Posted on 15 July 2013 by admin
१४ जुलाई। जनपद के पुलिस विभाग द्वारा जनता के गुम गये, चोरी गये मोबाईल को बरामद करने के लिए बाकायदा एक सेल गठित है उसका नाम है संर्विलांस सेल यह विंग पुलिस अधीक्षक आवास से संचालित है।
गौरतलब हो कि जिले मे किसी भी प्रकार की गंम्भीर घटना और मोबाईल की गुमशुदगी चोरी की घटनाओं के खुलासे व मोबाईल की बरामदगी यही सेल करती है पुलिस विभाग के कुछ हाईटेक व जानकार सिपाहियों को इस कार्य मे लगाया गया है।
इसके प्रभारी एस०ओ०जी० इंचार्ज हुआ करते है मगर अब यह सेल पूर्णतया निरंकुश और नेतृत्व विहीन है अब जिले मे किसी का भी मोबाईल खो जाये तो शायद ही उसे मिल पायेगा यह लगभग असंभव है ऐसा नही है कि मोबाईल बरामद नही होते मोबाईल बरामद तो होते है मगर लौटाये नही जाते।
और तो और भुक्त भोगी द्वारा दी गई तहरीर की शायद ही कही इंट्री होती है ज्यादातर मामलो मे आम जनता थाने पर तहरीर देकर उसमे मोबाईल नं०आई०एम०आई० नं०, खरीद की रशीद आदि देता है मगर तहरीर पर थाने की प्राप्ति द्वारा मोबाईल कम्पनी से उपभोक्ता को नया सिम व पुराना नंम्बर तुरन्त मिल जाता है।
उसी से अपना काम चला लेती है पुलिस विभाग के इस अति महत्वपूर्ण सेल का अपना कही कोई जन सुलभ कार्यालय नही है जहां जनता बेहिचक बिना भय के अपनी बात कह सके ।
सोचा जा सकता है कि सर्विलांस के जरिये मोबाईल बरामदगी के बाद शायद ही किसी को बुलाकर दिया जाता है । सूत्र बताते है कि इस कार्य मे लगे सिपाही बरामद मोबाईल को ढठेरी बाजार मे सेट मोबाईल की दुकानो पर औने पौने मे बेंच देते है।
वहीं दूसरी और चोरी का मोबाईल इस्तेमाल करने वाले से मनमाना नजराना वसूल कर छोड दिया जाता है न उनका साईबर व्रहृाइम मे चालान ही होता है न ही पता चलता है कि मोबाईल किसके पास है मामला को देकर रफा दफा कर दिया जाता है।
हैरत है और बेहद आश्श्च्र्य की बात है कि पुलिस अधीक्षक के आवास पर बैठकर यह सबकुछ हो रहा है बेचारे काम के बोझ के मारे कप्तान साहब को भनक भी नही लगती है और खेल होता रहता है शायद कप्तान साहब पुराने खयालात और सरल हृदय आदमी है वो आज भी हाईटेक नही हो पाये है और ये सर्विलांस सिपाही और कम्प्यूटर आपरेटर उन्हे कुछ बताते ही नही है।
और जनता मे इतनी हिम्मत है नही कि हजार पांच सौ के मोबाईल के लिये शेर की मांद मे जाये सोचिये अब आपका मोबाईल चाहे कितना भी महंगा हो गुम जाने, चोरी होने पर शायद ही मिले उम्मीद न कीजिए।
नगर की जनता ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि अब तक बरामद मोबाईल की सूची जारी की जाये जिससे मित्र पुलिस का जनता मे विश्श्वस कायम हो सके अथवा बरामद मोबाईल की सूची विभागीय बेवसाईट पर उपलब्ध कराई जाये ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 July 2013 by admin
गोण्डा 14 जुलाई। रमजान का महीना अल्लाह के द्वारा अपने नुमाइन्दों को बरकत व रहमत पाने के लिए दिया गया बेहतरीन तोहफा है। इस महीनें में अल्लाह बंदों को इबादत करके अपने गुनाहों को माफ करने का मौका देता है। यह रहमत व बरकत का महीना है।
उक्त विचार रगड़गंज स्थित बरगाहे हुसैनी इमामबाड़े में ‘त्रिगुट दैनिक’ द्वारा आयोजित रोजा इफ्तार कार्यक्रम में रोजेदारों को सम्बोधित करते हुए अम्बेडकर नगर से पधारे सैयद अहसन अब्बास रिजवी ने व्यक्त किया। उन्होने कहा कि पैगम्बर ने फरमाया है कि रोजेदार का सीधा ताल्लुकात अल्लाह से है। इसलिए मैं हर रोजेदारों को इसका अजर (बदला) दूंगा। इस मौके पर रोजेदारों को खेताब करते हुए लखनऊ उच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार रजा रिजवी ने कहा कि रमजान के पाक महीने में ही पवित्र कुरान नाजिल हुई थी। इस्लामी साल में रमजान सबसे पाक और इबादत का महीना माना जाता है। रोजे के दौरान अल्लाह की इबादत कर इंसान अपने सभी गुनाहों से माफी पा जाता है। इस माह जन्नत का दरवाजा खोल दिया जाता है और दोजख का दरवाजा बंद कर दिया जाता है। रमजान में ईमान व एहतासव के साथ रोजा रखने वाले बंदे की अल्लाह हर गुनाह माफ करके उसकी हर ख्वाहिश को पूरी करता है।इफ्तार से पहले
