Archive | September 17th, 2013

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा

Posted on 17 September 2013 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि विपक्ष और खासकर भाजपा द्वारा प्रदेश में शांति व्यवस्था में निरंतर अवरोध डाला जा रहा है। समाजवादी पार्टी सरकार ने अपने चुनावी वायदों को पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश को पिछड़ेपन से निकालने के लिए विकास का एक नया एजेंडा बनाया और उस पर अमल शुरू किया। यह जिन्हें रास नहीं आ रहा है। वे लगातार ऐसी साजिशें कर रहे हैं जिससे श्री मुलायम सिंह यादव का उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का सपना पूरा नहीं हो सके।
विकास के रास्ते में अड़ंगा डालने के लिए विपक्षी दलों द्वारा प्रदेश में सांप्रदायिकता के जहर को सुनियोजित तरीके से बौने का षडयंत्र है। मुजफफरनगर को इसकी प्रयोगशाला बनाया है। भाजपा नेताओं ने महापंचायत कर विद्वेष की आग फैलार्इ। आज भी वे इससे बाज नहीं आ रहे हैं। लेकिन जनता सब जानती है और वह भाजपा की सांप्रदायिकता की रीतिनीति को कभी पनपने नहीं देगी।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने मुजफफरनगर के अपने दौरे में जिस धीरज और सहानुभूति के साथ पीडि़तों की बातें सुनी और उन्हें आश्वस्त किया उससे एक सौहार्दपूर्ण माहौल बना है। उन्होने गरीबों, किसानों, को भरोसा दिया कि समाजवादी पार्टी की सरकार किसी पर अन्याय नहीं होने देगी और कानून से खिलवाड़ करनेवालों के साथ सख्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री जी ने हिन्दू-मुसिलमों से अपील की है कि वे आपस की खार्इ को पाटकर सौहार्द बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने मुजफफरनगर की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मृतकों के एक-एक परिजन को नौकरी, दस-दस लाख रूपए, पीडि़तो के नुकसान की भरपार्इ और विस्थापितों में विश्वास जगाकर उनकी घर वापसी कराने की घोषणा की है। जिनके मकानों में तोड़फोड़ या आगजनी हुर्इ है, उन्हें लोहिया आवास योजना या अन्य किसी सरकारी योजना के तहत लाभ दिया जाएगा ताकि वह अपने मकानों की मरम्मत करा सकें। श्री अखिलेश यादव ने धर्मनिरपेक्षता और समाजवादी विचारधारा के साथ प्रदेश के समग्र विकास को बढ़ावा दिया है। सांप्रदायिक ताकतों को प्रदेश में कहीं सिर उठाने का अवसर नहीं दिया जा सकता।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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लखनऊ 16 सितम्बर 2013 भारतीय जनता पार्टी ने कहा

Posted on 17 September 2013 by admin

लखनऊ 16 सितम्बर 2013 भारतीय जनता पार्टी ने कहा मुजफ्फरनगर की घटना पर सुविधानुसार राजनीति हो रही है। प्रधानमंत्री जहा बड़ी घटना बता दोषियों को न बक्शे जाने की बात कर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर रहे है। वही राज्य की समाजवादी पार्टी अपनी नाकामियों का ठीकरा विपक्ष पर फोड़ अपनी  जिम्मदारी से पिण्ड छुड़ा रही है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि मुजफ्फनगर दंगों को लेकर नरेन्द्र मोदी व अमित शाह सहित भाजपा और संघ परिवार पर बेबुनियाद आरोप प्रत्यारोप की राजनीति बंद हो। उन्होने कहा कि दंगों पर नियंत्रण में नाकाम रही अखिलेश सरकार के मंत्री और उनकी पार्टी के नेता मानसिक दिवालियेपन का शिकार हो गये है। इसीलिए वे दंगों में नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की संलिप्तता की बात कह रहे है। श्री पाठक ने अखिलेश सरकार को चुनौती दी अगर उनके पास तथ्य है तो वे साबित करे अन्यथा अपने मंत्रियों के कथन पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगे।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर संवाददाताओं से बातचीत में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि मुजफ्फरनगर में दंगे की बड़ी घटना होने के बावजूद, प्रशासनिक रूप से विफल उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार पर कार्यवाही में केन्द्र सरकार संकोच क्यों कर रही है। महज दोषियों को न बक्शे जाने के बयान से आम आदमी के जख्मों पर मरहम कैसे लगेगा। उन्होनें कहा कि राज्य के कददावर मंत्री शिवपाल सिंह यादव राजनैतिक पेशबंदी के तहत राज्य सरकार की नाकामियों को छिपाने के लिए मुजफ्फरनगर दंगे के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिन्दु परिषद व भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रहे है। श्री पाठक ने कहा कि शिवपाल जी के पास किस जांच आयोग की रिपोर्ट है और किस खुफिया तंत्र की जानकारी है जिसके आधार पर वो यह बात दावे के साथ कह रहे है। सच तो यह है कि श्री यादव अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित प्रस्ताव से इतर मुजफ्फरनगर की घटना को न सम्प्रदायिक हिंसा न ही दंगा और न ही जातीय संषर्घ मानते है। दंगों में अखिलेश सरकार और समाजवादी पार्टी की भूमिका का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सपा के ही एक पूर्व विधायक ने पार्टी पर दंगार्इ होने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया। जबकि एक लोकसभा प्रत्याशी ने दंगों को लेकर सरकार और सपा की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए अपना टिकट वापस कर चुनाव लड़ने में असमर्थता व्यक्त की।
श्री पाठक ने कहा असमंजस, अराजकता, और अर्तविरोधों से ग्रस्त अखिलेश सरकार लगातार राज्य के वातावरण को सम्प्रदायिक करने में जुटी है। तभी तो पूरी तौर पर भ्रमित सरकार के कददावर मंत्री की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी मे शामिल हो रहे पूर्व विधायक गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे है कि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने भाड़े के अपराधियों को बुलाकर पशिचम उत्तर प्रदेश मे दंगा भड़काया। उन्होंने कहा कि उनकी बात यदि सही मान ली जाये तो यह सवाल उठता है कि ये भाड़े के अपराधि आये कहां से थे? उत्तर प्रदेश में कैसे आये और अगर ये आये तो क्या यह अभिसूचना तंत्र की विफलता नही थी? पुलिस क्या कर रही थी? जब ये अपराधी दंगा फैला रहे थे तो राज्य का पूरा तंत्र यहां बैठ कर क्या कर रहा था? दरअसल समाजवादी पार्टी मानसिक दिवालियेपन की कगार पर है और इसीलिए उलूल-जलूल और हताशा भरे बयान दे रही है।
उन्होने कहा मुजफ्फरनगर दंगे के पीडि़तों के साथ भेदभाव हो रहा है। राजनैतिक बयान बाजी और राजनैतिक रोटी सेकने में जुटे दल दंगों के वास्तविक अपराधियों को बचाने के लिए पूरे मामले का राजनैतिक करण करने में जुटे है। शुद्ध रूप से राज्य सरकार की प्रशासनिक विफलता से मुजफ्फरनगर में जान-माल का नुकसान हुआ, अब जख्म देकर उनपर मरहम लगाने की कोशिश हो रही है।

