वरिष्ठ पत्रकार के.विक्रम राव रचित पुस्तक ‘जो जन-गण के मन बसे’ का भव्य लोकार्पण यूपी प्रेस क्लब के प्रांगण में हुआ। पुस्तक का लोकार्पण लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा एवं विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने संयुक्त रूप से किया। लोकार्पण समारोह में लेखक के विक्रम राव के साथ ही नगर के तमाम वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखकों की उपस्थिती रही। के.विक्रम राव द्वारा लिखित इस पुस्तक में आधुनिक परिवेश में शिव, कृष्ण, गणेश, राम और हनुमान पर विश्लेषणात्मक लेख है। कांची पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरू जयेन्द्र सरस्वती ने इस पुस्तक की भूमिका में लिखा हैं कि ‘‘इन अवतारों पर विशिष्ट ज्ञान प्राप्त करना अपने आप में ही विशिष्टता है। राज्यपाल बनवारीलाल जोशी ने अपनी टिप्पणी में लिखा कि सभी महापुरूषों का जीवन प्रसंग प्रेरणास्पद है। पुस्तक की समीक्षा महेश चन्द्र द्विवेदी, डा. उषा सिन्हा, डा. योगेश मिश्र, श्री देवकीनन्दन शान्त आदि ने की है। साहित्यकार देवकी नन्दन शांत ने पुस्तक की काव्यात्मक समीक्षा करते हुये जो गन गण के मन बसे है वे हैं, भोलेनाथ, पांच देव रक्षा करे, रहते सबके साथ जैसी पंक्तियों को लोकार्पण समारोह में प्रस्तुत कर पुस्तक की महत्वता से पाठकों को परिचित कराने का सफल प्रयास किया।
पुस्तक के लेखों के विषय में पुस्तक का सम्पादन करने वाले आनन्द मिश्र ने कहा कि इन ललित लेखों की मनोहरता और हृदयग्राहिता के कारण किसी भी पाठक का मन इन्हें पढ़ते-पढ़ते ही प्रमुदिम उठे बिना न रहेगा। लेखक ऐसी रसमयी, विलक्षण तथा चुटीली शैली है कि पढ़ने में चाव आता है। इसकी रोचकता दर्शकों को सम्मोहित करने में समर्थ है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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