Posted on 15 April 2012 by admin
उन्होंने 2011-12 के अवशेष केन्द्रांश 346.82 करोड़ रूपये को वर्ष 2012-13 में प्रदेश सरकार को अतिरिक्तता के आधार उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने यह भी अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश में लगभग 2.86 लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं और प्रतिवर्ष लगभग 12000 पद रिक्त होने की सम्भावना है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत टीईटी को वर्ष 2011 के जुलाई माह से शिक्षक पद पर तैनाती हेतु आवश्यक अर्हता घोषित कर दिया गया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की अधिसूचना द्वारा प्रदेश में बीटीसी प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की अत्याधिक कमी को दृष्टिगत रखते हुए बीएड अभ्यर्थियों को छः माह का प्रशिक्षिण देकर नियुक्त किये जाने की अनुमति 1 जनवरी 2012 तक दी गयी थी, जो विधिक कारणों से पूरी नहीं हो सकी। इसलिए प्रदेश में रिक्तियों की तुलना में भर्ती हेतु बीटीसी अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए बीएड अभ्यर्थियों की प्रशिक्षणोंपरान्त भर्ती किये जाने पर ही शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की व्यवस्थाओं के अनुरूप शिक्षकों की व्यवस्था पूरी हो सकती है। उन्होंने बीएड अभ्यर्थियों की प्राथमिक शिक्षकों के पद पर भर्ती हेतु निर्धारित की गयी समय सीमा 1 जनवरी 2012 से बढ़ाकर 31 मार्च 2015 तक करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने माध्यमिक स्तर की शिक्षा में गुणात्मक सुधार करने तथा नवयुवकों को बेहतर नागरिक बनाने तथा उनकी रोजगारपरकता बढ़ाने की दृष्टि से राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत विभिन्न योजनाओं की तरफ प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए आवश्यक वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। उन्होंने आईसीटी योजनान्तर्गत कार्यरत अनुदेशकों को प्रतिमाह 10000 रूपये देने, ई-कन्टेन्ट की सुविधा उपलब्ध कराने तथा डेक्सटाॅप कम्प्यूटर की सीमा को बढ़ाने का भी आग्रह किया। इसके अलावा छात्राओं को निःशुल्क ड्रेस एवं पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने, अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों तथा निजी माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों के लिए आवश्यक संसाधन हेतु वित्तीय सहायता का अनुरोध किया है। जन सामान्य खासतौर से गरीब परिवारों के युवाओं को रोजगार दिलाने में व्यावसायिक शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने असेवित विकास खण्डों में निजी व्यक्तियों/संस्थाओं के स्थान पर पूरी तरह से राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना के लिए भारत सरकार से आर्थिक सहायता दिये जाने की प्रधानमंत्री से मांग की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 820 विकास खण्डों में से 458 विकास खण्ड असेवित हैं। जिनमें से 155 अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य एवं 115 अल्पसंख्यक बाहुल्य हैं। मानक के आधार पर राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में 5267 करोड़ रूपये की धनराशि की आवश्यकता होगी। उन्होंने इतनी धनराशि 12वीं पंचवर्षीय योजना में व्यवस्था कराने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों की स्थापना के लिए राज्य सरकार निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है। श्री यादव ने प्रदेश के किसानों की मांग के अनुरूप उर्वरकों की आपूर्ति समीपवर्ती स्थानों से कराने हेतु गुरूसहायगंज, कासगंज, सिराथू, कर्वी, बरूवासुमेरपुर, बागपत, फफूंद, राबटर््सगंज तथा जवरल रोड पर रेलवे प्वाइंट विकसित करने के सम्बन्ध में रेल मंत्रालय को निर्देश देने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2012-13 में 102.25 लाख मी0 टन उर्वरक (यूरिया 40 लाख मी0टन, डीएपी 22.50 लाख मी0टन, एनपीके 11.75 लाख मी0टन तथा एमओपी 4 लाख मी0टन) की आवश्यकता आंकलित की है। उन्होंने प्रदेश की जरूरतों के मुताबिक खरीफ एवं रबी के लिए उर्वरकों का आवंटन समय से किये जाने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश के लिए 3 लाख मी0टन यूरिया प्रीपोजीशनिंग (खरीफ आवंटन के अतिरिक्त) अप्रैल, मई व जून माह के लिए उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया। इसी के साथ उन्होंने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के उद्देश्यों को अमलीजामा पहनाने के लिए नलकूपों के ऊर्जीकरण हेतु 133.73 करोड़ रूपए की धनराशि स्वीकृत करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने अवगत कराया कि उनकी सरकार इस वर्ष प्रदेश में गेहूं की भारी पैदावार को देखते हुए किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का अधिक से अधिक लाभ दिलाये जाने के लिए कटिबद्ध है। इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु गेहूं के समुचित भण्डारण एवं काश्तकारों को त्वरित भुगतान की व्यवस्था भी