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डीकेएनवार्इ मेटालिक लेदर घडि़यों के साथ बिखेरें अपनी चमक

Posted on 17 September 2013 by admin

डीकेएनवार्इ ने अपनी घडि़यों की नवीनतम श्रंृखला-’मेटालिक लेदर्स की पेशकश की है। इस नये कलेक्शन ने समकालीन मेटालिक टोन्स की आकर्षक खूबसूरती के विकास द्वारा स्टाइल एवं समय की दिशा को बदल दिया है। इन आधुनिक घडि़यों को विशिष्ट आकारों में विकसित किया गया है, जो सभी अवसरों के लिये उपयुक्त हैं।

इस कलेक्शन में साफ्ट गोल्ड (एनवार्इ 8858), स्टाइलिश सिल्वर (एनवार्इ 8857) एवं सल्ट्री रोज-गोल्ड (एनवार्इ 8859) शामिल हैं, जिन्हें लेदर स्ट्रैप्स के साथ पेश किया गया है। ये विशिष्ट शेडस अपने मैचिंग स्टेनलेस स्टील डायल्स के बिल्कुल अनुरूप हैं। इसकी चमकदार सकर्ुलर केसिंग रेश्मी एवं आकर्षक खूबसूरती के साथ इन स्टाइल्स के आधुनिक अहसास को बनाये रखती है।

ये घडि़यां एक शाइनिंग स्टेटमेंट की तरह हैं और इन्हें दिन एवं रात दोनों समय पहना जा सकता है।

डीकेएनवार्इ मेटालिक लेदर कलेक्शन की कीमत 5,795 रुपये से शुरू होती है। यह समूचे देश के चुनिंदा शापर्स स्टाप, लाइफस्टाइल, हीलियोज, इथोज, जस्ट इन वोग और अन्य अग्रणी वाच रिटलेर्स में उपलब्ध हैं।

कंपनी के विषय में
फासिल, इंक (छ।ैक्।फरू थ्व्ैस्) एक वैशिवक कंपनी है, जिसे फैशन लाइफस्टाइल एवं एसेसरी उत्पादों के डिजाइन, नवोन्मेष और विपणन में महारत हासिल है। फासिल कंपनी के नामराशि फासिल ब्रांड और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खुद के स्वामित्व वाले एवं लाइसेंस्ड ब्रांडों की श्रृंखला के माध्यम से रचनात्मकता को बढ़ावा देने और डिजाइन में सर्वश्रेष्ठता प्रदान करने के लिये प्रतिबद्ध है। फासिल ब्रांड पूरी प्रमाणिकता के साथ विभिन्न आधुनिक-विंटेज डिजाइन की सौंदर्यपरकता से युक्त है। समूचे विश्व में कंपनी के मजबूत वैशिवक र्इ-कामर्स व्यवसाय ;ूूूण्विेेपसण्बवउद्ध के साथ लगभग 400 स्टोर्स हैं। फासिल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने लाइफस्टाइल एवं एसेसरी वस्तुओं जैसे घडि़यों, गहनों, हैंडबैग, और क्लोदिंग के विस्तृत संकलन के लिये विख्यात है। कंपनी खोजपरक ब्रांडिंग, विश्व-स्तरीय डिजाइन और गतिशील वैशिवक वितरण की योग्यता के जरिये निरंतर अपनी बहु-ब्रांड श्रृंखला का विकास कर रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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भारतीय हस्तशिल्प उद्योग

