Posted on 21 March 2013 by admin
दिनांक 20 मार्च, 2013
नगर विकास विभाग के तहत होने वाले परिव्ययों को चुकाने के लिये 48,75,04,14000 (48 अरब 75 करोड़ 4 लाख 14 हजार) रुपये की व्यवस्था।
जेएनएनयूआरएम कार्यक्रम के अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड गवर्नेन्स (यूआईजी) एवं अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट स्कीम फार स्माल एण्ड मीडियम टाउनस् (यूआईडीएसएसएमटी) कार्यान्श के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 में उपलब्ध परिव्यय के अनुरूप क्रमशः 650.00 करोड़ रुपये तथा 250.00 करोड़ रुपये का आय-व्ययक प्रस्तावित।
पिलखुवा नगर को सेटेलाइट टाउन के रूप में विकसित किये जाने के परिप्रेक्ष्य में केन्द्रांश तथा राज्यांश के लिये वित्तीय वर्ष 2013-14 में उपलब्ध परिव्यय के सापेक्ष 10.00 करोड़ रुपये का आय-व्ययक प्रस्तावित।
वित्तीय वर्ष 2013-14 में द्वितीय चरण में 39 नगरीय निकायों में पीपीपी मोड पर नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन योजना के क्रियान्वयन हेतु स्वीकृत परिव्यय के अनुरूप 195.00 करोड़ रुपये का प्रस्ताव।
वित्तीय वर्ष 2013-14 में आगरा जल सम्पूर्ति (पलरा) योजना हेतु उपलब्ध परिव्यय के अनुरूप 300.00 करोड़ रुपये का आय-व्ययक प्रस्तावित।
नगरीय पेयजल कार्यक्रम (राज्य सेक्टर) के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 में 130.00 करोड़ रुपये का आय-व्ययक प्रस्तावित।
नगरीय पेयजल कार्यक्रम जिला योजना/सामान्य के तहत वित्तीय वर्ष 2013-14 में उपलब्ध परिव्यय के अनुरूप 50.00 करोड़ रुपये का आय-व्ययक प्रस्तावित।
नगरीय पेयजल कार्यक्रम जिला योजना/एससीएसपी के तहत वित्तीय वर्ष 2013-14 में 25.00 करोड़ रुपये का आय-व्ययक प्रस्तावित।
नगरीय सीवरेज कार्यक्रम की चालू अधूरी योजनाओं को पूर्ण करने तथा आवश्यक सीवरेज कार्यों हेतु नगरीय सीवरेज कार्यक्रम के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 में 120.00 करोड़ रुपये का आय-व्ययक प्रस्तावित।
नगरीय जल निकासी कार्यक्रम के तहत 110.00 करोड़ रुपये का आय-व्ययक प्रस्तावित।
राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्वीकृत परियोजनाओं के लिये वित्तीय वर्ष 2013-14 में भारत सरकार से प्राप्त होने वाली सहायता के सापेक्ष राजयांश के रूप में उपलब्ध परिव्यय के अनुरूप 70.00 करोड़ रुपये आय-व्ययक प्रस्तावित।
नदी प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रम के तहत राज्यांश मद में उपलब्ध परिव्यय के अनुरूप 15.00 करोड़ रुपये का आय-व्ययक प्रस्तावित।
झील संरक्षण योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2013-14 में उपलब्ध परिव्यय के अनुसार 15.00 करोड़ रुपये का आय-व्ययक प्रस्तावित।
आदर्श नगर योजना के तहत 156.00 करोड़ रुपये का आय-व्ययक प्रस्तावित।
प्रदेश के नागर स्थानीय निकायों में सड़कों की स्थिति में सुधार के लिए वर्ष 2013-14 से नगरीय सड़क सुधार योजना प्रस्तावित है। वित्तीय वर्ष 2013-14 में इस मद में 150.00 करोड़ रुपये का आय-व्ययक प्रस्तावित।
नया सवेरा नगर विकास योजना (रिवाल्ंिवग फण्ड) के तहत वित्तीय वर्ष 2013-14 में उपलब्ध परिव्यय के सापेक्ष 900.00 करोड़ रुपये का आय-व्ययक प्रस्तावित।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 March 2013 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि सड़क व पुल विकास का प्रतीक हैं। सेतु विभिन्न स्थानों को जोड़ते हैं। इसी प्रकार सड़क भी दूरियां कम करती हैं, यदि अच्छी गुणवत्ता की सड़क हो तो जनता को सहूलियत होती है।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर विभिन्न मार्गों व सेतुओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने 268 करोड़ रुपए की धनराशि से निर्मित 27 सेतुओं का लोकार्पण किया तथा 243 करोड़ रुपए की धनराशि से बनने वाले 31 सेतुओं का शिलान्यास किया। श्री यादव ने चार मार्गों के 04 लेन चैड़ीकरण कार्य का भी शिलान्यास किया। इस पर 620 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय होगी। इस प्रकार मुख्यमंत्री द्वारा 1131 करोड़ रु0 की लागत की 62 परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास किया गया।
