भारत एक लोकतांत्रिक देश हैए जहां सभी समुदायों के लोग शांति एवं सद्भाव से रहते हैं। विश्व के सभी बड़े धर्मों के अनुयायी भारत में भी हैं। यहां हिन्दूए बहुसंख्यतक हैं और राष्ट्री य अल्पवसंख्यभक आयोगए अधिनियमए 1992 के तहत मुस्लिमोंए सिखोंए ईसाइयोंए बौद्ध एवं पारसियों को अल्प्संख्यगक का दर्जा प्राप्ती है।
देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में अल्पपसंख्य क समुदाय महत्वमपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। सरकार ने इन समुदायों के सामाजिक.आर्थिक उत्थान के लिए समय.समय पर विभिन्नह कार्यक्रम एवं योजनाएं संचालित की है।
इसी के मद्देनजर भारत सरकार ने अल्पचसंख्य्क समुदायों के सशक्तीएकरण और उनकी संस्कृनतिए भाषा एवं धार्मिक स्वपरूप को बनाए रखने के लिए अल्पीसंख्य क मामलों के मंत्रालय का गठन किया है। इस मंत्रालय का लक्ष्यय सकारात्मखक कार्यों तथा समावेशी विकास के जरिए अल्प संख्याक समुदायों की सामाजिक.आर्थिक स्थितियों में सुधार लाना है ताकि एक प्रगतिशील देश के निर्माण में हर नागरिक को बराबर के अवसर मिल सकें।
अल्पशसंख्येक समुदायों की शिक्षाए रोजगारए आर्थिक गतिविधियों में बराबर की हिस्सेकदारी तथा उनका उत्थाकन सुनिश्चित करने के लिए जून 2006 में अल्पएसंख्य कों के कल्याबण के लिए प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्री कार्यक्रम की घोष्णास की गई थी। इसके तहत विभिन्नक लक्ष्योंण को निश्चित समयावधि में हासिल किए जाने पर जोर दिया गया है।
इस कार्यक्रम के मुख्या उद्देश्यज इस प्रकार हैं रू
1ण् शिक्षा के क्षेत्र में अवसरों को बढ़ावा देना।
2ण् मौजूदा एवं नयी योजनाओं के जरिए आर्थिक गतिविधियों एवं रोजगार में अल्पतसंख्येकों की समान हिस्सेेदारी सुनिश्चित करनाए स्विरोजगार के लिए ऋण सहायता को बढ़ावा देना तथा राज्ये एवं केन्द्रच सरकार की नौकरियों में उनका प्रतिनिधित्वह बढ़ाना।
3ण् बुनियादी सुविधाओं के विकास से जुड़ी योजनाओं में उनकी पर्याप्ता हिस्से दारी सुनिश्चित करते हुए उनके जीवन स्तिर में सुधार लाना।
4ण् सांप्रदायिक हिंसा एवं वैमनस्यधता की रोकथाम तथा नियंत्रण।
इस कार्यक्रम का मुख्यि उद्देश्यस इस बात को सुनिश्चित करना है कि वंचित तबकों के लिए शुरू की गई विभिन्नर सरकारी योजनाओं का लाभ अल्पयसंख्यनक समुदाय के वंचित वर्गों तक अवश्यक पहुंचे। इन योजनाओं का लाभ समान रूप से अल्पसंख्यचकों तक पहुंचाने के लिए इस कार्यक्रम में इस बात पर विशेष ध्याान दिया गया है कि अल्पखसंख्योक बहुल क्षेत्रों में विकासात्मसक परियोजनाओं की निश्चित हिस्से दारी हो।
नए 15 सूत्री कार्यक्रम में शामिल की गईं विभिन्न। योजनाएं इस प्रकार हैं रू
• महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की समन्वित बाल विकास सेवाएं योजनाए इसमें आंगनवाड़ी केन्द्रोंत के जरिए सेवाएं दी जा रही हैं।
• मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सर्व शिक्षा अभियान ;एसएसएद्ध एवं कस्तू रबा गांधी बालिका विद्यालय योजना ;केजीबीवीद्ध।
• ग्रामीण विकास मंत्रालय की आजीविका योजना।
• आवासीय एवं शहरी गरीबी उन्मूजलन मंत्रालय की स्व;र्ण जयंती शहरी रोजगार योजना।
• श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की तरफ से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थावओं का आधुनिकीकरण।
• वित्तीवय सेवाओं के विभाग की वरीयता सेक्टशर ऋण योजना के तहत बैंक ऋण की उपलब्ध ता।