Posted on 17 September 2013 by admin

भारत का हस्तशिल्प उद्योग सच्ची भावना के साथ हमारी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि भारतीयों की जीवन शैली की झलक उन उत्पादों से मिलती है जो बड़ी सादगी और देशज औजारों के साथ यहां के दस्तकार बनाते हैं। इन उत्पादों में भारतीय परंपरा और कलात्मक निपुणता समाहित रहती है। भारतीय हस्तशिल्प उद्योग की परंपरा बहुत व्यापक है क्योंकि यह देश की सांस्कृतिक विविधता का प्रतिनिधित्व करती है। यह उद्योग वर्षों से रोजगार और विदेशी मुद्रा की कमाई में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इतने बड़ेउत्पादन के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी संभावनाएं नहीं तलाशी गई हैं। विश्व के हस्तशिल्प निर्यात उद्योग में भारत का हिस्सा 2 प्रतिशत से भी कम है। लघु और कुटी उद्योग क्षेत्र शिल्पकारों की सामाजिक एवं आर्थिक समस्याओं को हल करने में मदद करता है। यह क्षेत्र 60 लाख से अधिक दस्तकारों को रोजगार उपलब्ध कराता है जिसमें बड़ी संख्या  में महिलाएं और समाज के कमजोर वर्ग के लोग शामिल हैं। उपभोक्ता की बदलती रुचि और रुझानों से यह क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
उत्पादन और निर्यात
भारतीय हस्तशिल्प उद्योग में करीब 5 अरब 60 करोड़ अमरीकी डॉलर का उत्पादन होता है। भारत ने वित्त वर्ष 2012.13 में 3 अरब 30 करोड़ 40 लाख अमरीकी डॉलर के हस्तशिल्प का निर्यात किया। पिछले वर्ष की तुलना में निर्यात में 22ण्15 प्रतिशत वृद्धि हुई। 2012.13 के दौरान कुल हस्तशिल्प निर्यात में से सबसे अधिक योगदान कसीदाकारी और कांटे से बुने गए सामान का योगदान रहा और इससे करीब 858ण्08 मिलियन अमरीकी डॉलर की विदेशी आय हासिल हुई। इसके बाद कृत्रिम मृण्पात्रों को योगदान रहा जिससे 612ण्17 मिलियन अमरीकी  डॉलर की विदेशी मुद्रा हासिल हुई। तीसरे स्थान पर 506ण्78 मिलियन अमरीकी डॉलर की विदेशी मुद्रा के साथ विविध हस्तशिप रहे। काष्ठ मृण्पात्रों से 505ण्01 मिलियन अमरीकी डॉलर की आय हुई। हस्तशिल्प क्षेत्र देश के 74 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देता है। देश में अनुमानित 2 अरब 30 करोड़ अमरीकी डॉलर के हस्तशिल्प की खपत है।
भारतीय हस्तशिल्प में बहुत अधिक विविधता है। इनमें बिदरीए बेंत एवं बांसए कार्पेटए कॉन्च.शेलए कॉयर ट्विस्टिंगए गुड़िया एवं खिलौनेए जरी का काम एवं चांदी का कामए लोक चित्रकलाए फर्नीचरए घासए पत्तीए रीड एवं फाइबरए सींग एवं हड्डीए आभूषणए चमड़ा ;फुटवीयरद्धए चमड़ा ;अन्य वस्तुएंद्धए धातु मृण्पात्रए धातु छवियां ;क्लासिकलद्धए धातु छवियां ;फॉकद्धए संगीत उपकरणए मिट्टी की वस्तुएं और भांडकर्मए ग़लीचे और दरियांए पत्थर ;नक्काशीद्धए पत्थर ;पच्चीकारीद्धए टेराकोटाए थियेटरए वेशभूषा एवं कठपुतलीए वस्त्र ;हथकरघाद्धए वस्त्र ;हाथ की कसीदाकारीद्धए वस्त्र ;हाथ का छापाद्धए लकड़ी ;नक्काशीद्धए लकड़ी ;पच्चीकारीद्धए लकड़ी ;टर्निंग एवं लैकक्वेर वेयरद्धए जरीए विविध शिल्प पेंटिंग्स शामिल हैं।
किसी एक देश की बात करें तो भारत ने हस्तशिल्प का सबसे अधिक निर्यात अमरीका को किया। 2012.13 में देश के कुल निर्यात में से 26ण्29 प्रतिशत संयुक्त राज्य अमरीका को किया गया। ब्रिटेन को 9ण्57 प्रतिशत निर्यात किया गया। इसके बाद जर्मनी का स्थान रहा जहां 7ण्82 प्रतिशत निर्यात किया गया। फ्रांस को 4ण्25 प्रतिशत तो इटली को 3ण्34 प्रतिशत निर्यात किया गया। नीदरलैंड्स को 2ण्97 प्रतिशतए कनाडा को 2ण्29 प्रतिशतए आस्ट्रेलिया को 1ण्70 प्रतिशत और जापान को 1ण्63 प्रतिशत निर्यात किया गया। अन्य देशों का योगदान 26ण्61 प्रतिशत रहा।
भारतीय हस्तशिल्प की ताकत
देश में स्थानीय स्तर पर कच्चा माल अर्थात प्राकृतिक रेशोंए बांसए बेंतए सींगए पटसनए चमड़े इत्यादि की अनोखी प्रचुर उपलब्धता है। यहां की संस्कृति बहुत समृद्ध और विविधतापूर्ण है जो व्यापक एवं विशिष्ट हस्तशिल्प उपलब्ध कराती है। यहां अनेक कुशल शिल्पी मौजूद हैं। देशज ज्ञान से प्राप्त कौशल के कारण पारंपरिक हस्तशिल्प का असीम भंडार है। महिलाओंए युवाओं और विकलांगों के रोजगार के लिए इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। भारत के हस्तशिल्प की उत्पादन लागत कम है।
हस्तशिल्प उद्योग में अवसर
देश के हस्तशिल्प उद्योग में असीम अवसर विद्यमान हैं। उत्पाद विकास एवं डिजाइन को उन्नत बनाने पर अब अधिक ध्यान दिया जा रहा है। घरेलू और पारंपरिक बाजार में भारतीय हस्तशिल्प की मांग बढ़ रही है। विकसित देशो में उपभोक्ता यहां के हस्तशिल्प की सराहना करते हैं और यह रुझान बढ़ता जा रहा है। सरकार अब इस उद्योग को समर्थन दे रही है और हस्तशिल्प के संरक्षण में दिलचस्पी ले रही है। लातिन अमरीकाए उत्तरी अमरीका और यूरोपीय देशो में उभरते बाजारों ने इस क्षेत्र में अवसर बढ़ा दिए हैं। हस्तशिल्प के व्यापार में निष्पक्ष परिपाटियां भी इस क्षेत्र में अवसर बढ़ा रही हैं। भारत में अब ज्यादा पर्यटक आने लगे हैं जिससे उत्पादों के लिए बड़ा बाजार उपलब्ध हो रहा है।