की जानी है, इसलिए भारतीय खाद्य निगम से सम्बन्धित कतिपय समस्याओं का समाधान जरूरी है। उन्होंने कहा कि एफ0सी0आई0 के स्तर पर 42 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष क्रय गेहूं मात्रा की तत्काल डिलीवरी लेने की प्रभावी व्यवस्था किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि धान खरीद वर्ष 2011-12 के अवशेष लम्बित भुगतान 643 करोड़ रूपये तथा गेहूं खरीद वर्ष 2011-12 का लम्बित 54 करोड़ रूपये का भुगतान आवश्यक है, जिससे एफ0सी0आई0 से प्राप्त धनराशि का उपयोग गेहूं खरीद वर्ष 2012-13 के अन्तर्गत गेहूं खरीद केन्द्रों पर करते हुए काश्तकारों को तत्काल भुगतान सुनिश्चित किया जा सके। इसी के साथ ही आगामी गेहूं खरीद सत्र में त्वरित भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एफ0सी0आई0 की वर्तमान कैश क्रेडिट लिमिट भी 90 करोड़ रूपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 200 करोड़ रूपये प्रतिदिन किए जाने की मांग की। श्री यादव ने अल्पकालीन सहकारी साख ढांचे (शार्ट टर्न कोआपरेटिव क्रेडिट स्ट्रक्चर) को सुदृढ़ करने हेतु केन्द्र सरकार से रिवाईवल पैकेज में केन्द्रांश की 922.28 करोड़ रूपये की अवशेष धनराशि शीघ्र अवमुक्त करने का अनुरोध भी किया। ताकि राज्य में सहकारिता आन्दोलन को गति प्रदान करते हुए कृषि उत्पादन को दोगुना किया जा सके। इसी के साथ उन्होंने सहकारी बैंकों के लाइसेन्स प्राप्त करने की समय सीमा को मार्च, 2014 तक बढ़ाने हेतु आवश्यक निर्देश निर्गत करने का भी आग्रह किया है। उन्होंने दुग्ध उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि बनाये रखने हेतु पशु स्वास्थ्य रक्षण के लिए खुरपका-मुॅहपका रोग के नियंत्रण कार्यक्रम को प्रदेश के सभी जनपदों में केन्द्र पोषित योजना के तहत संचालित करने हेतु सम्बन्धित विभाग को निर्देशित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप संचालित परियोजनाओं हेतु केन्द्र सरकार से परियोजनाओं के सापेक्ष 90 फीसदी आर्थिक मद्द उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में सम्भावित नये बीपीएल सर्वे से आवासहीन परिवारों की पांच लाख वृद्धि को सम्मलित करते हुए 12वीं पंचवर्षीय योजना में 30 लाख इन्दिरा आवास निर्मित किये जाने हेतु 14500 करोड़ रूपये का परिव्यय स्वीकृत करने का अनुरोध किया। उन्होंने प्रदेश के अति दोहित/क्रिटिकल विकास खण्ड के भूगर्भ जल रिचार्ज एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए समेकित योजना हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना के प्रथम तीन वर्ष के लिए 1500 करोड़ रूपये स्वीकृत करने हेतु जल संसाधन मंत्रालय को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेला इलाहाबाद-2013 के लिए केन्द्रीय सहायता 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने का प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हुए वर्तमान वार्षिक योजना में अवशेष अवस्थापना परियोजनाओं के लिए एकमुश्त विशेष केन्द्रीय सहायता के रूप में धनराशि अवमुक्त करने का आग्रह किया। ज्ञातव्य है कि केन्द्र सरकार द्वारा कुम्भ मेला 2013 हेतु वित्तीय वर्ष 2011-12 में 667 करोड़ रूपये की स्वीकृत प्रदान करते हुए 30 प्रतिशत केन्द्रांश के रूप में 200 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त की गयी तथा कुम्भ मेला से सम्बन्धित परियोजनाओं के लिए वर्तमान वार्षिक योजना 2012-13 के दौरान अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता प्रदान किये जाने का आश्वासन दिया गया था। श्री यादव ने वामपंथ उग्रवाद, आतंकवाद एवं कानून व्यवस्था से सम्बन्धित व्यापक चुनौतियों को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस बल की आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत केन्द्र से अपर्याप्त धनराशि प्राप्त होने की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि इससे प्रदेश को इन चुनौतियों से निपटने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा केन्द्रांश की धनराशि में भी कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गयी है। उन्होंने प्रदेश पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए 800 करोड़ रूपये केन्द्रांश के रूप में प्रतिवर्ष उत्तर प्रदेश के लिए स्वीकृत करने का अनुरोध किया। वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित प्रदेश के तीन जनपदों सोनभद्र, मिर्जापुर एवं चंदौली में केन्द्र सरकार द्वारा सिक्योरिटी रिलेटड एक्सपेंडीचर (एस0आर0ई0) योजना के तहत विभिन्न मानक मदों में उपलब्ध करायी जाने वाली धनराशि को नाकाफी बताते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य सरकार द्वारा प्रेषित कार्य योजना के अनुसार शीघ्र धनराशि अवमुक्त कराने का अनुरोध किया, ताकि उग्रवादी विचारधारा के प्रसार को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि एस0आर0ई0 कार्य योजना हेतु जनपद सोनभद्र एवं चंदौली के लिए 10-10 लाख तथा जनपद मिर्जापुर के लिए 15 लाख रूपए एवं वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित तीनों जनपदों की सभी 601 प्रभावित ग्रामों की ग्राम सुरक्षा समितियों को मानक के अनुसार धनराशि उपलब्ध कराने हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1202 लाख रूपये की धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय से किया गया है। मुख्यमंत्री ने भगवान बुद्ध से जुड़े हुए प्रदेश के अधिकांश महत्वपूर्ण बौद्ध स्थलों सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर, कपिलवस्तु, संकिसा और कौशाम्बी की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि इन दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटक आते हैं। इसलिए देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए इन स्थलांे का पर्यटन की दृष्टि से विकास करना आवश्यक है। उन्होंने भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार तथा जापान बैंक आफ इण्टरनेशनल कोआपरेशन के बीच 950 करोड़ जापानी येन की सहायता हेतु 2005 में किये गये एग्रीमेन्ट के तहत बौद्ध परिपथ फेज-2 योजना के क्रियान्वयन की स्वीकृति तथा धनराशि शीघ्र जारी करने पर जोर दिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 15 April 2012 by admin
उन्होंने बुन्देलखण्ड क्षेत्र की विकट भौगोलिक परिस्थितियों एवं सामाजिक, आर्थिक पिछड़ेपन की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री से कहा कि पूरा बुन्देलखण्ड क्षेत्र, पर्वतीय एवं पठारी है, जहां आबादी बिखरी हुई है। 500 आबादी सीमा के मानक के चलते एक प्रकार से बुन्देलखण्ड क्षेत्र प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत लाभान्वित होने की स्थिति में नहीं है। इसलिए यहां की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थतियों को देखते हुए 500 तक के आबादी वाले मानक को शिथिल कर 250 तक की आबादी वाली बसावटों को योजना में शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भारत-नेपाल सीमा पर मार्ग निर्माण परियोजना के तहत लगभग 1621 करोड़ रूपये की लागत से 640 किलोमीटर सड़क का अनुमोदन सी0सी0एस0 द्वारा किया गया है। वर्तमान समय में शिड्यूल आफ रेट में 20 प्रतिशत की वृद्धि हो जाने के कारण डी0पी0आर0 की औसत लागत लगभग 04 करोड़ रूपये प्रति किलोमीटर हो गयी है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वर्णित परिस्थितियों में परियोजना की लम्बाई 640 किलोमीटर तथा लागत 1621 करोड़ रूपये के स्थान पर लम्बाई 670.01 किलोमीटर तथा लागत 2680.04 करोड़ रूपये किये जाने के लिए गृह मंत्रालय को आवश्यक निर्देश देने का कष्ट करें। इसके अलावा श्री यादव ने केन्द्रीय मार्ग निधि के अन्तर्गत 409 करोड़ रूपये की प्रतिपूर्ति धनराशि तथा राष्ट्रीय मार्गों के रख-रखाव के लिए अवशेष 226 करोड़ रूपये शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए कहा। उन्होंने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 458 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए 836 करोड़ रूपये की वार्षिक योजना को मंजूरी देने का भी अनुरोध किया। कुम्भ मेला 2013 के आयोजन को दृष्टिगत जनपद इलाहाबाद से जुड़े राष्ट्रीय राजमार्गों के सुदृढ़ीकरण हेतु 383.11 करोड़ रूपये स्वीकृत करने तथा लखनऊ से इलाहाबाद के पूरे भाग को चार लेने के मार्ग में विकसित करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पिछड़े क्षेत्र बुन्देलखण्ड तथा पूर्वांचल के अन्तर्गत मार्गों के विकास के लिए 13वें वित्त आयोग के अन्तर्गत अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता का उल्लेख करते हुए कहा कि चार वर्षों के लिए प्रत्येक क्षेत्र हेतु 150 करोड़ रूपये की धनराशि इन इलाकों के पिछड़ेपन को देखते हुए अपर्याप्त है। इस धनराशि को कम से कम 300 करोड़ रूपये किये जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने इण्डो-नेपाल बार्डर के सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिवर्ष दी जाने वाली 62.50 करोड़ रूपये की धनराशि को भी बढ़ाकर कम से कम 500 करोड़ रूपये किये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के राज्य में क्रियान्वयन की चर्चा करते हुए डा0 सिंह से राज्य सरकार द्वारा प्रेषित पेयजल से सम्बन्धित प्रस्तावों पर शीघ्र कार्रवाई के आवश्यक निर्देश सम्बन्धित मंत्रालय को देने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि केन्द्र द्वारा सन् 2022 तक सभी बसावटों को पाइप पेयजल से आच्छादित किये जाने के लक्ष्य को देखते हुए अगले 10 वर्षों में 60 हजार करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी। इस लक्ष्य को पाना तभी संभव है, जब प्रतिवर्ष ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के मद में लगभग 6 हजार करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की जाए। उन्होंने आग्रह किया कि चूंकि यह कार्यक्रम 50 प्रतिशत केन्द्र पोषित है, इसलिए केन्द्र द्वारा प्रतिवर्ष न्यूनतम 3 हजार करोड़ रूपये की धनराशि का आवंटन इस मद में किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश को बाढ़ से बचाने हेतु 1100 करोड़ रूपए के आर्थिक पैकेज देने तथा 11वीं पंचवर्षीय योजना में बाढ़ प्रबन्धन हेतु केन्द्र पुरोनिधानित योजना के तहत स्वीकृत 26 परियोजनाओं के अवशेष 194.78 करोड़ रूपए को शीघ्र अवमुक्त करने का अनुरोध किया। उन्होंने शारदा नदी पर पंचेश्वर बांध, करनाली नदी पर करनाली बांध, राप्ती नदी पर नैमूरे बांध जैसी अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप की प्रस्तावित बहुउद्देशीय परियोजनाओं के निर्माण के लिए नेपाल सरकार से आवश्यक सहयोग प्राप्त किए जाने का अनुरोध किया। उन्होंने सरयू नहर परियोजना तथा शारदा सहायक क्षमता पुनस्र्थापना परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना की औपचारिक स्वीकृति दिलाने की मांग करते हुए त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम में राज्य की चालू परियोजनाओं में पिछले 02 वित्तीय वर्षों के दौरान केन्द्रांश की अवशेष 387.53 करोड़ रूपए की धनराशि अवमुक्त कराने का अनुरोध किया। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु संचालित जवाहर लाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूवल मिशन (जेएनएनयूआरएम) को और अधिक प्रभावी व जनोपयोगी बनाने के लिए प्रधानमंत्री के साथ विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के यू0आई0जी0 व यू0आई0डी0एस0एस0एम0टी0 कार्यांश में क्रमशः 2769.41 करोड़ व 947.92 करोड़ रूपए भारत सरकार से मार्च 2012 तक राज्य को प्राप्त होने थे, जिसके सापेक्ष क्रमशः 2010.51 करोड़ व 835.05 करोड़ रूपये ही प्राप्त हुए हैं। उन्होंने शेष केन्द्रांश शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया। उन्होंने जेएनएनयूआरएम कार्यक्रम में केन्द्र/राज्य तथा निकाय के मध्य वर्तमान फण्डिंग पैटर्न को बदलने का आग्रह करते हुए कहा कि अधिकांश नागर निकायों कि वित्तीय स्थित सुदृढ़ न होने के कारण वह अपने अंश को वहन करने में सक्षम नहीं है। मुख्यमंत्री ने एक्यूट इंसेफ्लाईटिस सिण्ड्रोम (ए0ई0एस0)/जापानीज इंसेफ्लाईटिस (जे0ई0) के प्रभावी नियंत्रण के लिये राज्य सरकार द्वारा मांगी गयी सहायता एवं प्रेषित योजनाओं पर शीघ्र विचार करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि संक्रमण काल के प्रारम्भ होने में मात्र दो माह ही शेष रह गये हैं। उन्होंने ए0ई0एस0/जे0ई0 की रोकथाम के लिए केन्द्र सरकार के ग्रुप आफ मिनिस्टर्स (जी0ओ0एम0) की संस्तुतियों के शीघ्र क्रियान्वयन तथा जे0ई0 के टीकाकरण से आच्छादन के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रेषित प्रस्ताव पर शीघ्र निर्णय लेने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने ए0ई0एस0/जे0ई0 से प्रभावित 07 जिलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत ब्लाक संसाधन केन्द्रों में शैक्षणिक/व्यवसायिक पुनर्वासन केन्द्र की स्थापना हेतु 10181.64 लाख रूपए के प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने इन जनपदों में पेयजल की गुणवत्ता सुधारने हेतु प्रत्येक 50 परिवार पर 01 लाख 86 हजार सार्वजनिक डीप बोर इण्डिया मार्क-प्प् हैण्डपम्प स्थापित करने हेतु 580.42 करोड़ रूपये की एक विशेष परियोजना, पेयजल के नमूनों के विषाणु संक्रमण की जांच हेतु लखनऊ व गोरखपुर में एक-एक विषाणु जांच प्रयोगशाला स्थापित करने तथा पहले से स्थापित जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। इसके अलावा इन जनपदों में सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत सभी ए0पी0एल0 परिवारों को वाटर सील्ड शौचालय योजना से आच्छादित करने के लिए अवशेष केन्द्रांश की 9444.39 लाख रूपए की धनराशि को अवमुक्त करने तथा ए0ई0एस0/जे0ई0 रोगों में सूकर पालन के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 8908 लाख रूपये के प्रेषित प्रस्ताव को शीघ्र स्वीकृत कराने का भी अनुरोध किया है। श्री यादव ने राजकीय मेडिकल कालेजों के उच्चीकरण हेतु भारत सरकार के पास लम्बित दो प्रस्तावों को शीघ्र मंजूरी देने का अनुरोध भी किया है। इनमें राजकीय मेडिकल कालेज गोरखपुर तथा राजकीय मेडिकल कालेज झांसी के उच्चीकरण हेतु क्रमशः 150-150 करोड़ रूपये तथा छः राजकीय मेडिकल कालेजों में ट्रामा सेन्टर लेवल-2 स्थापित करने की योजना सम्मलित है। उन्हांेने नेशनल हाइवे एक्सीडेन्ट रिलीफ सर्विस स्कीम के तहत 12वीं पंचवर्षीय योजना में प्रदेश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को इस योजना से चरणबद्ध तरीके से आच्छादित करने के लिए 100 एम्बुलेंस तथा 65 क्रेन उपलब्ध कराने तथा योजना के संचालन के लिए आवश्यक धनराशि की मांग की। मुख्यमंत्री ने अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए पूर्वदशम् छात्रवृत्ति योजना, दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना तथा शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत केन्द्रांश की 3284.68 करोड़ रूपए की लम्बित धनराशि को शीघ्र अवमुक्त कराने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा इस कार्य हेतु वार्षिक बजट में जो व्यवस्था करायी जाती है, वह