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क्रियान्वयन की स्वीकृति तथा धनराशि शीघ्र जारी करने पर जोर दिया

Posted on 15 April 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह से भेंट की

श्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह से सहयोग देने का अनुरोध किया

उन्होंने 2011-12 के अवशेष केन्द्रांश 346.82 करोड़ रूपये को वर्ष 2012-13 में प्रदेश सरकार को अतिरिक्तता के आधार उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने यह भी अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश में लगभग 2.86 लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं और प्रतिवर्ष लगभग 12000 पद रिक्त होने की सम्भावना है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत टीईटी को वर्ष 2011 के जुलाई माह से शिक्षक पद पर तैनाती हेतु आवश्यक अर्हता घोषित कर दिया गया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की अधिसूचना द्वारा प्रदेश में बीटीसी प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की अत्याधिक कमी को दृष्टिगत रखते हुए बीएड अभ्यर्थियों को छः माह का प्रशिक्षिण देकर नियुक्त किये जाने की अनुमति 1 जनवरी 2012 तक दी गयी थी, जो विधिक कारणों से पूरी नहीं हो सकी। इसलिए प्रदेश में रिक्तियों की तुलना में भर्ती हेतु बीटीसी अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए बीएड अभ्यर्थियों की प्रशिक्षणोंपरान्त भर्ती किये जाने पर ही शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की व्यवस्थाओं के अनुरूप शिक्षकों की व्यवस्था पूरी हो सकती है। उन्होंने बीएड अभ्यर्थियों की प्राथमिक शिक्षकों के पद पर भर्ती हेतु निर्धारित की गयी समय सीमा 1 जनवरी 2012 से बढ़ाकर 31 मार्च 2015 तक करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने माध्यमिक स्तर की शिक्षा में गुणात्मक सुधार करने तथा नवयुवकों को बेहतर नागरिक बनाने तथा उनकी रोजगारपरकता बढ़ाने की दृष्टि से राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत विभिन्न योजनाओं की तरफ प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए आवश्यक वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। उन्होंने आईसीटी योजनान्तर्गत कार्यरत अनुदेशकों को प्रतिमाह 10000 रूपये देने, ई-कन्टेन्ट की सुविधा उपलब्ध कराने तथा डेक्सटाॅप कम्प्यूटर की सीमा को बढ़ाने का भी आग्रह किया। इसके अलावा छात्राओं को निःशुल्क ड्रेस एवं पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने, अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों तथा निजी माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों के लिए आवश्यक संसाधन हेतु वित्तीय सहायता का अनुरोध किया है। जन सामान्य खासतौर से गरीब परिवारों के युवाओं को रोजगार दिलाने में व्यावसायिक शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने असेवित विकास खण्डों में निजी व्यक्तियों/संस्थाओं के स्थान पर पूरी तरह से राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना के लिए भारत सरकार से आर्थिक सहायता दिये जाने की प्रधानमंत्री से मांग की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 820 विकास खण्डों में से 458 विकास खण्ड असेवित हैं। जिनमें से 155 अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य एवं 115 अल्पसंख्यक बाहुल्य हैं। मानक के आधार पर राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में 5267 करोड़ रूपये की धनराशि की आवश्यकता होगी। उन्होंने इतनी धनराशि 12वीं पंचवर्षीय योजना में व्यवस्था कराने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों की स्थापना के लिए राज्य सरकार निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है। श्री यादव ने प्रदेश के किसानों की मांग के अनुरूप उर्वरकों की आपूर्ति समीपवर्ती स्थानों से कराने हेतु गुरूसहायगंज, कासगंज, सिराथू, कर्वी, बरूवासुमेरपुर, बागपत, फफूंद, राबटर््सगंज तथा जवरल रोड पर रेलवे प्वाइंट विकसित करने के सम्बन्ध में रेल मंत्रालय को निर्देश देने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2012-13 में 102.25 लाख मी0 टन उर्वरक (यूरिया 40 लाख मी0टन, डीएपी 22.50 लाख मी0टन, एनपीके 11.75 लाख मी0टन तथा एमओपी 4 लाख मी0टन) की आवश्यकता आंकलित की है। उन्होंने प्रदेश की जरूरतों के मुताबिक खरीफ एवं रबी के लिए उर्वरकों का आवंटन समय से किये जाने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश के लिए 3 लाख मी0टन यूरिया प्रीपोजीशनिंग (खरीफ आवंटन के अतिरिक्त) अप्रैल, मई व जून माह के लिए उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया। इसी के साथ उन्होंने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के उद्देश्यों को अमलीजामा पहनाने के लिए नलकूपों के ऊर्जीकरण हेतु 133.73 करोड़ रूपए की धनराशि स्वीकृत करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने अवगत कराया कि उनकी सरकार इस वर्ष प्रदेश में गेहूं की भारी पैदावार को देखते हुए किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का अधिक से अधिक लाभ दिलाये जाने के लिए कटिबद्ध है। इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु गेहूं के समुचित भण्डारण एवं काश्तकारों को त्वरित भुगतान की व्यवस्था भी की जानी है, इसलिए भारतीय खाद्य निगम से सम्बन्धित कतिपय समस्याओं का समाधान जरूरी है। उन्होंने कहा कि एफ0सी0आई0 के स्तर पर 42 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष क्रय गेहूं मात्रा की तत्काल डिलीवरी लेने की प्रभावी व्यवस्था किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि धान खरीद वर्ष 2011-12 के अवशेष लम्बित भुगतान 643 करोड़ रूपये तथा गेहूं खरीद वर्ष 2011-12 का लम्बित 54 करोड़ रूपये का भुगतान आवश्यक है, जिससे एफ0सी0आई0 से प्राप्त धनराशि का उपयोग गेहूं खरीद वर्ष 2012-13 के अन्तर्गत गेहूं खरीद केन्द्रों पर करते हुए काश्तकारों को तत्काल भुगतान सुनिश्चित किया जा सके। इसी के साथ ही आगामी गेहूं खरीद सत्र में त्वरित भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एफ0सी0आई0 की वर्तमान कैश क्रेडिट लिमिट भी 90 करोड़ रूपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 200 करोड़ रूपये प्रतिदिन किए जाने की मांग की। श्री यादव ने अल्पकालीन सहकारी साख ढांचे (शार्ट टर्न कोआपरेटिव क्रेडिट स्ट्रक्चर) को सुदृढ़ करने हेतु केन्द्र सरकार से रिवाईवल पैकेज में केन्द्रांश की 922.28 करोड़ रूपये की अवशेष धनराशि शीघ्र अवमुक्त करने का अनुरोध भी किया। ताकि राज्य में सहकारिता आन्दोलन को गति प्रदान करते हुए कृषि उत्पादन को दोगुना किया जा सके। इसी के साथ उन्होंने सहकारी बैंकों के लाइसेन्स प्राप्त करने की समय सीमा को मार्च, 2014 तक बढ़ाने हेतु आवश्यक निर्देश निर्गत करने का भी आग्रह किया है। उन्होंने दुग्ध उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि बनाये रखने हेतु पशु स्वास्थ्य रक्षण के लिए खुरपका-मुॅहपका रोग के नियंत्रण कार्यक्रम को प्रदेश के सभी जनपदों में केन्द्र पोषित योजना के तहत संचालित करने हेतु सम्बन्धित विभाग को निर्देशित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप संचालित परियोजनाओं हेतु केन्द्र सरकार से परियोजनाओं के सापेक्ष 90 फीसदी आर्थिक मद्द उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में सम्भावित नये बीपीएल सर्वे से आवासहीन परिवारों की पांच लाख वृद्धि को सम्मलित करते हुए 12वीं पंचवर्षीय योजना में 30 लाख इन्दिरा आवास निर्मित किये जाने हेतु 14500 करोड़ रूपये का परिव्यय स्वीकृत करने का अनुरोध किया। उन्होंने प्रदेश के अति दोहित/क्रिटिकल विकास खण्ड के भूगर्भ जल रिचार्ज एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए समेकित योजना हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना के प्रथम तीन वर्ष के लिए 1500 करोड़ रूपये स्वीकृत करने हेतु जल संसाधन मंत्रालय को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेला इलाहाबाद-2013 के लिए केन्द्रीय सहायता 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने का प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हुए वर्तमान वार्षिक योजना में अवशेष अवस्थापना परियोजनाओं के लिए एकमुश्त विशेष केन्द्रीय सहायता के रूप में धनराशि अवमुक्त करने का आग्रह किया। ज्ञातव्य है कि केन्द्र सरकार द्वारा कुम्भ मेला 2013 हेतु वित्तीय वर्ष 2011-12 में 667 करोड़ रूपये की स्वीकृत प्रदान करते हुए 30 प्रतिशत केन्द्रांश के रूप में 200 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त की गयी तथा कुम्भ मेला से सम्बन्धित परियोजनाओं के लिए वर्तमान वार्षिक योजना 2012-13 के दौरान अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता प्रदान किये जाने का आश्वासन दिया गया था। श्री यादव ने वामपंथ उग्रवाद, आतंकवाद एवं कानून व्यवस्था से सम्बन्धित व्यापक चुनौतियों को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस बल की आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत केन्द्र से अपर्याप्त धनराशि प्राप्त होने की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि इससे प्रदेश को इन चुनौतियों से निपटने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा केन्द्रांश की धनराशि में भी कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गयी है। उन्होंने प्रदेश पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए 800 करोड़ रूपये केन्द्रांश के रूप में प्रतिवर्ष उत्तर प्रदेश के लिए स्वीकृत करने का अनुरोध किया। वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित प्रदेश के तीन जनपदों सोनभद्र, मिर्जापुर एवं चंदौली में केन्द्र सरकार द्वारा सिक्योरिटी रिलेटड एक्सपेंडीचर (एस0आर0ई0) योजना के तहत विभिन्न मानक मदों में उपलब्ध करायी जाने वाली धनराशि को नाकाफी बताते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य सरकार द्वारा प्रेषित कार्य योजना के अनुसार शीघ्र धनराशि अवमुक्त कराने का अनुरोध किया, ताकि उग्रवादी विचारधारा के प्रसार को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि एस0आर0ई0 कार्य योजना हेतु जनपद सोनभद्र एवं चंदौली के लिए 10-10 लाख तथा जनपद मिर्जापुर के लिए 15 लाख रूपए एवं वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित तीनों जनपदों की सभी 601 प्रभावित ग्रामों की ग्राम सुरक्षा समितियों को मानक के अनुसार धनराशि उपलब्ध कराने हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1202 लाख रूपये की धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय से किया गया है। मुख्यमंत्री ने भगवान बुद्ध से जुड़े हुए प्रदेश के अधिकांश महत्वपूर्ण बौद्ध स्थलों सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर, कपिलवस्तु, संकिसा और कौशाम्बी की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि इन दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटक आते हैं। इसलिए देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए इन स्थलांे का पर्यटन की दृष्टि से विकास करना आवश्यक है। उन्होंने भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार तथा जापान बैंक आफ इण्टरनेशनल कोआपरेशन के बीच 950 करोड़ जापानी येन की सहायता हेतु 2005 में किये गये एग्रीमेन्ट के तहत बौद्ध परिपथ फेज-2 योजना के क्रियान्वयन की स्वीकृति तथा धनराशि शीघ्र जारी करने पर जोर दिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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