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खुशियों से भरी झोलीष्करईकल में कप बनाने वाली महिला स्वंय सहायता समूह की एक प्रेरक कहानी

Posted on 17 September 2013 by admin

हालांकि वाणिज्य स्नातक बी पुष्कला और शशिकला किसी भी दूसरी सामान्य गृहणियों की तरह ही रोजमर्रा का काम करती थीं। अक्षत मगर जब वे प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना ;पीएमईजीपीद्ध के तहत स्वंय सहायता समूह से जुड़ींए पूरे पांडिचेरी के उद्यमियों की रोल मॉडल बन गईं। इनकी सफलता की कहानी बताती है कि कैसे पीएमईजीपीए केंद्र सरकार का ऋण सब्सिडी कार्यक्रमए देश भर के हजारों छोटे उद्यमियों को लाभ पहुंचा रहा है।

पुष्कला और शशिकला ने चार साल पहले करईकल कोथालाम्पट की सात अन्य महिलाओं के साथ ष्नवरत्न महालीरष् के नाम से स्वयं सहायता समूह शुरू किया।  यह समूह आज करईकल जिले का पेपर कप और प्लेट का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता हैण् इन महिलाओं ने पीएमईजीपी योजना के तहत इंडियन बैंकए करईकल शाखा से 9 लाख रुपए का ऋण लेकर कामशुरू किया।  ६ण्५ लाख से उन्होंने शिवकाशी से पेपर कप बनाने वाली मशीन खरीदी और बचे हुए रुपयों से कच्चा माल लिया। समूह को इस बीच करीब २ण्७५ लाख रुपयों की अनुदान राशि भी मिली।

ष्करईकल पेपर कपष् ब्राण्ड के नाम से यह समूह आज शहर और आस.पास की कॉफी दूकानों में थोक भाव से कपों की आपूर्ति करने के अलावा करईकल बंदरगाह की जरूरतों को भी पूरा कर रहा है। केवल चार सालों में ही उन्होंने बैंक का ६ण्५ लाख का ऋण चुकता कर दिया है। किरायाए बिजली और अन्य खर्चे चुकाने के बाद ये महिलाएं प्रति महीने १५०० रुपए भी घर ले जा रही हैं। समूह के दूसरे सदस्य मिण् तिरुवलर सेल्वी कहते हैं कि अब उनका कारोबार फैल रहा है और अब वे और ज्यादा पेपर कप बनाने वाली मशीन खरीदने की योजना बना रहे हैं। पुष्कला और शशिकला जैसी महिलाओं ने जिस तरह से अनुकरणीय मिसाल पेश किया हैए आजकल लोग जिले के अग्रणी बैंक सेए प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना से संबंधित पूछताछ ज्यादा करने लगे हैं। यही वे महिलाएं हैं इस तरह की सरकारी योजनाओं की मिसाल हैंण् ऐसा इंडियन बैंकए करईकल के मुख्य प्रबंधकए श्री धर्मालिंगम् सोचते हैं।

हांए इन महिलाओंए जिनकी खुशियों से झोली भरी हुई हैए ने दूसरों को सही राह दिखाई है।

पीएईजीपी के बारे में

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम ;पीएमईजीपीद्ध दो योजनाओं प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना ;पीएमआरद्ध और ग्रामीण रोजगार सृजन योजना ;आरईजीपीद्ध के विलय से बना है।  इस योजना की शुरूआत १५ अगस्तण् २००८ को खादी और ग्रामोद्योग आयोग ;केवीआईसीद्ध के तहत की गईण् राज्य स्तर पर यह योजना राज्य केवीआईसी निदेशालयए राज्य खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड और जिला उद्योग केंद्र ;डीआईसीद्ध और बैंकों के जरिए लागू की जा रही है। सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी केवीआईसी के तहत अधिकृत्त बैंकों के माध्यम से खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।

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