केन्द्र देयता की तुलना में अपर्याप्त है, जिसके कारण प्रत्येक वर्ष बकाया धनराशि लगातार बढ़ती जा रही है। यदि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का बजट कम है तो इसे बढ़ाया जाना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं हेतु छात्रवृत्ति शुल्क प्रतिपूर्ति योजना को आगामी पंचवर्षीय योजना में भी केन्द्र पुरोनिधानित योजना के रूप में रखे जाने तथा इस पर होने वाले समस्त व्यय को केन्द्र सरकार द्वारा ही वहन किये जाने का अनुरोध किया। उल्लेखनीय है कि 11वीं पंचवर्षीय योजना के अन्तिम वर्ष 2011-12 में इस योजना का व्यय स्तर 803.81 करोड़ रूपए था, जो 12वीं पंचवर्षीय योजना के प्रथम वर्ष 2012-13 में राज्य सरकार की वचनबद्ध देयता बन गया है। परिणामस्वरूप भारत सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में मात्र 204 करोड़ रूपए की केन्द्रीय सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। इस प्रकार योजना की 75 प्रतिशत धनराशि का व्यय भार राज्य सरकार को वहन करना पड़ेगा, जब कि यह शत-प्रतिशत केन्द्र पुरोनिधानित योजना है। श्री यादव ने उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में 09 नये राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना किये जाने की मांग करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सकल नामांकन अनुपात में बढ़ोत्तरी एवं शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रत्येक मण्डल में एक राज्य विश्वविद्यालय स्थापित किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि 09 विश्वविद्यालयों की स्थापना पर लगभग 3150 करोड़ रूपये का व्ययभार सम्भावित है। उन्होंने कहा कि इन विश्वविद्यालयों की स्थापना केन्द्र सरकार के वित्त पोषण से सम्भव हो सकती है। इसके अलावा उन्होंने विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्राध्यापकों को एरियर भुगतान हेतु 865 करोड़ रूपये की वांछित स्वीकृति देने का अनुरोध किया। उन्होंने सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत वर्ष 2011-12 में केन्द्र द्वारा स्वीकृत वार्षिक कार्य योजना के सापेक्ष धनराशि अवमुक्त न किये जाने की ओर प्रधानमंत्री का ध्यानाकर्षण किया। उन्होंने कहा कि केन्द्रांश अवमुक्त न होने के कारण 2937 नवीन विद्यालय भवनों का निर्माण प्रारम्भ नहीं कराया जा सका तथा शिक्षकों के वेतन की धनराशि की प्रतिपूर्ति नहीं हो सकी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 April 2012 by admin
शनिवार को परम पूज्यनीय भारतरत्न बाबा साहब भीमराव
अम्बेडकर की 121वीं जन्म दिन के अवसर पर भाजपा अनुसूचित मोर्चा उत्तर प्रदेश
की तरफ से भाजपा के प्रदेश कार्यालय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी का विषय ’भीमराव अम्बेडकर जी के जीवन एवं कृतत्व’ पर प्रकाश डालना था।
जिस पर बोलते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा के पूर्व केन्द्रिय मंत्री
एवं राष्ट्रीय नेता श्री संघप्रिय गौतम जी ने डा0 अम्बेडकर के जीवन की
अच्छाइयों के बारे में बताते हुए कहा कि माननीय डा0 अम्बेडकर जी ने केवल
संविधान का ही निर्माण नहीं किया बल्कि इसके साथ ही उन्होंने आरक्षण का प्रयोग
समाज के अन्तिम व्यक्ति के लिए बताया था। परन्तु आज जाति के आधार पर आरक्षण
देने की बात करके लोगोें को लड़ाने की बातें हो रही हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय
महामंत्री अनुसूचित मोर्चा श्री दिवाकर सेठ जी ने अपने विचारों में मा0
अम्बेडकर जी को दलितों का ही नहीं सर्व समाज का मसीहा बताया।
विचार गोष्ठी का संचालन निवर्तमान प्रदेश महामंत्री अनुसूचित मोर्चा राजकिशोर
वर्मा ने किया। विचार गोष्ठी मे ंप्रमुख रूप से निम्न वक्ताओं ने विचार व्यक्त
किया उनमें श्री पी के मिश्रा, श्रीपाल वर्मा, मा0 राजकुमार जी, दलबहादुर
कोरी, रमेश तुफानी, रामचन्द्र जी, जितेन्द्र सोनकर आदि ने विचार व्यक्त किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री श्याम सिंह जी ने किया। कार्यक्रम में अनुसूचित
मोर्चा के साथ ही भाजपा ने सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में मिष्ठान वितरण मुख्यालय के बाहर किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 15 April 2012 by admin
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र
ने आज राजधानी लखनऊ के विनीत खंड गोमतीनगर में नागरिकों से भेंट की। उन्होंने
क्षेत्र की समस्याओं को सुना और समाधान कराने का आश्वासन भी दिया। श्री मिश्र
के साथ पूर्व पार्षद अरूण तिवारी, के0के0 जायसवाल, मनीष शुक्ल आदि नेता भी थे।
श्री मिश्र का कल बाल्मीकि समाज द्वारा न्यू हैदराबाद फूलवाला पार्क कल्याण
मंडप लखनऊ में भव्य स्वागत किया जाएगा। उक्त स्वागत कार्यक्रम के संयोजक राम
सिंह बाल्मीकी हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 April 2012 by admin