हस्तशिल्प उद्योग में खामियां
देश के हस्तशिल्प उद्योग में हालांकि विकास के असीम अवसर मौजूद हैं लेकिन इसमें कुछ खामियां भी हैं जिन्हें तत्काल दूर करने की जरूरत है। डिजाइनए नवाचार और प्रौद्योगिकी उन्नयन का अभाव इस क्षेत्र की बहुत बड़ी कमजोरी है। यह उद्योग अत्यधिक बंटा हुआ है। उत्पादन और उत्पाद निर्माण प्रणाली अत्यधिक व्यक्तिगत है और समुचित सरंचना का अभाव है। इस क्षेत्र की रक्षा के लिए सशक्त मुख्य संगठनों का अभाव है। पूंजीकरण बहुत सीमित है और निवेश भी कम किया जाता है। निर्यात के रुझानए अवसरों एवं कीमतों के बारे में बाजार की जानकारी पर्याप्त नहीं होती। कर्ज की उपलब्धता बहुत सीमित है। उत्पादनए वितरण और विपणन के लिए सीमित संसाधन उपलब्ध हैं। उत्पादक समूहों में ई.कॉमर्स दक्षता सीमित है। पर्याप्त बुनियादी ढांचे की कमी है और आधुनिक प्रौद्योगिकी का अभाव है।
हस्तशिल्प क्षेत्र में विद्यमान खतरे
किसी भी उद्योग में यदि अवसर विद्यमान होते हैं तो उसमें कुछ कमजोरियां और खतरे भी मौजूद होते हैं। हस्तशिल्प क्षेत्र में भी अनेक खतरे मौजूद हैं। अनेक राज्य सरकारों की प्राथमिकता वाली योजनाओं में यह क्षेत्र शामिल नहीं है। एशियन बाजारों से स्पर्द्धा बढ़ती जा रही है। अच्छे कच्चे माल की आपूर्ति कम होती जा रही है। अन्य देशों में बेहतर क्वालिटी के घटकए फाइंडिंग्स और पैकेजिंग भी इस क्षेत्र में नई चुनौती पेश कर रही हैं। इस क्षेत्र में क्वालिटी मानकीकरण प्रक्रिया की कमी है। व्यापक रूप से विकसित अर्थव्यवस्थाओं में इस क्षेत्र में निवेश घटता जा रहा है और उपभोक्ता परिष्कृत शिल्प को महत्व देने लगे हैं। सांस्थानिक समर्थन का अभाव भी है। एयर कार्गो और शिपमेंट संबंधी माल ढुलाई की लागत बहुत अधिक है। भारतीय हस्तशिल्प की बढ़ती लागत बाजारों में इसकी स्पर्द्धा पर बुरा असर डाल रही है।
हस्तशिल्प के प्रमुख केंद्र
देश भर में विविधतापूर्ण हस्तशिल्प का निर्माण किया जाता है। लेकिन कुछ क्षेत्र अपने विशिष्ट शिल्प के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं। ऐसे ही कुछ क्षेत्रों में शामिल हैंरू.
धातु पर शिल्पकारी . मुरादाबादए संभलए अलीगढ़ए जोधपुरए जयपुरए बाड़मेरए दिल्लीए रिवाड़ीए तंजावुरए चेन्नईए मण्डपए बीदरए केरलए जगाधरी और जैसलमेर।
लकड़ी पर शिल्पकला . सहारनपुरए नगीनाए जयुपरए जोधपुरए बाड़मेरए होशियारपुरए श्रीनगरए अमृतसरए जगदलपुरए बंगलुरूए मैसूरए चेन्नापटनाए चेन्नईए मण्डपए केरलए बहरामपुरए अहमदाबाद और राजकोट।
हाथ की छपाई वाले वस्त्र . जयुपरए बाड़मेरए बगरूए सांगानेरए जोधपुरए भुजए फर्रुखाबाद और अमरोहा।
कसीदाकारी का सामान . बाड़मेरए जोधपुरए जयुपरए जैसल़मेरए कच्छ.गुजरातए अहमदाबादए लखनऊए आगराए अमृतसरए कुल्लूए धर्मशालाए चम्बा और श्रीनगर।
मार्बल और सॉफ्ट स्टोन शिल्प . आगराए चेन्नईए बस्तर और जोधपुर।
टेराकोटा ज़री और ज़री का सामान . राजस्थानए चेन्नईए बस्तरए सूरतए बरेलीए वाराणसीए अमृतसरए आगराए जयुपर और बाड़मेर।
फैशन आभूषण . दिल्लीए मुरादाबादए संभलए जयपुरए कोहिमा ;आदिवासीद्ध।
भारतीय हस्तशिल्प बहुत विशालए व्यापक और विविधतापूर्ण है। इस क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। यह क्षेत्र रोजगार करने के मामले में भी बहुत महत्वपूर्ण है। बड़े पैमाने पर व्यक्तिगत होने के कारण इसे कीमतए फैशनए बाजार की मांग जैसेी जानकारी के अभाव का सामना करना पड़ता है। अन्य देशों से बढ़ती प्रतिस्पर्द्धाए सीमित बाजारोंए अपर्याप्त बुनियादी ढांचा और आधुनिक प्रौद्योगिकी की कमी जैसी चुनौतियों के लिए सरकारी समर्थन के साथ इस क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने की भी जरूरत है।
भारतीय हस्तशिल्प उद्योग 74 लाख से अधिक शिल्पकारों को रोजगार उपलब्ध कराता है। इसकी वृद्धि के लिए डिजाइन एवं उत्पाद के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। एकीकृत और समावेशी समूह के दृष्टिकोण पर अमल किया जा रहा है। बाजार की मांग के अनुसार उत्पाद डिजाइन किए जा रहे हैं। शिल्प समूहों में समर्पित बुनियादी ढांचे के विकासपर बल दिया जा रहा है। आजीविका और काम करने के माहौल को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं। ब्रैंड निर्माणए भौगोलिक संकेतकों पर ध्यान दिया जा रहा है। कौशल विकास एवं क्षमता बढ़ाने पर भी बल दिया जा रहा है। कमजोर शिल्पकला के जीर्णोद्धार की योजना चलाई जा रही है। इस क्षेत्र में ऋण और अच्छा कच्चा माल उपलब्ध कराने के भी  प्रयास किए जा रहे हैं। संशोधित औजारों की आपूर्ति के जरिए प्रौद्योगिकी उन्नयन और सामान्य सुविधा केंद्रों की स्थापना की जा रही है। इन सभी उपायों के मद्देनजर यह कहा जा सकता है कि भारतीय हस्तशिल्प क्षेत्र का भविष्य उज्ज्वल हैं।