रोजेदारों ने नमाज पढ़ी, इस मौके पर खादिम अब्बास रिजवी ने नमाज का अजान दिया। रोजेदारों द्वारा नमाज में मुल्क में अमन और खुशहाली की दुआ मांगी गयी। तीसरा रमजान त्रिगुट परिवार के मुखिया रजा रिजवी की पैदाइशी तारीख होने के कारण परम्परानुसार हर वर्ष रमजान के दौरान रगड़गंज रोड स्थित बारगाहे हुसैनी इमामबाड़े में रोजा इफ्तार का प्रोग्राम आयोजित किया जाता है। रोजा इफ्तार में सैयद काजिम हुसैन रिजवी, अब्बास रज़ा रिजवी, मोहसिन रिजवी, अजीम जाफरी एडवोकेट, सफदर हुसैन रिजवी, डा. वसी हैदर, सगीर ए. टू जेड, इरशाद रिजवी एडवोकेट, रुमी, हुसैन सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 July 2013 by admin
समाजवादी पार्टी उ0प्र0 के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में सामाजिक धु्रवीकरण की प्रक्रिया आरम्भ हो गई है। समाज के पिछड़े और वंचित तथा गरीब राजनीति में अपनी भागीदारी को लेकर सजग हो रहे हैं। समाजवादी पार्टी चूंकि सामाजिक न्याय की लड़ाई श्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व मंे शुरू से ही लड़ती आई है, इसलिए पिछड़ों और गरीबों की पहली पसंद यही पार्टी है। समाजवादी पार्टी ने इन्हें अपने संगठन और सरकार में महत्वपूर्ण स्थान के साथ भरपूर सम्मान भी दिया है।
समाजवादी पार्टी और उसकी सरकार के प्रति बढ़ती लोकप्रियता से अन्य विपक्षी दलों के अन्दर घबड़ाहट पैदा होना स्वाभाविक है। श्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश में विकास की जो गंगा बहाई है और नौजवानों, मुस्लिमों, महिलाओं तथा छात्र -छात्राओं के हित में जो ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं उससे जनता में उनके प्रति विश्वास बढ़ा है और अब प्रदेष के मतदाताओं का मन विधानसभा चुनाव के इतिहास को और कई गुना ज्यादा दुहराने का बन रहा है।
कल समाजवादी पार्टी में कुशवाहा परिवार के कुछ सदस्यों के शामिल होने पर विपक्षी दलों ने जो चीख पुकार मचाई है वह उनकी हताशा और कुंठा को दर्शाता है। समाजवादी पार्टी के प्रति विभिन्न समाजों की स्वीकार्यता भी उन्हें अच्छी नहीं लग रही है। जिनके घरों से राजनीतिक प्रदूषण के परनाले बह रहे हैं वे समाजवादी पार्टी को साफ सफाई की सीख बांट रहे हैं। कांगे्रस लगातार पाॅच साल तक बसपा शासन के भ्रष्टाचार को संरक्षण देती रही। वह भी अब भ्रष्टाचार पर बोलने का दुस्साहस कर रही है, जबकि उसकी केन्द्र सरकार घोटालों में सराबोर है। भाजपा जिसका कोई राजनीतिक एजेन्डा नहीं है सिवाय साम्प्रदायिकता फैलाने के, वह भी राजनीति में शुचिता की चर्चा करती है।
समाजवादी पार्टी और सरकार की बढ़ती लोकप्रियता से सबसे ज्यादा परेशान बसपा अध्यक्ष हैं, जिनकी जमीन दरकती जा रही है। उन्हें यह भय सता रहा है कि उनके कारनामों का खुलासा होने से कानून का शिकंजा उनपर भी कस सकता है। इसलिए अब पूरे प्रदेश में उन्हें सब कुछ गड़बड़ दिखाई देता है। जाने कहाॅ से पहली बार ‘‘विकास’’ का शब्द भी उनके लिखित वक्तव्य में पढ़ने को मिला। भ्रष्टाचार, वसूली और अपराधियों को संरक्षण देने के कारण ही बसपा को जनता ने तिरस्कृत कर गद्दी से उतार दिया है। बसपा अध्यक्ष द्वारा उ0प्र0 में राष्ट्रपति शासन की माॅग पूर्णतः असंवैधानिक और अलोकतात्रिक है। संविधान निर्माता डा0 अम्बेडकर का भी असम्मान है। सुश्री मायावती प्रदेश के मतदाताओं के जनादेश का अपमान करने के साथ अपने काले कारनामों से उ0प्र0 को पूरी दुनिया में बदनाम कर चुकी हैं। हकीकत में अब बसपा के डूबते जहाज का कोई नाम लेवा भी नहीं रहेगा।