हरदोई जिले के प्रशासनिक अधिकारियों की बात अगर मानी जाये तो जिले वोटरों की राय जानने हेतु 498 मतदेय स्थलांें पर 996 मतपेटियों की व्यवस्था करनी होगी। निकाय चुनाव के लिए पूर्व में बनाये गये खाके पर ही अमल भी होगा उसी तैयारी पर यह खाका और धीरे-धीरे कदमों से आगे बढ़ रहा है जमानत राशि, व्यय राशि, मतपेटियों की व्यवस्था की तैयारी पूर्ण कर ली गयी है चुनाव कार्यालय के अनुसार जिले की 7 पालिकाओं 6पंचायतों के 165 मतदान स्थलों पर 498 मतदान केन्द्रों पर मतदान कराया जायेगा अभी की गणना के अनुसार 357286मतदाता रहे हैं परन्तु अब पुनरीक्षण में कुछ घट बढ़ जाने की आशंका भी बलबती हो गयी है। एक पेटी अध्यक्ष के हेतु दूसरी पेटी सदस्य हेतु रखी जायेगी इस जिले के 498मतदान स्थलों पर 996मतपेटियों की जरूरत पड़ेगी इस तरह 13नगर पालिका और पंचायतों के चुनाव सम्पन्न हो पायेंगे निर्वाचन अधिकारी सहायक वैजनाथ यादव के अनुसार नगर पालिका हरदोई में 144 मतदेय स्थल सण्डीला 60, बिलग्राम 30, मल्लावाँ 35, साण्डी 26 शाहाबाद 84, पिहानी 32, नगर पंचायत गोपामऊ13, कछौना पतसेनी 18, बेनीगंज 13, माधौगंज 11, कुरसठ 10, पाली 22, पर मतदेय स्थल और मतपेटियांे की जरूरत पड़ेगी मतपेटियाँ पूरी कर ली गयी हैं स्थलों की सफाई मरम्मत वगैरह समय रहते पूरी की जायेंगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 15 April 2012 by admin
भारत रत्न-बाबा साहब डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश
कांग्रेस कमेटी द्वारा आज ‘‘दलित अधिकार सम्मेलन’’ के रूप में मनाया गया।
सम्मेलन की अध्यक्षता प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी जी ने
किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन प्रदेश कंाग्रेस के महासचिव श्री
श्यामलाल पुजारी ने की। कार्यक्रम की शुरूआत बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण
से हुई।
यह जानकारी देते हुए प्रदेश कंाग्रेस के महासचिव श्यामलाल पुजारी ने बताया कि
इस मौके पर उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी ने कहा
कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी ने देश के सभी वर्गों के अधिकारों के संरक्षण
हेतु विशेष रूप से महिलाओं एवं दलितों के लिए जो प्रयास करके भारतीय संविधान
का निर्माण किया और उसमें अधिकारों को संरक्षित किया, उसे समाप्त करने की पूरी
साजिश 1989 के बाद से गैर कांग्रेसी प्रदेश सरकारों ने रची है। प्रदेश की
बीएसपी सरकार के उत्पीड़न से दलित समाज नाराज हो चला था जिसकी वजह से वर्तमान
की सपा सरकार को बहुमत प्राप्त हुआ है। स्थानीय निकाय के चुनाव में बसपा ने
बहिस्कार किया है। कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी पूरी निष्ठा के साथ दलित समाज
के युवाओं से सम्पर्क करें, तेा निश्चित तौर पर स्थानीय निकाय में कांग्रेस को
पूरा लाभ मिलेगा। बाबा साहब ने जो संघर्ष दलितोद्धार के लिए किया उससे प्रेरणा
लेकर दलितों को अपने सम्मान के लिए कांग्रेस पार्टी के सिद्धान्तों पर चलकर ही
अपने संवैधानिक एवं मौलिक अधिकार संरक्षित कर सकेंगे।
इस मौके पर पूर्व मंत्री श्री राजबहादुर, प्रदेश कंाग्रेस के महामंत्री श्री
श्यामलाल पुजारी, श्री सुबोध श्रीवास्तव, पूर्व एमएलसी श्री सिराज मेंहदी, शहर
कांग्रेस के कार्य0 अध्यक्ष श्री बोधलाल शुक्ल, श्री के.के. रावत, श्री
रामाधीन अहिरवार, श्री रामनरेश भारती, श्री अजय कुमार आर्या, श्री के0के0
आनन्द, श्री विजय बहादुर, श्री शंकर लाल गौतम, श्री मुन्ना लाल भारती, श्री
प्रेमलाल बनौधा, श्री जगदीश प्रसाद बाल्मीकि, श्री सी.पी. गौतम, श्री दिलीप
पासवान, श्रीमती प्रेमकला श्रीवास्तव, श्रीमती सुनीता रावत आदि ने बाबा साहब
के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए भावभीनी पुष्पांजलि अर्पित की।
श्री पुजारी ने बताया कि इस अवसर पर दलित समाज के अधिकारों के संरक्षण से
सम्बन्धित 11 सूत्रीय प्रस्ताव पारित किया गया, जिन्हें प्रदेश कंाग्रेस
अध्यक्ष डा0 रीता बहुगुणा जोशी जी के स्तर से अखिल भारतीय कंाग्रेस कमेटी की
अध्यक्ष मा0 श्रीमती सोनिया गांधी जी एवं राष्ट्रीय महासचिव श्री राहुल गांधी
जी को प्रेषित किया गया। प्रस्ताव में कहा गया है कि अनु0जाति के पदोन्नति
आरक्षण को समाप्त करने एवं निजी क्षेत्र के अनु.जाति की कार्यदायी संस्थाओं
एवं ठेकेदारी संस्थाओं के आरक्षण को समाप्त करने की प्रदेश सरकार की साजिश को
रोकने तथा अनु.0जाति -अनु.जनजाति एवं पिछड़ी जाति तथा अल्पसंख्यक के आरक्षित
खाद्य वितरण प्रणाली में कोटे को समाप्त करने की साजिश को रोकने और अनु.जाति
के कोटे में अतिपिछड़ी 17जातियों को शामिल करने सम्बन्धी प्रदेश सरकार के
निर्णय के सम्बन्ध में मांग की गयी है कि अनु.जाति का कोटा 17जातियों के हिसाब
से बढ़ाया जाय इत्यादि बिन्दु शामिल हैं।
इस अवसर पर श्रीमती सुशीला शर्मा, श्रीमती शीला मिश्रा, श्री अरविंद पटेल,
श्रीमती पूनम यादव, श्रीमती सुधा सिंह, सै0 हसन अब्बास, श्री सुरेश बाल्मीकि,
श्रीमती अनीता यादव, श्री रेहान सिद्दीकी आदि सैंकड़ों कंाग्रेसजन एवं
अनु.जाति के पदाधिकारी मौजूद रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 15 April 2012 by admin
केन्द्र सरकार द्वारा देश भर के मदरसों को शिक्षा का अधिकार कानून (आर0टी0ई0)