श्री यादव ने कहा कि अवस्थापना विकास के क्षेत्र में सड़क व सेतु का निर्माण एक महत्वपूर्ण कार्य है। आज जिन कार्योंे की शुरुआत की गई है, उससे ग्रामीण अंचलों में आवागमन की सुविधा मिलेगी, जिससे जनता लाभान्वित होगी। उन्होंने राज्य के विकास में सड़कों के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि यदि गति दो गुनी कर दी जाए तो आर्थिक विकास की रफ्तार तीन गुना हो जाती है। विकास के क्षेत्र में जो देश आगे बढ़े, वहां पर सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता दी गई। उन्होंने कहा कि सेतुओं व मार्गों के निर्माण से प्रदेश का आर्थिक विकास होगा। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं के अभियंताओं से अपेक्षा की कि वे पूरी गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय अवधि में निर्माण कार्यों को पूरा करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी इकलौती ऐसी पार्टी है, जिसने जिला मुख्यालयों को 04 लेन सड़कों से जोड़ने का वादा विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से किया था। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में सेतुओं का निर्माण कार्य पूरी तरह उपेक्षित था। यहां तक कि समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार द्वारा जिन पुलों के निर्माण की शुरुआत की गई थी, उन पुलों का निर्माण या तो धीमा कर दिया गया या फिर रोक दिया गया। इसका नतीजा यह निकला कि ऐसे अधूरे पुलों का निर्माण पूरा करने के लिए वर्तमान सरकार को अधिक धनराशि व्यय करनी पड़ रही है।
इसके पूर्व लोक निर्माण मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि प्रदेश के विकास में सड़कों व सेतुओं की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार विभिन्न कार्य करा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त राज्य मार्गों को कम से कम 07 मीटर चैड़ा करने का निर्णय लिया गया है। भारत-नेपाल सीमा पर लखीमपुर खीरी से महाराजगंज तक लगभग 640 कि.मी. लम्बाई की सड़क बनाई जाएगी तथा अन्य प्रान्तों से जोड़ने वाली प्रदेश की सड़कों का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।
लोक निर्माण राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह पटेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि गुणवत्तापूर्ण कार्य सम्पन्न कराना विभाग की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार घोषणा पत्र के वादों को पूरा करने के लिए कार्य कर रही है।
प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग डाॅ0 रजनीश दुबे ने स्वागत सम्बोधन में विभागीय प्राथमिकताओं एवं कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर राज्य सरकार के मंत्री श्री अहमद हसन, श्री अम्बिका चैधरी, श्री राजेन्द्र चैधरी, श्री आनन्द सिंह, श्री ओम प्रकाश सिंह, श्री बलराम यादव, श्री अवधेश प्रसाद, श्री राजाराम पाण्डेय, श्री दुर्गा प्रसाद यादव, श्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी, श्री पारस नाथ यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री एन.सी. बाजपेई, मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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