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भारत में अल्पणसंख्यिकों का विकास

Posted on 17 September 2013 by admin

भारत एक लोकतांत्रिक देश हैए जहां सभी समुदायों के लोग शांति एवं सद्भाव से रहते हैं। विश्व  के सभी बड़े धर्मों के अनुयायी भारत में भी हैं। यहां हिन्दूए बहुसंख्यतक हैं और राष्ट्री य अल्पवसंख्यभक आयोगए अधिनियमए 1992 के तहत मुस्लिमोंए सिखोंए ईसाइयोंए बौद्ध एवं पारसियों को अल्प्संख्यगक का दर्जा प्राप्ती है।
देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में अल्पपसंख्य क समुदाय महत्वमपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। सरकार ने इन समुदायों के सामाजिक.आर्थिक उत्था‍न के लिए समय.समय पर विभिन्नह कार्यक्रम एवं योजनाएं संचालित की है।

इसी के मद्देनजर भारत सरकार ने अल्पचसंख्य्क समुदायों के सशक्तीएकरण और उनकी संस्कृनतिए भाषा एवं धार्मिक स्वपरूप को बनाए रखने के लिए अल्पीसंख्य क मामलों के मंत्रालय का गठन किया है। इस मंत्रालय का लक्ष्यय सकारात्मखक कार्यों तथा समावेशी विकास के जरिए अल्प संख्याक समुदायों की सामाजिक.आर्थिक स्थितियों में सुधार लाना है ताकि एक प्रगतिशील देश के निर्माण में हर नागरिक को बराबर के अवसर मिल सकें।

अल्पशसंख्येक समुदायों की शिक्षाए रोजगारए आर्थिक गतिविधियों में बराबर की हिस्सेकदारी तथा उनका उत्थाकन सुनिश्चित करने के लिए जून 2006 में अल्पएसंख्य कों के कल्याबण के लिए प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्री कार्यक्रम की घोष्णास की गई थी। इसके तहत विभिन्नक लक्ष्योंण को निश्चित समयावधि में हासिल किए जाने पर जोर दिया गया है।
इस कार्यक्रम के मुख्या उद्देश्यज इस प्रकार हैं रू
1ण्      शिक्षा के क्षेत्र में अवसरों को बढ़ावा देना।
2ण्      मौजूदा एवं नयी योजनाओं के जरिए आर्थिक गतिविधियों एवं रोजगार में अल्पतसंख्येकों की समान हिस्सेेदारी सुनिश्चित करनाए स्विरोजगार के लिए ऋण सहायता को बढ़ावा देना तथा राज्ये एवं केन्द्रच सरकार की नौकरियों में उनका प्रतिनिधित्वह बढ़ाना।
3ण्      बुनियादी सुविधाओं के विकास से जुड़ी योजनाओं में उनकी पर्याप्ता हिस्से दारी सुनिश्चित करते हुए उनके जीवन स्तिर में सुधार लाना।
4ण्      सांप्रदायिक हिंसा एवं वैमनस्यधता की रोकथाम तथा नियंत्रण।

इस कार्यक्रम का मुख्यि उद्देश्यस इस बात को सुनिश्चित करना है कि वंचित तबकों के लिए शुरू की गई विभिन्नर सरकारी योजनाओं का लाभ अल्पयसंख्यनक समुदाय के वंचित वर्गों तक अवश्यक पहुंचे। इन योजनाओं का लाभ समान रूप से अल्प‍संख्यचकों तक पहुंचाने के लिए इस कार्यक्रम में इस बात पर विशेष ध्याान दिया गया है कि अल्पखसंख्योक बहुल क्षेत्रों में विकासात्मसक परियोजनाओं की निश्चित हिस्से दारी हो।

नए 15 सूत्री कार्यक्रम में शामिल की गईं विभिन्न। योजनाएं इस प्रकार हैं रू
•        महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की समन्वित बाल विकास सेवाएं योजनाए इसमें आंगनवाड़ी केन्द्रोंत के जरिए सेवाएं दी जा रही हैं।
•        मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सर्व शिक्षा अभियान ;एसएसएद्ध एवं कस्तू रबा गांधी बालिका विद्यालय योजना ;केजीबीवीद्ध।
•        ग्रामीण विकास मंत्रालय की आजीविका योजना।
•        आवासीय एवं शहरी गरीबी उन्मूजलन मंत्रालय की स्व;र्ण जयंती शहरी रोजगार योजना।
•        श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की तरफ से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थावओं का आधुनिकीकरण।
•        वित्तीवय सेवाओं के विभाग की वरीयता सेक्टशर ऋण योजना के तहत बैंक ऋण की उपलब्ध ता।
•        ग्रामीण विकास मंत्रालय की इंदिरा आवास योजना।

केन्द्र। सरकार ने सच्चलर समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए कुछ सीमित उपाय भी किए हैं। ये इस प्रकार हैं –
•        माध्य मिक स्तलर तक गुणवत्तापयुक्तर शिक्षा की पहुंचए राष्ट्री य माध्यतमिक शिक्षा अभियान।
•        देश के शैक्षिक रूप से पिछड़े 374 जिलों में प्रत्येरक में एक मॉडल कॉलेज की स्थारपना की जाएगी। इन 374 जिलों में से 61 जिलों की पहचान अल्प्संख्यकक बहुल जिलों के रूप में की गई है।
•        जिन क्षेत्रों में अल्पपसंख्य4क खासकर मुस्लिम अधिक रहते हैंए वहां के विश्वमविद्यालयों एवं कॉलेजों में महिला छात्रावास की स्थाेपना व्यकवस्थाि में विश्व‍विद्यालय अनुदान आयोग से वरीयता का प्रावधान।
•        क्षेत्र विशेष एवं मदरसा आधुनिकीकरण कार्यक्रम को संशोधित किया गया है और इसे दो भागों में बांटा गया है।
1ण्      मदरसों में गुणवत्तादयुक्तक शिक्षा प्रदान करने की योजना। इसमें बेहतर शिक्षकों की भर्ती करनेए वेतन एवं अन्यं भत्ते  बढ़ानेए पुस्ताकोंए कम्यूर श टरों एवं शिक्षण सहायक उपकरणों की खरीद के लिए सहायता में बढ़ावा देना।
2ण्      निजी सहायताध्गैर सहायता प्राप्त् शैक्षिक संस्थातनों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए वित्तीदय सहायता।
•        अलीगढ़ मुस्लिम विश्वगविद्यालयए जामिया मिलिया इस्लानमिया विश्वीविद्यालयए नई दिल्ली  तथा मौलाना आजाद राष्ट्रीवय उर्दू विश्व विद्यालयए हैदराबाद में उर्दू माध्यवम के शिक्षकों के लिए पेशेवर अकादमियों की स्था‍पना।

इसके अलावा केन्द्रद सरकार ने 2008.09 में बहु.आयामी विकास कार्यक्रम भी शुरू किया है। इस कार्यक्रम का मुख्यर उद्देश्यन अल्पूसंख्यशक बहुल जिलों में लोगों के जीवन की गुणवत्तार में सुधार लानाए विभिन्नद प्रकार के असन्तुंलनों को कम करना तथा सामाजिक.आर्थिक स्थितियों में सुधार लाना है।