के दायरे से बाहर किये जाने के निर्णय का उ0प्र0 कांग्रेस के मीडिया
कोआर्डिनेटर एवं पूर्व एमएलसी हाजी सिराज मेंहदी ने हार्दिक स्वागत करते हुए
कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, कंाग्रेस महासचिव श्री राहुल गांधी
एवं प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह का आभार व्यक्त किया है। उन्होने कहा कि
केन्द्र सरकार का यह ऐतिहासिक कदम निश्चित तौर पर कांग्रेस पार्टी द्वारा
मुसलमानों के विकास और उत्थान के प्रति दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
हाजी सिराज मेंहदी ने आज यहां प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में कहा
है कि आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड सहित सभी मुस्लिम संगठनों द्वारा
काफी समय से मदरसों को आर0टी0ई0 से बाहर रखने की मांग की जाती रही है। इस
पुरानी मांग को केन्द्र सरकार ने मानते हुए इसे स्वीकार कर लिया है, जो स्वागत
योग्य कदम है।
श्री मेंहदी ने कहा कि वास्तव में मदरसों का संचालन स्थानीय निवासियों एवं
समाजसेवियों द्वारा छोटे-छोटे चंदे की रकम से की जाती है। कहीं-कहीं तो चंदे
के रूप में अनाज आदि का भी सहयोग लेकर मदरसों का संचालन किया जाता है। मदरसों
केा सरकारी फण्ड दिये जाने आदि का कोई अभी तक प्रावधान नही हैं, जिसके कारण इन
मदरसों के संचालन में मदरसा संचालकों को वैसे भी तमाम आर्थिक कठिनाइयों का
सामना करना पड़ता है। ऐसे में आर0टी0ई0के दायरे में रहकर इन मदरसों के संचालन
में तमाम प्रकार की अड़चनों का सामना करना पड़ रहा था।
उन्होने कहा कि कंाग्रेस पार्टी शुरू से ही मुस्लिमों के सर्वांगीण विकास एवं
हितों के लिए प्रतिबद्ध रही है। मुस्लिमों की बहबूदी के लिए सच्चर कमेटी हो
अथवा पिछड़े मुसलमानों केा रियायत देने की बात रही है। मुस्लिम छात्रों के
शैक्षणिक स्तर को उठाने के लिए और उन्हें बेहतर शिक्षा दिलाने हेतु
छात्रवृत्ति योजना लागू की है।
हाजी श्री मेंहदी ने कहा है कि केन्द्रीय वक्फ बोर्ड की सम्पत्तियों के
सम्बन्ध में जो नया एक्ट बनाया गया है, उसके सम्बन्ध में भी जो मांगे की जा
रही हैं उसे भी केन्द्र सरकार को अविलम्ब मान लेना चाहिए।
श्री मेंहदी ने आगे कहा कि शीघ्र ही मुस्लिम संगठनों का प्रतिनिधिमंडल नई
दिल्ली जाकर केन्द्र सरकार द्वारा मदरसों को शिक्षा का अधिकार कानून से अलग
किये जाने के सराहनीय निर्णय के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करेगा।
हाजी सिराज मेंहदी ने केन्द्र सरकार से मांग किया है कि भारतीय संविधान की
धारा 30-बी के अनुसार अल्पसंख्यक समुदाय के किसी भी शिक्षा संस्था चाहे वह
मान्यता प्राप्त हो अथवा गैर मान्यता प्राप्त, सरकार उसमें दखलन्दाजी नहीं कर
सकती। इसलिए केन्द्र सरकार इस सन्दर्भ में अपनी दखलन्दाजी रोके। उन्होने कहा
कि इस संदर्भ में उनकी वार्ता आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के महासचिव
श्री वली रहमानी साहब से हुई है, उन्होने इसमें दखलन्दाजी करके केन्द्र सरकार
और कंाग्रेस अध्यक्ष मा0 श्रीमती सोनिया गांधी जी से बात करने का अनुरोध किया
है।
श्री मेंहदी ने बताया कि उपरोक्त के संदर्भ में वह कांग्रेस अध्यक्ष मा0
श्रीमती सोनिया गांधी जी एवं संप्रग के सभी घटक दलों को पत्र भी लिखेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 April 2012 by admin
वरिष्ठ पत्रकार के.विक्रम राव रचित पुस्तक ‘जो जन-गण के मन बसे’ का भव्य लोकार्पण यूपी प्रेस क्लब के प्रांगण में हुआ। पुस्तक का लोकार्पण लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा एवं विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने संयुक्त रूप से किया। लोकार्पण समारोह में लेखक के विक्रम राव के साथ ही नगर के तमाम वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखकों की उपस्थिती रही। के.विक्रम राव द्वारा लिखित इस पुस्तक में आधुनिक परिवेश में शिव, कृष्ण, गणेश, राम और हनुमान पर विश्लेषणात्मक लेख है। कांची पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरू जयेन्द्र सरस्वती ने इस पुस्तक की भूमिका में लिखा हैं कि ‘‘इन अवतारों पर विशिष्ट ज्ञान प्राप्त करना अपने आप में ही विशिष्टता है। राज्यपाल बनवारीलाल जोशी ने अपनी टिप्पणी में लिखा कि सभी महापुरूषों का जीवन प्रसंग प्रेरणास्पद है। पुस्तक की समीक्षा महेश चन्द्र द्विवेदी, डा. उषा सिन्हा, डा. योगेश मिश्र, श्री देवकीनन्दन शान्त आदि ने की है। साहित्यकार देवकी नन्दन शांत ने पुस्तक की काव्यात्मक समीक्षा करते हुये जो गन गण के मन बसे है वे हैं, भोलेनाथ, पांच देव रक्षा करे, रहते सबके साथ जैसी पंक्तियों को लोकार्पण समारोह में प्रस्तुत कर पुस्तक की महत्वता से पाठकों को परिचित कराने का सफल प्रयास किया।
पुस्तक के लेखों के विषय में पुस्तक का सम्पादन करने वाले आनन्द मिश्र ने कहा कि इन ललित लेखों की मनोहरता और हृदयग्राहिता के कारण किसी भी पाठक का मन इन्हें पढ़ते-पढ़ते ही प्रमुदिम उठे बिना न रहेगा। लेखक ऐसी रसमयी, विलक्षण तथा चुटीली शैली है कि पढ़ने में चाव आता है। इसकी रोचकता दर्शकों को सम्मोहित करने में समर्थ है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 15 April 2012 by admin