सुश्री मायावती ने जातीयता का जो नंगनाच किया उसपर हाई केार्ट की चाबुक से वह तिलमिलाई हुई है। भाई-चारा के नाम पर समाज को बांटने का काम बसपा ने किया है। बसपा के शासनकाल में गैर बराबरी को जमकर बढ़ावा दिया गया। श्री मुलायम सिंह यादव ने इसका विरोध कर समाज के सभी वर्गो के आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेेश यादव ने अपनी सरकार में सामाजिक न्याय की शक्तियों को संरक्षण दिया। उससे आज प्रदेश में एक नया स्वस्थ राजनैतिक वातावरण बना है और समाज के हर वर्ग को सम्मान के साथ जीने का और प्रगति करने का अवसर मिला हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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- उनके हवाले से उद्धृत की गयी बात निराधार, भ्रामक व सत्य से परे है
14 जुलाई, 2013
यहाँ से प्रकाशित एक प्रमुख हिन्दी दैनिक समाचार पत्र के आज के संस्करण में प्रथम पृष्ठ पर ‘अब क्या करेंगे आज़म, तब तो कहा था सीवेज ट्रीटमेण्ट प्लाण्ट’ शीर्षक से छपी खबर पर घोर आपत्ति जताते हुये प्रदेश के नगर विकास मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ ने इस खबर को निराधार, भ्रामक व तथ्यों से परे बताया है।
इस संबंध में जारी अपने एक खण्डन में श्री आज़म खाँ ने कहा कि उनके हवाले से जो बात इस समाचार में प्रकाशित की गयी है वह बात उन्होंने न तो पिछले वर्ष जनवरी में कही थी और न ही कभी और कही। उन्होंने कहा कि उस समय भी जब उनके हवाले से यह बयान प्रकाशित हुआ था तब भी उन्होंने इसका पुरज़ोर खण्डन किया था और आज जब उनके हवाले से इस प्रमुख समाचार पत्र ने उनके द्वारा पूर्व में जारी किये गये खण्डन को नज़र अंदाज करते हुये इस बात को पुनः प्रकाशित किया है तो वह फिर से इसका पुरज़ोर खण्डन करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी के हवाले से कोई निराधार, भ्रामक व सत्य से परे बात को कहा जाना, लिखा जाना या प्रकाशित किया जाना न सिर्फ उद्धृत किये गये व्यक्ति का चरित्र हनन किये जाने के समतुल्य है, बल्कि स्वस्थ पत्रकारिता के स्थापित मूल्यों के भी खि़लाफ है। इस तरह की पत्रकारिता से सभी को सदा परहेज़ करना चाहिये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 July 2013 by admin
14 जुलाई, 2013
भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित काॅम्प्रेहेंसिव कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम के लिये उत्तर प्रदेश शासन द्वारा एक राज्य स्तरीय संचालन समिति का गठन प्रमुख सचिव, नगर विकास की अध्यक्षता में किया गया है। साथ ही इस प्रोग्राम के लिये स्थानीय निकाय निदेशालय को नोडल एजेंसी एवं निदेशक, स्थानीय निकाय को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
इस संचालन समिति में प्रमुख सचिव/सचिव, नियोजन, प्रमुख सचिव/सचिव, वित्त, प्रमुख सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन, कार्यक्रम का कार्य देख रहे विशेष सचिव, नगर विकास तथा निदेशक, सूडा को सदस्य नामित किया गया है, जबकि निदेशक, स्थानीय निकाय इस समिति के सदस्य-सचिव होंगे।
यह समिति प्रोग्राम के तहत प्रस्तावों का अनुमोदन, निकायों का चयन व प्रगति का अनुश्रवण व समीक्षा करेेगी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय निकायों की क्षमता, विशेषकर मानव संसाधन, नवीन टेक्नाॅलोजी जैसे संसाधनों की क्षमता का विकास करना है।