विकास के नजरिए से जो जिले मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैंए उनके लिए विशेष योजना बनाई गई हैए जिसमें स्कूजली एवं माध्यधमिक शिक्षा की बेहतर व्यउवस्था ए साफ सफाई पर ध्यािन देनाए पक्केए घरों का निर्माणए स्वकच्छे पेयजल एवं बिजली की उपलब्धसता तथा आय बढ़ाने वाली लाभार्थी आधारित योजनाएं शामिल हैं। इसमें इस बात पर ध्या्न दिया गया है कि जीवन स्त र में सुधार लाने के लिए बुनियादी सुविधाओं जैसे बेहतर सड़क संपर्कए मूलभूत स्वाजस्य्जल  सुविधाएंए कौशल विकास एवं विपणन सुविधाओं का होना जरूरी है।

इसके अलावा अल्पलसंख्यणक मामलों का मंत्रालय अल्पमसंख्यनक समुदाय के छात्रों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त  बनाने की दिशा में उन्हेंं विभिन्नप छात्रवृत्तियां उपलब्धे करा रहा है।

इसमें शामिलि छात्रवृत्तियां इस प्रकार हैं –
1ण्      प्री मैट्रिक स्कॉसलरशिप स्की–म
2ण्      पोस्टम मैट्रिक स्कॉललरशिप स्कीिम
3ण्      मैरिट.मींस स्कॉ लरशिप स्कीरम
4ण्      मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप
5ण्      मुक्ता कोचिंग एवं अन्यॉ योजनाएं
6ण्      अल्पतसंख्यंक वर्ग की महिलाओं के लिए नेतृत्वी विकास योजना
7ण्      राज्योंआ में राष्ट्री य अल्प संख्यतक विकास एवं वित्तींय निगमों से जुड़ी एजेंसियों को अनुदान योजना।

इस प्रकार केन्द्रो सरकार अल्प संख्यअक वर्गों के उत्था न के लिए हर संभव प्रयास कर रही है ताकि जीवन के हर क्षेत्र में वे दूसरों के साथ सम्मासन से खड़े होकर गौरवपूर्ण जीवन जी सकें।

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खुशियों से भरी झोलीष्करईकल में कप बनाने वाली महिला स्वंय सहायता समूह की एक प्रेरक कहानी

Posted on 17 September 2013 by admin

हालांकि वाणिज्य स्नातक बी पुष्कला और शशिकला किसी भी दूसरी सामान्य गृहणियों की तरह ही रोजमर्रा का काम करती थीं। अक्षत मगर जब वे प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना ;पीएमईजीपीद्ध के तहत स्वंय सहायता समूह से जुड़ींए पूरे पांडिचेरी के उद्यमियों की रोल मॉडल बन गईं। इनकी सफलता की कहानी बताती है कि कैसे पीएमईजीपीए केंद्र सरकार का ऋण सब्सिडी कार्यक्रमए देश भर के हजारों छोटे उद्यमियों को लाभ पहुंचा रहा है।

पुष्कला और शशिकला ने चार साल पहले करईकल कोथालाम्पट की सात अन्य महिलाओं के साथ ष्नवरत्न महालीरष् के नाम से स्वयं सहायता समूह शुरू किया।  यह समूह आज करईकल जिले का पेपर कप और प्लेट का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता हैण् इन महिलाओं ने पीएमईजीपी योजना के तहत इंडियन बैंकए करईकल शाखा से 9 लाख रुपए का ऋण लेकर कामशुरू किया।  ६ण्५ लाख से उन्होंने शिवकाशी से पेपर कप बनाने वाली मशीन खरीदी और बचे हुए रुपयों से कच्चा माल लिया। समूह को इस बीच करीब २ण्७५ लाख रुपयों की अनुदान राशि भी मिली।

ष्करईकल पेपर कपष् ब्राण्ड के नाम से यह समूह आज शहर और आस.पास की कॉफी दूकानों में थोक भाव से कपों की आपूर्ति करने के अलावा करईकल बंदरगाह की जरूरतों को भी पूरा कर रहा है। केवल चार सालों में ही उन्होंने बैंक का ६ण्५ लाख का ऋण चुकता कर दिया है। किरायाए बिजली और अन्य खर्चे चुकाने के बाद ये महिलाएं प्रति महीने १५०० रुपए भी घर ले जा रही हैं। समूह के दूसरे सदस्य मिण् तिरुवलर सेल्वी कहते हैं कि अब उनका कारोबार फैल रहा है और अब वे और ज्यादा पेपर कप बनाने वाली मशीन खरीदने की योजना बना रहे हैं। पुष्कला और शशिकला जैसी महिलाओं ने जिस तरह से अनुकरणीय मिसाल पेश किया हैए आजकल लोग जिले के अग्रणी बैंक सेए प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना से संबंधित पूछताछ ज्यादा करने लगे हैं। यही वे महिलाएं हैं इस तरह की सरकारी योजनाओं की मिसाल हैंण् ऐसा इंडियन बैंकए करईकल के मुख्य प्रबंधकए श्री धर्मालिंगम् सोचते हैं।

हांए इन महिलाओंए जिनकी खुशियों से झोली भरी हुई हैए ने दूसरों को सही राह दिखाई है।

पीएईजीपी के बारे में

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ;पीएमईजीपीद्ध दो योजनाओं प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना ;पीएमआरद्ध और ग्रामीण रोजगार सृजन योजना ;आरईजीपीद्ध के विलय से बना है।  इस योजना की शुरूआत १५ अगस्तण् २००८ को खादी और ग्रामोद्योग आयोग ;केवीआईसीद्ध के तहत की गईण् राज्य स्तर पर यह योजना राज्य केवीआईसी निदेशालयए राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड और जिला उद्योग केंद्र ;डीआईसीद्ध और बैंकों के जरिए लागू की जा रही है। सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी केवीआईसी के तहत अधिकृत्त बैंकों के माध्यम से खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।

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दोहरी हत्यालूट का अनावरण, लूटे गये जेवरात बरामद, 2 अभियुक्त गिरफ्तार,