भारत रत्न डा0 भीमराव अम्बेडकर की 121वीं जयंती पर आज हजरतगंज, लखनऊ स्थित प्रतिमा पर समाजवादी पार्टी की ओर से इसके वरिष्ठ नेताओं शिवपाल सिंह यादव, लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री, अहमद हसन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तथा प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने माल्यार्पण कर उन्हें अपनी भावांजलि अर्पित की। इस मौके पर राज्यमंत्री सुरेन्द्र पटेल, विधायक शारदा प्रताप शुक्ल, समाजवादी पार्टी के मध्य प्रदेश अध्यक्ष श्री गौरी यादव, नगर अध्यक्ष मुजीबुर्रहमान बबलू, विजय यादव, सुशील दीक्षित, ताराचन्द यादव, रघुनन्दन सिंह काका, मो0 हनीफ खान, हैदर अली खाॅ, श्रीमती सायरा बानू, संतोश मिश्र, रमेश यादव, अमित कनौजिया, शम्सुद्दीन, मन्नू रावत आदि सैकड़ो कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
इस अवसर पर वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने डा0 अम्बेडकर के रास्ते पर चलने का संकल्प लेने का उद्बोधन करते हुए कहा कि उन्होने समाज में समानता की भावना कायम करने और कमजोर और वंचित समाज के उत्थान के लिए जीवन पर्यन्त संघर्ष किया। उन्होने दलितों को सम्मान के साथ जीने के अधिकार की संविधान में व्यवस्था की और समानता की दिशा में ऐतिहासिक काम किया।
श्री यादव ने कहा कि महापुरूषों के नाम पर पिछली सरकार ने दलित भाईयों को भी धोखा दिया है। उनके नाम पर भ्रष्टाचार किया है। इसकी जांच होगी। उन्होने कहा कि समाजवादी सरकार पूरी ईमानदारी से डा0 अम्बेडकर के रास्ते पर चलेगी। दलित सिर्फ वोट बैंक नहीं है। वह अब इंसाफ चाहता है और समाज की मुख्यधारा में शामिल होना चाहता है। श्री मुलायम सिंह यादव शुरू से ही डा0 अम्बेडकर के विचारों के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं। समाजवादी सरकार सामाजिक न्याय की पक्षधर है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व की सरकार किसी भी वर्ग के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 15 April 2012 by admin
लखनऊ समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि बसपा सुप्रीमों को जब से जनता ने सजा देकर सत्ता से बाहर कर दिया है उनमें निराषा और कुंठा बहुत बढ़ गई है। उन्हें लोकतांत्रिक परम्पराएं भी नहीं सुहाती हैं इसलिए अभी अभी बनी समाजवादी पार्टी की सरकार को वे धौंसपट्टी से धमकाने से भी संकोच नहीं कर रही है। जनता की गाढ़ी कमाई पार्को, स्मारकों और अपनी मूर्तियों पर लुटाने के बाद वे अब अपनी लूट का हिसाब देने से इतनी भयभीत हैं कि प्रदेश ही नहीं पूरे देश में कानून व्यवस्था को बिगाड़ देने की बात करने लगी है। यह प्रदेश की जनता के ऐतिहासिक निर्णय का न सिर्फ अपमान है बल्कि अलोकतांत्रिक आचरण है।
सुश्री मायावती ने अपनी सरकार झूठ और लूट के एजेन्डा पर चलाई थी। अब अपनी लूट को छुपाने के लिए वे फिर झूठ की राजनीति करने लगी हैं। उन्होने मूर्तियेां, पार्को, स्मारकों से छेड़छाड़ पर कानून व्यवस्था बिगाड़ने की धमकी दी है। जबकि हकीकत यह है कि समाजवादी पार्टी ने चुनाव के दौरान और बाद में भी यह स्पष्ट कर दिया था कि वह बसपा के महापुरूषों की मूर्तियों से कोई छेड़छाड़ नहीं करेगी। लेकिन मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने यह जरूर स्पष्ट कर दिया था कि इन पार्को, स्मारकों में अनावश्यक जमीन घेर ली गई है उसका सदुपयोग करने की दृष्टि से वहां बाल एवं महिला अस्पताल तथा स्कूल, कालेज खोले जा सकते हैं। जनहित की इन योजनाओं से मायावती को क्यों परेशान होना चाहिए?
दरअसल बसपाराज में चारों तरफ हुई धांधलियों की जांच के आदेश होने से पूर्व मुख्यमंत्री एवं उनके सहयेागी बुरी तरह भयभीत है। बसपाराज में 50 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा पत्थरों पर बर्बाद हुए हैं। सुश्री मायावती और स्व0 कांशीराम की मूर्तियों पर 6 करोड़ 68 लाख रूपए और 60 हाथियों पर 52 करोड़ रूपए खर्च कर बसपा सरकार ने दलितों का किस प्रकार उद्धार किया है, इसका जवाब तो उनसे मांगा ही जाएगा। समाजवादी पार्टी सरकार ने मायाराज के कारनामों की जांच के आदेश दिए हैं और इनमें दोषी पाएं जाने पर सख्त कार्यवाही के भी संकेत दे दिए हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्पष्ट चेतावनी भी दी है कि प्रदेश की कानून व्यवस्था से किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा और यदि किसी ने षांति भंग की तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी। पूर्व मुख्यमंत्री को अब सत्ता के दुरूपयोग का कोई लाभ मिलनेवाला नहीं है। उन्हें हर हाल में अपने कारनामों के लिए जनता के प्रति जवाबदेह होना होगा। बसपा ने रचनात्मक राजनीति से हमेशा परहेज किया है जबकि समाजवादी पार्टी सदैव जनहित के सकारात्मक विचारो को अमल में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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