उपयोगिता अवधि बढ़ी: प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2012-13 में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिये आदर्श नगर योजना के तहत सीतापुर की नगर पालिका परिषद महमूदाबाद, मेरठ की नगर पंचायत किठौर तथा बुलन्दशहर की नगर पंचायत बुगरासी को मंजूर की गयी धनराशि की उपयोगिता अवधि आगामी 31 दिसम्बर तक बढ़ा दी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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14 जुलाई, 2013
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 18 जनपदों में कृषि विविधीकरण योजना के माध्यम से किसानों को धान की जगह मक्का, मूंग, उरद एवं ग्वार की फसलें उगाने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। योजना के अन्तर्गत किसानों को अनुदान के लिए 125.27 करोड़ रुपये की धनराशि केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत की गयी है। योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ भू-गर्भीय जल स्तर में सुधार लाना एवं पर्यावरण का संरक्षण करना है।
प्रमुख सचिव समन्वय एवं परियोजना के समन्वयक श्री राजन शुक्ला ने बताया कि परियोजना के अन्तर्गत लाभार्थी चिन्हित करके किसानों को मक्का, दलहन-तिलहन ग्वार की खेती करने के लिए 10,000 रुपये प्रति हे0 की दर से अनुदान दिया जायेगा, जिसमें 5,000 रुपये आवश्यक निवेशों (खाद, बीज, रक्षा रसायनों आदि) के लिए तथा 5,000 नगद अनुदान शामिल किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 15,000 रुपये प्रति हे0 पापलर वृक्षारोपण के लिए दिये जायेंगे, जिसमें 10,000 रुपये निवेशों के लिए एवं 5,000 रुपये वृक्षों के बीच (इन्टर क्रापिंग) फसल उगाने के लिए अनुदान दिया जायेगा।
श्री शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में हरित क्रांति के बाद अन्न उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई एवं आत्मनिर्भरता आई, लेकिन इसके बाद उत्पादन/उत्पादकता में धीरे-धीरे ठहराव सा आ गया। लगातार धान, गेंहूं की फसल चक्र अपनाने से जल की अधिक खपत होने से भू-गर्भीय जल स्तर नीचा हो गया, मृदा स्वास्थ्य में गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि इन सब कारणों पर गंभीर विचार उपरान्त कृषि विविधीकरण परियोजना के माध्यम से कृषकों की आय में वृद्धि, उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने, मृदा की गिरती सेहत में सुधार लाने आदि महत्वपूर्ण कार्य किये जायेंगे।
प्रमुख सचिव समन्वय ने बताया कि कृषि विविधीकरण परियोजना उत्तर प्रदेश के जिन 18 जनपदों में लागू की गयी हैै उनमें सहारनपुर, बिजनौर, हापुड़, मेरठ, संभल, शामली, मुरादाबाद, मुजफ्फर नगर, बागपत, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, अलीगढ,़ बरेली, बदायूं, शाहजहाँपुर, पीलीभीत, अमरोहा व रामपुर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन 18 जनपदों के 170 विकास खण्डों में से 42 विकास खण्ड भू-गर्भीय जल स्तर की दृष्टि से अतिदोहित, 26 अति गंभीर स्थिति में है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए बताया कि जल संरक्षण की दृष्टि से भी कृषि विविधीकरण योजना स्वीकृत की गयी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 July 2013 by admin
14 जुलाई, 2013
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य सड़क परिवहन निगम के अधीन समस्त सेवाओं में तात्कालिक प्रभाव से 6 माह के लिए हड़ताल पर रोक लगा दी है।
हड़ताल पर यह प्रतिबन्ध उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम के तहत लोक हित में लगाया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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