Posted on 17 September 2013 by admin

दिनांक 13.09.13 को थाना नौगावां सादात क्षेत्रान्तर्गत ग्राम बरखेडा में श्रीमती संतोष देवी उम्र 55 वर्ष पत्नी श्री सुरेन्द्र कुमार गुप्ता एवं श्रीमती शालिनी गुप्ता उम्र 24 वर्ष पत्नी श्री शीलप्रिय सुन्दरम की अज्ञात बदमाशों द्वारा धारदार हथियार से हत्या कर लूट पाट की घटना की गयी थी। इस संबंध में थाना नौगावां सादात पर अभियोग पंजीकृत कर घटना के अनावरण केे प्रयास किये जा रहे थे।
दिनांक 15.09.13 को थाना नौगावां सादात, डिडौली एवं क्राइम ब्रान्च की संयुक्त टीम द्वारा सूचना के आधार पर थाना डिडौली क्षेत्र में ग्राम जोया सिथत मोहम्मद उमर मार्केट के पास से 02 अभियुक्तों 1-मंयक गुप्ता व 2-शेखर विश्नोर्इ को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से लूटे गये जेवरात, सामान व घटना में प्रयुक्त चाकू बरामद हुआ।
उल्लेखनीय है कि गिरफ्तार अभियुक्त मयंक गुप्ता, मृतका श्रीमती शालिनी गुप्ता का ममेरा भार्इ है। मृतका के ससुरालीजन की आर्थिक सिथत काफी अच्छी है । पैसों की लालच में उसने अपने अन्य साथियों के साथ यह घटना कारित की है । शेष अभियुक्तों की गिरफतारी के प्रयास किये जा रहे हैं ।
गिरफ्तार अभियुक्त
1. मयंक गुप्ता निवासी ग्राम नंदपुर बीटा थाना असमौली जनपद सम्भल।
2. शेखर विश्नोर्इ निवासी ग्राम अलियाबाद थाना डिलारी जनपद मुरादाबाद।
बरामदगी
1. 01 सोने का हार        2. 08 सोने की चूडी        3. 03 सोने की चेन
4. 01 सोने का टीका        5. 03 जोडी सोने की कुण्डल    6. 02 सोने की अंगूठी
7. 01 नथ सोने की        8. सोने के टाप्स            9. 02 आर्टिफिशियल माला
10. 500 ग्राम चादी            11. 02 चादी की मूर्ति        12. 02 घटी टार्इटन
13. 01 लार्इटर            14. घटना में प्रयुक्त चाकू        15. लूट के  15000 रूपये
महंत की हत्या का अनावरण, हत्यारा गिरफतार
जनपद गाजियाबादथाना लोनी
दिनांक 17-08-13 को थाना लोनी क्षेत्रान्तर्गत सिद्ध बाबा मंदिर के महंत श्री चेतन दास की अज्ञात बदमाशों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी । जिसके संबध्ां में थाना लोनी पर अभियोग पंजीकृत कर घटना के अनावरण के प्रयास किये जा रहे थे ।
दिनांक 15-09-13 को रात्रि में 2135 बजे थाना लोनी पुलिस द्वारा सूचना के आधार पर खडखड़ी गांव के पास से उक्त घटना में शामिल अभियुक्त विनोद शर्मा को गिरफतार किया गया । गिरफतार अभियुक्त के कब्जे से हत्या में प्रयुक्त एक तमंचा 315

बोर व 2 कारतूस बरामद हुए । पूछताछ पर अभियुक्त द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर उक्त घटना कारित करना बताया गया। उल्लेखनीय है कि गिरफतार अभियुक्त विनोद शर्मा प्रापर्टी डीलिंग में कार्य करता है । प्रापर्टी डीलिंग में मृतक महंत चेतन दास विरोध करता था। इसी कारण यह घटना कारित की गयी है ।  शेष अभियुक्तों की गिरफतारी के प्रयास किये जा रहे हैं ।
गिरफतार अभियुक्त
1-    विनोद शर्मा निवासी खानपुर थाना लोनी जनपद गाजियाबाद
बरामदगी
1-    एक तमंचा 315 बोर व 02 कारतूस जीवित
ट्रक की टक्कर से  एक आरक्षी की मृत्यु
जनपद कानपुर देहातथाना अकबरपुर
दिनांक 16-09-13 को प्रात: करीब 4.00 बजे थाना अकबरपुर क्षेत्रान्तर्गत इटावा-कानपुर हाइवे पर इटावा की ओर जा रहा ट्रक नं0 यूपी-32डीएन-0077 टोल प्लाजा के बैरियर को तोड़  कर भागने लगा। जिसे हार्इवे मोबाइल डयूटी पर तैनात आरक्षी विजेन्द्र सिंह परिहार चौकी रनिया थाना अकबरपुर मूल निवासी सारंगपुर थाना कुठवन जनपद जालौन व आरक्षी रामशंकर थाना बरौर कानपुर देहात द्वारा रोकने का प्रयास किया गया ट्रक चालक नहीं रूका और दोनों आरक्षियों को टक्कर मारकर फरार हो गया। जिससे आरक्षी विजेन्द्र की मौके पर ही मृत्यु हो गयी व गम्भीर रूप से घायल आरक्षी राम शंकर को उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया है । इस संबंध में थाना अकबरपुर पर अभियोग पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की जा रही है ।
पुलिस पर हमला करने वाला गिरफतार
जनपद खीरीथाना पलिया
दिनांक 16-09-13 को थाना पलिया पुलिस द्वारा कस्बा पलिया में सिथत इलाहाबाद बैंक के पास चेकिंग की जा रही थी । चेकिंग के दौरान कां0 संदीप कुमार पाल द्वारा वाहन को रोकने का प्रयास करने पर वाहक सुधीर कुमार निवासी किसान मोहल्ला थाना पलिया ने तमंचे से फायर कर दिया जो आरक्षी के दाहिने हाथ तथा जनता के एक व्यकित मंसूर घायल हो गये ।
पुलिस द्वारा अभियुक्त सुधीर कुमार को गिरफतार कर घटना में प्रयुक्त तमंचा 315 बोर व कारतूस के साथ गिरफतार कर लिया गया है । घायल आरक्षी व मंसूर को उपचार हेतु लखनऊ मेडिकल कालेज लाया गया है ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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सिविल सोसायटी और विभिन्न अन्य संगठन ”सांप्रदायिक हिंसा पर व्यापक कानून के मुददे पर साथ आए

