी बैंक ने छोटी शाखाओं के नये प्रारूप मॉडल की शुरुआत की है। इससे बैंक को वित्तीय समावेशी के अपने उद्देश्य को पूरा करने में मदद मिलती है। एचडीएफसी बैंक के बोर्ड ने इसे एक करोड़ परिवारों ;चार करोड़ भारतीयोंद्ध को बैंकिंग के दायरे में लाने का निर्देश दे रखा है।
एक छोटी शाखा का निर्माण स्थानए बुनियादी ढाँचाए तकनीक और प्रक्रियाओं की क्षमताओं को बढ़ा कर किफायती तौर पर किया जाता है। एक छोटी शाखा में उत्पादों की श्रृंखला परंपरागत शाखा के समान ही होती है। इन छोटी शाखाओं में ग्राहकों को सेवाएँ प्रदान कराने के लिए दो सदस्य उपलब्ध रहते हैं। यह दो सदस्यों वाली शाखा नजदीकी बड़ी शाखा के साथ मिल कर काम करती हैए जो एक निश्चित क्षेत्र की आवश्यक्ताओं को पूरा करने के लिए एक हब की तरह काम करती है और यह सुनिश्चित करती है कि ग्राहकों को सभी उत्पाद और सेवाएँ उपलब्ध हों।
आलमपुर में इस शाखा का उद्घाटन एचडीएफसी बैंक के जोनल हेड अरुण मेदिरत्ताए एचडीएफसी बैंक के जोनल हेड रविंद्र भाटिया और बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में राष्ट्रपति से स्वर्ण पदक पा चुके एमसीएच के एमडी डॉण् सुबोध कुमार सिंह ने किया।
एचडीएफसी बैंक के ब्रांच बैंकिंग हेड ;नॉर्थद्ध गुलजार सिंह ने इस नयी शाखा के बारे में कहाए श्हमारा 250 शाखाओं का व्यापक नेटवर्क उत्तर प्रदेश के प्रत्येक हिस्से तकए विशेष रूप से बैंकिंग सुविधाओं से वंचित और कम बैंकिंग सुविधाओं वाले क्षेत्रों में औपचारिक बैंकिंग सेवाओं को ले जाने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराता है। यह हमें राज्य के लोगों के नजदीक लाने और उन्हें बैंकिंग सेवाओं की संपूर्ण श्रृंखला उपलब्ध कराने में मदद करता है। हम उनके दैनिक जीवन को बेहतर बनाने की उम्मीद करते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर बैंक की अर्द्ध.शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 53ः शाखाएँ हैं और यह दूरदराज के इलाकों में समावेशी विकास में मदद के अपने प्रयासों के साथ लगातार अपनी पहुँच का विस्तार कर रहा है।श्
इस शाखा के शुभारंभ पर अरुण मेदिरत्ता ने कहाए श्वर्ष 1997 में हजरतगंज में अपनी पहली शाखा खोलने के बाद से उत्तर प्रदेश में 250वीं शाखा खोलने के मुकाम तक पहुँचने की यह यात्रा बहुत सफल रही। हमारे उत्पादों और सेवाओं के लिए ग्राहकों की प्रतिक्रिया अब तक उत्साहवर्धक रही है। हम इस स्थानीय समुदाय का हिस्सा बन कर खुश हैं और राज्य भर में ग्राहकों को सुविधाओं और लचीलेपन से भरी एक नयी दुनिया देना चाहते हैं।श्
यह नयी शाखा स्थानीय आबादी की आवश्यकताओं को पूरा करेगीए जिनकी अभी तक औपचारिक बैंकिंग सेवाओं तक कोई पहुँच नहीं थी। यह शाखा आलमपुर गाँवए अलीनगर पुलिस स्टेशन के नजदीकए तहसील सकलदिहाए जिला चंदौली 232108 में स्थित है। इस शाखा के प्रमुख श्री आशीष चंद हैं।
बैंक ने उत्तर प्रदेश में अपने ग्राहकों को उत्पादों और सेवाओं के इस्तेमाल की सुविधा प्रदान कराने के लिए अपनी विभिन्न सेवा रणनीतियों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। यह नयी शाखा ग्राहकों को एक छत के नीचे बुनियादी बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करती हैए जिनमें बचत खातेए मियादी जमा ;फिकस्ड डिपॉजिटद्धए चालू खातेए दोपहिया वाहन कर्जए वाहन कर्जए व्यावसायिक वाहन कर्जए किसान गोल्ड कार्डए कृषि और कमोडिटी कर्ज जैसी मूलभूत सेवाओं से लेकर सीधी पहुँच वाली बैंकिंग सुविधाएँ जैसे फोन बैंकिंगए नेट बैंकिंग और अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड तक शामिल हैं।
बैंक के देशव्यापी वितरण नेटवर्क में 30 जून 2013 तक 1891 शहरों में 3119 शाखाएँ और 11ए088 एटीएम हैं। राष्ट्रीय स्तर पर बैंक की अर्द्ध.शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 53ः शाखाएँ हैं और यह दूरदराज के इलाकों में समावेशी विकास में मदद के अपने प्रयासों के साथ लगातार अपनी पहुँच का विस्तार कर रहा है।
एचडीएफसी बैंक 31 मार्च 2013 तक बुनियादी बैंकिंग सेवाओं से बाहर के 64 लाख परिवारों को बैंकिंग के दायरे में लेकर आया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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