उत्तर प्रदेश मुख्यालय पर मान्यता प्राप्त संवाददाताओं को भी सचिवालय कर्मचारियों की भांति एसजीपीजीआई में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने पर राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सैद्धान्तिक सहमति देते हुए कहा है कि इस सम्बन्ध में पहले से जारी शासनादेश की समीक्षा की करायी जायेगी। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के उत्पीड़न की घटनाओं पर सख्त कार्यवाही कराने का आश्वासन भी दिया है। मुख्यमंत्री से मांग की गयी कि अधिवक्ताओं की भांति सेवानिवृत्त पत्रकारों का भी पेन्शन का प्रबंध किया जाये। इस प्रकार की पेन्शन का प्रबंध देश के कई प्रान्तों में है।
उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हिसामुल इस्लाम सिद्दीकी के नेतृत्व में समिति के पदाधिकारियों, कार्यकारिणी सदस्यांे एवं कुछ अन्य वरिष्ठ पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके सरकारी आवास पर भेंट की।
प्रतिनिधिमण्डल ने मांग की कि प्रदेश सरकार के निर्णयों एवं कार्यक्रमों की समुचित जानकारी पत्रकारों को समय से मिले इसके लिए किसी सरकारी अधिकारी या मंत्री को अधिकृत कर दिया जाये तथा मुख्यमंत्री जो घोषणायें अपने कार्यक्रमों के दौरान करें उसका विस्तृत प्रेस नोट शाम तक पत्रकारों एवं समाचार पत्रों को अवश्य मिल जाया करे। भारत सरकार की भांति प्रदेश के मंत्रीगण भी एनेक्सी स्थित मीडिया सेन्टर में अपने मंत्रालय से संबंधित फैसलों एवं कार्यक्रमों की जानकारी पत्रकारों को स्वयं उपलब्ध करायें।
यह भी मांग की गयी कि एनेक्सी स्थित मीडिया सेन्टर को सरकारी कार्यालय जैसा बनाने के जो प्रयास पिछले दिनों किए गए उन्हें समाप्त करके मीडिया सेन्टर का पुराना स्वरूप बहाल किया जाये। साथ ही एनेक्सी मंे पार्किंग की समस्या से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया। मान्यता संबंधी प्रकरणों पर भी मुख्यमंत्री से विस्तृत चर्चा हुई और मांग की गयी कि पीआईबी के दिशा निर्देशों के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार भी पत्रकारों को मान्यतायें देने का कार्य करे।
गोरखपुर मंे पत्रकारों के उत्पीड़न की जो घटनायें गत दिनों हुईं उनकी विस्तृत जानकारी प्रतिनिधिमण्डल में शामिल वरिष्ठ पत्रकार सुरेश बहादुर सिंह ने मुख्यमंत्री को दी। जिस पर मुख्यमंत्री ने घटना की जानकारी कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही का आश्वासन दिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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