Posted on 17 September 2013 by admin

सिविल सोसायटी और कर्इ अल्पसंख्यक समुदाय के संगठनों के सदस्यों ने ”सांप्रदायिक हिंसा (रोकथाम, नियंत्रण और पीडि़तों का पुनर्वास) विधेयक, 2005 को शीघ्र पारित करने की मांग को सुदृढ़ करने हेतु सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली के प्रतिषिठत इंडिया इंटरनेश्नल सैन्टर में एक मीटिंग करके विचारों का आदान प्रदान किया। कमाल फारूकी (पूर्व अध्यक्ष, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग) और मौलाना महमूद मदनी (महासचिव, जमियत उलेमा-ए-हिन्द) द्वारा बुलार्इ गर्इ इस बैठक में सिविल सोसायटी और दिल्ली की विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने महसूस किया कि दंगे की हालत में लागू किए जाने लाएक 15 से अधिक कानूनों की उपसिथति के बावजूद शासनगुजरात दंगे 2002 और हाल के मुजफफरनगर दंगों की रोकथाम करने में नाकाम रहा क्योंकि संबंधित राज्य पदाधिकारियों में उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आवश्यक इच्छाशकित का अभाव था। इस बैठक का उददेश्य पशिचमी उत्तर प्रदेश में दंगे के शिकार लोगों के साथ सहानुभूति दिखाना और यह सुनिशिचत करने के लिए ठोस कदम उठाना भी था कि भविष्य में किसी राजनीतिज्ञ के निजी स्वार्थ या इच्छापूर्ती हेतु दंगे न हो सकें। बैठक में जान दयाल, फरहा नकवी, वृंदा ग्रोवर, मौलाना नियाज फारूकी, डाक्टर फखरूददीन मौहम्मद, मार्इकेल, डाक्टर तसलीम रहमानी, मौलाना अब्दुल वहाब खिलजी, एस अजीज हैदर, शकील सैयद के अतिरिक्त कमाल फारूकी और मौलाना महमूद मदनी व अन्य लोगों ने भाग लिया।
भारत ने ब्वदअमदजपवद वद जीम च्तमअमदजपवद ंदक च्नदपेीउमदज व जिीम ब्तपउम व ळिमदवबपकमए 1948 की न केवल पुषिट की है बलिक उसपर हस्ताक्षर किए हैं। इसलिए हमारी सरकार का दायित्व बनता है कि इस कंवेनशन के प्रावधानों को लागू करने के लिए आवश्यक कानून बनाए। केंद्र की यूपीए सरकार ने अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम में भी ”सांप्रदायिक हिंसा पर व्यापक कानून बनाने का आश्वासन दिया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 के तहत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरा करना सरकार का दायित्व है। इस प्रतिबद्धता के तहत उसका नैतिक और सामाजिक कर्तव्य बनता है कि जिस प्रकार प्रधान मंत्री ने हाल में सम्पन्न हुए संसदीय सत्र में कर्इ बिल पारित कराने हेतु विपक्ष से खास बातचीत की और उन्हें मनाया उसी प्रकार इस बिल को भी शीघ्रता से पास कराने के लिए कार्यवार्इ करें।
मीटिंग में उपसिथत लोगों ने इस बात पर खेद जताया कि सरकार उनकी मांगों को सुनने के लिए तैयार नहीं हालांकि सिविल सोसायटी उन एक दो प्वाइंट को छोड़ देने को तैयार है जो सरकार को मंजूर नहीं। उल्लेखनीय है कि यू पी ए (एक) के गठन के समय दिए गए आश्वासनों के अनुसार ठपसस दवण् ब्ग्ट व 2ि005 श्ज्ीम ब्वउउनदंस टपवसमदबम ;च्तमअमदजपवदए ब्वदजतवस ंदक त्मींइपसपजंजपवद व टिपबजपउेद्ध ठपससए 2005.12.07श् को संसद में प्रस्तुत किया गया था और बाद में गह मंत्रालय संबंधी स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट दिसंबर 2006 में पेश की थी जिसके कर्इ प्रावधानों पर सिविल सोसायटी ने कड़ा विरोध किया था। 2005 से अब तक विभिन्न सिविल सोसायटी ग्रुप सरकार से निरंतर बात करने की कोशिश करते रहे हैं और इस बिल की बाबत अपने विचार उस तक पहुंचाते रहे हैं।
सिविल सोसायटी से जुड़े लोग गत 7 वर्षों में यू पी ए अध्यक्ष से लेकर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, न्याय एवं विधि मंत्री, गृह मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों और संसद सदस्यों से मुलाकात करके उन्हें इस बिल के महत्व से अवगत कराते रहे परन्तु कोर्इ लाभ नहीं हुआ। यदि इन्होंने समय रहते कदम उठाया होता और यह बिल पारित कर दिया होता तो मुजफफरनगर और मेरठ में कर्इ बहुमूल्य जानें शायद बच सकती थीं। न केवल सिविल सोसायटी बलिक अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं ने भी सरकार से साफ शब्दों में बता दिया था कि इस बिल का पास होना कितना आवश्यक है।
इस संबंध में जमात-ए-इस्लामी हिंद, आल इंडिया मजलिस-ए-मुशावेरत, मिल्ली पालिटीकल पार्टी आफ इंडिया, मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद और इसी मांग को आगे बढ़ने हेतु गठित राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्यों ने आज प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस विधेयक के पारित होने को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय की मांगों को अवगत कराया। आर एन आर्इ से खास बातचीत करते हुए आल इंडिया मजलिस-ए-मुशावेरत के अध्यक्ष डाक्टर जफरूल इस्लाम खां ने बताया कि प्रधानमंत्री से मुलाकात करके उन्होंने न केवल पशिचमी उत्तर प्रदेश के दौरे की अपनी रिपोर्ट उन्हें सौंपी बलिक 21 प्वार्इंट का एजेंडा भी उन्हें दिया जिसमें पशिचमी उत्तर प्रदेश में दंगे के शिकार लोगों को तुरन्त मुआवजा, उनके मकानों की मरम्मत और तुरन्त सांप्रदायिक हिंसा पर व्यापक कानून पारित करने की आवश्यकता की बात भी कही गर्इ है।
आर एन आर्इ से बात करते हुए सोशल वर्कर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डाक्टर अमानत हुसैन ने प्रश्न किया कि आखिर क्यों पिछले संसद अधिवेशन में इस बिल को पास करने हेतु प्रस्तुत नहीं किया गया जबिक सरकार ने हर वह बिल पास करा लिया जो वह कराना चाहती थी। उन्होंने क्हा कि पशिचमी उत्तर प्रदेश में हुर्इ हिंसा के बाद भी यदि सरकार सचेत नहीं हुर्इ और इस बिल को पारित करने हेतु आवश्यक कार्यवार्इ नहीं की तो उसकी नीयत शक के घेरे में आ जाएगी।

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