• ग्रामीण विकास मंत्रालय की इंदिरा आवास योजना।
केन्द्र। सरकार ने सच्चलर समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए कुछ सीमित उपाय भी किए हैं। ये इस प्रकार हैं –
• माध्य मिक स्तलर तक गुणवत्तापयुक्तर शिक्षा की पहुंचए राष्ट्री य माध्यतमिक शिक्षा अभियान।
• देश के शैक्षिक रूप से पिछड़े 374 जिलों में प्रत्येरक में एक मॉडल कॉलेज की स्थारपना की जाएगी। इन 374 जिलों में से 61 जिलों की पहचान अल्प्संख्यकक बहुल जिलों के रूप में की गई है।
• जिन क्षेत्रों में अल्पपसंख्य4क खासकर मुस्लिम अधिक रहते हैंए वहां के विश्वमविद्यालयों एवं कॉलेजों में महिला छात्रावास की स्थाेपना व्यकवस्थाि में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से वरीयता का प्रावधान।
• क्षेत्र विशेष एवं मदरसा आधुनिकीकरण कार्यक्रम को संशोधित किया गया है और इसे दो भागों में बांटा गया है।
1ण् मदरसों में गुणवत्तादयुक्तक शिक्षा प्रदान करने की योजना। इसमें बेहतर शिक्षकों की भर्ती करनेए वेतन एवं अन्यं भत्ते बढ़ानेए पुस्ताकोंए कम्यूर श टरों एवं शिक्षण सहायक उपकरणों की खरीद के लिए सहायता में बढ़ावा देना।
2ण् निजी सहायताध्गैर सहायता प्राप्त् शैक्षिक संस्थातनों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए वित्तीदय सहायता।
• अलीगढ़ मुस्लिम विश्वगविद्यालयए जामिया मिलिया इस्लानमिया विश्वीविद्यालयए नई दिल्ली तथा मौलाना आजाद राष्ट्रीवय उर्दू विश्व विद्यालयए हैदराबाद में उर्दू माध्यवम के शिक्षकों के लिए पेशेवर अकादमियों की स्थापना।
इसके अलावा केन्द्रद सरकार ने 2008.09 में बहु.आयामी विकास कार्यक्रम भी शुरू किया है। इस कार्यक्रम का मुख्यर उद्देश्यन अल्पूसंख्यशक बहुल जिलों में लोगों के जीवन की गुणवत्तार में सुधार लानाए विभिन्नद प्रकार के असन्तुंलनों को कम करना तथा सामाजिक.आर्थिक स्थितियों में सुधार लाना है।
विकास के नजरिए से जो जिले मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैंए उनके लिए विशेष योजना बनाई गई हैए जिसमें स्कूजली एवं माध्यधमिक शिक्षा की बेहतर व्यउवस्था ए साफ सफाई पर ध्यािन देनाए पक्केए घरों का निर्माणए स्वकच्छे पेयजल एवं बिजली की उपलब्धसता तथा आय बढ़ाने वाली लाभार्थी आधारित योजनाएं शामिल हैं। इसमें इस बात पर ध्या्न दिया गया है कि जीवन स्त र में सुधार लाने के लिए बुनियादी सुविधाओं जैसे बेहतर सड़क संपर्कए मूलभूत स्वाजस्य्जल सुविधाएंए कौशल विकास एवं विपणन सुविधाओं का होना जरूरी है।
इसके अलावा अल्पलसंख्यणक मामलों का मंत्रालय अल्पमसंख्यनक समुदाय के छात्रों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में उन्हेंं विभिन्नप छात्रवृत्तियां उपलब्धे करा रहा है।
इसमें शामिलि छात्रवृत्तियां इस प्रकार हैं –
1ण् प्री मैट्रिक स्कॉसलरशिप स्की–म
2ण् पोस्टम मैट्रिक स्कॉललरशिप स्कीिम
3ण् मैरिट.मींस स्कॉ लरशिप स्कीरम
4ण् मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप
5ण् मुक्ता कोचिंग एवं अन्यॉ योजनाएं
6ण् अल्पतसंख्यंक वर्ग की महिलाओं के लिए नेतृत्वी विकास योजना
7ण् राज्योंआ में राष्ट्री य अल्प संख्यतक विकास एवं वित्तींय निगमों से जुड़ी एजेंसियों को अनुदान योजना।
इस प्रकार केन्द्रो सरकार अल्प संख्यअक वर्गों के उत्था न के लिए हर संभव प्रयास कर रही है ताकि जीवन के हर क्षेत्र में वे दूसरों के साथ सम्मासन से खड़े होकर गौरवपूर्ण जीवन जी सकें।